देहरादून। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये चारधाम परियोजना के सम्बन्ध में बैठक की। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि चारधाम परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो सामरिक दृष्टि से भी अति महत्वपूर्ण है। इसे निर्धारित समय के अन्तर्गत पूरा किए जाने के लिए तेजी से कार्य किए जाएं। राज्य एवं केन्द्र स्तर पर भूमि अधिग्रहण, वन एवं पर्यावरण आदि की क्लीयरेंस के लम्बित प्रकरणों को समयबद्धता के साथ निपटाया जाए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को समय से पूरा करने के लिए केन्द्र एवं राज्य के अधिकारी आपसी समन्वय से काम करें। केन्द्र एवं राज्य स्तर के सम्बन्धित अधिकारी लगातार बैठकें आयोजित कर आपत्तियों का निस्तारण करें।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। चारधाम यात्रा मार्ग सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के कारण इसका तेजी पूर्ण होना और भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गैरसैण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने गडकरी से गैरसैण को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-87 एवं राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 309-ए को विकसित कर टू-लेन करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि भराड़ीसैण ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के फलस्वरूप यातायात बढ़ने की सम्भावना है, जिसके दृष्टिगत नेशनल हाईवे-87 का चैड़ीकरण अपरिहार्य है। केन्द्रीय मंत्री ने इस पर सैद्धान्तिक सहमति देते हुए इसकी डीपीआर मंत्रालय को शीघ्र उपलब्ध करवाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 309-ए के टू-लेन होने से पिथौरागढ़, मुनस्यारी, डीडीहाट, गंगोलीहाट, चैकोड़ी बेरीनाग आदि पर्यटक स्थल जुड़ जाएंगे, जो पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि इस मार्ग के 208 किमी लम्बाई के इस भाग को 02 लेन चैड़ीकरण हेतु डीपीआर एवं भूमि अधिग्रहण की स्वीकृति प्रदान की गयी है। उन्होंने कहा कि चैकोड़ी से अल्मोड़ा तक प्रथम चरण में कुल 126 किमी लम्बाई की डीपीआर गठन की कार्यवाही गतिमान है।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मंत्रालय द्वारा चारधाम परियोजना से सम्बन्धित सभी प्रकार की क्लीयरेंस का निस्तारण तेजी के साथ किया जा रहा है।
सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह ने कहा कि उत्तराखण्ड का पूरा क्षेत्र सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। चारधाम परियोजना सभी प्रकार के मार्गों के काम को तेजी से पूर्ण करने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार के अधिकारियों को अपनी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। सभी प्रकार की क्लीयरेंस के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी निभाते हुए क्लीयरेंस एवं आपत्तियों का निस्तारण करना होगा।
बैठक में बताया गया कि कुल 12072 करोड़ लागत एवं कुल 826 किमी लम्बाई की इस चारधाम परियोजना का शुभारम्भ 27 दिसम्बर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था। इस महत्वकांक्षी परियोजना के अन्तर्गत 350 किमी लम्बाई का कार्य पूर्ण हो चुका है। बैठक में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, वन एव पर्यावरण मंत्रालय, बीआरओ और उत्तराखण्ड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हरेला पर देहरादून में 1 घंटे में करीब साढ़े तीन लाख पौधों का रोपण
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरुवार को हरेला पर्व के अवसर पर राजधानी देहरादून के रायपुर में उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोकगायक स्वर्गीय जीत सिंह नेगी जी की पुण्य स्मृति में पौधा लगा कर स्मृति वन का उद्घाटन किया। प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने सभी से अनुरोध किया कि वे अपने दिवंगत परिजनों और मित्रों की स्मृति एवं किसी भी शुभअवसर पर एक पौधा अवश्य लगाएं। उन्होंने कहा कि हमें न केवल पौधे लगाने हैं बल्कि इनकी उचित देखभाल भी सुनिश्चित करनी है।
मुख्यमंत्री ने धाद संस्था को उत्तराखण्ड से सम्बन्धित ऐसे लोगों की याद में स्मृति वन लगाने पर बधाई दी, जिन्होंने उत्तराखण्ड की आंचलिक संस्कृति, बोली भाषाओं के संरक्षण एवं इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि इन वृक्षों को सुरक्षित रखना हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने गाँव के प्रधान एवं क्षेत्रवासियों से इन पौधों के संरक्षण के लिए एक-एक, दो-दो पौधे गोद लेने का भी आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही पौधे कम लगाए जाएं परन्तु जितने भी लगाए जाएं उनको जीवित रखने का हर सम्भव प्रयास किया जाना चाहिए। इसके लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इससे जुड़ना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण का संकल्प लिया गया था। उसके बाद हरेला के पर्व के अवसर अल्मोड़ा जिले की कोसी नदी की घाटी में 1 घंटे में 1 लाख 67 हजार पौधे लगाए गए थे। अगले वर्ष उसी नदी के किनारे 2 लाख 67 हजार पौधे लगाए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष हरेला के लिए हमने बहुत बड़ा लक्ष्य रखा था परन्तु कोरोना महामारी के कारण, सामाजिक दूरी बनाए रखने के कारण यह सम्भव नहीं हो पाया। फिर भी इस वर्ष देहरादून जिले में 2 लाख 75 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था, इसमें आज लगभग 3 लाख 50 हजार पौधे लगाए गए हैं। इसमें 60 हजार से अधिक फलदार पौधे हैं। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन व वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को भी बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने प्रदेश को हराभरा बनाने के लिए अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक घर में नींबू, अमरूद और पपीता के पौधे अवश्य लगाने जाने चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद होते हैं।
स्थानीय विधायक उमेश शर्मा काऊ ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की बधाई देते हुए कहा कि इन पौधों की देखभाल करने का अनुरोध किया। इससे पहले मुख्यमंत्री रावत, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने मुख्यमंत्री आवास में रूद्राक्ष सहित अन्य प्रजातियों के पौधे लगाए।