मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज वीरांगना तीलू रौतेली के जन्म दिवस के अवसर पर प्रदेश की 21 महिलाओं व किशोरियों को राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरुस्कार तथा 22 आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों को सम्मानित किया।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में देहरादून जनपद के पुरस्कार पाने वाले को मुख्यमंत्री ने स्वयं सम्मानित किया। जबकि अन्य को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बन्धित जनपदों में विधायक गणों एवं जिलाधिकारियों की उपस्थिति में यह पुरस्कार प्रदान किये गये। इस मोके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड देव भूमि के साथ ही वीर भूमि भी है। देश की आजादी के पहले और बाद में देश की सुरक्षा एवं अखण्डता लिये बलिदान देने वाला हर छठा बलिदानी उत्तराखण्ड का है। इसी के दृष्टिगत प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड में चार धामों के अतिरिक्त पाँचवां धाम सैन्य धाम भी बताया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। महिलाओं को घर और बाहर की दोहरी जिम्मेदारीरियों का निर्वहन करना पड़ता है। महिलाओं के आर्थिक स्वावलम्बन के लिये केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अगले वर्ष से राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार की धनराशि 21 हजार से बढ़ाकर 31 हजार तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ती पुरस्कार की धनराशि 11 हजार से बढ़ाकर 21 हजार की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति की मजबूती के लिये महिला किसानों एवं स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख तक बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खेती की बेहतरी के लिये पहले महिलाओं को 2 प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया जा रहा था। इस क्षेत्र में उनके बेहतर कार्य को देखते हुए अब 3 लाख की धनराशि उन्हें बिना ब्याज के उपलब्ध करायी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनाथ व निराश्रित बेटियों के लिये राज्य सरकार द्वारा देश में अपनी तरह की पहल कर सरकारी सेवाओं में 5 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने वीरांगना तीलू रौतेली की वीरगाथा का परिचय देते हुए कहा कि प्रदेश के गढ़वाल क्षेत्र की तीलू रौतेली एक ऐसी वीरांगना थी जो मात्र 15 साल की उम्र में ही रणभूमि में कूद गई थी। उन्होंने सात साल तक दुश्मन राजाओं को कड़ी चुनौती दी थी। मात्र 15 से 20 साल की उम्र में सात युद्ध लड़ने वाली तीलू रौतेली की जयंती पर प्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्य करने वाली महिलाओं को हर साल पुरस्कृत किया जाता है। इसमें वे महिला शामिल हैं जिन्होंने शिक्षण, समाज सेवा, साहसिक कार्य, खेल, कला, क्राफ्ट, संस्कृति, पर्यावरण एवं कृषि आदि क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया हो। इसके साथ ही कोरोना वारियर के रूप में उल्लेखनीय कार्य करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्तियों को भी सम्मानित किया जा रहा है।
इन्हें मिला राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली पुरस्कार
उन्नति बिष्ट, संगीता थपलियाल, गीता मार्य, प्रीती भण्डारी, शिवानी आर्या, गुंजन बाला, जानकी चन्द, शशि देवली, डॉ. पुष्पांजलि अग्रवाल, कंचन भण्डारी, मालविका माया उपाध्याय, सुमन वर्मा, शीतल, मधु खुगशाल, कीर्ति कुमारी, बबीता रावत, ज्योति उप्रेति, मीनू लता गुप्ता, हर्षा रावत, सुमति थपलियाल, चन्द्रकला राय
इन्हें मिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ती पुरस्कार
सुधा, सीमा, फातिमा, नीता गोस्वामी, गीता देवी, पुष्पा हरड़िया, हेमा बोरा, अंजना रावत, पूनम, आसमा, सुमनलता यादव, गंगा बिष्ट, समारोज, निर्मला पाण्डेय, चन्द्रकला चन्द्र, अर्चना देवी, रोशनी, सुशीला देवी, लक्ष्मी देवी, ललिता देवी, कुसुम मेहर, बीना चौहान
