मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने जल जीवन मिशन के तहत सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल की उपलब्धता का टारेगट शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव ने यह निर्देश अधिकारियों को दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत निर्धारित मानकों का पूर्णतः पालन करते हुए पेयजल उपलब्ध कराया जाए और इसकी लगातार मॉनिटरिंग भी हो। जिलाधिकारी भी कार्यों की प्रगति बैठक समय-समय पर लेते रहें।
उन्होंने सुस्ती दिखाने पर कार्रवाई की चेतावनी देते हुए, रिपोर्ट उनके कार्यालय को शीघ्र भेजे जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजना को प्राथमिकता पर लेते हुए जनपद मुख्यालयों में रिक्त अवर अभियंता व सहायक अभियंता के पदों पर व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि मुख्य अभियंता फील्ड में जाएं और समस्याओं का निराकरण करें। साथ ही चीफ इंजीनियर भी लगातार भ्रमण करें।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता में कमी न हो इसके लिए जल जीवन मिशन में तेजी लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि पानी मौलिक आवश्यकता है। प्रत्येक घर तक इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
इस अवसर पर जल संस्थान एवं जल निगम के अधिकारी तथा वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी जिलाधिकारी जुड़े थे।
देहरादून। बुखार की शिकायत के बाद राजधानी के दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सोमवार को जरुरी परीक्षणों के लिए दिल्ली एम्स के लिए रेफर किया गया है। मुख्यमंत्री के फेफड़ों में हल्का संक्रमण पाया गया। डाक्टरों ने उनका स्वास्थ्य सामान्य बताया है।
मुख्यमंत्री को रविवार को दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था। मुख्यमंत्री के फिजीशियन डाॅ एनएस बिष्ट ने बताया कि रात में बुखार में भी कमी आई है और उनका स्वास्थ्य सामान्य है। उनके फेफड़ों में हल्का सा संक्रमण है। इस संबंध में एम्स दिल्ली के चिकित्सकों से भी परामर्श किया गया था। उनकी सलाह पर जरूरी परीक्षण के लिये मुख्यमंत्री एम्स दिल्ली जा रहे है।
इससे पूर्व, 18 दिसंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उसके बाद उनकी रिपोर्ट सामान्य आई थी। तब से वे होम आइसोलेशन में थे। विधानसभा सत्र के दौरान उन्होंने सदन की कार्रवाई में वर्चुअली भाग लिया था।
देहरादून। राज्य के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं के शैक्षिक क्षमता के अनुसार उन्हें तकनीकी शिक्षा के उच्च संस्थानों में प्रवेश हेतु तैयारी के लिये अल्मोड़ा में प्रदेश के पहले द सुपर-30 हिमालयन एजुकेशनल ट्रस्ट का गठन किया गया है। संस्थान का मुख्य उददेश्य राज्य के गरीब प्रतिभावान बच्चों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में प्रवेश के निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाना है।
इस संस्थान में प्रदेश के सभी विद्यालयों के 10वीं कक्षा की परीक्षा में मेरिट में रहने वाले चार से पॉच छात्रों को प्रदेश स्तरीय प्रवेश परीक्षा के लिए चुना जायेगा। चुने गये छात्रों में प्रवेश परीक्षा के आधार पर टॉप 30 छात्रों को इस संस्थान में प्रवेश दिया जायेगा। यह संस्थान आवासीय रहेगा जिसमें 11वीं एवं 12वीं कक्षाओं के साथ-साथ तैयारी करायी जाएगी। इस संस्थान में व्यय होने वाली धनराशि का वहन द क्वीन्ट के संस्थापक राघव बहल के सहयोग से किया जाएगा। संस्थान की अन्य सुविधाओं में जिला प्रशासन सहयोग करेगा।
अल्मोड़ा विकास भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में इसके संचालन हेतु जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया व इलारा कैपिटल के सीईओ राज भट्ट द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी आडियो सन्देश के माध्यम से द सुपर-30 हिमालयन एजुकेशनल ट्रस्ट के गठन की शुभकामनाएं देते हुए इससे जुड़े सभी लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार द्वारा संस्थान के सफल संचालन के लिए यथा सम्भव सहायता की जाएगी।
इस अवसर पर वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से द सुपर-30 हिमालयन एजुकेशनल ट्रस्ट को सहयोग करने वाले द क्वीन्ट के संस्थापक राघव बहल ने कहा कि इससे उत्तराखण्ड में प्रतिभावान छात्रों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि एक शिक्षित समाज से पूरे देश एवं प्रदेश का विकास होता है।
