कोरोना से बढ़ती मौतों को देखते हुए राज्य सरकार ने जनता से कोविड के लक्षण दिखते ही उपचार शुरू करने की अपील की है। साथ ही राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जो भी टेस्ट करवाएगा, उसे तुरंत दवाई दे देंगे। रिजल्ट का इंतजार नहीं किया जाएगा। सरकार के अनुसार यह व्यवस्था हर जनपद में लागू हो गई है और कोविड किट बंटना शुरू हो गई है।
प्रदेश के मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने जनता से अपील की कि जब भी लक्षण दिखना शुरू हो, तो तत्काल उपचार करवाएं। उन्होंने कहा कि तत्काल उपचार शुरू होने से कोविड के मामलों और मौत के आंकड़ों में कमी आ सकती है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को आईसीयू की जरूरत नहीं है और अगर वे इसका उपयोग कर रहे हैं, उनकी निगरानी के लिए एक समिति गठित की गई है, जो हाॅस्पिटल्स की मॉनिटरिंग करेगी।
सोमवार को सचिवालय में एक प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश को एक लाख वैक्सीनेशन प्रतिदिन के हिसाब से आवश्यकता है। हमने भारत सरकार को लिखा है कि राज्य सरकार अगर बाहर से सीधे वैक्सीन आयात कर सकती है तो उसके लिए हमें अनुज्ञा दी जाए। बहुत जल्द हम मोबाइल टेस्टिंग वैन भी शुरू करेंगे, जो दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में जाकर मरीजों की पहचान करेगी और वहीं उनकी जांच करेगी। इससे उन्हें उपचार के लिए शहर आने की आवश्यकता नहीं होगी।
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा एक साल में लगातार स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। राज्य में मार्च 2020 में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड्स 673 थे जो कि वर्तमान में 5500 से अधिक हैं। इसी प्रकार आईसीयू 216 के मुकाबले, अब 1390 है। वेंटिलेटर्स 116 से बढ़ कर अब 876 हो गये हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर्स 1193 थे जो कि वर्तमान में 9900 हो गये हैं। ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स 275 के मुकाबले अब 1293 हैं। वर्तमान में एंबुलेंस 307 और 64 टूनाड मशीन हैं। वहीं मार्च 2020 में केवल एक टेस्टिंग लैब थी, वर्तमान मे 10 सरकारी लैब और 26 प्राइवेट लैब हैं।
उन्होंने बताया कि हाॅस्पिटल्स को निर्देश दिए हैं कि ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता की स्थिति को लगातार अपडेट करते रहें। पब्लिक को परेशानी न हो, इसके लिए अस्पतालों की वेबसाइट पर लिखे गए सभी पीआरओ के नंबर भी अपडेट किए जाने चाहिए। हमने एक टास्क फोर्स का भी गठन किया है, जिसमें डीएम, पुलिस, मेडिकल डिपार्टमेंट के स्पेशलिस्ट होंगे, जो सभी शिकायतों पर संज्ञान लेकर आगे कार्रवाई करेंगे।
प्रभारी सचिव पंकज पांडे ने बताया कि टेस्टिंग और रिजल्ट में अंतर आने को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि जो भी टेस्ट करवाएगा, उसे तुरंत दवाई दे देंगे, उसके लिए रिजल्ट का इंतजार नहीं करेंगे। यह व्यवस्था हर जनपद में लागू हो गई है और किट बंटना शुरू हो गई है। यह कार्य चरणबद्ध तरीके से चल रहा है। राज्य सरकार का प्रमुख लक्ष्य मौत के आंकड़ों को कम करना है।
उन्होंने बताया कि रेमडिसिविर के भाव भारत सरकार ने तय किए हैं। जितने रूपए में सरकार को यह उपलब्ध हो रहा है, उतने ही रूपयों में निजी अस्पतालों को भी ट्रांसफर हो रहा है। हमने निजी अस्पतालों को भी निर्देश दिए हैं कि जनता को भी उतने ही रूपए में रेमडिसिविर उपलब्ध करवाए जाएं, जितने में हमने उन्हें दिया है।
उत्तराखंड सरकार 18 से 44 आयु वर्ग के नागरिकों के लिए 10 मई से टीकाकरण का कार्य शुरू करेगी। टीकाकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा कोविड वैक्सीन खरीदी जा रही है। वैक्सीन निर्माता कंपनी द्वारा वैक्सीन की आंशिक आपूर्ति कर दी गई है।
