उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-चीन सीमा के पास स्थित माणा क्षेत्र में भीषण हिमस्खलन के बाद बचाव अभियान जारी है। भारतीय सेना और आईटीबीपी ने अब तक 47 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया है, जबकि 8 मजदूरों को बचाने का कार्य अभी जारी है। राहत की बात यह है कि अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से संपर्क कर स्थिति की जानकारी ली है।
मौसम खुलते ही बचाव अभियान तेज
बचाव कार्य मौसम पर निर्भर था, लेकिन जैसे ही मौसम साफ हुआ, रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया गया। सेना ने सुबह 14 और मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला, जिनमें से कुछ को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य 8 मजदूरों की तलाश जारी है, जिनके एक कंटेनर में फंसे होने की आशंका है। यह कंटेनर पूरी तरह से बर्फ से ढका हुआ है, जिससे बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण हो गया है।
आपातकालीन सेवाएं अलर्ट पर
चमोली के डीएम संदीप तिवारी और एसपी सर्वेश पंवार घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं और जोशीमठ पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की बारीकी से निगरानी करते हुए कहा कि एम्स ऋषिकेश, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल गोपेश्वर को अलर्ट पर रखा गया है। एम्स की हेली एंबुलेंस भी तैयार रखी गई है ताकि जरूरत पड़ने पर घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके।
केंद्र सरकार से निरंतर संपर्क में उत्तराखंड प्रशासन
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय से लगातार संपर्क में है। उन्होंने कहा कि यदि किसी और एजेंसी की जरूरत पड़ी, तो उसकी सहायता ली जाएगी। इसके अलावा, माणा हेलिपैड को सक्रिय किया गया है, ताकि बचाव कार्य में तेजी लाई जा सके। हालांकि, भारी बर्फबारी और बारिश के कारण कई मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे राहत कार्य में कठिनाइयां आ रही हैं।
ड्रोन और विशेषज्ञों की मदद से बचाव अभियान
आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ की टीमों को रवाना कर दिया गया है। इसके अलावा, ड्रोन की सहायता से मजदूरों की सटीक लोकेशन का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने भी निजी ड्रोन ऑपरेटर्स की सहायता लेकर राहत कार्य को तेज किया है।
प्राथमिकता: मजदूरों की सुरक्षा
आईटीबीपी, भारतीय सेना, जिला प्रशासन और वायुसेना की टीमें संपूर्ण समन्वय के साथ काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालना है। सरकार ने इस घटना से संबंधित एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने का निर्णय लिया है, जिससे परिजन अपने प्रियजनों की जानकारी प्राप्त कर सकें। बचाव अभियान तेजी से जारी है और प्रशासन का पूरा ध्यान शेष मजदूरों को सुरक्षित निकालने पर केंद्रित है। हिमस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है, जिससे उम्मीद है कि जल्द ही सभी मजदूर सुरक्षित बाहर आ जाएंगे।
रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में एक सनसनीखेज साइबर अपराध का पर्दाफाश हुआ है, जहां पुलिस अधीक्षक (एसपी) से डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) के नाम पर 50 हजार रुपये की मांग की गई थी। पुलिस की सधी हुई कार्रवाई के बाद चार आरोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया गया है।
कैसे हुआ खुलासा?
