उत्तराखंड के पौड़ी जिले में एक दुखद हादसे में बुधवार को अलकनंदा नदी में डूबने से दो युवकों की मौत हो गई। यह हादसा श्रीनगर इलाके के चौरास पुल के पास हुआ, जहां तीन युवक नदी में तैरने गए थे।
मृतकों की पहचान:
. आयुष राज (20) और हर्ष राज कौशिक (19), दोनों बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के निवासी थे।
. दिव्यांशु (21), जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी के मऊ का रहने वाला है, को स्थानीय लोगों ने बचा लिया।
घटना का विवरण:
दोपहर करीब 3 बजे, तीनों युवक चौरास पुल के पास अलकनंदा नदी में तैरने उतरे। पानी में उतरते ही वे डूबने लगे। स्थानीय लोगों की सतर्कता से दिव्यांशु की जान बचा ली गई, लेकिन आयुष और हर्ष को नहीं बचाया जा सका।
रेस्क्यू अभियान:
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) ने जिला पुलिस और स्थानीय निवासियों की मदद से सघन तलाशी अभियान चलाया। अंततः दोनों युवकों के शव बरामद कर लिए गए।
परिजनों को दी गई सूचना:
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतकों के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है और अब उनके पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है। यह हादसा एक बार फिर नदी के किनारे सुरक्षा और सतर्कता की जरूरत को रेखांकित करता है। स्थानीय प्रशासन और SDRF की त्वरित कार्रवाई के बावजूद यह त्रासदी नहीं टल सकी।
उत्तराखंड में 2025 की चारधाम यात्रा की तारीखों का ऐलान हो गया है। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर में धार्मिक गुरुओं द्वारा पूजा-अर्चना के बाद यह निर्णय लिया गया।
. केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को सुबह 7 बजे भक्तों के लिए खोले जाएंगे।
. बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे।
. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर खुलेंगे।
श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बुधवार को इस घोषणा की पुष्टि की। चारधाम यात्रा के अंतर्गत देश-विदेश के श्रद्धालु बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
इस साल भी भक्तों के बीच चारधाम यात्रा को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है, और उत्तराखंड सरकार यात्रा के सुचारू संचालन के लिए विशेष तैयारियां कर रही है।
योजना बनी, कागजों में अटकी – चारधाम बाईपास को कब मिलेगी रफ्तार..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा को सुगम बनाने और शहरों में यातायात का दबाव कम करने के लिए बाईपास योजनाएं बनाई गई हैं, पर यह योजनाएं सरकारी प्रक्रियाओं में फंसी हुई है। महत्वाकांक्षी ऋषिकेश बाईपास का खाका एक दशक से अधिक समय पहले खींचा गया, पर पर अभी तक वह धरातल पर नहीं उतर सका है।इसी तरह श्रीनगर, चंपावत, लोहाघाट, पिथौरागढ़ बाईपास का काम शुरू होने से पहले कई अनुमतियों का रास्ता तय करना बाकी है। वहीं चारधाम यात्रा के समय वाहनों का दबाव बढ़ता है, तो ऋषिकेश में जाम लग जाता है। ऐसे में यहां पर बाईपास की योजना करीब 12 साल पहले बनी। इसके बाद तकनीकी कारणों के चलते बात आगे नहीं बढ़ सकी।
पिछले साल 17 किमी बाईपास की डीपीआर को तैयार कर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजा गया है। मंत्रालय में इस पर स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी की बैठक होनी है, इसके बाद मंत्रालय से मोहर लगेगी। इसके बाद वन भूमि में काम करने के लिए वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होगी। वन भूमि मिलने के बाद ही काम शुरू हो सकेगा।
उत्तराखंड पीसीएस का नया पाठ्यक्रम जारी, अब मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू मिलकर होंगे 1650 अंक के..
