सरकार का काम भर्ती प्रक्रिया शुरू करना है न कि भर्ती पर रोक लगाना- धन सिंह..
उत्तराखंड: राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गैर सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में विसंगतियों के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि सरकार की भूमिका भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की है, न कि भर्तियों पर रोक लगाना है।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना हैं कि सरकार की तरफ से अशासकीय विद्यालयों से पूछा गया है कि उनके द्वारा जिन शिक्षकों के भर्तीया की जानी है उसमें किस प्रकार से पारदर्शिता लाई जा सकती हैं और जैसे ही विद्यालय प्रबंधन भर्ती प्रक्रिया के पारदर्शिता को बताएगा सरकार की तरफ से अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया उसके बाद शुरू कर दी जाएगी। बता दें कि आसपास के विद्यालयों में शिक्षकों के हो रही नियुक्तियों को लेकर लगातार कई शिकायतें सरकार को मिल रही है, जिसमें गड़बड़ियां और नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली करने की शिकायत सबसे प्राथमिकता पर है।
निदेशालय की रोक के बावजूद अपात्र अभ्यर्थियों को दी जा रही नौकरी..
उत्तराखंड: पारदर्शिता के दावों के बीच शिक्षा विभाग में नियुक्तियों में मनमानी जारी है। वर्ष 2012 से 2018 के बीच बीएड के आधार पर केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) करने वाले अभ्यर्थियों पर रोक के बावजूद दो को बतौर उर्दू शिक्षक नियुक्ति दे दी गई। ऐसा ही खेल हरिद्वार में हो रहा है। पांच पदों के लिए जारी पात्र सूची में भी ऐसे कई अभ्यर्थी शामिल हैं। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के आदेश के अनुसार वर्ष 2012 से जून 2018 तक बीएड पास अभ्यर्थी सीटीईटी के लिए पात्र नहीं थे। 9 दिसंबर 2021 को उत्तराखंड में भी शिक्षा निदेशालय ने ऐसे अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी।
इसके बावजूद प्रदेश में बेसिक शिक्षकों की 2648 पदों के लिए हुई भर्ती में ऐसे अभ्यर्थियों को भी शामिल किया गया था और इनमें से कई को नियुक्ति भी मिल गई। इसके अलावा अन्य भर्तियों में भी ऐसे अभ्यर्थी धड़ल्ले से नियुक्ति पा रहे हैं। अब हरिद्वार जिले में सोमवार को पांच पदों के लिए होने वाली भर्ती के लिए ऐसे ही अभ्यर्थियों को भी पात्र माना गया है। विभाग की वेबसाइट पर जारी सूची में इनके नाम भी शामिल हैं। अन्य जिलों में भी ऐसी ही मनमानी हो रही है। उर्दू शिक्षकों के 64 पदों पर हुई भर्ती में भी ऐसे दो लोगों को नौकरी दी गई। जिले में शिक्षकों के खाली पांच पदों के लिए विभाग ने पात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी की है। इन्हें सोमवार को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है। जो शिक्षक अपात्र हैं उन्हें नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया जाएगा।
देवखाल की ओर जा रही कार खाई में गिरने से दो लोगों की मौत..
उत्तराखंड: प्रदेश में दर्दनाक सड़क हादसे लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। आये दिन कही न कही से सड़क हादसे की खबर सामने आ रही हैं। एक ऐसे ही दर्दनाक हादसे की खबर चमोली जिले से भी सामने आ रही हैं। चमोली जिले में 12 लोगों की मौत के सड़क हादसे से अभी उबरे ही नहीं की आज फिर से चमोली के पोखरी मोटर मार्ग पर सड़क हादसा हो गया हैं। शुक्रवार शाम को चमोली में हुए हादसे के बाद शनिवार सुबह यमुनोत्री हाईवे हादसा और फिर रविवार पिथौरागढ़ सड़क हादसे की खबर के बाद आज फिर चमोली में सड़क हादसा हुआ हैं। बता दे कि चमोली के पोखरी मोटर मार्ग पर एक कार दुघर्टनाग्रस्त होने से दो लोगों की मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हुई।
सोमवार को पोखरी मोटर मार्ग पर त्रिशुला से देवखाल की ओर जा रही एक कार धारकोट गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त होकर गहरी खाई में जा गिरी। दुर्घटना में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई है। गोपेश्वर से पुलिस टीम और पोखरी से तहसील टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। उत्तराखंड की यात्रा पर आने वाले सभी यात्रियों से अनुरोध हैं कि आज कल उत्तराखंड में यात्रा संभल कर करे। क्योंकि आज कल सर्दी के मौसम में पहाड़ों में ओंस गिरती हैं जिससे गाड़ी के फिसलने का खतरा बना रहता हैं। इसलिए सभी लोग सावधानी के साथ यात्रा करे।
यमुनोत्री हाईवे पर खाई में गिरी कार पांच लोगों की मौत..