जनवरी माह में रुद्रप्रयाग के एसपी अक्षय प्रहलाद कोंडे के सरकारी (सीयूजी) मोबाइल नंबर पर एक अज्ञात व्यक्ति ने व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क किया। संदिग्ध व्यक्ति ने खुद को उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ बताया और 50 हजार रुपये की तत्काल आवश्यकता का हवाला देते हुए बैंक खाते में धनराशि ट्रांसफर करने का अनुरोध किया।
एसपी कोंडे ने मैसेज को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कोतवाली रुद्रप्रयाग में मामला दर्ज करवाया और मामले की जांच साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार को सौंपी।
तकनीकी जांच से मिली सफलता
जांच के दौरान संदिग्ध बैंक खाते और मोबाइल नंबरों की लोकेशन महाराष्ट्र और राजस्थान में पाई गई। पुलिस टीम ने एक महीने तक स्थानीय स्तर पर जांच की, जिसमें मोबाइल फोरेंसिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीकों का उपयोग किया गया।
प्रारंभिक जांच में छह लोगों की संलिप्तता सामने आई, जिनमें से चार आरोपियों को राजस्थान के बीकानेर से गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपी
1.राजू प्रजापत: पुत्र दौलतराम प्रजापत, निवासी वार्ड नंबर 46, कुम्हारों का मोहल्ला, बीकानेर।
2.ललित किशोर उपाध्याय: पुत्र प्रकाश चंद उपाध्याय, लक्ष्मी नाथ जी रोड, बीकानेर।
3.बलवान हुसैन: पुत्र मोहम्मद अनवर, हम्मालों की बारी, बीकानेर।
4.मोहम्मद अयूब: पुत्र मोहम्मद सलीम, हम्मालों की बारी, बीकानेर।
पुलिस टीम को मिला इनाम
सफलता पाने वाली पुलिस टीम को सराहना के साथ-साथ नकद इनाम भी दिया गया है।
. एसपी अक्षय प्रहलाद कोंडे ने टीम को ₹2,500 का इनाम दिया।
. पुलिस उपमहानिदेशक (अपराध एवं कानून) की ओर से ₹5,000 का इनाम घोषित किया गया।
पुलिस टीम में शामिल सदस्य:
. निरीक्षक: राकेश कुमार, प्रभारी साइबर सेल, रुद्रप्रयाग
. उप निरीक्षक: रणजीत खनेड़ा
. आरक्षी: कुलदीप सिंह, राकेश कुमार, रविन्द्र सिंह (एसओजी रुद्रप्रयाग), विनय (एसओजी रुद्रप्रयाग)
आगे की कार्रवाई
गिरफ्तार आरोपियों को संबंधित स्थानीय न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर रुद्रप्रयाग लाया गया है। पुलिस द्वारा आवश्यक पूछताछ के बाद उन्हें जनपद न्यायालय में पेश किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध संदेश या कॉल की सूचना तुरंत पुलिस को दें और साइबर अपराध से बचने के लिए सतर्क रहें।
उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी और ओलावृष्टि हो रही है, जबकि मैदानी क्षेत्रों में लगातार बारिश से ठंड में इजाफा हो गया है। मौसम विभाग ने 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और कुछ स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
गंगोत्री-यमुनोत्री और हर्षिल में भारी बर्फबारी
गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल में भारी बर्फबारी जारी है। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल और चम्पावत में बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, एक मार्च के बाद प्रदेश में मौसम खुलने की संभावना है।
सीजन में पहली बार पारा 12.3 डिग्री लुढ़का
देहरादून में सर्दियों के मौसम में पहली बार लगातार दो दिन की बारिश से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बीते बुधवार को अधिकतम तापमान 29.0 डिग्री था, जो बृहस्पतिवार को गिरकर 16.7 डिग्री पर पहुंच गया। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस सीजन में पहली बार पश्चिमी विक्षोभ इतनी मजबूती से सक्रिय हुआ है, जिससे तापमान में तेज गिरावट आई है।
बदरीनाथ, हेमकुंड में बर्फबारी, निचले क्षेत्रों में बारिश
बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, औली, गोरसों, नीती और माणा घाटियों में भारी बर्फबारी हो रही है। निचले क्षेत्रों में बारिश से ठंड और बढ़ गई है।
केदारनाथ में आधा फीट ताजी बर्फ जमी
केदारनाथ धाम में घने बादलों के बीच पिछले दो दिनों से बर्फबारी जारी है। धाम में आधा फीट ताजी बर्फ जम चुकी है, जबकि पहले से सवा फीट बर्फ जमा है। माणा, नीति घाटी, औली, मद्महेश्वर, तुंगनाथ, चोपता और त्रियुगीनारायण के ऊपरी क्षेत्रों में भी हल्की बर्फबारी दर्ज की गई है।
ग्लेशियर रिचार्ज, जल संकट से मिलेगी राहत
फरवरी के अंत में हुई बर्फबारी से प्रदेश के ग्लेशियर और नदियां रिचार्ज हो गई हैं। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे गर्मियों में जल संकट जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी और पानी की उपलब्धता बनी रहेगी।