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए अधिकारियों को सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कोविड से बचाव के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग एवं मास्क के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जाय। यह सुनिश्चित किया जाय गाईडलाईन का पूर्णतया अनुपालन हो। नियमों का उल्लंघन करने वालो पर कारवाई की जाय।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को सचिवालय में कोविड-19 के संक्रमण तथा बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग एवं जिलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मास्क का प्रयोग न करने वालों पर जुर्माना तो लगाया जाय। इसके अलावा जुर्माने के साथ ही उन्हें 4-4 वाॅशेबल मास्क भी उपलब्ध कराये जाए। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का उपयोग न करने एवं नियमों का उल्लंघन करने पर पहली बार में 200 एवं दूसरी बार में 500 रूपये का जुर्माना लगाया जायेगा। हाई रिस्क ऐरिया से या अन्य राज्यों से जो लोग आ रहे हैं, उनमें से यदि कोई व्यक्ति ट्रेवल हिस्ट्री की गलत जानकारी दे रहा है, या कोई तथ्य छुपा रहा है, उन पर सख्त कारवाई की जाय।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने घोषणा की कि आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भांति आशा फेसिलिटेटर को भी दो-दो हजार रूपये सम्मान निधि के रूप में दी जायेगी। आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मुख्यमंत्री ने रक्षा बंधन के अवसर पर एक-एक हजार एवं उससे पूर्व भी सम्मान राशि के रूप में एक-एक हजार रूपये देने की घोषणा की थी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सम्मान राशि लाभार्थियों के खाते में जल्द डाली जाय। कोविड-वारियर्स की मृत्यु पर भी मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 लाख रूपये देने की घोषणा की गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में होम-आइसोलेशन हेतु निर्देश पुस्तिका का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि डाॅक्टर की टीम की जांच एवं मानकों के हिसाब से ही होम-आइसोलेशन की व्यवस्था की जाय। होम-आइसोलेशन के बजाय अस्पताल एवं कोविड केयर सेंटर को प्राथमिकता दी जाय।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोरोना की सैंपल टेस्टिंग और अधिक बढ़ाई जाय। सर्विलांस सिस्टम को और मजबूत करने की जरूरत है। बुजुर्ग, बच्चे एवं को-माॅर्बिड लोग अति आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें। कोविड रिकवरी रेट में सुधार एवं मृत्युदर को कम करने हेतु हर सम्भव प्रयास किये जाय। सीनियर डाॅक्टर अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों की पर्सनल केयर करें। जिलाधिकारी, सीडीओ एवं सीएमओ भी इसकी माॅनेटरिंग करें। यह सुनिश्चित किया जाय कि आक्सीजन सपोर्ट सिस्टम ही प्रत्येक जनपद में पर्याप्त व्यवस्था हो। सतर्कता के साथ और कैपिसिटी बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जो लोग प्राइवेट लैब में कोविड सैंपल टेस्टिंग करा रहे हैं, यह सुनिश्चित करा लें कि प्रत्येक व्यक्ति का पता एवं मोबाईल नम्बर सही हो।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि सभी जिलाधिकारी कोविड से निपटने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्ण रखें। इंडस्ट्रियल ऐरिया वाले जनपदों में इंडस्ट्री में सैंपल टेस्टिंग में और तेजी लाई जाय। उधमसिंह नगर, नैनिताल एवं हरिद्वार जनपद में विशेष सतर्कता की आवश्यकता है। सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि जिन जनपदों में 05 प्रतिशत से अधिक पाॅजिटिव रेट हैं, उनमें सैंपलिंग और अधिक बढ़ायी जाय। हाई रिस्क ऐरिया से आने वाले सभी लोगों के सैंपल लिये जाय। उन्होंने कहा कि कोविड केयर सेंटर की व्यवस्थाओं का समय-समय पर निरीक्षण किया जाय। व्यवस्थाओं में कोई कमी न रहे। कोविड केयर सेंटर में समय-समय पर चेकअप हेतु डाॅक्टर भेजे जाय।
