पौड़ी गढ़वाल के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचे सीएम धामी
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित लोगों से मिलकर, हर संभव सहायता का दिया आश्वासन
टूटे और पथरीले रास्ते भी नहीं रोक पाए मुख्यमंत्री के कदम
पौड़ी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को पौड़ी जनपद के आपदाग्रस्त क्षेत्र सैंजी का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आपदा प्रभावित ग्रामीणों से उनका हालचाल पूछते हुए क्षति की जानकारी ली। उन्होंने प्रभावितों के आंसू पूछते हुए आश्वस्त किया कि सरकार हर समय उनके साथ हैं। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने में किसी प्रकार की कमी न हो। इससे पूर्व उन्होंने हेलीकाप्टर से थलीसैंण तहसील के बांकुड़ा सहित अन्य आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।
विगत दिनों हुई अतिवृष्टि से जनपद में जान माल की हानि हुई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित धराली क्षेत्र से कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत सीधे पौड़ी जिले के आपदा प्रभावितों के बीच पहुंचे। हेलीकाप्टर से भरसार हैलीपैड में उतरने के बाद मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से आपदा प्रभावित क्षेत्र की ओर रवाना हुए।
मुख्यमंत्री ने नौठा में बुराँसी के आपदा प्रभावित और अन्य ग्रामीणों से मुलाक़ात की। इस दौरान उन्होंने बुराँसी के पांच आपदा प्रभावितों को राहत राशि के चेक दिये।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने सैंजी गांव में पैदल ही क्षतिग्रस्त रास्ते से गुजरते हुए आपदा प्रभावित परिवारों के घर जाकर उनसे मुलाकात की तथा आपदा से हुई क्षति का जायजा लिया। इस दौरान प्रभावित परिवारों ने मुख्यमंत्री को अपनी समस्याओं से अवगत कराया और त्वरित गति से राहत कार्य हेतु धन्यवाद दिया। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ लोगों ने प्रशासन द्वारा चिन्हित स्थलों पर शरण ली है।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित महिलाओं के आंसू पोछते हुए उनका ढाँढस बांधा और कहा कि आपदा की इस घड़ी में कोई भी खुद को अकेला न समझे, पूरा राज्य पीड़ितों के साथ खड़ा है। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि प्रभावितों के पुनर्वास एवं विस्थापन की कार्यवाही त्वरित गति से की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि से हुई क्षति का आकलन करवाए जाने के साथ साथ सर्वप्रथम ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजे जाने की कार्यवाही प्रारंभ की जाय। उन्होंने कहा कि प्रशासन तत्परता से लोगों की मदद करे, जिससे जनजीवन सामान्य हो सके। साथ ही कहा कि वाडिया इंस्टीट्यूट को सर्वे करने के लिए कहा जाएगा।
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मुख्यमंत्री ने विशेष ध्यान देते हुए निर्देश दिए कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल मेडिकल यूनिट्स नियमित रूप से भ्रमण करें, ताकि बीमार, वृद्धजनों, गर्भवती महिलाओं, बच्चों तथा विशेष रूप से प्रभावित व्यक्तियों को चिकित्सकीय परामर्श और उपचार समय से मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक दवाइयों, प्राथमिक उपचार किट और चिकित्सकीय स्टाफ की उपलब्धता हर समय सुनिश्चित की जाए।
कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि पुनर्वास के लिए एक समिति बनाई जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि जिन लोगों के दुकानों मकानों को क्षति पहुंची है, उनके लिए प्राथमिकता से प्रयास किए जाएंगे।
जिला प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि क्षेत्र में प्रभावित परिवारों की सूची तैयार कर ली गई है तथा राहत सामग्री और धनराशि वितरित की जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि हर गांव तक प्रशासन की टीम पहुंच रही है और किसी को भी राहत से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा।
70 से ज्यादा घायलों का इलाज, गंभीर मरीजों को किया गया रेफर
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित और प्रभावी चिकित्सा राहत कार्यों का संचालन करते हुए अनुकरणीय तत्परता का परिचय दिया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार स्वयं पूरे अभियान की निगरानी कर रहे हैं। वे लगातार स्वास्थ्य विभाग की टीमों से सीधा संवाद कर हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
धराली-हर्षिल में विशेष चिकित्सा टीम तैनात
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि धराली-हर्षिल क्षेत्र में हेलीकॉप्टर सेवा के माध्यम से 9 सदस्यीय चिकित्सा टीम भेजी गई है, जो स्थानीय प्रशासन के समन्वय से मौके पर ही सेवाएं दे रही है।
