एम्स में हो सकेगी कोरोना सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग, अगले महीने तक हो जाएगा सेटअप तैयार..
उत्तराखंड: अब एम्स में भी कोरोना सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा मिल पाएगी। जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन मिलने के बाद एम्स में अब लैब का सेटअप तैयार किया जा रहा है। फरवरी में सेटअप पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। हालांकि अगर जरूरत पड़ती है तो सेटअप तैयार होने से पहले भी एम्स में कोराना सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की जाएगी।
कोरोना की आशंका को देखते हुए एम्स में पिछले डेढ़ साल से जीनोम सिक्वेंसिंग लैब स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन एम्स प्रशासन को प्रयासों में सफलता नहीं मिल पा रही थी। प्रो. मीनू सिंह ने जुलाई 2022 में एम्स निदेशक का कार्यभार संभालने के बाद जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन की उपलब्धता के लिए नए सिरे से प्रयास किए। आखिरकार केंद्र से स्वीकृति मिलने के साथ एम्स पिछले साल दिसंबर 1.92 करोड़ रुपये की जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन खरीदने में सफल रहा।
एम्स निदशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि कोरोना के नए नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं। ऐसे में जीनोम सिक्वेंसिंग आज सभी बड़े चिकित्सा और शोध संस्थानों की जरूरत बन गई है। उन्होंने बताया कि एम्स में आगामी फरवरी महीने में जीनोम सिक्वेंसिंग लैब का सेटअप बनकर तैयार हो जाएगा। कहा कि कोरोना सैंपल के मामले में जरूरत पड़ने पर सेटअप तैयार होने से पहले भी जांच की जा सकेगी।
क्या है जीनोम सिक्वेंसिंग
जिस तरह इंसान का शरीर डीएनए से मिलकर बनता है, वैसे ही वायरस डीएनए या आरएनए से बनता है। कोरोना वायरस आरएनए से बना है। जीनोम सीक्वेंसिंग वो तकनीक है, जिससे वायरस की अनुवांशिक जानकारी मिलती है। जीनोम सीक्वेंसिंग से वायरस की संरचना, व्यवहार, प्रसार यानी उसके पूरे बायोडाटा की जानकारी मिल जाती है। वहीं वायरस के नए वैरिएंट के बारे में भी इसी तरह की जानकारी मिलती है।
देहरादून में हाईटेक नियो मेट्रो के लिए यहां जमीन मुहैय्या कराएगा एमडीडीए..
उत्तराखंड: राजधानी देहरादून में सफर आसान होने वाला है। दून में अब जल्द ही नियों मेट्रो दौड़ती नजर आएगी। पहले चरण में देहरादून में मेट्रो नियो के लिए कवायद शुरू कर दी है। मेट्रो नियो प्रोजेक्ट की राह से जमीन की अड़चन दूर हो गई है। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) आईएसबीटी के पास बाजार दर अपनी जमीन देने के लिए तैयार हो गया है। करीब 1600 करोड़ रुपये की लागत से शुरू होने वाली इस योजना के लिए देहरादून में दो कॉरिडोर बनाए जांएगे। देहरादून मेट्रो रेल प्रोजेक्ट केंद्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में शामिल है।
एमडीडीए बोर्ड बैठक में जमीन का प्रस्ताव पारित होने के बाद अपर मुख्य सचिव शहरी विकास को सहमति पत्र भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि बोर्ड बैठक में प्रोजेक्ट की उपयोगिता को देखते हुए निर्णय लिया गया कि आईएसबीटी के पास स्थित एमडीडीए की 14645.48 वर्ग मीटर भूमि बाजार दर पर मुहैया कराई जाएगी। इसमें आईएसबीटी से राजपुर और एफआरआई से रायपुर में मेट्रो नियो चलाने की योजना है। अगले पांच साल में धरातल पर ये योजना नजर आएंगी।
दो रूटों पर दौड़ेगी नियो मेट्रो
आपको बता दे कि देहरादून में नियो मेट्रो दो रूटों पर दौड़ेगी। इसमें एफआरआई से रायपुर के बीच एफआरआई, आईएमए ब्लड बैंक, दून स्कूल, कनॉट प्लेस, घंटाघर, गांधी पार्क, सीएमआई, आराघर, नेहरू कॉलोनी, अपर बद्रीश कॉलोनी, अपर नत्थनपुर, ओएफडी, हाथीखाना, रायपुर में स्टेशन बनाएं जाएगें। जबकि आईएसबीटी से गांधी पार्क के बीच आईएसबीटी, सेवलाकला, आईटीआई, लालपुल, चमनपुरी, पथरीबाग, रेलवे स्टेशन, कोर्ट में स्टेशन होंगे। इस योजना के लिए अब केंद्रीय वित्त मंत्रालय समेत अन्य विभागों से अनुमति मिलनी बाकी है। राज्य स्तर पर अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है।
ऐसे होंगे कोच, जानें खासियत
