चारधाम यात्रा के सफल संचालन पर बद्री-केदार समिति ने जताया आभार
मुख्यमंत्री धामी बोले – चारधाम यात्रा हमारी श्रद्धा और सेवा का प्रतीक
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास पर बद्री-केदार मंदिर समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी के नेतृत्व में आए प्रतिनिधियों ने चारधाम यात्रा के सफल, सुचारु और सुरक्षित संचालन के लिए राज्य सरकार का आभार प्रकट किया।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस वर्ष यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधाओं, मार्ग व्यवस्था, आपातकालीन सेवाओं और समग्र प्रबंधन को लेकर सरकार द्वारा किए गए प्रयास अत्यंत सराहनीय रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के समर्पित कार्यों के परिणामस्वरूप यात्रियों को यात्रा के दौरान न केवल बेहतर सुविधा मिली, बल्कि सुरक्षा का भरोसा भी बना रहा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिनिधिमंडल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार चारधाम यात्रा को श्रद्धा, व्यवस्था और सुरक्षा के संतुलन के साथ संचालित करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि हर श्रद्धालु इस पवित्र यात्रा से सुखद अनुभव लेकर लौटे और उत्तराखंड की संस्कृति एवं सेवा भावना की सकारात्मक छवि देश-दुनिया में जाए।
देहरादून। बीसवीं राष्ट्रीय आइस स्केटिंग प्रतियोगिता के विजयी खिलाड़ियों को खेल मंत्री रेखा आर्या ने सम्मानित कर आशीर्वाद प्रदान किया। 25 से 30 जून के बीच देहरादून स्थित हिमाद्री आइस स्केटिंग रिंक में आयोजित 20 वीं राष्ट्रीय आइस स्केटिंग प्रतियोगिता में देश भर से 500 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। जिसमें उत्तराखंड के स्पीड और फिगर स्केटिंग के 23 खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न स्पर्धाओं में 9 मेडल हासिल किए। खेल मंत्री रेखा आर्या ने अपने कैंप कार्यालय में उत्तराखंड के विजयी खिलाड़ियों को सम्मानित किया।
इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि आइस रिंक के दोबारा शुरू होने के बाद अब आइस गेम्स में भी उत्तराखंड के खिलाड़ी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करेंगे। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि हाल ही में भारत की जिस महिला आइस हॉकी टीम ने यूएई में कांस्य पदक जीता है, उस टीम को भी रवानगी से पहले एक महीना हिमाद्री आइस रिंक में ही ट्रेनिंग दी गई थी। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रतिभाशाली स्केटिंग खिलाड़ियों को कम से कम शुल्क के साथ अभ्यास के सुविधा दी जाएगी।
इस अवसर पर आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष शिव पैन्यूली, कोषाध्यक्ष ज्योति गैरोला , तकनीकी सचिव रूपा सिंह, मैनेजर नागेन्द्र सिंह नेगी, यशवंत सिंह और सुखवीर रावत के साथ कई अभिभावक भी उपस्थित रहे।
हरेला पर्व पर वृक्षारोपण को लेकर हुई चर्चा
देहरादून। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी से उनके कार्यालय में 127 इन्फैंट्री बटालियन (टीए) इको गढ़वाल राइफल्स के कमान अधिकारी कर्नल प्रतुल थपलियाल ने शिष्टाचार भेंट की। भेंट के दौरान सैनिक कल्याण मंत्री जोशी ने आगामी हरेला पर्व के अवसर पर इको गढ़वाल राइफल्स से वृहद स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति और प्रकृति संरक्षण की भावना के अनुरूप यह पर्व हमारे लिए पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने का अवसर है।
कर्नल प्रतुल थपलियाल ने मंत्री को हरेला पर्व पर कार्यक्रम आहूत करने की सहमति करते हुए आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होने का आमंत्रण भी दिया। साथ ही उन्होंने अवगत कराया कि इकाई की स्थापना के बाद से अब तक 127 इन्फैंट्री बटालियन (टीए) इको गढ़वाल राइफल्स द्वारा कुल 1.98 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं, जिससे 23,101 हेक्टेयर भूमि पर हरियाली फैलाई गई है।
