उत्तराखंड में नर्सिंग अधिकारी के 1564 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू..
चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को शीघ्र मिलेगा नर्सिंग स्टॉफ..
उत्तराखंड: आखिरकार लम्बे इंतजार के बाद सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को बड़ी संख्या में नर्सिंग अधिकारी मिलने जा रहे हैं। प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की एक और पहल रंग लाई है। डा. रावत के अथक प्रयासों के उपरांत स्वास्थ्य विभाग में वर्षवार मैरिट के आधार पर 1564 नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति की जायेगी। उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने महिला एवं पुरूष संवर्ग के नर्सिंग अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है, शीघ्र ही अभ्यर्थियों के अभिलेखों का सत्यापन किया जायेगा। अभिलेख सत्यापन के उपरांत चयनित अभ्यर्थियों को विभाग में तैनाती दी जायेगी।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अथक प्रयासों का नतीजा है कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को जल्द 1564 नर्सिंग अधिकारी मिलेंगे। विभाग की कमान सम्भालते ही डा. रावत ने ताबड़तोड़ कई फैसले लिये थे, जिसमें लम्बे समय से रिक्त चल रहे नर्सिंग स्टॉफ के पदों को भरना भी शामिल था लेकिन नर्सिंग अधिकारियों की नियमावली के अनुसार यह भर्ती प्रक्रिया लिखित परीक्षा के आधार पर की जानी थी, जिसमें बेरोजगार नर्सिंग डिग्री एवं डिप्लोमाधारी संगठन ने धांधली की आशंका जताते हुये वर्षवार मेरिट के आधार पर भर्ती की मांग की थी। जिस पर विभागीय मंत्री डा. रावत ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को नर्सिंग अधिकारी की भर्ती नियमावली में संशोधन कर वर्षवार मैरिट के आधार पर भर्ती का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये थे। विभाग द्वारा भर्ती नियमावली का संशोधित प्रस्ताव राज्य कैबिनेट की बैठक में लाया गया।
कैबिनेट की स्वीकृति के उपरांत विभाग ने कुल 1564 पदों पर वर्षवार मेरिट के आधार भर्ती का अधियाचन उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को सौंपा। चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा माह जनवरी 2023 में 1564 पदों के सापेक्ष भर्ती हेतु अभ्यर्थियों से आवेदन पत्र मांगे गये। जिस पर लगभग 10 हजार अभ्यर्थियों आवेदन किया। चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल ने बताया कि नर्सिंग अधिकारी के कुल 1564 पदों में से महिला संवर्ग डिप्लोमाधारक के 847 पद, महिला संवर्ग डिग्रीधारक के 405 पद, पुरूष संवर्ग डिप्लोमाधार के 212 पद तथा पुरूष संवर्ग डिग्रीधारक के 100 पद हैं।
जिन पर वर्षवार मैरिट के आधार पर भर्ती हेतु प्रत्येक पद के सापेक्ष दो अभ्यर्थियों को अभिलेख सत्यापन के लिये बुलाया जायेगा। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों की अंतिम सूची जारी कर दी जायेगी। उन्होंने बताया कि चयन प्रक्रिया सम्पन्न होने के उपरांत चयनित अभ्यर्थियों की अंतिम सूची महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य को सौंप दी जायेगी जहां से चयनित अभ्यर्थियों को रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा दी जायेगी।
डा. धन सिंह रावत का कहना हैं कि, नर्सिंग अधिकारियों के 1564 रिक्त पदों पर नई तैनाती के उपरांत स्वास्थ्य विभाग में काफी हद तक नर्सिंग स्टॉफ की कमी दूर हो जायेगी, जिससे प्रदेशभर के राजकीय चिकित्सालयों में आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
उत्तराखंड में माध्यमिक स्तर पर 559 विद्यालयों को क्लस्टर विद्यालयों के रूप में विकसित किया जाएगा..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में शिक्षा विभाग के साथ क्लस्टर विद्यालय के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत संचालित क्लस्टर विद्यालय शिक्षण अधिगम को गुणवत्तापरक एवं रूचिकर बनाने के उद्देश्य से पठन-पाठन से सम्बन्धित मूलभूत सुविधायें विकसित कर उत्कृष्ट शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित किए जाएंगे।