बैठक में डीजी लाॅ एण्ड आर्डर अशोक कुमार, सचिव शैलेष बगोली, पंकज पाण्डेय, एस.ए. मुरूगेशन, गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन, आईजी संजय गुंज्याल, डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन युगल किशोर पंत, अपर सचिव सोनिका, डीजी स्वास्थ्य डाॅ. अमिता उप्रेती आदि उपस्थित थे।
दुर्गम व दूरस्थ क्षेत्रों में पोस्टिंग की डर से प्रमोशन छोड़ने वाले राज्य कर्मचारियों पर सरकार ने शिकंजा कस दिया है। प्रदेश सरकार ने पदोन्नति के परित्याग की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने और कार्मिकों को अनुशासित बनाए रखने के उद्देश्य से उत्तराखंड राज्य अधीन सेवाओं में पदोन्नति का परित्याग (Forgo) नियमावली 2020 तैयार की है। इस संबंध में आज अधिसूचना जारी कर दी गई है।
गौरतलब है कि राज्य में सुविधाजनक व शहरी क्षेत्रों में तैनात कार्मिक पहाड़ी क्षेत्रों अथवा दूरस्थ इलाकों में जाने से बचने के लिए अपनी पदोन्नति त्याग देते थे। पदोन्नति त्यागने के लेकर कोई स्पष्ट नियम ना होने के कारण अगर यदि कोई कार्मिक प्रमोशन पर नहीं जाता था, तो वह पद रिक्त ही रह जाता था। इससे कार्मिक की वरिष्ठता भी बनी रहती थी और कनिष्ठ कार्मिकों के लिए पदोन्नति के अवसर कम मिलते थे।
प्रदेश सरकार ने इस प्रवृति पर अंकुश लगाने के लिए नई नियमावली तैयार की है। नियमावली के अनुसार पदोन्नति का त्याग करने वाले कार्मिक के संबंध में नियुक्ति प्राधिकारी को कई शक्तियां प्रदान की गई हैं। पदोन्नत कार्मिक को कार्यभार ग्रहण करने हेतु अधिकतम 15 दिन की अवधि निर्धारित की गई है। मगर संबंधित कार्मिक के लिखित अनुरोध पर अपरिहार्य परिस्थितियों में नियुक्त प्राधिकारी उसे 15 दिन का अतिरिक्त समय दे सकता है।
यदि कोई कार्मिक निर्धारित समय के भीतर पदोन्नति के पद पर कार्यभार ग्रहण न कर पहली बार Forgo करता है तो नियुक्ति प्राधिकारी गुण दोष के आधार व निर्णय ले सकेंगे। यदि उसी चयन वर्ष में विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक आहूत की जाती है तो नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा इस विषय की जानकारी समिति के सम्मुख रखी जाएगी और Forgo करने वाले से कनिष्ठ कार्मिक की पदोन्नति की संस्तुति की जाएगी। प्रमोशन को Forgo करने वाला कार्मिक नोशनल प्रमोशन के दावे से वंचित हो जाएगा।
यदि कोई कार्मिक DPC की प्रक्रिया शुरू होने से पहले चयन अथवा पदोन्नति को Forgo करने का लिखित अनुरोध करता है, तो इसे अनुशासनहीनता की श्रेणी में माना जाएगा। ऐसे कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इन कार्मिकों के खिलाफ उत्तराखंड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम, 2017 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें कार्मिकों का संभावित ट्रांसफर से बचने के प्रयास और कार्य के प्रति रुचि न लेने आदि को आधार बनाते हुए उसी पद पर प्रशासनिक कारण से ट्रांसफर किया जाएगा।
अधिसूचना के अनुसार यदि कोई कार्मिक दो या उससे अधिक बार प्रमोशन को Forgo करता है तो वो अपनी वरिष्ठता खो देगा। इसके बाद उसे खोई हुई वरिष्ठता का लाभ नहीं मिलेगा। नियमावली में प्राविधान किया गया है कि यदि इसे लागू करने में में किसी प्रकार की शिथिलता बरती जाती है तो उत्तराखंड राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली, 2002 तथा उत्तराखंड सरकारी सेवक ( अनुशासन एवं अपील ) नियमावली, 2003 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उत्तराखंड सरकार ने महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को अमली जामा पहनाने के लिए कमर कस ली है। योजना के तहत संचालित होने वाली गतिविधियों का बेहतर क्रियान्वयन कैसे किया जाए, इसके उपाय सुझाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में एक प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।
अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। आदेश के मुताबिक प्रकोष्ठ का अध्यक्ष उत्तराखंड पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एस.एस.नेगी को नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही प्रकोष्ठ में दो सदस्यों के तौर पर मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार आलोक भट्ट व स्वयंसेवी संस्था हार्क के प्रमुख महेन्द्र सिंह कुँवर को नियुक्त किया गया है।