कमान अधिकारी ने वर्ष 2023 में टीए को उद्यान विभाग के माध्यम से दो बोलेरो पिकअप और दस हीरो होंडा मोटरसाइकिल प्रदान किए जाने पर आभार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर कार्य संपादन हेतु सीएसआर के तहत दो महिंद्रा बोलेरो पिकअप उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने इकाई के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण और राष्ट्रीय सेवा के इस समर्पण को राज्य सरकार पूर्ण समर्थन देगी। उन्होंने कमान अधिकारी को आश्वस्त किया कि आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
2007 में खरीदी गई भूमि 2020 में दोबारा बेची गई, जांच के बाद रिकॉर्ड में हुई दुरुस्ती
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने भूमि फर्जीवाड़ा के एक गंभीर मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए यह साफ कर दिया है कि प्रशासन अब इस प्रकार के मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरतेगा। शास्त्रीनगर तपोवन निवासी पुलमा देवी की शिकायत पर त्वरित जांच के बाद जिला प्रशासन ने पीड़िता के पक्ष में भूमि का नामांतरण कराकर न्याय दिलाया है।
2007 में खरीदी थी भूमि, 2020 में दोबारा बेची गई
फुलसनी गांव में वर्ष 2007 में पुलमा देवी द्वारा खरीदी गई आवासीय भूमि (जो टिहरी विस्थापितों के लिए आवंटित की गई थी) को वर्ष 2020 में पूर्व भूमि स्वामी ने दोबारा किसी अन्य को बेच दिया। यह मामला जून माह के द्वितीय जनता दर्शन कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी के संज्ञान में आया, जिस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए डीएम ने जांच के आदेश दिए।
2019 में की गई पुनः भूमिधरी को निरस्त किया गया
जांच में पाया गया कि चन्दरू पुत्र अमरू ने पहले 2007 में भूमि विक्रय कर दी थी, लेकिन 2019 में पुनर्वास विभाग को गुमराह कर उसी भूमि पर दोबारा भूमिधरी हासिल कर ली। इस घोर लापरवाही पर डीएम ने अवस्थापना (पुनर्वास) खंड ऋषिकेश को फटकार लगाई। विभाग ने 07 जुलाई को तहसील विकासनगर को पत्र भेजकर 2019 की भूमिधरी को निरस्त करने तथा अभिलेखों में दुरुस्तीकरण करने का निर्देश दिया, जिसे तहसील प्रशासन ने तत्परता से पूरा किया।
जांच में खुलासा: विभागीय लापरवाही से हुआ फर्जीवाड़ा
डीएम की जांच में सामने आया कि चन्दरू ने 2007 में भूमि बेचने के बावजूद 2019 में पुनर्वास विभाग से भूमिधरी दोबारा प्राप्त कर ली। वरिष्ठ प्रबंधक (पुनर्वास), टिहरी बांध परियोजना ने भी इस बात की पुष्टि की कि तथ्यों को छिपाते हुए गलत तरीके से भूमिधरी हासिल की गई थी।
डीएम का सख्त संदेश – दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
जिलाधिकारी ने अधीक्षण अभियंता (टिहरी बांध पुनर्वास) का वाहन जब्त करने और उन्हें विवरण सहित तलब करने के निर्देश दिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत क्रिमिनल जांच के लिए एसडीएम मुख्यालय अपूर्वा को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
प्रशासन का स्पष्ट रुख – न्याय तक नहीं रुकेगी कार्रवाई
डीएम सविन बंसल ने स्पष्ट किया कि जब तक पुलमा देवी को पूरी तरह न्याय नहीं मिल जाता, तब तक प्रशासन इस मामले में कार्रवाई जारी रखेगा। उन्होंने पुनर्वास परियोजना में हो रही अनियमितताओं पर भी सख्त चेतावनी दी है। यह प्रकरण अब जिले में पारदर्शिता और न्याय की दिशा में एक सख्त उदाहरण बन गया है।
अनामिका, मैत्री व क्रियांश ने साउथ एशियन कराटे चैंपियनशिप में जीते पदक
देहरादून/ नई दिल्ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में राज्य के तीन होनहार कराटे चैंपियंस को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मानित किए जा रहे सभी प्रतिभाशाली खिलाड़ी राज्य के उज्ज्वल भविष्य की नींव हैं। उन्होंने कहा, इन खिलाडियों ने अपनी खेल प्रतिभा से अपने माता-पिता के साथ ही उत्तराखंड का मान भी बढ़ाया है। तीनों खिलाड़ियों अनामिका, मैत्री व क्रियांश ने 5-6 जुलाई 2025 को कोलंबो, श्रीलंका में आयोजित 9वीं साउथ एशियन कराटे चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए रजत, कांस्य व कांस्य पदक जीते है, मुख्यमंत्री ने इन खिलाडियों के उज्जवल भविष्य की कामना की तथा भविष्य के आयोजनों में सफलता के लिये शुभकामनाये भी दी।
