भगवान बद्री विशाल के दर्शन को पहुंचीं विधानसभा अध्यक्ष..
उत्तराखंड: विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने आज सुबह बद्रीनाथ धाम पहुंच कर विशेष पूजा-अर्चना की। उन्होंने यहां भगवान बद्री विशाल का आशीर्वाद लिया। साथ ही प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की हैं। बद्रीनाथ में बर्फबारी के बीच उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने गुरुवार सुबह गर्भग्रह में भगवान के दर्शन किए।
विधानसभा अध्यक्ष अपने गढ़वाल के तीन दिवसीय भ्रमण के दौरान बुधवार को भराड़ीसैंण में आयोजित राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम में सम्मिलित होने के बाद देर रात्रि बद्रीनाथ पहुंचीं। यहां उन्होंने विधिवत पूजा अर्चना और प्रदेश की उन्नति व खुशहाली की कामना की। इससे पूर्व बद्रीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति के अधिकारियों ने बद्रीनाथ धाम पहुंचने पर विधानसभा अध्यक्ष का स्वागत किया और तुलसी माला, प्रसाद व बद्रीनाथ के अंगवस्त्र भेंट किए।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने श्रद्धालुओं से बातचीत करते हुए उनकी यात्रा का जायजा भी लिया। इसके बाद उन्होंने देश के अंतिम गांव माणा का भ्रमण किया और भोटिया जनजाति की महिलाओं से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी|
पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा आंदोलन का इतिहास-सीएम धामी..
उत्तराखंड: सीएम धामी राज्य स्थापना दिवस के लिए कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इसके अतिरिक्त, वह गैरसैंण की ग्रीष्मकालीन राजधानी की यात्रा करेंगे, जहां भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में आयोजित राज्य स्थापना दिवस के समारोह में शामिल होंगे। बुधवार को स्थापना दिवस की सुबह सीएम पुष्कर सिंह धामी सबसे पहले कचहरी शहीद स्मारक पहुंचे। जहां उन्होंने शहीदों को सम्मानित किया। इसके बाद सीएम धामी देहरादून पुलिस लाइन गए और रैतिक परेड में शामिल हुए। वही राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनी) ने भी रैतिक परेड की सलामी ली ।
इस अवसर पर सीएम धामी ने घोषणा की कि आंदोलन के इतिहास को पाठ्य पुस्तकों में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने एक ही समय में 19 हजार से अधिक भर्तियां कराने का उल्लेख किया। उनका कहना हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य के अनुरूप उत्तराखंड इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक होगा। 2025 तक हम इसे देश के सर्वश्रेष्ठ राज्य में बदल देंगे। हमारी सरकार 2025 तक राज्य को क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए विकल्प रहित संकल्प का मूलमंत्र अपनाया है।
राज्यपाल ने जनता से मांगे दो संकल्प..
राज्य स्थापना दिवस पर राज्यपाल ने जनता से दो संकल्प मांगे। उनका कहना हैं कि ट्रैफिक नियमों का पालन करें और उत्तराखंड को स्वच्छता का रोल मॉडल बनाना है। हर घाट गली और गांव को साफ रखना है। इसके लिए सभी को साथ आना होगा।
सरकार की उपलब्धियां गिनाईं..
सीएम धामी का कहना हैं कि उत्तराखंड के युवा हमारा भविष्य हैं। इसीलिए हमने युवाओं के साथ धोखा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। भर्तियों में घोटाला करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। वर्तमान में जारी भर्ती कैलेंडर के अनुसार सात हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में खेलों और एथलीटों को समर्थन देने के लिए एक नई खेल नीति पेश की गई है। 8 से 14 वर्ष की आयु के युवा एथलीटों को भी रुपये की खेल छात्रवृत्ति की पेशकश की जाती है। 1500 प्रति माह। भ्रष्टाचार से निपटने के लिए भ्रष्टाचार मुक्त ऐप-1064 पेश किया गया है। इसके अतिरिक्त, वीरता के लिए राज्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले सैनिकों को दिए जाने वाले एकमुश्त वजीफे को बढ़ाया गया है।
उत्तराखंड के छोटे बच्चों की शारीरिक संरचना में बड़ा बदलाव, NFHS-5 रिपोर्ट में हुए कई खुलासे..
