Punjab National Bank Ltd. (PNB) has informed the Ministry of Corporate Affairs (MCA) which spearheaded the corporate governance litigation in a foreign jurisdictional Court, that it has received $ 3.25 million (equivalent of Rs. 24.33 crore) as the first tranche of recoveries. Upon liquidation of the debtors’ assets by the US Chapter 11 Trustee, a sum of $ 11.04 million (equivalent of Rs. 82.66 crore) is available for distribution to unsecured creditors including PNB. Further recovery therefrom is subject to other expenses and settlement of claims of other claimants.
The maiden repatriation of $ 3.25 million is an unprecedented achievement of the Government of India, Ministry of Corporate Affairs in its fight against corporate fraud in overseas territory. The Ministry also has initiated proceedings for disgorgement of monies from the perpetrators, i.e., the entities promoted or controlled by Nirav Modi, Mehul Choksi.
Punjab National Bank Ltd.in 2018 informed the Ministry of Corporate Affairs, Government of India that three companies promoted by Nirav Modi, namely M/s. Firestar Diamond, Inc., M/s. A. Jaffee, Inc. and M/s. Fantasy, Inc., had filed for Chapter 11 Bankruptcy Protection in the Southern District of New York, United States of America. PNB requested the Ministry of Corporate Affairs to support and join the bankruptcy proceedings in New York, USA in order to help PNB realize its claims in the debtors’ assets.
The US Bankruptcy Court of Southern District of New York, by its Order dated July 26, 2018 recognized the claims of PNB in the proceeds of sale of assets of the properties of the debtor companies. It also authorized PNB to issue subpoenas to compel the examination of Nirav Modi, Mihir Bhansali and Rakhi Bhansali under oath.
Subsequently, on August 24, 2018, the Examiner appointed by the New York Bankruptcy Court submitted his report. The Report explains the modus operandi of the fraud, and the manner in which the US-based employees of the debtors participated in the fraud. One prominent feature of the fraud was the apparent façade of independent companies, which were, in reality, entities promoted and/or controlled by Nirav Modi, that engaged in ‘round-tripping’ of the diamonds amongst themselves.
कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर जारी घमासान के बीच मंगलवार को वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल के एक ट्वीट ने यह साफ़ कर दिया है कि पार्टी गंभीर संकट से जूझ रही है। सिब्बल का यह ट्वीट बगावती तेवर प्रदर्शित करता दिखाई दे रहा है।
सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सोनिया गाँधी को अंतरिम अध्यक्ष चुने जाने के बाद फिलहाल यह मामला कुछ हद तक शांत होता दिखाई दे रहा था। मगर आज सिब्बल ने एक ट्वीट किया है। ट्वीट में उन्होंने कहा है कि – यह किसी पद की बात नहीं है। यह मेरे देश की बात है जो सबसे ज्यादा मायने रखता है‘। सिब्बल के ट्वीट के बाद कांग्रेस की अंदरूनी राजनीती के स्वाभाविक तौर पर गरमाने के आसार हैं। उनके ट्वीट के अंदाज को बगावती माना जा रहा है।
गौरतलब है कि सिब्बल ने कल भी नाराजगी से भरा एक ट्वीट किया था। मगर राहुल गाँधी से बातचीत के बाद उन्होंने यह ट्वीट डिलीट कर दिया था। तब यह समझा जा रहा था की मामला सुलटा लिया गया है। सोमवार को ट्वीट करने के बाद सिब्बल ने ट्विटर हैंडल पर अपने परिचय में से कांग्रेस शब्द भी हटा दिया था। यहाँ यह भी बता दें की कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले पार्टी के तमाम बड़े नेताओं ने सोनिया गाँधी को एक पत्र लिखा था, जिसमें पार्टी संगठन में बदलाव की जरुरत बताई गयी थी। इस पत्र के बाद से कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में उछाड़-पछाड़ के हालात बने हुए हैं।
