टीसी विवाद हो या पेयजल संकट, डीएम ने हर मामले में दिखाई संवेदनशीलता और प्रभावी निर्णय
देहरादून। जिला प्रशासन देहरादून जनमानस की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में बीते 10 महीनों में प्रशासन की सक्रियता और जनता के प्रति संवेदनशीलता ने लोगों का विश्वास और भी मजबूत किया है। हर कार्यदिवस पर डीएम स्वयं 40 से अधिक फरियादियों की समस्याएं सुनते हैं और उनके समाधान की व्यक्तिगत मॉनिटरिंग करते हैं।
निजी स्कूल द्वारा टीसी न देने पर तत्काल कार्रवाई
हाल ही में एक महिला अंशू सारस्वत अपने पुत्र की ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) न मिलने की शिकायत लेकर जिलाधिकारी के पास पहुंची। महिला का बेटा विगत तीन वर्षों से वंडर ईयर एकेडमी में पढ़ रहा था और अब उसने दूसरे स्कूल में दाखिला लिया है। स्कूल प्रबंधन टीसी देने से इनकार कर रहा था। जिलाधिकारी सविन बंसल ने मामले की गंभीरता को समझते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी को तत्काल निर्देश दिए और व्हाट्सएप के माध्यम से आवेदन साझा किया। डीएम के स्पष्ट निर्देशों के बाद उसी दिन स्कूल ने टीसी जारी कर दी।
बुजुर्ग महिला की पेयजल समस्या पर भी मिली तत्काल राहत
गांधी रोड की बुजुर्ग महिला जोगिंदर कौर ने डीएम को बताया कि उनके घर में पिछले चार से पांच महीनों से पानी नहीं आ रहा है, जिससे उन्हें होटल से पानी भरने को मजबूर होना पड़ता है। शिकायत पर जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिकारी एवं जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता से तत्काल एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की। उसी दिन महिला की गली में टैंकर के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया गया। जांच में पाया गया कि एक कनेक्शन से तीन परिवारों को पानी सप्लाई हो रही थी, जिससे समस्या उत्पन्न हो रही थी। जल संस्थान द्वारा आश्वासन दिया गया कि अलग-अलग कनेक्शन के लिए पूरा सहयोग किया जाएगा।
प्रशासनिक सख्ती से बढ़ रहा जनता का भरोसा
इन त्वरित निर्णयों ने यह सिद्ध किया है कि जिला प्रशासन जनता की समस्याओं को लेकर बेहद गंभीर और संवेदनशील है। निजी संस्थानों पर सख्ती, जनता के प्रति जवाबदेही और हर शिकायत का त्वरित समाधान – यह साबित करता है कि जिला प्रशासन जनहित के प्रति पूर्णतः समर्पित है।
लोक गायक प्रीतम भरतवाण की सांस्कृतिक प्रस्तुति को बताया जागरूकता का माध्यम
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आई आर डी टी ऑडिटोरियम देहरादून में हिमालयन हेरिटेज सोसाइटी द्वारा आयोजित भगवती सुरकंडा मां दिव्य जागर विमोचन समारोह में शामिल हुए| मुख्यमंत्री ने जागर गायक प्रीतम भरतवाण के सुरकंडा देवी पर जागर का विमोचन किया ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जागरो के माध्यम से हमारे पूर्वजों ने प्रकृति, पर्वत, नदियों और देवशक्तियों के साथ संवाद स्थापित किया। हमारी ये जागर परंपरा वेद मंत्रों जितनी ही गूढ़ है, जिसे केवल गाया ही नहीं जाता बल्कि अनुभव भी किया जाता है। जागर में शब्द नहीं बल्कि शक्ति होती है, प्रत्येक बोल, प्रत्येक ताल और ढोल की थाप में एक आध्यात्मिक शक्ति होती है, जो देवत्व को आमंत्रित करती है। इसलिए इस प्रकार के प्रयासों को प्रोत्साहन देना हम सभी का कर्तव्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण हेतु निरंतर प्रयास कर रही है ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मां सुरकंडा देवी, हमारी लोक आस्था, संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक हैं, उनके इतिहास, महिमा और गौरवशाली कथा को चलचित्रों के माध्यम से जीवंत रूप देने का जो अद्भुत कार्य हमारे प्रदेश के महान लोक गायक पद्म श्री प्रीतम भरतवाण ने किया है, वह अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रीतम भरतवाण का यह प्रयास न केवल मां सुरकंडा की महिमा को जन-जन तक पहुंचाएगा, बल्कि हमारी नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने में भी अहम भूमिका निभाएगा। 52 शक्तिपीठों में से एक मां सुरकंडा देवी का मंदिर लोगों की श्रद्धा और शक्ति का केंद्र है। सदियों से यहां पर लोकगाथाएं गाई जाती रही हैं, जागर गाए जाते रहे हैं।आज, जब इस अमूल्य धरोहर को संगीत, चलचित्र, और सांस्कृतिक शिल्प के माध्यम से संजोया गया है, तो यह प्रयास अत्यंत ही सराहनीय है।
मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि राज्य के लोग हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहें और उत्तराखंड की लोक पंरपराओं को जन-जन तक पहुंचाने में अपना योगदान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराएं और विरासत हमारी आत्मा का हिस्सा हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज पूरे भारत में ’’विकास भी और विरासत भी’’ के उद्घोष के साथ जहां एक ओर अभूतपूर्व विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन एवं सहयोग से हमारी राज्य सरकार भी प्रदेश के विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए भी निरंतर प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम एवं श्री बद्रीनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों के साथ ही मानसखंड के पौराणिक मंदिरों’ के पुनरुत्थान एवं सौंदर्यीकरण हेतु करोड़ों की लागत से परियोजनाएँ संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही हम हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर के निर्माण पर भी तेजी से कार्य कर रहे हैं। पहले मां सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए पैदल चलना पड़ता था, लेकिन हमारी सरकार ने ही मंदिर तक रोपवे का संचालन प्रारंभ करवाया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, जागर गायक प्रीतम भारतवाण सहित बड़ी संख्या में दर्शक मौजूद रहे |
धार्मिक वेश में ठगी करने वालों के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई
देहरादून। जनपद देहरादून में आम लोगों को धार्मिक विश्वास के नाम पर ठगने वाले ढोंगी बाबाओं के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अजय सिंह के नेतृत्व में चल रहे “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत शनिवार को विभिन्न थाना क्षेत्रों में छापेमारी कर 23 ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया।
ये सभी आरोपी साधु-संतों के भेष में भोले-भाले लोगों को बहला-फुसलाकर धोखाधड़ी की कोशिश कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से 10 लोग उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे अन्य राज्यों से ताल्लुक रखते हैं, जबकि बाकी देहरादून और आसपास के क्षेत्रों के रहने वाले हैं।
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम-पते:
सरदारों पुत्र सुखलाल (देहरादून, 58 वर्ष)
लखनपाल सिंह पुत्र सतनाम सिंह (देहरादून, 38 वर्ष)
शिव कुमार पुत्र बेचन लाल (देहरादून, 49 वर्ष)
मनोज कुमार जोशी पुत्र शिवकुमार (बिजनौर, यूपी, 44 वर्ष)
गुरदास सिंह पुत्र किशोरी सिंह (देहरादून, 61 वर्ष)
माताफेर गोस्वामी पुत्र रामचंद्र (देहरादून, 64 वर्ष)
सोहन सिंह पुत्र सतनाम सिंह (देहरादून, 45 वर्ष)
अभिलाख सिंह पुत्र बानजीत सिंह (हरिद्वार, 59 वर्ष)
महेंद्र पुत्र कालू (बिजनौर, यूपी, 30 वर्ष)
वेदप्रकाश पुत्र कोमल सिंह (हाथरस, यूपी, 42 वर्ष)
मोहन गिरि पुत्र नत्थु सिंह (बिजनौर, यूपी, 58 वर्ष)
संतोष कुमार पुत्र सोबरन सिंह (मैनपुरी, यूपी)
सुल्तान नाथ पुत्र जोगिंदर नाथ (देहरादून)
मगन पंडित पुत्र ज्योतिष पंडित (कोलकाता, बंगाल) हरिप्रसाद पुत्र महाप्रसाद (ऋषिकेश, देहरादून)
राजेंद्र कुमार पुत्र प्रगीलाल (लक्सर, हरिद्वार)
रघुनाथ साहनी पुत्र रामप्रसाद (दरभंगा, बिहार)
अनिल थापा पुत्र वीर बहादुर थापा (देहरादून)
गुलाब चंद्र विश्वास पुत्र ओ.बी. नाथ (कोलकाता, बंगाल)
गुलशन नाथ पुत्र फूलनाथ (सिरसा, हरियाणा, 31 वर्ष)
संदीप नाथ पुत्र महावीर (सिरसा, हरियाणा, 22 वर्ष)
पामती नाथ पुत्र जागर नाथ (देहरादून, 42 वर्ष)
बल्लू पुत्र टिपरनाथ (देहरादून, 22 वर्ष)
पुलिस ने बताया कि इन बाबाओं की गतिविधियों पर खुफिया निगरानी लंबे समय से की जा रही थी। स्थानीय लोगों से भी कई बार इनकी शिकायतें मिल रही थीं। आखिरकार पुलिस ने योजना बनाकर इन पर शिकंजा कस दिया।
एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि ऑपरेशन कालनेमि आगे भी जारी रहेगा और धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग कर समाज को गुमराह करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। गिरफ्तार सभी आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
