विकसित भारत एंबेसडर बनाएगी भाजपा
टॉपर को मिलेगा पीएम मोदी से मुलाकात का मौका..
उत्तराखंड: भाजपा नमो ऐप के माध्यम से विकसित भारत का संकल्प पूरा करने का अभियान चलाएगी। इस अभियान के तहत पार्टी कार्यकर्ता को हर दिन 10 लोगों को नमो ऐप से जोड़ना होगा, जो विकसित भारत एंबेसडर के नाम से पहचाने जाएंगे। सबसे ज्यादा लोगों को जोड़ने वाले टॉपर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात करने, फोन पर संवाद करने और पत्राचार करने का अवसर मिलेगा।
नमो ऐप के राष्ट्रीय संयोजक कुलजीत सिंह चहल ने मंगलवार को वर्चुअल बैठक में अभियान के बारे में जानकारी दी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की अध्यक्षता में हुई बैठक में चहल ने कहा कि सात दिसंबर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस 100 डेज चैलेंज की शुरुआत करेंगे। इन 100 दिनों में पार्टी कार्यकर्ता विकसित भारत एंबेसडर, माइक्रो डोनेशन और सेल्फी विद लाभार्थी, सेल्फी विद फर्स्ट वोटर, सेल्फी विद किसान अभियान चलाया जाएगा।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने पार्टी के सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों समेत पार्टी पदाधिकारियों को विकसित भारत संकल्प यात्रा में अधिक से अधिक सहभागिता करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हम सबकी की जिम्मेदारी है कि राज्य में योजनाओं और उनके क्रियान्वयन को लेकर बने सकारात्मक माहौल की अधिक से अधिक चर्चा हो। हमें अपनी सामाजिक एवं राजनैतिक सक्रियता को नमो ऐप के माध्यम से सबके बीच पहुंचाना चाहिए । मोदी जी के मार्गदर्शन में देश में उत्साह और विकासपरक सोच की लहर चल रही है, हमें सोशल मीडिया के माध्यम से इसे और अधिक तेज और प्रभावी बनाना है।
प्रदेश में संचालित विकसित भारत संकल्प यात्रा के कार्यक्रमों को नमो ऐप पर प्रसारित करने की जिम्मेदारी ऐप के प्रदेश संयोजक अनूप सिंह रावत को दी गई है। वर्चुअल बैठक में प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठरी, राजेंद्र बिष्ट, खिलेंद्र चौधरी समेत अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।चहल ने निर्देश दिए कि सामाजिक वर्गों के लाभार्थियों के साथ सेल्फी लेकर ऐप पर अपलोड किया जाएगा। जिसमें योजनाओं के लाभार्थियों के साथ सेल्फी लेने की जिम्मेदारी महिला मोर्चा का होगी। फर्स्ट वोटर के साथ युवा मोर्चा सेल्फी लेकर अपलोड करेंगे। किसानों के साथ सेल्फी की जिम्मेदारी किसान मोर्चा की होगी।
माइक्रो डोनेशन के लिए चलेगा अभियान..
100 डेज चैलेंज अभियान के दौरान पार्टी फंड के लिए कार्यकर्ता माइक्रो डोनेशन का अभियान चलाएंगे। इसके तहत न्यूनतम पांच रुपए से लेकर 2000 रुपये तक राशि आम लोगों से जमा कराई जाएगी।
रानीपोखरी में कंपनियों के लिए बनेगा आईटी टावर,2000 करोड़ से ऊपर के एमओयू..