इधर, सिब्बल के ट्वीट पर यूजर्स ने कई तरह की टिप्पणियां की हैं। किसी ने पूछा है सिब्बल जी किस देश की बात कर रहे हैं ? इटली। किसी ने उनके ट्वीट को उनका मजाकिया अंदाज बताया तो किसी उन्हें भाजपा का एजेंट कहा। किसी ने कांग्रेस को लेकर सिब्बल की निष्ठा पर सवाल खड़े किये हैं तो, कुछ लोगों ने उनको गाँधी परिवार की गुलामी छोड़ कर कांग्रेस से नाता तोड़ने की सलाह दी है।
उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 की धारा 16 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार ने पहली बार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय परिषद का गठन किया है। सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय द्वारा इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को परिषद में बतौर सदस्य शामिल किया गया है।
अधिसूचना के अनुसार केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री इसके पदेन अध्यक्ष व केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री पदेन उपाध्यक्ष होंगे। महामंडलेश्वर त्रिपाठी समेत परिषद में ट्रांसजेंडर समाज के पांच सदस्य नियुक्त किये गए हैं। महामंडलेश्वर त्रिपाठी उत्तर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगी। जबकि गोपी शंकर मदुरै दक्षिण क्षेत्र, मीरा परीदा पूर्व क्षेत्र, जैनब जाविद पटेल पश्चिम क्षेत्र व काक चिंगताबम श्याम चंद्र शर्मा पूर्वोत्तर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे।
इसके साथ ही ट्रांसजेंडरों के लिए काम करने करने वाले विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के चार प्रतिनिधियों को भी परिषद में जगह दी गई है। इनमें आर्यन पाशा, विहान पीताम्बर, रेशमा प्रसाद व पटेल चन्दूमाई गणेशदास शामिल हैं। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि नामित सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष के लिए होगा। परिषद के अन्य सदस्यों में केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय मानवाधिकारआयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
परिषद के कार्य
उल्लेखनीय है कि ट्रांसजेंडरों की विभिन समस्याओं और उनके कल्याण के लिए मोदी सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 लागू किया है। इस क्रम में परिषद का गठन किया गया है। मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में जानकारी दी गई है कि राष्ट्रीय परिषद ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के संबंध में नीतियों, कार्यक्रमों, कानून और परियोजनाओं के निर्माण पर केंद्र सरकार को सलाह देगा। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की समानता और पूर्ण भागीदारी हासिल करने के लिए बनाई गई नीतियों और कार्यक्रमों के प्रभाव की निगरानी और मूल्यांकन करेगा। परिषद ट्रांसजेंडर व्यक्तियों से संबंधित मामलों से जुड़े सभी सरकारी विभागों और अन्य सरकारी तथा गैर-सरकारी संगठनों की गतिविधियों की समीक्षा और समन्वय स्थापित करने के साथ ही ट्रांसजेंडरों की शिकायतों का निवारण भी करेगा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रकृति व पर्यावरण को लेकर अपनी संवेदनशीलता अक्सर प्रकट करते रहते हैं। इस क्रम में उन्होंने आज ट्वीटर व इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में वे अलग-अलग लोकेशन पर मोरों को अपने हाथों से दाना खिलाते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो देखने से स्पष्ट लग रहा है की यह प्रधानमंत्री आवास, 7-लोक कल्याण मार्ग का है। वीडियो में मोर नाचते हुए भी दिख रहा है। वीडियो को चार घंटे के भीतर ट्वीटर पर करीब 5 हजार से अधिक लोगों ने रीट्वीट व 84 हजार लोगों ने लाइक किया है, जबकि इंस्टाग्राम पर 25 लाख से अधिक व्यूज मिले हैं।
वीडियो के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने एक कविता भी पोस्ट की है। इसमें मोर, भोर, शांति, संवाद व मौन की अहमियत बताई है। जीव मात्र को शिवात्मा मानने की बात कही गयी है।
भोर भयो, बिन शोर,
मन मोर, भयो विभोर,
रग-रग है रंगा, नीला भूरा श्याम सुहाना,
मनमोहक, मोर निराला।
रंग है, पर राग नहीं,
विराग का विश्वास यही,
न चाह, न वाह, न आह,
गूँजे घर-घर आज भी गान,
जिये तो मुरली के साथ
जाये तो मुरलीधर के ताज।
जीवात्मा ही शिवात्मा,
अंतर्मन की अनंत धारा
मन मंदिर में उजियारा सारा,
बिन वाद-विवाद, संवाद
बिन सुर-स्वर, संदेश
मोर चहकता मौन महकता।
प्रकृति की एक सुन्दरतम कृति है मोर