प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि शनिवार को कोविशील्ड वैक्सीन की 1 लाख डोज इंडिगो एयरलाईन की उड़ान जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची, जहां से उसे राजधानी के चंद्रनगर स्थित राज्य औषधि भंडार केंद्र के कोल्ड स्टोर/वॉक इन कूलर में रख दिया गया है। वहां से सभी जनपदों को आपूर्ति की जा रही है।
अमित नेगी ने बताया कि यह वैक्सीन 18 से 44 आयु वर्ग के नागरिकों के लिए है और अब राज्य में 10 मई से टीकाकरण का कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा। नेगी के अनुसार कोविड-19 टीकाकरण अभियान के इस आयु वर्ग के अन्तर्गत उत्तराखण्ड के लगभग 50 लाख लोगों को निःशुल्क वैक्सीन दी जाएगी। यह टीकाकरण केन्द्रों पर होगा जिसकी जानकारी कोविन पोर्टल पर लाभार्थियों को मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री @TIRATHSRAWAT जी ने आज डिजिटल माध्यम से प्रदेश में #COVID19 की स्थिति और वैक्सीनेशन की समीक्षा की तथा अधिकारियों को #Vaccination में और तेजी लाने व 18 से 44 वर्ष तक की आयु के लोगों हेतु कोविड वैक्सीन की पहली खेप आते ही वैक्सीनेशन शुरू करने के निर्देश दिए। pic.twitter.com/s2iaoainNI
— Department Of Health(Uttarakhand) (@MinOfHealthUK) May 8, 2021
ज्ञातव्य है कि टीकाकरण के लिए 18 से 44 आयु वर्ग के लाभार्थियों हेतु विगत माह 28 अप्रैल से कोविन पोर्टल और आरोग्य सेतू एप पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू हो गई थी। रजिस्ट्रेशन कराने वाले साभार्थियों को टीकाकरण कराने से पूर्व ऑनलाईन अपॉइंटमेंट लेना अनिवार्य है। लाभार्थियों को अपॉइंटमेंट प्राप्त होने के पश्चात् ही टीकाकरण केन्द्रों पर वैक्सीनेशन के लिए जाना होगा।
वैक्सीन केवल कोविन पोर्टल या आरोग्य सेतु के माध्यम से स्व पंजीकरण एवं अग्रिम अपॉइंटमेंट के बाद दी जाएगी। पंजीकरण के लिए selfregistration.cowin.gov.in पर लॉगइन करना आवश्यक है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कोविन पोर्टल पर उपलब्ध है।
कोरोना महामारी के भीषण दौर में कई प्राइवेट अस्पतालों की लूट-खसोट और संवेदनहीनता के किस्से लगातार सुनाई दे रहे हैं। ये अस्पताल डॉक्टर को भगवान मानने के सिद्धांत के विपरीत मरीजों को हलाल का बकरा समझ रहे हैं। चिकित्सा को सेवा का माध्यम मानने के बजाय इन अस्पतालों में अक्सर मरीजों के साथ अमानवीय व संवेदनाओं को ताक पर रख कर व्यवहार किया जाता है। कई निजी अस्पताल मरीजों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना व स्टेट गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम के तहत निःशुल्क इलाज तक नहीं दे रहे हैं।
ताजा प्रकरण राजधानी देहरादून स्थित अरिहंत एडवांस सर्जरी एण्ड फर्टिलिटी सेंटर से जुड़ा है। विगत दिवस यह अस्पताल तब चर्चाओं में आया था, जब राजधानी पुलिस ने ऑक्सीजन की अवैध रिफिलिंग का भंडाफोड़ करते हुए अरिहंत अस्पताल के मैनेजर इंद्रवीर सिंह राणा की इसमें संलिप्तता पाते हुए मुकदमा दर्ज किया। अब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने इस अस्पताल के मालिक डॉ.अभिषेक जैन को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई), अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना (एएयूवाई) और स्टेट गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (एसजीएचएस) के अन्तर्गत सूचीबद्ध होने के बावजूद कोरोना मरीजों को निशुल्क (कैशलेस) उपचार न देने के मामले में नोटिस जारी कर अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक (हास्पिटल मैंनेजमेंट) डा.एके गोयल की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि कई लोगों की ओर से शिकायत मिली है कि अरिहन्त एडवांस सर्जरी एण्ड फर्टिलिटी सेंटर सरकार की विभिन्न योजनाओं पीएमजेएवाई, एएयूवाई और एसजीएचएस में सूचीबद्ध् होने के बावजूद कोरोना के मरीजों को निशुल्क कैशलेस उपचार मुहैया नहीं करवा रहा है, जबकि राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट आदेश हैं कि इन योजनाओं के सूचीबद्ध अस्पतालों में कोरोना मरीजों का उपचार निःशुल्क किया जाना है।