बार एसोसिएशन ने जारी की सख्त चेतावनी
देहरादून। देहरादून जिला न्यायालय परिसर में अब वकील की वेशभूषा में कोई भी अनधिकृत व्यक्ति दिखाई दिया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बार एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि जो व्यक्ति वकील नहीं हैं लेकिन उनकी ड्रेस पहनकर परिसर में सक्रिय रहते हैं, उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी।
देहरादून बार एसोसिएशन ने अधिवक्ता की वेशभूषा के दुरुपयोग पर कड़ा रुख अपनाया है। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि कोर्ट परिसर या अधिवक्ताओं के चैंबर ब्लॉक में सिर्फ अधिकृत अधिवक्ता ही काली पैंट और सफेद शर्ट या कोट पहन सकते हैं। अगर कोई दलाल, मुंशी या वकालत के छात्र (इंटर्न) अधिवक्ता की ड्रेस में नजर आते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई तय है।
बार के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल और सचिव राजबीर सिंह बिष्ट द्वारा जारी विशेष सूचना में कहा गया है कि कुछ लोग खुद को अधिवक्ता बताकर न्यायालय परिसर में सक्रिय हैं। वे अधिवक्ता की वेशभूषा में न्यायालय की कार्यवाही में भी शामिल हो रहे हैं, जिससे न्यायिक मर्यादा प्रभावित हो रही है। ऐसे सभी लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
इसके साथ ही, मुंशी और इंटर्न के लिए भी बार एसोसिएशन ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अधिवक्ताओं से अपील की गई है कि उनके यहां कार्यरत मुंशी का पहचान पत्र बार एसोसिएशन से बनवाना अनिवार्य होगा।
इंटर्न्स के लिए सख्त निर्देश:
अब लॉ इंटर्न को कोर्ट परिसर में अपने कॉलेज की ड्रेस में आना होगा, जिसमें कॉलेज का मोनोग्राम और पहचान पत्र अनिवार्य होगा। यदि कोई इंटर्न इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और संबंधित कॉलेज को सूचित किया जाएगा।
अब तक दो लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगाए गए
देहरादून। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने प्रदेश में स्मार्ट ऊर्जा प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। अब तक दो लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के घरों और प्रतिष्ठानों में लगाए जा चुके हैं। निगम ने रोजाना 4000 स्मार्ट मीटर इंस्टॉल करने का लक्ष्य तय किया है।
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि यह काम केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत हो रहा है, जिसका उद्देश्य ऊर्जा वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी, भरोसेमंद और कुशल बनाना है। स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को न सिर्फ अपनी बिजली खपत की सटीक जानकारी मिल पाएगी, बल्कि बिलिंग में भी पारदर्शिता आएगी।
इस पहल के तहत उपभोक्ताओं को रियल टाइम मॉनिटरिंग, रिमोट कनेक्शन और डिसकनेक्शन जैसी आधुनिक सुविधाएं भी मिलेंगी। शहरी से लेकर दूरदराज के ग्रामीण इलाकों तक सभी उपभोक्ताओं को इस योजना से जोड़ा जाएगा।
कोरोनेशन, तिब्बती मार्केट और परेड ग्राउंड में तैयार पार्किंग जल्द होगी जनता को समर्पित
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “आधुनिक उत्तराखंड” के विजन को साकार करने की दिशा में देहरादून जिला प्रशासन ने एक अहम कदम उठाया है। शहर में यातायात दबाव को कम करने और पार्किंग की समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से तीन स्थानों—कोरोनेशन अस्पताल, तिब्बती मार्केट और परेड ग्राउंड—पर ऑटोमेटिक मैकेनिकल पार्किंग सुविधाएं विकसित की गई हैं। इनका जल्द ही मुख्यमंत्री धामी लोकार्पण करेंगे।
कोरोनेशन अस्पताल में यह अत्याधुनिक पार्किंग सुविधा पूर्व-प्रचालन में लाई जा चुकी है। अस्पताल स्टाफ के वाहन अब स्वचालित रूप से पार्क किए जा रहे हैं, जिससे मरीजों और तीमारदारों के लिए भू-स्तरीय अधिक स्थान उपलब्ध हो रहा है।
इन पार्किंग स्थलों की विशेष बात यह है कि कम स्थान में अधिक क्षमता होने के साथ ही इन्हें आवश्यकता अनुसार अन्य स्थानों पर भी शिफ्ट किया जा सकता है।