यहां बता दें, कि प्रदेश में अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने खासकर लॉकडाउन के चलते घर लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना की तर्ज पर प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इसमें निर्माण व सेवा क्षेत्र में अपना काम करने के लिए इच्छुक बेरोजगारों को ऋण व अनुदान की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एमएसएमई के तहत बनाई गई है। योजना में विनिर्माण में 25 लाख और सेवा क्षेत्र में 10 लाख तक की लागत की परियोजना हेतु स्वरोजगार के लिए ऋण लिया जा सकता है। योजना में 25 प्रतिशत तक अनुदान की व्यवस्था है। मार्जिन मनी को अनुदान के रूप में समायोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत इससे सम्बन्धित लगभग सभी विभागों की योजनाओं को शामिल किया गया है। राज्य स्तर पर सभी विभागों के समन्वय के लिए यह प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है। अन्य विभागों में संचालित स्वरोजगार योजनाओं को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत लाते हुए उद्यान, कृषि, माइक्रो फूड प्रोसेसिंग, पशुपालन, दुग्ध व्यवसाय, पोल्ट्री, जैविक कृषि आदि पर विशेष महत्व दिया जा रहा है। योजना में 150 से अधिक कार्य शामिल किए गए हैं।
प्रकोष्ठ के अध्यक्ष एस.एस. नेगी ने बताया कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय जनपदों में स्वरोजगार को आगे बढ़ाने के लिये प्रयास किये जायेंगे, ताकि युवा स्वरोजगार अपनाने के साथ ही अन्य के लिये भी रोजगार देने वाले बन सकें। विभिन्न विभागों के स्तर पर स्वरोजगार के जो कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं, उनसे भी समन्वय किया जायेगा। इससे अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार का लाभ मिल सकेगा।
उत्तराखंड सरकार ने रक्षा बंधन के अवसर को देखते हुए बहनों के लिए विशेष प्राविधान किए हैं। सरकार ने रक्षा बंधन के अवसर पर यात्रा करने वाली महिलाओं को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही प्रत्येक आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्री के खाते में एक-एक हजार रूपए की सम्मान राशि दिये जाने की घोषणा की। इससे लगभग 50 हजार आंगनबाङी और आशा कार्यकत्री लाभान्वित होंगी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज प्रदेशवासियों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए ये घोषणाएं की। अपने शुभकामना संदेश में उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन हमारी भावनाओं से जुड़ा हुआ त्यौहार है। हम प्रतिवर्ष इस त्यौहार को बड़ी खुशी व आत्मीयता के साथ मनाते आ रहे हैं। इस दिन सभी को अपनी बहनों का इंतजार रहता है।
मगर कोरोना महामारी के कारण हम इकट्ठा नहीं हो पा रहे हैं। सामूहिक रूप से अपने त्यौहार नहीं मना पा रहे हैं। ऐसे में भी, हमारी हजारों आंगनवाड़ी व आशा बहनें फ्रंट लाइन में रह कर हमें कोरोना से बचने व बचाने के लिए अपने आप को जोखिम में डालकर काम में जुटी हुई हैं। हमें सतर्क करने का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मेरी उन सभी बहनों के लिए बहुत ही शुभकामनाएं हैं। वो सब स्वंय भी स्वस्थ रहें तभी वे औरों के स्वास्थ्य का ख्याल रख सकती हैं। मुख्यमंत्री ने आज आंगनवाड़ी व आशा कार्यकत्रियों को 1-1 हजार रुपए की राशि देने की घोषणा की। इससे पूर्व भी प्रदेश सरकार द्वारा कोविड -19 में उनकी भूमिका देखते हुए 1-1 हजार रुपए की सम्मान राशि प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निवास पर विगत वर्षों तक बड़ी संख्या में बहनें रक्षासूत्र बांधने आती थीं और अपना आशीर्वाद व अपनी शुभकामनाएं मुझे प्रदान करती थीं। मगर इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण परिस्थितियां बदली हैं। सैकड़ों बहनों की राखियां मुझे पहुंची हैं। निश्चित