उत्तराखंड: निवेशक सम्मेलन में आने वाली सेवा क्षेत्र की कंपनियों को आईटी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए रानीपोखरी में आईटी टावर बनेगा। वहीं, अब तक सम्मेलन के लिए करीब दो हजार करोड़ के एमओयू हो चुके हैं। इंफोसिस, टीसीएस, अडानी ड्रोन जैसी कंपनियां अपने निवेश के पत्ते वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान ही खोलेंगी। इनसे बड़े निवेश की उम्मीद जताई जा रही है।
आईटी के क्षेत्र में कंपनियों को लुभाने के लिए सरकार ने खास तैयारियां की हैं। आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल का कहना हैं कि अभी तक आईटी सेक्टर में काम करने वाली कंपनी ई-कुबेर से 1600 करोड़ और डाटा सेंटर क्षेत्र में काम करने वाली कंट्रोल-एस कंपनी से 250 करोड़ का एमओयू हो चुका है। उन्होंने कहा कि इंफोसिस, टीसीएस, अडानी ड्रोन जैसी कंपनियां निवेशक सम्मेलन के दौरान ही अपने निवेश प्रस्ताव रखेंगी।
वहीं, हैक्सावेयर टेक्नोलॉजी अपने कारोबार को और बढ़ाने के लिए निवेशक सम्मेलन में प्रस्ताव लेकर आ रही है। इसके अलावा भी कई अन्य आईटी क्षेत्र की कंपनियां राज्य में आईटी सेक्टर को मजबूत बनाने के इरादे से आएंगी। माना जा रहा है कि आईटी के क्षेत्र में इंफोसिस करीब पांच हजार करोड़ का प्रस्ताव दे सकती है। कुल मिलाकर आईटी सेक्टर में 10 हजार करोड़ से ऊपर के निवेश की संभावना है।
वहीं, आईटी विभाग ने तय किया है कि जो भी सर्विस सेक्टर की कंपनियां बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी, फोन कनेक्टिविटी चाहेंगी, उनके लिए रानीपोखरी में सिडकुल की जमीन पर आईटी टावर बनाया जाएगा। इसमें 1000 सीट क्षमता रहेगी। जिस पर अलग-अलग फ्लोर पर कंपनियां अपना सेटअप कर सकती हैं। उन्हें कनेक्टिविटी से जुड़ी हर सुविधा प्लग एंड प्ले फार्मूले के तहत इस टावर में ही उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
नीतियों में बदलाव का मिलेगा लाभ..
आईटीडीए निदेशक नितिका खंडेलवाल ने कहा कि नीतियों में संशोधन या फिर नई नीति लाने का लाभ निवेशकों को मिलेगा। ड्रोन नीति की अधिसूचना जारी हो चुकी है। इस नीति के तहत अडानी ड्रोन ने रूचि दिखाई है। कंपनियों को यहां ड्रोन के क्षेत्र में बेहतर काम करने का मौका व माहौल मिलेगा। वहीं, आईटी संबंधी कई नीतियों को निवेशकों के लिहाज से सरल बनाया गया है।
जानिए कब से डाउनलोड कर सकते हैं JE भर्ती परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड..
उत्तराखंड: लोक सेवा आयोग जेई भर्ती परीक्षा 23 से 27 दिसंबर तक कराएगा। आयोग ने इसका परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया है। प्रवेश पत्र आठ दिसंबर को जारी किए जाएंगे। आयोग सचिव गिरधारी सिंह रावत के मुताबिक, उत्तराखंड सम्मिलित राज्य कनिष्ठ अभियंता सेवा परीक्षा का आयोजन 23, 24, 26 व 27 दिसंबर को 14 शहरों में अलग-अलग केंद्रों पर होगा। यह वस्तुनिष्ठ प्रकार की परीक्षा होगी, जिसके एडमिट कार्ड आठ दिसंबर को वेबसाइट पर जारी कर दिए जाएंगे। परीक्षा में किसी भी प्रकार का कैलकुलेटर अनुमन्य नहीं होगा।
23 दिसंबर को पहली पाली में सामान्य हिंदी, दूसरी पाली में सामान्य अंग्रेजी, 24 दिसंबर के पहली पाली में सिविल इंजीनियरिंग प्रथम प्रश्नपत्र, दूसरी पाली में द्वितीय प्रश्नपत्र, 26 दिसंबर को पहली पाली में मैकेनिकल इंजीनियरिंग प्रथम, दूसरी पाली में द्वितीय पेपर होगा। 27 दिसंबर को इलेक्ट्रिक, एग्रीकल्चर इंजीनियर प्रथम प्रश्नपत्र और दूसरी पाली में द्वितीय पेपर होगा।
धामी सरकार का तोहफा, सड़क मार्ग से जुड़ेंगे 3177 गांव..
