उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और सौंदर्य को दिखाएगी फिल्म
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में हिंदी फ़िल्म “5 सितम्बर” का पोस्टर लॉन्च किया। यह फ़िल्म पूर्णतः उत्तराखंड में फिल्माई गई है तथा राज्य की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य और स्थानीय प्रतिभा को राष्ट्रीय पटल पर प्रदर्शित करने का सशक्त प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड फिल्म निर्माण का पसंदीदा गंतव्य बन रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार फिल्म नीति के तहत हर संभव सहयोग प्रदान कर रही है, ताकि अधिक से अधिक निर्माता–निर्देशक उत्तराखंड की धरती पर फिल्म निर्माण करें और राज्य के युवाओं को रोजगार और मंच प्राप्त हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की फ़िल्में न केवल उत्तराखंड की प्रतिभा को प्रोत्साहित करती हैं, बल्कि पर्यटन एवं सांस्कृतिक संवर्धन में भी सहायक सिद्ध होती हैं। उन्होंने फिल्म निर्माण टीम को शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की कि यह फ़िल्म दर्शकों के मन को छूने में सफल होगी।
इस अवसर पर फिल्म के डायरेक्टर कुनाल शमशेर मल्ला, कलाकार संजय मिश्रा, ब्रिजेंद्र काला, ऋषभ खन्ना, भुवन खन्ना और दीपराज राणा मौजूद थे।
बैठक में मौके पर ही कई मांगों को स्वीकृति, अधिकारियों को दिए तत्काल निर्देश
देहरादून— जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार, कलेक्ट्रेट में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों के साथ एक विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने परिजनों की समस्याएं सुनीं और कई मांगों पर मौके पर ही कार्रवाई के निर्देश दिए।
बैठक में देरी के लिए क्षमा याचना करते हुए डीएम ने बताया कि वे अपने कार्यालय में कुछ बुजुर्ग याचियों से बातचीत में व्यस्त थे, जिससे उन्हें बैठक में पहुंचने में विलंब हुआ।
कुछ प्रमुख निर्णय व निर्देश:
निःशुल्क बस यात्रा: स्मार्ट सिटी लिमिटेड की बसों में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों के लिए निशुल्क यात्रा की स्वीकृति मौके पर ही दी गई। रोडवेज बसों में मुफ्त यात्रा को लेकर जीएम रोडवेज से पत्राचार करने का आश्वासन भी दिया गया।
स्थलों का नामकरण: स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर चौराहों, स्कूलों, सड़कों एवं अन्य स्थानों का नामकरण करने की मांग पर जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य, शहरी विकास, लोनिवि एवं शिक्षा विभागों से पत्राचार करने की बात कही।
स्मारकों का जीर्णोद्धार: पुरानी जेल परिसर में स्थित स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारक के जीर्णोद्धार की स्वीकृति देते हुए डीएम ने मौके पर ही स्टीमेट बनाने के निर्देश दिए। खाराखेत के ऐतिहासिक स्थल के सौंदर्यीकरण के लिए DPR बन चुकी है और कार्य जल्द शुरू होगा।
पेंशन एरियर भुगतान: वर्ष 2021 में बढ़ी पेंशन का एरियर न मिलने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने मुख्य कोषाधिकारी को सभी 10 लाभार्थियों को तत्काल एरियर भुगतान करने के निर्देश दिए। मुख्य कोषाधिकारी ने आश्वासन दिया कि भुगतान आज ही कर दिया जाएगा।
अभद्रता की शिकायत: रोडवेज कंडक्टर द्वारा अभद्रता की शिकायत पर डीएम ने GM परिवहन व RTO को कंडक्टरों के प्रशिक्षण का निर्देश दिया।
स्वास्थ्य सुविधाएं: अस्पतालों में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों के लिए विशेष पंजीकरण खिड़की खोलने, अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति और चिकित्सकीय स्टाफ को सम्मानपूर्वक व्यवहार करने के निर्देश भी दिए गए।
भूमि आवंटन एवं भवन निर्माण: 100 वर्गमीटर भूमि आवंटन पर अमल हेतु नगर निगम मेयर को पत्र भेजने की बात कही गई। साथ ही एमडीडीए और वन विभाग को आवंटित भूखंडों पर शीघ्र निर्माण और पेड़ स्थानांतरण कार्यवाही के निर्देश दिए गए।
