बारिश से बढ़ा टिहरी झील का जलस्तर, खतरे की जद में कई गांव..
उत्तराखंड: भारी बारिश के चलते टिहरी झील का जलस्तर काफी बढ़ गया हैं झील के किनारे बसे गांवों के लोग भी जाग-जागकर रात काटने को मजबूर हैं। झील किनारे स्थित उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ के कई गांव एक बार फिर खतरे की जद में आ गए हैं। टिहरी झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। लोग आने वाली आपदा की आशंका से डरे हुए हैं। पहाड़ में हो रही भारी बारिश से न सिर्फ नदियां उफान पर हैं, आपको बता दे कि टिहरी बांध की झील का पानी भी 828 यूआरएल मीटर बढ़ गया है।
इससे टिहरी के अलावा उत्तरकाशी के कई गांव खतरे की जद में आ गए हैं। चिन्यालीसौड़ के आसपास के इलाकों में स्थित आवासीय कॉलोनियों में रहने वाले लोग डर की वजह से रात-रातभर सो नहीं पाते। स्वास्थ्य केंद्र, वाल्मीकि बस्ती, नागणीसौड़, पीपलमंडी, ऊर्जा निगम स्टोर, वन विभाग आदि स्थानों पर भवनों में दरार आने के कारण खतरा बढ़ गया है। स्थानीय लोगों का कहना हैं कि झील का जलस्तर बढ़ते ही कई स्थानों पर कटाव होना शुरू हो जाता है।
साल 2010 के बाद ये स्थिति लगातार बनी हुई है। टीएचडीसी और जिला प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए, लेकिन चिन्यालीसौड़ की सुरक्षा के लिए अब तक कदम नहीं उठाए गए। जो सुरक्षात्मक कार्य हो भी रहे हैं, उनकी रफ्तार बेहद धीमी है। चिन्यालीसौड़ और आसपास के क्षेत्र में टिहरी झील के बढ़ते जलस्तर से सुरक्षा के लिए किए जा रहे निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाए हैं। बीते रविवार को भी टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से जोगत रोड के 10 मीटर हिस्से में भूकटाव हो गया।
लोगों में प्रदेश सरकार को लेकर भी नाराजगी है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार ने 830 यूआरएल मीटर जलस्तर भरने का आदेश देकर चिन्यालीसौड़ के लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया है। टीएचडीसी और जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते हर वर्ष चिन्यालीसौड़ के लोगों को बढ़ते जलस्तर के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षात्मक कार्यों में तेजी लाने के प्रयास नहीं किए जा रहे।
21 सितंबर तक उत्तराखंड में बढ़ा कोविड कर्फ्यू..
उत्तराखंड: प्रदेश सरकार ने कोरोना कर्फ्यू 21 सितंबर तक बढ़ा दिया है। मुख्य सचिव एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुखबीर सिंह संधू ने कोविड कर्फ्यू के संबंध में सोमवार को नई एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) जारी कर दी है। नई एसओपी के तहत अब विवाह समारोह में अधिकतम 50 लोगों के शामिल होने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। अब शादी समारोह में अधिक लोग शामिल हो पाएंगे। लेकिन इसके लिए भी जिला प्रशासन से अनुमति लेनी आवश्यक होगी। एसओपी में बाकी नियम और शर्तें पहले जैसी ही रखी गईं हैं।
रात्रि कर्फ्यू जारी रहेगा..
प्रदेश में रात्रि कर्फ्यू जारी रहेगा। बाजार सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक खुलेंगे। नगरीय क्षेत्रों में स्थित होटल रेस्तरां, भोजनालय व ढाबे रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक बंद रहेंगे।
ये बंदिशें हैं बरकरार..