उत्तराखंड: प्रदेश में छोटे बच्चों की शारीरिक संरचना मे बड़ा बदलाव सामने आया है। छोटे बच्चों की लंबाई में पहली बार बड़ा सुधार हुआ है। इससे भविष्य में युवाओं के सामने ऊंचाई की समस्या नहीं रहेगी। सेना से लेकर वर्दी वाली भर्तियों के मानकों में भी उन्हें लंबाई में छूट की जरूरत नहीं पड़ेगी। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-एनएफएचएस (NFHS) पांच की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में पांच साल तक के 25 प्रतिशत बच्चे औसत से कम लंबे हैं।
जबकि पिछली नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे रिपोर्ट में यह आंकड़ा 33 प्रतिशत था। यानी पिछले पांच साल में राज्य के बच्चों की सेहत में सुधार हुआ है और आठ प्रतिशत बच्चों में बौनेपन (औसत से कम ऊंचाई) की समस्या कम हुई हैं। राज्य में न केवल बच्चों की लंबाई बढ़ी है, बल्कि उनके वजन में भी इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन दिनों नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है और विशेषज्ञों ने राज्य के इस इंडिकेटर में हुए सुधार को भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना है। राज्य में बाल स्वास्थ्य के कार्यक्रम देख रहे डॉ. कुलदीप मर्तोलिया का कहना हैं कि बच्चों की लंबाई के मामले में राज्य में पहली बार सुधार आया है।
हिमाचल में 30 फीसदी बच्चों की लंबाई कम: हिमाचल से यदि उत्तराखंड की तुलना की जाए तो राज्य की स्थिति बेहतर है। उत्तराखंड में 25 फीसदी बच्चे अब कम लंबाई की समस्या से जूझ रहे हैं जबकि पड़ोसी राज्य में ऐसे बच्चों की संख्या 30 प्रतिशत है। उत्तराखंड में भी राज्य गठन के बाद पहली बार बच्चों की लंबाई के मामलों में सुधार आया है।
न्यूट्रीशन प्रोग्राम की वजह से आया सुधार..
बाल रोग विशेषज्ञ और पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस रावत का कहना हैं कि पांच साल के बच्चे की औसत लंबाई 105 से 110 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए। जबकि उसका वजन 18 से 20 किलो के बीच होना चाहिए। उनका कहना है कि बच्चों की सेहत सुधरने के पीछे सबसे बड़ा कारण न्यूट्रीशन और टीकाकरण है। गर्भवती महिला और नवजात पर काफी ध्यान दिया जा रहा है। न्यूट्रीशन और टीकाकरण के अलावा मिड डे मील, टेक होम राशन, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य के अनेक कार्यक्रम हैं जिसके तहत सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में बच्चों की सेहत सुधारने के लिए कई प्रोग्राम संचालित किए जा रहे हैं। यही वजह है कि फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में हमारे इंडिकेटर पहले के मुकाबले बेहतर हुए हैं। स्वास्थ्य का क्षेत्र सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में है।
निःसहाय लोगों की सहायता करना प्राधिकरण का उद्देश्य: अनामिका..
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जागरूकता शिविर का आयोजन..
रुद्रप्रयाग। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से ‘हक हमारा भी तो है‘ के अंतर्गत जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अनामिका सिंह ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य निःसहाय और आर्थिक रूप से विपन्न लोगों तथा महिलाओं की सहायता करना है। उन्होंने बताया कि पैन इंडिया कार्यक्रम के तहत प्राधिकरण विभिन्न जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है, जिसके तहत जेल में निरुद्ध कैदियों की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।
साथ ही उन्हें विधिक जानकारी प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण के माध्यम से अनुसूचित जाति-जनजाति, महिलाओं-बच्चों, बुजुर्गों तथा कैदियों आदि को निःशुल्क विधिक सहायता तथा अधिवक्ता प्रदान किए जाते हैं।
वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट ने घरेलू हिंसा के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि जो भी महिला किसी की प्रकार हिंसा से पीड़ित है, वह वन स्टॉप सेंटर में आकर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती है। उसकी समस्या का तुरंत निराकरण किया जाएगा। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने बच्चों से संबंधित जानकारी प्रदान की।
उन्होंने कहा कि बाल श्रम और नाबालिक विवाह एक गंभीर अपराध है और इन मामलों में बहुत जागरुक होने की जरूरत है। खंड विकास अधिकारी प्रवीण भट्ट ने कहा कि हर व्यक्ति को विधिक जानकारी होना आवश्यक है और इस प्रकार के जागरुकता शिविरों का आयोजन किया जाना चाहिए, ताकि समाज का हर वर्ग जागरुक हो सके। बाल विकास परियोजना अधिकारी देवेश्वरी कुंवर ने बाल विकास में संचालित समस्त योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।
मंच का संचालन करते हुए रिटेनर अधिवक्ता यशोदा ने विभिन्न कानूनों की जानकारी प्रदान की। शिविर में लगभग 30-40 विधिक मामलों का मौके पर निस्तारण किया गया तथा स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शिविर में आये हुए ग्रामीणों एवं महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया। शिविर में क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधि, महिलाएं, आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकत्री सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
इगास पर सीएम ने की प्रदेशवासियों की सुख- समृद्धि एवं खुशहाली की कामना..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती गीता धामी के साथ इगास के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में गौ-पूजन कर प्रदेशवासियों की सुख- समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की |मुख्यमंत्री ने देवउठनी एकादशी के इस पावन अवसर पर तुलसी पूजन भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गाय सनातन संस्कृति के साथ ही समस्त मानव जाति के लिए पूजनीय और आदरणीय है | भारतीय संस्कृति में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। गाय को सुख, सौभाग्य व समृद्धि प्रदान करने वाली तथा समस्त मनोकामनाएं को पूर्ण करने वाली माना गया है | मुख्यमंत्री श्री धामी ने इगास की बधाई देते हुए लोक पर्व इगास को उत्साह के साथ मनाने का आह्वान किया है। उन्होंने विशेषकर प्रदेश की युवा पीढ़ी का आह्वान किया है कि वे अपनी प्रकृति-प्रेमी एवं पर्यावरण हितैषी परंपराओं व संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए आगे आएं |
‘स्पेशल ऑपरेशन’ शुरू होने से पहले मचा बवाल, डीजीपी अशोक कुमार ने शांत कराया विवाद..
उत्तराखंड: देवभूमि उत्तराखंड में पुलिस के ‘स्पेशल ऑपरेशन’ शुरू होने से पहले ही बवाल मच गया। ‘ऑपरेशन’ के नाम पर विवाद हुआ था। डीजीपी अशोक कुमार ने नाम बदला। उत्तराखंड के तराई-भाबर में अपराधों पर काबू पाने को डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे का ऐलान विवादों में आ गया। अपराधों पर नियंत्रण को उन्होंने शुक्रवार सुबह ऑपरेशन ‘ठोको स्क्वॉयड’ का ऐलान किया।
डीजीपी अशोक कुमार के स्क्वॉयड के नाम पर आपत्ति जताने के बाद दोपहर को इसका नाम ‘स्पेशल स्क्वॉयड’ और बाद में ‘एंटी न्यूसेंस स्क्वॉयड’ कर दिया गया। हल्द्वानी में शुक्रवार को पुलिस ब्रीफिंग में डीआईजी कुमाऊं रेंज डॉ.नीलेश आनंद भरणे ने अपराध पर लगाम कसने के लिए स्पेशल ऑपरेशन चलाने का ऐलान किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के लिए 100 पुलिसकर्मी बुलाए गए हैं। उनका कहना हैं कि यह ठोको स्क्वॉयड महाराष्ट्र की तर्ज पर काम करेगा। जैसे ही यह बात डीजीपी तक पहुंची, उन्होंने नाम पर आपत्ति जताते हुए इसे बदलने को कहा। इसके बाद अभियान का नाम बदल कर ‘स्पेशल स्क्वॉयड’ कर दिया गया। अंतत ऑपरेशन को ‘एंटी न्यूसेंस स्क्वॉयड’ नाम दिया गया। इस संबंध में डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि स्पेशल स्क्वॉयड का नाम ठोको रखना उचित नहीं था। इस नाम से अच्छा संदेश नहीं जाता। इसके चलते नाम को बदलने के निर्देश दे दिए गए।
उत्तराखंड में बनेंगे पांच नए मिनी शहर..