सेनानी भवन विवाद का समाधान: पुरानी जजी परिसर में निर्माणाधीन सेनानी भवन में उत्पन्न विवाद का मौके पर ही समाधान करते हुए जिलाधिकारी ने सभी विभागों को समन्वय स्थापित कर शीघ्र कार्य प्रारंभ करने को कहा।
बैठक में प्रमुख लोग उपस्थित रहे:
सचिव एमडीडीए मोहन सिंह बर्निया, एडीएम प्रशासन जयभारत सिंह, अपर नगर आयुक्त अवास रजा, एसडीएम हरिगिरि एवं अपर्णा सिंह, मुख्य कोषाधिकारी नीतू भंडारी सहित स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारी अवधेश पंत, गोवर्धन प्रसाद शर्मा, महिपाल सिंह रावत, विजय कुमार गर्ग, यशपाल सिंह रावत और अन्य लोग शामिल रहे।
शिवभक्तों को सम्मानित कर बोले मुख्यमंत्री: यह मेरे जीवन का सौभाग्य है
हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार पहुॅचकर ओम पुल के निकट गंगा घाट पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया तथा देशभर से आए शिवभक्त कांवड़ियों के चरण धोकर स्वागत किया व उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने आयोजित भजन सन्ध्या में भी प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि शिव भक्त कांवड़ियों का पैर पखार कर उनका आशीर्वाद लेने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने सफल आयोजन के लिए हरिद्वार पुलिस सहित सभी प्रशासनिक अधिकारियों, एचआरडीए को बधाई दी। उन्होंने कहा कि जल अर्पित करने मात्र से ही भगवान शिव अपने सभी भक्तों की मनोकामनायें पूरी कर देते है, और श्रावण मास में तो भगवान शिव की भक्ति का प्रभाव अत्यधिक बढ़ जाता है। देशभर से सैकड़ो -हजारों किलोमीटर की यात्रा करके शिव भक्त कांवड़िये धर्म नगरी हरिद्वार से गंगा का जल लेकर जाते है और जलाभिषेक करते हैं | उन्होंने कहा कि कांवड यात्रा न केवल श्रद्धा एवं आस्था का प्रतीक है बल्कि यह हमें सेवा में पुण्य का भागीदार बनने का भी अवसर देती है। इस वर्ष की अभी तक कांवड यात्रा पर एक करोड़ से अधिक शिव भक्त कांवड़ियों ने अपने-अपने गंतव्य को प्रस्थान कर लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास के साथ-साथ संस्कृति के संरक्षण के लिए बहुत पुनरोत्थान के कार्य भी चले रहे है, चाहें काशी विश्वनाथ कोरिडोर, अयोध्या में भव्य राम मन्दिर बनने की बात करें या उज्जैन में बनने वाला महाकाल, हमारे देवभूमि उत्तराखण्ड में केदारनाथ का नवनिर्माण या बद्रीविशाल का मास्टर प्लान हो, इन सभी पर कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारे राज्य में प्रथम ध्वज वाहक बनकर आदि कैलाश यात्रा को पूरे विश्व में प्रसिद्धि दिलाने का काम किया है। वह देश के प्रथम प्रधानमंत्री है जिन्होंने साढे़ 17 हजार फुट की ऊँचाईं पर जाकर सीमांत क्षेत्र में भगवान आदि कैलाश व पार्वती कुण्ड के दर्शन किये। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में मां गंगा के तट पर हरिद्वार-ऋषिकेष कोरिडोर का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हरिद्वार धर्मनगरी का भी काशी, अयोध्या की भाँति अपने भव्य स्वरूप में दर्शन हो जाया करेंगें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस पवित्र धार्मिक और सांस्कृतिक यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। इसके लिए हमने पहली बार एक विशिष्ट मोबाइल एप के साथ स्वास्थ्य केन्द्र, शौंचालय, पार्किंग, टिन शेड विस्तार, विश्राम स्थलों की पर्याप्त व्यवस्था की है। आपकी यात्रा में कोई असुविधा न हो साथ ही प्रशासन द्वारा यात्रा मार्ग एवं हरिद्वार क्षेत्रों में होटल एवं ढाबों में गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने की मोनीटरिंग भी की जा रही है। यात्रा के दौरान सुरक्षा के मजबूत इंतजाम किये गये है, धर्मनगरी हरिद्वार में सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही हैं। लगभग तीन सौ से ज्यादा कैमरें कांवड क्षेत्र में लगाये गये है। कांवड मेंला क्षेत्र में वाटर एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की है, जाम में फंसे गम्भीर मरीजों को गंगा नदी और गंगनहर के जरिये जल्द से जल्द निकटवर्ती अस्पतालों तक पहुंचाए जा सके। कांवड मेंला केवल एक धार्मिक आयोजन ही नही हमारी आस्था श्रृद्धा और सनातन संस्कृति का प्रतीक है। हमारा सौभाग्य है कि हर साल करोंड़ों-करोंडों शिव भक्तों का सेवा करने का सुअवसर प्राप्त होता है। जहां भक्ति है वहां मर्यादा की भी आवश्यकता है, जहां आस्था है वहां अनुशासन भी जरूरी है, और जहां शिव है वहां शान्ति भी स्वाभाविक है। लेकिन हाल ही में कुछ घटनाएं भी सामने आई है, जहां कुछ स्थानों पर कांवड यात्रा के दौरान उपद्रव और अनुशासनहीनता भी देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि शिव शक्ति कोई प्रदर्शन नहीं बल्कि एक आन्तरिक साधना है। उन्होंने कहा कि भगवान महादेव को जलाभिषेक करने, जल अर्पित करने एवं उनकी अराधना करने की पवित्र यात्रा एवं अनुष्ठान है। उन्होंने कहा कि महादेव को प्रसन्न करने के लिए, अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए, अपना शोधन करने लिए इस यात्रा को करते हैं।
मुख्यमंत्री ने अपील करते हुए कहा कि आपकी यात्रा के कारण किसी को भी पेरशानी न हो, यात्रा में किसी भी प्रकार का विघ्न एवं बाधा न हो, कावंड़ यात्रा के नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि कुछ व्यक्ति कावड़ यात्रा के उद्देश्यों को भुलाकर अशान्ति, एवं उपद्रव की राह पर चलने का प्रयास कर रहे हैं, उनसे भी विनम्र अपील की कि वह सच्चे शिव भक्त की भांति विनम्रता पूर्ण आचरण करें, क्योंकि जब भक्त विनम्र और सहनशील होता है तब आत्मिक शान्ति प्राप्त होती है। उन्होंने भगवान आशुतोष से प्रार्थना की कि इस बार की कांवड़ यात्रा आपके भीतर शिव तत्व को जागृत करें, इसके लिए आपको प्रसन्न रहकर शान्तिपूर्ण आचरण करना होगा। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की यह पुण्य भूमि केवल आप सभी का स्वागत ही नहीं करती है, बल्कि आपकी सेवा को अपना शौभाग्य मानती है। इसलिए संरकार, शासन एवं प्रशासन, स्वयं सेवी संगठन, डॉक्टर्स, सफाई कर्मी, व्यापार मण्डल, श्री गंगा सभा, जनप्रतिनिधिगण, सन्तगण सभी मिलकर कांवड़ यात्रा का संयोजन करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को देश का अग्रणीय राज्य बनाने के लिए हमने विकल्प रहित संकल्प के साथ हम निरन्तर कार्य कर रहे हैं, उसका परिणाम भी आ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी दिशा बिल्कुल सही लक्ष्य की ओर बढ़ रही है, नीति आयोग भारत सरकार ने इण्डेक्स में पूरे देश के अन्दर सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में देवभूमि उत्तराखण्ड ने देश के अन्दर पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही बेरोजगारी दर राष्ट्रीय स्तर से कम हुई है। उन्होंने कहा कि हमने नकलविरोधी कानून बनाया है, इसके बनने के बाद 24 हजार से अधिक नियुक्तियां बिना किसी नकल व बिना भ्रष्टाचार के सम्पन्न हो गई हैं। उन्होंने कहा कि नकल माफिया जेल की सलाखों के पीछ़े हैं। उन्होंने कहा कि विकास के साथ-साथ प्रदेश की संस्कृति के संरक्षण के लिए भी काम किया है, सख्त धर्मान्तरण विरोधी कानून लागू किया है, दंगा विरोधी कानून, समान नागरिकता कानून लागू किया है, वहीं लव जिहाद, लैण्ड जिहाद और थूक जिहाद के खिलाफ भी कठौर कार्यवाही सुनिश्चित की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सनानत की आड़ में विधर्मियों द्वारा छद्म वेष बनाकर भोले भाले लोगों को ठगने के खिलाफ भी ऑपरेशन कालनेमि चला रहे हैं। इस ऑपरेशन के माध्यम से छद्म वेशधारियों को पकड़ने का काम कर रहे है, जोकि सनातन धर्म को नुकसान पहुॅचाने एवं हिन्दु धर्म को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में श्रीमद् भागवत गीता के पाठ को भी अनिवार्य कर दिया है। पिछले दो दिनों से सभी स्कूलों में विद्यार्थी गीता का पाठ कर रहे हैं, जिससे हमारे प्रदेश के बच्चे शिक्षा के साथ-साथ जीवन जीने की कला को भी सीख पायें, शिक्षा के साथ-साथ अपने अध्यात्म के प्रति भी उत्सुकता भी जागृत हो।