मुख्य सचिव का कहना हैं कि इन क्लस्टर विद्यालयों में समुचित मात्रा में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्कूल के लिए आने वाले समय में अधिकतम छात्र संख्या के अनुरूप मास्टर प्लान तैयार किया जाए। क्लस्टर स्कूल में समुचित अध्यापक, कक्षाकक्ष, पुस्तकालय, कम्प्यूटर लैब और अन्य प्रयोगशालाओं आदि की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि क्लस्टर विद्यालयों में छात्रों के लिए आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराए जाने हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन कर उन्हें छात्रों को आवागमन का किराया किस रूप में देना है इसके लिए भी अधिकृत किया जाए। इस समिति में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी, पुलिस अधीक्षक आदि सम्बन्धित सभी विभागों का प्रतिनिधित्व रखा जाए।
ऐसे स्कूल, जो अत्यधिक दूर हैं और बच्चे इतने दूर आना जाना नहीं कर सकते, के लिए आवासीय स्कूलों की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि आवासीय स्कूलों को पर्वतीय जनपदों के छोटे शहरों में खोला जा सकता है। ऐसे में उन आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों को अपने परिवार के साथ रहने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में एक नहीं बल्कि 5 से 7 आवासीय विद्यालय होने चाहिए। वर्तमान में संचालित आवासीय विद्यालयों में हॉस्टल की सुविधा को और बढ़ाया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि बच्चों को अच्छी गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध हो इसके लिए अच्छे सुझावों को लगातार अपनाने की आवश्यकता है।
सचिव रविनाथ रमन ने कहा कि प्रदेशभर में माध्यमिक स्तर पर कुल 559 विद्यालयों को क्लस्टर विद्यालयों के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी प्रकार प्राथमिक में 603 और पूर्व माध्यमिक में 76 विद्यालयों को चिन्हित किया गया है। सभी विद्यालयों के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। इस अवसर पर महानिदेशक माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षा बंशीधर तिवारी, अपर सचिव शिक्षा योगेन्द्र यादव सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
उत्तराखंड में अगले चार दिन भारी, जानें कहां होगी बारिश-बर्फबारी..
उत्तराखंड: प्रदेश में जहां गुरूवार को अचानक बदले मौसम के बाद बिजली गिरने और बारिश-बर्फबारी की खबरे सामने आई है । वहीं मौसम विभाग ने एक बार फिर अलर्ट जारी कर दिया है। प्रदेश के कई जिलों के लिए अगले चार दिन भारी बताए जा रहे है। कई जिलों के लिए यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने 28 और 29 अप्रैल को यलो अलर्ट जारी किया है। बताया जा रहा है कि 28 अप्रैल को राज्य के उत्तरकाशी ,रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर तथा पिथौरागढ़ जनपदों में कहीं-कहीं अपरान्ह और शाम के समय गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने तथा ओलावृष्टि होने की संभावना है। तो वहीं 29 अप्रैल को राज्य में कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने ओलावृष्टि होने तथा झोंकेदार हवाएं 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा चल सकती है।
वहीं ये भी बताया जा रहा है कि प्रदेश में 30 अप्रैल और 1 मई के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान राज्य के जनपदों में कहीं-कहीं गर्जन के साथ आकाशीय बिजली गिरने,ओलावृष्टि होने तथा तेज बौछार के साथ झक्कड़ 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़कर 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने का मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है। इसके अलावा उच्च हिमालई क्षेत्रों में हिमपात की भी संभावना जताई गई है।
एयर एंबुलेंस सेवा के लिए एम्स और पिनाकल कंपनी में हुआ एमओयू..
