देश में कोविड-19 (Covid-19) से संक्रमित मामलों की संख्या लगातार तीसरे दिन भी 5 लाख के स्तर से नीचे बनी रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक नए मामलों की तुलना में स्वस्थ होने वालों की संख्या में वृद्धि से सक्रिय मामलों में कमी आई है। वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या 4,84,547 है, इससे यह दर 5.5 प्रतिशत हो गई है।
पिछले 24 घंटों में 44,879 नए मामलों की तुलना में 49,079 मरीज ठीक हुए हैं। नए मामलों की तुलना में दैनिक स्तर पर उच्च सुधार की यह स्थिति आज 41वें दिन भी जारी रही।
संक्रमण से अब तक 81,15,580 लोग ठीक हो चुके हैं, जिससे संक्रमण से सुधार की दर 92.97 प्रतिशत हो गई है। इसके साथ ही संक्रमित लोगों और ठीक होने वाले लोगों की संख्या के बीच का अंतर बढ़कर 76,31,033 हो गया है।
देश में कुल संक्रमित रोगियों में से 76.25 प्रतिशत मामले 10 राज्यों में हैं। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में दैनिक स्तर पर नए मामलों की संख्या 7,053 रही। केरल में 5,537 नए मामले दर्ज किए गए, जबकि महाराष्ट्र में 4,496 नए मामले आए हैं।
पिछले 24 घंटों में हुई 547 मौतों में से 80 प्रतिशत 10 राज्यों में दर्ज की गईं। महाराष्ट्र में 122, दिल्ली में 104 व पश्चिम बंगाल में 54 मौतें हुईं। केरल व तमिलनाडु में 25-25, पंजाब में 23, केरल व उत्तर प्रदेश में 21-21, छत्तीसगढ़ में 20 और हरियाणा में 19 मरीज संक्रमण के शिकार हुए।
बिहार (Bihar) विधान सभा चुनावों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों में हुए उप चुनावों में कांग्रेस (Congress) की करारी हार को शायद पार्टी नेता पचा नहीं पा रहे हैं। चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने बुधवार को जमकर अपनी भड़ास निकाली। सिलसिलेवार एक के बाद एक करीब दर्जन भर ट्वीट कर दिग्गी राजा ने नेहरु-गांधी परिवार के प्रति अपनी स्वामी भक्ति प्रदर्शित करते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को देश का एकमात्र ऐसा नेता करार दिया है, जो विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विरुद्ध भी आग उगली। यही नहीं उन्होंने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को बेतुका सुझाव दिया है कि वो भाजपा का साथ छोड़ कर देश की राजनीति में सक्रिय हो जाएं और बिहार में तेजस्वी यादव को अपना आशीर्वाद दें। अपने ट्वीट के बाद दिग्गी राजा यूजर्स के निशाने पर आ गए और जम कर ट्रोल हो रहे हैं।
अक्सर अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले दिग्गी राजा ने जिस अंदाज में ट्वीट किए हैं, उससे यह साफ़ लग रहा है कि वे बिहार विधान सभा चुनावों और मध्य प्रदेश उप चुनावों में कांग्रेस की करारी हार से सदमे में हैं। दिग्विजय जितने दुःखी कांग्रेस की हार से हैं, उससे अधिक भाजपा की जीत से लग रहे हैं। भाजपा की जीत के बहाने वो संघ पर निशाना साधने का मौका नहीं चूके और संघ को देश बांटने वाला बता दिया। दिग्विजय ने ट्वीट में कहा कि – ”मैं संघ की विचारधारा का घोर विरोधी हूँ क्योंकि वह भारत की सनातनी परंपराओं व सनातन धर्म की मूल भावना के विपरीत है। यह देश सबका है।” हालांकि, इस ट्वीट में उन्होंने संघ की इस बात के लिए सराहना भी की है कि ”वे अपने लक्ष्य और अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं करते।” साथ ही उन्होंने कहा की संघ केवल समाज को बांट कर राजनीति करता है।
