प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारनाथ धाम में जगद्गुरू आदि शंकराचार्य की समाधि के निर्माण में वायु सेना की मदद ली जाएगी। आदि शंकराचार्य की भव्य मूर्ति व अन्य भारी समान वायु सेना के बड़े हेलीकॉप्टरों के माध्यम से केदारनाथ पहुंचाया जाएगा।
लगभग 11,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है। वर्ष 2013 में आई भीषण आपदा में आश्चर्यचकित ढंग से मंदिर के अलावा करीब पूरा केदारनाथ धाम तहस-नहस हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा केदार के प्रति बेहद आस्था रखते हैं। केदारनाथ आपदा के पश्चात गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए भी उन्होनें केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों में सहयोग की पेशकश की थी। मगर उत्तराखंड की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उनकी पेशकश को तवज्जो नहीं दी।
वर्ष 2014 में देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण मोदी की प्राथमिकताओं में शामिल हो गया। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी अब तक चार बार केदारनाथ की यात्रा कर चुके हैं। यात्रा के दौरान उन्होंने केदारनाथ के चप्पे-चप्पे का निरीक्षण किया है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा भी मोदी लगातार निर्माण कार्यों का जायजा लेते रहते हैं और केदारनाथ के भावी स्वरूप को लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते रहते हैं।
अक्तूबर, 2017 में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी केदारनाथ यात्रा के दौरान लगभग 700 करोड़ की कई योजनाओं का शिलान्यास किया था। इन्हीं में एक योजना शंकराचार्य की समाधि स्थल का पुनर्निर्माण भी था। मोदी ने इसे दिव्य व भव्य स्वरूप देने की बात कही थी। इसके बाद वर्ष 2018 में शंकराचार्य के समाधि स्थल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। इसे केदारनाथ मंदिर के पीछे दिव्य शिला के निकट बनाया जा रहा है। छह मीटर गहरी और 38 मीटर गोलाकार खुदाई कर समाधि स्थल की बुनियाद (राफ्ट) तैयार हो गई है। समाधि स्थल के पुनर्निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य इस वर्ष 31 दिसंबर निर्धारित किया गया है।
मगर मौसम की गड़बड़ियों के कारण निर्माण कार्य में व्यवधान भी पैदा हुआ है। इन परिस्थितियों के मद्देनजर प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य में वायु सेना के बड़े हेलीकॉप्टरों की मदद लेने का निर्णय लिया है।
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने मीडयाकर्मियों से बातचीत में बताया कि केदारनाथ धाम में भारी सामान पहुंचाया जाना है। इसमें आदि शंकराचार्य की मूर्ति भी शामिल है। यह सामान बड़े हेलीकॉप्टरों के माध्यम से पहुंचाया जाएगा। इसके लिए वायु सेना सेना से बातचीत की गई है। केदारनाथ में बड़े हेलीकॉप्टर को उतारने के लिए बड़े हेलीपैड की जरूरत है। प्रदेश सरकार इसके लिए प्रयास कर रही है। हेलीपैड का विस्तार होते ही हेलीकॉप्टर से सामान पहुंचाना शुरू किया जाएगा।