उत्तराखंड: एयर एंबुलेंस सेवा शुरू करने के लिए एम्स ऋषिकेश और पिनाकल कंपनी के बीच एमओयू किया गया है। आपातकालीन और ट्रामा सेवाओं के लिए मई में एम्स से एयर एंबुलेंस सेवा संचालित होगी। पवन हंस की ओर से मेरठ में एयर एंबुलेंस को तैयार किया जा रहा है। हेलीकॉप्ट मिलते ही एम्स प्रशासन सेवा शुरू करने के लिए पूरी तैयारियां कर ली है।
आपातकालीन व ट्रामा सेवा के लिए गंभीर मरीजों को तत्काल एम्स पहुंचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से पहली बार एयर एंबुलेंस सेवा शुरू की जाएगी। गुरुवार को एम्स ऋषिकेश और पिनाकल कंपनी के बीच एयर एंबुलेंस संचालित करने के लिए एमओयू किया है। इसके बाद पिनाकल कंपनी की ओर से उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के सीईओ सी. रविशंकर से भी एमओयू पर हस्ताक्षर कराए गए।
एम्स ऋषिकेश की निदेशक डॉ. मीनू सिंह का कहना हैं कि एयर एंबुलेंस के लिए पिनाकल कंपनी की ओर से सेवा दी जाएगी जबकि पवन हंस एयर एंबुलेंस के लिए हेलिकॉप्टर उपलब्ध कराएगा। इसके लिए पवन हंस ने हेलीकॉप्ट खरीदा है। इसे मेरठ में एयर एंबुलेंस के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। हेलीकॉप्टर उपलब्ध होते ही सेवा शुरू की जाएगी। इसके लिए एम्स प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। मई महीने में एयर एंबुलेंस का संचालन शुरू हो जाएगा।
एक महीने में 50 ट्रिप निर्धारित..
एयर एंबुलेंस सेवा के लिए एक महीने में 50 ट्रिप निर्धारित किए गए हैं। आपात और ट्रामा सेवा के लिए किसी मरीज को तत्काल एयर एंबुलेंस की जरूरत है। यह एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों की टीम तय करेगी। टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीज की स्थिति को देखा जाएगा।
भारी बर्फबारी के बीच खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, जयकारों के बीच नाचने लगे श्रद्धालु..
उत्तराखंड: बर्फबारी और कड़ाके की ठंड के बीच भू-बैकुंठ बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आज गुरुवार सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर बद्रीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए हैं। कपाट खुलने के इस पावन मौके पर अखंड ज्योति के दर्शन करने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु धाम पहुंचे तो यात्रा पड़ावों पर चहल-पहल भी शुरू हो गई है।
कपाट खुलने के दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा हुई तो वहीं परिसर में सेना की मधुर धुन पर यात्री भी थिरके। बद्रीनाथ के सिंह द्वार से यात्रियों के दर्शन शुरू हो गए हैं। कपाट खुलने के दौरान धाम में करीब 20 हजार तीर्थयात्री पहुंचे। कपाटोद्घाटन के लिए टिहरी राजा के प्रतिनिधि के रूप में माधव प्रसाद नौटियाल भी धाम में मौजूद रहे।
वहीं बद्रीनाथ यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों में भी उत्साह और उल्लास का माहौल है। यात्रा पड़ावों पर जगह-जगह तीर्थयात्रियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। बद्रीनाथ में तीर्थयात्रियों और स्थानीय श्रद्धालुओं के करीब 400 वाहन पहुंच गए हैं। बद्रीनाथ के साथ ही धाम में स्थित प्राचीन मठ-मंदिरों को भी गेंदे के फूलों से सजाया गया है।
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माणा में ग्रामीणों की चहल-पहल शुरू..