द सुपर-30 हिमालयन एजुकेशनल ट्रस्ट के सलाहकार व इण्डिया फाउण्डेशन के निदेशक शौर्य डोभाल ने कहा कि इस संस्थान के खुलने से उत्तराखण्ड में शिक्षा के क्षेत्र में परिर्वतन की क्रान्ति आयेगी। कार्यक्रम में उपस्थित इलारा कैपिटल लन्दन के सीईओ राज भट्ट ने बताया कि यह संस्थान अगले वर्ष अप्रैल माह से प्रारम्भ कर दिया जाएगा।
कार्यक्रम में सीडॉट के चैयरमैन एवं सलाहकार सुपर-30 हिमालयन एजुकेशनल ट्रस्ट डा0 राजकुमार उपाध्याय, मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पाण्डे, सीईओ सी हॉक नरेन्द्र लटवाल आदि उपस्थित थे।
विभिन्न मामलों में आरोपी व्यक्ति की ऑडी कार की सवारी करना देहरादून के जिला न्यायाधीश को महंगा पड़ गया। नैनीताल उच्च न्यायालय (High Court of Uttarakhand at Nainital) ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जिला जज प्रशांत जोशी को निलंबित कर दिया है। निलंबन की अवधि में उन्हें रुद्रप्रयाग जिला न्यायालय से संबद्ध किया गया है।
उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार हीरा सिंह बोनाल के हस्ताक्षरों से जारी कार्यालय ज्ञाप के अनुसार देहरादून के जिला जज प्रशांत जोशी ने 21 व 22 दिसंबर को मसूरी में आयोजित कैंप कोर्ट में जाने के लिए अपनी सरकारी कार के बजाय एक प्राइवेट ऑडी कार का प्रयोग किया।
UK-07 AJ – 9252 नंबर की इस ऑडी कार का मालिक केवल कृष्ण सोइन नामक व्यक्ति है। इस व्यक्ति के खिलाफ देहरादून के ही राजपुर थाने में धारा 420, 467, 468, 471 व 120-B में प्राथमिकी दर्ज है। इस प्राथमिकी को रद्द करने के संबंध में हाई कोर्ट के समक्ष एक याचिका (आपराधिक) लंबित पड़ी हुई है।
जिला जज प्रशांत जोशी इस कार से केवल मसूरी ही नहीं गए, बल्कि इस कार पर जिला जज, देहरादून के नाम का बोर्ड भी लगा था। यह कार मसूरी में हाई कोर्ट के गेस्ट हॉउस के बाहर खड़ी थी, जहां कैंप कोर्ट लगती है।
हाई कोर्ट ने प्रशांत जोशी को इस मामले में न्यायिक कदाचरण का दोषी मानते हुए उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया है। निलंबन के दौरान वे रुद्रप्रयाग की जिला कोर्ट से संबद्ध रहेंगे और इस दौरान उन्हें नियमानुसार आधा वेतन दिया जाएगा। बिना हाई कोर्ट की अनुमति के वे अपनी तैनाती स्थल को नहीं छोड़ पाएंगे।
यहां यह तथ्य उल्लेखनीय है कि जिला जज द्वारा विवादित व्यक्ति की कार का उपयोग करने की घटना 21 व 22 दिसम्बर की है। कोर्ट ने जोशी के निलंबन का कार्यालय ज्ञाप भी 22 दिसम्बर को ही जारी किया है। यानी कि कोर्ट के संज्ञान में प्रकरण के आते ही उसने देर नहीं लगाई और तत्काल निलंबन के आदेश जारी कर दिए। नैनीताल हाई कोर्ट इससे पूर्व में भी जजों के अनुशासनहीनता अथवा कदाचरण के मामलों में कड़ी कार्रवाई कर चुका है।
देहरादून। कोरोना महामारी के चलते प्रशासन ने क्रिसमस व नए साल पर आयोजित होने वाले सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है।
राजधानी देहरादून के जिलाधिकारी डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा जारी आदेश के अनुसार 25 दिसंबर को क्रिसमस तथा 31 दिसंबर व 1 जनवरी को नव वर्ष के अवसर पर होटल, बार, रेस्टोरेंट व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सामूहिक कार्यक्रमों और पार्टी के आयोजन की अनुमति नहीं होगी।
प्रशासन ने इस आदेश का अनुपालन अनिवार्य बताया है और चेतावनी दी है कि आदेश के उल्लघंन की स्थिति में आपदा प्रबन्धन अधिनियम, उत्तराखंड महामारी अधिनियम समेत भारतीय दंड संहिता आदि के तहत कार्रवाई की जाएगी।
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हो गया। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधायकों ने विधानसभा परिसर में योग किया। सत्र में दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही सदन की कार्यवाही प्रारंभ हुई। तीन दिवसीय सत्र के दौरान प्रदेश सरकार लगभग 4000 करोड़ से अधिक का अनुपूरक बजट पास कराएगी। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद होम आइसोलेशन में रह रहे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सत्र की कार्यवाही में वर्चुअली जुड़े हुए हैं।