बताया जा रहा कि ये मेट्रो नियो सिस्टम रेल गाइडेड सिस्टम है। इसके कोच स्टील या एल्युमिनियम के बने होंगे। मेट्रो नियो के कोच दो तरह की लंबाई के होंगे। एक कोच 12 मीटर लंबा। इसमें अधिकतम 90 यात्री सफर कर सकेेंगे। दूसरा कोच 24 से 25 मीटर लंबा होगा। इसमें 225 यात्री सफर कर सकेंगे। कोच की चौड़ाई ढाई मीटर होगी। हर स्टेशन की लंबाई 60 मीटर तक होगी। इसमें इतना पावर बैकअप होगा कि बिजली जाने पर भी ट्रेन 20 किमी चल सकेगी। इसमें ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम होगा। टिकट का सिस्टम क्यू आर कोड या सामान्य मोबिलिटी कार्ड से होगा। इसके ट्रैक की चौड़ाई आठ मीटर होगी। जहां ट्रेन रुकेगी, वहां 1.1 मीटर का साइड प्लेटफॉर्म होगा। आईसलैंड प्लेटफॉर्म चार मीटर चौड़ाई का होगा।
पूरे प्रोजेक्ट को तैयार होने में इतना होगा खर्च..
बताया जा रहा है कि इस पूरे प्रोजेक्ट को तैयार होने में करीब 1600 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार लोन लेगी। जबकि एलिवेटेड मेट्रो को बनाने में प्रति किलोमीटर का खर्च 300-350 करोड़ रुपये आता है। अंडरग्राउंड में यही लागत 600-800 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है। जबकि मेट्रो नियो या मेट्रो लाइट के लिए 200 करोड़ तक का ही खर्च आता है। इस मेट्रो की लागत परंपरागत मेट्रो की निर्माण लागत से 40 फीसदी तक कम आती है। साथ ही इसमें स्टेशन के लिए ज्यादा बड़ी जगह की जरूरत भी नहीं पड़ती। यह सड़क के सरफेस या एलिवेटेड कॉरिडोर पर चल सकती है। क्योंकि इसमें लागत कम आएगी, इसलिए यात्रियों के लिए सफर सुविधाजनक होने के साथ ही किफायती भी होगा।
26 जनवरी को पूरा देश देखेगा जागेश्वर धाम की झलक..
उत्तराखंड: गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के राजपथ पर होने वाली परेड में देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत भी नजर आएगी। बता दे देवभूमि की झांकी को परेड में शामिल किया जा रहा है। जिसमें इस साल ‘मानसखण्ड’ की झांकी का प्रदर्शन किया जाएगा। झांकी के अग्र तथा मध्य भाग में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए बारहसिंघा, घुरल, हिरन, मोर तथा उत्तराखंड में पाये जाने वाली विभिन्न पक्षियों व झांकी के पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मन्दिर समूह तथा देवदार के वृक्षों को दिखाया जायेगा
आपको बता दे कि झांकी के साथ उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए छोलिया नृत्य का दल सम्मिलित होगा। झांकी का थीम सांग उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति पर आधारित होगा। साथ ही उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ का भी झांकी के मॉडल में समावेश किया गया है। झांकी का निर्माण सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक/नोडल अधिकारी के.एस. चौहान के दिशानिर्देशन में राष्ट्रीय रंगशाला शिविर, नई दिल्ली में शुरू हो गया है।
बताया जा रहा है कि गणतंत्र दिवस की झांकी के लिए लगभग 27 राज्यों ने अपने प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये थे, जिसमें 16 राज्यों का ही अंतिम चयन हुआ है। झांकी के साथ उत्तराखण्ड की संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए उत्तराखंड का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य का ग्रुप 13 जनवरी, 2023 को राष्ट्रीय रंगशाला शिविर, नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेगा। राष्ट्रीय समारोह के नोडल अधिकारी संयुक्त निदेशक, के.एस. चौहान द्वारा झांकी का डिजाइन, थ्री-डी मॉडल तथा संगीत के संदर्भ में रक्षा मंत्रालय के अधीन गठित विशेषज्ञ समिति के सम्मुख नई दिल्ली में 7 बार प्रस्तुतिकरण करने के उपरान्त उत्तराखण्ड राज्य का अंतिम चयन हुआ है। श्री केदारनाथ व बद्रीनाथ की तर्ज पर कुमाऊ के पौराणिक मंदिरों के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसखण्ड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है। गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर मानसखण्ड पर आधारित झांकी का प्रदर्शन होगा। देश विदेश के लोग मानसखण्ड के साथ ही उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे।
उत्तराखंड में बरगद के पेड़ के नीचे डॉ. योगी ने बनाया बंकर..