नोटिस में कहा गया है कि जब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अधिकारी इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन से मोबाइल फोन पर सम्पर्क करते हैं तो कोई प्रतिउत्तर नहीं दिया जाता। पत्र में कहा गया है कि यदि अस्पताल ने आगे पीएमजेएवाई, एएयूवाई और एसजीएचएस योजनाओं के तहत कोरोना मरीजों को उपचार निशुल्क नहीं किया तो अस्पताल की सूचीबद्धता समाप्त करने के साथ ही अस्पताल के खिलाफ क्लीनिकल इस्टेबलिश्मेंट एक्ट के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन की होगी।
- सुभाष चमोली
उत्तराखंड की सल्ट विधानसभा के प्रतिष्ठापूर्ण उपचुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बाजी मार ली। रविवार को हुई मतगणना में भाजपा प्रत्याशी महेश जीना ने कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचोली को 4697 मतों से पराजित किया।
चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जीना को 21,874 जबकि कांग्रेस की गंगा को 17,177 मत प्राप्त हुए। उप चुनाव में भाजपा, कांग्रेस समेत कुल सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इस सीट पर मतदान 17 अप्रैल को हुआ था। चुनाव में कुल 43.28 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के मृत्यु के बाद खाली हुई इस सीट पर पार्टी ने उनके बड़े भाई महेश जीना को अपना प्रत्याशी बनाया था, जबकि कांग्रेस पार्टी ने विगत विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे चुकीं गंगा पंचोली को फिर से मैदान में उतारा था।
उत्तराखंड में अगले वर्ष विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में सल्ट विधानसभा उपचुनाव दोनों ही पार्टियों भाजपा व कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ था। उपचुनाव प्रदेश के नव नियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के लिए इम्तिहान भी था। उनके नेतृत्व में यह कोई भी पहला चुनाव था। सल्ट के परिणामों ने उनके नेतृत्व पर मोहर मार दी और कोरोना काल में उन्हें घेर रहे विपक्ष को भी बड़ा झटका दे दिया है।
उधर, सत्ता में वापसी के लिए छटपटा रही कांग्रेस के लिए सल्ट उपचुनाव के परिणाम किसी सदमे से कम नहीं है। सल्ट में कांग्रेस ही नहीं, अपितु पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की साख भी दांव पर लगी थी। कांग्रेस प्रत्याशी गंगा पंचोली को हरीश रावत के गुट का माना जाता है। इन चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस की राजनीति में नेतृत्व की लड़ाई के और तेज होने के आसार हैं।
उल्लेखनीय है कि हरीश रावत अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की बात उठा चुके हैं। इसके बाद हरीश रावत के समर्थकों द्वारा लगातार उनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ाई जाने की मांग की जा रही थी। मगर सल्ट उपचुनावों से उनकी इस मुहिम को निश्चित ही धक्का पहुंचा है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सीएम राहत कोष से आशा कार्यकत्रियों को एक-एक हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही शादियों में 25 लोगों से अधिक को अनुमति नहीं होगी।
यह निर्देश मुख्यमंत्री ने शनिवार को सचिवालय में कोविड -19 को लेकर एक बैठक में दिए। बैठक में शासन के उच्च अधिकारियों के अलावा वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी भी जुड़े हुए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बाजार खुलने के समय को जिलाधिकारी अपने अनुसार घटा सकते हैं। उन्होंने डोर-टू-डोर सर्वे के भी निर्देश दिए।
इसके साथ ही 104, सीएम हेल्पलाइन व पुलिस विभाग के कॉल सेंटर में फोन लाईनों की संख्या बढ़ाने को कहा। उन्होंने कहा कि कॉल सेंटर और हेल्पलाईन पूरी तरह से सक्रिय रहें और बेड, इंजेक्शन सम्बंधी जानकारी भी अपडेट रखें।