1- कोरोना वैक्सीन की डबल डोज लेने के 15 दिन की रिपोर्ट पर राज्य में प्रवेश मिलेगा।
2- कोविड वैक्सीन की डबल डोज न लेने वालों के लिए 72 घंटे की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट जरूरी।
3- शवयात्रा में भी 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।
4- दूसरे राज्यों से अपने पैतृक गांव लौटने वाले प्रवासियों के लिए ग्राम प्रधान की निगरानी में आवश्यकतानुसार सात दिन क्वारंटीन सेंटर में एकांतवास में रहेंगे।
प्रदेश में सभी स्पा और सैलून खोलने की अनुमति है। सभी स्पा व सैलून 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे। इसके साथ ही जिम, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल व स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, ऑडिटोरियम व इनसे संबंधित सभी गतिविधियां 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति है। वहीं, सरकार ने होटलों में स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल, स्पा व जिम को भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी है। प्रदेश में 18 वर्ष से ऊपर के प्रशिक्षुओं के लिए सरकारी और गैरसरकारी प्रशिक्षण संस्थान कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के साथ खोलने की अनुमति है।
चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी का उत्तराखंड दौरा 16 सितंबर से
उत्तराखंड: अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी बनाए गए केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी 16 सितंबर को सह प्रभारियों के साथ पहली बार देहरादून आ रहे हैं। अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान वह पार्टी के प्रांतीय पदाधिकारियों, विधायकों, मंत्रियों, विधानसभा प्रभारियों और पार्टी के कोर ग्रुप के साथ चुनाव प्रबंधन को लेकर विचार विमर्श करेंगे।
आपको बता दे कि भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने आठ सितंबर को उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के लिए चुनाव प्रभारियों की घोषणा की। उत्तराखंड में केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी को चुनाव प्रभारी का दायित्व सौंपा गया, जबकि बंगाल से सांसद लाकेट चटर्जी और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह को सह प्रभारी बनाया गया। यह दायित्व मिलने के बाद तीनों ही 16 सितंबर की सुबह देहरादून पहुंच रहे हैं।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने चुनाव प्रभारी और सह प्रभारियों के दौरे की पुष्टि करते हुए कहा कि 16 व 17 सितंबर को चुनाव प्रभारी छह-सात बैठकों में भाग लेंगे। वह पार्टी के मीडिया और सोशल मीडिया विभाग की बैठकों में भी शिरकत करेंगे।
देवस्थानम बोर्ड को लेकर केदारनाथ में अनशन जारी..
उत्तराखंड: देवस्थानम बोर्ड के विरोध में केदारनाथ में तीर्थपुरोहित समाज का क्रमिक अनशन 28वें दिन सोमवार को भी जारी रहा। वहीं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कर्नल अजय कोठियाल का कहना हैं कि चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर सियासत करने के बजाय सरकार तत्काल बोर्ड को भंग करे। चारधामों के तीर्थपुरोहितों के हितों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार बोर्ड के नाम पर तीर्थपुरोहितों के साथ जनता को भी भ्रमित कर रही है।
कर्नल अजय कोठियाल का कहना हैं कि प्रदेश सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के नाम पर कभी पुनर्विचार तो कभी समिति बनाने की बात कह कर तीर्थपुरोहितों को गुमराह कर रही है। देवस्थानम बोर्ड बनाकर सरकार हजारों सालों से चली आ रही सांस्कृतिक परंपराओं पर कानूनी चाबुक चलाना चाहती है।
केदारनाथ धाम में अभी भी तीर्थपुरोहित बोर्ड भंग करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार सेम मुखेम को प्रदेश का छठवां धाम बनाने पर विचार कर रही है। पहले से ही धाम प्रदेश में स्थापित हैं, उनके तीर्थपुरोहितों के हक पर सरकार ने बोर्ड गठित कर डाका डालने का काम किया है। सरकार जल्द ही अध्यादेश लाकर देवस्थानम बोर्ड को भंग करे।
मुख्यमंत्री से वार्ता करने के बाद 13 सितंबर को जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में प्रस्तावित प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है, लेकिन बोर्ड भंग होने तक केदारनाथ में क्रमिक अनशन जारी रहेगा। तीर्थपुरोहितों का कहना हैं कि सरकार मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं करती तो दोबारा उग्र आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।