इस बार बद्रीनाथ हाईवे पर कंचन गंगा और रड़ांग बैंड में हिमखंड पिघल गए हैं। यहां अलकनंदा के किनारे कुछ जगहों पर ही बर्फ जमी है। बद्रीनाथ धाम के आंतरिक मार्गों पर अभी भी बर्फ है, जिसे नगर पंचायत बद्रीनाथ के पर्यावरण मित्रों की ओर से साफ किया जा रहा है।
वर्ष 2013 की आपदा में बह चुके लामबगड़ बाजार में भी दुकानें खुलने लगी हैं। देश के प्रथम गांव माणा में भी ग्रामीणों की चहल-पहल होने लगी है। बुधवार को बद्रीनाथ धाम पहुंंचे अधिकांश श्रद्धालु माणा गांव पहुंचे। बद्रीनाथ में आर्मी हेलीपैड से मंदिर परिसर तक साफ-सफाई का काम भी पूरा हो गया है।
अब काम की स्कीमें छांटेगी प्रदेश सरकार, एक तरह की स्कीमें होंगी मर्ज..
उत्तराखंड: राज्य के विकास की गति को नियोजित ढंग से गति देने के लिए प्रदेश सरकार अब अपनी उन योजनाओं को बंद करेगी, जो किसी काम की नहीं हैं या अव्यावहारिक हैं। एक ही तरह की योजनाओं को मर्ज कर उन्हें ज्यादा प्रभावी बनाया जाएगा। काम की योजनाएं छांटने का यह बीड़ा नियोजन विभाग ने उठाया है।
विभाग ने इस कार्य के लिए केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय की स्वायत्त संस्था राष्ट्रीय वित्त प्रबंधन संस्थान का सहयोग लिया है। अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा के नेतृत्व में एक टीम इस कार्य को अंजाम देगी। सोमवार को सचिवालय में संस्थान के अधिकारियों के साथ बैठक में इसकी रूपरेखा तैयार की गई। इस कवायद के बाद योजनाओं की निगरानी, अनुश्रवण और उनके प्रभावी क्रियान्वयन में आसानी होगी और पात्रों को इनका अधिकतम लाभ मिल सकेगा।
विभागों में 2500 छोटी बड़ी योजनाएं..
आपको राज्य सरकार के विभागों व संस्थाओं में करीब 2500 छोटी-बड़ी योजनाएं संचालित हो रही हैं। इनमें कुछ योजनाएं एक ही तरह की हैं। मिसाल के लिए कृषि व उद्यान विभाग में बड़ा मशरूम व छोटा मशरूम की योजनाएं हैं। शहद उत्पादन की योजना उद्यान में भी है और सहकारिता विभाग में भी। इसी तरह की योजनाओं को छांटा जा रहा है।
छांटने के बाद कम हो जाएंगी स्कीमें..
ढाई हजार बड़ी-छोटी योजनाओं में से काम की योजनाएं छांटकर प्रदेश सरकार इनके लिए बजटीय प्रावधान बढ़ाने की सोच रही है। इससे योजनाओं के ज्यादा पात्रों को लाभ मिल सकेगा। इसके साथ ही केंद्र पोषित व केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं से मेल खाने वाली योजनाओं को चुनकर उन्हें ज्यादा बजटीय प्रावधान के जरिये और प्रभावी बनाया जाएगा।
योजनाओं की एक श्रेणी बनेगी..
योजनाओं की श्रेणी वार छंटनी होगी। मसलन सभी विभागों में ऐसी योजनाओं की सूची तैयार होगी, जो रोजगार, स्वरोजगार और आजीविका बढ़ाने में सहयोग करती हैं। उन योजनाओं काे एक जगह रखा जाएगा, जो ऋण और अनुदान वाली हैं। गरीब, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, दिव्यांग, महिला, बाल कल्याण से जुड़ी अलग-अलग विभागों में संचालित हो रही योजनाओं की भी पहचान होगी। इन योजनाओं में उनको छांटा जाएगा जिन्हें एक-दूसरे के साथ मिलाया जा सकता है।
हर विभाग में बनेंगे नोडल अधिकारी..