उन्होंने अपील करते हुए कहा कि यात्रा की सफलता एवं श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जो भी दिशा-निर्देश जारी किये हैं, उनका अनुपालन करें, यात्रा को सफल बनाने में अपना सहयोग प्रदान करें।
इस दौरान अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी,राज्यसभा सासंद कल्पना सैनी,राज्यमंत्री ओमप्रकाश जमदग्नि,शोभाराम प्रजापति,देशराज कर्णवाल, हरिद्वार मेयर किरण जैसल,रुड़की मेयर अनीता देवी,जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी ,विधायक प्रदीप बत्रा ,आदेश चौहान, मदन कौशिक,जिलाध्यक्ष हरिद्वार आशुतोष शर्मा, जिलाध्यक्ष रुड़की मधु,श्रीगंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम,महामंत्री तन्मय वशिष्ठ,सभापति कृष्ण कुमार ठेकेदार,पूर्व विधायक संजय गुप्ता,प्रणव सिंह चैंपियन, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित,आईजी राजीव स्वरूप,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल, महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे |
सचिवालय में कौशल विकास और श्रम विभाग की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में कौशल विकास और श्रम विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के लिए सभी संबंधित विभागीय सचिव समन्वय बनाकर कार्य करें। उन्होंने मुख्य सचिव को सचिवों के साथ बैठक कर इसके लिए ठोस रणनीति बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कौशल विकास को इन्क्यूबेशन और ग्रोथ सेंटरों से जोड़ने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में स्थानीय लोगों को प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, कारपेंटर, मिस्त्री जैसे कार्यों के लिए बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। उद्योगों की मांग और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण कोर्स तैयार किए जाएं। प्रशिक्षण केंद्रों में अत्याधुनिक मशीनें, प्रयोगशालाएं (लैब्स) और स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना की जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर जनपद की पारंपरिक पहचान को ध्यान में रखते हुए लोगों को कौशल विकास और प्रशिक्षण से जोड़ा जाए। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण बढ़ाने के साथ ही सभी कुशल श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि बाल श्रम मुक्ति के लिए लक्षित पुनर्वास से संबंधित कार्रवाई हेतु शीघ्र योजना बनायी जाए। राज्य के बड़े जनपदों में बाल श्रम मुक्ति के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्वरोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये विशेष कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की जाए तथा प्रदेश के दूरदराज इलाकों में स्किल ऑन व्हील्स वैन की शुरूआत की जाए। मुख्यमंत्री ने हेल्थकेयर और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में राज्य के युवाओं को विदेश में रोजगार से जोड़ने के लिए संबंधित देशों में स्थित भारत के दूतावासों से संपर्क किये जाने पर बल देते हुये ऐसे युवाओं को विदेशी भाषाओं के कोर्स कराने हेतु दून विश्वविद्यालय से नियमित समन्वय स्थापित किये जाने के भी निर्देश दिए। जनपदों में बनाए जा रहे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक वर्ष कितने युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ा गया इसके विवरण के साथ दीर्घकालिक योजना के बारे में कौशल विकास विभाग 10 दिनों के भीतर स्पष्ट कार्ययोजना प्रस्तुत करे।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के 27 आईटीआई में प्रशिक्षण ले रहे अभ्यर्थियों को दो वर्षीय कोर्स के अंतर्गत एक वर्ष का प्रशिक्षण आईटीआई में तथा एक वर्ष का प्रशिक्षण उद्योगों में प्रदान करने हेतु भारत सरकार से सहमति प्राप्त हो गई है। पाँच अन्य आईटीआई के लिए शीघ्र ही सहमति प्राप्त किये जाने की प्रक्रिया गतिमान है।
बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव श्रीधर बाबू अदांकी, सी. रविशंकर एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मंदिर समिति ने जारी की वस्त्र आचार संहिता
मसूरी। सिद्धपीठ भद्रराज मंदिर में अब श्रद्धालुओं को मर्यादित वस्त्र पहनकर ही प्रवेश की अनुमति होगी। यह फैसला मंदिर समिति द्वारा मंदिर की गरिमा बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। अमर्यादित या अनुचित पोशाक में आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले धोती प्रदान की जाएगी।
मसूरी से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर, समुद्र तल से 7,267 फीट की ऊंचाई पर स्थित भगवान भद्रराज मंदिर में हर वर्ष हजारों श्रद्धालु दर्शन को आते हैं। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम जी को समर्पित है और 16 व 17 अगस्त को यहां भव्य मेले का आयोजन भी होता है।
मंदिर समिति बिन्हार जौनपुर मसूरी, पछवादून की ओर से श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे पारंपरिक एवं मर्यादित पहनावे में ही मंदिर आएं। समिति अध्यक्ष राजेश नौटियाल ने जानकारी दी कि सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि मंदिर में स्कर्ट, ऑफ शोल्डर ड्रेसेस, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, फटी हुई जींस जैसे वस्त्रों में आने की अनुमति नहीं होगी। मंदिर समिति का कहना है कि धार्मिक स्थल की गरिमा बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है, और इस दिशा में यह एक आवश्यक कदम है।
आईटीबीपी इंस्पेक्टर बात-बात में तान देता था बेट और पत्नि पर बंन्दूक, प्रशासन का सख्त एक्शन, ऑन द स्पॉट लाईसेंस निलम्बित
देहरादून — जिला प्रशासन ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि शस्त्र लाइसेंस मनमानी करने का अधिकार नहीं है। देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए रेसकोर्स निवासी एक व्यक्ति का शस्त्र लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है।
यह कार्रवाई उस समय की गई जब जनता दरबार के दौरान विकास घिल्डियाल नामक युवक ने जिलाधिकारी को बताया कि उसके माता-पिता के तलाक के बावजूद उसके पिता लाइसेंसी बंदूक का उपयोग उसे और उसकी मां को डराने-धमकाने में कर रहे हैं। युवक ने आशंका जताई कि इस स्थिति से कभी भी कोई गंभीर अप्रिय घटना हो सकती है।
डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर ही शस्त्र लाइसेंस को निलंबित करते हुए संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने और शस्त्र थाने में जमा करवाने के निर्देश पुलिस अधीक्षक को दिए। इसके बाद इस आदेश को विधिवत जारी कर दिया गया है।
जिलाधिकारी के इस निर्णय से पीड़ित मां-बेटे को बड़ी राहत मिली है, वहीं समाज में शस्त्र लाइसेंस के दुरुपयोग को लेकर भी एक सख्त संदेश गया है।
प्रशासन ने साफ किया है कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तय है। डीएम ने कहा, “शस्त्र लाइसेंस सिर्फ आत्मरक्षा के लिए होता है, न कि परिजनों को डराने या दबाव बनाने के लिए। कानून के खिलाफ जाने वालों को कोई राहत नहीं दी जाएगी।”
प्रशासन की इस तत्परता ने यह संदेश भी दिया है कि ‘एंग्री गनमैन’ जैसे व्यवहार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उत्तराखण्ड की विलुप्त होती परंपराओं के संरक्षण पर हुई सार्थक चर्चा
