उत्तराखंड में पावर ग्रिड में निकली बंपर भर्ती..
उत्तराखंड: प्रदेश में तकनीकी रूप से शिक्षित युवाओं के लिए पावर ग्रिड में बंपर भर्ती निकली है। बताया जा रहा है कि पावर ग्रिड द्वारा अनुबंध के आधार पर अनुभवी कार्मिकों की नियुक्ति के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इच्छुक उम्मीदवार 11 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। भारत सरकार के उद्यम पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा यह भर्ती निकाली गई है। इसमें फील्ड इंजीनियर के 50 पद हैं।
जबकि फील्ड इंजीनियर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार के 15 पद हैं। इसी तरह फील्ड इंजीनियर आईटी के 15 पदों पर भर्ती होनी है। जबकि सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिकल फील्ड सुपरवाइजर के 480 पदों पर भर्ती की जानी है तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार के फील्ड सुपरवाइजर पर 240 पदों की भर्ती होनी है। बताया जा रहा है कि इस भर्ती में प्रतिभाग करने वाले युवा पावर ग्रिड की ऑफिशियल वेबसाइट में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख 11 दिसंबर रखी गई है। अभ्यर्थी वेबसाइट पावरग्रिड डॉट इन पर भी विस्तार से भर्ती विज्ञापन देख सकते हैं।
धर्मांतरण कानून हुआ सख्त,10 साल की सजा के साथ जानें क्या होंगे नए नियम..
उत्तराखंड: प्रदेश में अब धर्मांतरण कानून सख्त होने जा रहा है। राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक में जबरन धर्मांतरण पर लगाम कसने के लिए बड़ा फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक में धर्मांतरण कानून में सख्त संशोधन किए गए हैं जिसके तहत अब नए कानून में जबरन धर्मांतरण कराने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है। जिससे माना जा रहा है कि धर्मांतरण और ‘लव जिहाद’ जैसे मामलों पर रोक लगेगी। उत्तराखंड सरकार की बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में 29 प्रस्ताव लाए गए।
जिसके तहत अब उत्तराखंड में भी धर्मांतरण कानून उत्तर प्रदेश से कई ज्यादा सख्त कर दिया है। प्रदेश में अब जबरन धर्मांतरण को संज्ञेय अपराध में शामिल किया गया है। जिसके तहत अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड में दो या दो से अधिक लोगों के धर्म परिवर्तन को सामूहिक धर्म परिवर्तन समझा जाएगा और यह भी इस कानून के तहत आयेगा जिसे संगीन अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
आपको बता दे कि उत्तराखंड के धर्मांतरण विधेयक में अब तक 1 से 5 साल तक की सजा का प्रावधान था। इसे बढ़ाकर 2 से 7 साल तक कर दिया गया है। सामूहिक धर्म परिवर्तन की स्थिति में इस सजा को बढ़ाकर 10 साल तक किया जा सकता है। वहीं सामूहिक धर्म परिवर्तन गैर जमानती अपराध की श्रेणी में माना गया है।
धर्म परिवर्तन के मामले में 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार तक का आर्थिक दंड लगाया जा सकता है। वहीं सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में यह आर्थिक दंड 50 हजार तक लगाया जा सकता है। धर्म परिवर्तन करने की स्थिति में पहले 7 दिन पूर्व जिला मजिस्ट्रेट की उद्घोषणा अनिवार्य थी तो वहीं अब इसे कम से कम 1 माह पूर्व कर दिया गया है।
जीडीपी दोगुनी करने के लिए कंसलटेंट की तलाश..
उत्तराखंड: राज्य सरकार ने अगले पांच वर्षों के दौरान राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को दोगुना करने के लिए एक सलाहकार की तलाश शुरू कर दी है। चार शीर्ष स्तरीय अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने राज्य परामर्श सेवाओं की पेशकश में रुचि व्यक्त की है। इन चारों कंपनियों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू के समक्ष प्रस्तुतिकरण पेश किया। राज्य सचिवालय में यह प्रस्तुतिकरण प्रक्रिया करीब चार घंटे तक चली। मुख्य सचिव के साथ ही योजना सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे, उद्योग निदेशक रोहित मीणा और योजना विभाग के कई अधिकारी शामिल थे।
इन कंपनियों ने दिया प्रस्तुतिकरण..