प्रधानमंत्री ने जिस मोर के साथ वीडियो जारी किया है, वह हमेशा से ही मानव के आकर्षण का केन्द्र रहा है। हिन्दू मान्यताओं व परम्पराओं में मोर को विशेष स्थान मिला है। कई प्राचीन मंदिरों में चित्रित कला में इसे दर्शाया गया है। भगवान श्री कृष्ण के मुकुट पर मोर पंख लगा रहता था। बौद्ध दर्शन में मोर ज्ञान का प्रतिनिधित्व करता है। पौराणिक काल में ऋषि – मुनियों ने मोर पंख की कलम बनाकर बड़े-बड़े ग्रंथ लिखे हैं। मोर के विषय में माना जाता है कि यह पक्षी किसी भी स्थान को बुरी शक्तियों और अनिष्टकारी प्रभाव से बचाकर रखता है। यही वजह है कि अधिकांश लोग अपने घरों में मोर के पंखों को लगा कर रखते हैं। यह अनादि काल से चित्रकारों, कवियों व अन्य कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। महाकवि कालिदास से लेकर आधुनिक युग के कवियों तक के लिए मोर के उल्लेख के बिना वर्षा ऋतु का वर्णन करना असंभव सा ही रहा है। प्रकृति ने दिल खोल कर इस पर अपने रंगों का उपयोग किया है। यानी मोर प्रकृति की एक सुन्दरतम कृति है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी के उत्तराखंड व दिल्ली प्रदेश के प्रभारी श्याम ज़ाजू का कहना है कि आम आदमी पार्टी (आप) को सपने देखने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि आप नेताओं को बड़े-बड़े दावे करने की पुरानी आदत है। उन्होंने कहा कि अगले विधान सभा चुनावों में उत्तराखंड में फिर से भाजपा की सरकार बनेगी
विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने देहरादून पहुंचे श्याम जाजू ने मीडिया कर्मियों से अनौपचारिक बातचीत में यह वक्तव्य दिया। पत्रकारों ने उनसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उत्तराखंड की सभी 70 विधान सभा सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा पर सवाल पूछा था। केजरीवाल ने कुछ मीडिया संस्थानों को दिए साक्षात्कारों में दावा किया है कि उनकी पार्टी ने 2022 में होने वाले उत्तराखंड विधान सभा चुनावों को लेकर कराए सर्वेक्षण में 62 प्रतिशत लोगों ने आप के प्रति समर्थन व्यक्त किया है।
केजरीवाल के इस दावे को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में जाजू ने कहा कि जहां तक उत्तराखंड का सवाल है, अगले विधानसभा चुनाव में यहां भारी बहुमत से पुनः भाजपा की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व में सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। प्रदेश सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में तमाम जन कल्याणकारी योजनाओं को संचालित किया है।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि हम लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हैं और चुनाव लड़ना या पार्टी का विस्तार करने का सबको अधिकार है। लेकिन जहां तक आप पार्टी द्वारा उत्तराखंड को लेकर किए गए दावों का सवाल है तो आप के नेताओं द्वारा बड़ी-बड़ी बातें व दावे करना उनकी पुरानी आदत है। इसी आम आदमी पार्टी के नेता पंजाब, गोवा, हरियाणा व महाराष्ट्र को लेकर बड़े दावे करते थे, पर क्या हुआ?
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में तीसरी शक्ति के उभरने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। यहां भाजपा व कांग्रेस ही मुख्य दल हैं और अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा अपनी सरकार के कार्यों के आधार पर पुनः भारी बहुमत से जीतेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की मदद से उत्तराखंड में बड़े-बड़े कार्य चल रहे हैं। उत्तराखंड के लोग राष्ट्रवादी हैं और उनका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पूरा विश्वास है।
आगामी चुनावों में मीडिया व सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका
इधर, भाजपा प्रदेश कार्यालय में पार्टी के मीडिया व सोशल मीडिया टीम के साथ बैठक में श्याम जाजू ने कहा कि आने वाले चुनाव में मीडिया व सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है। जिसके लिए अभी से रणनीति बनाकर एक टीम वर्क के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रैली करने वाला भाजपा पहला राजनीतिक दल है। भाजपा ने बिहार चुनाव में सबसे पहले डिजिटल रैली का आयोजन कर 27 लाख लोगों को एक साथ संबोधित किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पैदा हुई परिस्थितियों में आने वाले समय में डिजिटल माध्यम ही संवाद का सशक्त रूप लेगा।