इन खिलाड़ियों का चयन कराटे इंडिया ऑर्गेनाइजेशन द्वारा देहरादून में आयोजित राष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर किया गया था। जिसमें अनामिका बिष्ट, पुत्री हरीश बिष्ट, जिला चंपावत – रजत पदक, मैत्री बलूनी, पुत्री कैलाश बलूनी, डोईवाला, जिला देहरादून – कांस्य पदक तथा क्रियांश कौशिक, पुत्र सुमंता शर्मा, जिला देहरादून – कांस्य पदक प्राप्त किया गया है।
हिमाचल में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थितियों से निपटने के तौर-तरीकों का अध्ययन करेगा विशेषज्ञ दल
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिव आपदा प्रबंधन को दिए निर्देश
एसईओसी पहुंचे मुख्य सचिव, मौसम तथा मानसून की ली जानकारी
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का एक विशेषज्ञ दल हिमाचल प्रदेश में अतिवृष्टि के चलते उत्पन्न स्थितियों तथा इन हालातों से निपटने के लिए हिमाचल में शासन-प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों को देखने तथा उनका अध्ययन करने के लिए जाएगा। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को इसके निर्देश दिए हैं।
उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में प्रदेश में वर्षा से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश न सिर्फ पड़ोसी राज्य हैं, बल्कि दोनों प्रदेशों की भौगोलिक परिस्थितियां भी एक जैसी हैं। इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में बारिश से काफी नुकसान हुआ है। इन स्थितियों से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश में किस प्रकार आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है, शासन-प्रशासन द्वारा किस तरह इन स्थितियों में प्रतिक्रिया की जा रही है, इसे जानने और समझने की आवश्यकता है ताकि अगर ऐसे ही हालात उत्तराखण्ड में भी उत्पन्न हों तो हिमाचल के अनुभवों के आधार पर एक प्रभावी रणनीति बनाई जा सके।
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर प्रदेश में हो रही वर्षा से उत्पन्न स्थिति की जानकारी ली तथा आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने वर्तमान में प्रदेश में मानसून की स्थिति, आने वाले दिनों में मौसम का पूर्वानुमान, अब तक हुई बारिश तथा प्रदेश भर में भूस्खलन के चलते बंद सड़कों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोलने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में सभी आवश्यक संसाधन तथा उपकरण तैनात किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए की 15 मिनट के भीतर जेसीबी तथा अन्य सभी आवश्यक उपकरण घटनास्थल पर पहुंच जाए। उन्होंने ग्रामीण सड़कों को भी तत्परता के साथ खोलने के निर्देश दिए।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि देहरादून, नैनीताल तथा बागेश्वर में मौमस विभाग द्वारा ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। सात दिवसीय पूर्वानुमान के अनुसार सभी जनपदों में बुधवार से येलो अलर्ट है। उन्होंने बताया कि जून में सामान्य से कम बारिश हुई थी, जबकि जुलाई में सामान्य से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। पूरे मानसून सीजन में सामान्य से 108 फीसदी अधिक वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रदेशभर में 317.1 मिमी बारिश हुई है। सबसे अधिक बागेश्वर में 765.5, चमोली में 428.2, रुद्रप्रयाग 388.8 तथा देहरादून 380.4 मिमी बारिश हो चुकी है।
इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, ड्यूटी आफिसर उप सचिव आलोक कुमार, यूएसडीएमए के विशेषज्ञ मनीष भगत, रोहित कुमार, डॉ. पूजा राणा, डॉ, वेदिका पंत, हेमंत बिष्ट तथा सुश्री तंद्रीला सरकार आदि उपस्थित थे।
2853 परिवारों का पुनर्वास