उत्तराखंड: प्रदेश में संपर्क मार्ग विहीन 3,177 गांवों को मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत मोटर मार्गों से जोड़ा जाएगा। ग्रामीण निर्माण विभाग के प्रस्ताव पर धामी कैबिनेट ने इसे मंजूरी प्रदान की है। इन गांवों के मुख्य मार्गों से जुड़ जाने से हजारों की आबादी को लाभ होगा। इतना ही नहीं योजना के तहत मोटर मार्गों के अलावा पैदल पुलिया, मोटरपुल, अश्वमार्ग, झूला पुल आदि का निर्माण भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना में राज्य के ऐसे गांवों, तोक को शामिल किया गया है, जिनकी आबादी 250 या उससे कम है।
आबादी कम होने की वजह से यह गांव प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना या लोक निर्माण विभाग की कार्ययोजना के मानकों को पूरा नहीं करते हैं, इसलिए इन गांवों में आज तक सड़क नहीं बन पाई है। वर्तमान में प्रदेश के लगभग 2,035 गांव मुख्य मोटर मार्गों से नहीं जुड़ पाए हैं। इसके साथ ही 1,142 गांव ऐसे हैं, जो कच्ची सड़कों से जुड़े हैं। इस तरह से कुल 3,177 बसावटों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के लिए नई योजना में शामिल किया गया है। योजना सीमांत के गांवों को सबसे अधिक लाभ होगा। इन गांवों में पर्यटन की सुविधाएं बढ़ेंगी और लोगों की आजीविका में वृद्धि होगी। इसके अलावा ग्रामीण अपनी नगदी फसलों को आसानी से बाजार तक पहुंचा सकेंगे। आपदा की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्याें में भी तेजी आएगी।
निजी भूमि पर बना सकेंगे हेलीपैड और हेलीपोर्ट..
उत्तराखंड: प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में हवाई सेवाओं के विस्तार करने के लिए अब निजी भूमि पर भी हेलीपैड और हेलीपोर्ट बना सकेंगे। इसके लिए भू-स्वामी जमीन को 15 साल के लिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) को लीज पर दे सकता है या स्वयं भी हेलीपैड और हेलीपोर्ट बना सकता है। जमीन पर लीज पर देने पर भू-स्वामी को 100 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से किराया और हेलीपैड व हेलीपोर्ट संचालन व प्रबंधन से प्राप्त होने वाले राजस्व का 50 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा, जबकि स्वयं बनाने पर कुल पूंजी निवेश का 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सरकार ने पहली उत्तराखंड हेलीपैड व हेलीपोर्ट नीति को मंजूरी दी है।
इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही आपातकालीन चिकित्सा और आपदा के दौरान बचाव व राहत कार्यों में आसानी होगी। प्रदेशभर में कई ऐसे स्थान हैं, जहां पर हेलीपैड या हेलीपोर्ट विकसित किया जा सकता है, लेकिन यहां पर सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं है। इसके लिए सरकार ने निजी भूमि पर हेलीपैड व हेलीपोर्ट बनाने की नीति को मंंजूरी दी है।
प्रति वर्ष 100 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से किराया..