उत्तराखंड: राज्य के पांच प्रमुख शहरों में सरकार पांच नई टाउनशिप यानि मिनी शहर विकसित करने जा रही है। वर्तमान शहरों में बढ़ती आर्थिक गतिविधियों की वजह से बढ़ रहे आबादी के दबाव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। चंडीगढ़ की मोहाली सिटी की तर्ज पर इन शहरों को विकसित किया जाएगा। इनमें रिहायशी क्षेत्रों के साथ ही आईटी कंपनियों और अन्य रोजगार परक संस्थानों के लिए विशेष रूप से स्थान आरक्षित होगा।
सीएम पुष्कर सिंह धामी के अनुसार इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए विशेषज्ञों की टास्क फोर्स गठित की गई है। ये विशेषज्ञ जिलावार आने वाले प्रस्तावों का अध्ययन करके टाउनशिप के विकास के लिए सुझाव देंगे। सरकार ने पांच साल के भीतर ये पांच शहर विकसित करने का लक्ष्य रखा है। जिलावार अधिकारियों से टाउनशिप के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। इन प्रस्तावों का अध्ययन करने के बाद सबसे उपयुक्त स्थान का चयन किया जाएगा।
इसलिए जरूरत राज्य में इस वक्त नगरीय क्षेत्रों की संख्या 100 से ऊपर है। प्रमुख रूप ये देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और यूएसनगर में ही आबादी का दबाव ज्यादा है। हालिया कुछ वर्षों में औद्योगिक और कारोबारी गतिविधियां बढ़ी हैं। आईटी, फार्मा समेत विभिन्न सेक्टर में संभावनाओं में भी काफी इजाफा हुआ है। इसे देखते हुए आवश्यक बुनियादी ढांचे और संसाधनों से पूर्ण क्षेत्रों की जरूरत महसूस हो रही है। कुछ राज्यों में पहले ही नई टाउनशिप विकसित करने के प्रयोग हो चुके हैं और काफी सफल भी रहे हैं।
चंड़ीगढ़ पर आबादी का दबाव बढ़ने पर वहां 19 किलोमीटर दूर मोहाली को बसाया गया था। आज मोहाली एक शानदार शहर का रूप से ले चुका है। चंडीगढ़ की तर्ज पर इसे सेक्टरों में विभाजित करते हुए विकसित किया गया। इस वक्त 100 से ज्यादा सेक्टर हैं। मोहाली की पहचान इसके अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम के साथ साथ आईटी सेक्टर के लिए भी है।
नए शहर की योजनाएं परवान नहीं चढ़ी
उत्तराखंड में नई टाउनशिप बनाने की योजना अब तक तक परवान ही नहीं चढ़ पाई। पूर्व में एनडी तिवारी सरकार ने नया देहरादून और हरीश रावत सरकार ने पछवादून क्षेत्र में स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारी की गई थी।
नई टाउनशिप योजना की खास बातें..
1- आर्थिक गतिविधियों वाले शहरों में किया जाएगा नई टाउनशिप का विकास
2- मोहाली की तर्ज पर इनका सेक्टर के अनुसार बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा
3- कम से कम भूमि पर ज्यादा से ज्यादा संसाधन विकसित करने पर रहेगा फोकस
4- सड़क,बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधा को दी जाएगी सर्वोच्च प्राथमिकता
5- दूसरे राज्यों के लिए एक माडल सिटी पेश करने की तैयारी
सीएम धामी का कहना हैं कि राज्य के शहरों में आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। भविष्य की संभावनाओं के देखते हुए हमें अपने शहरों को भी विकसित और विस्तारित करना होगा। इसके लिए पांच साल में पांच नए शहर विकसित करने का निर्णय किया गया है। इस योजना पर तेजी से काम जारी है। प्रभारी सचिव आवास एसएन पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्यसचिव की अध्यक्षता में विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जो नए शहर बसाने की संभावना तलाशेगी। इसमें अभी विभागों के सचिव शामिल किए गए हैं। टास्क फोर्स सभी विभागों से प्रस्ताव मांग रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर लगाया स्टे..
