कंगना रणौत की एरियल एक्शन थ्रिलर ‘तेजस’ पर आया अपडेट..
जुलाई या अगस्त में सिनेमाघरों दस्तक देगी फिल्म..
देश-विदेश: बॉलीवुड की बेबाक अभिनेत्रियों में शुमार कंगना रणौत अपने बयानों के चलते आए दिन सुर्खियों में बनी रहती हैं। कभी करण जौहर से उनकी कोल्ड वॉर तो कभी किसी फिल्म पर तंज, यह दोनों ही चीजें कंगना के लिए बहुत आम बात है। जहां अभिनेत्री अपनी आगामी फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर चर्चाओं में बनी हुई हैं, वहीं अब कंगना अपनी दूसरी फिल्म ‘तेजस’ को लेकर चर्चा में आ गई हैं। वजह ‘तेजस’ की रिलीज डेट है। जी हां, कंगना रणौत की फिल्म को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आ रहा है। हालांकि, अभी भी फिल्म की रिलीज की तारीख तय नहीं है पर संभावना जताई जा रही है कि ‘तेजस’ इस साल जुलाई या सितंबर में सिनेमाघरों में दस्तक देगी।
कंगना रणौत की एरियल एक्शन थ्रिलर फिल्म ‘तेजस’ को लेकर एक अपडेट सामने आया है। फिल्म की शूटिंग इस साल की शुरुआत में ही पूरी हो गई थी। तब से फिल्म की पोस्ट-प्रोडक्शन पर काम चल रहा था। पिछले काफी समय से फिल्म की रिलीज डेट को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि, अब खबर है कि मेकर्स ने ‘तेजस’ की रिलीज के लिए तारीख तलाशनी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, ‘रॉनी स्क्रूवाला को भरोसा है कि तेजस दर्शकों के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं होगी। इसकी कहानी भारतीय वायु सेना पर आधारित है। फिल्म को इस साल जुलाई से सितंबर तक रिलीज करने का प्लान बनाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार ‘तेजस के जुलाई या अगस्त में रिलीज होने की सबसे ज्यादा संभावना है। हालांकि टीम कंगना रणौत की इस फिल्म के लिए सभी बेस्ट ऑप्शन्स पर विचार कर रही है। रिलीज की तारीख की घोषणा अगले 15 से 20 दिनों में होने की उम्मीद की जा रही है।’ आपको बता दें, पहले यह फिल्म 5 अक्टूबर 2022 रिलीज होने वाली थी, लेकिन इसे आगे बढ़ा दिया गया था। इसे पीछे फिल्म के वीएफएक्स का बचा हुआ काम था।
फिल्म भारतीय वायु सेना की पहली महिला पायलट की कहानी पर आधारित है। फिल्म में कंगना जबरदस्त एक्शन दिखाती नजर आएंगी। कंगना के साथ फिल्म में अंशुल चौहान, वरुण मित्रा और पंकज त्रिपाठी भी प्रमुख भूमिकाओं में नजर आएंगे। सर्वेश मेवाड़ा द्वारा निर्देशित यह फिल्म साल 2016 में हुई ऐतिहासिक घटना की पृष्ठभूमि पर सेट की गई है।
इस दिन होगा ‘बिग बॉस ओटीटी 2’ का आगाज?
कंटेंस्टेंट की क्लास लगाएंगे भाईजान..