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राज्य में वर्ष 2012 से वर्तमान में दिनांक 08.07.2025 तक प्राकृतिक आपदा से प्रभावित कुल 258 ग्रामों के 2853 परिवारों का पुनर्वास किया गया। विस्थापन हेतु कुल बजट प्राविधान रु0 20.00 करोड़ रुपये है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में आपदा प्रभावित ग्रामों के पुनर्वास/विस्थापन हेतु कुल बजट प्राविधान रूपये बीस करोड़ के सापेक्ष वर्तमान तक 24 ग्रामों के कुल 337 आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास/विस्थापन हेतु कुल रू0 12,16,70,300/- की धनराशि निर्गत की गयी है। उन्होंने बताया कि राज्य आपदा मोचन निधि तथा राज्य सेक्टर से कुल 175.50 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की जा चुकी है। राज्य आपदा मोचन निधि से जनपदों को कुल 165 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है।
सचेत ऐप, 112, 1070, 1077 हों सभी के फोन में
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि सचेत एप आपदाओं से बचाव की दिशा में काफी मददगार साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा ऐप है, जिसमें न सिर्फ मौसम तथा बारिश के एलर्ट प्राप्त होते हैं बल्कि आपदाओं से बचाव की भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने राज्य के सभी नागरिकों से इस एप को डाउनलोड करने की अपील की है। साथ ही उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को ईआरएसस 112, 1070, 1077 का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये तीन नंबर सभी लोगों के फोन में होने चाहिए ताकि आपदा के समय या किसी मुश्किल घड़ी में लोग इन नम्बरों पर कॉल कर मदद मांग सकें।
तहसील स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने कहा कि आम जनता तक मौसम संबंधी विभिन्न प्रकार की चेतावनियों तथा अन्य जानकारियों को कम से कम समय में पहुंचाया जाए, ताकि लोग समय रहते सुरक्षात्मक कदम उठा सकें। उन्होंने कहा कि विभिन्न अलर्ट जारी करने वाले एजेंसियों से जो भी अलर्ट मिलते हैं, वह एसईओसी तथा डीईओसी के माध्यम से 15 मिनट के भीतर लोगों तक पहुंच जाएं। उन्होंने कहा कि सूचनाओं तथा चेतावनियों के आदान-प्रदान में बिलकुल भी विलंब नहीं होना चाहिए। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति तक अलर्ट तथा अन्य सूचनाओं को पहुंचाने के लिए तहसील स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रियल टाइम सूचनाओं का आदान-प्रदान कुशल तथा प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए बेहद जरूरी है। इस अवसर पर उन्होंने एसईओसी में विभिन्न विभागों के वायरलेस सेटों, सेटेलाइट फोन की सक्रियता भी परखी।
एसईओसी की अपनी एसओपी बनेगी
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने राज्य तथा जनपद आपातकालीन परिचालन केंद्र की अपनी स्वयं की एसओपी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम में किस अधिकारी/कर्मचारी की क्या भूमिका तथा दायित्व हैं, इसमें किसी भी प्रकार भ्रम की स्थिति नहीं रहनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कंट्रोल रूम की भी मॉक ड्रिल कराने के निर्देश दिए।
72 घंटे में दी जाए अहेतुक सहायता
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने आपदा प्रभावितों को अहेतुक सहायता वितरित करने में विलंब न करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित को हर हाल में 72 घंटे के भीतर अहेतुक सहायता उपलब्ध करा दी जाए। साथ ही उन्होंने आपदा में क्षतिग्रस्त संपत्ति के नुकसान का सर्वे भी शीघ्रता से करने के निर्देश दिए ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सहायता मिल जाए और वह दोबारा सामान्य जीवन की ओर अग्रसर हो सकें।
अभी तक यातायात हेतु 30 सड़कें खोली गई
देहरादून। राज्य में मानसून सीजन 2025-26 में बरसात एवं भूस्खलन के कारण 154 सड़कें अवरुद्ध हैं इनमें से 30 सड़कें यातायात हेतु खोली जा चुकी हैं जबकि अन्य 124 सड़कों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