दिग्विजय सिंह ने नेहरु-गांधी खानदान के प्रति पूरी निष्ठा जताई है और कहा कि – ”मुझे विश्वास है नेहरु-गांधी परिवार के नेतृत्व में हम जनता का विश्वास फिर जीतेंगे। भाजपा ‘जन बल’ को दबाने के लिए ‘धन बल’ का भरपूर उपयोग करेगी। लेकिन देश में भाजपा के नेतृत्व में गिरती अर्थव्यवस्था बड़ती बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ गरीब मज़दूर किसान व वंचित वर्गों के साथ खड़ा होना पड़ेगा।” दिग्विजय ने राहुल गांधी को देश का ”एकमात्र” ऐसा नेता बताया है, जो विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने NDA के सहयोगी दलों को नसीहत देते हुए कहा है कि उन्हें समझना चाहिए राजनीति विचारधारा की होती है। जो भी व्यक्ति अपनी महत्वाकांक्षा के कारण विचारधारा को छोड़कर अपने स्वार्थ के लिए समझौता करता है, वह अधिक समय तक राजनीति में जिंदा नहीं रहता। इस क्रम में उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की है कि वे भाजपा का साथ छोड़ कर तेजस्वी यादव को अपना आशीर्वाद दें और नीतीश बिहार छोड़ कर देश की राजनीति में सक्रिय हों।
नीतीश कुमार को यह सलाह देते समय दिग्विजय सिंह उन्हें याद दिला रहे हैं कि – ”यही महात्मा गांधी जी व जयप्रकाश नारायण जी के प्रति सही श्रद्धांजलि होगी। आप उन्हीं की विरासत से निकले राजनेता हैं वहीं आ जाइए। आपको याद दिलाना चाहूंगा जनता पार्टी संघ की Dual Membership के आधार पर ही टूटी थी। भाजपा/संघ को छोड़िए। देश को बर्बादी से बचाइए।” नीतीश कुमार को यह ”याद” दिलाते समय दिग्विजय सिंह को शायद यह याद नहीं रहा कि जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार व तानाशाही पूर्ण रवैये के खिलाफ ही आंदोलन छेड़ा था। परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया था। दिग्विजय सिंह के इस विवेकहीन तर्क पर किसी के भी पास हंसने के अलावा कोई अन्य विकल्प शायद ही होगा।
मध्य प्रदेश विधान सभा उप चुनावों के परिणामों का विश्लेषण करते हुए दिग्गी राजा गजब के तर्क देते हैं। मंगलवार को आए परिणामों में प्रदेश की 28 सीटों में से 19 भाजपा की झोली में गई और कांग्रेस को 9 पर ही संतुष्ट होना पड़ा था। इस पर दिग्विजय सिंह कहते हैं कि लोग समझते थे की ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के बाद कांग्रेस समाप्त हो जाएगी। पर नई कांग्रेस खड़ी हो गई। दिग्गी राजा के अर्थों में कहें तो मध्य प्रदेश में 28 में से 9 सीटें मिलने से नई कांग्रेस खड़ी हो गई। यानी दिग्विजय सिंह को इतनी सीटें भी मिलने की उम्मीद नहीं थी। इस ट्वीट से यह भी लग रहा है कि दिग्विजय को कांग्रेस की विजय-पराजय से अधिक मतलब सिंधिया को सबक सीखाने पर था। यहां यह भी बता दें की मध्य प्रदेश की ये 28 सीटें कांग्रेस के पास ही थीं। सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर इन सभी विधायकों ने त्याग-पत्र दे दिए थे। जिन पर उप चुनाव हुए थे। बहरहाल, इन ट्वीट के कारण दिग्विजय ट्रोल हो रहे हैं।
केंद्र सरकार ने नेशनल हाइवेज पर टोल प्लाजा (Toll Plazas) पर लगने वाले जाम को कम करने लिए फास्टैग (FASTag) को अनिवार्य कर दिया है। देश में अगले वर्ष पहली जनवरी से सभी चार पहिया वाहनों के लिए फास्टैग जरुरी होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Union Ministry of Road Trasport & Highways) ने शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी।
फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन डिवाइस (Electronic toll collection device) है, जो वाहन के विंडशील्ड पर लगाई जाती है। इससे वाहन चालक को टोल प्लाजा पर रुकने की जरुरत नहीं पड़ती है। टोल शुल्क का भुगतान सीधे प्रीपेड वॉलेट या उससे जुड़े बैंक खाते से काट लिया जाता है। टोल प्लाजा पर कैश हैंडलिंग और जाम की समस्या से छुटकारा पाने के लिए केंद्र सरकार ने एक दिसंबर 2017 से नए चार पहिया वाहनों के सभी तरह के पंजीकरण के लिए फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया था। साथ ही यह अनिवार्य किया गया था कि परिवहन वाहनों के लिए फास्टैग लगने के बाद ही फिटनेस प्रमाणपत्र का नवीनीकरण किया जाएगा।