देश-विदेश: कॉन्ट्रोवर्सियल शो ‘बिग बॉस ओटीटी’ की बड़ी सफलता के बाद मेकर्स इसका नया सीजन ला रहे हैं। बीते दिन इसे लेकर जानकारी आई कि करण जौहर के बजाए दूसरे सीजन को बॉलीवुड के ‘दबंग’ सलमान खान होस्ट करेंगे। इस रिपोर्ट के बाद से ही फैंस का उत्साह काफी ज्यादा हाई है। इसी कड़ी में अब इसके शूटिंग से जुड़ा बड़ा अपडेट सामने आया है, जिसने इसे वापस से सुर्खियों में ला दिया है।
बता दे कि फेमस स्टार्स के साथ अपकमिंग सीजन इस बार ओटीटी प्लेटफॉर्म पर छह हफ्तों तक चलेगा। साथ ही शो के होस्ट को लेकर भी कई तरह की अटकलें लगाई जाती रही हैं। फिल्म निर्माता करण जौहर, जिन्होंने शो के पहले सीजन की मेजबानी की थी, कथित तौर पर सुपरस्टार सलमान खान ने उनकी जगह ले ली है। वैसे, सलमान खान के लिए यह शो अजनबी नहीं है, वह टीवी पर इसके कई सीजन को होस्ट कर चुके हैं।
29 मई से होगी स्ट्रीमिंग?
ताजा रिपोर्ट की मानें तो ‘टाइगर 3’ स्टार सलमान खान के साथ शो ‘बिग बॉस ओटीटी 2’ 29 मई से शुरू होने जा रहा है। हालांकि, अबतक इन रिपोर्ट्स पर आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। वहीं, इसके कंटेस्टेंट्स की बात करें तो स्टैंड-अप कॉमेडियन और ‘लॉक अप’ सीजन एक के विजेता मुनव्वर फारुकी के शो में भाग लेने की उम्मीद है। इसके अलावा शो में अर्चना गौतम के भाई को भी कास्ट किया गया है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है। प्री-प्रोडक्शन शुरू हो चुका है और फैंस औपचारिक घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
नया सीजन, नई उम्मीदें..
पहले सीजन की थीम जुड़े रहने की थी और प्रतियोगियों को गेम खेलने के लिए एक-दूसरे के साथ पेयर किया गया था। एलिमिनेशन राउंड के दौरान जोड़ियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाता था। खैर, नए सीजन में निश्चित रूप से नया गेम प्लान और रणनीति देखने को मिलेगी। विनर की बात करें तो पहले सीजन की विनर ट्रॉफी दिव्या अग्रवाल अपने घर लेकर गई थीं।
अपनी नई फिल्म में आईएफएस अधिकारी के किरदार में नजर आएंगी जान्हवी कपूर..
देश-विदेश: बॉलीवुड अभिनेत्री जान्हवी कपूर ने कई हिंदी फिल्मों में काम किया है। अब उनकी एक और नई फिल्म का एलान हो चुका है। जल्द ही वह राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुधांशु सरिया द्वारा अभिनीत ‘उलझ’ में नजर आएंगी। फिल्म के मेकर्स ने आज बुधवार को यह घोषणा की है कि जान्हवी थ्रिलर फिल्म ‘उलझ’ में अभिनय करेंगी। जंगली पिक्चर्स द्वारा निर्मित फिल्म में जान्हवी के अलावा गुलशन देवैया और रोशन मैथ्यू भी हैं।
फिल्म की स्टारकास्ट..
मेकर्स ने पोस्ट साझा करते हुए फिल्म और स्टार कास्ट की जानकारी दी है। फिल्म में राजेश तैलंग, मियांग चांग, सचिन खेडेकर, राजेंद्र गुप्ता और जितेंद्र जोशी भी अहम रोल में नजर आएंगे। यह फिल्म देशभक्ति पर आधारित होगी और इसकी शूटिंग इस महीने के आखिर में शुरू होगी। फिल्म में जान्हवी एक इंडियन फॉरेन सर्विस की ऑफिसर बनेंगी।
फिल्म पर क्या बोलीं जान्हवी..
फिल्म के बारे में बात करते हुए जान्हवी कपूर ने कहा कि जब मुझे ‘उलझ’ की स्क्रिप्ट के साथ अप्रोच किया गया तो इसने मुझे तुरंत आकर्षित कर लिया। एक एक्ट्रेस के रूप में मैं लगातार ऐसी स्क्रिप्ट्स की तलाश में रहती हूं, जो मुझे मेरे कम्फर्ट जोन से बाहर करे और कुछ अलग करने का मौका मिले।
कैसा होगा अभिनेत्री का किरदार..