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन के सिलेंडरों की संख्या बढ़ाने के लिये हर सम्भव कोशिश की जाए। इसमें विभिन्न संगठनों, उद्योगों की सहायता भी ली जा सकती है। कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भोजन, पानी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई ढिलाई न हो। इसके साथ ही छोटे- छोटे स्थानों में भी सेनेटाइजेशन का काम किया जाए, जहां संक्रमण की अधिक सम्भावनाएं हैं ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड टेस्ट की रिपोर्ट में समय न लगे। टेस्ट होते ही तुरंत सभी को कोविड किट दिया जाए। ई-संजीवनी पोर्टल को और प्रभावी बनाते हुए प्रचारित किया जाए ताकि जन सामान्य उसका अधिक लाभ उठा सके। होम आइसोलेशन में रहने वालों को मालूम होना चाहिए कि उन्हें किन बातों का ध्यान रखना है।
सीएम ने कहा कि सरकारी व निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों की व्यवस्था को लगातार क्रास चैक करवाया जाए। संबंधित मरीजों और उनके परिजनों से इसका फीड बैक लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कोविड मरीज़ों हेतु एम्बुलेंस की दरें निर्धारित करने और ओवररेटिंग जैसी शिकायतों को दूर करने के लिए कहा। दवाओं की कालाबाजारी को रोकने के लिए 147 एसटीएफ टीमें बनाई गई हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, डाॅ पंकज कुमार पाण्डेय, सूचना महानिदेशक रणबीर सिंह चौहान सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को गढ़ी कैंट स्थित कैम्प कार्यालय से 108 सेवा के 132 वाहनों को विभिन्न जिलों के लिए रवाना किया।
प्रदेश सरकार द्वारा यूडीआरपी-एफ के माध्यम से 132 एम्बुलेन्स को स्वास्थ्य महानिदेशालय को फरवरी एवं मार्च माह में उपलब्ध कराया गया था। सरकार द्वारा इन 132 नवीन एम्बुलेंस को 108 के बेड़े में शामिल कर कुंभ मेला 2021 में संचालित किया जा रहा था।
मुख्यमंत्री ने अपने कैम्प कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में इन वाहनों को झंडी दिखाकर 13 जनपदों के लिए रवाना किया। 132 एम्बुलेंस में 36 एडवांस लाइफ सपोर्ट एवं 96 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस हैं।
इनमें अल्मोड़ा को 10, बागेश्वर को 5, चमोली को 9, चंपावत को 5, देहरादून को 13, हरिद्वार को 20, नैनीताल को 10, पौड़ी को 11, पिथौरागढ़ को 9, रुद्रप्रयाग को 5, टिहरी को 9, उधमसिंहनगर को 17 व उत्तरकाशी को 9 एम्बुलेंस उपलब्ध कराई गई हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को चाहिए कि वे कोविड गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन करें। मास्क लगाने के साथ ही दो गज की दूरी का पालन करें और समय-समय पर हाथों को साबुन से धोते रहें। उन्होंने कहा कि बीमारी के लक्षण आते ही सजग रहने की जरूरत है और कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाकर अपना इलाज कराएं।
तीरथ ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। जिस किसी अस्पताल को ऑक्सीजन की आवश्यकता हो रही है वहां तत्काल ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए नोडल अधिकारी भी नामित कर दिए गए हैं। जनता को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को दो दिन पहले 7500 रेमिडीसीवीर इंजेक्शन की आपूर्ति हो चुकी है और इससे पहले भी 3500 रेमिडीसीवीर इंजेक्शन की आपूर्ति हुई थी। सरकार पूरी तरह से हालातों पर नजर बनाए हुए है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी मौजूद रहे।