भाजपा के राष्ट्रीय सह महासचिव (संगठन) शिवप्रकाश ने पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान अम्फान से हुए नुकसान के बाद वहां की सरकार को एक हजार करोड़ रुपए की सहायता दी। मगर पीड़ितों की मदद के बजाय तृणमूल कार्यकर्ताओं ने इसे लूटने का काम किया।
शिवप्रकाश शनिवार को उत्तराखंड भाजपा द्वारा राजधानी देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उत्तराखंड भाजपा द्वारा कोरोना काल में कार्यकर्ताओं के माध्यम से किए गए सेवा कार्यों पर आधारित सेवा ही संगठन है ई- बुक का लोकार्पण किया गया। यहां यह बता दें कि राष्ट्रीय सह महासचिव (संगठन) शिवप्रकाश को पिछले कुछ वर्षों से भाजपा ने पश्चिम बंगाल की विशेष जिम्मेदारी दी है। उनके प्रयासों के चलते विगत लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा को अप्रत्याशित सफलता मिली थी और वहां भाजपा संगठन पहले से मजबूत हुआ है।
आज देहरादून में जब शिवप्रकाश भाजपा के सेवा कार्यों पर बोल रहे थे, तो तब उन्होंने पार्टी की गतिविधियों की विस्तृत चर्चा की और कहा कि भाजपा इसी कारण पार्टी विद डिफरेंस है। उन्होंने कहा कि देश में लगभग साढ़े चौदह-पंद्रह सौ पंजीकृत राजनीतिक दल हैं। मगर ये सभी मात्र चुनावों के समय ही दिखाई देते हैं। भाजपा ही एकमात्र ऐसा राजनीतिक दल है, जो राजनीतिक गतिविधियों के अलावा सामाजिक कार्यों का भी पूरी तत्परता के साथ निर्वहन करता है। कोरोना काल में भाजपा के अलावा कोई अन्य राजनीतिक दल प्रभावितों की सहायता के लिए आगे नहीं आया।
इस क्रम में उन्होंने उदाहरण के रूप में बंगाल में आए साइक्लोन अम्फान की चर्चा की। इस तूफान में बंगाल व उड़ीसा में व्यापक स्तर पर नुकसान हुआ था। तूफान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल का हवाई सर्वेक्षण कर 1000 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी। शिवप्रकाश ने कहा कि ममता सरकार ने राजनीतिक हिंसा को बढ़ावा दिया है। बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है। केंद्र सरकार ने तूफान पीड़ितो के लिए मदद भेजी तो टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उसे लूट लिया।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान भाजपा के असंख्य कार्यकर्ता गरीब, जरूरतमंद, असहाय लोगों की सहायता के लिए पूरी जी-जान से जुटे रहे। देशभर में मोदी किचेन व मोदी रसोई के माध्यम से लोगों को भोजन उपलब्ध कराया गया। जरूरतमंदों को सूखा राशन पहुंचाने से लेकर मास्क व सैनिटाइजर तक वितरित किए गए। बुजुर्गों व बीमार लोगों को दवाई उपलब्ध कराई गई। प्रवासी मजदूर जब घर वापसी कर रहे थे, तब भी पार्टी कार्यकर्ता उनकी सहायता के लिए तत्पर रहे।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से निबटने को लेकर मोदी सरकार ने बेहद संजीदगी व गंभीरता के साथ कार्य किया है। मोदी सरकार के प्रयासों की वैश्विक स्तर पर सराहना हुई है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सम्पूर्ण वृक्षारोपण परियोजना के अंतर्गत राजमार्गों पर लगाए जा रहे प्रत्येक पौधे के स्थान, उसकी वृद्धि, प्रजातियों के विवरण, रखरखाव गतिविधियां आदि की निगरानी के लिए हरित पथ नाम का एक मोबाइल ऐप विकसित किया है। आज केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ऐप को लांच किया।
पर्यावरण अनुकूल राष्ट्रीय राजमार्ग विकसित करने के लिए NHAI समय-समय पर वृक्षारोपण अभियान चलाता रहता है। NHAI की राज्य सरकारों, निजी पौधारोपण एजेंसियों आदि के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजमार्गों पर 72 लाख पौधे लगाने की योजना है। NHAI हरित पथ एप के जरिये इन पौधों पर नज़र रखेगा। मोबाइल ऐप का उद्घाटन करते हुए गडकरी ने वृक्षारोपण की सतत निगरानी और पेड़ों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रतिरोपण पर जोर दिया। गडकरी ने राजमार्गों के किनारे वृक्षारोपण के लिए विशेष व्यक्तियों व एजेंसियों को हायर करने का सुझाव दिया। उन्होंने इस कार्य में गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और बागवानी तथा वन विभाग को शामिल करने का भी सुझाव दिया।