फिल्म में अपने किरदार के बारे में बात करते हुए जान्हवी ने कहा कि जैसा कि फिल्म के नाम से पता चलता है कि मेरे किरदार और कहानी में बहुत सारी परतें, भावनाएं और पैरामीटर हैं, जो चुनौतीपूर्ण और रोमांचक है। सुधांशु द्वारा परिकल्पित इस नई भूमिका में दर्शक मुझे देखकर रोमांचित हैं, जिनके पास इस शैली को समझने के लिए एक नया दृष्टिकोण है। मैं इस तरह के प्रतिभाशाली सह-अभिनेताओं और जंगली पिक्चर्स जैसे डेवलपमेंट स्टूडियो के साथ पहली बार काम करने के लिए उत्सुक हूं।
द केरल स्टोरी के बॉक्स ऑफिस धमाल का असर..
नवाजुद्दीन की फिल्म की रिलीज आगे खिसकी..
देश-विदेश: तमाम विवादों के बीच फिल्म द केरल स्टोरी को दर्शकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। यही वजह है कि बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने आठ करोड़ से ओपनिंग ली। वहीं, फिल्म के पांचवे दिन के कलेक्शन में भी जबर्दस्त उछाल देखने को मिला है। माना जा रहा है कि पहले वीकएंड में यह फिल्म आसानी से 30 करोड़ का आंकड़ा पार कर लेगी। बॉक्स ऑफिस पर चल रही द केरल स्टोरी की आंधी को देखते हुए नवाजुद्दीन सिद्दकी की फिल्म ‘जोगी रा सारा रारा’ की रिजीज डेट को आगे खिसका दिया गया है। मेकर्स ने 12 मई को फिल्म को रिलीज करने से इनकार कर दिया है।
तकरार और प्यार से भरी ‘गुडबाय’ के टीवी प्रीमियर का एलान..
इस दिन और इतने बजे दस्तक देगी फिल्म..
देश-विदेश: पिछले साल सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म ‘गुडबाय’ अब सिनेमाघरों और ओटीटी के बाद टीवी पर प्रीमियर के लिए तैयार है। विकास बहल द्वारा निर्देशित इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और नीना गुप्ता जैसे कलाकार भी शामिल थे। फिल्म को लोगों का बॉक्स ऑफिस पर कुछ ज्यादा अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला था। हालांकि, अब फिल्म के टीवी प्रीमियर का एलान हो गया है। बिग बी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इसके प्रीमियर का एलान किया है।
एंड पिक्चर्स पर होगा प्रीमियर..
‘जरा सी टक्कर, मगर ढेर सारा प्यार! अच्छा, हम क्या कह सकते हैं? कुछ तार बस एक साथ बेहतर ट्यून करते हैं।’ इस संडे को आप अमिताभ बच्चन और रश्मिका मंदाना स्टारर फिल्म ‘गुडबाय’ का प्रीमियर एंड पिक्चर्स पर देखकर खास बना सकते हैं। दिल को छू लेने वाले पलों से भरी यह फिल्म आपको रुला देगी, लेकिन आपके चेहरे पर मुस्कान भी लाएगी। विकास बहल द्वारा निर्देशित यह फिल्म एक फैमिली एंटरटेनर है, जिसे घर में पूरे परिवार के साथ बैठकर देखा जा सकता है।
बिग बी ने किया एलान..
अमिताभ बच्चन ने ‘गुडबाय’ के प्रीमियर की जानकारी अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो साझा करके दी है। इस वीडियो में फिल्म के सीन नजर आ रहे हैं। बिग बी ने फिल्म के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर का एलान कर दिया है। अमिताभ ने लिखा, ‘ये गुडबाय छूटता नहीं है, रह जाता है. इस परिवार में तकरार है.. पर ढेर सारा प्यार भी है। देखिए एंड पिक्चर्स गुडबाय का प्रीमियर, इस रविवार, दोपहर 12 बजे सिर्फ एंड पिक्चर्स पर।’
रश्मिका ने किया था डेब्यू..