उत्तराखंड: अमेरिका की लग्जरी लाइफ स्टाइल छोड़कर 40 साल से देहरादून में रहने वाले पद्मश्री डॉक्टर योगी ऐरन ने दुनिया का पहला ऐसा बंकर बनाया है, जो ऑक्सीजन से भरपूर हैं। यहां पहुंचने पर आपको स्वर्ग का एहसास होता हैं। बंकर बनाने की बात सुनकर आपको युद्ध क्षेत्र की याद जरूर आती होगी, मगर शांत वादियों में बंकर बन रहा हो तो यह किसी अचंभे से कम नहीं होगा. राजधानी देहरादून में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. योगी बंकर बना रहे हैं. यह ऐसा बंकर है कि अगर कभी एटम बम का हमला हो तो उसके रेडिएशन से बचा जा सकेगा. बंकर के ऊपर ढाई सौ बरगद के पेड़ लगे हैं. इतना ही नहीं बंकर के ऊपर छोटी सी नहर भी बनी है।
मेडिकल सुविधाओं से लैस
राजधानी देहरादून से तकरीबन 15 किलोमीटर की दूरी पर कुठाल गेट के पास डॉक्टर योगी का जंगल मंगल क्षेत्र है. जो तरह-तरह के पेड़ पौधों से भरा है. 250 बरगद के पेड़ के नीचे डॉ. योगी आपातकालीन की स्थिति में रहने के लिए एक बंकर बना रहे हैं. इसमें तीन अलग-अलग बड़े कमरे हैं, जिसमें 10 से 12 लोग आसानी से रह सकते हैं. बंकर की दीवारें 10 फीट है. यहां रहने के लिए बेड है, जो ऑक्सीजन मशीन समेत मेडिकल सुविधाओं से लैस है.
बंकर में अंदर बैठकर देख सकेंगे बाहर का नजारा
खास बात यह है कि बंकर से बाहर का नजारा देखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं. बाहर की रोशनी आए इसके लिए रोशनदान बनाया गया है. बड़े-बड़े पहाड़ों के बोल्डर से बंकर के अंदर दीवारें बनाई गई हैं. डॉ. योगी का कहना है कि इस बंकर को रेडिएशन से बचाया जा सकता है. अगर एटम बम का हमला होगा तो उस पर रेडिएशन से बचा जा सकेगा. बंकर के अलग-अलग प्रवेश द्वार बनाए गए हैं।
पत्थरों के बने हैं बेड
बंकर के अंदर पत्थर के बेड हैं. इन्हीं बेड पर आपातकालीन स्थिति में सोया जा सकेगा. बंकर में सुरंग की तरह एंट्री होती है. इसके साथ ही एक कमरे से दूसरे कमरे में जाने के लिए सुरंग नुमा रास्ता भी बनाया गया है. डॉक्टर योगी का कहना है कि आपातकालीन स्थिति में इसमें आसानी से छिपा जा सकेगा, क्योंकि बंकर के ऊपर हरा-भरा एक बगीचा तैयार किया जा रहा है. इसमें ढाई सौ बरगद के पेड़ लगाए गए हैं और एक नहर भी बह रही है।
पेड़-पौधों से घिरा है बंकर..
