आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की हुई शुरुआत..
देश-विदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी मौजूद रहे। वहीं इस मौके पर पीएम मोदी ने जनता को भी संबोधित किया और इस मिशन के बारे में जानकारी दी। उनका कहना हैं कि कि 21वीं सदी में आगे बढ़ते हुए भारत के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। बीते 7 वर्षों से देश की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का जो अभियान चल रहा है, वो आज से एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है।
आपको बता दे कि आज से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन भी पूरे देश में शुरु किया जा रहा है। ये मिशन देश के गरीब और मध्यम वर्ग के इलाज में जो दिक्कतें आती हैं, उन्हें दूर करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। तीन साल पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती के अवसर पर पंडित जी को समर्पित आयुष्मान भारत योजना पूरे देश में शुरू हुई थी। जिसके बाद आज से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन भी पूरे देश में शुरू किया जा रहा है।
पीएम मोदी का कहना हैं कि बीते तीन वर्षों में आयुष्मान भारत पर जो हजारों करोड़ रुपये सरकार ने वहन किए हैं, उससे लाखों परिवार गरीबी के कुचक्र में फंसने से बचे हैं। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, अब पूरे देश के अस्पतालों के डिजिटल हेल्थ सोल्यूशंस को एक दूसरे से कनेक्ट करेगा। इसके तहत देशवासियों को अब एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी। हर नागरिक का हेल्थ रिकॉर्ड डिजिटली सुरक्षित रहेगा।
पुराने रिकॉर्ड भी किए जा सकेंगे चेक- पीएम मोदी..
पीएम मोदी ने जानकारी देते हुए कहा कि डिजिटल हेल्थ आईडी के माध्यम से मरीज भी और डॉक्टर भी पुराने रिकॉर्ड को जरूरत पड़ने पर चेक कर सकता है। इसमें डॉ, नर्स, पैरा मेडिक जैसे साथियों का भी रजिस्ट्रेशन होगा। देश के जो अस्पताल हैं, क्लीनिक हैं, लैब्स हैं, दवा की दुकानें हैं ये सभी भी रजिस्टर होंगी।
जानिए क्या है इस मिशन का लक्ष्य..
इस मिशन का लक्ष्य देश के प्रत्येक नागरिक का का यूनिक हेल्थ कार्ड बनाना है। यह कार्ड पूरी तरह से डिजिटल होगा जो देखने में आधार कार्ड की तरह ही होगा। इस कार्ड पर आपको एक यूनिक नंबर मिलेगा, जैसा कि आधार कार्ड में होता है। इस नंबर के द्वारा व्यक्ति की पहचान कर ली जाएगी जिससे स्वास्थ सेवा में और आसानी हो जाएगी। इस नंबर के जरिए डॉक्टर के पास भी लोगों का पूरा रिकॉर्ड रहेगा।