उत्तराखंड: प्रदेश सरकार की नौकरियों में राज्य की महिलाओं के लिए 30% क्षैतिज आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल विशेष अनुग्रह याचिका (एसएलपी) पर आज सुनवाई हुई। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सीएम धामी का कहना हैं कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हैं। राज्य की महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है। हमने महिला आरक्षण को यथावत बनाए रखने के लिए अध्यादेश लाने की भी पूरी तैयारी कर ली थी। इसके साथ ही हमने हाईकोर्ट में भी समय से अपील करके प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की थी।
आपको बता दे कि हाईकोर्ट के फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। एक याचिका में उच्च न्यायालय ने प्रदेश की महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण वाले शासनादेशों पर रोक लगा दी थी। कोर्ट के स्टे के बाद राज्य सरकार पर क्षैतिज आरक्षण को बनाए रखने का दबाव था। सीएम धामी का कहना हैं कि सरकार महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण की रक्षा के लिए एक विधेयक पारित करेगी, और सर्वोच्च न्यायालय में अपील करेगी। राज्य कैबिनेट की बैठक में इन दोनों विकल्पों को स्वीकार किया गया और अध्यादेश लाने का फैसला किया गया।
अध्यादेश के प्रस्ताव को सीएम की मंजूरी..
प्रदेश मंत्रिमंडल ने महिला क्षैतिज आरक्षण के लिए अध्यादेश लाने की सहमति दी थी। प्रस्तावित अध्यादेश को सीएम धामी की मंजूरी मिल गई है। कार्मिक एवं सतर्कता विभाग की ओर से यह सुझाव विधानसभा को भेजा गया है। बता दे कि सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी के सामने अध्यादेश लाकर पैरवी को मजबूती मिल सकती थी। वर्तमान परिस्थिति में क्षैतिज आरक्षण वाले शासनादेशों के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पैरवी करेगी।
टिहरी जेल शिफ्ट किया गया अंकिता का आरोपी..
उत्तराखंड: अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में जहां एक महीना बीत जाने के बाद भी जांच जारी है। वहीं दो आरोपियों को खांड्यूसैंण पौड़ी के जिला कारागार से शिफ्ट कर दिया गया है। अंकिता के हत्यारे सौरभ को टिहरी जेल भेजा गया है। तो वहीं एक अन्य आरोपी को देहरादून शिफ्ट किया गया है। ऐसे में कई सवाल उठ रहे है कि ये बदलाव क्यों किया गया है। अंकिता मर्डर केस के दो आरोपियों को बुधवार को पौड़ी जिला कारागार से शिफ्ट कर दिया गया है। जबकि एक आरोपी अभी पौड़ी जेल में ही है। हत्याकांड के तीनों आरोपी बीती 23 सितंबर से पौड़ी जिला कारागार में बंद थे। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 30 अक्तूबर को तीनों आरोपियों पर गैंगस्टर ऐक्ट भी लगा दिया था।हत्याकांड के आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में दूसरी जगहों पर शिफ्ट किया गया।
बताया जा रहा है कि अंकिता भंडारी हत्याकांड का मुख्य आरोपी पुलकित आर्य समेत उसके दो साथी आरोपी जेल में बंद हैं। वहीं अंकिता भंडारी हत्याकांड में अब सबको एसआईटी की चार्जशीट दाखिल करने का इंतजार है। इस केस में सबसे अहम चार्जशीट को ही माना जा रहा है। हालांकि हत्याकांड के एक माह गुजर जाने के बाद भी अब तक इस मामले में एसआईटी चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई है। जिसको लेकर लगातार लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है।
उत्तराखंड में कई IPS अधिकारियों के तबादले..
उत्तराखंड: प्रदेश में शासन से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है। शासन ने कई आईपीएस अधिकारियों के तबादले कर दिए है। बताया जा रहा है कि पुलिस विभाग में सात आईपीएस अफसरों के तबादले किए गए हैं। इसके साथ ही तीन अन्य पुलिस अधिकारियों के भी ट्रांसफर किए गए हैं। जिसके आदेश जारी किए गए है।आपको बता दे कि एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह को हरिद्वार जिले का एसएसपी बनाया गया है।
वहीं हरिद्वार के एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत को पुलिस उप महानिरीक्षक अभिसूचना एवं सूचना के साथ पुलिस उप महानिरीक्षक कारागार की जिम्मेदारी दी गई है। बताया जा रहा है कि आईपीएस अजय सिंह को बनाया गया हरिद्वार का नया एसएसपी, आईपीएस आयुष अग्रवाल एसएसपी एसटीएफ, आईपीएस योगेंद्र सिंह रावत बने डीआईजी कारागार, आईपीएस हिमांशु कुमार वर्मा एसपी बागेश्वर, आईपीएस प्रमेन्द्र डोभाल प्रभारी एसपी चमोली,आईपीएस अमित श्रीवास्तव एसपी पुलिस मुख्यालय बनाए गए।