रूप से उनका आशीर्वाद राखियों के साथ मुझे प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सभी बहनों का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं और इस अवसर पर उनके स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं। उन्होंने कहा कि सभी बहनों की सुविधा के लिये रक्षाबंधन के अवसर पर उन्हें उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा करने की सुविधा प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी अनेक बहनें बद्रीनाथ, केदारनाथ, जागेश्वर धाम, गर्जिया मन्दिर, चंडी देवी मंदिर के साथ ही अन्य तमाम मंदिरों में प्रसाद बनाकर अपनी आजीविका चला रही हैं। सरकार ने उन्हें मौका दिया है कि हमारे स्थानीय उत्पादों से तैयार प्रसाद का श्रद्धालु भगवान को भोग चढ़ाएं। सरकार उन्हें हर संभव मदद कर रही है। इसके साथ ही राज्य की महिलाओं और महिला समूहों के लिए 05 लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है, ताकि बहनें अपने पैरों में खड़ी हो सकें और छोटी-मोटी मदद के लिए उनको किसी की आवश्यकता ना पड़े।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने यह भी कहा कि उनका मानना है कि जब हम महिलाओं के उत्थान व सशक्तिकरण की बात करते हैं, तो बहुत जरूरी है, कि हमारी बहनें व बेटियां शिक्षित हों और वह आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनें। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि सरकार की नीतियों में इसकी छाप दिखे।
साथ ही, मुख्यमंत्री ने कोरोना के दृष्टिगत सभी से आवश्यक सावधानियाँ बरतते हुए रक्षाबंधन त्यौहार मनाने की अपील की है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश का नैसर्गिक सौंदर्य फिल्मों की शूटिंग के लिए पूरी तरह से अनुकूल है और फिल्म क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने दून विश्वविद्यालय को फिल्म क्षेत्र के विभिन्न आयामों पर आधारित पाठ्यक्रम शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
आज प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक विशाल भारद्वाज की उपस्थित में आयोजित एक बैठक में मुख्यमंत्री ने दून विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ सिनेमेटिक स्टडिज की स्थापना करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इस फैकल्टी की स्थापना के लिए विशेषज्ञों का एक वर्किंग ग्रुप गठित किया जाय। वर्किंग ग्रुप में फिल्म जगत व फिल्म शिक्षा के अनुभवी लोगों को नामित करें। यह ग्रुप प्रसिद्ध राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षण संस्थाओं द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर कोर्स डिजाइन करेगा। पाठ्यक्रम फिल्म उद्योग के आने वाले समय की मांग के अनुरूप हो और सिनेमा के विविध आयामों को समावेशित करने वाला हो। इसमें स्नातक डिग्री व लाॅजिस्टिक प्रोडक्शन के सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स संचालित किए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। युवाओं की प्रतिभा को कैसे उजागर किया जाय, इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि फिल्म एजुकेशन से फिल्म जगत में रोजगार के अवसर तलाशने वाले युवाओं को सहूलियत मिलेगी।
बैठक में महानिदेशक सूचना डाॅ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने राज्य की फिल्म नीति के सबंध में प्रस्तुतिकरण दिया। इस मौके पर प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंदबर्द्धन, सचिव सूचना दिलीप जावलकर, दून विवि के कुलपति डाॅ. अजीत कुमार कर्नाटक, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल, उप निदेशक सूचना केएस चौहान आदि उपस्थित थे।
‘देहरादून सिनेमाॅज’ पुस्तक का विमोचन