डॉक्टर योगी इसे दुनिया का पहला ऐसा बंकर बता दे रहे हैं जो इस तरह से बगीचे नुमा क्षेत्र में बन रहा है. उनका कहना है कि यह देश का पहला ऐसा बंकर है जो इस तरह से बरगद के पेड़ के नीचे बनाया गया है. दूर से देखकर कोई इस बात का एहसास नहीं कर सकता. बंकर के ऊपर सैर करने के लिए रास्ता भी बनाया गया है. नहर में मछलियां पाली गई हैं. साथ ही जंगल में पशु पक्षी सैर करते हैं।
टिहरी में आज से 13 जनवरी तक होगी सुरक्षा जवानों की भर्ती..
उत्तराखंड: बेरोजगार युवाओं के लिए टिहरी में जिला सेवायोजन कार्यालय द्वारा रोजगार मेला आयोजित किया जा रहा है। अगर आप भी नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो आप इस भर्ती मेले के लिए आवेदन कर सकते हैं। टिहरी के समस्त विकास खण्डों में आगामी 3 जनवरी से 13 जनवरी 2023 तक सुरक्षा जवानों/सुपरवाईजर की भर्ती की जाएगी। इसके लिए अलग-अलग रोजगार मेले का आयोजन किया जाएगा।
आपको बता दे कि एससीसीआई सिक्योरिटी इण्डिया लिमिटेड कम्पनी, देहरादून द्वारा भर्ती की जानी है। जिसके लिए जनपद में अलग-अलग भर्ती मेले का आयोजन किया जाएगा। इच्छुक बेरोजगार युवक जिनकी योग्यता 10 वीं 12 वीं पास है वे 21 से 35 वर्ष आयु के हो शिवरों में प्रतिभाग कर सकते हैं। जिसके लिए पंजीकरण शुल्क रू. 350 केवल चयनित अभ्यर्थियों से लिया जाएगा। चयनित अभ्यर्थियों को एक माह का ट्रेनिंग देहरादून में दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि भर्ती के दौरान कोविड-19 के अनुरूप सामाजिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा।
इस दिन लगेगा भर्ती मेला..
बताया जा रहा है कि दिनांक 3 जनवरी को विकासखण्ड चम्बा, 4 को फकोट (नरेन्द्रनगर), 5 को भिलंगना, 6 को जाखणीधार, 7 को थौलधार, 9 को जिला सेवायोजना कार्यालय में 10 को देवप्रयाग, 11 को कीर्तिनगर तथा 13 को जौनपुर विकासखण्ड मुख्यालय में 11 बजे से आयोजित किये जायेंगे ।
9वीं से 12वीं तक की छात्राओं को निःशुल्क आवासीय सुविधा के माध्यम से दी जायेगी शिक्षा..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बनियावाला, प्रेमनगर में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस छात्रावास का लोकार्पण किया एवं बालिकाओं को गणवेश प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने नव वर्ष के अवसर पर बालिकाओं के साथ केक काटकर उनका उत्साहवर्द्धन किया। उन्होंने छात्रावास का निरीक्षण किया एवं विभिन्न व्यवस्थाओं का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रदेश के समस्त राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता को बढ़ावा देने हेतु प्रत्येक विद्यालय स्तर पर सेनेट्री पैड की उपलब्धता बनी रहे इसके लिए कॉर्पस फण्ड से प्रति विद्यालय 50 हजार रूपये की दर से निधि बनाई जायेगी। सुभाष चन्द्र बोस छात्रावास बनियावाला एवं गदरपुर का उच्चीकरण किया जायेगा तथा कक्षा 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं को निःशुल्क आवासीय सुविधा के माध्यम से स्कूली शिक्षा दी जायेगी। चम्पावत में नये नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास का निर्माण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को नव वर्ष की शुभकामना देते हुए कहा कि नव वर्ष के अवसर पर निर्धन एवं समाज के वंचित वर्ग की बालिकाओं के लिए यह आवासीय छात्रावास का लोकार्पण किया गया है, इससे इनको रहने के साथ ही पढ़ाई के लिए अच्छा वातावरण मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में 11 आवासीय छात्रावास हैं, इनकी और संख्या बढ़ाने के लिए सरकार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही कोई देश शक्तिशाली एवं समृद्धशाली बन सकता है। राज्य में शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश आजादी के अमृत महोत्सव में प्रवेश कर गया है। आने वाले 25 साल भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमारे नौनिहाल भारत का भविष्य हैं। इन नौनिहालों को अच्छी शिक्षा एवं अनुशासन मिले, इस दिशा में सबको प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से प्रगति कर रहा है। आज का नया भारत नए संकल्पों को पूरा करने के लिए अग्रसर है। वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड भी विकास के नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। राज्य सरकार उत्तराखण्ड के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के साथ-साथ वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश का “सर्वश्रेष्ठ राज्य“ बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प“ की सिद्धि के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
शिक्षा महानिदेशक एवं राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा बंशीधर तिवारी ने कहा कि समाज के अपवंचित, बेसहारा एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए राज्य में जो 11 आवासीय छात्रावास चलाए जा रहे हैं। इन छात्रावासां के माध्यम से विद्यार्थियों को निःशुल्क भोजन, आवास, गणवेश, शिक्षण सामग्री आदि उपलब्ध कराई जा रही है। इन आवासीय छात्रावासों की कुल क्षमता 750 विद्यार्थियों की है। वर्तमान में 650 विद्यार्थी इनमें पढ़ रहे हैं, जबकि 100 विद्यार्थियों के प्रवेश की प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने जनपद देहरादून के चार छात्रावासों के किचन निर्माण एवं अन्य सामग्री के लिए 11 लाख रूपये की धनराशि उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका का आभार भी व्यक्त किया। इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून डॉ. मुकुल कुमार सती एवं शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
रेलवे की भूमि पर बसे 50 हजार लोगों पर संकट..
उत्तराखंड: हल्द्वानी की ढोलक बस्ती, बनभूलपुरा और अन्य जगहों पर रेलवे की भूमि पर बसे लोगों को हटाने के मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर वर्तमान सीएम पुष्कर सिंह धामी को एक खुला पत्र लिखा। कहा कि कानूनी पहलू अपनी जगह उचित है, लेकिन मानवीय पहलू पर विचार करते समय समझौता किया जाना चाहिए। उनका कहना हैं कि वहाँ वर्षों से रह रहे निवासियों को बाहर निकालने के लिए रेलवे, प्रशासन और नगर पालिका निर्णय केवल कानूनी पक्ष नहीं है, यह मानवीय पक्ष भी है। हल्द्वानी कुमाऊं और प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र है। यहां का सामाजिक सौहार्द हमेशा उच्च स्तर का रहा है।
अगर 50 हजार से अधिक लोगों को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वे कहां जाएंगे? पूरे हल्द्वानी शहर के साथ-साथ कुमाऊं क्षेत्र में भी अस्थिरता का माहौल रहेगा। सीएम को संबोधित करते हुुए कहा कि कड़कड़ाती ठंड में आपने केवल कानूनी पक्ष देखकर या कानून के गलत इंटरप्रिटेशन के आधार पर 50 हजार लोगों से उनकी छत छीनने जा रहे हैं।
उनका कहना हैं कि कुछ लोग आज भले ही चुप हों, जब स्थितियां बिगड़ेंगी तो वह लोग भी सरकार के विवेक पर अंगुली उठाएंगे। हरीश रावत का कहना हैं कि वह न्यायिक निर्णय पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर आप (धामी) एक अभिभावक का कर्तव्य निभा सकते हैं। उन्होंने सीएम को रेलवे से बातचीत करने, गोला नदी के किनारे-किनारे रिवरफ्रंट डेवलप कर कुछ अतिरिक्त भूमि निकालकर रेलवे की जरूरत की पूर्ति करने की सलाह दी है।
उत्तराखंड में इन पदों पर निकली है बंपर भर्ती, आज है आवेदन करने की लास्ट डेट..