बता दें कि विकास बहल द्वारा लिखित और निर्देशित इस फिल्म से रश्मिका मंदाना ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था। फिल्म में बाप-बेटी के बीच पुराने रीति-रिवाजों को लेकर नोंकझोक होती दिखाई देती है। वहीं, अमिताभ बच्चन और रश्मिका मंदाना के अलावा फिल्म में सुनील ग्रोवर, पावेल गुलाटी, एली अवराम, साहिल मेहता सहित कई कलाकार मौजूद हैं।
बेंगलुरु में प्रधानमंत्री का रोड शो..
28 विधानसभा क्षेत्रों में से 19 से होकर गुजरेंगे पीएम मोदी..
देश-विदेश: कर्नाटक चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। दरअसल, 36.6 किलोमीटर के रोड शो कार्यक्रम में बदलाव करते हुए भाजपा ने उसे दो दिनों में बोट दिया है। आपको बता दे कि अब वह शनिवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक और रविवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक रोड शो करेंगे। इससे पहले इसे एक दिन में पूरा किया जाना था, लेकिन बेंगलुरु के लोगों को आने वाली परेशानियों को देखते हुए इसे बदलने का फैसला किया गया।
केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे का कहना हैं कि जनता ने कहा है कि अगर पूरे दिन रोड शो किया जाता है, तो इससे समस्या होगी। इसलिए हमने उनकी भावनाओं का सम्मान किया है। इसे दो दिनों में करने का फैसला किया है। छह और सात मई को रोड शो शहर के कुल 28 विधानसभा क्षेत्रों में से 19 से होकर गुजरेगा। कर्नाटक में 10 मई को मतदान होगा।
आठ मई को चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है और मतों की गिनती 13 मई को होगी। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शहर के दौरे के मद्देनजर शुक्रवार को यातायात प्रभावित रहेगा। बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। ओल्ड एयरपोर्ट रोड, कैंब्रिज लेआउट रोड, 100 फीट रोड, एएससी सेंटर, ट्रिनिटी सर्कल आदि पर ट्रैफिक प्रभावित होगा। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी योजना इसी हिसाब से बनाएं।
सिनेमाघरों के बाद अब ओटीटी पर धमाल मचा रही ‘दशहरा’..
देश-विदेश: साउथ इंडस्ट्री के नेचुरल स्टार कहे जाने वाले नानी और कीर्ति सुरेश की फिल्म ‘दशहरा’ सिनेमाघरों में खूब धमाल मचाया। नानी की फिल्म ‘दशहरा’ बॉक्स ऑफिस पर अपने बजट से ज्यादा की कमाई कर चुकी है। वहीं, अब फिल्म की ओटीटी रिलीज डेट का भी आधिकारिक एलान कर दिया गया है। फैंस के लिए यह किसी खुशखबरी से कम नहीं है। दरअसल, जो दर्शक फिल्म को सिनेमाघरों में नहीं देख पाए, अब वे ओटीटी पर इसका मजा ले सकते हैं। ‘दशहरा’ के डिजिटल अधिकार ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने हासिल किए हैं। नेटफ्लिक्स ने सोशल मीडिया पर ‘दशहरा’ का पोस्टर साझा करते हुए इसके रिलीज डेट की जानकारी दी है। नेटफ्लिक्स ने लिखा कि 27 अप्रैल को तेलुगू, तमिल, मलयालम और कन्नड़ भाषा में ‘दशहरा’ नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम होने के लिए तैयार है।
‘दशहरा’ तेलंगाना के करीमनगर जिले में एक कोयला खदान की पृष्ठभूमि पर आधारित है। फिल्म बदला, प्यार और महत्वाकांक्षा की कहानी बयां करती है। कहानी एक दबे-कुचले नायक धरणी के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे नानी ने निभाया है और वह नायक उन लोगों से बदला लेता है, जिन्होंने उसके दोस्त को मार डाला। फिल्म में नानी और कीर्ति सुरेश के अभिनय सराहा गया। सिर्फ दर्शक ही नहीं, बल्कि चिरंजीवी से लेकर अल्लू अर्जुन तक कई सेलेब्स ने भी ‘दशहरा’ की तारीफ की। वहीं बात करें नानी की आने वाली फिल्मों के बारे में तो नानी निर्देशक शौर्यव के निर्देशन वाली एक रोमांटिक फिल्म में नजर आएंगे, जहां वह अभिनेत्री मृणाल ठाकुर के साथ स्क्रीन साझा करेंगे। फिल्म के नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। अस्थाई रूप से इसे नानी30 के शीर्षक से पहचाना जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह इस साल दिसंबर तक रिलीज हो सकती है।
सूडान में फंसे भारतीयों की निकासी के लिए ऑपरेशन कावेरी..