इधर, शुक्रवार को ही सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लेखक एवं समीक्षक गोपाल सिंह थापा की पुस्तक देहरादून सिनेमाॅज का विमोचन किया। इस पुस्तक में देहरादून में सिनेमाघरों की पूर्व की और वर्तमान की स्थिति का शोध कर विवरण प्रस्तुत किया है। साथ ही मनोरंजन के क्षेत्र में तकनीकि के विकास के साथ सिनेमाघरों की स्थिति में आये परिवर्तन के बारे में जानकारी दी गई है। इस मौके पर त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह पुस्तक दशकों से मनोरंजन के साधन रहे सिनेमाघरों के प्रति लोगों की रूचि एवं तकनीक के विकास के साथ हुए परिवर्तन के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को उधमसिंह नगर जिले के रूद्रपुर में पं0 राम सुमेर शुक्ल राजकीय मेडिकल कालेज में 1012.33 लाख लागत के 300 बेड के कोविड-19 हॅास्पिटल भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही राजकीय मेडिकल कालेज रूद्रपुर के अन्तर्गत 299.76 लाख की लागत से रेस्पिरेटरी एण्ड स्किन डिजीज ब्लाक, 537.23 लाख की लागत से रेडियोलॉजी ब्लॉक तथा विश्व बैंक पोषित 90.35 लाख की लागत से ऑक्सीजन सप्लाई पाइप लाइन कार्य का भी लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सीएसआर के तहत टाटा प्रोजेक्टस लि0 के वित्तीय सहयोग से 320 लाख की लागत से 300 बेड कोविड हॉस्पिटल रूद्रपुर मे मेडिकल उपकरण की आपूर्ति एवं अधिष्ठान कार्यो का लोकार्पण के साथ ही प्लान इंडिया व रैकिट बैंकाइजर (इंडिया) प्रा0लि0 के सौजन्य से 50 लाख की लागत से सामूदायिक स्वास्थ केन्द्र किच्छा के आधुनिकीकरण कार्य, पालीप्लेक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड बाजपुर वित्तीय सहयोग से 60 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बाजपुर के आधुनिकीकरण कार्य, पालीप्लेक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड खटीमा के वित्तीय सहयोग से 125 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खटीमा के आधुनिकीकरण कार्य, बालाजी एक्शन बिल्डवेल सितारगंज के वित्तीय सहयोग से 200 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र के आधुनिकीकरण कार्य, बजाज ऑटो लिमिटेड पंतनगर एवं जानकी देवी बजाज ग्राम विकास संस्था के वित्तीय सहयोग से 300 लाख की लागत से जिला चिकित्सालय, रूद्रपुर के आधुनिकीकरण कार्य, नैनी पेपर्स मिल काशीपुर मे वित्तीय सहयोग से 200 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र काशीपुर के आधुनिकीकरण कार्यों का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य योजना के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र रूद्रपुर मे लोनिवि की 684.44 लाख लागत की विभिन्न सीसी मार्गों का लोकार्पण तथा 385.47 लाख की लागत से विभिन्न सडको के पुर्ननिर्माण कार्यों के शिलान्यास किये। नगर निगम रूद्रपुर के वार्ड नम्बर 25 फाजलपुर महरौला में स्थित 08 एकड भूमि मे जैविक ठोस अपशिष्ट से 50 मिट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के कम्पोस्ट बायोगैस प्लान्ट का शिलान्यास के साथ ही ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित 28 लाख लागत के सरस मार्केट सेंटर रूद्रपुर एवं 194.39 लाख की लागत से क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला निर्माण कार्य का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिये प्रदेश में स्थापित किये जा रहे ग्रोथ सेन्टरों के अंतर्गत 65.84 लाख लागत के विकास खण्ड रूद्रपुर मे बेकरी ग्रोथ सेंटर, 48 लाख लागत के मत्स्य ग्रोथ सेंटर काशीपुर, 18 लाख लागत के गोविन्दपुर मसाला ग्रोथ सेंटर गदरपुर, 24.10 लाख लागत के मेघावाला दुग्ध ग्रोथ सेंटर जसपुर एवं 20 लाख लागत के पहेनिया हस्तशिल्प ग्रोथ सेंटर खटीमा का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, अध्यक्ष जिला पंचायत रेनू गंगवार विधायक राजकुमार ठुकराल, हरभजन सिंह चीमा, पुष्कर सिंह धामी, राजेश शुक्ला, मेयर रामपाल सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपा शिव अरोड़ा, दर्जा मंत्री सुरेश परिहार, सचिव मुख्यमंत्री एवं आयुक्त अरविन्द सिंह हयांकी, आईजी कुमायूं अजय रौतेला, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य, पंकज कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी डा0 नीरज खैरवाल आदि उपस्थित थे।