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कोरोनेशन अस्पताल: 18 वाहन
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तिब्बती मार्केट: 132 वाहन
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परेड ग्राउंड: 96 वाहन
सभी पार्किंग में टेस्टिंग और ट्रायल कमीशनिंग प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है और इन्हें जल्द जनता के लिए खोला जाएगा। यह पहल देहरादून जैसे घनी आबादी वाले शहरों के लिए ट्रैफिक प्रबंधन का प्रभावी समाधान मानी जा रही है।
सुरक्षा और संचालन पर विशेष ध्यान
जिलाधिकारी सविन बंसल की अगुवाई में पार्किंग संचालन के लिए दो कुशल तकनीकी ऑपरेटर तैनात किए गए हैं। साथ ही, वाहनों को किसी भी प्रकार की क्षति की स्थिति में बीमा कवर सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
डीएम बंसल ने बताया कि यह योजना न केवल एक सफल प्रयोग है, बल्कि भविष्य में अन्य शहरी क्षेत्रों में भी ऐसी ही मल्टी-लेवल स्वचालित पार्किंग सुविधाओं के निर्माण की संभावना तलाशी जा रही है।
मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप यह पहल न केवल शहर की पार्किंग व्यवस्था को स्मार्ट बनाएगी, बल्कि नागरिकों को बेहतर यातायात अनुभव भी प्रदान करेगी।
स्वास्थ्य विभाग का सख्त निर्देश – बिना वैध पंजीकरण कोई भी डॉक्टर नहीं कर सकेगा इलाज
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में चिकित्सा सेवा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और आम जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब प्रदेश के किसी भी चिकित्सक, चाहे वह सरकारी सेवा में हो या निजी क्षेत्र में कार्यरत बिना पंजीकरण या नवीनीकरण के प्रैक्टिस नहीं कर सकेगा। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस संबंध में एक सख्त आदेश जारी किया है। सभी जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में कार्यरत सभी डॉक्टरों की सूची तैयार करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी बिना पंजीकरण प्रैक्टिस न कर रहा हो। जिन डॉक्टरों ने अब तक नवीनीकरण नहीं कराया है उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह कदम नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट 2019 {पूर्ववर्ती इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956} के प्रावधानों के अंतर्गत उठाया गया है। यह अधिनियम देशभर में चिकित्सा सेवा को नियंत्रित करता है और इसके तहत केवल वैध रूप से पंजीकृत चिकित्सक ही प्रैक्टिस कर सकते हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि कई चिकित्सक वर्षों से बिना पंजीकरण प्रैक्टिस कर रहे हैं, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता पर प्रश्नचिह्न लग रहे थे। साफ कर दिया है कि किसी भी स्थिति में बिना वैध पंजीकरण प्रैक्टिस नहीं चलने दी जाएगी।
जनता के विश्वास को भी मज़बूत करेगा
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया राज्य में ऐसी कई शिकायतें मिली थीं कि कुछ लोग डॉक्टर के नाम पर सेवा दे रहे हैं, जबकि उनके पास वैध डिग्री या पंजीकरण नहीं है। यह आदेश न केवल ऐसे लोगों पर रोक लगाएगा बल्कि जनता के विश्वास को भी मज़बूत करेगा।
पंजीकरण प्रक्रिया होगी सरल और तेज़
राज्य में बिना पंजीकरण प्रैक्टिस कर रहे हैं डॉक्टर या नवीनीकरण नहीं कराया है। अब सभी को कार्रवाई के दायरे में लाया जाएगा। चिकित्सा परिषद को डॉक्टरों की अद्यतन सूची जनपदों को भेजने और बिना पंजीकरण प्रैक्टिस करने वालों की सूची सार्वजनिक करने के निर्देश दिए गए हैं। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को भी सरल और ऑनलाइन बनाया जा रहा है।
जनस्वास्थ्य और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यह निर्णय औपचारिकता नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य की सुरक्षा और सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का प्रयास है। शासन की मंशा है कि कोई भी मरीज बिना पंजीकरण प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर से इलाज न कराए।
निर्देशों का पालन न करने पर होगी कार्रवाई