देश-विदेश: अफ्रीकी देश सूडान इस वक्त भयंकर विद्रोहों का सामना कर रहा हैं। सूडान में सेना और अर्ध सैनिकों के बीच जारी संघर्ष रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं। सूडान के संघर्ष में 427 लोगों की मौत हो गई है और 3,700 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। सूडान में हमलावरों ने बायोलॉजिकल लैब पर भी कब्ज़ा कर लिया हैं। ऐसे में भारत ने सूडान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी अभियान लॉन्च कर दिया है। सुडान उत्तर पूर्वी अफ्रीका का सबसे बड़ा देश है, जिसकी कुल आबादी लगभग साढ़े चार करोड़. और सुडान की सीमाएं कुल सात देशों से लगती हैं, जिनमें Egypt, Libya, चाड और साउथ सुडान जैसे देश प्रमुख हैं। 2011 में सुडान के अलग होने के बाद भी वहां की सत्ता पर नियंत्रण के लिए सुडान बार बार जलता रहा, और इस बार भी वहां कुछ नया नहीं हो रहा है।
हालांकि, दोनों बलों ने 72 घटों का एक युद्धविराम घोषित किया है। इस बीच, भारत हिंसाग्रस्त देश से अपने लोगों की निकासी के लिए ऑपरेशन कावेरी चला रहा है। इसके तहत सूडान में फंसे ढाई सौ से अधिक भारतीय सूडान से निकाले जा चुके हैं। इसके लिए वायुसेना और नौसेना की मदद ली जा रही है। विदेश मंत्रालय के अनुसार भारतीय वायुसेना के दो ट्रांसपोर्ट विमान C-130J सऊदी अरब के जेद्दाह में स्टैंडबाय पर हैं
ऑपरेशन कावेरी क्या है?
सूडान में करीब 10 दिन से चल रहे संघर्ष के बीच दोनों पक्ष संघर्ष विराम को सहमत हुए। 72 घंटे का ये संघर्ष विराम 24 अप्रैल की आधी रात से शुरू हुआ। इस बीच, भारत ने अपने लोगों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि ऑपरेशन कावेरी के तहत C-130 की दो फ्लाइट क्रमशः 121 और 135 यात्रियों को लेकर सऊदी अरब में जेद्दाह में लैंड की हैं। ये लोग जल्द ही भारत पहुंचेंगे। इससे पहले, ये लोग पोर्ट सूडान से जेद्दा के लिए आईएनएस सुमेधा से पहुंचाए गए थे।
हिंसाग्रस्त देश से भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन का नाम ‘कावेरी’ रखा गया है। कोच्चि में सोमवार को युवम कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘सूडान में गृहयुद्ध की वजह से हमारे कई लोग वहां फंस गए हैं। इसलिए हमने उन्हें सुरक्षित लाने के लिए ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया है। इसकी देखरेख केरल के बेटे और हमारी सरकार के मंत्री मुरलीधरन कर रहे हैं।’
कावेरी दक्षिण भारत की एक प्रमुख नदी है जो मुख्यतः तमिलनाडु और कर्नाटक में बहती है। केंद्र द्वारा इस ऑपरेशन के नामकरण पर एक सूत्र ने कहा, ‘नदियां बाधाओं के बावजूद अपने गंतव्य तक पहुंचती हैं। यह एक मां की तरह है जो यह सुनिश्चित करेगी कि वह अपने बच्चों को सुरक्षित वापस लाएगी।’ इससे पहले, यूक्रेन में भी फंसे लोगों को निकालने के लिए चलाए गए अभियान का नाम पवित्र नदी ‘गंगा’ के नाम पर रखा गया था।
भारत ने कब-कब संकट के बीच अभियान चलाए हैं?