मेकेंजी ग्लोबल, बोस्टन कंसल्टेंसी, कंसल्टेंसी ईस्ट एंड यंग, और डिलाइट कंपनी सभी ने प्रस्तुतिकरण दिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने कंसलटेंसी के लिए डिलाइट कंपनी को चुना है। बता दे कि कंसलटेंसी के लिए जिस कंपनी का चयन होगा, वह सरकार को राजस्व बढ़ोतरी का मंत्र बताएगी। वह राज्य के विकास के रोडमैप को धरातल पर उतारने के बारे में कार्ययोजना सुझाएगी।
तकनीकी और वित्तीय निविदा के बाद होगा चयन..
निगम को चुनने की प्रक्रिया के विभिन्न चरण होते हैं। पहले चरण के प्रेजेंटेशन के बाद अब तकनीकी और वित्तीय निविदाएं होनी है। योजना सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना हैं कि इसके लिए अतिरिक्त समय की जरूरत होगी।
70वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का सीएम ने किया उद्घाटन..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौचर में 70वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का विधिवत् उद्घाटन किया। मेले के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री के पहुंचने पर उनका बैंड की मधुर धुन के साथ फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक गौचर मेला मैदान को मिनि स्टेडियम के रूप में विकसित करने और गौचर मेले के सफल संचालन के लिए 10 लाख देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने गौचर मेले में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि गौचर मेला संस्कृति, बाजार तथा उद्योग तीनों के समन्वय के कारण एक प्रसिद्व राजकीय मेला है और साल दर साल यह मेला अपनी ऊॅचाईयों को छू रहा है। उन्होंने मेले को भव्य एवं आकर्षक स्वरूप देने के लिए जिला प्रशासन की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विशिष्ट और ऐतिहासिक मेला हमारे राज्य के प्रमुख मेलों में से एक है और इसमें सरकार के अधिकांश विभाग भाग लेते हैं।
मेले हमारे जीवन में इन्द्रधनुषी रंगों की तरह हैं, जो जीवन में ताजगी और उत्साह भर देते हैं। प्राचीन समय में, जब संचार और परिवहन की कोई ऐसी सुविधाएं नहीं थीं, तो इन मेलों ने सामाजिक ताने बाने को बुनने में बहुत मदद की और लोगों का सामाजिक और व्यावहारिक दायरा बढ़ाया। हमारे देश में और विशेष रूप से उत्तराखंड में अधिकतर मेले सांस्कृतिक मेल मिलाप का माध्यम रहे हैं, परंतु गोचर मेला विशेष है, क्योंकि संस्कृति की छठा बिखेरने के अलावा यह मेला यहां की जनता के व्यापारिक अवसरों को भी बढ़ाता है। इस मेले में प्रदर्शित झांकियों ने उत्तराखंड की विशिष्ट एवं बहुआयामी संस्कृति को प्रदर्शित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य उत्तराखंड के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाना है और इसके लिए औद्योगिक विकास का महत्व सर्वाधिक है। औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए हम रोड कनेक्टिविटी, रेल कनेक्टिविटी, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में विशेष ध्यान दे रहे हैं। पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है और पर्यटन तो हमारे राज्य की लाईफ लाईन है।
केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सहयोग द्वारा रोड कनेक्टिविटी एवं हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से निश्चित रूप से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और हमारी आर्थिकी को भी लाभ मिलेगा। प्रदेश में चारधाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण तथा निर्माणाधीन रोप वे परियोजनाएं इस बात का स्पष्ट उदाहरण हैं कि किस प्रकार सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश के विकास के लिए तत्पर है, उन्होंने सभी को मेले के सफल आयोजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकार रमेश गैरोला को गोविंद प्रसाद नौटियाल पत्रकार सम्मान और यूथ फाउंडेशन संचालित करने के लिए अनिल नेगी को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने देवेश जोशी द्वारा लिखी पुस्तक ‘धूम सिंह चौहान’ का विमोचन भी किया।
गौचर मेले में पहले दिन रावल देवता की पूजा के बाद प्रातः स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली। मेलाध्यक्ष द्वारा झंडारोहण कर मार्चपास की सलामी ली गई। गौचर मेला मुख्य द्वार से चटवापीपल पुल तक एवं वापसी उसी रूट से होते हुये मुख्य मेला द्वार तक क्रास कण्ट्री दौड़ का आयोजन किया गया। खेल मैदान में बालक एवं बालिकाओं की दौड़, नेहरू चित्रकला प्रतियोगिता, शिशु प्रदर्शनी और शिक्षण संस्थाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। गौचर मेले में पारम्परिक पहाडी संस्कृति से सजा पांडाल मेलार्थियों के बीच खासे आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल एवं मेला उपाध्यक्ष अंजू बिष्ट ने गौचर मेले का शुभांरभ करने पर मुख्यमंत्री का हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया और मुख्यमंत्री को क्षेत्र की समस्या से अवगत कराते हुए समस्याओं के निदान के लिए मांग पत्र भी दिया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री/जनपद के प्रभारी मंत्री डा. धन सिंह रावत, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, रूद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, केदारनाथ विधायक श्रीमती शैला रानी रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, पूर्व विधायक श्रीमती मुन्नी देवी शाह, जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी, कर्णप्रयाग ब्लाक प्रमुख श्रीमती चन्द्रेश्वरी देवी, गौचर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अंजू बिष्ट, कमिश्नर गढवाल/मेला संरक्षक सुशील कुमार, जिलाधिकारी/मेलाध्यक्ष हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोबाल, मुख्य विकास अधिकारी ललित नारायण मिश्रा, सहित बडी संख्या में मेलार्थी मौजूद थे।
भारत-नेपाल के रिश्तों को ऑक्सीजन देता है जौलजीबी मेला-सीएम धामी..
