देश में कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रसार बढ़ता जा रहा है। यही कारण है कि वर्तमान में संक्रमितों की संख्या 13 लाख के पार पहुंच गई है। लोग इससे बचने के लिए मास्क लगाने, सोशल डिस्टैंसिंग और हैंड सैनिटाइजर का उपयोग कर रहे हैं।
इसी बीच अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी जारी की है कि हैंड सैनिटाइजर का अधिक उपयोग हानिकारक हो सकता है। ऐसे में इसका अधिक उपयोग करने से बचना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ आरके वर्मा ने कहा, “यह अभूतपूर्व समय है, किसी ने नहीं सोचा था कि इस प्रकृति के एक वायरस का प्रकोप होगा। अपने आप को बचाने के लिए मास्क का प्रयोग करें, गर्म पानी बार-बार पिएं और हाथों को जोर से धोएं।” उन्होंने कहा कि हैंड सैनिटाइजर का आवश्यकता से अधिक उपयोग हानिकारक हो सकता है। ऐसे में लोगों को सैनिटाइजर के दुरुपयोग से बचने का प्रयास करना चाहिए।
डॉ वर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के तेजी से फैलने के दौरान जब लोग संक्रमण से बचने के लिए हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने लगे थे तब चिकित्सा विशेषज्ञों चेतावनी जारी की थी कि सैनिटाइजर के अधिक उपयोग से त्वचा को स्वस्थ रखने वाले बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। उन्होंने सलाह दी थी कि जब आपके पास साबुन और पानी उपलब्ध हो तो हाथों को सैनिटाइज करने की जगह उससे हाथ धोना चाहिए। यह अधिक सुरक्षित है।
भारत में यह है कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति
देश में 13 लाख से ज्यादा लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में संक्रमितों की कुल संख्या 13,36,861 हो गई है। इनमें से 4,56,071 सक्रिय मामले हैं, 8,49,432 लोग ठीक हो चुके हैं और 31,358 मरीजों की मौत हुई है। बीते 24 घंटों के दौरान देशभर में 48,916 नए मरीज मिले और 757 लोगों की मौत हुई। इससे पहले कल रिकॉर्ड 49,310 नए मामले सामने आए थे।
मौत
देश में पिछले 24 घंटों में हुई 757 मौतों में से सबसे अधिक महाराष्ट में 278 लोगों की हुई है। इसी तरह कर्नाटक 108, तमिलनाडु 88, उत्तर प्रदेश 59, आंध्र प्रदेश 49, पश्चिम बंगाल 35, दिल्ली 32, गुजरात 26, जम्मू-कश्मीर 14, मध्य प्रदेश 11, राजस्थान और तेलंगाना आठ-आठ मौत हुई है। असम, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में छह-छह, पंजाब पांच, केरल और हरियाणा चार-चार, बिहार और झारखंड तीन-तीन और पुड्डुचेरी, त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड की एक-एक मौत हुई है।
Prime Minister Narendra Modi reviewed the implementation of PM-SVANidhi Scheme of Ministry of Housing & Urban Affairs earlier today. It was informed over 2.6 lakh applications have been received, over 64,000 have been sanctioned and over 5,500 have been disbursed. He expressed satisfaction on use of end-to-end IT solution through a web-portal and mobile App for administration of the Scheme to ensure transparency, accountability and speed.
While noting that the Ministry of Housing and Urban Affairs is working on a complete IT solution including mobile application for seamless implementation of the scheme, Prime Minister said that the scheme design should incentive use of end-to-end digital transactions by the street vendors. This should cover the entire gamut of their business – from procurement of raw material to collection of sale proceeds. Appropriate incentives and trainings should be conducted for this purpose. Use of digital payments would also help build a credit profile for the street vendor helping them in future financial needs.
Prime Minister said that the scheme should not be just seen from the perspective for extending loans to street vendors. It should also be seen as a part of an outreach to the street vendors for their holistic development and economic upliftment. One step in this direction would be by capturing their entire socio-economic details to facilitate necessary policy interventions.