मोबाइल ऐप पौधों की वृद्धि व उनकी सेहत पर नज़र रखेगा और पौधों के डेटा के साथ तस्वीरें NHAI संचालित बिग डेटा एनालिटिक्स प्लेटफ़ॉर्म – डेटा लेक पर हर 3 महीने में अपलोड की जाएंगी। NHAI राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहले किए जा चुके सम्पूर्ण पौधारोपण और इन स्थानों पर लगाए जाने वाले पौधों का डेटा बेस बना रहा है। सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार लगाए गए पौधों के रखरखाव और लापता अथवा मुरझाए हुए पौधों को बदलने के लिए जवाबदेह होंगे। पौधों के की वृद्धि और विकास को इस काम के लिए ठेकेदारों के भुगतान से जोड़ा जाएगा।
25 दिन में 25 लाख पौधे लगाए
इधर, NHAI द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, उसने अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हाल ही में हरित भारत संकल्प शुरू किया है, जो एक राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान है। इस अभियान के तहत NHAI ने 21 जुलाई से 15 अगस्त के बीच राष्ट्रीय राजमार्गों पर 25 दिन में 25 लाख पौधे लगाए। अभियान के दौरान चालू वर्ष में 35.22 पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है।
NHAI के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान को सक्रिय रूप से हाथ में लिया गया है। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 5 लाख, राजस्थान में 3 लाख और मध्य प्रदेश में 2.67 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं। पौधों के 100% जीवित रखने के लिए, राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ 1.5 मीटर की न्यूनतम ऊंचाई वाले वृक्षों या बड़ी झाडि़यों की कतार लगाने पर जोर दिया गया है।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की आय दुगनी करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आत्मनिर्भर कृषि योजना कृषि क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भारत सरकार द्वारा कृषि विकास के सम्बन्ध में हाल ही में किए गए प्रयासों के सम्बन्ध में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं कृषि मंत्रियों के साथ बैठक की। इस मोके पर उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र द्वारा इसके लिए एक के बाद एक कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकारों ने भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य कृषि अवसंरचनाओं के विकास पर विशेष ध्यान केंद्रित करना है। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। कृषि क्षेत्र में निजी निवेश को गांवों और खेतों तक पहुंचाना हमारा उद्देश्य है। कृषि अवसंरचनाओं के विकास में एक लाख करोड़ का यह पैकेज एक बड़ा कदम साबित होगा।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम को गति देने के लिए राज्यों को एक सेमिनार का आयोजन करना चाहिए, जिसमें कृषि अवसंरचनाओं के विकास और संभावनाओं पर चर्चा की जाए। एक सर्वेक्षण करा कर कृषि क्षेत्र में गैप्स ढूंढ कर उनके लिए योजनाएं बनायी जानी चाहिए। किसानों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए ताकि किसान अपने उत्पाद को लंबे समय तक एवं उचित मूल्य मिलने तक सुरक्षित रख सकें। उन्होंने कहा कि हमने 10 हजार फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) बनाने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के लिए शुरू की गयी आत्मनिर्भर कृषि योजना के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने में यह योजना मील के पत्थर की भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा केंद्र द्वारा प्रत्येक जनपद में दो-दो एफपीओ बनाए जाने हेतु दिए गए लक्ष्य को हम समय पूरा कर लेंगे। अन्य मैदानी राज्यों की तुलना में हमारे पर्वतीय राज्यों की परिस्थितियां अलग हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का अधिकांश भूभाग पर्वतीय है। जहां पर अलग-अलग प्रकार की क्लाइमेट कंडीशन है। उन्होंने पर्वतीय राज्यों के लिए अलग से नीति बनाई जाने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड मैं बेमौसमी फल-सब्जियों की अपार संभावना है। इनके उत्पादन में फोकस करके किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में जड़ी बूटियों की अत्यधिक संभावना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को रू. 3 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, इसके साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों को भी रू. A bonus may be marked as: new bonuses, waiting bonuses, http://vozhispananews.com/super-mario-bros-2-slot-machine-trick/ active bonuses, and accepted bonuses. 5 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की कृषि में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।