केदारनाथ में केदार सभा के महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती के नेतृत्व में आंदोलन जारी रहा। इस दौरान क्रमिक अनशन पर बैठे आंदोलनकारी तीर्थपुरोहितों का कहना था कि देवस्थानम बोर्ड भंग होने के साथ ही आंदोलन भी खत्म किया जाएगा। उन्होंने सरकार पर बोर्ड गठन के नाम पर चारधाम यात्रा व्यवस्था को प्रभावित करने का आरोप लगाया। उनका कहना हैं कि कोरोनाकाल के चलते दो वर्ष से चारधाम यात्रा ठप है।
इस कारण धामों से जुड़े हक-हकूकधारी, व्यापारी व अन्य लोगों की आजीविका ठप पड़ी है, लेकिन सरकार की ओर से इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने जनहित में यात्रा का संचालन शुरू करने की मांग भी की। इस मौके पर राजकुमार शुक्ला, शशि अवस्थी, मनोज तिवारी, विमल तिवारी, रमाकांत शर्मा समेत अन्य मौजूद थे।
इधर, केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला का कहना हैं कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से हुई वार्ता व सफल आश्वासन के बाद जिला मुख्यालय में प्रस्तावित जुलूस-प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया है, लेकिन केदारनाथ में मांगपूर्ति तक आंदोलन जारी रहेगा।
आज होने वाली महारैली को तीर्थपुरोहितों ने किया स्थगित..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से 30 अक्टूबर तक मामले को सुलझाने के आश्वासन के बाद तीर्थपुरोहितों ने आज होने वाली महारैली को स्थगित कर दिया हैं। तीर्थ पुरोहितों का कहना हैं कि सीएम के आश्वासन के बावजूद तय समय तक मांग पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
आपको बता दें कि, देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर चारों धामों में तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन दो साल से चला आ रहा है। तीर्थ पुरोहितों की मांग है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग किया जाए। इस बोर्ड के गठन से तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। केदारनाथ यात्रा से घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी, होटल व्यवसायी जुड़े हैं और देवस्थानम बोर्ड के गठन से मजूदरों और होटल व्यापारियों का इसका बुरा असर पड़ेगा।
उनका कहना हैं कि देवस्थानम बोर्ड को पूर्ण रूप से भंग किया जाए और अगर सरकार ने 30 अक्टूबर तक इसे भंग करने का फैसला नहीं लिया तो तीर्थपुरोहित आंदोलन को और उग्र करेंगे। वहीं, केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला का कहना हैं कि मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद आज होने वाली प्रस्तावित महारैली को स्थगित की गई है। लेकिन केदारनाथ में मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात की..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात के बाद 22 महीनों से चल रही धरना स्थगित हो गयी है।शनिवार को देवस्थानम बोर्ड और चार धाम यात्रा को लेकर चारों धामों की पुरोहितों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद चारों धामों में देवस्थानम बोर्ड के विरोध में चल रहा धरना स्थगित कर दिया। आपको बात दे कि तीर्थ पुरोहितों ने आगामी 30 अक्टूबर तक धरने को स्थगित किया है। बता दें कि विगत 22 महीने से देवस्थानम बोर्ड को लेकर बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में धरना जारी था।
चारधाम देश-दुनिया के लिए आस्था के प्रमुख केंद्र..
मुख्यमंत्री का कहना है कि उत्तराखंड के चारधाम देश-दुनिया के लिए आस्था के प्रमुख केंद्र हैं। सरकार का काम मंदिरों में अवस्थापना विकास को सुदृढ़ बनाना है। चारधाम यात्रा जल्द शुरू हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति द्वारा चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जाएगा। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार को निर्णय लेना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यहित में जो होगा, वह कार्य किया जायेगा।
बैठक के बाद गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं चारधाम महापंचायत समिति के संयोजक सुरेश सेमवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमें आमंत्रित किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो हाई पावर कमेटी बनाई गई है, उसमें समिति की ओर से आठ लोगों को मेंबर बनाया जाएगा। जो रिपोर्ट होगी, उसके आधार पर आगे उचित समाधान निकाला जाएगा। चारधाम महापंचायत समिति द्वारा मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया गया है कि हमारा जो भी धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन है, हम इसे स्थगित करते हैं। 30 अक्टूबर 2021 तक हमें इसे स्थगित रखेंगे।
पिथौरागढ़ में ट्यूशन से लौट रहे बच्चों की साइकिल 200 मीटर गहरी खाई में गिरी, 1 की मौत..