नीति में हेलीपैड व हेलीपोर्ट के लिए जमीन देने के लिए भू-स्वामी को दो विकल्प दिए गए हैं। पहला भूस्वामी जमीन को 15 साल के लिए यूकाडा को लीज पर दे सकता है, जिसमें यूकाडा डीजीसीए नियमों के तहत हेलीपैड को विकसित करेगा। इसके लिए बदले भू-स्वामी को प्रति वर्ष 100 रुपये प्रति वर्गमीटर के हिसाब से किराया दिया जाएगा।
इसके साथ ही संचालन एवं प्रबंधन से प्राप्त होने वाले राजस्व का 50 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा। दूसरा विकल्प भू-स्वामी स्वयं भी हेलीपैड व हेलीपोर्ट को विकसित कर सकता है। इसके लिए डीजीसीए से लाइसेंस लेकर हेलीपैड का इस्तेमाल करने वालों से शुल्क लेगा। सरकार की ओर से कुल पूंजीगत व्यय पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। नीति में हेलीपैड के लिए कम से 1,000 वर्गमीटर और हेलीपोर्ट के लिए 4,000 वर्गमीटर जमीन अनिवार्य है। हेलीपैड बनाने के लिए 10 से 20 लाख रुपये तक खर्च और हेलीपोर्ट निर्माण में दो से तीन करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। यदि भूस्वामी स्वयं हेलीपैड व हेलीपोर्ट बनाता है तो इस पर सरकार सब्सिडी देगी, जिसका भुगतान दो किस्तों में किया जाएगा।
तेलंगाना में वायुसेना का ट्रेनर एयरक्राफ्ट दुर्घटनाग्रस्त, दो पायलटों की मौत..
देश-विदेश: तेलंगाना में भारतीय वायुसेना के एक ट्रेनर एयरक्राफ्ट के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर सामने आई है। घटना तेलंगाना के मेदक जिले की है। हादसे के समय विमान में एक ट्रेनर पायलट और एक ट्रेनी पायलट मौजूद थे। हादसे में दोनों पायलटों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि तेलंगाना के डिंडीगुल स्थित एयर फोर्स एकेडमी से सुबह के समय ट्रेनर विमान ने उड़ान भरी थी। जिसके बाद सुबह 8.55 बजे यह विमान हादसे का शिकार हो गया। हादसे का शिकार हुआ विमान Pilatus PC Mk II एयरक्राप्ट था। वायुसेना ने मीडिया रिपोर्ट में जानकारी दी कि ट्रेनर विमान रुटीन उड़ान पर था। हादसे में दोनों पायलेट गंभीर रुप से घायल हो गए थे, जिसके चलते उनकी मौत हो गई। हादसे में किसी आम नागरिक या संपत्ति को नुकसान नहीं हुआ है। वायुसेना ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। आपको बता दें कि इससे पहले जनवरी में भी भारतीय वायुसेना के दो विमान दुर्घटना का शिकार हुए थे। मध्य प्रदेश के मुरैना में हुए इस हादसे में भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमान क्रैश हो गए थे, जिसमें एक पायलट की मौत हो गई थी। ये विमान भी रुटीन ऑपरेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग मिशन पर थे।
उपनल से भर्ती के नाम पर जमकर मनमानी..
उत्तराखंड: प्रदेश में उपनल से भर्तियों के नाम पर विभागों ने जमकर मनमानी की है। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सामने आई जानकारी चौंकाने वाली है। जो पद उपनल के दायरे में नहीं आते, उन पर भी उपनल से भर्ती करके 50 हजार रुपये तक वेतन दिया जा रहा है। उत्तराखंड विद्युत संविदा कर्मचारी संगठन (इंटक) के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कवि को आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार उपनल के नाम पर चल रही मनमानी स्पष्ट हो रही है। वैज्ञानिक से लेकर लाइनमैन, जेई तक के पदों पर भारी भरकम वेतन पर कर्मचारी व अधिकारी रखे गए हैं जबकि उपनल के पदों में ये पद शामिल ही नहीं हैं।
विभागों ने अपने स्तर से पद बनाकर भर्तियां कर दी..