देहरादून। उत्तरकाशी से आए लोकसंस्कृति से जुड़े प्रसिद्ध युवा कलाकार मुकुल बड़ुनी एवं ने आज उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूडी भूषण से शिष्टाचार भेंट की। यह भेंट उत्तराखण्ड की विलुप्त होती कला, संस्कृति एवं परंपराओं को अपने सृजन के माध्यम से पुनर्जीवित करने के प्रयासों के संदर्भ में की गई।
इस अवसर पर उन्होंने अपने हस्तनिर्मित चित्रकला “माँ गंगा” की एक अनुपम कलाकृति विधानसभा अध्यक्ष को उपहार स्वरूप भेंट की, जिसे उन्होंने अत्यंत भावपूर्ण एवं प्रेरणास्पद बताया। यह कलाकृति न केवल कला का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि उत्तराखण्ड की अध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक है।
विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूडी भूषण ने मुकुल बड़ूनी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि “उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक धरोहर केवल हमारी पहचान ही नहीं, बल्कि हमारी आत्मा है। इसे संजोए रखना और नई पीढ़ी तक पहुँचाना हम सभी की जिम्मेदारी है।” उन्होंने यह भी कहा कि लोककलाओं को मंच और प्रोत्साहन देकर हम अपने राज्य की सांस्कृतिक विविधता को वैश्विक पहचान दिला सकते हैं।
श्रीमती खण्डूडी भूषण ने इससे जुड़े सभी कलाकारों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं और आश्वस्त किया कि ऋतु खण्डूडी भूषण पारंपरिक कला एवं कलाकारों को निरंतर सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
देहरादून। प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने केंद्र सरकार द्वारा ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को मंजूरी दिए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह योजना देश के कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में मील का पत्थर साबित होगी।
मीडिया को जारी अपने बयान में मंत्री जोशी ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की उत्पादकता में वृद्धि, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना और सतत खेती (सस्टेनेबल एग्रीकल्चर) को प्रोत्साहित करना है। साथ ही, यह योजना कटाई के बाद भंडारण क्षमता बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार लाने और किसानों को अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक ऋण सुलभ कराने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।
उन्होंने बताया कि यह योजना उन क्षेत्रों को लक्षित करेगी जहां उत्पादकता कम है, फसल सघनता न्यून है और कृषि ऋण का वितरण अपेक्षाकृत कम रहा है। योजना के अंतर्गत प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिला शामिल किया जाएगा और वर्ष 2025-26 तक देश के 100 जिलों में इसे लागू किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने विश्वास जताया कि ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष तक किसानों की आय दोगुनी करने के विजन को पूर्णता तक पहुंचाने की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल का भी इस किसान हितैषी निर्णय के लिए आभार जताया।
“संस्कारों की सुबह”– धामी सरकार का नया फैसला, प्रार्थना सभा में अब अनिवार्य होगा गीता पाठ
देहरादून। शिक्षा से जुड़े एक ऐतिहासिक निर्णय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान भगवद गीता के श्लोकों का पाठ अनिवार्य कर दिया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “गीता का संदेश न केवल धार्मिक, बल्कि जीवन की जटिलताओं में मार्गदर्शन करने वाला दर्शन है। यह विद्यार्थियों को न केवल पढ़ाई में बल्कि उनके व्यक्तित्व, सोच और आचरण में सकारात्मक बदलाव लाएगा।”
क्या होगा इस निर्णय के तहत.?
