धामी सरकार ने दिया इन छात्र-छात्राओं को तोहफा..
उत्तराखंड: धामी सरकार ने छात्र-छात्राओं को बड़ा तोहफा दिया है। बताया जा रहा है कि अब राजकीय डिग्री कालेजों में मेधावियों को हर माह हजारों रुपए की छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसके तहत स्नातक और परास्नातक स्तर पर प्रथम स्थान पर रहने वालों को क्रमश: 3000 रुपये और 5000 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी।
इन्हें दी जाएगी छात्रवृत्ति..
आपको बता दे कि प्रदेश सरकार ने प्रत्येक संकाय में स्नातक और परास्नातक पर तीन श्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके तहत राजकीय डिग्री कालेजों में नए सत्र यानी वर्ष 2023-24 से स्नातक और परास्नातक स्तर पर तीन श्रेष्ठ विद्यार्थियों को न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर छात्रवृत्ति मिलेगी। छात्रवृत्ति के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में 10 करोड़ की राशि का प्रविधान किया गया है।
इतनी मिलेगी छात्रवृत्ति..
बताया जा रहा है कि स्नातक स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को क्रमश: 3000 रुपये, 2000 रुपये और 1000 रुपये मासिक छात्रवृत्ति दी जाएगी। जबकि परास्नातक स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वालों को क्रमश: 5000 रुपये, 3000 रुपये और 2000 रुपये प्रति माह की दर से छात्रवृत्ति प्राप्त होगी।
उत्तराखंड विधानसभा भर्ती विधानसभा सचिव में भर्ती पर मनमानी नहीं होगी..
उत्तराखंड: विधानसभा सचिवालय में अब कर्मचारियों की भर्ती में मनमानी नहीं चलेगी। इसे संबोधित करने के लिए विधान सभा भर्ती और सेवा विनियमों में एक संशोधन प्रस्तावित कर मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया है। विधानसभा सचिवालय में रिक्त पदों को भरने के लिए लोक सेवा आयोग एवं अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से कराने का प्रावधान किया जा रहा है। इसके साथ ही जरूरत के हिसाब से पदों का ढांचा भी निर्धारित किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने नियम विरूद्ध तदर्थ नियुक्तियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया था। जिसमें 2016 से 2021 में तदर्थ आधार पर नियुक्त 228 कर्मचारियों की विशेषज्ञ जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सेवाएं समाप्त की गई। भविष्य में विधानसभा सचिवालय में होने वाली नियुक्तियां नियम व पारदर्शिता हो। इसके लिए स्पीकर ने नियमावली में संशोधन की पहल की थी। विधानसभा सचिवालय में भर्ती एवं सेवा नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है।
नियमावली में ये किए जा रहे प्रावधान
नियमावली में सीधी भर्ती के साथ ही पदोन्नति के नियमों में भी बदलाव हो रहे हैं। इसमें विधानसभा सचिव पद के लिए न्यायिक सेवा अधिकारी या विधानसभा व संसद के किसी अनुभवी अधिकारी को प्रतिनियुक्ति तैनात करने का प्रावधान किया जा सकता है। तदर्थ आधार पर नियुक्तियों के बजाय लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से खाली पदों पर भर्ती की जाएगी। विधानसभा को प्रशासकीय विभाग बनाने के प्रावधान को समाप्त किया जा सकता है। इसके साथ ही नियमावली में स्पीकर को विशेष दशा में कर्मचारियों के अनुभव व शैक्षिक योग्यता के आधार पर छूट देने, छह महीने में पद सृजित करने की व्यवस्था को खत्म किया जाएगा। विधानसभा सचिवालय में जरूरत के अनुसार पदों का युक्तिकरण का ढांचा बनाया जाएगा।
2011 में बनीं थी नियमावली..
राज्य गठन के बाद उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश विधानसभा भर्ती एवं सेवा नियमावली 1974 लागू थी। 2011 में उत्तराखंड विधानसभा भर्ती एवं सेवा नियमावली बनाई गई। वर्ष 2015 व 2016 में नियमावली में कई संशोधन किए गए थे। नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है। शासन की ओर से नियमावली को कैबिनेट में रखा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद ही नियमावली लागू की जाएगी।
जी-20 समिट में आए विदेशी मेहमानों को हुए बाघ के दर्शन..