उत्तराखंड: प्रदेश में दर्दनाक सड़क हादसे लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। हर रोज कही न कही से हादसे की खबर सामने आ रही हैं। एक ऐसे ही दर्दनाक हादसे की खबर यमुनोत्री हाईवे से भी सामने आयी हैं जहां आज सुबह एक बड़ा दर्दनाक हादसा हो गया हैं। शुक्रवार शाम को चमोली में हुए हादसे के बाद शनिवार को फिर सुबह एक और हादसे की खबर सामने आ गई। यमुनोत्री हाईवे पर एक कार खाई में गिर में गई। जिसमें पांच लोगों की मौत की खबर सामने आई है। पुलिस प्रशासन की टीम घटनास्थल के लिए रवान हो गई है। मामले में अधिक जानकारी जुटाई जा रही है।
उत्तरकाशी के डुंडा तहसील क्षेत्र में ब्रहमखाल के समीप यमुनोत्री हाईवे पर एक कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। कार में छह लोग सवार बताए जा रहे हैं। कार अचानक अंनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। दुर्घटना में पांच लोगों की मौत की सूचना है। एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस व प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है।
इस भर्ती का निकल न जाए मौका, 20 नवबंर तक कर सकते है आवेदन..
उत्तराखंड: यूकेपीएससी ने पटवारी / लेखपाल के रिक्त पदों पर भर्ती का आवेदन का आखिरी दिन है। योग्य और इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट http://psc.uk.gov.in पर रिक्तियों के लिए 20 नवंबर तक आवेदन कर सकते हैं। यूकेपीएससी भर्ती अभियान का उद्देश्य कुल 563 रिक्तियों को भरना है, जिनमें से 391 रिक्तियां पटवारी के पद के लिए और 172 लेखपाल के पद के लिए हैं। इस भर्ती में दोनों पदों के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष है, जबकि पटवारी और लेखपाल के पद के लिए ऊपरी आयु सीमा 28 वर्ष 35 वर्ष निर्धारित की गई है।
शैक्षणिक योग्यता
पटवारी / लेखपाल भर्ती में आवेदन के लिए उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। इस भर्ती के लिए पहले आवेदन की अंतिम तिथि 14 नवंबर थी जो अब 20 नंवबर कर दी गई थी। ऐसे में युवा बिन समय गंवाएं जल्द आवेदन कर सकते है।
ऐसे करें आवेदन
सबसे पहले उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट http://psc.uk.gov.in पर जाएं।
होम पेज पर, “राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी/लेखपाल) परीक्षा-2022: विज्ञापन और पाठ्यक्रम (भर्ती)” पर क्लिक करें। इसके बाद आवेदन लिंक पर क्लिक करें और अपना फॉर्म भरें। अब आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और फॉर्म जमा करें।
आवेदन शुल्क भुगतान की रसीद को डाउनलोड कर लें और सहेज कर रखें।
उम्मीदवार भविष्य के संदर्भ के लिए एक अतिरिक्त प्रिंट आउट ले लें।
बताया जा रहा है कि ये भर्ती उत्तराखंड के 11 जिलों में की जाएगी। इसमें पौड़ी गढ़वाल में 79, उत्तरकाशी में 60, अल्मोड़ा में 50, टिहरी में 45 पिथौरागढ़ में 38, नैनीताल में 27, चमोली और चंपावत में 26-26, बागेश्वर में 18, रुद्रप्रयाग में 13 और देहरादून में पटवारी के नौ पदों पर भर्ती की जाएगी। हरिद्वार और यूएसनगर में पटवारी की भर्ती नहीं की जाएगी। वहीं, लेखपाल के लिए यूएसनगर में 56, हरिद्वार में 51, देहरादून में 38, नैनीताल में 26 और चंपावत में एक पद पर भर्ती होगी।
सचिवालय कूच के पोस्टरों में प्रदेश स्तरीय नेता गायब, नहीं की कोई रायशुमारी..