1. ऑपरेशन गंगा (2022): पिछले साल 24 फरवरी को रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद, भारत ने ‘ऑपरेशन गंगा’ शुरू किया था। इसके तहत एक हजार से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया था। भारतीय वायु सेना के सी-17 विमानों को भेजकर और दूतावास के कर्मियों को कीव के ट्रेन टर्मिनलों पर भेजकर लोगों को निकाला था।
2. ऑपरेशन देवी शक्ति (2021): भारत ने 2021 में ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ के तहत अफगानिस्तान से सैकड़ों भारतीयों को निकाला था। यह अभियान अफगानिस्तान में 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद चलाया गया था, जहां सैकड़ों भारतीय फंसे रह गए थे।
3. ऑपरेशन वंदे भारत (2021): भारत ने ‘वंदे भारत मिशन’ की शुरुआत उन भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी के लिए की, दुनियाभर में कोरोना महामारी शुरू होने के बाद विदेश में फंसे हुए थे। 30 अप्रैल 2021 तक, ऑपरेशन के विभिन्न चरणों के माध्यम से लगभग 60 लाख भारतीयों को वापस लाया गया।
4. ऑपरेशन समुद्र सेतु (2020): कोरोना महामारी के दौरान विदेश में रह रहे भारतीयों को देश लाने के लिए 5 मई 2020 को एक नौसैनिक अभियान ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ शुरू किया गया था। 3,992 भारतीय नागरिकों को समुद्र के रास्ते देश वापस लाया गया। 55 दिनों से अधिक समय तक चले मिशन में भारतीय नौसेना के जहाजों ने 23,000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की थी।
5. ऑपरेशन मैत्री (2015): भारत ने 2015 के नेपाल भूकंप के बाद ‘ऑपरेशन मैत्री’ शुरू कर दिया था। सैन्य और निजी विमानों का उपयोग करके सेना-वायु सेना के एक संयुक्त अभियान के तहत 5,000 से अधिक भारतीयों को नेपाल से देश लाया गया था। इस दौरान, भारतीय सेना ने अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और जर्मनी से 170 विदेशी नागरिकों को भी सुरक्षित बाहर निकाला था।
6. ऑपरेशन राहत (2015): 2015 में यमन में गृह युद्ध शुरू हो गया था। बाद में सऊदी अरब के नो-फ्लाई जोन घोषणा की वजह से हजारों भारतीय फंस गए और यमन की विमानन यात्रा भी रुक गई। भारत ने शुरू में समुद्र के रास्ते अपने नागरिकों को निकालने का विकल्प चुना। अगले कुछ हफ्तों में, भारत ने यमन में फंसे 4,640 भारतीयों के अलावा 41 से अधिक देशों से 960 विदेशी नागरिकों को बचाया।
7. ऑपरेशन सेफ होमकमिंग (2011): भारत ने युद्धग्रस्त लीबिया में फंसे अपने नागरिकों को बचाने के लिए 2011 में ‘ऑपरेशन होमकमिंग’ शुरू किया था। इसके तहत लीबिया से 15,400 भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी कराई गई थी।
8. ऑपरेशन सुकून (2006): जुलाई 2006 में, इस्राइल और लेबनान के बीच युद्ध छिड़ने के बाद, भारत सरकार ने अपने फंसे हुए नागरिकों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन सुकून’ लॉन्च किया। नौसैनिक बचाव अभियान में जुलाई-अगस्त 2006 के बीच 2,280 व्यक्तियों को निकाला गया था। इनमें कुछ नेपाली और श्रीलंकाई नागरिक भी शामिल थे।
जानिए मनरेगा योजना के लिए बजट घटाने के आरोप कितने सही..
