बरसाती मेंढकों की तरह बाहर आने लगे हैं चुनाव लड़ने के दावेदार
रुद्रप्रयाग। आगामी वर्ष में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय पार्टियों और छोटे दलों के साथ ही निर्दलीयों ने भी जोर आजमाइश शुरू कर दी है। राष्ट्रीय दलों के नेताओं ने हाईकमान के सामने अपनी दावेदारी भी पेश करनी शुरू कर दी है और अपने को प्रबल दावेदार बताया जा रहा है। रुद्रप्रयाग और केदारनाथ विधानसभा में नये-नये चेहरों ने पोस्टर और बैनरों से विधानसभाओं को पाट दिया है।
ऐसे में वर्षो से पार्टी की सेवा में जुटे कार्यकर्ताओं को भी डर सताने लगा है और वे अपने को असुरक्षित मानकर तेजी से पार्टी हाईकमान को पत्र भेजकर दावेदारी पेश कर रहे हैं। रुद्रप्रयाग विधानसभा से ब्लाॅक प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने कांग्रेस से प्रबल दावेदारी पेश की है, जबकि केदारनाथ विधानसभा से पूर्व कनिष्ठ प्रमुख ने भाजपा से दावेदारी पेश की है।
बता दें कि आगामी वर्ष में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसको लेकर दावेदारों ने जोर आजमाइश शुरू कर दी है। जिले में दो विधानसभाएं हैं, जिनमें रुद्रप्रयाग और केदारनाथ शामिल है। इन विधानसभाओं में दावेदारों की काफी लम्बी लाइन है जो टिकट के लिए हाथ पैर मारने में लगे हैं। यहां तक कि देहरादून से लेकर दिल्ली तक की भी दौड़ लगाई जा रही है। इन सभी दावेदारों ने शहर और ग्रामीण इलाकों को पोस्टर और बैनरों से पाट दिया है। ऐसे में जनता भी असमंजस की स्थिति में है कि आखिर ये सभी दावेदार आज तक कहां थे और चुनाव आते ही कैसे बरसाती मेंढक की तरह बाहर आ गये हैं। ये सभी लोग जनता के बीच भी हंसी का पात्र बने हुए हैं।
ऐसे में पार्टी में लम्बे समय से कार्य कर रहे नेताओं को भी डर सताने लगा है और वे अभी से पार्टी हाईकमान को अपनी दावेदारी का पत्र भेज रहे हैं, जिससे पार्टी उन्हें मौका दे सके। शुक्रवार को रुद्रप्रयाग विधानसभा से कांगे्रस पार्टी से दावेदार ब्लाॅक प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह बिष्ट को अपना दावेदारी पत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में लम्बी सेवा, जनसेवा और सांगठनिक सेवाओं के चलते दावेदारी की गई है। इसके साथ ही 25 साल से कर्मभूमि के रूप में रुद्रप्रयाग जनपद सहित विकासखण्ड जखोली क्षेत्र में आत्मीयता के साथ एक कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया है। जिसे देखते हुए पार्टी को आवेदन पर विचार करना चाहिए।
कहा कि पार्टी संगठन के जिलाध्यक्ष सहित जिला पंचायत उपाध्यक्ष जैसे बड़े पदों पर रह कर समाज सेवा का मौका मिला। इसी का परिणाम रहा कि वर्ष 2019 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में अपने क्षेत्र पंचायत वार्ड से जनता ने निर्विरोध चुनकर पुनः क्षेत्र पंचायत प्रमुख जखोली के पद पर विपक्षी भाजपा प्रत्याशी से भारी मतों के अन्तर में क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुना गया है। ब्लाॅक प्रमुख ने कहा कि विकासखण्ड जखोली को समूचे देशभर की पंचायतों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार से अंलकृत किया गया, जो कि जखोली सहित रुद्रप्रयाग के इतिहास में एक स्वर्णिम अवसर है। यदि इस बार कांग्रेस पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने का अवसर देती है तो वे मजबूती के साथ चुनाव लड़कर पार्टी की झोली में विजयश्री अवश्य दिलायेंगे।
वहीं दूसरी ओर केदारनाथ विधानसभा से पूर्व कनिष्ठ प्रमुख एवं भाजपा नेता रमेश बेंजवाल ने भाजपा संगठन महामंत्री अजेय को पत्र भेजकर अपनी दावेदारी पेश की है। उन्होंने पत्र में कहा कि उनकी शुरूआत छात्र राजनीति से हुई है। ऐसे में उन्हें चुनाव लड़ने और जीतने का पूरा अनुभव है। उन्हें भाजपा पार्टी की रीति और नीतियों की पूरी जानकारी है। उन्होंने सदैव पार्टी की सेवा की है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से 1991 में सह सचिव व 1993 में अध्यक्ष छात्र संघ महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में चुनाव लड़ा और दोनों पदों पर विजयी हासिल की।
इसके बाद उत्तरप्रदेश राज्य के प्रथम त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 1995 में सदस्य क्षेत्र पंचायत का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की और विकासखंड अगस्त्यमुनि के कनिष्ठ प्रमुख का चुनाव लड़ा और यह जीत भी हासिल की। फिर वर्ष 2001 में साधन सहकारी समिति अगस्त्यमुनि के अध्यक्ष का चुनाव लड़ा और ये जीत भी पक्की की। वर्ष 2002 में उत्तराखंड के प्रथम विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर केदारनाथ विधानसभा से चुनाव लड़ा।
यहां कम वोटों के अंतर से पराजनी का सामना किया। कहा कि छात्र राजनीति से लेकर वर्तमान तक कई आंदोलन किये और उनका नेतृत्व भी किया। जिनमें मुख्यतः उत्तराखंड राज्य आंदोलन, बेरोजगारों, व्यापारियों, कर्मचारियों, आपदा पीड़ितों, आल वेदर रोड से संबंधित कई आंदोलन किये। जिसके परिणाम स्वरूप पत्नी ने भी एक बार प्रधान व वर्तमान में निर्दलीय के तौर पर अध्यक्ष नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के पद पर जीत हासिल की और भाजपा में शामिल हुई।
वर्ष 1989 में गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली थी और तब से अब तक हमेशा से भाजपा के साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक जीवन को देखते हुए उन्हें ही केदारनाथ विधानसभा से भाजपा का टिकट दिया जाना चाहिए।