जोशीमठ- पाताल गंगा में एक यात्री वाहन के ऊपर पहाड़ी से पत्थर गिरने की सूचना प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही SDRF पोस्ट जोशीमठ से निरीक्षक श्री कर्ण सिंह के नेतृत्व में रवाना हुई।
घटनास्थल पर SDRF और जिला पुलिस द्वारा संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें पाया गया कि एक बलेनो कार (वाहन संख्या HR-22T-5713) पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आ गई थी जिसमें कुल तीन लोग सवार थे।
संयुक्त रेस्क्यू के दौरान एक पुरुष और एक बच्चे को घायल अवस्था में बाहर निकालकर उपचार हेतु अस्पताल भेजा गया, जबकि एक महिला की मौके पर ही मृत्यु हो गई। मृतका का शव जिला पुलिस के माध्यम से अस्पताल भेजा गया।
घायलों की पहचान निम्नलिखित रूप में हुई:
1. अंकित (पुत्र श्री बजरंग लाल, निवासी फतेहाबाद, हरियाणा)
2. ख्वाहिश (उम्र 10 वर्ष)
मृतक महिला की पहचान शिल्पा (उम्र 36 वर्ष) के रूप में की गई है।
देहरादून। देहरादून के राजपुर स्थित काठबंगला में वर्ष 2016 से पहले निवास करने वाले लोगों को नोटिस दिये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने नगर निगम एवं एमडीडीए के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सरकार के अध्यादेश को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2016 से पूर्व निर्मित घरों को न तो नोटिस दिया जाए और न ही तोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि यहां के कई निवासी नगर निगम को पिछले लम्बे समय कर भुगतान भी कर रहे हैं। मंत्री ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने हमेशा गरीबों को छत दी है और हमारी कोशिश होगी कि किसी भी गरीब का घर न टूटे।
बैठक में एमडीडीए के सचिव मोहन सिंह बर्निया, नगर मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह, पूर्व पार्षद मंजीत रावत, रामसेवक सहित नगर निगम एवं अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस पर सैकड़ों पदक विजेताओं को किया सम्मानित
सीएम पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने दिए पुरस्कार
देहरादून- अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और खेल मंत्री रेखा आर्या ने प्रदेश के लिए पदक जीतने वाले सैकड़ो खिलाड़ियों को सम्मानित किया । यह आयोजन सोमवार को परेड ग्राउंड के मल्टीपरपज हॉल में किया गया था।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बच्चों के साथ ट्राईकलर गुब्बारे उड़ाकर की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में अब अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित हो रही है और जल्द ही खेल लिगसी प्लान के तहत प्रदेश को 23 नई एकेडमी मिलने वाली है। उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार के समय में आयोजित हुए दोनों ओलंपिक खेलों में भारत के प्रतिभागी खिलाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ी है।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में चार प्रतिशत आरक्षण, पदक जीतने पर आउट ऑफ टर्न जॉब और खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना के जरिए खिलाड़ियों का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने का काम किया है। रेखा आर्या ने कहा कि देवभूमि को खेल भूमि बनाने का सपना तब साकार हो सकता है जब हम ऐसी खेल संस्कृति विकसित करें कि यहां हर घर से एक खिलाड़ी पैदा हो।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश 2036 का ओलंपिक आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। इस मौके पर हम सभी को यह संकल्प लेना होगा कि इस ओलंपिक में उत्तराखंड से ज्यादा से ज्यादा एथलीट शामिल हो सके और इसी हिसाब से अभी से तैयारी शुरू करनी होगी।
इसके पहले बच्चों ने आर्टिस्टिक जिम्नास्ट का शानदार प्रदर्शन कर दर्शकों का दिल जीत लिया ।मुख्यमंत्री धामी ने सभी प्रतिभागियों को ओलंपिक दिवस की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर विशेष प्रमुख खेल सचिव अमित सिन्हा, निदेशक आशीष चौहान, अपर निदेशक अजय अग्रवाल, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के प्राचार्य राजेश ममगई, प्रभारी जिला खेल अधिकारी रविंद्र भंडारी व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
आरक्षण व्यवस्था पर स्थिति स्पष्ट न होने पर हाईकोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक
नैनीताल। उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर नैनीताल हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। यह रोक आरक्षण व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार द्वारा स्थिति स्पष्ट न कर पाने के चलते लगाई गई है। कोर्ट ने साफ कहा कि जब तक पंचायत चुनावों में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट नहीं होती, तब तक चुनाव प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि राज्य सरकार पंचायत चुनावों में आरक्षण को लेकर न तो स्पष्ट नीति प्रस्तुत कर सकी और न ही न्यायालय को भरोसेमंद विवरण दे सकी। इस पर कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताते हुए सरकार को निर्देश दिए कि वह जल्द से जल्द आरक्षण संबंधी नीति स्पष्ट करे।