देश-विदेश: केंद्र सरकार ने 2005 में जब मनरेगा योजना की शुरुआत की थी, यह असंगठित श्रमिकों के बीच बहुत लोकप्रिय हुई थी। अपने घर के आसपास काम के अवसर पाने के कारण श्रमिकों में इसे लेकर बहुत उत्साह देखा गया। आरोप यहां तक हैं कि शहरों और पंजाब जैसे राज्यों में काम करने के लिए श्रमिकों की कमी होने लगी, क्योंकि श्रमिकों ने अपने घरों के आसपास अपेक्षाकृत कम पारिश्रमिक में भी काम करने को ज्यादा बेहतर समझा।
लेकिन समय के साथ परिस्थितियां बदल रही हैं और एक बार फिर रोजगार की तलाश में श्रमिक शहरों की ओर रुख करने लगे हैं। संभवतः यही कारण है कि मनरेगा योजना के अंतर्गत आवेदन करने वाले श्रमिकों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है।
राष्ट्रीय स्तर पर मनरेगा योजना के अंतर्गत रजिस्टर्ड श्रमिकों में से केवल आधे श्रमिक ही सक्रिय रह गए हैं। कई राज्य आवंटित धनराशि का उपयोग तक नहीं कर पा रहे हैं। इसके कारण सरकार ने इसके लिए आवंटित धनराशि को कम कर दिया। आरोप है कि मनरेगा योजना के कम लोकप्रिय होने के पीछे मुख्य वजह इसके फंड का सही तरीके से अमल में न लाया भी है। श्रमिकों की शिकायत है कि 15 दिन में पारिश्रमिक मिल जाने के बाद भी उन्हें समय से पारिश्रमिक नहीं मिल रहा है।
श्रमिकों की कितनी संख्या सक्रिय..
द महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट 2005 की आधिकारिक वेबसाइट पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 27.74 करोड़ श्रमिकों ने इस योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराया है। लेकिन इस समय केवल 14.26 करोड़ श्रमिक ही सक्रिय हैं। यह कुल श्रमिकों की लगभग आधी संख्या है। राज्यों के स्तर पर भी लगभग यही अनुपात देखने को मिलता है। उत्तर प्रदेश में कुल 2.87 करोड़ रजिस्टर्ड श्रमिकों में 1.50 करोड़ सक्रिय हैं, तो पश्चिम बंगाल के 2.61 करोड़ श्रमिकों में 1.39 करोड़ श्रमिक सक्रिय हैं।
बिहार, मध्यप्रदेश और राजस्थान भी मनरेगा के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराने वाले श्रमिकों के मामले में सबसे आगे हैं, लेकिन इन राज्यों में भी सक्रिय श्रमिकों की संख्या लगभग आधी ही है। चूंकि, जब श्रमिकों के पास बाजार में अन्यत्र काम उपलब्ध नहीं होता है, तब वे इसके अंतर्गत कार्य करने के लिए आवेदन करते हैं, सक्रिय श्रमिकों की संख्या घटती-बढ़ती रहती है।
श्रमिकों का प्रदर्शन
असंगठित कामगार कर्मचारी कांग्रेस (KKC) के नेशनल कोऑर्डिनेटर प्रबल प्रताप शाही का कहना हैं कि देश भर से आए हजारों मनरेगा श्रमिकों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर 25 अप्रैल को प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता कम कर रही है। श्रमिकों को केवल 25-30 दिन का औसतन काम दिया जा रहा है। उनका आरोप है कि सरकार इस योजना को धीरे-धीरे बंद करना चाहती है।
प्रबल प्रताप शाही ने कहा कि मनरेगा योजना कोरोना काल में श्रमिकों के लिए वरदान की तरह साबित हुई। शहरों से घरों को लौटे श्रमिकों ने इसके माध्यम से धन कमाया और अपना परिवार चलाने में सफलता पाई। 2020-21 की महामारी के दौरान इस योजना के लिए 1,11,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। वर्ष 2021-22 के लिए 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे और यह 20-21 के संशोधित अनुमान 1,11,500 करोड़ रुपये से 34.5 फीसदी कम था। अनुमान है कि इस योजना से करीब 15 करोड़ परिवार जुड़े हुए हैं। आरोप है कि फंड की भारी कटौती के कारण इन परिवारों को 100 दिन का अधिकार नहीं मिल पा रहा है। मौजूदा बजट पूरे साल में औसतन 26 दिन का ही काम दे सकता है।
मनरेगा श्रमिकों की तीन मांगें..