इसके अलावा राष्ट्रीय परमिट वाहनों के लिए भी एक अक्टूबर, 2019 से फास्टैग चिपकाना अनिवार्य कर दिया गया था। अब वर्ष 2017 से पहले के वाहनों के लिए भी फास्टैग जरुरी कर दिया गया है। साथ ही फॉर्म 51 (बीमा का प्रमाण पत्र) में संशोधन के जरिए यह भी तय कर दिया गया है कि थर्ड पार्टी बीमा लेते समय वैध फास्टैग का होना अनिवार्य है। इसमें फास्टैग आईडी का ब्यौरा शामिल होगा। यह एक अप्रैल, 2021 से लागू होगा।
मंत्रालय ने कहा है कि यह अधिसूचना टोल प्लाजा पर केवल इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से शुल्क के शत-प्रतिशत भुगतान को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इससे टोल प्लाजा से वाहन बिना किसी रुकावट गुजर सकेंगे। वाहनों को प्लाजा पर इंतजार नहीं करना होगा और ईंधन की बचत होगी। फास्टैग की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। इन्हें विभिन्न स्थानों पर और ऑनलाइन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है, ताकि लोग अपनी सुविधा के अनुसार दो महीने के भीतर अपने वाहन पर फास्टैग लगा सके।
देशभर में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Targeted Public Distribution System, TPDS)में प्रौद्योगिकी का प्रयोग और इसके आधुनिकीकरण से एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। वर्ष 2013 से 2020 की अवधि तक देशभर में लगभग 4.39 करोड़ अपात्र अथवा फर्जी राशन कार्ड रद्द किए गए।
केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (Department of Food & Public Distribution) द्वारा शुक्रवार को जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है। केंद्र सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार लाने के लिए एक लक्षित अभियान के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act, NFSA) को लागू करने की तैयारी की। इस दौरान पीडीएस को आधुनिक बनाने और इसके परिचालन में पादर्शिता व कुशलता लाने का प्रयास किया गया। राशन कार्ड और लाभार्थियों के डाटाबेस का डिजिटाइजेशन किया गया। उन्हें आधार से जोड़ कर अपात्र व फर्जी राशन कार्डों की पहचान की गई है।
इस क्रम में डिजिटाइज किए गए डाटा से दोहराव को रोकने के साथ-साथ कई लाभार्थियों के अन्यत्र चले जाने अथवा मौत हो जाने के मामलों की पहचान की गई। केंद्र सरकार की इस कवायद के बाद राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों ने वर्ष 2013 से 2020 तक की अवधि में देश में कुल करीब 4.39 करोड़ अपात्र अथवा फर्जी राशन कार्डों को रद्द किया है।
सरकारी वक्तव्य के अनुसार NFSA कवरेज के तहत जारी किया जा रहा कोटा, संबंधित प्रदेश सरकारों द्वारा नियमित रूप से लाभार्थियों की ‘सही पहचान’ कर पहुंचाया जा रहा है। NFSA के तहत पात्र लाभार्थियों व परिवारों को शामिल करने और उन्हें नए राशन कार्ड जारी करने का काम जारी है। यह कार्य NFSA के तहत प्रत्येक राज्य व केन्द्र शासित प्रदेश के लिए परिभाषित सीमा के भीतर किया जा रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा NFSA के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए 81.35 करोड़ लोगों को बेहद कम कीमत में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है, जो कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुरूप देश की जनसंख्या का दो तिहाई है। केन्द्र द्वारा हर माह बेहद रियायती दरों- तीन रुपये, दो रुपये और एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से क्रमशः चावल, गेहूं और अन्य मोटा अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है।
