किशोरी की मृत्यु का कारण जानना अत्यंत आवश्यक, सभी तथ्यों की गहन जांच कर आरोपियों के विरुद्ध हो कड़ी कार्रवाई : कुसुम कण्डवाल
देहरादून: डोईवाला क्षेत्र के कुड़कावाला में कल शाम 5 जुलाई को एक दर्दनाक और रहस्यमय घटना, सुसवा नदी के पास स्थित एक क्रेशर में एक नाबालिग कूड़ा बीनने वाली लड़की ने कथित रूप से फांसी लगाकर मृत्यु के मामले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने त्वरित संज्ञान लिया। कल शाम मामले की जानकारी मिलते ही अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने डोईवाला एसओ से फोन पर घटना में गंभीरता से कार्रवाई व सभी संदिग्धो को कार्रवाई के घेरे में लेने के निर्देश दिए थे।
आज अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने सुसवा नदी किनारे स्थित क्रेशर पर पहुंच कर जानकारी ली तथा डोईवाला थाने में पहुँची। उन्होंने मामले में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण जया बलूनी से फोन पर वार्ता करते हुए मामले के अत्यन्त गंभीर होने पर घटना में कड़ी कार्रवाई के लिए कहा साथ ही अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा कि किसी भी बच्ची या किशोरी को इस प्रकार से बंधक बनाना भी गंभीर विषय है, कहीं इसमें कोई अन्य सजिश न हो इस मामले में गंभीरता से गहन जांच होनी चाहिए तथा सभी तथ्यों व सबूतों के आधार पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह मामला अत्यंत दुःखद है, किशोरी द्वारा इस प्रकार बेहद दर्दनाक कदम का उठाना बहुत चिंता का विषय है, मामले में कोई भी ढिलाई न बरती जाए, साथ ही मृतक किशोरी की पोस्टमार्टम/ मेडिकल रिपोर्ट तथा घटना स्थल की फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट की जांच के आधार पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
वहीं उन्होंने कहा कि राज्य महिला आयोग मामले की जांच इत्यादि की रिपोर्ट भी पुलिस अधिकारियों से मांगेगा। किसी भी किशोरी या युवती से गलत दुर्घटना या जघन्य अपराध आयोग बर्दाश्त नही करेगा।
उन्होंने जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल से फोन पर वार्ता करते हुए मामले में बात की और इस घटना पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा, ताकि कोई भी मामले को या उसकी जांच को प्रभावित न कर सके।
इस दौरान राजेन्द्र तड़ियाल सहित अन्य सामाजिक लोग उपस्थित रहे।
सीएम ने दलाई लामा के जन्मदिन पर दी शुभकामनाएं
“मेरा धर्म करुणा है”: दलाई लामा को बताया विश्व का सच्चा आध्यात्मिक गुरु
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को क्लेमेनटाउन, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में परम पूज्य दलाई लामा के 90वें जन्मदिन के अवसर पर देशवासियों और तिब्बती समाज को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि बुद्धा टेंपल मार्ग का चौड़ीकरण किया जाएगा और तिब्बती श्मशान घाट पर टिन शेड का निर्माण कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दलाई लामा ने पूरी दुनिया को शांति, अहिंसा और करुणा का मार्ग दिखाया है। आज जब दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है, उनकी शिक्षाएं और भी अधिक प्रासंगिक हो गई हैं। उन्होंने कहा — “मेरा धर्म करुणा है”, यही विचार उन्हें विश्व का सच्चा आध्यात्मिक गुरु बनाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने हमेशा तिब्बती समाज को प्रेम, सम्मान और सुरक्षा दी है। राज्य सरकार न केवल उनके हितों की रक्षा करती है, बल्कि उनके सांस्कृतिक, शैक्षिक और सामाजिक विकास के लिए भी हर संभव सहयोग करती रहेगी। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि दलाई लामा को उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त हो, ताकि वे आने वाली पीढ़ियों को भी अपने अमूल्य विचारों और शिक्षाओं से मार्गदर्शन करते रहें।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, विधायक विनोद चमोली, वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स, पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार सहित तिब्बती समुदाय के अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