1- मनरेगा श्रमिकों का दैनिक पारिश्रमिक बढ़ाकर 450 रुपये प्रतिदिन किया जाए।
2- मनरेगा श्रमिकों को वर्ष भर में 100 दिन के स्थान पर 150 दिन न्यूनतम कार्य करने की अनुमति दी जाए।
3- मनरेगा योजना के अंतर्गत केंद्र द्वारा स्वीकृत धनराशि 60 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर तीन लाख करोड़ किया जाए।
सहायता कम नहीं हुई- भाजपा
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि सच्चाई यह है कि पिछले वर्ष के बजट अनुमान की तुलना में सरकार ने इस योजना के लिए ज्यादा धन आवंटित किया है। कोविड काल में इस योजना के लिए अतिरिक्त 34 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। चूंकि, यह एक आपातकालीन सहायता थी, कोरोना काल के बाद इसे बंद कर दिया गया। लेकिन यह कहना सही नहीं है कि इस योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता कम की गई।
केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना का लाभ लेने के लिए श्रमिकों के लिए बायोमेट्रिक पहचान अनिवार्य कर दिया है। श्रमिकों का पैसा सीधे उनके खातों में डालने की सुविधा दी गई है। इससे फर्जी श्रमिकों की संख्या में तेजी से कमी आई है। फर्जीवाड़ा कर श्रमिकों के नाम पर पैसा लेने वाले अनेक लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की गई है और कई लोगों को जेल जाना पड़ा है। इससे भी श्रमिकों की कुल दिखने वाली संख्या में कमी आई है, जबकि इसका लाभ असली और इसके हकदार श्रमिकों को मिल रहा है।
कपाट खुलते ही केदारनाथ धाम पहुंचे सीएम धामी..
बाबा केदार से मांगा प्रदेश की सुख समृद्धि का आशीर्वाद..
उत्तराखंड: केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के मौके पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी बाबा के द्वार पर शीश नवाया। सीएम धामी को सुबह कपाट खुलने के समय बाबा केदार के धाम पहुंचना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण वे धाम नहीं पहुंच पाए। इसके बाद मौसम ठीक होते ही सीएम केदारनाथ मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की। साथ ही प्रदेश की सुख समृद्धि का आशीर्वाद बाबा केदार से मांगा।
तीर्थयात्रियों को मिलेंगी सारी सुविधाएं..
सीएम धामी का कहना हैं कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की मंगलमय यात्रा के लिए प्रदेश सरकार की ओर से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। सभी श्रद्धालुओं को सुगमता के साथ देव दर्शन की सुविधा मिले। इसकी भी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उन्होंने भगवान केदारनाथ से सभी की मनोकामना पूर्ण करने की भी प्रार्थना की है। सीएम ने कहा कि इस बार चारधाम यात्रा में गत वर्ष की अपेक्षा अधिक श्रद्धालु प्रदेश में आकर चारों धामों के दर्शन कर पुण्य के भागी बनेंगे।