सालभर में 30 हजार बांग्लादेशियों के बनाए फर्जी आधार कार्ड..
गाजियाबाद में बड़े गिरोह का भंडाफोड़..
देश – विदेश : गाजियाबाद कोतवाली पुलिस और साइबर सेल ने शुक्रवार को नेपाल और बांग्लादेशियों के फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। मामले में दो युवतियों समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया ।
फर्जी आधार कार्ड बनाने का यह गोरखधंधा किराना मंडी पुलिस चौकी के पास स्थित एक्सप्रेस मार्केट में चल रहा था। आरोपी फर्जी मुहर से जाली-नाम पते तस्दीक कर आधार कार्ड बनाते थे। गिरोह सालभर में 30 हजार से अधिक फर्जी आधार कार्ड बना चुका है।
सीओ प्रथम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि अंबेडकर रोड पर एक्सप्रेस मार्केट स्थित यमनोत्री मार्केट में फर्जी आधार बनाने की सूचना मिली थी। साइबर सेल, सर्विलांस सेल और नगर कोतवाली पुलिस ने छापामारी की तो वहां फर्जी आधार कार्ड बनते मिले। मौके से अंकित गुप्ता, शिवम, मोनू गुप्ता, सचिन, विशाल रघुवंशी, लक्ष्य शर्मा, पूजा रावत तथा सुजीता को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने भारी संख्या में आधार कार्ड बनाने वाले उपकरण और दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस के मुताबिक बीएससी पास अंकित गुप्ता गिरोह का सरगना है। आरोपी फर्जी मुहर से जाली-नाम पते तस्दीक कर आधार कार्ड बनाते थे।
फर्जी मुहर से जाली-नाम पते करते थे सत्यापित..
आरोपी असम के फर्जी आधार कार्ड बनाकर यूआईडीएआई से खुद व साथियों को सुपरवाइजर व ऑपरेटर बना देते थे। इससे उन्हें यूआईडीएआई का लॉगिन पासवर्ड मिल जाता था। वह ऑपरेटरों और सुपरवाइजरों के रबर के फिंगर प्रिंट और आई रेटिना स्कैनर बना लेते। इनका इस्तेमाल कर एक ही आईडी को कई जगह लॉगिन करके फर्जी आधार कार्ड बनाते थे।
असम का आधार कार्ड बनवा लॉगिन आईडी ली..
आधार कार्ड बनाने का सेंटर लेने के लिए एनएसईआईटी परीक्षा पास करनी होती है। इसके बाद असम की असूजा कंपनी सर्टिफिकेट और लॉगिन आईडी उपलब्ध कराती है। पूछताछ में अंकित ने बताया कि उसकी मुलाकात फ्रंटेक सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम की फर्म की जया चौहान से हुई थी। यह कंपनी असूजा कंपनी की सबऑर्डिनेट कंपनी है। उसके कहने पर उसने अपना असम का फर्जी आधार कार्ड बनवाया और असम में आधार कार्ड बनाने की आईडी और लॉगिन पासवर्ड ले लिया। उसने गैंग के मोनू गुप्ता और सुजीता का भी असम का फर्जी आधार कार्ड बनाकर लॉगिन आईडी ले ली।
डेढ़ दर्जन से अधिक सेंटर..
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में उनके डेढ़ दर्जन से अधिक सेंटर हैं, जहां फर्जी आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। इनके निशाने पर नेपाल और बांग्लादेश के लोग रहते हैं। वह उनके फर्जी नाम-पते तस्दीक कर उनके फर्जी आधार कार्ड तैयार करते। आधार कार्ड बनाने की एवज में 5 हजार रुपये और पता बदलने की एवज में दो से तीन हजार रुपये वसूलते थे। सालभर में वह 30 हजार से अधिक फर्जी आधार कार्ड बना चुके हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने फर्जी आधार कार्ड के अलावा पैन कार्ड बनाने की बात भी कबूल की है। आरोपियों द्वारा संचालित आधार कार्ड सेंटरों पर पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं।
यह माल हुआ बरामद..
आरोपियों के कब्जे से 30 लैपटॉप, 9 मोबाइल, 5 आई स्कैनर, 3 थंब स्कैनर, 6 फिंगर स्कैनर, 11 मॉनिटरयुक्त सीपीयू, 8 मुहर, 25 नई आधार रसीद, 67 अपडेट अधार रसीद, 1 प्रिंटर, 137 आधार कार्ड, 30 ब्लैक आधार कार्ड, 9 गलो स्टिक, 1 ग्लू गन, 209 रबर के अंगूठा निशान, 5 चेक बुक, 5 पास बुक, 22 आधार कार्ड, 61 आई रेटीना क्लोन (सफेद पेपर पर छपे), 2 डिब्बे विजिटिंग कार्ड, 33 आधार कार्ड और यूआईडीएआई युक्त सुपरवाईजर फॉर्म सीट और एनएसई सर्टीफिकेट बरामद हुए हैं।