उक्त जानकारी देते हुए प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि राज्य में मानसून सीजन में अत्यधिक बरसात एवं भूस्खलन के कारण प्रदेश के विभिन्न जनपदों में लोनिवि की 67 सड़कें बंद थी जिनमें से 12 को खोल दिया गया है और 55 सड़कों को खोलने का काम चल रहा है। इसी प्रकार राज्य में एनएच की 02, बीआरओ की 01, एनएचआईडीसीएल की 01 सड़क बंद है। जबकि पीएमजीएसवाई की 83 सड़कों में से 16 सड़कों को खोल दिया गया है। प्रदेश की अवरुद्ध 154 सड़कों में से 30 सड़कों को यातायात हेतु खोल दिया गया है। जबकि अन्य 124 सड़कों को खोलने के लिए 644 मशीनें युद्धस्तर पर कार्य कर रही हैं।
लोनिवि मंत्री महाराज ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मानसून के दौरान सभी अपने-अपने फोन एवं मोबाइल अवश्य उठायें ताकि मार्ग अवरुद्ध होने की सटीक जानकारी लोगों को समय से प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए सड़कों को खोलने में बिल्कुल भी कोताही नहीं होनी चाहिए। मानसून के दौरान यदि कोई सड़क बंद होती है तो उसकी पूर्व सूचना यात्रियों को पहले ही उनके पूर्ववर्ती स्टेशन पर मिल जानी चाहिए और उनसे वैकल्पिक मार्गों की भी जानकारी साझा करनी चाहिए ताकि वह अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंच सकें।
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने किया उद्घाटन, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और स्वरोजगार को मिलेगी नई दिशा
देहरादून। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के उपलक्ष्य में देहरादून स्थित भारतीय वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में दो दिवसीय कार्यशाला ‘सहकार मंथन-2025’ का भव्य शुभारंभ मंगलवार को हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तराखंड सरकार के सहकारिता, उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने किया। कार्यशाला का उद्देश्य सहकारिता क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर सृजित करना है।
उद्घाटन भाषण में डॉ. रावत ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उन्होंने केंद्र सरकार के मार्गदर्शन और सहकारिता मंत्रालय की स्थापना को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इससे राज्यों को नई दिशा और ऊर्जा मिली है।
डॉ. रावत ने बताया कि प्रत्येक 300–400 की ग्रामीण आबादी या दो–तीन गांवों के समूह के लिए बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियां गठित की जाएंगी ताकि 670 मौजूदा एम-पैक्स को और अधिक सशक्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह मंथन केवल भाषणों तक सीमित न रहकर धरातल पर परिणाम देने वाला होना चाहिए।
उत्तराखंड सहकारिता की उपलब्धियां और योजनाएं
डॉ. रावत ने बताया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने 2017 से सहकारी बैंकों में आईबीपीएस के माध्यम से पारदर्शी और मेरिट आधारित भर्तियां शुरू कीं, जिसका अनुसरण अब छह अन्य राज्य कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना हो रही है और कई राज्य इसे अपनाने की प्रक्रिया में हैं।
कार्यशाला में सहकारी समितियों के डिजिटलीकरण, ऋण वितरण में सुधार, ग्रामीण उत्पादों के बेहतर विपणन और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसे अभियानों पर भी चर्चा हुई। नर्सरियों के जरिये हरित उत्तराखंड बनाने पर जोर दिया गया।
विशेष प्रतिभागिता और तकनीकी सत्र
कार्यशाला में सहकारिता सचिव डॉ. वीबीआरसी पुरुषोत्तम, निबंधक डॉ. मेहरबान बिष्ट, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक पंकज तिवारी, प्रो. अरुण त्यागी, श्रीमती ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ल और कई अन्य विशेषज्ञों ने विचार साझा किए। कार्यक्रम का संचालन मंगला त्रिपाठी ने किया।
SDRF ने किया शव बरामद