कोटेश्वर हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट टिहरी में एसएसओ व लाइनमैन, सिडकुल मुख्यालय देहरादून में स्टेना, जेई, असिस्टेंट आर्किटेक्ट, एई, विधि असिस्टेंट जैसे पदों पर 15 हजार से 46 हजार वेतन तक लोग रखे गए हैं। देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड में जेई के पदों पर 34 हजार से ऊपर वेतन पर उपनल के माध्यम से रखे गए हैं। स्टेट बायोटेक डिपार्टमेंट में टेक्निकल ऑफिसर, कंप्यूटर ऑपरेटर, साइंटिफिक असिस्टेंट, अकाउंटेंट, साइंटिस्ट-बी जैसे पदों पर 49607 रुपये वेतन तक पर लोग रखे गए हैं। उत्तराखंड तकनीकी विवि में भी सिस्टम मैनेजर, असिस्टेंट अकाउंटेंट, पीए, प्रवर सहायक के पदों पर 24333 रुपये वेतन तक कर्मचारी रखे गए हैं। यूजेवीएनएल मुख्यालय में भी चपरासी, श्रमिक जैसे पदों पर 37 हजार तक वेतन पर भर्तियां की गई हैं। ये सभी वे पद हैं, जो कि उपनल के दायरे में ही नहीं आते। विभागों ने अपने स्तर से पद बनाकर भर्तियां कर दी हैं।
उपनल से भर्तियों के नियम मनमर्जी से बदले..
विनोद कवि का कहना है कि विभागों ने अपने हिसाब से उपनल भर्ती के नियम बदल दिए हैं। उनका कहना हैं कि निदेशालय सैनिक कल्याण, उत्तराखंड स्टेट सीड एंड प्रॉडक्शन सर्टिफिकेशन एजेंसी जैसे विभागों ने तो उपनल कर्मचारियों को विभागीय संविदा पर ले लिया है लेकिन कई विभाग वेतन भी पूरा नहीं दे रहे हैं। ऊर्जा निगमों में उपनलकर्मियों का जोखिमभरा काम होने के चलते बोर्ड ने प्रस्ताव पास करके शासन को भेजा था लेकिन शासन ने महंगाई भत्ते का आदेश रोका हुआ है। इससे कर्मचारी हतोत्साहित हो रहे हैं।
पीएम मोदी की प्रेरणा से राज्य सरकार सर्वांगीण विकास की दिशा में ले रही महत्वपूर्ण निर्णय- सीएम धामी..
उत्तराखंड: सीएम श्री पुष्कर सिंह धामी ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्व विद्यालय, श्रीनगर के स्थापना दिवस और स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह की सभी को शुभाकामना दी। उन्होंने हिमालय पुत्र स्वर्गीय हेमवती नन्दन बहुगुणा का स्मरण करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय उनकी विकासवादी सोच का परिणाम है। विश्वविद्यालय पिछले पांच दशकों से स्व. बहुगुणा जी के विकास के सपने को साकार करने हेतु प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पचास वर्षों से विश्वविद्यालय अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहा है, इसी का परिणाम है कि 2009 में इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता मिली।
सीएम धामी का कहना हैं कि यह विश्वविद्यालय शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित कर रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा अर्जित किए गए विभिन्न रिकॉर्ड विश्वविद्यालय के कुशल नेतृत्व और विश्वविद्यालय के शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के अथक परिश्रम का प्रतिफल है। विश्वविद्यालय के शिक्षक प्रशिक्षण के माध्यम से लोगों को कृषि, मोटे अनाज के उत्पादन, पर्यावरण, आर्थिकी, संस्कृति, स्थानीय भाषा, के क्षेत्र में कुशल एवं जागरूक भी बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शैक्षणिक प्रयास कुछ मामलों में अत्यंत विशेष हैं। लगभग 13 हजार फुट की ऊँचाई पर स्थित तुंगनाथ में यह विश्वविद्यालय अपने अथक प्रयासों से एक शोध विस्तारण केन्द्र को संचालित कर रहा है, जिसके अन्तर्गत उच्च हिमालयी दुर्लभ प्रजाति के अनेक औषधीय तथा सगंध पादपों पर शोध किया जाता है। यह कार्य शोध, आयुर्वेद एवं चिकित्सा के साथ ही यहां की आर्थिकी के विकास में भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय ने अपने विशिष्ट प्रयासों से जनसामान्य के लिए इस क्षेत्र की धरोहरों को संग्रहित, संरक्षित एवं प्रदर्शित करने के उद्देश्य से एक पुरातात्त्विक संग्रहालय की स्थापना भी की है, यह अत्यंत सराहनीय कार्य है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में संपूर्ण विश्व न केवल हमारी शक्ति और ज्ञान परंपरा से परिचित हो रहा है बल्कि प्रत्येक क्षेत्र में हमारा अनुसरण करने को भी तत्पर है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ’‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत‘’ के स्वप्न को साकार करने हेतु उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार निरंतर कार्य कर रही है। देहरादून में सांइस सिटी का निर्माण, हल्द्वानी में देश के पहले एस्ट्रो पार्क का निर्माण, अल्मोड़ा में सांइस सेंटर का निर्माण इसके कुछ विशिष्ट उदाहरण हैं। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से राज्य सरकार भी प्रदेश के सर्वांगीण विकास की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है।
लोकसभा चुनाव से पहले कैबिनेट विस्तार की संभावना..
उत्तराखंड: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड मंत्रिमंडल में खाली चल रहे चार मंत्रियों के पद भरे जा सकते हैं। ऑपरेशन सिलक्यारा की चुनौती से निपटने के बाद सियासी हलकों में इसकी चर्चा तेज हो गई है। सिर्फ मंत्री पद ही नहीं कुछ और भाजपा नेताओं को इसी महीने दायित्व दिए जाने की संभावना है। सीएम पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे। उनके इस दौरे को भी इन दोनों संभावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि सीएम निवेशक सम्मेलन का न्योता देने के लिए नई दिल्ली गए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस दौरान वह कैबिनेट विस्तार समेत कुछ और दायित्व बांटे जाने पर चर्चा कर सकते हैं। सीएम राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम समेत कई अन्य केंद्रीय नेताओं से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पूछे जाने पर कैबिनेट विस्तार और दायित्व आवंटन की संभावना से इंकार नहीं किया है। हालांकि उनका कहना है कि इन दोनों फैसलों को लेने का विशेषाधिकार मुख्यमंत्री को है। इन दोनों मुद्दों पर हाल ही में चर्चा हुई है। सूत्रों के अनुसार पार्टी की भी इच्छा है कि लोकसभा चुनाव में जाने से पहले प्रदेश मंत्रिमंडल में खाली पदों को भर दिया जाए। इसकी एक वजह सरकार में एक मंत्री को कुमाऊं की एक लोस सीट से चुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
अब तक दायित्व की दो सूचियां हो चुकीं हैं जारी..
सीएम पुष्कर सिंह धामी प्रदेश सरकार में विभिन्न बोर्डों, निगमों और आयोगों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों के खाली पदों पर पार्टी कई नेताओं की ताजपोशी कर चुके है। अब तक दायित्वों की दो सूचियां जारी हो चुकी हैं। प्रदेश अध्यक्ष भी पूर्व में दायित्व की चार सूचियां जारी होने के संकेत दे चुके हैं। सिलक्यारा टनल संकट से उबरने के बाद अब दायित्व मिलने की राह देख रहे भाजपा नेताओं की निगाहें सीएम पुष्कर सिंह धामी पर लगी हैं। अभी भी प्रदेश सकार के निगमों, बोर्डों और कुछ आयोगों में अध्यक्षों, उपाध्यक्षों व सदस्यों के पद खाली हैं। इन खाली पदों पर कई पार्टी नेताओं की नजरें हैं। इसके लिए वे अपनी-अपनी पहुंच के हिसाब से सीएम से लेकर मंत्रियों, सांसदों के चक्कर लगा रहे हैं।
10वीं-12वीं परीक्षाओं में अब नहीं मिलेगी डिस्टिंक्शन व डिवीजन..