भारत कोविड-19 से स्वस्थ होने वालों रोगियों की संख्या में वैश्विक रैंकिंग में शीर्ष पर बना हुआ है। कुल स्वस्थ होने वालों का आंकड़ा सोमवार को 75,44,798 को पार कर गया। देश में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस से 53,285 लोग स्वस्थ हुए हैं। सक्रिय मामलों में भी लगातार कमी दर्ज की जा रही है। वर्तमान में देश में कोविड-19 के सक्रिय मरीजों की संख्या 5,61,908 है। देश में पिछले 24 घंटे के दौरान 45,321 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और 496 मरीजों की मौत हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 के सक्रिय मामले कुल पॉजिटिव मामलों के सिर्फ 6.83 प्रतिशत ही हैं। सिर्फ दो महीने की अवधि के दौरान, सक्रिय मामलों के प्रतिशत में 3 गुना से अधिक की कमी देखी गई है। 3 सितंबर को सक्रिय मामलों का प्रतिशत 21.16 था।
भारत ने जनवरी 2020 से कोविड-19 के संचयी परीक्षणों की संख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज की है। इस विस्तारित परीक्षण से शीघ्र पहचान और फिर उचित उपचार करने में मदद मिलती है। इसके बाद कुल परीक्षणों की संख्या सोमवार को 11 करोड़ (11,07,43,103) का आंकड़ा पार कर गया है। देश की परीक्षण क्षमता 2037 प्रयोगशालाओं के साथ तेजी से आगे बढ़ रही है
पिछले 24 घंटे के दौरान 78 प्रतिशत स्वस्थ होने वाले सिर्फ 10 राज्यों से हैं। केरल और कर्नाटक में सबसे ज्यादा 8000-8000 से ज्यादा मरीज एक दिन में स्वस्थ हुए हैं, जबकि इसके बाद दिल्ली तथा पश्चिम बंगाल में 4000-4000 से अधिक मरीज स्वस्थ हुए हैं।
देश में पिछले 24 घंटे के दौरान 45,321 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से 80 प्रतिशत मामले सिर्फ 10 राज्यों में ही सामने आए हैं। केरल में एक दिन में सबसे अधिक 7,025 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई, जबकि उसके बाद दिल्ली और महाराष्ट्र में 5000-5000 से अधिक नए मामले सामने आए।
पिछले 24 घंटे के दौरान हुई 496 मौतों में से 82 प्रतिशत मामले सिर्फ 10 राज्यों से संबद्ध हैं। 113 मरीजों यानि 22 प्रतिशत की मौत के साथ महाराष्ट्र में सबसे अधिक एक दिन में मौत दर्ज की गई। वहीं पश्चिम बंगाल में 59 मरीजों की मौत हुई है।
भाजपा (BJP) ने नवम्बर माह में रिक्त होने वाली उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की 10 में से 8 और उत्तराखंड (Uttarakhand) की 1 राज्यसभा (Rajyasabha) सीट के लिए सोमवार को अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए। भाजपा ने उत्तर प्रदेश से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह व पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर को दुबारा प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा हरिद्वार दुबे, बृज लाल, गीता शाक्य, बी एल वर्मा व सीमा द्विवेदी को प्रत्याशी घोषित किया है। उत्तराखंड की एक मात्र सीट के लिए नरेश बंसल को प्रत्याशी बनाया गया है।
उत्तराखंड से प्रत्याशी बनाए गए नरेश बंसल प्रदेश भाजपा में कई महत्वपूर्ण पदों को संभाल चुके हैं। बंसल पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) के अलावा विगत लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे हैं। वर्तमान में वे प्रदेश सरकार में बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है।