मातली में 70 से अधिक घायलों को उपचार
अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं सीएमएस दून अस्पताल डॉ. आर. एस. बिष्ट के नेतृत्व में 12 सदस्यीय टीम (7 डॉक्टर, 5 पैरामेडिकल स्टाफ) मातली में तैनात है। अब तक 70 से अधिक घायलों का इलाज किया जा चुका है, जिनमें अधिकांश को एयर लिफ्ट कर लाया गया।
गंभीर मरीजों को एम्स व आर्मी हॉस्पिटल रेफर किया
फिलहाल 09 घायल मरीज उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भर्ती हैं, जिनकी स्थिति स्थिर है। 03 गंभीर मरीजों को एम्स ऋषिकेश और 02 को सेना अस्पताल रेफर किया गया है, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज जारी है।
मनोचिकित्सकीय सहायता भी जारी
स्वास्थ्य विभाग की टीमें ग्राउंड ज़ीरो पर पहुंचकर प्राथमिक उपचार व राहत सेवाएं दे रही हैं। साथ ही, मानसिक आघात से जूझ रहे लोगों के लिए मनोचिकित्सकों की टीमें भी तैनात हैं, जो लगातार काउंसलिंग कर मानसिक सहयोग दे रही हैं।
हेलीसेवा से भेजी जा रहीं अतिरिक्त टीमें
स्वास्थ्य विभाग ने अतिरिक्त मेडिकल टीमें भी तैयार रखी हैं, जिन्हें आवश्यकतानुसार हेलीसेवा के माध्यम से भेजा जा रहा है। विभाग का संकल्प है कि कोई भी व्यक्ति उपचार से वंचित न रहे।
“हर नागरिक सुरक्षित, हर ज़रूरतमंद को इलाज”
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग आपात स्थिति में पूरी संवेदनशीलता और समर्पण से कार्य कर रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर ज़रूरतमंद तक समय पर उपचार पहुंचे।
एक वर्ष से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही महिला को मिला इंसाफ
देहरादून। ओगल भट्टा निवासी किरन देवी को लंबे समय से भूमि दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में आ रही परेशानियों से आखिरकार निजात मिल गई है। किरन देवी ने 01 अगस्त को जिलाधिकारी सविन बंसल से जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में मुलाकात कर अपनी फरियाद दर्ज कराई थी।
महिला ने बताया कि उनके पति अर्द्धसैनिक बल में कार्यरत हैं और उन्होंने जून 2024 में शीशमबाड़ा क्षेत्र में 0.00082 हेक्टेयर भूमि खरीदी थी। लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बावजूद भूमि का दाखिल-खारिज नहीं हो पाया। उन्होंने आरोप लगाया कि वकील, पीएनबी एजेंट और अन्य संबंधित लोग उन्हें बरगला रहे हैं और स्पष्ट जानकारी देने से बच रहे हैं।
जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उसी दिन तहसीलदार विकासनगर से अद्यतन रिपोर्ट तलब की। निर्देशों के अनुपालन में मामले की वस्तुस्थिति की पुष्टि के बाद मात्र तीन दिनों में भूमि का दाखिल-खारिज प्रक्रिया पूर्ण कर किरन देवी के नाम भूमि अंकित कर दी गई।
किरन देवी ने जिलाधिकारी का आभार जताते हुए कहा कि उन्हें अब जाकर न्याय मिला है, जब सभी दरवाजे बंद लग रहे थे तब जिलाधिकारी से ही अंतिम उम्मीद बची थी।
65 से अधिक लोगों का हुआ सफल हेली रेस्क्यू, प्रभावितों ने जताया सरकार का आभार
उत्तरकाशी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी जिले में आपदा प्रभावित क्षेत्रों से रेस्क्यू कर लाए गए लोगों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने बताया कि आज प्रातः काल से अब तक 65 से अधिक लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित रूप से धराली से मातली और उत्तरकाशी लाया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे लोगों ने राहत व बचाव कार्यों के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हर नागरिक को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित गांवों में रहने वाले लोगों तक आवश्यक सामग्री, दवाइयां और अन्य सहायता प्राथमिकता के आधार पर पहुंचाई जाए। उन्होंने बताया कि हवाई सेवा के माध्यम से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है, और बंद सड़कों को युद्धस्तर पर खोलने का कार्य भी लगातार जारी है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन को लेकर पूरी तरह सतर्क है और राहत कार्यों की निगरानी स्वयं कर रही है।
प्रभावित क्षेत्रों में हेली रेस्क्यू ऑपरेशन को प्रभावी बनाने के दिए निर्देश