मुख्यमंत्री ने दी 238 करोड़ की पेयजल योजनाओं को मंजूरी
इधर, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने आज जनपद देहरादून की विभिन्न पेयजल योजनाओं के लिये लगभग 238 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। जिन पेयजल योजनाओं के लिये मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है, उनमें जनपद देहरादून की विश्व बैंक पोषित गुमानीवाला पेयजल योजना निर्माण हेतु रूपये 16.50 करोड़ एवं संचालन व रखरखाव हेतु रूपये 4.81 करोड़, जीवनगढ़ पेयजल योजना के निर्माण कार्य हेतु रूपये 48. By the way, wagering means https://www.fontdload.com/la-rotonde-casino-le-lyon-vert-la-tour-de-salvagny/ depositing money and spending it on games. 90 करोड़ एवं संचालन व रख रखाव हेतु रूपये 15.30 करोड़, ऋषिकेश देहात पेयजल योजना के निर्माण कार्यों हेतु रूपये 67. Clicking on any link may result in the webmaster earning income. https://nikel.co.id/chef-richard-burr-of-the-akwesasne-mohawk-casino/ 25 करोड़ एवं संचालन तथा रख-रखाव हेतु रूपये 15. Deposit https://www.fontdload.com/el-sorro-de-la-casina-new-mexico/ casino 10 euros however, like the offers from Play SugarHouse. 00 करोड़, नत्थनपुर पेयजल योजना के निर्माण कार्यों के लिये रूपये 54. The jackpot size on these pokies increases each time someone places https://tpashop.com/downstream-casino-hotel-check-in-time/ a bet. 77 करोड़ एवं संचालन तथा रख-रखाव हेतु रूपये 15.85 करोड़ की धनराशि शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में लम्बे समय से पेयजल समस्या के समाधान हेतु मांग उठाई जाती रही है, अब इन योजनाओं की स्वीकृति से इन क्षेत्रों से पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
गुरुवार को जारी स्वच्छ सर्वेक्षण -2020 के परिणाम उत्तराखण्ड के लिए सुखद रहे हैं। उत्तराखंड ने राष्ट्रीय स्तर पर तीन श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त किए। जिन राज्यों में 100 से कम शहरी निकाय हैं, उस श्रेणी में बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट में तीसरा स्थान प्राप्त किया। एक लाख से कम आबादी वाली देशभर की निकायों में नंदप्रयाग की नगर पंचायत ने सिटिजन फीड बैक श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। छावनी क्षेत्र श्रेणी में अल्मोड़ा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
गुरुवार को स्वच्छ सर्वेक्षण – 2020 के परिणामों तथा स्वच्छ सर्वेक्षण – 2021 का टूलकिट जारी करते हुए केन्द्रीय आवास व शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पुरस्कार वितरित किए। कोविड -19 संक्रमण के कारण पैदा हुई परिस्थितियों में इस आयोजन को वर्चुअल प्लेटफार्म पर ऑनलाईन आयोजित किया गया। उत्तराखंड के हिस्से में आए पुरस्कार मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने प्राप्त किये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले निकायों को बधाई देते हुए कहा कि निकायों को इसी मनोयोग से आगे कार्य करना होगा। स्वच्छता के क्षेत्र में अभी बहुत सुधार की गुंजाईश है। उन्होंने कहा कि राज्य के शहरों एवं निकायों की रैंकिंग में अच्छा सुधार हुआ है। इसमें और बेहतर प्रदर्शन किये जाने पर उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन अभियान को आगे बढ़ाने के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। स्वच्छता के बल पर हम अनेक बीमारियों से बचाव सकते हैं।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र के नेतृत्व में राज्य सरकार नगरीय क्षेत्रों हेतु अत्यधिक गंभीरता से कार्य कर रही है। नगर निकायों को और भी अधिकार सम्पन्न बनाने एवं उनकी आय अर्जन के नए स्रोतों के विकास हेतु राज्य में लगातार प्रयास किए गए हैं। हमने निकायों को कहा कि स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए कार्य किए जाएं। यहां तक कि 14वें और 15वें वित्त आयोग के तहत निकायों को प्रदान किए जाने वाले अनुदान को भी सबसे पहले स्वच्छता कार्यों हेतु उपलब्ध करवाने संबंधी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए। इसका सीधा असर स्वच्छ सर्वेक्षण में हमारे प्रदर्शन पर पड़ा है।