उल्लेखनीय है कि 25 नवम्बर को उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से राज्य सभा के 11 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, कांग्रेस नेता पी.एल. पुनिया, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह, समाजवादी पार्टी के राम रामगोपाल यादव जैसे दिग्गज नेता उत्तर प्रदेश से हैं। उत्तराखंड से फिल्म अभिनेता व कांग्रेस नेता राज बब्बर सेवानिवृत हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश से सेवानिवृत होने वाले अन्य सदस्यों में डॉ चंद्रपाल सिंह यादव, जावेद अली खान, नीरज शेखर, रवि प्रकाश वर्मा, राजा राम व वीर सिंह शामिल हैं।
वर्तमान में इन सीटों में से उत्तराखंड की एकमात्र सीट कांग्रेस के कब्जे में है, जबकि उत्तर प्रदेश की 4 समाजवादी पार्टी, 3 भाजपा, 2 बसपा व 1 कांग्रेस के पास हैं। उत्तराखंड की एक सीट पर भाजपा प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रक्रिया औपचारिकता भर है। भाजपा प्रत्याशी का निर्विरोध निर्वाचन तय है। संख्या बल के आधार पर उत्तर प्रदेश की 10 में से 8 सीटों पर भाजपा का कब्जा सुनिश्चित है। एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में जा सकती है। इसके लिए समाजवादी पार्टी ने वरिष्ठ नेता प्रो. रामगोपाल यादव को अपना प्रत्याशी घोषित पहले ही कर दिया था।
इन चुनावों के बाद राज्यसभा में भाजपा की ताकत बढ़ना तय है। 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में वर्तमान में भाजपा के 87 सांसद हैं। ऐसे में नवंबर में में हो रहे राज्यसभा चुनाव में भाजपा को यदि 11 में से 9 सीटें मिल गईं, तो उसकी संख्या 96 तक पहुंच जाएगी। एनडीए (NDA) के सदस्यों की संख्या जोड़ कर भाजपा राज्यसभा में बहुमत के आंकड़े को आसानी से छू लेगी।
भारत निर्वाचन आयोग ने इन द्विवार्षिक चुनावों के लिए 20 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की थी। नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि 27 अक्टूबर है। 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच और 2 नवम्बर नाम वापसी की अंतिम तिथि रहेगी। यदि आवश्यक होगा तो मतदान 9 नवम्बर को प्रातः 9 बजे से 4 बजे तक होगा और मतपत्रों की गिनती भी उसी दिन होगी। 11 नवम्बर तक चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न हो जाएगी।
चुनाव आयोग के अनुसार मतदान के समय बैलेट पेपर पर वरीयता (अंक) को चिह्नित करने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा दिए गए एकीकृत वायलेट कलर स्केच पेन का ही उपयोग किया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में मतदाता दूसरे किसी पेन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे चुनाव के दौरान कोविड-19 से बचाव व रोकथाम के निर्देशों का पालन कराने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती सुनिश्चित करें। आयोग ने इसके लिए विस्तृत निर्देश पूर्व में भी जारी किए हैं। आयोग ने संबंधित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इन चुनावों के लिए पर्यवेक्षक के रुप में तैनात किया है।
पंजाब में विजयादशमी पर कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किए जाने पर भाजपा खासे गुस्से में है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को सिलसिलेवार एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कांग्रेस व राहुल गांधी पर ताबड़तोड़ वार किए। उन्होंने कहा बेटा घृणा, क्रोध, झूठ और आक्रामकता की राजनीति का जीवंत प्रदर्शन करता है, तो वहीं माता दिखावे की शालीनता का प्रदर्शन और लोकतंत्र पर खोखली बयानबाजी कर इसका पूरक बनती है।