उत्तराखंड: पिथौरागढ़ जिले में ट्यूशन पढ़ कर साइकिल से घर आ रहे दो छात्र साइकिल समेत 200 मीटर गहरी खाई में गिर गए। इस घटना में एक छात्र की मौत हो गई जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया साइकिल सहित दो छात्रों के खाई में गिरते ही ग्रामीण मौके पर पहुंचे। सूचना मिलते ही पुलिस और 108 एंबुलेंस भी मौके पर पहुंची और बचाव कार्य में जुट गयी।
जानकारी के अनुसार राज्य के पिथौरागढ़ जिले के थकलानी पभ्या गांव के रहने वाले कक्षा 11 का छात्र 16 वर्षीय सुमित कुमार पुत्र प्रकाश चंद्र और कक्षा नौ का छात्र 15 वर्षीय तनिश कुमार पुत्र शंकर लाल भाटगाड़ा प्रतिदिन घर से ट्यूशन पढऩे आते-जाते हैं। बृहस्पतिवार सायं भी दोनों ट्यूशन पढ़कर घर के लिए वापिस आ रहे थे लेकिन इस बीच अल्मोड़ा बेरीनाग मार्ग पर तहसील मुख्यालय गणाई गंगोली से कुछ दूर जोलियाखेत मोड़ पर साइकिल अनियंत्रित होकर दो सौ मीटर गहरी खाई में जा गिरी।
खाई में गिरे सुमित कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि तनिश कुमार गंभीर रूप से घायल था। घायल को ग्रामीण तत्काल खाई से निकाल कर सड़क तक लाए और 108 की मदद से तनिश को स्थानीय अस्पताल लाया गया और उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे हल्द्वानी रेफर किया गया।
16 सितंबर को होगी चारधाम यात्रा को लेकर सुनवाई..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटवाने के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में प्रार्थना की है। सुप्रीम कोर्ट से विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) वापस लेने के बाद सरकार अब यात्रा शुरू करने पर लगी रोक हटवाने के लिए प्रयासरत है। शुक्रवार को हाईकोर्ट के मुख्य स्थायी अधिवक्ता (सीएससी) चंद्रशेखर रावत ने इस मामले को उठाया।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सरकार की प्रार्थना को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई के लिए 16 सितंबर की तिथि तय की है। जून 2021 में हाईकोर्ट ने कोविड से संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अधूरी तैयारियों, स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी, कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के लिए पर्याप्त इंतजाम न होने के आधार पर चारधाम यात्रा पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। इसके बाद राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के इस आदेश को एसएलपी के जरिये सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सुनवाई नहीं हुई थी।
इधर, चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों और व्यवसायियों ने भी आंदोलन शुरू कर दिया था। बीते दिनों महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने मुख्य न्यायाधीश के समक्ष यात्रा पर लगी रोक हटाने के लिए प्रार्थना की थी। इस पर हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी विचाराधीन होने का हवाला देते हुए इस पर विचार करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी एसएलपी वापस ले ली थी।
यात्रा का सिर्फ एक महीना शेष..
चारधाम यात्रा का मुश्किल से एक महीना शेष बचा है। अक्तूबर-नवंबर में केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। इसके साथ ही चारधाम यात्रा छह माह के लिए स्थगित हो जाएगी। इस साल अप्रैल व मई में चारों धामों के कपाट विधि विधान से खुल गए थे, लेकिन तीर्थ यात्रियों को दर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई।
प्रदेश सरकार ने जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया था, लेकिन जून में हाईकोर्ट ने कोविड से संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अधूरी तैयारियों, स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी, कोविड प्रोटोकॉल के अनुपालन के लिए पर्याप्त इंतजाम न होने के आधार पर चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी
केदारनाथ के लिए पुराने मार्ग से भी शुरू होगी आवाजाही..