उत्तराखंड: लोक सेवा आयोग ने उत्तराखंड पीसीएस प्री व मुख्य परीक्षा का विस्तृत अपडेट सिलेबस जारी कर दिया है। अभ्यर्थी इसी हिसाब से अपनी तैयारी को अंजाम दे सकते हैं। प्री परीक्षा 300 अंकों और मुख्य परीक्षा 1500 अंकों की होगी, जबकि 150 अंकों का इंटरव्यू होगा। आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक, प्री परीक्षा में पहला पेपर सामान्य अध्ययन का होगा, जिसमें 150 अंकों के 150 सवाल दो घंटे में हल करने होंगे। दूसरा पेपर सामान्य बुदि्धमत्ता परीक्षा का होगा, जिसमें 150 अंकों के 100 सवाल दो घंटे में हल करने होंगे। प्री परीक्षा में चार सवाल गलत होने पर एक अंक काट लिया जाएगा।
मुख्य परीक्षा में पहला पेपर सामान्य हिंदी का 150 अंकों का होगा। दूसरा पेपर निंबधन का 150 अंकों का होगा। तीसरा पेपर सामान्य अध्ययन-1(भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज), चौथा पेपर सामान्य अध्ययन-2(शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतरराष्ट्रीय संबंध), पांचवां पेपर सामान्य अध्ययन-3(प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन), छठा पेपर सामान्य अध्ययन-4(नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरूचि), सातवां पेपर सामान्य अध्ययन-5(उत्तराखंड राज्य की जानकारी), आठवां पेपर सामान्य अध्ययन-6(उत्तराखंड राज्य की जानकारी) का होगा। सामान्य अध्ययन के सभी पेपर 200-200 अंकों के होंगे। सभी को हल करने के लिए तीन-तीन घंटे का समय मिलेगा। इसके बाद 150 अंकों का इंटरव्यू होगा। आयोग ने वैसे पीसीएस मुख्य परीक्षा करा दी है। कुछ हिंदी-अंग्रेजी विवाद के कारण अब ये अपडेट सिलेबस जारी किया गया है। आयोग की वेबसाइट पर सभी प्रश्न पत्रों का हिंदी व अंग्रेजी वर्जन देखा जा सकता है। यह सिलेबस भविष्य की तैयारी के लिए बेहतर हो सकता है।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव किया जा रहा है। इस बार बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा के लिए पंजीकरण को आधार कार्ड से जोड़ना अनिवार्य किया जा रहा है। इसके लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से अनुमति मांगी गई है, जिससे इस प्रक्रिया को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
आधार से पंजीकरण लिंक होने का उद्देश्य
. सुरक्षा और व्यवस्था में सुधार: यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सही पहचान और सटीक आंकड़ों के लिए यह कदम उठाया गया है।
. आपात स्थिति में मददगार: यात्रियों का वास्तविक डेटा होने से किसी भी आपातकालीन स्थिति में उन्हें सहायता प्रदान करना आसान होगा।
. प्रवेश में पारदर्शिता: आधार कार्ड से लिंक होने पर ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण दोनों प्रक्रियाएं सरल हो जाएंगी।
पंजीकरण की प्रक्रिया और तारीखें
. यात्रा की शुरुआत: 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का शुभारंभ होगा।
. ऑनलाइन पंजीकरण: 11 मार्च से पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएंगे।
. पंजीकरण का अनुपात: इस बार 60% ऑनलाइन और 40% ऑफलाइन पंजीकरण का प्रावधान रखा गया है।
. ऑफलाइन पंजीकरण: यात्रा शुरू होने से 10 दिन पहले ऑफलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी।
पिछली यात्रा से सीखे गए सबक
. 2024 की चारधाम यात्रा में 46 लाख से अधिक श्रद्धालु देश-विदेश से पहुंचे थे।
. यात्रा के शुरुआती चरण में पंजीकरण प्रक्रिया में कई दिक्कतें सामने आई थीं, जिससे यात्रियों का शेड्यूल प्रभावित हुआ था।
. बड़ी संख्या में बिना पंजीकरण पहुंचे यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।
इस बार, इन समस्याओं से बचने के लिए प्रशासन ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
आधार लिंक से मिलेंगी ये सुविधाएं
. त्वरित पंजीकरण: ऑफलाइन पंजीकरण में चेहरा स्कैन होते ही पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
. यात्रियों की पहचान: यात्रियों की सटीक पहचान और आंकड़े आसानी से उपलब्ध होंगे।
. आपात स्थिति में सहायता: किसी भी आपदा या आपातकाल में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