नड्डा ने कहा कि पंजाब में जो कुछ भी हो रहा है वह राहुल गांधी के इशारों पर किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का पुतला जलाने का शर्मनाक ड्रामा राहुल गांधी के द्वारा निर्देशित है, लेकिन यह अनपेक्षित नहीं है। कांग्रेस से यही उम्मीद की जा सकती है। नेहरु-गांधी खानदान ने कभी भी प्रधानमंत्री पद और प्रधानमंत्री के कार्यालय की गरिमा का सम्मान नहीं किया है। 2004-2014 के बीच भी ऐसा ही देखने को मिला था, जब कांग्रेस की यूपीए सरकार के शासनकाल में प्रधानमंत्री पद को संस्थागत तरीके से कमजोर किया गया था।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि निराशा और बेशर्मी का गठजोड़ काफी खतरनाक होता है। कांग्रेस के पास ये दोनों ही है। जहां पार्टी में बेटा घृणा, क्रोध, झूठ और आक्रामकता की राजनीति का जीवंत प्रदर्शन करता है, तो वहीं माता दिखावे की शालीनता का प्रदर्शन और लोकतंत्र पर खोखली बयानबाजी कर इसका पूरक बनती है। यह पार्टी के दोयम दर्जे और दोहरे रवैये को दिखाता है।
उन्होंने आगे कहा, यदि देश में कोई एक पार्टी है जिसका आचरण घृणा और नफरत का है तो वह केवल और केवल कांग्रेस पार्टी है। कांग्रेस शासित राजस्थान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दलितों, पिछड़ों, शोषितों और वंचितों पर अत्याचार सबसे चरम पर है। राजस्थान के साथ-साथ पंजाब में भी महिलाएं असुरक्षित हैं। पंजाब में मंत्री छात्रवृत्ति घोटाले कर रहे हैं।
नड्डा ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर कांग्रेस कभी भी दूसरों पर दबाव नहीं बना सकती। कांग्रेस का आवाज दबाने का दशकों से इतिहास रहा है। इसे हमने आपातकाल के दौरान भी देखा। इसके बाद राजीव गांधी की कांग्रेस सरकार ने भी प्रेस की आजादी को कमजोर करने का प्रयास किया। स्वतंत्र मीडिया सदैव ही कांग्रेस को चुभती है। अगर कोई क्रूर राज्य शक्ति के इस्तेमाल की प्रयोगशाला को देखना चाहता है, तो वह कांग्रेस के आशीर्वाद से चलने वाली महाराष्ट्र सरकार को देखे, जहां विपक्ष को परेशान किया जा रहा और बोलने की आजादी पर अंकुश लगाया जा रहा है। राज्य चलाना छोड़कर महाराष्ट्र सरकार सब कुछ कर रही है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गरीबी में जन्म लेने के बाद देश के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित करने वाले महान शख्सियत के प्रति एक खानदान और वंश की गहरी नफरत जितना ऐतिहासिक है, उतना ही ऐतिहासिक है भारत के लोगों का प्रधानमंत्री मोदी के लिए अपार प्यार, समर्थन और आशीर्वाद। जितना ही कांग्रेस झूठ बोलेगी और जितनी ही इनकी नफरत बढ़ेगी, उतना ही और अधिक लोग प्रधानमंत्री मोदी को चाहेंगे और उनका समर्थन करेंगे।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Dobhal) नवरात्री के अवसर पर शनिवार को पत्नी अनु डोभाल के साथ उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल स्थित अपने पैतृक गांव घीड़ी पहुंचे। गांव में उन्होंने अपनी कुल देवी मां बाल कुंवारी की पूजा-अर्चना की और गांव के लोगों के हालचाल पूछे।
डोभाल रविवार की शाम मंडल मुख्यालय पौड़ी पहुंचे थे। सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम के बाद शनिवार सुबह वे गांव गए। गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया। गांव में सबसे पहले उन्होंने काफी देर तक अपनी कुल देवी मां बाल कुंवारी के मंदिर में पूजा-अर्चना की।
पूजा-अर्चना के बाद डोभाल अपने अलग अंदाज में गांव के लोगों से मिले और उनकी कुशल-क्षेम पूछी। अपनी मातृभाषा गढ़वाली में बातचीत की। सभी को दीपावली की शुभकामनाएं दी। साथ ही गांव वालों को दीपावली की मिठाई व उपहार भी बांटे। बाद में वे दिल्ली के लिए वापस रवाना हो गए।