उत्तराखंड: वर्ष 2013 की आपदा में रामबाड़ा से केदारनाथ तक आठ किमी पैदल मार्ग नेस्तनाबूद हो गया था। इसके बाद रामबाड़ा से दायीं ओर की पहाड़ी पर नए मार्ग का निर्माण हुआ और अब पुराने मार्ग के पुनर्निर्माण की योजना है। इसका प्रस्ताव केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भेजा गया है और स्वीकृति मिलते ही इस पर कार्य शुरू हो जाएगा। मार्ग बनने के बाद धाम के लिए रामबाड़ा से केदारनाथ तक वन-वे व्यवस्था लागू करने का विकल्प भी खुल जाएगा। यह पैदल मार्ग पुराने पैदल मार्ग से लगभग एक किमी अधिक लंबा होगा।
आपको बता दे कि जून 2013 की केदारनाथ आपदा में रामबाड़ा से केदारनाथ तक पैदल मार्ग मंदाकिनी नदी के सैलाब में समा गया था। जिस पहाड़ी से यह मार्ग गुजरता था, उस पर भूस्खलन जोन भी विकसित हो गए थे। ऐसे में प्रशासन ने दायीं ओर की पहाड़ी पर रामबाड़ा से केदारनाथ तक नौ किमी नए पैदल मार्ग का निर्माण कराया। वर्तमान में इसी मार्ग से आवाजाही होती है। लेकिन, इस मार्ग पर हिमखंड सक्रिय रहते हैं और यात्राकाल में उनके टूटकर मार्ग पर आने का खतरा बना रहता है। साथ ही इस मार्ग पर चढ़ाई भी काफी तीखी है, जिससे आवाजाही में यात्रियों को खासी दिक्कतें होती हैं।
यही वजह है कि आपदा में बहे मार्ग के पुनर्निर्माण की मांग समय-समय पर उठती रही है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में इस मार्ग का पुनर्निर्माण भी शामिल है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, लोनिवि शाखा केदारनाथ के सहायक अभियंता राजवेंद्र सिंह का कहना हैं कि इसके तहत केदारनाथ से गरुड़चट्टी तक 3.5 किमी मार्ग बन चुका है।
अब रामबाड़ा से गरुड़चट्टी तक 5.3 किमी मार्ग निर्माण का प्रस्ताव केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को भेजा गया है। अब यह मार्ग लगभग नौ किमी लंबा होगा, जबकि पूर्व में इसकी लंबाई आठ किमी थी। बताया कि इस पहाड़ी पर मंदाकिनी नदी से लगभग 1.5 किमी ऊपर तक भूस्खलन जोन सक्रिय हैं। इसे देखते हुए कार्यदायी संस्था ने पैदल मार्ग को भूस्खलन जोन के ऊपर से बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है।
रामबाड़ा से केदारनाथ तक पुराने पैदल मार्ग के निर्माण से यात्रियों को काफी फायदा होगा। घोड़ा-खच्चर और पैदल यात्रियों के एक साथ गुजरने के कारण मार्ग पर काफी भीड़ हो जाती है। ऐसे में घोड़ा-खच्चर की टक्कर से हादसे भी होते रहते हैं। साथ ही पैदल यात्रियों को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। घोड़ा-खच्चर की लीद से मार्ग पर गंदगी व कीचड़ भी होता है, ऐसे में नया मार्ग यात्रा को सुलभ बनाने का कार्य करेगा।
बद्रीनाथ हाईवे पर मची तबाही, खाई में लटका ट्रक..
उत्तराखंड: बृहस्पतिवार की रात उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में हुई मूसलाधार बारिश ने बद्रीनाथ हाईवे पर तबाही मचा दी। यहां सिरोहबगड़ में भारी मलबा आने से हाईवे बंद हो गया और उक्त मलबे में कई वाहन फंस गए हैं। वहीं एक ट्रक खाई की ओर लटक गया है। आपको बता दें कि मौसम विभाग ने शुक्रवार और शनिवार को राज्य में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। रुद्रप्रयाग जिले में भी रातभर मूसलाधार बारिश हुई। यहां कई कस्बों के गांवों में जन-जीवन प्रभावित हुआ है।
ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सिरोहबगड़ में मलबा आने से अवरूद्ध हो गया है। सिरोहबगड़ में मलबे की चपेट में आकर एक जेसीबी नदी में गिर गई और ट्रक सहित कई वाहन मलबे में फंस गए। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे भी मेदनपुर में मलबा आने से बंद है। कुंड-ऊखीमठ-चोपता-मंडल-चमोली राजमार्ग पर यातायात सुचारू है। बद्रीनाथ हाईवे चमधार, लामबगड़ और पगलनाला में बंद है। चमोली जनपद में भी गुरुवार रात को भारी बारिश हुई है।
वहीं अगर मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश में बारिश का सिलसिला कुछ और दिन चलता रहेगा। आज शुक्रवार और कल शनिवार को राज्य में भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए प्रदेश में ऑरेज अलर्ट जारी किया है। हालांकि राजधानी देहरादून में शुक्रवार की सुबह मौसम साफ रहा।
मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को राज्य के सभी मैदानी जिलों हरिद्वार, नैनीताल, पंतनगर, ऊधमसिंहनगर सहित और पर्वतीय क्षेत्रों पौड़ी, पिथौरागढ़, मुक्तेश्वर, न्यू टिहरी आदि सभी जिलों में तेज बौछार के साथ भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।वहीं बद्रीनाथ हाईवे पर लामबगड़ नाले में गुरुवार को करीब 18 घंटे बाद वाहनों की आवाजाही सुचारु हो पाई। बुधवार को देर शाम करीब आठ बजे यहां हाईवे बाधित हो गया था।