उत्तराखंड: प्रदेश में नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए उत्तराखंड एड्स कंट्रोल सोसाइटी भर्ती ने विभिन्न पदों पर भर्ती निकाली है। इन पदों पर दो जनवरी तक ऑफलाइन आवेदन किए जा सकते है। बताया जा रहा है कि देहरादून के विभिन्न अस्पतालों में काउन्सलर, लैब टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स, डाटा मैनेजर, टेक्निकल आफिसर आदि पदों की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए है। हर पद के लिए शैक्षिक योग्यता अलग -अलग है। जिसमें डिप्लोमा, बीएससी, एमएससी मांगा गया है। आवेदन की अंतिम तिथि दो जनवरी 2023 बताई जा रही है।
देहरादून के विभिन्न अस्पतालों में अनुबंध के आधार पर उत्तराखंड एड्स कंट्रोल सोसाइटी, देहरादून ने काउंसलर, लैब टेक्निशियन, एएनएम, डाटा मैनेजर और टेक्निकल ऑफिसर के पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है। पद की कुल संख्या 17 है। इच्छुक उम्मीदवार 02 जनवरी 2023 से पहले आवेदन कर सकते हैं।
भर्ती पद की कुल संख्या:
काउंसलर (आईसीटीसी, गांधी नेत्र अस्पताल, देहरादून) और ICTC, CHC विकासनगर देहरादून) पदों की संख्या: 02 आवश्यक योग्यता: राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत परामर्श / शिक्षा में 3 साल के अनुभव के साथ मनोविज्ञान / सामाजिक कार्य नृविज्ञान / मानव विकास / नर्सिंग में स्नातक डिग्री। या मनोविज्ञान/सामाजिक कार्य/नृविज्ञान/मानव विकास/नर्सिंग में स्नातकोत्तर डिग्री। वेतन: INR 21000 ।
पद का नाम: काउंसलर (OST संयुक्त अस्पताल, प्रेमनगर, देहरादून) पदों की संख्या: 01 आवश्यक योग्यता: परामर्श में 3 साल के अनुभव के साथ मनोविज्ञान / सामाजिक कार्य / नृविज्ञान / मानव विकास / नर्सिंग में स्नातक की डिग्री / राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शिक्षित करना। या मनोविज्ञान/सामाजिक कार्य/नृविज्ञान/मानव विकास/नर्सिंग में स्नातकोत्तर डिग्री। वेतन: INR 21000 / –
पद का नाम: काउंसलर (ARTC, जिला (राज्याभिषेक) अस्पताल, देहरादून) पदों की संख्या: 02 आवश्यक योग्यता: तकनीकी अधिकारी मनोविज्ञान/सामाजिक कार्य/मानव विज्ञान/मानव विकास/नर्सिंग में स्नातक डिग्री के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत परामर्श/शिक्षा में 3 साल का अनुभव। या मनोविज्ञान/सामाजिक कार्य/नृविज्ञान/मानव विकास/नर्सिंग में स्नातकोत्तर डिग्री। वेतन: INR 21000 / ।
पद का नाम: काउंसलर (ब्लड बैंक, IMA ब्लड बैंक देहरादून और HIHT जॉली ग्रांट, देहरादून) पदों की संख्या: 02 आवश्यक योग्यता: समाजशास्त्र / मनोविज्ञान / सामाजिक कार्य / नृविज्ञान / मानव विकास में स्नातकोत्तर डिग्री . वेतन: INR 21000 / –
पद का नाम: काउंसलर (DSRC, SPS सरकारी अस्पताल, ऋषिकेश, देहरादून) पदों की संख्या: 01 आवश्यक योग्यता: मनोविज्ञान / सामाजिक कार्य / समाजशास्त्र / नृविज्ञान / मानव विकास / नर्सिंग में स्नातकोत्तर डिग्री / डिप्लोमा स्वास्थ्य क्षेत्र में परामर्श के क्षेत्र में काम करने के पीजी डिग्री / डिप्लोमा के बाद 1 वर्ष का अनुभव; अधिमानतः एसटीआई/आरटीआई और एचआईवी में। या मनोविज्ञान/सामाजिक कार्य/समाजशास्त्र/नर्सिंग में स्नातक डिग्री के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में काउंसलिंग में 3 साल का अनुभव अधिमानतः एसटीआई/आरटीआई और एचआईवी में। वेतन : INR 21000 ।