उत्तराखंड के पौड़ी जिले में एक दुखद हादसे में बुधवार को अलकनंदा नदी में डूबने से दो युवकों की मौत हो गई। यह हादसा श्रीनगर इलाके के चौरास पुल के पास हुआ, जहां तीन युवक नदी में तैरने गए थे।
मृतकों की पहचान:
. आयुष राज (20) और हर्ष राज कौशिक (19), दोनों बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के निवासी थे।
. दिव्यांशु (21), जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी के मऊ का रहने वाला है, को स्थानीय लोगों ने बचा लिया।
घटना का विवरण:
दोपहर करीब 3 बजे, तीनों युवक चौरास पुल के पास अलकनंदा नदी में तैरने उतरे। पानी में उतरते ही वे डूबने लगे। स्थानीय लोगों की सतर्कता से दिव्यांशु की जान बचा ली गई, लेकिन आयुष और हर्ष को नहीं बचाया जा सका।
रेस्क्यू अभियान:
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) ने जिला पुलिस और स्थानीय निवासियों की मदद से सघन तलाशी अभियान चलाया। अंततः दोनों युवकों के शव बरामद कर लिए गए।
परिजनों को दी गई सूचना:
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतकों के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है और अब उनके पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है। यह हादसा एक बार फिर नदी के किनारे सुरक्षा और सतर्कता की जरूरत को रेखांकित करता है। स्थानीय प्रशासन और SDRF की त्वरित कार्रवाई के बावजूद यह त्रासदी नहीं टल सकी।
उत्तराखंड में 2025 की चारधाम यात्रा की तारीखों का ऐलान हो गया है। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर में धार्मिक गुरुओं द्वारा पूजा-अर्चना के बाद यह निर्णय लिया गया।
. केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को सुबह 7 बजे भक्तों के लिए खोले जाएंगे।
. बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे।
. गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर खुलेंगे।
श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बुधवार को इस घोषणा की पुष्टि की। चारधाम यात्रा के अंतर्गत देश-विदेश के श्रद्धालु बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
इस साल भी भक्तों के बीच चारधाम यात्रा को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है, और उत्तराखंड सरकार यात्रा के सुचारू संचालन के लिए विशेष तैयारियां कर रही है।
योजना बनी, कागजों में अटकी – चारधाम बाईपास को कब मिलेगी रफ्तार..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा को सुगम बनाने और शहरों में यातायात का दबाव कम करने के लिए बाईपास योजनाएं बनाई गई हैं, पर यह योजनाएं सरकारी प्रक्रियाओं में फंसी हुई है। महत्वाकांक्षी ऋषिकेश बाईपास का खाका एक दशक से अधिक समय पहले खींचा गया, पर पर अभी तक वह धरातल पर नहीं उतर सका है।इसी तरह श्रीनगर, चंपावत, लोहाघाट, पिथौरागढ़ बाईपास का काम शुरू होने से पहले कई अनुमतियों का रास्ता तय करना बाकी है। वहीं चारधाम यात्रा के समय वाहनों का दबाव बढ़ता है, तो ऋषिकेश में जाम लग जाता है। ऐसे में यहां पर बाईपास की योजना करीब 12 साल पहले बनी। इसके बाद तकनीकी कारणों के चलते बात आगे नहीं बढ़ सकी।
पिछले साल 17 किमी बाईपास की डीपीआर को तैयार कर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजा गया है। मंत्रालय में इस पर स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी की बैठक होनी है, इसके बाद मंत्रालय से मोहर लगेगी। इसके बाद वन भूमि में काम करने के लिए वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होगी। वन भूमि मिलने के बाद ही काम शुरू हो सकेगा।
उत्तराखंड पीसीएस का नया पाठ्यक्रम जारी, अब मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू मिलकर होंगे 1650 अंक के..
उत्तराखंड: लोक सेवा आयोग ने उत्तराखंड पीसीएस प्री व मुख्य परीक्षा का विस्तृत अपडेट सिलेबस जारी कर दिया है। अभ्यर्थी इसी हिसाब से अपनी तैयारी को अंजाम दे सकते हैं। प्री परीक्षा 300 अंकों और मुख्य परीक्षा 1500 अंकों की होगी, जबकि 150 अंकों का इंटरव्यू होगा। आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक, प्री परीक्षा में पहला पेपर सामान्य अध्ययन का होगा, जिसमें 150 अंकों के 150 सवाल दो घंटे में हल करने होंगे। दूसरा पेपर सामान्य बुदि्धमत्ता परीक्षा का होगा, जिसमें 150 अंकों के 100 सवाल दो घंटे में हल करने होंगे। प्री परीक्षा में चार सवाल गलत होने पर एक अंक काट लिया जाएगा।