उत्तराखंड: सीएम धामी का कहना हैं कि अंतर्राष्ट्रीय जौलजीबी मेले ने भारत, नेपाल और तिब्बत के बीच व्यापार को बढ़ावा दिया है। संस्कृति, सभ्यता और व्यापार के मामले में भारत और नेपाल के बीच संबंधों को मजबूत करके, यह मेला राष्ट्र के संबंधों को ऑक्सीजन देता है। सीएम धामी का कहना हैं कि वह बचपन से ही स्थानीय परंपराओं और संस्कृति से परिचित हैं, यही वजह है कि सोमवार को अंतरराष्ट्रीय जौलजीबी मेले का उद्घाटन करते समय उन्हें इस मेले से गहरा लगाव महसूस होता है। सीएम ने महोत्सव आयोजन समिति को 5 लाख रुपये का देने की घोषणा भीकी। इस मौके पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और सांसद अजय टम्टा मौजूद थे।
सीएम धामी ने अंतर्राष्ट्रीय जौलजीबी मेले के उद्घाटन के दौरान कहा कि आपदा प्रभावित एलधारा भूस्खलन क्षेत्र को वरुणावत पर्वत के समान माना जाएगा। उन्होंने आपदा से प्रभावित लोगों को कहा कि घबराने की सलाह नहीं दी। सरकार उनके साथ हर वक्त खड़ी है। सीएम धामी का कहना हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों का समुचित विकास किया जाना चाहिए। वह सभी सीमांत क्षेत्रों की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, देश के बाहरी गांवों को गंभीर रूप से विकास की आवश्यकता है। उनका कहना हैं कि सीमांत क्षेत्र के विकास के लिए काली नदी पर दो लेन का वाहन पुल बनाया जा रहा है, जिससे भारत और नेपाल के बीच आर्थिक संबंध बेहतर होंगे। क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग का भी विस्तार किया जा रहा है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाले यात्री पास में एक राष्ट्रीय राजमार्ग बनने के बाद इस मार्ग का उपयोग करेंगे, जिससे व्यापार बढ़ेगा और क्षेत्र का विकास होगा।
धारचूला के विधायक हरीश धामी,भाजपा जिलाध्यक्ष गिरीश जोशी, धारचूला के ब्लॉक प्रमुख धन सिंह, डीडीहाट के विधायक बिशन सिंह चुफाल, डीएम रीना जोशी, एसपी लोकेश्वर सिंह आदि इस मौके पर मौजूद रहे।
उत्तराखंड में 5G सेवा शुरू होते ही मोबाइल टॉवर लगाना होगा आसान..