भारतीय जनता पार्टी, उत्तराखण्ड का दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट का प्रथम बार मसूरी विधानसभा क्षेत्र आगमन पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत एवं अभिनन्दन किया। कार्यक्रम के दौरान भारतीय जनसंघ के संस्थापक, प्रखर राष्ट्रवादी चिंतक एवं अद्वितीय विचारक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने डॉ. मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का माल्यार्पण कर गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके सफल कार्यकाल की कामना की।
देहरादून के न्यू कैंट रोड़ स्थित सालावाला में आयोजित स्वागत कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने शीर्ष नेतृत्व के प्रति गहन आभार प्रकट करते हुए कहा कि जिस भाव के साथ शीर्ष नेतृत्व ने मुझे पुनः प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है, मैं पूर्ण निष्ठा, समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगा। संगठन को और अधिक सशक्त एवं गतिशील बनाने के लिए मैं कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर प्रत्येक स्तर पर निरंतर कार्य करता रहूंगा। प्रदेश अध्यक्ष ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर डॉ. मुखर्जी की भूमिका ऐतिहासिक रही है। उन्होंने कहा कि ‘एक देश, एक विधान’ का नारा केवल एक राजनीतिक विचार नहीं था, बल्कि यह भारत की एकता और संप्रभुता की मूल भावना थी, जिसे जनता ने पूरे मन से स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि आज भाजपा यदि विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के रूप में स्थापित हुई है, तो उसका श्रेय उन महापुरुषों को जाता है, जिन्होंने अपने विचार, त्याग और राष्ट्र के प्रति समर्पण से इस विचारधारा को सींचा। भट्ट ने आगे कहा कि भाजपा केवल एक राजनीतिक संगठन नहीं, बल्कि यह एक राष्ट्रीय भावना, एक समरसता और एकता की प्रतीक संस्था है। यही भाव जब संगठन के कार्यों में झलकता है, तो जनता का अटूट विश्वास प्राप्त होता है। ऐसे भाव के साथ जो दल कार्य करता है, वही जनता के दिलों में स्थान बनाता है।। उन्होंने विश्वास जताया कि उत्तराखंड में भाजपा संगठन कार्यकर्ताओं की एकजुटता और परिश्रम से आने वाले समय में और अधिक सशक्त होगा तथा जनता के विश्वास पर खरा उतरेगा।
अपने सम्बोधन में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हुआ है जब प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए किसी ने नामांकन नहीं भरा। यह इस बात का प्रतीक है कि उनके प्रति शीर्ष नेतृत्व और कार्यकर्ताओं का अपार विश्वास है। उन्होंने कहा कि महेंद्र भट्ट का संगठन के प्रति समर्पण, परिश्रम और त्याग ही है, जिसके चलते उन्हें दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि जब किसी को दोबारा इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलती है, तो यह उसकी कार्यकुशलता, ईमानदारी और नेतृत्व क्षमता का प्रमाण होता है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी का संपूर्ण जीवन राष्ट्र की एकता, अखंडता और स्वाभिमान को समर्पित था। उन्होंने कभी भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और जीवनपर्यंत राष्ट्रहित के लिए संघर्ष किया। मंत्री जोशी ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ‘एक देश, एक विधान, एक निशान और एक प्रधान’ के सिद्धांत को लेकर चले और कश्मीर को भारत की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि आज केंद्र सरकार ने उनके सपनों को साकार करते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया है। उन्होंने कहा कि जिस जनसंघ की स्थापना डॉ. मुखर्जी ने की थी, उसी विचारधारा पर चलते हुए आज भाजपा विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है। मंत्री ने उपस्थित जनों से आग्रह किया कि वे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचारों को आत्मसात करें और उनके दिखाए मार्ग पर चलकर देश को मजबूत एवं आत्मनिर्भर बनाने में योगदान दें।
युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने अंशुल चावला के नेतृत्व में प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट को तलवार भेंट कर उनका अभिनन्दन किया। इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, राज्यमंत्री कैलाश पंत, भाजयुमो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोशी, मंडल अध्यक्ष प्रदीप रावत, राजीव गुरुंग, महानगर महामंत्री सुरेंद्र राणा, संध्या थापा, निरंजन डोभाल, आरएस परिहार, पूनम नौटियाल सहित पार्षद, पार्टी पदाधिकारी एवं स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
रामनगर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज कार्बेट नेशनल पार्क (रामनगर, जिला नैनीताल) में जंगल सफारी के दौरान वन्य जीवन की रोमांचकारी झलक का अनुभव किया। उन्होंने कहा कि यह केवल प्राकृतिक सौंदर्य को देखने का अवसर नहीं, बल्कि जैव विविधता और विरासत से जुड़ने का भावपूर्ण क्षण है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से जंगल सफारी पर्यटन को नई पहचान मिली है। देश-विदेश से आ रहे पर्यटकों की बढ़ती संख्या ने राज्य की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है, साथ ही स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के अवसर भी मिले हैं।
‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान में 1000 पौधे रोपे गए
इस अवसर पर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत वन विभाग, स्थानीय समुदाय और पर्यावरण प्रेमियों के सहयोग से 1000 से अधिक पौधों का सामूहिक रोपण किया गया। मुख्यमंत्री ने इसे मातृत्व और प्रकृति के प्रति सम्मान का भावनात्मक प्रतीक बताया।
वन विभाग की सराहना
मुख्यमंत्री ने वन विभाग की टीम से भेंट कर उनके संरक्षण कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि वन्यजीवों और वनों की सुरक्षा में विभाग की प्रतिबद्धता राज्य की हरियाली और जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण योगदान है।
पिथौरागढ़: भारत-चीन सीमा से सटे उत्तराखंड के गुंजी गांव में एक नई शुरुआत हुई है। देश सेवा के बाद अब ग्रामीण सेवा—यही संदेश लेकर सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी विमला गुंज्याल ने गुंजी ग्राम पंचायत की बागडोर संभाली है। उन्हें गांववासियों ने निर्विरोध ग्राम प्रधान चुना है।
गुंजी जैसे सामरिक और भौगोलिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में, एक पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (IG) का ग्राम प्रधान बनना केवल एक प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि ग्राम विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रेरक कदम है।
सहमति से हुआ निर्विरोध चुनाव, गांव में जश्न जैसा माहौल
गुंजी गांव में ग्राम प्रधान पद के लिए पहले चार अन्य लोगों ने नामांकन पत्र खरीदे थे। लेकिन गांव के हित और सामूहिक निर्णय को प्राथमिकता देते हुए सभी ने विमला गुंज्याल के समर्थन में नामांकन नहीं भरा। इस प्रकार वे एकमात्र उम्मीदवार के रूप में निर्विरोध चुनी गईं।
ग्रामीणों के अनुरोध पर जब विमला गुंज्याल धारचूला पहुंचीं, तो उनका भव्य स्वागत हुआ। गांव में जश्न जैसा माहौल रहा, और ग्रामीणों ने इस दिन को गुंजी के इतिहास में विशेष दिन बताया।
देश सेवा से गांव सेवा की ओर
सेवानिवृत्त आईजी विमला गुंज्याल के अनुभव और प्रशासनिक कौशल को लेकर ग्रामीणों को काफी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि उनके नेतृत्व में गांव को नई दिशा और पहचान मिलेगी।
गांववासियों का कहना है कि, “आईपीएस अधिकारी रहते हुए उन्होंने देश की सुरक्षा और सेवा की, अब गांव के विकास में उनका मार्गदर्शन मिलेगा। उनकी सोच सकारात्मक है और उनका व्यक्तित्व पूरे गांव को जोड़ता है।”
पहले पीएम मोदी की यात्रा, अब ग्राम विकास की बारी