राज्य निर्वाचन आयोग ने हाल ही में पंचायत चुनावों की तैयारी शुरू कर दी थी और 12 जिलों में पंचायत चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी थी, लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह प्रक्रिया रोक दी गई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला राज्य की सियासत और पंचायत स्तर पर प्रतिनिधित्व के समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। विपक्ष पहले से ही सरकार पर पंचायतों में आरक्षण को लेकर मनमानी और अनियमितता के आरोप लगा रहा था, जिसे अब न्यायालय की टिप्पणी से बल मिल सकता है।
अब सबकी निगाहें सरकार की अगली रणनीति और अदालत में उसकी प्रस्तुति पर टिकी हैं।
देहरादून- मौसम विज्ञान विभाग ने 22 से 26 जून के बीच उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। देहरादून, नैनीताल, टिहरी और चंपावत में कुछ स्थानों पर तेज से बहुत तेज बारिश की चेतावनी के साथ ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, चंपावत, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के अधीन राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसओईसी) ने सभी संबंधित जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि सभी विभागीय नोडल अधिकारी और आपदा प्रबंधन से जुड़े आईआरएस अधिकारी अलर्ट पर रहें।
संवेदनशील मार्गों पर विशेष निगरानी
भूस्खलन की आशंका वाले संवेदनशील मार्गों पर मलबा हटाने के उपकरण पहले से तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, यातायात नियंत्रण के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती और निगरानी बढ़ाने को कहा गया है।
स्थानीय प्रशासनिक अमला रहेगा तैनात
राजस्व उप निरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।
तेज हवाओं के भी आसार
मौसम विभाग के अनुसार राज्य के कुछ हिस्सों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। अनुमान है कि यह मौसम प्रणाली 28 जून तक पूरे राज्य में सक्रिय रहेगी और तेज बारिश का दौर जारी रह सकता है।
चमोली- बीती रात भारी बारिश के चलते बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पीपलकोटी के समीप भनेरपाणी और पागलनाला क्षेत्र में भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गया था। मार्ग पर मलबा जमा हो जाने से दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। हालांकि सोमवार सुबह 9 बजे तक मार्ग को पूरी तरह से सुचारु कर दिया गया।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने जानकारी दी कि एनएचआईडीसीएल की टीम ने सुबह 7 बजे से मलबा हटाने का कार्य आरंभ कर दिया था। क्षेत्र में हर वर्ष बरसात के दौरान भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न होती है। फिलहाल एनएचआईडीसीएल द्वारा हाईवे सुधारीकरण कार्य भी पिछले छह माह से जारी है।
इधर, रविवार देर शाम से शुरू हुई मूसलधार बारिश सोमवार सुबह 5 बजे थमी, लेकिन इसके बाद सड़कों के बंद होने की घटनाएं सामने आने लगीं।
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नंदप्रयाग-नंदानगर सड़क कांडई पुल के पास अवरुद्ध हो गई है।
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वहीं ज्योतिर्मठ-औली मार्ग, कर्णप्रयाग-गैरसैंण-पांडुवाखाल हाईवे, ज्योतिर्मठ-मलारी-नीती हाईवे और सिमली-थराली-ग्वालदम मार्ग यातायात के लिए खुले हुए हैं।
नदियों का बढ़ता जलस्तर चिंता का कारण
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अलकनंदा नदी का जलस्तर 952.80 मीटर तक पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 957.42 मीटर है।
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नंदाकिनी नदी 867.70 मीटर पर बह रही है (खतरे का निशान 871.50 मीटर)
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पिंडर नदी 768.75 मीटर तक पहुंच चुकी है, जबकि खतरे का स्तर 773 मीटर है।
वर्षा की मात्रा
चमोली जनपद में बीते 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक वर्षा चमोली तहसील में 93.6 मिमी दर्ज की गई। अन्य क्षेत्रों में वर्षा इस प्रकार रही:
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गैरसैंण: 20 मिमी
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पोखरी: 5 मिमी
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ज्योतिर्मठ: 10.4 मिमी
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थराली: 2.5 मिमी
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नारायणबगड़: 22 मिमी
चारधाम ट्रांजिट कैंप में सभी जरूरी व्यवस्थाओं को लेकर जताई प्रतिबद्धता
देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल ने चारधाम यात्रा से जुड़ी व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए ऋषिकेश स्थित ट्रांजिट कैंप का निरीक्षण किया। उन्होंने यात्रा को सुगम व सुरक्षित बनाए रखने के लिए अधिकारियों को सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पंजीकरण काउंटर, चिकित्सा कक्ष, यात्री प्रतिक्षालय, भोजन, आवास, शुद्ध पेयजल, शौचालय और साफ-सफाई जैसी व्यवस्थाओं की बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए हर व्यवस्था में गुणवत्ता और सेवा का विशेष ध्यान रखा जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी विभाग को अतिरिक्त फंड की आवश्यकता होगी, तो जिला प्रशासन उसे उपलब्ध कराएगा। विशेष रूप से ट्रांजिट कैंप में दी जा रही भोजन व्यवस्था की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही चिकित्सा केंद्र में सभी जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ रूप से संचालित करने के लिए कहा गया।
जिलाधिकारी ने हर हैंगर व टेंट में शुद्ध पेयजल, चाय और भोजन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। ट्रांजिट कैंप के अलावा होटल, धर्मशाला, गुरुद्वारा आदि में भी श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन, जल व स्वच्छता जैसी मूलभूत सुविधाओं की समुचित उपलब्धता पर विशेष ध्यान देने को कहा गया।
इस निरीक्षण के दौरान एमएनए ऋषिकेश, उप जिलाधिकारी योगेश मेहर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एम.के. शर्मा, अधिशासी अभियंता (लोक निर्माण विभाग) समेत चारधाम यात्रा से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
हरियाणा से घूमने आए युवकों की कार हादसे का शिकार, एक अस्पताल में भर्ती
देहरादून। आशारोड़ी के पास रविवार तड़के लगभग 03:10 बजे एक दर्दनाक सड़क हादसे में चार युवकों की मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। हरियाणा से देहरादून आ रही सफेद रंग की मारुति रिट्ज कार (HR 42 E 2701) आगे चल रहे सीमेंट लदे ट्रोले (HR 63 F 5353) से पीछे से टकरा गई।
हादसे के समय सभी युवक हरियाणा से उत्तराखंड की ओर यात्रा कर रहे थे। दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को 108 एम्बुलेंस के जरिए कोरोनेशन और दून अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने चार को मृत घोषित कर दिया, जबकि एक युवक का इलाज जारी है।
मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई है:
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अंकुश पुत्र अजीत, निवासी पुरखास धीरन, जिला सोनीपत (हरियाणा)
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पारस पुत्र जयकरण, निवासी पुरखास धीरन, जिला सोनीपत
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अंकित पुत्र राजेश, निवासी मेरिडा, तहसील जुलाना, जिला जींद
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नवीन पुत्र नरेश, निवासी खेड़ी, तहसील रोहतक
घायल:
विनय पुत्र विजय, निवासी पुरखास धीरन, जिला सोनीपत
पुलिस ने ट्रोले को कब्जे में ले लिया है और चालक आफताब पुत्र जुल्फिकार (निवासी शेखपुरा कदीम, सहारनपुर) से पूछताछ की जा रही है। मृतकों के परिजनों को सूचना दे दी गई है और आगे की कार्रवाई जारी है।
मसूरी। पर्यटन सीजन के चरम पर पहुंचने के साथ ही मसूरी में शराब की दुकानों पर ओवररेटिंग के खिलाफ नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है। शनिवार देर रात घंटाघर स्थित एक बीयर शॉप पर ओवररेटिंग को लेकर विवाद इस कदर बढ़ा कि मामला हिंसक झड़प में तब्दील हो गया। दो युवकों को गंभीर चोटें आई हैं, जिनमें से एक को 24 टांके लगे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बीयर के अधिक दाम वसूलने को लेकर युवकों और दुकानदार के बीच कहासुनी हुई, जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई। युवकों का आरोप है कि दुकानदार और उसके सहयोगियों ने बोतलों और चाकू से हमला किया। उग्र भीड़ ने दुकान में तोड़फोड़ कर दी और शटर क्षतिग्रस्त कर दिया।
सूचना पर पहुंची मसूरी पुलिस ने स्थिति को काबू में किया। एसआईआई किशन कुमार सिंह के नेतृत्व में पहुंची टीम ने दोनों पक्षों की शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया कि दुकानदार लंबे समय से ओवररेटिंग कर रहा था और विरोध करने पर मारपीट की गई। वहीं दुकानदार का कहना है कि युवक शराब पर अतिरिक्त छूट मांग रहे थे और मामूली असहमति को विवाद का रूप दे दिया।
गौरतलब है कि मसूरी सहित पूरे राज्य में शराब की दुकानों पर ओवररेटिंग को लेकर लंबे समय से शिकायतें सामने आती रही हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने पूर्व में निगरानी के निर्देश दिए थे, लेकिन जमीन पर इसका खास असर नजर नहीं आया है।
कांवड़ यात्रा को लेकर बैठक में विभिन्न विषयों पर की चर्चा