प्रदेश सरकार ने आज PMHS संवर्ग के साधारण ग्रेड के 20 डाक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दी। ये डाक्टर अपनी नियुक्ति अथवा योगदान तिथि के बाद प्रोबेशनरी पीरियड से ही अनुपस्थित चल रहे थे।
प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा नियमावली के तहत कार्रवाई करते हुए इन चिकित्सकों की सेवाएं समाप्त की हैं। शासन ने आज इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
जिन डाक्टरों की सेवाएं समाप्त की गई हैं, उनमें उप जिला चिकित्सालय, अल्मोड़ा के डॉ रितेश चौहान, जिला चिकित्सालय, बागेश्वर के डा हेमचंद्र भट्ट, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्णप्रयाग (चमोली) के डॉ संदीप सिंह व डॉ दीपक सेमवाल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, घाट (चमोली) के डॉ अमित कुमार पांडे, जिला चिकित्सालय, चंपावत की डॉ रजनी शर्मा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मसूरी के डॉ शुभंककर प्रतीक लाल, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पिरान कलियर (हरिद्वार) के डॉ सचिन सैनी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, लक्सर (हरिद्वार) के डॉ रमेश कुमार, संयुक्त चिकित्सालय, रुड़की के डॉ उत्कर्ष तेवतिया, संयुक्त चिकित्सालय, रामनगर (नैनीताल) के डॉ विकास कुमार झा, संयुक्त चिकित्सालय, श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल) के डॉ सुरेंद्र कुमार, जिला चिकित्सालय, रुद्रप्रयाग के डॉ गौरव आर्य, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, थत्यूड़ (टेहरी गढ़वाल) के डॉ सरफराज हुसैन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, लंबगांव (टिहरी) के डॉ योगेश आहूजा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जसपुर (उधमसिंह नगर) की डॉ अंजलि चौहान, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, खटीमा (उधमसिंह नगर) के डॉ मयंक कश्मीरा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गदरपुर (उधमसिंह नगर) के डॉ बच्चा बाबू, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बाजपुर (उधमसिंह नगर) की डा ईशा गुप्ता व जिला चिकित्सालय, उत्तरकाशी के डॉ अखिल अग्रवाल शामिल हैं।
तमाम आरोपों से घिरे रहने वाले उत्तराखंड पेयजल निगम के प्रबन्ध निदेशक (MD) भजन सिंह के विरुद्ध प्रदेश सरकार ने जांच बैठा दी है। आईएएस अधिकारी डॉ नीरज खैरवाल को जांच अधिकारी नियुक्त कर एक माह के भीतर शासन को जांच रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए गए हैं।
बुधवार को उत्तराखंड शासन के अपर सचिव पेयजल जी.बी.औली की तरफ से जारी कार्यालय आदेश में कहा गया है कि भजन सिंह के विरुद्ध विभिन्न माध्यमों से कतिपय शिकायती पत्र प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय के ऑनलाइन ग्रिवेंसेंस में दर्ज शिकायत और मुख्यमंत्री समाधान पोर्टल में दर्ज शिकायत भी प्राप्त हुई है। शिकायतों के मद्देनजर शासन स्तर पर इन आरोपों की प्रारम्भिक जांच हेतु उधमसिंहनगर के जिलाधिकारी डॉ नीरज खैरवाल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि जांच अधिकारी को वित्तीय व तकनीकी मामलों में सहयोग की आवश्यकता चाहिए तो वे राज्य वित्त सेवा और नियोजन विभाग के तकनीकी अधिकारियों की शासन से अनुरोध कर मदद ले सकते हैं। जांच अधिकारी को MD पर लगे सभी आरोपों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट किसी भी दशा में एक महीने के भीतर उपलब्ध कराने को कहा गया है।
चोली-दामन का साथ है आरोपों और भजन सिंह का