नियोजन विभाग के सहयोग से राष्ट्रीय वित्त प्रबंधन संस्थान के विशेषज्ञ सभी योजनाओं की समीक्षा करेंगे। हर विभाग से योजनाओं के संबंध में जानकारी के लिए एक नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। नोडल अधिकारी अपने विभाग से संबंधित योजनाओं की सूचनाएं एकत्रित करेंगे और उन्हें उपलब्ध कराएंगे।
विभागों में सैकड़ों की संख्या में छोटी-बड़ी योजनाएं हैं। पिछले कुछ वर्षों में नई योजनाएं बनीं हैं और जो पहले से बनी योजनाओं जैसी ही हैं। कुछ योजनाएं अब अप्रासंगिक और अव्यावहारिक हो गई हैं। इनकी समीक्षा की जा रही है। अपर सचिव रोहित मीणा के नेतृत्व में यह काम हो रहा है। इससे योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा पात्र लोगों को इनका फायदा मिलेगा।
27 अप्रैल को खुलेंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट..
उत्तराखंड: बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रियाओं के तहत आज मंगलवार को जोशीमठ नृसिंह मंदिर से बद्रीनाथ के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी और गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा के साथ योगबद्री मंदिर पांडुकेश्वर के लिए रवाना हुए। बुधवार को पांडुकेश्वर से कुबेर जी और उद्घव जी की उत्सव डोली रावल, और शंकराचार्य की गद्दी बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना होगी। जिसके बाद 27 अप्रैल को प्रात: 7 बजकर 10 मिनट पर विधि-विधान से भगवान बद्रीनाथ जी के कपाट खोल दिए जाएंगे।
उत्तराखंड में तीन जिलों में एवलांच की चेतावनी..
उत्तराखंड: प्रदेश में अगले कुछ दिन मौसम खराब रहने की संभावना जताई जा रही है। पिछले कई दिनों से लोग गरमी और लू से लोग परेशान थे। जिसके चलते सुबह से ही सड़कों पर सन्नाटा छाया रहता था। लोग घरों से निकलने से बचते थे। लेकिन आज राजधानी देहरादून में भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप के बाद खुशनुमा हुए मौसम से लोगों ने राहत की सांस ली है।
उत्तराखंड में अगले 5,7 दिन खराब मौसम होने की बात सामने आई है। इसके साथ ही डीजीआरई चंडीगढ़ की ओर तीन जिलों में एवलांच की चेतावनी जारी की गई है। इसके बाद उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से भी जिलाें को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र ने सोमवार को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों के ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर हल्की से हल्की बारिश/आंधी/बर्फबारी होने की संभावना जताई है। इसके साथ ही आज प्रदेश के शेष जिलों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र ने आगे पूर्वानुमान लगाया है कि 3,500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर हिमपात होने की संभावना है। मौसम विभाग ने 25 अप्रैल को भी यलो अलर्ट जारी करते हुए उत्तराखंड राज्य के पर्वतीय जनपदों में बिजली चमकने और गरज के साथ बरसात होने की भी संभावना व्यक्त की है तथा उन्होंने लोगों से अपील की है कि बिजली गिरने से जनहानि भी हो सकती है इसलिए बेहद सतर्कता बरतें।
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एवलांच का खतरा- अगले 24 घंटे उत्तराखंड में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एवलांच का खतरा है। रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। NDMA ने 3000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एवलांच के खतरे की चेतावनी जारी की है।
केदारनाथ धाम में बर्फबारी का अलर्ट- केदारनाथ धाम में अगले कुछ दिनों में बर्फबारी के अलर्ट के मद्देनजर भी जिलों को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए है। प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावनाओं की बीच सचिव आपदा प्रबंधन ने संबंधित विभागों को भी निर्देश जारी किए हैं।