इससे पहले रविवार को पौड़ी जाते समय डोभाल प्रसिद्ध सिद्धपीठ ज्वाल्पा देवी के मंदिर में भी कुछ देर के लिए रुके थे। वहां उन्होंने पूजा की। इस अवसर पर स्थानीय पुजारियों के अलावा प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री पं.राजेंद्र अंथवाल आदि ने उनका स्वागत किया।
पौड़ी में सर्किट हाउस में गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, विधायक मुकेश कोली आदि ने डोभाल का स्वागत किया और उनसे भेंट की। डोभाल का यह पूरी तरह से निजी भ्रमण था। वे सड़क मार्ग से ही दिल्ली से आये थे। लिहाजा, उनके दौरे को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गए थे।
गुरूवार को देश के चर्चित व ताकतवर व्यक्तित्वों में शुमार किए जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का जन्मदिन था। स्वाभाविक है कि उनको जन्मदिन की बधाई देने में कोई पीछे नहीं रहना चाहता था। अमित शाह को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने वालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार के मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री समेत खेल व फिल्म जगत की जानीमानी हस्तियां शामिल रहीं। जन्मदिन के कारण अमित शाह ट्वीटर पर ट्रेंड करते रहे। समर्थक अमित शाह को ‘आधुनिक भारत का चाणक्य’ से लेकर Iron man of New India (नए भारत का लोह पुरुष) आदि जैसी तमाम उपमाओं से नवाज रहे थे। बड़ी संख्या में समर्थकों ने धारा-370 को हटाने को लेकर उनकी चर्चा की और उन्हें दृढ़ निश्चयी राजनेता बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा पूरा राष्ट्र देख रहा समपर्ण व उत्कृष्ट योगदान को
अमित शाह को जन्मदिन की बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा – ‘श्री अमित शाह जी को जन्मदिन की बधाई। हमारा राष्ट्र उस समर्पण और उत्कृष्टता को देख रहा है जिसके साथ आप भारत की प्रगति में योगदान दे रहे हैं। भाजपा को मजबूत बनाने के आपके प्रयास भी उल्लेखनीय हैं। ईश्वर आपको लंबे समय तक देश की सेवा करने और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद दे।’
शाह को बधाई देने वाली प्रमुख हस्तियों में ये रहे शामिल
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, रविशंकर प्रसाद, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला, अभिनेता अनुपम खेर, कंगना रनौत, रितेश देशमुख, क्रिकेटर सुरेश रैना, बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल, संगीतकार अमजद अली खान आदि ने ट्वीट कर अमित शाह को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं।
बूथ के पोलिंग एजेंट से शुरू हुआ राजनीतिक सफर
‘चाणक्य’ के रुप में चर्चित अमित शाह लीक से हटकर चलने में विश्वास रखते हैं। बायो कैमेस्ट्री में स्नातक शाह छात्र जीवन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए। भाजपा में उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत अहमदाबाद में एक बूथ के पोलिंग एजेंट के रूप में हुई।
एक भी चुनाव नहीं हारे
मात्र 31 वर्ष की आयु में वे गुजरात की सरखेज विधानसभा क्षेत्र विधायक चुने गए। राजनीति में ऐसा दुर्लभ होता है कि कोई व्यक्ति एक क्षेत्र से लगातार चार-पांच बार विजयी हो और हर बार जीत का अंतर व मत प्रतिशत बढ़ता जाए। शाह ने यह रिकॉर्ड कायम किया है। सरखेज विधानसभा से चार बार चुनाव जीतने वाले शाह अपना पिछला रिकार्ड तोड़ते गए।
सोहराबुद्दीन व इशरत जहॉ मुठभेड़ मामले में फंसे