देश-विदेश: सीबीएसई बोर्ड ने 10th और 12th के छात्र-छात्राओं के लिए बड़ा ऐलान किया है। बोर्ड ने 10वीं-12वीं की परीक्षाओं की डेटशीट रिलीज करने से पहले एक बड़ा नोटिस जारी किया है। बताया जा रहा है कि जिससे अब 2024 में कक्षा 10 और कक्षा 12 की परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को कोई समग्र डिवीजन, डिस्टिंक्शन या एग्रीगेट नहीं देगा। इसके साथ ही बोर्ड अंकों के प्रतिशत की भी गणना नहीं करेगा।
जानकरी के अनुसार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) इस संबंध में बोर्ड की तरफ से हाल में नोटिस जारी की गई है। नोटिस में बोर्ड ने कहा है कि सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने पीटीआई को इस संबंध में जानकारी दी है, जिसके अनुसार सीबीएसई अब कक्षा 10, 12 की बोर्ड परीक्षाओं में कोई डिवीजन, डिस्टिंक्शन नहीं देगा। बोर्ड को विभिन्न लोगों से बोर्ड की परीक्षाओं में छात्रों के प्रतिशत की गणना के लिए मानदंड बताने के अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं।
अधिसूचना में कहा गया है, “इस संबंध में सूचित किया जाता है कि परीक्षा के अध्याय 7 की उपधारा 40.1 (iii) उपनियम यह निर्धारित करते हैं कि:- कोई समग्र डिवीजन/डिस्टिंक्शन/एग्रीगेट नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा, यदि किसी उम्मीदवार ने 5 से अधिक विषयों की पेशकश की है, तो सर्वोत्तम 5 विषयों को निर्धारित करने का निर्णय प्रवेश देने वाली संस्था या नियोक्ता द्वारा लिया जा सकता है। यदि उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए अंकों का प्रतिशत आवश्यक है तो गणना, यदि कोई हो, प्रवेश संस्थान या नियोक्ता द्वारा की जा सकती है। इससे पहले, सीबीएसई ने अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए मेरिट सूची जारी करने की प्रथा को भी खत्म कर दिया था।
आपको बता दें कि बोर्ड भारत और विदेश में सभी सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों के लिए 1 जनवरी 2024 से 2023-24 शैक्षणिक सत्र के लिए कक्षा 10 और कक्षा 12 की व्यावहारिक परीक्षा आयोजित करेगा। वहीं, सीबीएसई सिद्धांत परीक्षा 15 फरवरी, 2024 से शुरू होगी। माना जा रहा है कि बोर्ड की तरफ से जल्द डेटशीट जारी की जाएगी।हालांकि, अभी बोर्ड की तरफ से डेटशीट जारी करने को लेकर निर्धारित तारीख नहीं बताई गई है। लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि बोर्ड की तरफ से डेटशीट इस सप्ताह जारी कर दिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि डेटशीट जारी करने के बाद बोर्ड की तरफ से एडमिट कार्ड जारी किया जाएगा। एडमिट कार्ड जारी होने के बाद छात्र अपने स्कूलों से प्राप्त कर सकेंगे। वहीं, एडमिट कार्ड में किसी तरह की गलती होने पर सुधरवा भी सकेंगे। हालांकि, माना जा रहा है कि बोर्ड एग्जाम 1 महीने पहले यानि कि 10 जनवरी तक एडमिट कार्ड जारी कर देगा। छात्रों को सलाह है कि वेबसाइट पर नजर बनाएं रखें, ताकि कोई महत्वपूर्ण सूचना न छूटने पाए।