उत्तराखंड: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष व चकराता विधायक प्रीतम सिंह के सचिवालय कूच को लेकर बने पोस्टरों में राष्ट्रीय नेताओं को तो जगह दी गई है, लेकिन प्रदेश स्तरीय नेता गायब हैं। वहीं, दूसरी तरफ प्रीतम की 21 नवंबर को प्रस्तावित सचिवालय कूच रैली कांग्रेस भवन के सामने से तो गुजरेगी, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से रैली के संबंध में कोई रायशुमारी नहीं की गई है।
प्रीतम ने प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले, विधानसभा बैकडोर भर्ती घोटाले व अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई से जांच कराए जाने, बढ़ती बेरोजगारी, बेतहाशा महंगाई के खिलाफ, सिस्टम व सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ, बिगड़ती कानून व्यवस्था आदि को लेकर 21 नवंबर को सचिवालय कूच का एलान किया है। इसके लिए उनकी ओर से तमाम पोस्टर सोशल मीडिया में प्रचारित किए जा रहे हैं। इन पोस्टरों में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के चित्र के साथ पार्टी का निशान पंजा चस्पा किया गया है, लेकिन प्रदेश के किसी भी नेता को पोस्टरों में स्थान नहीं दिया गया है। यहां तक कि प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव का भी चित्र नहीं लगा है।
दूसरी तरफ सचिवालय कूच का रूट भी तक कर लिया गया है, जो रेंजर्स ग्राउंड से शुरू होकर दर्शनलाल चौक, घंटाघर, राजपुर रोड, कांग्रेस भवन, सेंट जोसफ चौक होते हुए सचिवालय तक जाएगा। खास बात यह है कूच रैली कांग्रेस भवन के सामने से गुजरेगी, लेकिन इस रैली में संगठन के पदाधिकारी शामिल होंगे या नहीं, अभी तक तय नहीं हो पाया है। यह रैली रेंजर्स ग्राउंड से सीधे सचिवालय भी कूच कर सकती थी। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रीतम इस रैली से एक तीर से दो निशाने साधना चाहते हैं। एक तरफ जहां वह शक्ति प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं, वहीं रैली को कांग्रेस भवन के सामने से गुजारकर अपनी नाराजगी को भी जाहिर करना चाहते हैं। प्रीतम ने रैली में आने के लिए भाजपाइयों तक को न्योता दे डाला है, लेकिन अभी तक इस संबंध में अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा से बात तक नहीं की है।
मंत्रियों को जिलों में दो दिन प्रवास के निर्देश..
उत्तराखंड: प्रदेश भाजपा ने सरकार के मंत्रियों को जिलों में दो दिवसीय प्रवास के निर्देश दिए हैं। इसकी शुरुआत आज शुक्रवार से कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी हरिद्वार जिले से करेंगे। पहले दिन वह जनता की शिकायत सुनेंगे दूसरे दिन अधिकारियों के साथ विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक करेंगे। प्रवास के दौरान सभी मंत्री बूथ स्तर पर किसी वरिष्ठ कार्यकर्ता के घर दोपहर का भोजन भी करेंगे। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान का कहना हैं कि प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर पार्टी उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार ने कार्यक्रम जारी किया।
कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत 25 व 26 नवंबर को नैनीताल जिले के प्रवास पर रहेंगे। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा 19 व 20 नवंबर को ऊधमसिंह नगर, सतपाल महाराज 18 व 19 नवंबर को कोटद्वार, रेखा आर्य 25 व 26 नवंबर को टिहरी, प्रेम चंद अग्रवाल 22 व 23 नवंबर को देहरादून जिले में प्रवास करेंगे।
प्रवास के पहले दिन मंत्री संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर सरकार के कामों को साझा करते हुए कार्यकर्ताओं व जनता की समस्याओं को सुनेंगे। इस दिन वह किसी वरिष्ठ कार्यकर्ता के आवास पर पूर्व पदाधिकारियों से मुलाकात व दोपहर का भोजन किसी बूथ या मंडल स्तर के पदाधिकारी के घर पर करेंगे। प्रवास के दूसरे दिन सभी मंत्री जिले स्तर के अधिकारियों की बैठक लेकर सरकारी योजनाओं की समीक्षा बैठक लेंगे।
फिर लगा मंहगाई का करंट, बिजली दरों में हुई बढ़ोतरी..