कोविड-19 संक्रमण की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मंगलवार को विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से लगभग 25 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री ने राजधानी देहरादून के निकट सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया स्थित लिंडे ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण भी किया। उन्होंने इंडस्ट्रियल एरिया में ऑक्सीजन उत्पादन में आ रही हो दिक्कतों के समाधान का भी भरोसा दिया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के राजकीय मेडिकल काॅलेजों के चिकित्सालयों की क्षमता में वृद्धि और सुदृढ़ीकरण से संबंधित कार्यों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। कोविड महामारी में राज्य में मास्क न पहनने वालों से जुर्माना वसूली के बाद उन्हें चार मास्क निःशुल्क उपलब्ध कराने के लिए पुलिस विभाग को एक करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।
इसके अलावा हौम्योपैथिक चिकित्सा सेवाओं के लिए 1 करोड़ 18 लाख 80 हजार रूपए व आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाओं विभाग को 4 करोड़ 64 लाख 23 हजार 500 रूपए स्वीकृत किये गए हैं। कोविड के संक्रमण से बचाव व राहत से संबंधित विभिन्न कार्यों के लिए जिलाधिकारी बागेश्वर और जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को 2-2 करोड़ रूपए, जबकि जिलाधिकारी चमोली व जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर को 1-1 करोड़ रूपए उनकी मांग के अनुरूप मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत किए गए हैं।
उधर, सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया स्थित लिंडे ऑक्सीजन प्लांट के निरीक्षण के दौरान प्लांट के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि इंडस्ट्रियल एरिया में विद्युत आपूर्ति नियमित ना होने के कारण कई बार उनका उत्पादन प्रभावित हो जाता है। इस समस्या के निदान के लिए प्रयास भी किए गए, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया है। इसके अलावा उन्होंने इंडस्ट्रियल एरिया में सड़क के सुधारीकरण की भी मांग उठाई। इस मौके पर लिंडे के पदाधिकारियों ने पहाड़ी क्षेत्रों में मिनी ऑक्सीजन प्लांट लगाने का भी सुझाव दिया।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति की समस्या जल्द हल करा दी जाएगी। इसके लिए उन्होंने मौके से ही शासन के उच्च अधिकारियों से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट की हर समस्या का निदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की बहुत आवश्यकता है, ऐसे में ऑक्सीजन प्लांट कंपनियों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन कंपनी में काम कर रहे मजदूरों को भी उनके सहयोग के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा की प्राण वायु का उत्पादन करने वाले मजदूर किसी की जिंदगी बचाने का काम करते हैं। मुख्यमंत्री ने सेलाकुई मैं प्रस्तावित कोविड केयर सेंटर का भी निरीक्षण किया और व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं कि वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर देहरादून , हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर व नैनीताल जिले के जिलाधिकारी विशेष तौर पर विवेकानुसार अपने जनपदों में कर्फ्यू लगाने अथवा अन्य कड़े नियम लागू करने के लिए अधिकृत होगें। परन्तु यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि उद्योग, भारवाहन, निर्माण कार्य व अन्य आवश्यक सेवाएं निर्बाध रूप से संचालित रहें।
मुख्यमंत्री ने रविवार को बीजापुर सेफ हाउस में कोविड-19 की आपात बैठक में ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना की चेन को ब्रेक करने के लिए जन जागरूकता बहुत जरूरी है। साथ ही मास्क न पहनने या सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना करने पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाए। राज्य की सीमाओं पर और सख्त होने की जरूरत है।