मुख्य परीक्षा में पहला पेपर सामान्य हिंदी का 150 अंकों का होगा। दूसरा पेपर निंबधन का 150 अंकों का होगा। तीसरा पेपर सामान्य अध्ययन-1(भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज), चौथा पेपर सामान्य अध्ययन-2(शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतरराष्ट्रीय संबंध), पांचवां पेपर सामान्य अध्ययन-3(प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन), छठा पेपर सामान्य अध्ययन-4(नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरूचि), सातवां पेपर सामान्य अध्ययन-5(उत्तराखंड राज्य की जानकारी), आठवां पेपर सामान्य अध्ययन-6(उत्तराखंड राज्य की जानकारी) का होगा। सामान्य अध्ययन के सभी पेपर 200-200 अंकों के होंगे। सभी को हल करने के लिए तीन-तीन घंटे का समय मिलेगा। इसके बाद 150 अंकों का इंटरव्यू होगा। आयोग ने वैसे पीसीएस मुख्य परीक्षा करा दी है। कुछ हिंदी-अंग्रेजी विवाद के कारण अब ये अपडेट सिलेबस जारी किया गया है। आयोग की वेबसाइट पर सभी प्रश्न पत्रों का हिंदी व अंग्रेजी वर्जन देखा जा सकता है। यह सिलेबस भविष्य की तैयारी के लिए बेहतर हो सकता है।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव किया जा रहा है। इस बार बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा के लिए पंजीकरण को आधार कार्ड से जोड़ना अनिवार्य किया जा रहा है। इसके लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से अनुमति मांगी गई है, जिससे इस प्रक्रिया को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
आधार से पंजीकरण लिंक होने का उद्देश्य
. सुरक्षा और व्यवस्था में सुधार: यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सही पहचान और सटीक आंकड़ों के लिए यह कदम उठाया गया है।
. आपात स्थिति में मददगार: यात्रियों का वास्तविक डेटा होने से किसी भी आपातकालीन स्थिति में उन्हें सहायता प्रदान करना आसान होगा।
. प्रवेश में पारदर्शिता: आधार कार्ड से लिंक होने पर ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण दोनों प्रक्रियाएं सरल हो जाएंगी।
पंजीकरण की प्रक्रिया और तारीखें
. यात्रा की शुरुआत: 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का शुभारंभ होगा।
. ऑनलाइन पंजीकरण: 11 मार्च से पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएंगे।
. पंजीकरण का अनुपात: इस बार 60% ऑनलाइन और 40% ऑफलाइन पंजीकरण का प्रावधान रखा गया है।
. ऑफलाइन पंजीकरण: यात्रा शुरू होने से 10 दिन पहले ऑफलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी।
पिछली यात्रा से सीखे गए सबक
. 2024 की चारधाम यात्रा में 46 लाख से अधिक श्रद्धालु देश-विदेश से पहुंचे थे।
. यात्रा के शुरुआती चरण में पंजीकरण प्रक्रिया में कई दिक्कतें सामने आई थीं, जिससे यात्रियों का शेड्यूल प्रभावित हुआ था।
. बड़ी संख्या में बिना पंजीकरण पहुंचे यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।
इस बार, इन समस्याओं से बचने के लिए प्रशासन ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
आधार लिंक से मिलेंगी ये सुविधाएं
. त्वरित पंजीकरण: ऑफलाइन पंजीकरण में चेहरा स्कैन होते ही पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
. यात्रियों की पहचान: यात्रियों की सटीक पहचान और आंकड़े आसानी से उपलब्ध होंगे।
. आपात स्थिति में सहायता: किसी भी आपदा या आपातकाल में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
प्रशासन की तैयारी और रणनीति
गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय के अनुसार, पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से यह पहल की जा रही है।
. पर्यटन विभाग की वेबसाइट को UIDAI की वेबसाइट से जोड़ने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
. अनुमति मिलने के बाद इस प्रक्रिया को लागू करने में लगभग एक माह का समय लग सकता है।
यात्रियों के लिए सुझाव
. आधार कार्ड साथ लाएं: यात्रा पर निकलने से पहले आधार कार्ड अवश्य रखें।
. ऑनलाइन पंजीकरण को प्राथमिकता दें: इससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
. सभी दिशानिर्देशों का पालन करें: प्रशासन द्वारा जारी सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
चारधाम यात्रा भारतीयों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। आधार कार्ड से जुड़ी इस नई व्यवस्था के बाद यात्रियों को अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और पारदर्शी अनुभव मिलेगा। आगामी 30 अप्रैल से शुरू हो रही इस पवित्र यात्रा के लिए सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे समय पर पंजीकरण कराएं और यात्रा का सुखद अनुभव प्राप्त करें।
उत्तराखंड में सहकारिता समितियों की चुनाव प्रक्रिया को नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। प्राधिकरण की सदस्य सचिव रमिन्द्री मन्द्रवाल ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किया है।