सीएमओ को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे डॉक्टरों की प्रमाणपत्रों की जांच कर सुनिश्चित करें कि कोई भी बिना पंजीकरण प्रैक्टिस न कर रहा हो। निर्देशों की अवहेलना पर संबंधित डॉक्टरों को सेवा से पृथक करने या नोटिस जारी करने को कहा गया है। जनपदवार प्रगति रिपोर्ट साप्ताहिक रूप से शासन को भेजी जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा राज्य में मरीजों को केवल पंजीकृत और प्रमाणित चिकित्सकों से इलाज मिलेगा। चिकित्सा परिषद की भूमिका और डॉक्टरों की जिम्मेदारी दोनों ही अब और अहम होंगी।
गुजरात दौरे में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने की घोषणा, युवाओं को मिलेगा सहकारी प्रबंधन में प्रशिक्षण
देहरादून/अहमदाबाद। गुजरात दौरे के दौरान राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड में देश के पहले सहकारी विश्वविद्यालय का कैम्पस खोला जायेगा। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सहकारी बैंक व गुजरात राज्य सहकारी बैंक (GSCB) कर्मचारियों के प्रशिक्षण और नवाचार के क्षेत्र में एक अनुबंध करेंगे।
गांधीनगर सर्किट हाउस में डॉ. रावत ने गुजरात के सहकारिता मंत्री जगदीश विश्वकर्मा और सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। जिसमें डिजिटल बैंकिंग, ऋण वितरण, और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) की वसूली के प्रभावी तंत्र पर चर्चा की गई।
डॉ. रावत ने गुजरात के सहकारी मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि इसे उत्तराखंड में लागू कर किसानों, महिलाओं और युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त किया जाएगा। उन्होंने GSCB की डिजिटल बैंकिंग प्रणाली और NPA वसूली के कुशल तंत्र की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, “त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय, जो आनंद में इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट (IRMA) के कैंपस में स्थापित हो रहा है, सहकारी क्षेत्र में शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान को बढ़ावा देगा। उत्तराखंड में भी इसका एक कैंपस स्थापित किया जायेगा, ताकि हमारे युवाओं को सहकारी प्रबंधन और तकनीकी कौशल मिल सके।
उन्होंने बताया कि त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय, जिसका नाम अमूल के संस्थापक त्रिभुवन दास पटेल के नाम पर रखा गया है, सहकारी क्षेत्र में डिग्री, डिप्लोमा और पीएचडी पाठ्यक्रम प्रदान करेगा। यह देश भर में सहकारी प्रशिक्षण संस्थानों का एक नेटवर्क बनाएगा। यह पहल उत्तराखंड के सहकारी क्षेत्र को मजबूती प्रदान कर ग्रामीण विकास और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगी।
“इसके अतिरिक्त बैठक में, उत्तराखंड के सहकारी बैंक GSCB के साथ मिलकर सहकारी बैंकों के कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने पर सहमति बनी। इन कार्यक्रमों में डिजिटल प्रौद्योगिकी, वित्तीय प्रबंधन, ग्राहक सेवा और ग्रामीण आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
डॉ. रावत ने गुजरात मॉडल के अनुरूप उत्तराखंड में NPA वसूली को तेज करने और एक संरचित कार्ययोजना लागू करने की बात कही।
बैठक में उत्तराखंड सहकारिता विभाग के सचिव सहकारिता डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, सचिव सहकारिता गुजरात सरकार संदीप कुमार, निबंधक सहकारी समितियां गुजरात एम पांडे, निबंधक सहकारी समितियां उत्तराखंड मेहरबान सिंह बिष्ट, प्रबंध निदेशक उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक प्रदीप मेहरोत्रा, संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल, मंगला प्रसाद त्रिपाठी, गुजरात स्टेट कॉपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक एवं अमूल डेयरी के प्रबंध निदेशक एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
एक ही दिन पूरे प्रदेश में रोपे जाएंगे 05 लाख पौधे
“हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ की थीम पर मनेगा हरेला पर्व
प्रधानमंत्री के एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत भी रोपे जाएंगे पौधे