गुंजी गांव को पहले से ही आदि कैलाश, ओम पर्वत और कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग के कारण देशभर में विशेष पहचान मिल चुकी है। 12 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद इस गांव की राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक प्रसिद्धि हुई।अब ग्राम प्रधान के रूप में विमला गुंज्याल की नियुक्ति से स्थानीय विकास, पर्यटन प्रबंधन, बुनियादी ढांचे में सुधार और आजीविका के नए अवसर खुलने की संभावना है।
गुंजी गांव: जहां संस्कृति, सामरिकता और शांति मिलती है साथ
गुंजी, पिथौरागढ़ जिले की व्यास घाटी में स्थित एक खूबसूरत और सामरिक रूप से अहम गांव है। 3500 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस गांव में भोटिया समुदाय निवास करता है, जो अपनी पारंपरिक जीवनशैली, संस्कृति और सरलता के लिए जाना जाता है।
यहां के लोग मुख्यतः खेती, पशुपालन और सीमित व्यापार से अपनी आजीविका चलाते हैं। भारतीय सेना और आईटीबीपी की निगरानी में रहने वाला यह क्षेत्र सामरिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यहां यात्रा के लिए इनर लाइन परमिट आवश्यक होता है।
देहरादून: उत्तराखंड में मानसून ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। शनिवार से प्रदेश में तेज बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने छह जुलाई के लिए रुद्रप्रयाग, टिहरी, बागेश्वर और देहरादून जिलों में भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट घोषित किया गया है।
इस बीच राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण मलबा आने से सड़कें बंद हो गई हैं। यमुनोत्री हाईवे समेत कुल 67 सड़कें विभिन्न जिलों में बंद हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
प्रदेश में कहां-कहां बंद हुईं सड़कें?
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर और अन्य पर्वतीय जिलों में मलबा और भूस्खलन की वजह से सड़कों पर आवाजाही बंद है।
जिलेवार स्थिति इस प्रकार है:
रुद्रप्रयाग: 4 ग्रामीण सड़कें
उत्तरकाशी: 1 राष्ट्रीय राजमार्ग और 11 ग्रामीण सड़कें
चमोली: 1 राज्य मार्ग और 21 ग्रामीण सड़कें
पिथौरागढ़: 6 ग्रामीण सड़कें
बागेश्वर: 11 ग्रामीण सड़कें
अल्मोड़ा: 1 राजमार्ग और 1 ग्रामीण सड़क
टिहरी: 3 ग्रामीण सड़कें
देहरादून: 2 ग्रामीण सड़कें
नैनीताल: 2 ग्रामीण सड़कें
पौड़ी: 3 ग्रामीण सड़कें
प्रशासन अलर्ट मोड पर, यात्रा से पहले मार्ग की जानकारी लें
भारी वर्षा की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने सभी जिलों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। राहत और बचाव दलों को संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया है।चारधाम यात्रा पर निकले यात्रियों और आम लोगों से अपील की गई है कि वे यात्रा से पहले मार्गों की स्थिति की जानकारी लें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें।
अगले 48 घंटे चुनौतीपूर्ण, भारी बारिश की संभावना
मौसम विभाग के मुताबिक, आगामी दो दिनों में प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के साथ तेज हवाओं और भूस्खलन की संभावना बनी हुई है। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
मसूरी: भारत के प्रख्यात यात्रा लेखक दंपती ह्यू गैंटज़र और कोलीन गैंटज़र को वर्ष 2025 का पद्म श्री सम्मान प्रदान किया गया है। यह सम्मान देश की साहित्यिक, सांस्कृतिक और मीडिया क्षेत्र में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए दिया गया है।
विशेष बात यह रही कि कोलीन गैंटज़र को यह पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किया गया, जबकि स्वास्थ्य कारणों से ह्यू गैंटज़र स्वयं पुरस्कार ग्रहण करने दिल्ली नहीं जा सके। इस परिस्थिति को देखते हुए उत्तराखंड सरकार के सचिव श्री शैलेश बगोली विशेष रूप से मसूरी स्थित उनके निवास पर पहुंचे और उन्हें यह सम्मान उनके घर पर ही सौंपा।
भारत की आत्मा को शब्दों में पिरोया
1950 के दशक से सक्रिय इस लेखक जोड़े ने भारत की संस्कृतिक विविधता, ऐतिहासिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य, और जनजीवन को जिस संजीवता और संवेदना से प्रस्तुत किया, वह अभूतपूर्व रहा है।