हर स्कूल में प्रतिदिन की प्रार्थना सभा में गीता के चयनित श्लोकों का पाठ होगा।
श्लोकों के साथ उनका सरल अर्थ और व्याख्या भी विद्यार्थियों को समझाई जाएगी।
शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर, शिक्षकों को इसके लिए आवश्यक प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सरकार का उद्देश्य :-
नैतिकता, अनुशासन, और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को शिक्षा से जोड़ना।
भावनात्मक विकास और आत्मबोध को शिक्षा प्रणाली में समाहित करना।
छात्रों को एक बेहतर इंसान और जिम्मेदार नागरिक बनाना।
मुख्यमंत्री धामी का साफ़ कहना है —
“यह कोई धार्मिक निर्णय नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक शिक्षा को पुनर्जीवित करने का प्रयास है।”
शिक्षाविदों और अभिभावकों ने इस फैसले का स्वागत किया है। लेकिन एक बात स्पष्ट है उत्तराखंड अब शिक्षा को केवल किताबों तक नहीं, बल्कि संस्कारों तक पहुँचाने की दिशा में एक ठोस कदम उठा रहा है।
जागेश्वर धाम बनेगा सांस्कृतिक विरासत का नया केंद्र, ₹146 करोड़ की परियोजना स्वीकृत
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जागेश्वर मंदिर समिति द्वारा आयोजित श्रावणी मेले 2025 के शुभारंभ अवसर पर वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग करते हुए सभी श्रद्धालुओं एवं आयोजकों को मेले की शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जागेश्वर धाम देवभूमि उत्तराखंड की पौराणिक सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि श्रावणी मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह हमारी लोक आस्था, परंपराओं एवं सांस्कृतिक मूल्यों का जीवंत प्रतीक भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सांस्कृतिक विरासत के पुनरुत्थान का अमृतकाल चल रहा है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक तथा केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम के पुनर्निर्माण इसके उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुमाऊं के प्रमुख धार्मिक स्थलों के संरक्षण एवं विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जागेश्वर मास्टर प्लान के प्रथम चरण में ₹146 करोड़ की स्वीकृति दी जा चुकी है। दूसरे चरण की विकास परियोजनाएं भी स्वीकृत हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद अल्मोड़ा में कोसी नदी के किनारे 40 किमी का साइकिल ट्रैक, शीतलाखेत को ईको टूरिज्म, द्वाराहाट और बिनसर को आध्यात्मिक पर्यटन के रूप में विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने के लिए कार्यरत है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड ने सतत विकास लक्ष्यों में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। राज्य में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से कम हुई है। पिछले चार वर्ष में 24 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा धार्मिक व सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा हेतु सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता और ऑपरेशन कालनेमी जैसे कठोर कदम भी उठाए गए हैं।
कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, विधायक मोहन सिंह मेहरा, उपाध्यक्ष मंदिर प्रबंधन समिति नवीन भट्ट, जिलाधिकारी अल्मोड़ा आलोक कुमार पांडेय, मुख्य विकास अधिकारी रामजी शरण शर्मा मौजूद थे।