डीजीपी अशोक कुमार का कहना हैं कि केदारनाथ धाम में अगले छह से सात दिन तक बर्फबारी की संभावना जताई गई है। इसके लिए रुद्रप्रयाग पुलिस को जिला प्रशासन व संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। बर्फबारी के संबंध में सोशल मीडिया, न्यूज चैनलों, समाचार पत्रों से प्रचार-प्रसार कराने को कहा गया है।
केदारनाथ धाम में बर्फबारी अलर्ट के चलते रोका गया पंजीकरण..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम में अगले कुछ दिनों में बर्फबारी के अलर्ट के मद्देनजर भी जिलों को अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए है। प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावनाओं की बीच सचिव आपदा प्रबंधन ने संबंधित विभागों को भी निर्देश जारी किए हैं। बता दे कि केदारनाथ धाम में बर्फबारी और खराब मौसम को देखते हुए रविवार की सुबह 10:00 से केदारनाथ धाम के लिए तीर्थ यात्रियों का पंजीकरण अगले आदेश तक रोक दिया गया है।
अपर आयुक्त गढ़वाल मंडल नरेंद्र सिंह क्वीराल का कहना हैं कि केदारनाथ धाम में बर्फबारी और खराब मौसम के कारण बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो इस बात को ध्यान में रखते हुए यहां पंजीकरण अगले आदेश तक रोका गया है शेष धामों के लिए ऑनलाइन और भौतिक पंजीकरण दोनों सुविधा जारी है।
उनका कहना हैं कि ऋषिकेश और हरिद्वार पंजीकरण केंद्र में अगले आदेश तक श्रद्धालुओं के पंजीकरण रोके गए हैं। पंजीकरण करने वाली एजेंसी एथिक्स इंडिया के स्थानीय प्रभारी प्रेम ने कहा कि आयुक्त गढ़वाल मंडल व अध्यक्ष यात्रा प्रशासन संगठन के आदेश पर रविवार की सुबह 10:00 बजे से पंजीकरण रोका गया है।
अक्षय तृतीय पर हुआ चारधाम यात्रा का आगाज, पुष्प वर्षा के साथ गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों का हुआ स्वागत..
उत्तराखंड: अक्षय तृतीय के अवसर पर आज शनिवार को गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं। गंगोत्री के कपाट 12:35 मिनट पर जबकि यमुनोत्री के कपाट 12:41 मिनट पर खुले। मां गंगा की भोगमूर्ति और छड़ी गंगोत्री धाम में विराजमान हुई। सीएम पुष्कर सिंह धामी भी इस मौके पर धाम पहुंचे और गंगा पूजन किया। पूजा-अर्चना के बाद विधिवत रूप से सीएम की मौजूद में गंगोत्री धाम के कपाट खोले गए। इसके बाद यमुनोत्री धाम के कपाट खुले। पुष्प वर्षा के साथ तीर्थयात्रियों का स्वागत किया गया।
गंगोत्री के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई थी। इसके तहत शुक्रवार को मुखबा से मां गंगा की डोली आर्मी बैंड की धुनों के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी। मां गंगा की विदाई के दौरान मुखबा गांव के ग्रामीण भावुक हो गए। शुक्रवार को चारधाम यात्रा औपचारिक रूप से शुरू हुई जबकि यात्रा का विधिवत आगाज शनिवार दोपहर को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हुआ। इससे पूर्व शुक्रवार को मां गंगा की भोगमूर्ति को डोली में विराजमान किया गया और मुखबा गांव से डोली को जयकारों के साथ दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर आर्मी बैंड, ढोल दमाऊं और रणसिंगे के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया गया।
राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने आज अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री धाम एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के शुभ अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं के सुगम, सुखद और मंगलमय चारधाम यात्रा की कामना की है।
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