इनका चर्चित कॉलम “The Gantzer’s Travelogue” देशभर के प्रमुख समाचारपत्रों में वर्षों तक प्रकाशित होता रहा, जिसमें भारत के छोटे-बड़े कोनों की दुर्लभ जानकारियाँ, अनुभव और तस्वीरें साझा की जाती थीं। इसके अलावा, दूरदर्शन पर प्रसारित उनके यात्रा वृत्तांतों ने भारत के ग्रामीण अंचलों, तीर्थ स्थलों और ऐतिहासिक स्मारकों को देशवासियों के सामने रोचक अंदाज़ में प्रस्तुत किया।
यात्रा लेखन का युगांतकारी योगदान
गैंटज़र दंपती को भारत में यात्रा लेखन की आधारशिला रखने वालों में गिना जाता है। उस दौर में जब पर्यटन पत्रकारिता सीमित थी, उन्होंने भारत को भारतीयों की नजर से देखना और दिखाना सिखाया। उनकी लेखनी में केवल पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि उस स्थल की आत्मा, वहाँ के लोग, रीति-रिवाज़ और बोलियों की झलक भी होती थी, जो उन्हें विशिष्ट बनाती है।
सरकार और साहित्य जगत से सराहना
उत्तराखंड सरकार ने गैंटज़र दंपती के योगदान को न केवल राज्य बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक विरासत के लिए अमूल्य बताया है। साहित्य और मीडिया जगत से जुड़ी कई हस्तियों ने भी उन्हें सम्मान दिए जाने पर प्रसन्नता जताई है।
देहरादून : उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए नामांकन की प्रक्रिया शनिवार को पूरी हो गई। चुनावी माहौल के बीच जहां ग्राम प्रधान पदों के लिए जबरदस्त भागीदारी देखने को मिली, वहीं ग्राम पंचायत सदस्य पदों के लिए उम्मीद से काफी कम नामांकन सामने आए हैं। इससे राज्य निर्वाचन आयोग की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि बड़ी संख्या में पद रिक्त रह सकते हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, प्रारंभिक तीन दिनों में 66,418 पदों के लिए कुल 32,239 नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे। इनमें से ग्राम प्रधान पद के 7499 पदों पर 15,917 नामांकन दर्ज हुए, जबकि ग्राम पंचायत सदस्य के 55,587 पदों के लिए केवल 7235 नामांकन ही आए। शनिवार को नामांकन का अंतिम दिन था, लेकिन आयोग के अनुसार ग्राम पंचायत सदस्य पदों के प्रति उत्साह अपेक्षाकृत कम ही रहा।
नामांकन के बाद अगला चरण
अब आयोग 7 से 9 जुलाई तक नामांकन पत्रों की जांच करेगा। इसके बाद दोनों चरणों के लिए नाम वापसी की तिथि 10 और 11 जुलाई तय की गई है। पहले चरण का चुनाव चिह्न 14 जुलाई को आवंटित किया जाएगा और मतदान 24 जुलाई को होगा। वहीं, दूसरे चरण के लिए 18 जुलाई को चुनाव चिह्न दिए जाएंगे और 28 जुलाई को मतदान कराया जाएगा। 31 जुलाई को दोनों चरणों की मतगणना होगी, जिसके साथ ही पंचायत चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।
सदस्य पदों पर कम नामांकन क्यों?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ग्राम पंचायत सदस्य पद को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी हो सकती है। इसके अलावा, कई स्थानों पर मतदान क्षेत्र छोटे होने के कारण लोग प्रतिस्पर्धा से बचते हैं या फिर बिना नामांकन ही निर्विरोध चुने जाने की रणनीति अपनाते हैं।राज्य निर्वाचन आयोग अब इस विषय पर अध्ययन करेगा कि आखिर इतने बड़े स्तर पर नामांकन कम क्यों हुए और भविष्य में इसे कैसे सुधारा जा सकता है।
चुनावी गणित में महिलाओं और युवाओं की दिलचस्पी
ग्राम प्रधान पदों के नामांकन में इस बार महिलाओं और युवाओं की भागीदारी पहले की तुलना में बढ़ी है। कई जिलों से सामने आ रही रिपोर्टों के अनुसार, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और पंचायत में पारदर्शिता को लेकर महिला उम्मीदवारों ने सक्रियता दिखाई है।
खेल संस्कृति को मजबूत करने पर दिया जोर
टनकपुर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को पर्यटक आवास गृह, टनकपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चम्पावत जनपद के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं से बाल संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत सीधा संवाद स्थापित किया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यालयों में खेल गतिविधियों की प्रगति की जानकारी प्राप्त करना तथा खिलाड़ियों से उनकी आवश्यकताओं और सुझावों पर चर्चा करना रहा।