उत्तराखंड: प्रदेश में जल्द ही 5जी नेटवर्क सेवा की तैयारी शुरू हो गई है, जिसके बाद मोबाइल कनेक्टिविटी पहले से भी बेहतर हो जाएगी। प्रदेश सरकार ने इसके लिए भी तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि अगले साल मध्य तक 5 जी सेवा शुरू हो सकती है। 5 जी सेवा के लिए प्लान बनाया गया है। 5जी में यूजर को ज्यादा स्पीड और फ्लेक्सिबिलिटी देखने को मिलेगी।
बता दे कि देश के चुनिंदा शहरों में 5जी की सेवा जल्द शुरू हो सकती है, उत्तराखंड में दूसरे चरण में यह सेवा उपलब्ध होगी। उत्तराखंड में 5 जी सेवा शुरू करने के लिए शासन की ओर से आईटीडीए से पूछा गया है कि 5 जी सेवा के लिए राज्य सरकार के स्तर पर क्या- क्या कदम उठाए जाने हैं। वहीं बीएसएनएल से नेटवर्क विहीन क्षेत्रों में 1246 मोबाइल टावर लगाने के लिए भी रोडमैप मांगा गया है।
बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए टॉवर लगाने के नियमों को आसान करने जा रही है। इसके तहत जिन भवनों का नक्शा पास होगा, उनमें बिना किसी अतिरिक्त मंजूरी के मोबाइल टॉवर स्थापित हो सकेगा। साथ ही खाली जमीन पर भी बिना अनुमति टॉवर लगाया जा सकेगा।गौरतलब है कि केंद्र सरकार मोबाइल टॉवरों के लिए नई राइट पॉलिसी जारी कर चुकी है। प्रदेश सरकार भी इसी पॉलिसी को अपने यहां अपना रही है। उत्तराखंड के 15 हजार में से 700 गांवों में अभी कोई भी मोबाइल नेटवर्क नहीं है। 3739 गांव अभी 2जी या 3जी से ही काम चला रहे हैं। इस कारण 5जी नेटवर्क उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है।
डायबिटिस को नियंत्रित करने को अपनाएं ये सूत्र..
उत्तराखंड: प्रदेश में शुगर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उत्तराखंड की 12 फीसदी आबादी मधुमेह से पीड़ित है। विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर विशेषज्ञ डॉक्टरों ने जिंदगी में तीन सूत्र अपनाकर शुगर को नियंत्रित करने की सलाह दी है। खानपान सही करने, बेहतर दिनचर्या और डॉक्टर की सलाह पर सही तरीके से दवा लेने को शुगर के खिलाफ बेहतर हथियार मानते हैं।
दून मेडिकल कॉलेज के मेडिसन एचओडी डा. नारायणजीत सिंह, वरिष्ठ फिजीशियन डा. केसी पंत का कहना हैं कि मधुमेह हार्ट और किडनी के मरीजों की समस्या बढ़ा रहा है। मधुमेह के रोगी का ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित न होने के कारण हृदय रोगियों व किडनी के रोगियों की जटिलताएं बढ़ रही हैं। ऐसे रोगियों में मृत्यु दर काफी अधिक होती है।
बच्चों में शुगर चिंताजनक शुगर की समस्या अब छोटे बच्चों को भी परेशान कर रही है। पांच साल से छोटे बच्चों को भी शुगर की बीमारी घेर रही है। दून अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. विशाल कौशिक, डा. आयशा इमरान का कहना हैं कि दो से पांच साल तक के बच्चों में भी शुगर की समस्या देखी जा रही है। उन्हें कई बार इंसुलिन तक की जरूरत पड़ रही है।
ऑटो इम्यून डिजीज इसका प्रमुख कारण है। यह समस्या क्यों बढ़ रही है। विशेषज्ञ इस पर विस्तृत शोध की वकालत करते हैं और बच्चों की भूख, उसके सुस्त रहने आदि पर नजर रखने की सलाह देते हैं।
ये हैं शुगर नियंत्रित करने के सूत्र
खानपान गेहूं के साथ चने, ज्वार, जौ, जई और दालों से बने आटे का प्रयोग करें। सब्जियों में लौकी, तुरई, टिंडा, पालक, परवल, खीरा, ककड़ी और करेले का प्रयोग करें। अमरूद, जामुन, पपीते जैसे फलों का सेवन भी लाभकारी है। अंकुरित दालों और अनाज का प्रयोग भी शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करता है। प्रोसैस्ड फूड, जंक फूड और फास्ट फूड को छोड़कर ही मधुमेह को रोका जा सकता है। शुगर के मरीज चीनी, मिठाई समेत आलू, चावल न खाएं।
महिला सुरक्षा को लेकर आज ऐप लांच करेंगे मुख्यमंत्री धामी..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण पर चर्चा करने के लिए आज अहम बैठक करेंगे। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला ऐप भी लांच किया जाएगा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, संबंधित विभागीय अधिकारी, सभी जिलाधिकारियों, एसपी और एसएसपी बैठक में हिस्सा लेंगे।
शनिवार यानी आज होने वाली बैठक में पिछले तीन वर्षों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही समीक्षा बैठक में सीएम हेल्पलाइन, महिला हेल्प डेस्क, 112, पुलिस मुख्यालय आदि पर अपराधों संबंधित प्राप्त शिकायतों का विवरण भी समीक्षा बैठक में रखा जाएगा।
साथ ही इसमें प्राप्त शिकायतों, उनके निस्तारण, कार्रवाई आदि का ब्योरा भी रखा जाएगा। इसके साथ ही एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के संबंध में जिलावार प्राप्त शिकायतों एवं कार्रवाई का विवरण प्रस्तुत किया जाएगा। बैठक में महिलाओं एवं बाल सुरक्षा से संबंधित विभिन्न केंद्रीय योजनाओं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री समर्थ योजना, सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना, प्रधानमंत्री मैत्री वंदना योजना आदि की जिलावार महिला लाभार्थियों की संख्या और कार्यवाही का विवरण भी रखा जाएगा।
मानदेय में बढ़ोतरी न होने से उपनल कर्मियों के हाथ लगी निराशा..