सत्र की कार्यवाही शुरू होने पर सबसे पहले सल्ट विधानसभा से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना, उत्तराखंड विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ अनुसूया प्रसाद मैखुरी, कांग्रेस से पौड़ी के पूर्व विधायक सुंदरलाल मंद्रवाल एवं अविभाजित उत्तर प्रदेश में पिथौरागढ़ विधानसभा सीट से दो बार बीजेपी के विधायक रहे कृष्ण चंद्र पुनेठा, पूर्व विधायक तेजपाल सिंह पंवार को सदन में श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बाद सोमवार को ही अनुदान वार अनुपूरक मांगों का प्रस्तुतीकरण भी सदन के पटल पर होगा। 22 दिसंबर को अनुदान वार अनुपूरक मांगों पर चर्चा होगी साथ ही प्रश्नकाल चलेगा एवं पटल पर विधेयको को रखा जाएगा।
शीतकालीन सत्र में सरकार उत्तराखंड लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण)( संशोधन )विधेयक 2020, उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू राजस्व अधिनियम 1901)( संशोधन) विधेयक 2020, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (संशोधन) विधेयक 2020, उत्तराखंड शहीद आश्रित अनुग्रह अनुदान विधेयक 2020, उत्तराखंड विनियोग (2020-21)अनुपूरक विधेयक 2020 को सदन में रखेगी।
कोविड-19 की महामारी को देखते हुए सत्र के दौरान विशेष इंतजाम किये गए हैं। सदन के भीतर सदस्यों के बैठने की व्यवस्था में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया है। सदन में प्रवेश से पहले सभी सदस्यों को आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य किया गया था। साथ ही सभी की थर्मल स्क्रीनिंग भी की गई।
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अपना कोरोना टेस्ट कराया था।
इस बात की जानकारी खुद मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके दी है। ट्वीट में उन्होंने कहा है कि -” आज मैंने कोरोना टेस्ट करवाया था और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेरी तबियत ठीक है और symptoms भी नहीं हैं। अतः डॉक्टर्स की सलाह पर मैं होम आइसोलेशन में रहूंगा। मेरा सभी से अनुरोध है, कि जो लोग गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आए हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर अपनी जांच करवाएं।
देहरादून। पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) के पद पर पदोन्नत होने के बावजूद लम्बे समय से राजधानी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) की कुर्सी पर बैठे रहे अरुण मोहन जोशी का आखिरकार तबादला हो गया। उन्हें DIG, सतर्कता, पीएसी व एटीसी के पद पर स्थानांतरित किया गया है। देहरादून के SSP की कुर्सी योगेंद्र सिंह रावत को सौंपी गई है।
प्रदेश सरकार ने गुरूवार को पांच IPS अधिकारियों के कार्यभार में फेरबदल किया है। इस फेरबदल में DIG गढ़वाल की जिम्मेदारी संभाल रहे IG स्तर के अधिकारी अभिनव कुमार को प्रभारी अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशासन) के रूप में पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है।
पुलिस उप महानिरीक्षक, सतर्कता व पीएसी के पद पर तैनात नीरू गर्ग को DIG गढ़वाल परिक्षेत्र का प्रभार दिया गया है। देहरादून के SSP बनाये गए योगेंद्र सिंह रावत की जगह पर तृप्ति भट्ट को टिहरी के SSP के पद पर स्थानांतरित किया गया है। तृप्ति के पास अभी तक SDRF के सेनानायक की जिम्मेदारी थी
देहरादून। उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चमोली की जिलाधिकारी को इसके लिए जमीन तलाशने के निर्देश दिए।
गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों को बाजार उपलब्ध कराने हेतु राज्य में 04 नई फैक्ट्रियां स्थापित की जाएं। साथ ही, चाय बागानों से उत्पादित हरी पत्तियों के न्यूनतम विक्रय मूल्य को निर्धारित करने हेतु एक समिति भी गठित हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोर्ड टी-गार्डन विकसित करे और इन्हें काश्तकारों को सौंपा जाए। टी-गार्डन काश्तकारों को सौंपने के बाद उन्हें तकनीकी विशेषज्ञता भी उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जो निजी चाय फैक्ट्रियां किसी भी कारण से बंद हैं, उन्हें चलाने हेतु प्रयास किए जाएं। यदि निजी फैक्ट्रियों के मालिक इन्हें चलाने में सक्षम नहीं हैं तो, बोर्ड इन्हें चलाने का प्रयास करे। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने बोर्ड की बैठक, वर्ष में 04 बार आयोजित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में अवगत कराया गया कि बोर्ड द्वारा वर्तमान तक विभिन्न स्थानों कुल 1387 हैक्टेयर क्षेत्रफल पर चाय प्लान्टेशन किया जा चुका है। उत्तराखण्ड के 09 पर्वतीय जनपदों (बागेश्वर, चम्पावत, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी) के 28 विकास खण्डों में स्वयं संचालित योजना, स्पेशल कम्पोनन्ट प्लान, मनरेगा के अन्तर्गत चाय विकास कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इन क्षेत्रों के 3,882 काश्तकार ने राजकीय/गैर राजकीय भूमि को लीज पर लेकर चाय प्लान्टेशन किया है। इसमें अनुमानित 4,000 श्रमिक कार्यनियोजित किये गये हैं, जिसमें 70 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी हैं।