देहरादून। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का नभ नेत्र ड्रोन इस साल कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में तैनात रहेगा। ड्रोन के जरिए हरिद्वार के भीड़भाड़ वाले स्थलों, सड़कों, घाटों तथा पुलों की निगरानी की जाएगी। राज्य तथा जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से नभ नेत्र ड्रोन के विजुअल्स की निरंतर मॉनिटरिंग की जाएगी। यूएसडीएमए स्थिति कंट्रोल रूम में कांवड़ यात्रा की तैयारियों के संबंध में आयोजित बैठक के दौरान उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने यह निर्देश दिए।
11 जुलाई से प्रारंभ हो रही कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी अपनी तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप की अध्यक्षता में कांवड़ यात्रा को लेकर बैठक हुई। उन्होंने बताया कि आईआरएस की अधिसूचना जारी कर दी गई है। कांवड़ यात्रा के दौरान संभावित आपदाओं एवं आकस्मिकताओं का प्रभावी तरीके से सामना करने में आईआरएस उपयोगी साबित हो सकता है। उन्होंने कांवड़ यात्रा से संबंधित जनपदों के अधिकारियों से आईआरएस प्रणाली को अपनाने तथा इसके तहत ही यात्रा को लेकर आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से योजना का निर्माण करने को कहा।
स्वरूप ने कहा कि कांवड़ यात्रा के सुगम एवं सफल संचालन के लिए विभिन्न विभागों के मध्य आपसी समन्वय बहुत जरूरी है। उन्होंने सभी विभागों में सिंगल प्वाइंट आफ कांटेक्ट हेतु एक जिम्मेदार अधिकारी को नामित करने तथा उनकी सूची एसईओसी और डीईओसी के साथ साझा करने के निर्देश दिए। बता दें कि कांवड़ यात्रा के लिए जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को मास्टर कंट्रोल रूम बनाया जाएगा और यहीं से यात्रा की संपूर्ण निगरानी की जाएगी। बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, ड्यूटी आफिसर संयुक्त सचिव विक्रम सिंह राणा, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।
मॉक ड्रिल में कांवड़ पर रहेगा फोकस
30 जून को यूएसडीएमए द्वारा बाढ़ को लेकर आयोजित की जा रही राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल के दौरान हरिद्वार में सुरक्षित कांवड़ यात्रा तथा गंगा घाटों में सुरक्षा के इंतजामों को परखने के लिए विशेष रूप से मॉक ड्रिल की जाएगी। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने खासतौर पर इसके निर्देश दिए।
कांवड़ियों के मोबाइल में सचेत एप डाउनलोड कराया जाएगा
कांवड़ यात्रा पर आने वाले कांवड़ियों के मोबाइल फोन में सचेत एप डाउन लोड कराया जाएगा। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी ने कहा कि सचेत एप कांवड़ियों को मानसून अवधि में मौसम संबंधी सूचनाएं तथा अलर्ट प्रदान करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने एंट्री प्वाइंट्स में सचेत एप डाउन लोड करने संबंधी होर्डिंग तथा बार कोड लगाए जाने के निर्देश दिए। टोल फ्री नंबर 112, 1070, 1077 के बारे में भी कांवड़ियों को अवगत कराया जाएगा ताकि वे किसी आपात स्थिति में इन नंबरों में फोन कर मदद मांग सकें।
गंगा घाटों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की भी तैनाती
गंगा घाटों में कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए भी विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। बैठक के दौरान सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने बताया कि एसडीआरएफ, एनडीआरफ, जल पुलिस के अलावा 60 आपदा मित्र भी गंगा घाटों में तैनात रहेंगे। कांगड़ा घाट में सुरक्षा के खास इंतजाम किए जाएंगे। एनडीआरएफ की एक टीम कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में तैनात रहेगी और आवश्यकता पड़ने पर देहरादून से अतिरिक्त टीमों को रवाना किया जाएगा।
कांवड़ यात्रा के दौरान संभावित आकस्मिकताएं
एससीईओ प्रशासन आनंद स्वरूप ने कांवड़ यात्रा के दौरान आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से संभावित आकस्मिकताओं जैसे, भगदड़, नदी में डूबना, भंडारा स्थल, अस्थायी कैंपों में अग्निकांड, बारिश, बाढ़ और जलभराव, संक्रामक बीमारियों का प्रसार, जाम की समस्या, दुर्घटनाएं आदि को नियंत्रित करने हेतु तैयारी रखने तथा किसी भी आकस्मिकता की स्थिति में तुरंत राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से संपर्क स्थापित करने के निर्देश दिए।
वन्य जीवों से सुरक्षा के भी होंगे विशेष इंतजाम
कांवड़ यात्रियों की वन्य जीवों से सुरक्षा के लिए भी विशेष इंतजाम करने के निर्देश दिए गए। वन विभाग को ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करने तथा वहां सुरक्षा के समुचित प्रबंध करने के हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही अधिक ऊंचाई वाली कांवड़ को बिजली की तारों से खतरा न हो, इसके लिए भी समुचित प्रबंध करने के निर्देश विद्युत विभाग को दिए गए।