प्रशासन की तैयारी और रणनीति
गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय के अनुसार, पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से यह पहल की जा रही है।
. पर्यटन विभाग की वेबसाइट को UIDAI की वेबसाइट से जोड़ने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
. अनुमति मिलने के बाद इस प्रक्रिया को लागू करने में लगभग एक माह का समय लग सकता है।
यात्रियों के लिए सुझाव
. आधार कार्ड साथ लाएं: यात्रा पर निकलने से पहले आधार कार्ड अवश्य रखें।
. ऑनलाइन पंजीकरण को प्राथमिकता दें: इससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
. सभी दिशानिर्देशों का पालन करें: प्रशासन द्वारा जारी सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
चारधाम यात्रा भारतीयों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। आधार कार्ड से जुड़ी इस नई व्यवस्था के बाद यात्रियों को अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और पारदर्शी अनुभव मिलेगा। आगामी 30 अप्रैल से शुरू हो रही इस पवित्र यात्रा के लिए सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे समय पर पंजीकरण कराएं और यात्रा का सुखद अनुभव प्राप्त करें।
उत्तराखंड में सहकारिता समितियों की चुनाव प्रक्रिया को नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। प्राधिकरण की सदस्य सचिव रमिन्द्री मन्द्रवाल ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किया है।
चुनाव प्रक्रिया पर लगा विराम
गौरतलब है कि सोमवार को राज्य के कई जिलों में सहकारी समितियों के चुनाव आयोजित किए गए थे। लेकिन अब हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पूरी चुनाव प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। कोर्ट के आगामी आदेशों के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट का आदेश: पुरानी नियमावली से ही होंगे चुनाव
नैनीताल हाईकोर्ट ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सहकारिता समितियों के चुनाव पुरानी नियमावली के अनुसार ही कराए जाएं। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की और सरकार के नए संशोधनों पर आपत्ति जताई।
मामले का पूरा विवरण
. सहकारी समिति ने एकलपीठ के आदेश को विशेष अपील के माध्यम से चुनौती दी थी।
. अपील में कहा गया था कि चुनाव के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए संशोधनों को लागू किया जाए।
. हालाँकि, याचिकाकर्ताओं (भुवन पोखरिया व अन्य) ने इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए मांग की थी कि चुनाव पूर्व के नियमों के अनुसार ही कराए जाएं।
नियम संशोधन पर विवाद
याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि राज्य सरकार ने चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के बाद नियमावली में संशोधन किया, जो प्रक्रियात्मक रूप से गलत है।
. चुनाव प्रक्रिया दिसंबर से शुरू हो चुकी थी, ऐसे में संशोधन करना नियम विरुद्ध माना जा रहा है।
. सरकार ने संशोधन के जरिए सेवानिवृत्त और समिति के गैर-सदस्यों को भी मतदान का अधिकार दे दिया, जो पूर्व के नियमों का उल्लंघन है।
पूर्व के नियमों के अनुसार, केवल वही लोग चुनाव में प्रतिभाग कर सकते हैं, जो तीन वर्षों से समिति के सदस्य हैं।
सरकार की आगे की रणनीति पर नजर
अब राज्य सरकार को हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए पुरानी नियमावली के अनुसार ही चुनाव संपन्न कराने होंगे। सहकारी समितियों के चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए प्रशासन को सभी जरूरी कदम उठाने होंगे। इस निर्णय से सहकारी समितियों के सदस्यों और चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने वाले उम्मीदवारों के बीच कानूनी स्थिति स्पष्ट होगी। साथ ही, राज्य सरकार को अपने संशोधन प्रस्तावों पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। भविष्य में हाईकोर्ट के अगले आदेश और सरकार की नई रणनीति पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।