रैंकिंग में लगातार सुधार
एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में उत्तराखण्ड का स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है। वर्ष 2019 के स्वच्छता सर्वेक्षण में देहरादून का स्थान 384, रूड़की का 281, काशीपुर का 304, हल्द्वानी का 350, हरिद्वार का 376 एवं रूद्रपुर का 403वां स्थान था। जबकि 2020 में देहरादून का 124वां, रूड़की का 131वां, काशीपुर का 139, हल्द्वानी का 229, हरिद्वार का 244 एवं रूद्रपुर का 316 स्थान आया है। 50 हजार से अधिक एवं एक लाख से कम जनसंख्या वाले नगरों में रामनगर का नार्थ जोन के शहरों में 18वां, जसपुर का 56वां एवं पिथौरागढ़ का 58वां स्थान आया है। 25 हजार से 50 हजार से तक की जनसंख्या वाले नगरों की श्रेणी में नार्थ जोन में नैनीताल का 68वां एवं सितारगंज को 106वां स्थान प्राप्त हुआ है। 25 हजार से कम जनसंख्या वाले नगरों की श्रेणी में मुनि कि रेती का 12वां, उखीमठ का 41वां, भीमताल का 50वां एवं नरेन्द्रनगर का 58वां स्थान आया है। देश भर के कुल 92 गंगा निकायों में उत्तराखण्ड से गौचर ने तीसरा, जोशीमठ ने चौथा, रूद्रप्रयाग ने पांचवा, श्रीनगर ने छठवां गोपेश्वर ने आठवां, मुनि कि रेती ने 11 वां, बड़कोट ने 12वां , कर्णप्रयाग ने 13 वां, कीर्तिनगर ने 18वां, देवप्रयाग ने 20 वां, नन्दप्रयाग ने 22वां व टिहरी ने 28 वां स्थान प्राप्त किया।
राज्यस्तरीय PMU टीम भी सम्मानित
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने राज्य की निकायों को बेहतर मार्गदर्शन करने तथा स्वच्छ सर्वेक्षण – 2020 में उत्कृष्ट कार्य करने वाली राज्य स्तरीय PMU टीम को भी पुरस्कार प्रदान किया। अपर निदेशक शहरी विकास अशोक कुमार पाण्डे, संयुक्त निदेशक कमलेश मेहता, अधीक्षण अभियंता रवि पाण्डेय, राज्य मिशन प्रबंधक रवि शंकर बिष्ट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं IEC विशेषज्ञ कमल भट्ट, MIS विशेषज्ञ राकेश कुमार, कनिष्ठ सहायक उपेन्द्र सिंह तड़ियाल एवं अनुज गुलाटी को यह पुरस्कार प्रदान किए गए।
-सुभाष चमोली
उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में स्थित सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब की यात्रा 4 सितम्बर से शुरु होगी। जिला प्रशासन एवं गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने यात्रा के लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली है।
सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह की तपस्थली हेमकुंड साहिब की यात्रा हर वर्ष मई महीने के दौरान शुरू होती थी। मगर इस बार कोरोना महामारी के चलते यात्रा अभी तक शुरू नहीं हो सकी थी। अब जिला प्रशासन व गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने 4 सितम्बर से हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू करने का फैसला किया है।
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन समिति से विचार विमर्श के बाद हेमकुंड की यात्रा 4 सितम्बर से खोलने का निर्णय लिया गया है। हेमकुंड साहिब की यात्रा पर उत्तराखंड के बाहर से आने वाले सभी श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले कोरोना का पीसीआर टेस्ट कराना जरूरी होगा। इसके अलावा उत्तराखंड सरकार की वेबसाईट से ई-पास लेकर ही यात्रा की इजाजत दी जाएगी। यात्रा के दौरान गुरुद्वारों में शारीरिक दूरी, मास्क पहनना एवं कोरोना के सभी नियमों का पालन करना भी अनिवार्य रहेगा। तीर्थ यात्रा पर आने वाले श्रद्वालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग भी कराई जाएगी।
समुद्रतल से लगभग 15,200 फुट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा 6 माह तक बर्फ में दबा रहता है। हिमालय की चोटियों के बीच में स्थित इस गुरुद्वारे के पास एक बड़ा सरोवर है। गुरुद्वारे तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 20 किमी की यात्रा पैदल अथवा घोड़े- खच्चरों के माध्यम से करनी पड़ती है। गुरुद्वारे के पास ही लक्ष्मण मंदिर भी है। हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू होने पर ही लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी खुलते हैं।