चुनाव प्रक्रिया पर लगा विराम
गौरतलब है कि सोमवार को राज्य के कई जिलों में सहकारी समितियों के चुनाव आयोजित किए गए थे। लेकिन अब हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पूरी चुनाव प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। कोर्ट के आगामी आदेशों के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट का आदेश: पुरानी नियमावली से ही होंगे चुनाव
नैनीताल हाईकोर्ट ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सहकारिता समितियों के चुनाव पुरानी नियमावली के अनुसार ही कराए जाएं। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की और सरकार के नए संशोधनों पर आपत्ति जताई।
मामले का पूरा विवरण
. सहकारी समिति ने एकलपीठ के आदेश को विशेष अपील के माध्यम से चुनौती दी थी।
. अपील में कहा गया था कि चुनाव के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए संशोधनों को लागू किया जाए।
. हालाँकि, याचिकाकर्ताओं (भुवन पोखरिया व अन्य) ने इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए मांग की थी कि चुनाव पूर्व के नियमों के अनुसार ही कराए जाएं।
नियम संशोधन पर विवाद
याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि राज्य सरकार ने चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के बाद नियमावली में संशोधन किया, जो प्रक्रियात्मक रूप से गलत है।
. चुनाव प्रक्रिया दिसंबर से शुरू हो चुकी थी, ऐसे में संशोधन करना नियम विरुद्ध माना जा रहा है।
. सरकार ने संशोधन के जरिए सेवानिवृत्त और समिति के गैर-सदस्यों को भी मतदान का अधिकार दे दिया, जो पूर्व के नियमों का उल्लंघन है।
पूर्व के नियमों के अनुसार, केवल वही लोग चुनाव में प्रतिभाग कर सकते हैं, जो तीन वर्षों से समिति के सदस्य हैं।
सरकार की आगे की रणनीति पर नजर
अब राज्य सरकार को हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए पुरानी नियमावली के अनुसार ही चुनाव संपन्न कराने होंगे। सहकारी समितियों के चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए प्रशासन को सभी जरूरी कदम उठाने होंगे। इस निर्णय से सहकारी समितियों के सदस्यों और चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने वाले उम्मीदवारों के बीच कानूनी स्थिति स्पष्ट होगी। साथ ही, राज्य सरकार को अपने संशोधन प्रस्तावों पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। भविष्य में हाईकोर्ट के अगले आदेश और सरकार की नई रणनीति पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।
देहरादून। महाकुंभ स्नान को लेकर दूनवासियों का जोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को देहरादून से आखिरी विशेष ट्रेन पूरी तरह भरी हुई प्रयागराज के लिए रवाना हुई। जनवरी और फरवरी में इस विशेष ट्रेन के कुल छह फेरे हुए, जिनमें अब तक पांच हजार से अधिक यात्री महाकुंभ पहुंचकर आस्था की डुबकी लगा चुके हैं।
स्टेशन परिसर में आरपीएफ, जीआरपी के सुरक्षाकर्मी और टिकट चेकर चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे। यात्रियों को लाउड हेलर से निर्देशित किया गया ताकि भीड़ न जुटे और सभी यात्री सुविधा के साथ ट्रेन में चढ़ सकें।
विशेष ट्रेन के छह फेरे पूरे, रविवार को हुआ संचालन बंद
महाकुंभ मेले की शुरुआत में उत्तर रेलवे मुरादाबाद मंडल ने देहरादून से प्रयागराज के बीच छह फेरों की विशेष ट्रेन चलाई थी। 18 जनवरी को पहले फेरे में 492, 21 जनवरी को दूसरे फेरे में 478 से अधिक यात्री ट्रेन में सवार हुए।
24 जनवरी को तीसरे फेरे में 988 यात्रियों के साथ ट्रेन पैक होकर रवाना हुई। पांचवें और छठे फेरे में भी ट्रेन में जगह नहीं बची। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, रविवार से इस विशेष ट्रेन का संचालन बंद हो गया। अब ट्रेन सोमवार को प्रयागराज के फाफामऊ स्टेशन से सुबह 6:30 बजे चलकर रात 9:30 बजे दून पहुंचेगी।
यात्रियों की सुविधाओं का रखा जा रहा विशेष ध्यान
स्टेशन अधीक्षक रविंद्र कुमार ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेन की पूरी निगरानी की जा रही है। सभी यात्रियों का खास ध्यान रखा जा रहा है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
लिंक एक्सप्रेस चार घंटे देरी से पहुंची
रविवार को प्रयागराज के सुबेदारगंज स्टेशन से देहरादून आने वाली लिंक एक्सप्रेस (14113) करीब चार घंटे की देरी से पहुंची। ट्रेन सुबेदारगंज से 14 मिनट देरी से चली और फतेहपुर रेलवे स्टेशन के पास काफी देर तक खड़ी रही, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।