देहरादून। महाकुंभ स्नान को लेकर दूनवासियों का जोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को देहरादून से आखिरी विशेष ट्रेन पूरी तरह भरी हुई प्रयागराज के लिए रवाना हुई। जनवरी और फरवरी में इस विशेष ट्रेन के कुल छह फेरे हुए, जिनमें अब तक पांच हजार से अधिक यात्री महाकुंभ पहुंचकर आस्था की डुबकी लगा चुके हैं।
स्टेशन परिसर में आरपीएफ, जीआरपी के सुरक्षाकर्मी और टिकट चेकर चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे। यात्रियों को लाउड हेलर से निर्देशित किया गया ताकि भीड़ न जुटे और सभी यात्री सुविधा के साथ ट्रेन में चढ़ सकें।
विशेष ट्रेन के छह फेरे पूरे, रविवार को हुआ संचालन बंद
महाकुंभ मेले की शुरुआत में उत्तर रेलवे मुरादाबाद मंडल ने देहरादून से प्रयागराज के बीच छह फेरों की विशेष ट्रेन चलाई थी। 18 जनवरी को पहले फेरे में 492, 21 जनवरी को दूसरे फेरे में 478 से अधिक यात्री ट्रेन में सवार हुए।
24 जनवरी को तीसरे फेरे में 988 यात्रियों के साथ ट्रेन पैक होकर रवाना हुई। पांचवें और छठे फेरे में भी ट्रेन में जगह नहीं बची। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, रविवार से इस विशेष ट्रेन का संचालन बंद हो गया। अब ट्रेन सोमवार को प्रयागराज के फाफामऊ स्टेशन से सुबह 6:30 बजे चलकर रात 9:30 बजे दून पहुंचेगी।
यात्रियों की सुविधाओं का रखा जा रहा विशेष ध्यान
स्टेशन अधीक्षक रविंद्र कुमार ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेन की पूरी निगरानी की जा रही है। सभी यात्रियों का खास ध्यान रखा जा रहा है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
लिंक एक्सप्रेस चार घंटे देरी से पहुंची
रविवार को प्रयागराज के सुबेदारगंज स्टेशन से देहरादून आने वाली लिंक एक्सप्रेस (14113) करीब चार घंटे की देरी से पहुंची। ट्रेन सुबेदारगंज से 14 मिनट देरी से चली और फतेहपुर रेलवे स्टेशन के पास काफी देर तक खड़ी रही, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।
अल्मोड़ा। उत्तराखंड पुलिस आरक्षी (पुरुष) भर्ती प्रक्रिया आज से अल्मोड़ा और बागेश्वर में शुरू हो गई है। एसएसपी देवेंद्र पींचा ने पुलिस लाइन अल्मोड़ा में भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़े निर्देश दिए हैं।
मुख्य बिंदु:
. भर्ती प्रक्रिया की तैयारी: एसएसपी देवेंद्र पींचा ने पुलिस लाइन अल्मोड़ा मैदान का दौरा कर शारीरिक दक्षता परीक्षा की तैयारियों का जायजा लिया।
. सख्त निर्देश: उन्होंने प्रतिसार निरीक्षक पुलिस लाइन अल्मोड़ा को भर्ती प्रक्रिया को सुचारू और सफलतापूर्वक संचालित करने के निर्देश दिए।
. पारदर्शिता पर जोर: शारीरिक मानक और दक्षता परीक्षा की सभी स्पर्धाओं की वीडियोग्राफी कराई जाएगी ताकि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
. उपस्थिति: इस दौरान सीओ गोपाल दत्त जोशी, विजय विक्रम, प्रतिसार निरीक्षक दरबान सिंह मेहता सहित कई अधिकारी मौके पर मौजूद रहे।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता:
भर्ती प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या भेदभाव न हो, इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। वीडियोग्राफी के माध्यम से हर चरण को रिकॉर्ड किया जाएगा, जिससे उम्मीदवारों और जनता के बीच विश्वास बना रहे।
एसएसपी का यह कदम उत्तराखंड पुलिस की भर्ती प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
मन की बात’ में उत्तराखंड की चर्चा, पीएम मोदी ने साझा की देवभूमि की प्रेरणा..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को ‘मन की बात’ के जरिये देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में उत्तराखंड का जिक्र किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का आज 119वां संस्करण है। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने खेल, भारत की अंतरिक्ष यात्रा और महिलाओं को लेकर बात की। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों की भव्यता और सफल आयोजन की सराहना की। पीएम मोदी ने उत्तराखंड की पीठ थपथपाते हुए कहा उत्तराखंड स्ट्रांग स्पोर्टिंग फाॅर्स के रूप में उभर रहा है।
‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने उत्तराखंड के लिए क्या कहा ?