उत्तराखंड: राज्य में बढ़ती मंहगाई के दौर में आम आदमी को बिजली की दरों ने मंहगाई का करंट लगा दिया है। साल में तीसरी बार बिजली के दाम बढ़ गए हैं। अब विद्युत नियामक आयोग ने 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर के लिए नई दरें घोषित की है। विद्युत नियामक आयोग हर तीन महीने में फ्यूल चार्ज एडजस्टमेंट के तहत दरें निर्धारित करता है। एक अक्तूबर से 31 दिसंबर के लिए एफसीए की दरें घोषित कर दी गई हैं। घरेलू उपभोक्ताओं से अब दस पैसे, कामर्शियल से 15 पैसे, सरकारी संस्थानों से 14 पैसे, प्राइवेट ट्यूबवेल से पांच पैसे, कृषि गतिविधियों से छह पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त वसूला जाएगा। एलटी उद्योग से 14 पैसे. एचटी उद्योग से 14 पैसे वसूला जाएगा।
बताया जा रहा है कि एक साल में 26 पैसे से 1.11 रुपये तक का झटका बिजली दरों की बढ़ोतरी के मामले में वर्ष 2022 उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रहा है। इस बार न्यूनतम 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वालों पर कुल 26 पैसे प्रति यूनिट का भार पड़ा। 200 यूनिट वालों को 51 पैसे, 400 यूनिट वालों को 71 पैसे, कामर्शियल को 1.02 रुपये, एलटी उद्योग को 96 पैसे, एचटी उद्योग को 1.11 रुपये प्रति यूनिट का चुकाना पड़ा। आपको बता दे कि इस वर्ष तीन बार बिजली के रेट बढ़ गए हैं। पहले एक अप्रैल से 2.68 प्रतिशत की वृद्धि बिजली दरों में हुई। इसके बाद ऊर्जा निगम की पुनर्विचार याचिका में आयोग ने दरों में 3.85 प्रतिशत की और वृद्धि कर दी। अब फिर दरें बढ़ा दी गईं। विद्युत नियामक आयोग के अनुमोदन के बाद एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार ने एफसीए की नई दरों के अनुसार बिल तैयार किए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
उत्तराखंड में पावर ग्रिड में निकली बंपर भर्ती..
उत्तराखंड: प्रदेश में तकनीकी रूप से शिक्षित युवाओं के लिए पावर ग्रिड में बंपर भर्ती निकली है। बताया जा रहा है कि पावर ग्रिड द्वारा अनुबंध के आधार पर अनुभवी कार्मिकों की नियुक्ति के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इच्छुक उम्मीदवार 11 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। भारत सरकार के उद्यम पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा यह भर्ती निकाली गई है। इसमें फील्ड इंजीनियर के 50 पद हैं।
जबकि फील्ड इंजीनियर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार के 15 पद हैं। इसी तरह फील्ड इंजीनियर आईटी के 15 पदों पर भर्ती होनी है। जबकि सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिकल फील्ड सुपरवाइजर के 480 पदों पर भर्ती की जानी है तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार के फील्ड सुपरवाइजर पर 240 पदों की भर्ती होनी है। बताया जा रहा है कि इस भर्ती में प्रतिभाग करने वाले युवा पावर ग्रिड की ऑफिशियल वेबसाइट में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख 11 दिसंबर रखी गई है। अभ्यर्थी वेबसाइट पावरग्रिड डॉट इन पर भी विस्तार से भर्ती विज्ञापन देख सकते हैं।
धर्मांतरण कानून हुआ सख्त,10 साल की सजा के साथ जानें क्या होंगे नए नियम..
उत्तराखंड: प्रदेश में अब धर्मांतरण कानून सख्त होने जा रहा है। राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक में जबरन धर्मांतरण पर लगाम कसने के लिए बड़ा फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक में धर्मांतरण कानून में सख्त संशोधन किए गए हैं जिसके तहत अब नए कानून में जबरन धर्मांतरण कराने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है। जिससे माना जा रहा है कि धर्मांतरण और ‘लव जिहाद’ जैसे मामलों पर रोक लगेगी। उत्तराखंड सरकार की बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में 29 प्रस्ताव लाए गए।
जिसके तहत अब उत्तराखंड में भी धर्मांतरण कानून उत्तर प्रदेश से कई ज्यादा सख्त कर दिया है। प्रदेश में अब जबरन धर्मांतरण को संज्ञेय अपराध में शामिल किया गया है। जिसके तहत अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में दो या दो से अधिक लोगों के धर्म परिवर्तन को सामूहिक धर्म परिवर्तन समझा जाएगा और यह भी इस कानून के तहत आयेगा जिसे संगीन अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
आपको बता दे कि उत्तराखंड के धर्मांतरण विधेयक में अब तक 1 से 5 साल तक की सजा का प्रावधान था। इसे बढ़ाकर 2 से 7 साल तक कर दिया गया है। सामूहिक धर्म परिवर्तन की स्थिति में इस सजा को बढ़ाकर 10 साल तक किया जा सकता है। वहीं सामूहिक धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध की श्रेणी में माना गया है।
धर्म परिवर्तन के मामले में 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार तक का आर्थिक दंड लगाया जा सकता है। वहीं सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में यह आर्थिक दंड 50 हजार तक लगाया जा सकता है। धर्म परिवर्तन करने की स्थिति में पहले 7 दिन पूर्व जिला मजिस्ट्रेट की उद्घोषणा अनिवार्य थी तो वहीं अब इसे कम से कम 1 माह पूर्व कर दिया गया है।