इधर, देहरादून के जिलाधिकारी डॉ.आशीष कुमार श्रीवास्तव ने रविवार को राजधानी के अलावा नगर निगम ऋषिकेश, छावनी परिषद गढ़ी कैंट व क्लेमनटाउन में सोमवार 26 अप्रैल से आगामी 3 मई तक एक सप्ताह के लिए कर्फ्यू के आदेश जारी किये हैं। आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 के लगातार बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जनहित में यह निर्णय लिया गया है।
इसके साथ ही नैनीताल के जिलाधिकारी ने जनपद के हल्द्वानी नगर निगम, लालकुआं नगर पंचायत और नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में भी 27 अप्रैल से 3 मई के बीच कोरोना कर्फ्यू लगाने के आदेश जारी किये हैं।
Uttarakhand | Corona curfew will remain in place in Haldwani Municipal Corporation, Lalkuan Nagar Panchayat, and Ramnagar areas of Nainital district between April 27 and May 3: Nainital district magistrate#COVID19
— ANI (@ANI) April 25, 2021
देहरादून के जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना कर्फ्यू 26 अप्रैल शाम 7 बजे से 3 मई प्रातः 5 बजे तक रहेगा। इस दौरान निजी वाहनों के संचालन पर भी पूर्णतः प्रतिबन्ध रहेगा। कोरोना कर्फ्यू की अवधि में निम्नलिखित सेवाओं को सशर्त छूट मिलेगी –
- फल सब्जी की दुकान, डेरी, बेकरी, मीट-मछली, राशन, सरकारी सस्ता गल्ला की दुकानें तथा पशु चारा की दुकानें अपराह्न 4:00 बजे तक ही खुली रह सकेंगी।
- पेट्रोल पंप, गैस आपूर्ति तथा दवा की दुकानें पूरे समय खुली रहेंगी।
- आवश्यक सेवा से जुड़े वाहनों तथा सरकारी वाहनों को केवल ड्यूटी हेतु आवागमन में छूट होगी।
- हवाई जहाज, ट्रेन तथा बस से यात्रा करने वाले व्यक्तियों को आवागमन में छूट होगी।
- शादी और संबंधित समारोह में प्रवेश करने के लिए बैंकेट हाल/सामुदायिक हाल और विवाह समारोह से संबंधित व्यक्तियों/वाहनों की आवाजाही हेतु प्रतिबंधों के साथ छूट रहेगी। समारोह स्थल पर 50 से अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं हो सकेंगे।
- सार्वजनिक हित के निर्माण कार्य के चलते रहेंगे तथा इनसे जुड़े हुए कार्मिक एवं मजदूरों तथा निर्माण सामग्री के वाहनों को आवागमन में छूट रहेगी।
- औद्योगिक इकाइयों तथा उनके वाहन व कार्मिकों को आने-जाने की छूट होगी।
- रेस्टोरेंट्स तथा मिठाई की दुकानों से होम डिलीवरी में छूट रहेगी।
- शव यात्रा से संबंधित वाहनों को छूट रहेगी तथा अंतिम संस्कार में 20 से अधिक व्यक्ति सम्मिलित नहीं हो सकेंगे।
- केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के अधीन समस्त शासकीय तथा अशासकीय कार्यालय (आवश्यक सेवा के कार्य को छोड़कर) बंद रहेंगे।
- मालवाहक वाहनों के आवागमन में छूट रहेगी।
- वास्तविक रूप से चिकित्सालय में उपचार हेतु जाने वाले व्यक्तियों के वाहनों को आवागमन में छूट होगी।
- कोविड जांच व टीकाकरण हेतु निकटवर्ती केंद्र तक आवागमन में छूट रहेगी।
- पोस्ट ऑफिस तथा बैंक यथासमय खुले रहेंगे।
आदेश में कहा गया है कि नियमों का उल्लंघन करने की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 व उत्तराखंड एपिडेमिक डिजीज कोविड-19 रेगुलेशन, एपिडेमिक डिजीज एक्ट- 1897 एवं भारतीय दंड संहिता तथा अन्य सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड में कोरोना महामारी अपना कहर बरपा रही है। संक्रमितों के साथ मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इस बीच, शनिवार को टिहरी जिले से एक बड़ी खबर सामने आयी है। जिले के राजकीय नर्सिंग कॉलेज सुरसिंग धार के 95 छात्र- छात्राएं कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें अधिकांश छात्राएं हैं, जो कॉलेज के छात्रावास में रहती हैं। संक्रमितों को कॉलेज छात्रावास में आइसोलेट कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इन छात्रों के सैंपल करीब पांच दिन पूर्व लिए गए थे, जिसकी रिपोर्ट शनिवार को आयी। इतनी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से जहां एक ओर हड़कंप मच गया है, वहीं दूसरी ओर अभिभावकों में भारी रोष व्याप्त है।