Such data could also be used by different Ministries of Government of India to benefit them under various Schemes for which they are eligible, on priority. These include housing under PMAY-U, cooking gas under Ujjawala, electricity under Saubhagya, health under Ayushman Bharat, skilling under DAY-NULM, Bank account under Jan Dhan etc.
Background
Government of India has launched PM SVANidhi Scheme to facilitate collateral free working capital loan upto Rs.10,000/- of one-year tenure, to approximately, 50 lakh street vendors, to resume their businesses. Incentives in the form of interest subsidy (@ 7% per annum) and cash back (upto Rs.1,200/- per annum) are being provided to promote good repayment behaviour and digital transactions respectively. The interest subsidy effectively works out to 30 % of the entire interest burden for a loan of Rs. 10,000 @ 24 % annual interest.
Therefore, in effect the vendor does not pay any interest, rather gets a subsidy on the loan amount if he repays in time and uses digital transactions for all receipts and payments. The scheme entails enhanced next tranche of loan on early or timely repayment. Loan processing has begun since July 02, 2020 through an IT platform “PM SVANidhi” with Small Industries Development Bank of India (SIDBI), which is the implementing agency for the scheme administration.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप खरोला व एयरपोर्ट ऑथारिटी ऑफ़ इण्डिया के चैयरमेन अरविंद सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से भेंट कर ऊधमसिंहनगर में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की स्थापना की प्री-फिजीबिलीटी रिपोर्ट प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से पिछले तीन वर्ष में प्रदेश में हवाई सेवा के क्षेत्र में काफी काम किया गया है। ढांचागत विकास के साथ बड़ी संख्या में हवाई सेवाएं शुरू की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन, आपदा व सामरिक दृष्टि से उत्तराखंड में एयर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना बहुत जरूरी है। प्रदेश सरकार इसके लिए लगातार प्रयासरत है। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एयरपोर्ट ऑथारिटी ऑफ़ इण्डिया को हर प्रकार से सहयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने राज्य के अधिकारियों को ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र व राज्य के अधिकारियों में बेहतर समन्वय है, इसका परिणाम भी दिखाई दे रहा है। आगे भी इसी प्रकार तालमेल के साथ काम किया जाए।
ऊधमसिंहनगर में जिला प्रशासन द्वारा ग्रीनफिल्ड एयरपोर्ट स्थापित करने के लिए 1100 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। भविष्य में इसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में अपग्रेड किया जा सकता है। नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप खरोला और एयरपोर्ट आथोरिटी आफ इण्डिया के चैयरमेन अरविंद सिंह ने उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह व अन्य अधिकारियों के साथ चिन्हित भूमि का निरीक्षण कर इसकी प्री-फिजीबिलीटी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी। अधिकारियों ने कहा कि ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए चिन्हित की गई भूमि उपयुक्त है।
वर्तमान में पंतनगर एयरपोर्ट में लगभग 267 एकड़ भूमि है। 530 वर्गमीटर का पेसेन्जर टर्मिनल है। यहां व्यस्तम समय में हैंडलिंग क्षमता 50 यात्रियों की है। ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बन जाने से यहां की क्षमता काफी बढ़ जाएगी। इसे आगे जाकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रूप में भी विकसित किया जा सकता है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के नागरिक उड्डयन सलाहकार कैप्टन दीप श्रीवास्तव, सचिव नागरिक उड्डयन विभाग, उत्तराखण्ड दिलीप जावलकर, अपर सचिव सोनिका, जिलाधिकारी ऊधमसिंहनगर नीरज खैरवाल उपस्थित थे।