पद का नाम: लैब तकनीशियन (ब्लड बैंक, दून मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, देहरादून और आईएमए ब्लड बैंक, देहरादून) पदों की संख्या: 02 आवश्यक योग्यता: चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी (एमएलटी) में डिग्री या चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी (एमएलटी) में डिप्लोमा . वेतन: INR 21000 /
पद का नाम: लैब तकनीशियन (ICTC CHC विकासनगर, देहरादून, हर्बर्टपुर, क्रिस्टैन अस्पताल देहरादून और उप-जिला (सेंट मैरी) अस्पताल, मसूरी) पदों की संख्या: 03 आवश्यक योग्यता: चिकित्सा प्रयोगशाला में स्नातक प्रौद्योगिकी (बीएससी) स्नातक के बाद न्यूनतम 1 वर्ष का अनुभव। या डिप्लोमा के बाद 2 साल के अनुभव के साथ मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा। वेतन: INR 21000 / – पद का नाम: लैब तकनीशियन (SRL HIHT जॉली ग्रांट, देहरादून)
पदों की संख्या: 01 आवश्यक योग्यता: मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी (बीएससी) में स्नातक या कम से कम 2 साल के कोर्स के साथ मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा अवधि या कम से कम एक वर्ष की अवधि के पाठ्यक्रम के साथ चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा/प्रमाणपत्र, या विज्ञान में स्नातक। वेतन: INR 21000 ।
पद का नाम: ANM (OSTC संयुक्त अस्पताल प्रेमनगर, देहरादून) पदों की संख्या: 01 आवश्यक योग्यता: ANM की न्यूनतम योग्यता होनी चाहिए। डिप्लोमा नर्सिंग/बैचलर ऑफ साइंस (नर्सिंग) वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। वेतन: INR 18000 / –
01 आवश्यक योग्यता: स्नातक होना चाहिए और कंप्यूटर अनुप्रयोग में एक औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए। वेतन : INR 21000 / –
पद का नाम: तकनीकी अधिकारी (SRL HIHT जॉली ग्रांट, देहरादून) पदों की संख्या: 01 आवश्यक योग्यता: 2 साल के प्रयोगशाला अनुभव के साथ मेडिकल ग्रेजुएट या मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी / बायोटेक्नोलॉजी / लाइफ साइंसेज में एमएससी। वेतन: INR 35000 / – आयु सीमा: 21 – 62 वर्ष चयन प्रक्रिया उम्मीदवारों का चयन साक्षात्कार में उनके प्रदर्शन पर आधारित होगा।
आवेदन कैसे करें
दस्तावेजों की फोटोकॉपी के साथ टाइप किए गए या हाथ से लिखे हुए आवेदन वाले लिफाफे पर नोडल अधिकारी-एनएसीपी/को अनुबंध के आधार पर के पद के लिए आवेदन (कृपया उस पद का उल्लेख करें जिसे आप आवेदन करना चाहते हैं) के रूप में सुपर-लिखा जाना चाहिए। जिला टी.बी. अधिकारी, 107, चंदर नगर, देहरादून-248001 उत्तराखण्ड नवीनतम 02 जनवरी 2023 तक पंजीकृत डाक/स्पीड पोस्ट/स्वयं द्वारा भेज सकते है।
अब हर महीने आएगा बिजली बिल, यूपीसीएल ने बदला बिलिंग पैर्टन..