जंगल सफारी कर हुए गदगद..
उत्तराखंड: जी-20 सम्मेलन के लिए रामनगर पहुंचे विदेशी मेहमानों ने आज कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी की। मेहमान बिजरानी जोन में 30 जिप्सियों में सवार होकर सफारी के लिए निकले। इस दौरान कॉर्बेट पार्क में उन्हें बाघ के दर्शन हुए। बिजरानी जोन में विदेशी डेलीगेट को अलग-अलग मार्गों से ले जाया गया। कॉर्बेट पार्क के निदेशक डॉ. धीरज पांडे ने बताया कि बाघ के साथ ही उन्होंने हाथी हिरण सांभर सहित विभिन्न प्रकार की चिड़ियों को भी देखा। जंगल सफारी के दौरान उनके साथ पीसीसीएफ हॉफ विनोद सिंघल, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ समीर सिन्हा, कॉर्बेट पार्क निदेशक डॉ. धीरज पांडेय, उपनिदेशक दिगांथ नायक, पार्क वार्डन अमित ग्वासीकोटी आदि रहे।
वहीं, समिट में शिरकत करने के बाद तीन डेलिगेट्स सुबह पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट में कर्मियों ने उनके साथ सेल्फी ली। जिसके बाद वे इंडिगो की फ्लाइट से देहरादून के लिए रवाना हुए।जंगल सफारी के साथ ही विदेशी सैलानियों ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की जैव विविधता, जनसहभागिता और सामंजस्य के बारे में भी जाना।
इस दौरान पार्क प्रशासन की ओर से उनका भव्य स्वागत किया गया। पार्क के आमडंडा गेट पर स्थानीय महिलाओं ने विदेशी मेहमानों का पारंपरिक परिधानों में तिलक कर स्वागत किया। जिससे विदेशी मेहमान काफी प्रभावित हुए। बता दें कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व विश्व विख्यात है। यहां हर साल देश-विदेश से पर्यटक जंगल सफारी के लिए आते हैं। यह भारत में बाघों की राजधानी के नाम से भी मशहूर है।
युवाओं के लिए डी०एल०एड० प्रवेश परीक्षा को लेकर आया बड़ा अपडेट..
उत्तराखंड: द्विवर्षीय डी०एल०एड० प्रवेश परीक्षा से जुड़ा बड़ा अपडेट आया है। बताया जा रहा है कि प्रवेश परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन तिथि में बदलाव किया गया है। परीक्षा के लिए आवेदन तिथि को अब बढ़ाकर 5 अप्रैल 2023 कर दिया गया है। ऐसे में जिन युवाओं ने अभी तक आवेदन नहीं किया है जल्द आवेदन कर सकते है।
आपको बता दे कि प्राइमरी स्कूल में शिक्षक बनने के लिए उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर डीएलएड की परीक्षा आयोजित कराता है। इस परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को राज्य में स्थित डायट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों) में दो साल का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बाद डायट में प्रशिक्षण ले चुके अभ्यर्थियों को फिर सरकार विज्ञप्ति निकालकर नियुक्ति देती है।
परिषद ने विभाग की वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। ऑनलाइन आवेदन भरने की अंतिम तिथि 5 अप्रैल रात 12 बजे तक है। अंतिम तिथि व समय के बाद आवेदन पत्र एवं परीक्षा शुल्क स्वीकार नहीं किया जाएगा। आवेदन भरने के लिए अभ्यर्थी को मोबाइल नंबर व ईमेल आइडी होना जरूरी है। एक मोबाइल नंबर व एक ईमेल आईडी पर एक ही आवेदन स्वीकार होगा। आनलाइन के अतिरिक्त अन्य किसी माध्यम से मिलने वाले आवेदन स्वीकार नहीं होंगे।
शैक्षिक योग्यता..
उम्मीदवार को स्नातक पास होना चाहिए।
आयु सीमा..
उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 19 वर्ष और अधिकतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए।
उत्तराखंड डीएलएड 2023 आवेदन शुल्क..