उत्तराखंड सरकार ने अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं को भी चारधाम यात्रा करने की सशर्त अनुमति दे दी है।
प्रदेश सरकार ने श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा की 1 जुलाई से खोल दी थी। मगर अब तक प्रदेश के श्रद्धालुओं को ही कुछ शर्तों के साथ यात्रा की अनुमति थी। शुक्रवार को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने अग्रिम आदेशों तक अन्य राज्यों के लोगों के लिए भी चारधाम यात्रा की अनुमति दे दी है।
प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (Special Operating Procedures) जारी की है। चारधाम की यात्रा पर आने वाले बाहरी राज्यों के नागरिकों को उत्तराखंड आने से पूर्व 72 घंटे के भीतर RT-PCR टेस्ट करवाना अनिवार्य किया गया है। यह टेस्ट ICMR द्वारा अधिकृत लैब से होना चाहिए और टेस्ट परिणाम कोविड-19 नेगेटिव आने पर ही यात्रा की अनुमति मिलेगी। ऐसे यात्रियों को चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण कर इस आशय का प्रमाण-पत्र, अपना पहचान पत्र व कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट अपलोड कर यात्रा पास हासिल करना होगा।
कोविड-19 का टेस्ट कराए बिना उत्तराखंड आने वाले लोग प्रदेश सरकार के नियमों के तहत सरकारी क्वारंटाईन सेंटर, होटल, गेस्ट हाउस अथवा रिश्तेदारी में क्वारंटीन अवधि पूरी करने के बाद ही यात्रा कर सकेंगे। ऐसे लोगो को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण के समय पहचान पत्र के साथ- साथ क्वारंटाईन अवधि पूरा करने का प्रमाण पत्र भी अपलोड करना होगा।
चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड ने यात्रियों को पूरी यात्रा के दौरान अपना पहचान पत्र व कोविड-19 की टेस्ट रिपोर्ट के ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स साथ रखना अनिवार्य किया है।
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इस वेबसाइट पर कराना होगा पंजीकरण–
http://www.badrinath-kedarnath.gov.in
प्रतिदिन इतने यात्री जा सकते हैं इन धामों में –
श्री बद्रीनाथ – 1200
श्री केदारनाथ – 800
गंगोत्री – 600
यमुनोत्री – 400
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में डिजिटल माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत) को 15वें वित्त आयोग के टाईड अनुदान की कुल 143.50 करोड़ धनराशि का डिजिटल हस्तान्तरण किया। यह धनराशि उत्तराखण्ड की 7791 ग्राम पंचायतों, 95 क्षेत्र पंचायतों एवं 13 जिला पंचायतों को दी गई।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि पंचायतों को धनराशि का डिजिटल स्थानान्तरण होने से कार्यों में तेजी व पारदर्शिता आयेगी। सरकारी सिस्टम के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। राज्य सरकार ग्रोथ सेंटर को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। इसमें पंचायतों एवं पंचायतीराज विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। राज्य सरकार का प्रयास है कि न्याय पंचायतों पर जो भी ग्रोथ सेंटर बने, उनकी अपनी अलग पहचान हो। प्रत्येक ग्रोथ सेंटर के उत्पादों की अच्छी ब्रांडिंग हो।
मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि पंचायतों में जो भी कार्य हो रहे हैं, उनकी जियो टैगिंग एवं जीआईएस मैपिंग की जाय। सभी कार्यों में मानकों एवं डिजायन का विशेष ध्यान रखा जाय। कार्यों की नियमित माॅनिटरिंग की जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि पचायतों की दी जाने वाली धनराशि का सही उपयोग हो। पंचायतों में पथ प्रकाश की व्यवस्था का ध्यान रखा जाय। जल संरक्षण से संबधित कार्यों में विशेषज्ञों से भी राय ली जाय। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि भारत सरकार द्वारा लागू प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया प्रोग्राम का उद्देश्य सरकारी सेवाओं को उन्नत करना, सरकारी योजनाओं की जानकारी ऑनलाइन पंहुचाना एवं ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना है।