पेयजल निगम के MD भजन सिंह पर लगातार तमाम तरह के आरोप लगते रहे हैं। उनके विरुद्ध नियमों के विपरीत जाकर MD की कुर्सी हथियाने का भी आरोप है। विभाग में में मनमानी चलाना और अपने अनुकूल काम ना करने वाले अधिकारियों के उत्पीड़न के आरोप उन पर लगे हैं। मगर विभाग में उनका रुतबा बरकरार रहा है। भजन सिंह के विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल हुई है, जिसमें उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा है कि भजन सिंह द्वारा नमामि गंगे योजना के तहत कई सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार किया है। इसलिए उनकी नियुक्ति को निरस्त किया जाए और भ्रष्टाचार के मामले की सीबीआइ से जांच कराई जाए। याचिका में यह आरोप भी लगाया है कि उनके द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से अपने चहेतों को टेंडर आवंटित कर दिए है, जिस कारण सरकार को राजस्व की हानि हुई है। याचिकाकर्ता ने MD द्वारा नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अयोग्य लोगों और ठेकों की जांच सीबीआइ से कराने की भी मांग की है।
केन्द्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (RCS) उड़ान योजना के अन्तर्गत बुधवार को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से नई टिहरी-श्रीनगर-गौचर हैली सेवा का शुरू हो गई। यह सेवा पवन हंस लि. द्वारा दी जा रही है।
राजधानी देहरादून से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व नई दिल्ली से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पहली उड़ान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उड़ान योजना के अन्तर्गत जो हेली सेवाएं चलाई जा रही हैं, स्थानीय लोगों द्वारा इसे काफी पंसद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात कि पवन हंस लि. की यह सेवा सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को चालू रहेगी।
उन्होंने कहा कि उड़ान योजना के तहत देहरादून को देश के तमाम शहरों से एयर कनेक्टिविटी का मौका मिला है। हिण्डन (गाजियाबाद) से पिथौरागढ़ के लिए सीधी हवाई सेवा शुरू की गई है। प्रदेश में 27 हेलीपोर्ट विकसित किये गये है। क्षेत्रीय सम्पर्क योजना में देहरादून को पंतनगर, पिथौरागढ़, चिन्यालीसौड़ और गौचर से जोड़ा गया है। पंतनगर हवाई अड्डे को ग्रीन फील्ड के रूप में विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी से अनुरोध किया कि हल्द्वानी-अल्मोड़ा-धारचूला हेतु भी मंगलवार, गुरूवार एवं शनिवार को सेवा प्रारम्भ की जाए। बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धामों की यात्रा के दृष्टिगत गुप्तकाशी व बड़कोट में भी हेली सेवाएं प्रारम्भ किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हर्षिल के लिए भी हेली सेवा शुरू होगी तो इससे न केवल गंगोत्री जाने वाले यात्रियों के लिए सुविधा होगी। अपितु, हर्षिल का प्राकृतिक सौन्दर्य भी पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के मानक जटिल हैं। उन्होंने उत्तराखण्ड की परिस्थितियों के मद्देनजर मानकों में परिवर्तन का भी अनुरोध किया।
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उड़ान योजना के अन्तर्गत देहरादून-नई टिहरी-श्रीनगर-गौचर हवाई सेवा शुरू होने पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने उड़ान सेवा के अन्तर्गत नये यात्रा मार्गों के लिए हेली सेवा शुरू करने के लिए सुझाव दिया है। उस पर जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर चर्चा कर निर्णय लिया जायेगा। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के मानकों के बारे अधिकारियों के साथ चर्चा कर नियमानुसार उचित समाधान निकाला जाएगा।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत, केंद्रीय नागरिक उड्यन सचिव प्रदीप सिंह खरोला, सीएमडी पवन हंस लि. संजीव राजदान, प्रदेश के नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर, मुख्यमंत्री के उड्डयन सलाहकार दीप श्रीवास्तव, यूकाडा की सीईओ सोनिका, पवनहंस लि. के राजीव अग्निहोत्री, रमेश के. आदि उपस्थित थे।
हेली सेवा के बारे में ऐसे लें जानकारी
RCS के तहत शुरू हुई देहरादून- नई टिहरी – श्रीनगर – गौचर हेली सेवा सप्ताह में सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को जॉली ग्रांट एयर पोर्ट से उड़ान भरेगी। बुकिंग इत्यादि की जानकारी के लिए इन फोन नंबर पर संपर्क किया जा सकता है –
8368557785, 7827509985
मेल द्वारा संपर्क करने के लिए यह मेल आईडी –
rcs@pawanhans.co.in
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