सामान्य और ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को600/- रुपए आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा।
एससी / एसटी श्रेणी के उम्मीदवारों को 300/- रुपए आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा।
पीडब्ल्यूबीडी केटेगरी के उम्मीदवारों को 150/- रुपए आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा।
दून यूनिवर्सिटी में इन पदों पर आवेदन की आखिरी तारीख है 31 मार्च..
उत्तराखंड: बेरोजगार युवाओं के लिए काम की खबर है। दून विश्वविद्यालय में गैर-शिक्षण पदों के लिए भर्ती निकली है। बताया जा रहा है कि दून विश्वविद्यालय में विभिन्न गैर-शिक्षण पदों पर भर्ती होनी है। इन पदों पर आवेदन करने के लिए सुसंगत योग्यता / कार्य अनुभव रखने वाले अभ्यर्थी 31 मार्च तक ऑनलाईन आवेदन कर सकते है। आपको बता दे कि विवरण प्रदर्शित में देखा जा सकता है । ऑनलाईन आवेदन शैक्षिक योग्यता , अनुभव एवं अन्य पात्रता मानदंड आदि से सम्बन्धित विवरण https://www.doonuniversity.ac.in/ पर उपलब्ध सूचना-विज्ञप्ति में दिया गया है।
यदि अभ्यर्थी ने विज्ञापित पदों में से किसी पद पर पूर्व में आवेदन किया हो और उस पद पर परीक्षा / साक्षात्कार नहीं हो पाया तो ऐसे अभ्यर्थियों को पुनः इन पदों पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। बताया जा रहा है कि यद्यपि ऐसे अभ्यर्थियों को आवेदन पत्र शुल्क भरने की आवश्यकता नहीं है , केवल पूर्व में जमा शुल्क का प्रमाण बताना होगा । पूर्व में भरे गये आवेदन पत्रों का संज्ञान नहीं लिया जायेगा । पात्र और इच्छुक उम्मीदवार उपर्युक्त वेबसाइट पर दिनांक 31.03.2023 ( 23:59 बजे तक ) तक ऑनलाईन आवेदन भर सकते हैं।
इस माह से होगी यूकेएसएसएससी रद्द भर्तियों की परीक्षाएं शुरू..
उत्तराखंड: भर्तियों का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पूर्व में रद्द की गई भर्ती परीक्षाओं को दोबारा कराने को हरी झंडी दे दी है। बताया जा रहा है कि आयोग द्वारा मई के महीने में सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। आपको बता दे कि भर्ती परीक्षा और पेपर क्लिप के मामले के बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा तीन परीक्षाओं को दिसंबर में रद्द कर दिया गया था।
जिनमें सचिवालय रक्षक 33 पद स्नातक स्तरीय के 933 पद और 1 दरोगा के 316 पदों की भर्ती थी। जिनमें सवा दो लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। लिहाजा अब उन्हें नए सिरे से आयोजित किया जा रहा है। आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को ही परीक्षा में बैठने की इजाजत दी जाएगी। गौरतलब है कि आयोग की सबसे पहले स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर लीक सामने आया था। इसके बाद वन दरोगा, सचिवालय सुरक्षा संवर्ग रक्षक भर्ती के पेपर लीक भी पकड़ में आए। इनकी जांच एसटीएफ कर रही है, जांच के बाद इन भर्तियों को रद्द किया गया था।
उत्तराखंड की पहली हेली एंबुलेंस सेवा 18 अप्रैल से ऋषिकेश एम्स में हो सकती है शुरू..
उत्तराखंड: ऋषिकेश एम्स में प्रदेश की पहली हेली एंबुलेंस सेवा का पायलट प्रोजेक्ट 18 अप्रैल को शुरू हो सकता है। हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस की टीम ने एम्स की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के बाद हेली एंबुलेंस के संचालन को हरी झंडी दे दी है। दूसरी ओर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में हेली एंबुलेंस के लैंडिंग स्थल बनाए गए हैं।
आपको बता दें कि हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 100 किलोमीटर के दायरे में दिया जाएगा। डॉ. मधुर उनियाल का कहना हैं कि विशेषज्ञ टीम ने निरीक्षण के बाद हेली एंबुलेंस सेवा चलाने की योजना की व्यवस्थाओं पर संतुष्टि जाहिर की है। बताया कि टीम ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के जिलों में लैंडिंग स्पॉट चुने हैं, जिन्हें सेवा से जोड़ा जाएगा। बताया कि अप्रैल में सेवा का शुभारंभ प्रस्तावित है।
पीएमओ के जवाब का इंतजार..