मुख्यमंत्री ने रा.इ.का. चम्पावत के गौरव, रा.इ.का. पाटी की प्रीति, रा.बा.इ.का. टनकपुर की कंचन, रा.इ.का. चौमेल के सागर एवं रा.बा.इ.का. चम्पावत की मोनिका से बातचीत कर खेल सुविधाओं, संसाधनों और प्रशिक्षण संबंधी जानकारी ली। विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना से नियमित लाभान्वित हो रहे हैं, जिससे उनके खेल कौशल को संवारने में मदद मिल रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे पढ़ाई के साथ खेलों को भी बराबर महत्व दें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड केवल देवभूमि नहीं, बल्कि खेलभूमि के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है। उन्होंने युवाओं को अमृतकाल का सारथी बताते हुए अनुशासन, समय प्रबंधन और कठिन परिश्रम के महत्व पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार खेल प्रतिभाओं को सशक्त मंच देने और खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने राज्य की खेल नीति और मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना जैसे प्रयासों को युवाओं के सर्वांगीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
इस अवसर पर चम्पावत, पाटी, चौमेल, टनकपुर और चमदेवल क्षेत्र के विद्यालयों के छात्र-छात्राएं और शिक्षण स्टाफ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
देवभूमि से शिवधाम की ओर पहला कदम: मुख्यमंत्री धामी ने किया कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुभारंभ
टनकपुर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को टनकपुर स्थित पर्यटन आवास गृह से कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यात्रियों का पारंपरिक रूप से स्वागत किया तथा उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े स्मृति चिह्न भेंट किए।
मुख्यमंत्री ने 11 राज्यों से आए सभी श्रद्धालुओं से संवाद कर उनका देवभूमि उत्तराखंड में हार्दिक स्वागत किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने का सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता, यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मिक और आध्यात्मिक जागरण का मार्ग है। उन्होंने कहा श्रद्धालु इस अद्वितीय यात्रा के सहभागी बनकर केवल यात्रा नहीं, बल्कि समर्पण की अनुभूति लेकर जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की पवित्र धरती के कण-कण में भगवान शिव का वास है। यह यात्रा अब केवल भौगोलिक मार्ग नहीं रही, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ संकल्प से यह सीमाओं को लांघते हुए शिव से साक्षात्कार का सशक्त माध्यम बन गई है। पहले जिस यात्रा में सात दिन या उससे अधिक का समय लगता था, अब वह कुछ ही घंटों में संभव हो सकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार इस यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए पूरी तरह समर्पित है। प्रत्येक पड़ाव पर स्वास्थ्य, आवास, भोजन, सुरक्षा और अन्य आवश्यक सुविधाएं सुदृढ़ की गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने भगवान भोलेनाथ से सभी यात्रियों की सफल, मंगलमय और सुरक्षित यात्रा की कामना की।
इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं ने चम्पावत वासियों के आत्मीय व्यवहार के लिए आभार व्यक्त किया और यात्रा को स्मरणीय व सुरक्षित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार की उत्कृष्ट व्यवस्थाओं की सराहना की।
इस दौरान आयुक्त कुमाऊं मंडल दीपक रावत, आईजी आईटीबीपी और जन सम्पर्क अधिकारी कैलाश मानसरोवर यात्रा संजय गुंजियाल, पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं मंडल रिद्धिम अग्रवाल,प्रबंध निदेशक कुमाऊं मंडल विकास निगम विनीत तोमर, जिलाधिकारी चम्पावत मनीष कुमार, जिलाधिकारी पिथौरागढ़ विनोद गोस्वामी, पुलिस अधीक्षक चम्पावत अजय गणपति मौजूद थे।