वर्तमान में बोर्ड द्वारा निर्मित की जा रही चाय को उत्तराखण्ड टी ब्राण्ड नेम से रजिस्टर करते हुए बेचा जा रहा है। बोर्ड द्वारा जैविक/अजैविक आर्थोडोक्स ब्लैक व ग्रीन टी तैयार कर, स्थानीय स्तर पर स्वयं के शो-रूम, दुकानदारों य पोस्टल सेवा एवं कोलकाता ऑक्सन हाउस के माध्यम से बिक्री की जा रही है।
बैठक में उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल, उपाध्यक्ष चाय विकास बोर्ड गोविन्द सिंह पिल्खवाल, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव आनन्द वर्धन, सचिव उद्यान हरबंस सिंह चुघ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
देहरादून। 21 दिसम्बर से प्रारंभ होने वाले उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विधायकों को सत्र में भाग लेने से पहले कोरोना का आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना अनिवार्य होगा। यही नहीं सत्र के दौरान किसी भी गैर सरकारी व्यक्ति को विधान सभा परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यह जानकारी विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी। उन्होंने कहा कि सत्र में भाग लेने से पहले सभी विधायकों को अपने क्षेत्रों में अथवा देहरादून स्थित विधायक निवास में कोरोना का रैपिड टेस्ट, आरटी-पीसीआर कराना अनिवार्य होगा। सत्र के दौरान टेस्ट की रिपोर्ट विधायकों द्वारा विधानसभा को देनी होगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों एसओपी का पालन करना होगा। साथ ही प्रवेश द्वार पर सभी आगंतुकों का थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। सत्र के दौरान पूरे विधान सभा परिसर को सैनिटाइज करवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कोविड-19 के दृष्टिगत शीतकालीन सत्र के दौरान पत्रकार दीर्घा, दर्शक दीर्घा एवं अधिकारी दीर्घा में किसी व्यक्ति को प्रवेश पत्र जारी नहीं किया जाएगा। सत्र के दौरान गैर सरकारी व्यक्तियों को परिसर में प्रवेश की अनुमति प्राप्त नहीं होगी।
विधानसभा परिसर में विधायकों के साथ आने वाले सहवर्ती का प्रवेश वर्जित किया गया है। पूर्व विधायकों को भी परिसर में आने से बचने का अनुरोध किया गया है। सत्र के दौरान अधिकारियों को विधानसभा परिसर में अलग हॉल में बैठने की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें की स्क्रीन के माध्यम से सत्र का लाइव प्रसारण दिखाया जाएगा।
विधानसभा की कार्यवाही प्रिंट मीडिया को समाचार एजेंसी पीटीआई तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को एएनआई तथा सूचना विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। मीडिया कर्मियों को विधानसभा परिसर के बाहर मीडिया हाउस की व्यवस्था की जाएगी।
इससे पूर्व, विधान सभा अध्यक्ष अग्रवाल ने विधान सभा सत्र की तैयारियों को लेकर उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने विधानसभा सचिवालय और पुलिस विभाग के अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाकचौबंद रखने के निर्देश दिए। उन्होंने रेस कोर्स स्थित विधायक निवास में सुरक्षा, स्वच्छता को लेकर भी अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने को कहा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिरीक्षक अजय प्रकाश अंशुमान, स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे, सचिव आईटीडीए अमित सिन्हा, सचिव बीएस मनराल, जिला अधिकारी आशीष श्रीवास्तव, सूचना महानिदेशक डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके डिमरी, अपर नगर आयुक्त मोहन सिंह, अपर सचिव प्रशासन प्रताप सिंह शाह, एसएसपी अरुण मोहन जोशी, विधान सभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल सहित शासन एवं विभिन्न विभाग के उच्च अधिकारी मौजूद थे।