बागेश्वर। सामा-मुनस्यारी मार्ग पर मंगलवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में 20 वर्षीय युवक की जान चली गई। जिला नियंत्रण कक्ष बागेश्वर से मिली सूचना के अनुसार, हरियाणा के पानीपत जिले के महेंद्रगढ़ निवासी यश शर्मा, जो वर्तमान में क्षेत्रीय डाकघर में पोस्टमास्टर के पद पर कार्यरत था, डाक लेकर साइकिल से जा रहा था। इसी दौरान अचानक एक जंगली भालू ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया।
भालू को देखकर घबराए यश की साइकिल अनियंत्रित हो गई और वह गहरी खाई में जा गिरा। SDRF टीम पोस्ट कपकोट से उप निरीक्षक राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में तत्काल रेस्क्यू उपकरणों के साथ मौके के लिए रवाना हुई।
घटना स्थल पर पहुंची टीम को जानकारी मिली कि गिरने के बाद युवक पर भालू ने हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। SDRF जवानों ने खाई में उतरकर शव को स्ट्रेचर की मदद से मुख्य मार्ग तक लाया और उसे जिला पुलिस को आवश्यक कार्रवाई हेतु सुपुर्द किया।
घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय प्रशासन ने वन विभाग को क्षेत्र में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
ऋषिकेश में मौनपालन कार्यालय का उद्घाटन, मंत्री गणेश जोशी ने बढ़ाया किसानों का हौसला
ऋषिकेश। कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने ऋषिकेश स्थित हनुमंतपुरम गंगा नगर में प्रदेशीय मौनपालन परिषद के उपाध्यक्ष गिरीश डोभाल के कार्यालय का विधिवत उद्घाटन किया। इस दौरान मंत्री गणेश जोशी ने राज्यमंत्री गिरीश डोभाल को बधाई दी और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया। उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम‘ अभियान के तहत एक फलदार पौधे का रोपण भी किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि मौनपालन किसानों के लिए आय बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम बन रहा है। शहद और इसके सह-उत्पादों से जहां कास्तकारों को अतिरिक्त आमदनी हो रही है, वहीं पर-परागण के माध्यम से बागवानी फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से मौनपालन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उत्तराखंड का 65 प्रतिशत से अधिक भूभाग वनाच्छादित होने के कारण यहां मौनपालन की अपार संभावनाएं हैं। यह केवल शहद उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कृषि उत्पादकता को भी बढ़ाता है और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उत्पन्न करता है। इस दौरान मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय मंत्री द्वारा प्रदेश की कृषि संबंधी योजनाओं हेतु लगभग रुपये 3,800 करोड़ की सैद्धांतिक सहमति प्रदान करने पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार प्रकट किया।
कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखंड में लगभग 8000 मधुमक्खी पालक, 95000 कॉलोनियों का संचालन कर रहे हैं, जिससे 1900 टन वार्षिक शहद उत्पादन हो रहा है। बद्रीनाथ के वन तुलसी के शहद की अधिक डिमांड बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि शहद उत्पादन में उत्तराखंड का देश में 9वां स्थान है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशनके अंतर्गत वैज्ञानिक पद्धतियों से मौनपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को सब्सिडी पर बी-बॉक्स और उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं, और प्रशिक्षण शिविरों में महिलाओं व लघु कृषकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि मौनपालन को डिजीटल प्लेटफार्म पर ले जाकर इसकी सम्पूर्ण जानकारी एकत्रित करने जैसे कार्यो पर भी भविष्य में जोर दिया जाऐगा।
कार्यक्रम के दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं ऋषिकेश विधायक प्रेमचंद्र अग्रवाल, मेयर शंभु पासवान, राज्यमंत्री गिरीश डोभाल, निदेशक बागवानी मिशन महेंद्र पाल, संयुक्त निदेशक डॉ रतन कुमार, पूर्व जिलाध्यक्ष रविन्द्र राणा, बृजेश शर्मा, मंडल अध्यक्ष मनोज ध्यानी, मोनू शर्मा, पंकज गुप्ता, सुमित पंवार सहित कई लोग उपस्थित रहे।