उत्तरकाशी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज प्रातः काल उत्तरकाशी में NDRF, SDRF और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर धराली क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे हेली रेस्क्यू ऑपरेशन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने सड़कों की मरम्मत, संचार व्यवस्था की पुनः स्थापना, बिजली आपूर्ति की बहाली, पेयजल व खाद्यान्न की उपलब्धता की सघन निगरानी करने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों में जुटी सभी एजेंसियों की 24 घंटे की अथक मेहनत की सराहना करते हुए कहा, “विषम परिस्थितियों में इन टीमों का साहस, निष्ठा और कार्यकुशलता आपदा प्रबंधन का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।” उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि सरकार प्रभावित लोगों की हर संभव सहायता सुनिश्चित करेगी।
आपदा की स्थिति में तीर्थयात्रियों की यथा संभव मदद करें- हेमंत द्विवेदी
तीर्थयात्रियों को आपदा की स्थिति में बीकेटीसी विश्राम गृहों में निशुल्क आवासीय सुविधा
रूद्रप्रयाग। श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने भारी बरसात एवं आपदा से सड़क मार्ग अवरूद्ध होने के दौरान बीकेटीसी के विश्राम गृहों में तीर्थयात्रियों को निशुल्क आवास व्यवस्था हेतु निर्देश दिये है। धराली ( उत्तरकाशी) अति वृष्टि आपदा तथा श्री बदरीनाथ तथा श्री केदारनाथ में बारिश से लगातार सड़क मार्ग के अवरूद्ध होने के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा तथा सहायता हेतु बीकेटीसी ने यह निर्णय लिया है।
वहीं मौसम पूर्वानुमान के अनुसार श्री बदरीनाथ तथा श्री केदारनाथ यात्रा मार्ग में हो रही निरन्तर बरसात के दृष्टिगत बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति अधिकारियों/कर्मचारियो को अपने कार्यस्थल पर कार्यरत रहने के भी निर्देश जारी हुए है।
अधिकारिक आदेश में कहा गया है कि बीकेटीसी कर्मचारी तीर्थयात्रियों की यथा संभव मदद करें। किसी भी आपात स्थिति की सूचना से सक्षम अधिकारी को अवगत कराये और बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के अपना कार्यस्थल न छोड़े।
कैबिनेट मंत्री ने कहा— हालात सामान्य होने पर नई तारीख की घोषणा होगी
देहरादून। पूरे प्रदेश में भारी बारिश और आपदा के चलते प्रदेश सरकार ने अभी राज्य स्तरीय तीलू रोतैली एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ती पुरस्कार के वितरण का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। प्रदेश सरकार उचित समय पर इन पुरस्कारों के वितरण का कार्यक्रम जारी करेगी ।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि प्रदेश की वीर नारियों को सम्मानित करने के लिए तीलू रौतेली पुरस्कार दिया जाता है, लेकिन इस साल अभी प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते जनहानि हुई है और हालात सामान्य नहीं है। इस कारण इस पुरस्कार की विजेता को सम्मानित करना अभी संभव नहीं हो पाएगा। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ती पुरस्कार का वितरण भी अभी स्थगित कर दिया गया है। इन दोनों पुरस्कारों का वितरण 8 अगस्त को देहरादून में आयोजित होने वाले समारोह में किया जाना था।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि सरकार के सभी अंग अभी प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आपदाग्रस्त इलाकों में राहत कार्य पहुंचने में व्यस्त हैं। इस कारण अभी इन पुरस्कारों का वितरण समारोह आयोजित किया जाना संभव नहीं है।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि मौसम में सुधार होने पर जल्दी ही इन दोनों पुरस्कारों के वितरण समारोह की नई तारीख का ऐलान किया जाएगा।
मौसम की चुनौतियों के बावजूद सीएम पुष्कर सिंह धामी पहुंचे ग्राउंड जीरो पर
सेना, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ,पुलिस, प्रशासन सहित तमाम एजेंसियां जुटी बचाव अभियान में
उत्तरकाशी। आपदा ग्रस्त धराली (उत्तरकाशी) में राहत एवं बचाव अभियान में केंद्र के साथ ही राज्य की एजेंसियां भी युद़धस्तर पर जुटी हुई हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मौसम की चुनौतियों के बावजूद, आपदा ग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की है। सीएम ने बचाव और राहत अभियान में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ने के निर्देश दिए हैं।
प्रधानमंत्री ने लिया अपडेट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार प्रात: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर धराली क्षेत्र में हुई प्राकृतिक आपदा और इसके बाद चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों में पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई है। लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयाँ आ रही हैं, लेकिन सभी संबंधित एजेंसियाँ समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता मिल सके। प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
सीएम पहुंचे धराली