गुजरात में शाह की सबसे बड़ी राजनीतिक उपलब्धि सहकारी आंदोलन में कॉग्रेसी किले को ध्वस्त करना रहा है। राजनीतिक क्षितिज पर धुमकेतु की तरह उभरे शाह के कॅरियर पर कांग्रेस ने सोहराबुद्दीन व इशरत जहॉ मुठभेड़ मामलों को लेकर ग्रहण लगाने का षडयंत्र रचा। मगर झूठ के पॉव नहीं होते, वो जल्दी लड़खड़ा जाता है। कोर्ट ने उन्हें ससम्मान बरी किया।
2014 के लोकसभा चुनाव में देश ने जाना शाह का करिश्माई व्यक्तित्व
राष्ट्रीय राजनीति में उनके करिश्माई व्यक्तित्व से लोग 2014 के लोकसभा चुनावों में रुबरू हुए, जब पार्टी ने उत्तर प्रदेश नें 80 में से 73 लोकसभा सीटों पर विजय प्राप्त की। वो लगातार अपनी सांगठनिक व प्रबंधकीय क्षमता का लोहा मनवाते रहे। जुलाई 2014 में पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद उन्होंने संगठन में कई नए प्रयोग किए।
गृह मंत्री के रूप में दिखाए मजबूत इरादे
2019 के लोकसभा चुनाव में अमित शाह ने गुजरात की गांधीनगर सीट से चुनाव लड़ा और मोदी सरकार में गृह मंत्री नियुक्त हुए। गृह मंत्री के रूप में भी अमित शाह ने ऐतिहासिक पारी खेली। जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने का मामला रहा हो या नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) अमित शाह ने हर मुद्दे पर अपने मजबूत इरादों की छाप छोड़ी है।
देश में कोरोना के सक्रिय मामलों में लगातार आ रही गिरावट का रुख बिना रूके जारी है। पिछले तीन दिनों में सक्रिय मामले कुल मामलों के 10 प्रतिशत से भी कम पर कायम हैं। इससे पता चलता है कि देश भर में कोविड-19 रोगियों के 10 मामलों में से सिर्फ एक ही सक्रिय मामला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को एक अधिकृत विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में देश के कुल पॉजिटिव मामलों में से सिर्फ 9.29 प्रतिशत मामले सक्रिय हैं जो कि 7,15,812 हैं।
देश ने एक अन्य मील का पत्थर हासिल किया है। पिछले तीन दिनों में पॉजिटिव मामलों की दर 5 प्रतिशत से लगातार नीचे बनी हुई है। इससे यह पता चलता है कि केन्द्र तथा राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की केन्द्रित रणनीति और कार्रवाई के चलते संक्रमण के प्रसार पर प्रभावी लगाम लगाने में मदद मिली है। प्रतिदिन पॉजिटिव मामलों की संख्या 3.8 प्रतिशत पर आ गई है।
प्रतिदिन पॉजिटिव मामलों की दर में आ रही गिरावट को सक्रिय मामलों में आ रही गिरावट से भी मापा जा सकता है जो कि 7.5 लाख (7,15,812) से नीचे बनी हुई है।
ठीक हुए रोगियों के कुल मामले 69 लाख के आसपास (68,74,518) हैं। सक्रिय मामलों और ठीक हुए मामलों के बीच का अंतर लगातार बढ़ रहा है और यह आज 61,58,706 पर आ गया है।
पिछले 24 घंटों में 79,415 रोगी ठीक हुए हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि 55,839 नए पुष्ट मामले सामने आए हैं। राष्ट्रीय रिकवरी रेट (ठीक हुए मामले) बढ़कर 89.20 प्रतिशत हो गया है।
ठीक हुए रोगियों के 81 प्रतिशत नए मामले 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में हैं। महाराष्ट्र में एक दिन में 23,000 से ज्यादा रोगी ठीक हुए हैं।
पिछले 24 घंटों में कुल नए पुष्ट मामले 55,839 सामने आए हैं। इनमें से 78 प्रतिशत 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में हैं। महाराष्ट्र और केरल अभी भी बड़ी संख्या में नए मामले दर्ज कर रहे हैं जो कि प्रत्येक में 8,000 से ज्यादा है। इसके बाद, कर्नाटक ने 5,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं।
पिछले 24 घंटों में 702 मामलों में मरीजों की मौत हुई है। इनमें से करीब 82 प्रतिशत इन 10 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में हैं। महाराष्ट्र से 25 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में रोगी की मौत दर्ज की गईं हैं (180 मौतें)।