पंचायती राज विभाग के निदेशक एच.सी.सेमवाल ने बताया कि सभी त्रिस्तरीय पंचायतों को अपनी कार्य योजना ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड करनी है और इसी पोर्टल के अनुरूप जियो टैगिंग व अन्य कार्य संपादित करने हैं। उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान में 7791 ग्राम पंचायतों में से 6773 ग्राम पंचायतों में ई-ग्राम स्वराज पोर्टल क्रियाशील हो चुकी हैं। 3554 ग्राम पंचायतों ने ऑनलाइन पेमेण्ट प्रारम्भ कर दिया है। इस पोर्टल के माध्यम से पंचायत को केन्द्रीय वित्त, राज्य वित्त व अन्य श्रोतों से प्राप्त धनराशि और पंचायत में कराये जा रहे विकास कार्यों की प्रगति के साथ-साथ अन्य जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
- डॉ लक्ष्मी भट्ट
गीत गजल दोहा चौपाई, मेरे बस की बात नहीं।
पल-पल तेरी याद रुबाई, मेरे बस की बात नहीं।।
सावन भीगूँ भादौ नाचूँ, तन मन में श्रृंगार भरूँ।
प्रेम मिलन हो सदा जुदाई, मेरे बस की बात नहीं।।
खुद मैं सबसे जुड़ी रही, सबको खुद से जोड़ा है।
ढाई आखर प्रेम लड़ाई, मेरे बस की बात नहीं।।
कस्तूरी संग जनम हुआ, खोज जगत में सदा रही।
पास हुई अब और पढ़ाई, मेरे बस की बात नहीं।।
सदा समर्पण भाव रहा, बहकावे में रही नहीं।
तू मेरा मैं रहूं पराई, मेरे बस की बात नहीं।।
( डॉ.लक्ष्मी भट्ट लेखिका व कवियत्री हैं। मंचों पर कविता प्रस्तुत करती हैं।)
Union Minister for Finance & Corporate Affairs Nirmala Sitharaman today held Video Conference with Secretaries of the Ministries of Civil Aviation, and Steel, and the Chairman Railway Board (CRB), along with the CMDs of 7 Central Public Sector Enterprises (CPSEs) belonging to these Ministries, to review the Capital Expenditure in this Financial Year (FY). This was 2nd meeting in the ongoing series of review meetings that the Finance Minister is conducting with various stakeholders to accelerate the economic growth in the background of COVID-19 pandemic.
The combined CAPEX target for FY 2020-21 for these 7 CPSEs is Rs. 24,663 crore. In FY 2019-20, against the CAPEX target of Rs.30,420 crore for these 7 CPSEs, the achievement was Rs. 25,974 crore i.e. 85 %. During Q1 of FY 2019-20, achievement was Rs. 3,878 crore (13%) and achievement of Q1 of FY 2020-21 is Rs. 3,557 crore (14%).
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While mentioning the significant role of CPSEs in giving a push to the growth of the Indian economy, the Finance Minister encouraged the CPSEs to perform better to achieve their targets and to ensure that the capital outlay provided to them for the financial year 2020-21 is spent properly and within time. Smt. Sitharaman said that better performance of CPSEs can help the economy in a big way to recover from the impact of COVID-19.
The Finance Minister asked the concerned Secretaries and the Chairman Railway Board to closely monitor the performance of CPSEs in order to ensure capital expenditure of 50% of capital outlay by the end of Q2 of FY 2020-21 and make appropriate plan for it. Sitharaman stated that unresolved issues should be flagged immediately to the DEA/DPE/DIPAM for immediate action on them. The Finance Minister said that she will hold such review meetings on the performance of CAPEX of CPSEs every month.
The CPSEs discussed constraints being faced by them especially due to COVID-19 pandemic. The Finance Minister stated that extraordinary situation requires extraordinary efforts and with collective efforts, we will not only perform better but also help the Indian economy to achieve better results.
रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन (Permanent Commission) प्रदान करने के लिए औपचारिक सरकारी मंजूरी पत्र जारी कर दिया है। इससे महिला अधिकारियों को सेना में बड़ी भूमिकाओं के निर्वहन के लिए रास्ता साफ़ हो गया है।
रक्षा मंत्रालय के मुख्य प्रवक्ता ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। अभी तक सेना की जज एवं एडवोकेट जनरल (जेएजी) व आर्मी एजुकेशनल कॉर्प्स (एईसी) शाखा में ही महिला अधिकारीयों को स्थायी कमीशन था। केंद्र सरकार के आ के आदेश के बाद भारतीय सेना के सभी दस वर्गों अर्थात आर्मी एयर डिफेंस (एएडी), सिग्नल्स, इंजीनियर्स, आर्मी ऐवियेशन, इलेक्ट्रोनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई), आर्मी सर्विस कॉर्प्स (एएससी), आर्मी आर्डनेंस कॉर्प्स (एओसी) और इंटेलीजेंट कॉर्प्स में शॉर्ट सर्विस कमीशंड (एसएससी) महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन की स्वीकृति मिल गयी है।
आदेश की प्रत्याशा में, सेना मुख्यालय ने प्रभावित महिला अधिकारियों के लिए स्थायी आयोग चयन बोर्ड के संचालन के लिए तैयारी संबंधी कार्रवाइयों शुरू कर दी थीं। मंत्रालय के आदेश के बाद जैसे ही सभी प्रभावित एसएससी महिला अधिकारी अपने विकल्प का उपयोग करेंगी और वांछनीय दस्तावेजीकरण को पूर्ण करेंगी, चयन बोर्ड कार्रवाई शुरू कर देगा।
अभी तक आर्मी में 14 साल तक शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) में सेवा दे चुके पुरुष अधिकारीयों को ही स्थायी कमीशन का विकल्प मिल रहा था। महिला अधिकारी इससे वंचित थीं। स्थायी कमीशन से महिलाएं 20 साल तक काम कर पाएंगी। शॉर्ट सर्विस कमिशन के तहत अधिकारियों को चौदह साल में रिटायर कर दिया जाता है और उन्हें पेंशन भी नहीं मिलती है। ऐसे में रिटायरमेंट के बाद महिला अधिकारियों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाता। इसके अलावा भी कई ऐसी सुविधाएं हैं जो इन्हें नहीं मिलती है। वायुसेना और नौसेना में महिला अफसरों को पहले से ही स्थायी कमीशन मिल रहा है।
अलग जो भीड़ से हट कर जगह अपनी बनाते हैं
सितारों की तरह से वो जहां में जगमगाते हैं।
सफ़र की मुश्किलों का दौर होता है बड़ा प्यारा
मगर क़ायर सदा आधे सफ़र से लौट जाते हैं।
अगर आ जाएं ऐसे लोग तो तहज़ीब से मिलना
हथेली पर कहाँ सब लोग ही सरसों उगाते हैं।
जिन्हें फूलों के जैसे रखते हैं हम हर मुसीबत में
हमारी राह में अक्सर वही काँटे बिछाते हैं।
न उठ जाए कहीं इस कशमकश में राज़ से पर्दा
कभी वो आज़माते हैं कभी हम आज़माते हैं।
- बलजीत सिंह बेनाम
सम्प्रति:संगीत अध्यापक
मुशायरों व सभा संगोष्ठियों में काव्य पाठ
विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित
विभिन्न मंचों द्वारा सम्मानित
सम्पर्क सूत्र: 103/19 पुरानी कचहरी कॉलोनी, हाँसी
ज़िला हिसार(हरियाणा)
Uttarakhand Chief Minister Trivendra Singh Rawat invites Google to invest in state. Chief Minister Trivendra urged Google CEO Sundar Pichai to invest in the state, saying there is a great scope for investments in the information technology (IT) sector in small towns.
In a letter to Pichai, Rawat requested him to include Uttarakhand in Google’s India investment plan and said need is being felt in the time of the COVID-19 pandemic to work on an alternative development model.
Rawat said there is a great scope for investments in the IT sector in small towns, and also assured the firm of all co-operation from the state government in the venture, an official release said.
Rawat asked Chief Secretary Utpal Kumar Singh and Additional Chief Secretary Manisha Panwar to coordinate with the management of Google regarding the matter.