आपको बता दे कि पहला पायलट प्रोजेक्ट होने चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हेली एंबुलेंस सेवा का शुभारंभ कर सकते हैं। इसको लेकर उच्चस्तर पर वार्ता चल रही है। एम्स को प्रधानमंत्री कार्यालय के जवाब का इंतजार है। हेली एंबुलेंस सेवा शुरू होने से विषम भौगोलिक क्षेत्रों में इमरजेंसी सेवाएं सुदृढ़ होंगी। मरीज को सही समय पर जीवन रक्षक उपचार मिलेगा।
उत्तराखंड। श्री बदरीनाथ – केदारनाथ समिति (बीकेटीसी) की बोर्ड बैठक में आगामी वित्त वर्ष के लिए 76.25 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया। बोर्ड बैठक में आगामी यात्रा को लेकर भी विस्तृत कार्ययोजना को स्वीकृति दी गयी। अब केदारनाथ व बदरीनाथ के दर्शनों के लिए वीआईपी व वीवीआइपी को तीन सौ रूपये प्रति व्यक्ति शुल्क देना पड़ेगा।
बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में आगामी बजट को बोर्ड के समक्ष रखा गया। बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बजट प्रस्तुत करते हुए इसमें श्री बदरीनाथ अधिष्ठान के लिए 39.90 करोड़ और श्री केदारनाथ अधिष्ठान के लिए 36.35 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित है। बजट में विगत वर्ष की 65.53 करोड़ की आय के मुकाबले आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 94.26 करोड़ रुपए की प्रस्तावित आय का लक्ष्य रखा गया है।
वीआईपी व वीवीआइपी से 300 रूपये का शुल्क
बीकेटीसी ने पिछले दिनों देश के चार प्रमुख मंदिरों से तिरुपति बाला जी, श्री वैष्णो देवी, श्री महाकालेश्वर व श्री सोमनाथ मंदिरों में पूजा, दर्शन आदि व्यवस्थाओं के प्रबंधन के अध्ययन के लिए चार दल भेजे थे। उनकी रिपोर्ट की संस्तुतियों के आधार पर बीकेटीसी ने श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ मंदिरों के दर्शनों के लिए आने वाले सभी तरह के वीआईपी व वीवीआइपी से विशेष दर्शनों व प्रसाद के लिए प्रति व्यक्ति तीन सौ रूपये का शुल्क निर्धारित किया है। अभी तक मंदिर दर्शनों के लिए आने वाले विशिष्ट व्यक्तियों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता था। उल्टा मंदिर समिति विशिष्ट व्यक्तियों के दर्शनों के दौरान आम श्रद्धालुओं को दर्शनों को रोक देती थी। इसके साथ ही विशिष्ट व्यक्तियों को निःशुल्क प्रसाद भी दिया जाता था।
बीकेटीसी के कार्मिक ही देखेंगे प्रोटोकॉल की व्यवस्था
प्रोटोकॉल के तहत दर्शनों के लिए आने वाले वीआईपी आदि को बीकेटीसी के कार्मिक ही मंदिरों में दर्शन कराने और प्रसाद वितरण इत्यादि की जिम्मेदारी संभालेंगे। इससे वीआईपी सुविधा के नाम पर अव्यवस्था पैदा नहीं होगी। अभी तक वीआईपी को दर्शन कराने के लिए पुलिस, प्रशासन, बीकेटीसी आदि अपने – अपने तरीके से दर्शन व्यवस्था संभालते हैं।

मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में अध्यक्ष अजेंद्र अजय
बीकेटीसी के कार्मिक नहीं लेंगे दान – दक्षिणा
श्रद्धालु मंदिर के लिए जो भी दान अथवा चढ़ावा देते हैं, उसे बीकेटीसी के वेतनधारी पुजारी और कर्मचारी ग्रहण नहीं करेंगे। पूजा व्यवस्था से जुड़े कार्मिक श्रद्धालुओं को दान – चढ़ावे को दान पात्र में डालने को प्रेरित करेंगे। अन्यथा कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
दान- चढ़ावे की गिनती के लिए विशेष व्यवस्था
मंदिरों को मिलने वाली दान चढ़ावे की गिनती के लिए पारदर्शी व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए दोनों धामों में पारदर्शी शीशे के हट बनाये जाएंगे। इनको सीसीटीवी कैमरों से लेस किया जाएगा।
सूचना प्रौद्योगिकी इकाई की स्थापना
बीकेटीसी में आइटी संबंधी कार्यों को मजबूती देने के लिए स्वयं की सूचना प्रौद्योगिकी इकाई गठित जाएगी। इससे ई-ऑफिस की स्थापना, विभिन्न अनुभागों को कम्प्यूटरीकृत करने आदि में आसानी होगी।
अस्थायी कार्मिकों को ईपीएफ सुविधा
बीकेटीसी के अस्थायी कार्मिकों के भविष्यगत लाभों को संरक्षित करने की दृष्टि से उन्हें ईपीएफ की सुविधा दी जाएगी।
जूनियर इंजिनियर सहित एक महिला कर्मी बर्खास्त
बीकेटीसी में स्थिर वेतन पर जूनियर इंजीनियर के पद पर तैनात दीपक रावत और एक अस्थायी महिला कार्मिक कमला को लंबी अवधि से अपने कार्य स्थल से अनुपस्थित रहने पर सेवा से मुक्त कर दिया गया है।
केदारनाथ धाम में लगेगा 100 किग्रा का अष्टधातु का त्रिशूल
केदारनाथ धाम आगामी यात्राकाल के प्रारम्भ में एक दानीदाता के सहयोग से 100 किग्रा का अष्टधातु का त्रिशूल स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ के जीर्ण शीर्ण सभा मंडप का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा।
विद्यापीठ में तैयार होंगे आयुर्वेदिक उत्पाद
बीकेटीसी ने विद्यापीठ (गुप्तकाशी) में वर्तमान में बंद पड़ी आयुर्वेदिक फार्मेसी को फिर से शुरू कर विभिन्न उत्पाद तैयार करने का निर्णय लिया है। इससे बीकेटीसी द्वारा संचालित आयुर्वेदिक कॉलेज के छात्रों को प्रैक्टिकल की सुविधा भी हासिल होगी।
बैठक में अध्यक्ष अजेंद्र अजय के अलावा उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य महेंद्र शर्मा, श्रीनिवास पोस्ती, कृपा राम सेमवाल, वीरेंद्र असवाल, राजपाल जड़दारी, भास्कर डिमरी, आशुतोष डिमरी, जय प्रकाश उनियाल, रणजीत सिंह राणा, पुष्कर जोशी, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, विशेष कार्याधिकारी रमेश रावत, अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, कार्याधिकारी रमेश तिवारी आदि उपस्थित थे।
1 अप्रैल से प्रदेश में लागू होगा ये नियम, अब सड़कों पर नहीं दिखेंगे ये वाहन..