कुछ अभिभावकों ने इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के संक्रमित होने के पीछे कॉलेज प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार बताया है। अभिभावकों का कहना है कि कुछ दिन पूर्व कॉलेज के एक छात्र के बारे में पॉजिटिव होने की चर्चा थी। मगर कॉलेज प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और ना ही कॉलेज में किसी की जांच करने की जरुरत महसूस की।
कॉलेज हॉस्टल में रह कई छात्राओं को कुछ दिन पहले से सर्दी-जुखाम की शिकायत हो रही थी। मगर तब भी कॉलेज प्रशासन ने जांच कराने के बजाय सब चीज पर पर्दा डालने का दुष्प्रयास किया। इन छात्राओं ने जब अभिभावकों को अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी तो, चिंतित अभिभावकों ने जन प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन-प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाई और छात्रों के स्वास्थ्य की जांच के लिए दवाब बनाया।
अभिभावकों का मानना है कि यदि कॉलेज प्रशासन समय रहते उचित कदम उठा देता तो इतनी बड़ी संख्या में संक्रमण नहीं फैलता। फिर जो छात्र प्रतिदिन अपने घरों अथवा किराए के घरों से कॉलेज आते हैं, वो कोरोना कैरियर के रूप में पता नहीं कितने लोगों तक संक्रमण फैला चुके होंगे। हॉस्टल में रह रही छात्राओं के अभिभावकों को यह भी चिंता है कि कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद उनके बच्चों की देखरेख पता नहीं किस तरह से होगी ?
अभिभावकों ने छात्राओं के स्वास्थ्य की देखरेख, भोजन इत्यादि की व्यवस्था जिला प्रशासन की निगरानी में कराने और कॉलेज प्रशासन की लापरवाही की जांच की मांग भी की है। इधर, इस संबंध में काफी प्रयासों के बाद भी कॉलेज प्रशासन से सम्पर्क नहीं हो सका। यदि कॉलेज प्रशासन अपना पक्ष रखेगा तो उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।
उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय कुमार कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। उनके कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना पर प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक समेत अनेक वरिष्ठ नेताओं ने शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।
कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी अजेय कुमार ने रविवार को खुद अपने ट्विटर हैंडल पर दी। उन्होंने लिखा- शुरुआती लक्षण दिखने पर मैंने कोविड की जांच कराई और मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। प्रभु की कृपा से मैं स्वस्थ हूं तथा चिकित्सकों की देख-रेख में उपचार ले रहा हूं।
आप शीघ्रातिशीघ्र कोरोना को परास्त कर पुनः अपना कार्यभार कुशलता से संपादित करें, मैं भगवान बदरी विशाल और बाबा केदार से यह मंगलकामना करता हूं। https://t.co/h7Y1sWBKEh
— Tirath Singh Rawat (मोदी का परिवार) (@TIRATHSRAWAT) April 18, 2021
उनके कोरोना पॉजिटिव निकलने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ट्वीट कर शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए अजेय कुमार से दूरभाष पर बात कर उनके स्वास्थ्य का हाल चाल भी जाना है।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने ट्वीट कर प्रदेश महामंत्री (संगठन) के स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने अजेय कुमार के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए कहा कि अजेय कुमार लगातार चिकित्सकों के सम्पर्क में है और शीघ्र स्वास्थ्य लाभ लेकर अपने कार्य में जुटेंगे।
उधर, पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि दिल्ली प्रवास के दौरान अजेय कुमार की मेडिकल रिपोर्ट पॉजिटिव आयी और उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया है। अजेय कुमार ने खुद के संपर्क में आये लोगों को अपना टेस्ट कराने को कहा है।