मेरे प्यारे देशवासियों, आप में से बहुत सारे लोग ऐसे होंगे, जिन्होंने उत्तराखंड में हुए राष्ट्रीय खेलों के रोमांच का आनंद उठाया होगा। देशभर के 11,000 से अधिक एथलीट ने इसमें शानदार प्रदर्शन किया। इस आयोजन ने देवभूमि के नए स्वरुप को पेश किया। उत्तराखंड अब देश में स्ट्रांग स्पोर्टिंग फोर्स के रूप में उभर रहा है। उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने भी शानदार प्रदर्शन किया। इस बार उत्तराखंड 7वें स्थान पर रहा। यही तो पाॅवर ऑफ स्पोर्ट्स है, जो इंडिविजुअल और कम्युनिटीज के साथ-साथ पूरे राज्य का कायाकल्प कर देती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा इससे जहां भावी पीढ़ियां प्रेरित होती हैं, वहीं कल्चरल एक्सीलेंस को भी बढ़ावा मिलता है। उत्तराखंड में हुए नेशनल गेम्स ने ये भी दिखाया कि कभी हार न मानने वाले जीतते जरूर है। कम्फर्ट के साथ कोई चैंपियन नहीं बनता। आज देश-भर में इन खेलों के कुछ यादगार प्रदर्शनों की खूब चर्चा है। इन खेलों में सबसे ज्यादा गोल्ड मैडल जीतने वाली सर्विस की टीम को मेरी बहुत-बहुत बधाई। राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने वाले हर खिलाड़ी की भी मैं सराहना करता हूं।
उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने किया नेशनल गेम्स में शानदार प्रदर्शन..
सीएम धामी ने कहा यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व और प्रेरणा का क्षण है। देवभूमि से विशेष लगाव रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में उत्तराखंड का जिक्र किया है। सीएम ने कहा इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया और प्रदेश का नाम रोशन किया है। सीएम ने कहा पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी डबल इंजन सरकार उत्तराखंड को खेलों का हब बनाने और खिलाड़ियों के समग्र उत्थान के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से निरंतर कार्य कर रही
रुद्रप्रयाग। पुलिस ने गुरुवार रात चेकिंग के दौरान चंडीगढ़ के दो युवकों को 10.29 ग्राम स्मैक (चिट्टा पाउडर) के साथ गिरफ्तार किया। बरामद स्मैक की अनुमानित कीमत करीब डेढ़ लाख रुपये बताई जा रही है। दोनों आरोपियों के खिलाफ कोतवाली रुद्रप्रयाग में एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटांसेस) ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें न्यायालय में पेश किया गया।
पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे के निर्देशन में जनपद के सभी थाना प्रभारियों को ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि उत्तराखंड’ अभियान के तहत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। इस अभियान के तहत प्रभारी निरीक्षक कोतवाली मनोज नेगी के नेतृत्व में की गई चेकिंग के दौरान दो व्यक्तियों के पास से 5.18 ग्राम और 5.11 ग्राम स्मैक बरामद की गई।
गिरफ्तार आरोपी:
गौरव काण्डपाल: पुत्र दयाधर कांडपाल, निवासी सेक्टर 41, मकान नम्बर 117, वर्तमान में मकान नम्बर 152, सेक्टर 122 बहलोलपुर, थाना बलोगी, मोहाली, चंडीगढ़।
करनवीर सिंह: पुत्र चरनजीत सिंह, निवासी मकान नम्बर 282/2, सेक्टर 41, शिवालिक पब्लिक स्कूल के पास, चंडीगढ़।
पुलिस टीम में कोतवाली निरीक्षक मनोज नेगी, अपर उपनिरीक्षक यशपाल सिंह, मुख्य आरक्षी भूपाल सिंह, आरक्षी विकेश कुमार एवं कुलदीप सिंह शामिल थे।
इस कार्रवाई से न केवल ड्रग्स तस्करों में खौफ का माहौल बना है, बल्कि स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना भी की है। ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि’ अभियान के तहत पुलिस का यह कदम युवाओं को नशे के चंगुल से बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।