उत्तराखंड: 1 अप्रैल से प्रदेश में नया नियम लागू होगा। जिसके तहत प्रदेश में चल रहे 15 साल पुराने सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि 15 साल से पुराने वाहनों को सड़क से हटाने के लिए सरकार ने जो स्क्रैप पॉलिसी बनाई, उसको उत्तराखंड ने हां कर दी है। इस पॉलिसी के तहत ही फिटनेस सेंटर बनाने का काम भी शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि इसके तहत पहले चरण में उत्तराखंड के सरकारी विभागों, निगमों, निकायाें, परिवहन निगम, विभाग, स्वायत्त संस्थाओं के 5500 वाहन 01 अप्रैल से कबाड़ बन जाएंगे। इन वाहनों की आरसी का नवीनीकरण नहीं होगा।
केन्द्र की मोदी सरकार ने देश में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने इसके तहत केंद्रीय मोटर यान (प्रथम संशोधन) नियम 2023 की अधिसूचना जारी कर दी है। बताया जा रहा है कि स्क्रैप पॉलिसी के तहत एक अप्रैल 2023 से सभी तरह के भारी व्यावसायिक वाहनों को अनिवार्य तौर पर फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा, जबकि प्राइवेट वाहनों के लिए यह व्यवस्था जून 2024 से लागू होगी।
स्क्रैप पॉलिसी के तहत केंद्र सरकार के सिंगल विंडो सिस्टम की तर्ज पर उत्तराखंड में भी एक ही जगह से पूरा समाधान मिलेगा। बताया जा रहा है कि 15 साल पुराने जिन वाहनों के रजिस्ट्रेशन रिन्यूवल के आधार पर आगे बढ़वा लिए गए हैं, उनको भी स्वतः कैंसिल समझा जाएगा। ऐसे वाहनों को रजिस्टर्ड स्क्रैप सेंटर पर डिस्पोज करना होगा। देश के 12 राज्यों के आरटीओ दफ्तरों के माध्यम से एम-वाहन मोबाइल एप से फिटनेस जांच कराई जा रही है। इनमें उत्तराखंड का नाम भी शामिल है।
बताया जा रहा है कि यहां आवेदन करने के बाद जो भी मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई) आएगा, वह एम-वाहन के माध्यम से वाहन की जियो लोकेशन और टाइम भरेगा। इसके बाद वाहन के ब्रेक, वाइपर, सीट बेल्ट, फ्रंट लाइट, रियर लाइट आदि की जांच के बाद तस्वीरें एम-वाहन पर अपलोड करनी होंगी। इसी आधार पर फिटनेस जांच हो जाएगी। केन्द्र सरकार का यह आदेश 1 अप्रैल 2023 से लागू माना जाएगा।
खालिस्तानी आतंकवादी ने सीएम धामी को कॉल पर दी धमकी,पुलिस की बढ़ी टेंशन..
उत्तराखंड: खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत पन्नू कॉल पर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी धमकी दे रहा है। कह रहा है कि यदि उत्तराखंड में उनके संगठनों के लोगों पर मुकदमे दर्ज हुए तो इसके लिए जिम्मेदार मुख्यमंत्री होंगे। रात तक यह मामला डीजीपी अशोक कुमार के संज्ञान में भी आ गया। उन्होंने इसकी तत्काल एसटीएफ से जांच कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं। एसटीएफ ने इन तमाम नंबरों को ट्रेस करना शुरू कर दिया है।
उत्तराखंड में नहीं सिख फॉर जस्टिस का आधार..
यह पहला मामला नहीं है जब पन्नू के इस तरह के मैसेज वायरल हुए हों। पहले भी कई बार इस तरह से लोगों के पास कॉल आती रही हैं। हालांकि, पुलिस अधिकारियों का कहना हैं कि उत्तराखंड में सिख फॉर जस्टिस संगठन का कोई आधार नहीं है। यहां पर उसके समर्थक भी पुलिस की नजर में नहीं आए हैं।
न्यूयॉर्क में वकालत करता है पन्नू..
आपको बता दे कि पन्नू अमेरिका में रहता है और न्यूयॉर्क में वकालत करता है। उसे सिख फॉर जस्टिस का चेहरा माना जाता है। पन्नू कई सारी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। पन्नू ने दो साल पहले ””””रेफरेंडम 2020”””” आयोजित करने की कोशिश की थी, जिसमें उसने दुनियाभर के सिखों से खालिस्तान के समर्थन में वोट देने की अपील की थी। वह युवाओं को खालिस्तान के लिए भड़काता रहा है। जुलाई 2020 में पन्नू को यूएपीए (गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून) के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था। जानकारी के अनुसार पन्नू ने एक बार भारतीय छात्रों को खालिस्तानी झंडा उठाने और खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने को कहा था और इसके बदले में उन्हें आईफोन 12 मिनी देने का वादा किया था।