उत्तराखंड: प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए यूपीसीएल अब अपना बिलिंग पैर्टन बदलने जा रहा है जिसका लाभ 20 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा। इससे अब आपका बिल कम आने की उम्मीद है। जी हां अब राज्य में 2 महीनों में आने वाले बिजली के घरेलू बिलों (Uttarakhand Domestic Electricity Bill) को हर महीने भेजा जाएगा। शुरुआत में देहरादून शहर और ऋषिकेश डिवीजन से इसकी शुरुआत की जा रही है।
यूपीसीएल के बिजली बिलों का चक्र बदलने से उपभोक्ताओं का बिल अब पहले की अपेक्षा कम आएगा। ऊर्जा निगम अब तक बिजली उपयोग करने का समय 15 दिनों से अधिक होने पर पूरे महीने का बिल तैयार करता है। भले ही बिजली का उपयोग 15 दिन ही क्यों न किया हो। इसी तरह बिजली उपयोग का समय 16 दिन या उससे अधिक 45 दिन तक होने की स्थिति में भी एक महीने का बिल जारी किया जाता है। 46 दिन या उससे अधिक 75 दिन तक दो महीने का बिल जारी किया जाता है, जिससे उपभोक्ता को स्लैब के अनुसार अधिक बिजली दरों का भुगतान करना पड़ता था।
बताया जा रहा है कि राज्य में 1 से 4 किलोवाट तक के उपभोक्ताओं के लिए नए साल से हर महीने बिल देने के लिए काफी समय से कसरत की जा रही थी। अब इसकी शुरुआत देहरादून और ऋषिकेश शहर से करने की तैयारी हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि नए साल के पहले महीने से ही इस पर काम पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि नियमित रूप से इसकी शुरुआत वित्तीय वर्ष 2023 से की जाएगी। हर महीने का बिल 25 से 35 दिन और दो महीने का बिल 55 से 65 दिन के भीतर तैयार किया जाएगा। इसमें भी जितने दिनों का बिल तैयार होगा, भुगतान उसी के अनुरूप तय दरों के अनुसार करना होगा।
ऐसे तय होंगी बिजली की यूनिट..
ऊर्जा निगम ने एक महीने में 30.417 दिन तय किए हैं। अब यदि आपका बिजली बिल 50 दिन में आता है, तो आपकी 100 यूनिट तक बिजली खर्च तय करने का सिस्टम बदल जाएगा। 100 यूनिट को 50 से गुणा करने के बाद आने वाले आंकड़े को 30.417 दिन से भाग देने पर आनी वाली 164.38 यूनिट को पहला स्लैब माना जाएगा। इस तरह बिजली बिल का जो पहला स्लैब 100 यूनिट तक माना जाता है। वो 50 दिन के बिल पर पहला स्लैब 164.38 यूनिट माना जाएगा। इस तरह आम लोगों को पहले स्लैब के रूप में 64.38 यूनिट का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। यही फार्मूला अन्य स्लैब पर भी लागू होगा। नई व्यवस्था में फिक्सड चार्ज की गणना भी हर महीने की बजाय प्रतिदिन के अनुसार होगी।
एक्टर अनिल कपूर और अनुपम खेर ऋषभ पंत से मिलने पहुंचे हॉस्पिटल..
उत्तराखंड: बॉलीवुड के दो दिग्गज सितारे अनुपम खेर और अनिल कपूर शनिवार सुबह देहरादून के मैक्स अस्पताल पहुंचे। शुक्रवार को वह देहरादून पहुंचे। उन्होंने कार हादसे में घायल क्रिकेटर ऋषभ पंत से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि पंत की हालत में काफी सुधार हुआ है। पंत की मां से बात की गई है। उनका कहना हैं कि पंत फाइटर हैं। हम दोनों ने उनके काफी बात की। उन्हें हंसाया भी। उनके बात कर लगता है वे स्वस्थ हैं। कहा कि हम दोनों ऋषभ पंत के फैन हैं। इसलिए हमारा मन उनसे मिलने का था। हम खुश हैं वे ठीक हैं। हमारी और देश की दुआएं उनके साथ हैं। कहा कि हमारी कामना है हम जल्द ही उन्हें फिर से क्रिकेट ग्राउंड पर देखें।
आपको बता दे कि पंत के सिर और रीढ़ की हड्डी का स्कैन हो चुका है और रिपोर्ट सामान्य है। पंत के पैर में फ्रैक्टर है, सिर और कमर पर भी चोट हैं। बता दें कि ऋषभ पंत शुक्रवार को दिल्ली से रुड़की लौटते समय नारसन के समीप हाईवे पर हादसे का शिकार हो गए थे।उनकी कार डिवाइडर की रेलिंग और एक पोल को टक्कर मारती हुई हवा में उछलकर हाईवे की दूसरी दिशा में कई पलटियां खाते हुए करीब 200 मीटर तक घिसटती चली गई और उसमें आग लग गई।ऋषभ पंत को राहगीरों ने पुलिस की मदद से रुड़की के निजी अस्पताल पहुंचाया। वहां से उन्हें देहरादून मैक्स अस्पताल रेफर कर दिया गया।वहां उनकी हालत अब ठीक है। हादसे का कारण झपकी आना बताया जा रहा है।