सीएम पुष्कर सिंह धामी भी बुधवार सुबह प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना हुए। जहां उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर, हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाते हुए, राहत कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने मौके पर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे कर्मियों से भी भेंट की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत सामग्री समयबद्ध तरीके से प्रभावितों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों को गति देने के उद्देश्य से दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से आवश्यक खाद्य और राहत सामग्री धराली क्षेत्र में पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचाते हुए, सामान्य स्थिति बहाल करना है।
चिनूक, एमआई 17 तैनात
इधर, राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से 02 चिनूक और 02 एमआई – 17 हेलीकॉप्टर, बुधवार तड़के ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उपलब्ध करा दिए। सड़क यातायात बहाल करने के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी मशीनरी भी पहुंचाई जा रही है। बचाव अभियान में सेना के 125 अधिकारी और जवान, आईटीबीपी के 83 अधिकारी और जवान भी लगे हुए हैं। इधर, बीआरओ के 06 अधिकारी, 100 से अधिक मजदूरों के साथ बाधित सड़कों को खोलने में जुटे हुए हैं।
दून और ऋषिकेश एम्स में बेड आरक्षित
स्वास्थ्य विभाग ने आपदा में घायलों को उपचार प्रदान करने के लिए दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन जिला अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए हैं, साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों का भी उत्तरकाशी के लिए रवाना किया गया है। विशेष रूप से मनोचिकित्सक भी आपदाग्रस्त क्षेत्र में भेजे गए हैं।
झाला – हर्षिल में राहत शिविर शुरु
इस बीच मौके पर सेना, आईटीबीपी के साथ ही एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व विभाग की टीमें बचाव अभियान में जुटी हुई हैं। प्रशासन ने इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर प्रारंभ किए हैं। इसके साथ ही क्षेत्र में बिजली और संचार नेटवर्क को बहाल किए जाने के प्रयास भी युद़धस्तर पर किए जा रहे हैं। एनआईएम और एसडीआरएफ लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण में भी जुट गई है। राज्य सरकार मंगलवार शाम को ही तीन आईएएस अधिकारियों के साथ ही दो आईजी और तीन एसएसपी स्तर के आईपीएस को राहत एवं बचाव अभियान में समन्वय के लिए उत्तरकाशी रवाना कर चुकी है।
लगातार बारिश से आरती स्थल डूबा, घाटों पर लोगो की आवाजाही पर लगी रोक
ऋषिकेश। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ऋषिकेश स्थित त्रिवेणी घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुका है। घाट में स्थापित आरती स्थल भी जलधारा में डूब गया है।
सुरक्षा के मद्देनज़र स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने घाटों पर आम जनता की आवाजाही को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। पुलिस बल मौके पर तैनात है और लगातार क्षेत्र में गश्त कर रहा है।
लाउडहेलरों के माध्यम से लगातार लोगों को सचेत किया जा रहा है कि वे जलस्तर बढ़ने के कारण घाटों की ओर न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सुरक्षा निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक रूप से नदी के पास न जाएं।
प्राकृतिक आपदा प्रभावितों से की मुलाकात, हरसंभव सहायता का दिया भरोसा
उत्तरकाशी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र का दौरा किया और प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया और राहत कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने मौके पर तैनात राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे कर्मियों से भी भेंट की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत सामग्री और सहायता समयबद्ध तरीके से सभी प्रभावितों तक पहुंचे।
राहत कार्यों को गति देने के उद्देश्य से दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से आवश्यक खाद्य सामग्री और राहत सामग्री धराली क्षेत्र में पहुंचाई गई है। इसके अतिरिक्त, भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी मशीनरी भी पहुंचाई जा रही है, जिससे मार्गों की मरम्मत, मलबा हटाने और अन्य आवश्यक कार्यों को शीघ्रता से अंजाम दिया जा सके।
राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचाना और सामान्य स्थिति बहाल करना है। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देशित किया कि कोई भी प्रभावित परिवार सहायता से वंचित न रहे।