देहरादून। इस वर्ष हरेला पर्व पर उत्तराखंड पौधरोपण पर रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। इस दिन पूरे प्रदेश में एक ही दिन में 05 लाख से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। जिसमें से गढ़वाल मंडल में 03 लाख और कुमाऊं मंडल में 02 लाख पौधे रोपण का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए शासन स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस बार हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ और एक पेड़-माँ के नाम की थीम पर यह पौधरोपण आयोजित किया जाएगा। पूरे माह इस पर्व के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
इस पौधरोपण अभियान की सफलता में ग्रामीणों से लेकर स्कूली छात्र और विभिन्न विभागों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुंधाशु की ओर से सभी जिलाधिकारियों को पत्र भी लिखा गया है। उत्तराखंड में हर साल जुलाई माह में हरेला पर्व का आयोजन किया जाता है। इस बार 16 जुलाई को यह पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व प्रकृति को समर्पित है। ऐसे में इस पर्व पर आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को संपूर्ण प्रदेश में वृहद स्तर पर पौधरोपण आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत संपूर्ण प्रदेश में पांच लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य रखा गया है।
इससे पहले जुलाई 2016 में प्रदेश में एक ही दिन में करीब 2 लाख पौधे रोपे गए थे। ऐसे में इस बार यह रिकॉर्ड टूटने जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड प्रकृति के बेहद करीब है। ऐसे में यह हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि पर्यावरण का संरक्षण करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हरेला पर्व के साथ ही एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत संपूर्ण प्रदेश में वृहद स्तर पर यह पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत सार्वजनिक स्थानों, वनों, नदियों, गाड, गदेरों के किनारे, स्कूलों, कॉलेज, विभागीय परिसर, सिटी पार्क, आवासीय परिसर में पौधरोपण किया जाएगा। जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, छात्रों, विभागीय कर्मियों, एनसीसी, एनएसएस के साथ ही आमजनमानस की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड के लोक पर्व और लोक संस्कृति को एक नई पहचान मिली है। पिछले चार साल में हरेला, इगास, बटर फेस्टिवल, फूलदेई, घी संक्रांत जैसे लोक पर्व को एक नई पहचान मिली है। उत्तराखंड से बाहर भी लोग इन त्योहार को पहचान रहे हैं।
देहरादून- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने, मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र भेजकर अपनी समस्या बताने वाले फरियादियों से बातचीत करते हुए अधिकारियों को उन पर उचित कार्रवाही के निर्देश दिए हैं। डोईवाला तहसील के शेरगढ़ निवासी कर्मचंद ने शिकायत दर्ज कराई थी, कि उनके खेत के लिए आने वाली सिंचाई नहर, टूट गई है, जिस कारण सिंचाई का संकट खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री ने उनसे पूरी समस्या सुनने के बाद, प्रमुख अभियंता सिंचाई विभाग को मामले में उचित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इसी तरह मेजर नरेश कुमार सकलानी ने उनकी भूमि पर निजी व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण कर लधु सिंचाई नहर बनाने की शिकायत दर्ज की गई, जिस पर मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारी देहरादून को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। एक अन्य शिकायतकर्ता कैनाल रोड निवासी धीरेंद्र शुक्ला ने बिल्डर के खिलाफ परेशान करने की शिकायत दर्ज कराई है, मुख्यमंत्री ने एमडीडीए को इस प्रकरण में जांच करने को कहा है। विकासनगर दिनकर विहार निवासी विशन दत्त शर्मा की सड़क संबंधित शिकायत पर भी मुख्यमंत्री ने सचिव लोक निर्माण विभाग को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
“जनता के पत्र सिर्फ कागज़ नहीं, उम्मीद और विश्वास का प्रतिबिम्ब होते हैं, आज ऐसे ही कुछ शिकायती पत्र पढ़ने के बाद मैने संबंधित शिकायतकर्ताओं से बात की। साथ ही अधिकारियों को इन पर तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। समाधान ही हमारी सरकार की कार्यशैली की सबसे बड़ी पहचान है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री