उत्तराखंड: राज्य स्थापना दिवस पर मानदेय बढ़ोतरी की आस रखने वाले 22 हजार उपनल कर्मचारियों को निराश हाथ लगी है। वर्ष 2019 से मानदेय में वृद्धि नहीं की गई है। जिससे कर्मचारियों को 10 से 12 हजार रुपये के मानदेय पर गुजारा करना पड़ रहा है। उपनल कर्मचारी संगठन के उपाध्यक्ष पूरन भट्ट का कहना हैं कि राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में सरकार राज्य के विभिन्न विभागों में उपनल द्वारा नियोजित 22,000 ठेका श्रमिकों के मानदेय में वृद्धि करेगी। पिछले दिनों सरकार ने फाउंडेशन की वास्तविक वर्षगांठ पर कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि की घोषणा की थी।
उनका कहना हैं कि संविदा कर्मचारियों को वार्षिक मानदेय वृद्धि महंगाई सूचकांक के आधार पर मिलनी चाहिए, जैसे नियमित कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते के आदेश किए गए थे। संगठन के राज्य महामंत्री प्रमोद गुसाई का कहना हैं कि जहां पिछले 17 वर्षों से विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को बहुत कम मानदेय मिल रहा है, जबकि उन्हीं पदों में कार्यरत नियमित कर्मचारियों के वेतन में 10 गुना अधिक वृद्धि हुई है, जबकि दोनों एक जैसा कार्य कर रहे हैं। मानदेय बढ़ोतरी नहीं होने से कर्मचारियों में सरकार के प्रति रोष है।
पटवारी-लेखपाल भर्ती में उम्मीदवारों को मिली राहत..
उत्तराखंड: पटवारी-लेखपाल भर्ती के जिन उम्मीदवारों को आयु गणना के मुद्दे के कारण आवेदन करने से रोका गया था, उन्हें उत्तराखंड लोक सेवा आयोग राहत दी है। इन सभी उम्मीदवारों के लिए आयोग ने आवेदन की विंडो खोल दी है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा की जा रही पटवारी-लेखपाल भर्ती हेतु इच्छुक आवेदकों की आयु की गणना आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 1 जुलाई, 2020 के आधार पर की जा रही है।
इसके विपरीत नए उम्मीदवारों की आयु 1 जुलाई, 2022 तक निर्धारित की जा रही है। पुराने उम्मीदवारों की आयु निर्धारित करते समय पटवारी की आयु 28 वर्ष एक दिन और लेखपाल की आयु 35 वर्ष एक दिन आ रही है। इसके चलते वह ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे थे। आपको बता दे कि इस मामले में विवेकानंद ओझा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इन सभी उम्मीदवारों को नैनीताल के उच्च न्यायालय के फैसले के लिए ऑनलाइन आवेदन करने का अवसर दिया गया है। आयोग के सचिव जीएस रावत का कहना हैं कि ऐसे उम्मीदवार जो इस उम्र संबंधी तकनीकी गड़बड़ी के कारण आवेदन नहीं कर पाए थे, वे भी अब 20 नवंबर तक आयोग की वेबसाइटजाकर आवेदन कर सकते हैं। बता दे कि विज्ञापन के शेष नियम और शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया जायेगा।