गुरुवार को सरकार को दस्तावेजों के साथ कोर्ट में पेश होना जरूरी
पंचायतीराज अधिनियम की धारा 126 के उल्लंघन पर कोर्ट ने जताई चिंता
नैनीताल। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति अब भी बनी हुई है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि चुनाव को टालने की उसकी कोई मंशा नहीं है, लेकिन इससे पहले सरकार को पंचायत चुनाव से जुड़ी आरक्षण संबंधी विसंगतियों को दुरुस्त करना होगा।
बुधवार को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पंचायत चुनाव में आरक्षण व्यवस्था को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार से गुरुवार को सभी संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही पंचायत वार आरक्षण के नक्शे और नियमावली में हुए संशोधनों का स्पष्टीकरण भी मांगा है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि बागेश्वर जिले में रोस्टर प्रणाली के उल्लंघन से जुड़ी याचिका ने अन्य गंभीर त्रुटियों को भी उजागर किया है। न्यायालय ने संकेत दिया कि यदि किसी क्षेत्र में आरक्षण प्रक्रिया में गंभीर गलती हुई है, तो वह पूरे चुनाव को प्रभावित कर सकती है।
वहीं, राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने चुनाव पर रोक हटाने की अपील करते हुए प्रशासनिक तैयारी और संसाधनों के व्यय का हवाला दिया, लेकिन कोर्ट ने तथ्यों के साथ प्रस्तुत होने को कहा।
फिलहाल, हाईकोर्ट की सख्ती ने राज्य सरकार को एक और अवसर दिया है कि वह गुरुवार को आवश्यक दस्तावेजों के साथ अदालत को संतुष्ट करे। यदि सरकार ऐसा करने में सफल होती है, तो पंचायत चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है — अन्यथा शासन और नौकरशाही को कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि पंचायत राज अधिनियम की धारा 126 के अनुसार आरक्षण और सीटों के आबंटन के लिए स्पष्ट नियमावली बनाकर उसे अधिसूचित किया जाना था, लेकिन सरकार ने इसकी जगह केवल शासनादेश जारी कर प्रक्रिया पूरी मान ली — जिसे कोर्ट ने सवालों के घेरे में बताया है।
हरिद्वार ने जीती राज्य स्तरीय अंडर 17 बालक हॉकी प्रतियोगिता
खेल मंत्री रेखा आर्या ने विजेता खिलाड़ियों को किया सम्मानित
हल्द्वानी। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस के उपलक्ष में आयोजित राज्य स्तरीय अंडर 17 बालक हॉकी प्रतियोगिता हरिद्वार ने जीत ली है। बुधवार को खेल मंत्री रेखा आर्या ने हल्द्वानी स्पोर्ट्स स्टेडियम में विजेताओं को सम्मानित किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि पहले खेल को उपेक्षा की नजर से देखा जाता था लेकिन अब युवा बड़ी संख्या में इसे करियर विकल्प के रूप में चुन रहे हैं। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी, खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, नौकरियों में पदक विजेताओं को 4% आरक्षण जैसी योजनाओं के जरिए खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का काम किया है।
खेल मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को सैन्य भूमि के साथ खेल भूमि बनाने की दिशा में सरकार ने जरूरी बुनियादी काम कर दिए हैं और अब इस लक्ष्य को प्राप्त करने की जिम्मेदारी खिलाड़ियों के युवा कंधों को उठानी होगी।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने प्रतियोगिता में पहले तीन स्थानों पर रही टीमों हरिद्वार, पिथौरागढ़ और टनकपुर के खिलाड़ियों को ट्रॉफी एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष प्रताप बिष्ट, मंडल अध्यक्ष मधुकर श्रोतिय, दर्जा धारी राज्य मंत्री नवीन वर्मा, सुरेश पांडे, हरीश मनराल, रविन्द्र वाली, हेम पाण्डेय, राहुल आर्य, रेवाधर बृजवासी आदि उपस्थित रहे।
2043 शिक्षकों को मिल सकती है प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी
देहरादून। उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर कैडर पुनर्गठन की तैयारी चल रही है। जूनियर हाईस्कूलों में कार्यरत 9512 शिक्षकों को अब सहायक अध्यापक एलटी (TGT) के पदों में समायोजित किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है।
शिक्षा विभाग ने प्रदेश में केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर त्रिस्तरीय पीआरटी, टीजीटी और पीजीटी व्यवस्था लागू करने का खाका तैयार किया है। प्रस्ताव के अनुसार, जूनियर हाईस्कूल में कार्यरत कुल 11,555 सहायक अध्यापकों में से 2043 को प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के पद पर, जबकि शेष 9512 को एलटी ग्रेड (TGT) में समायोजित किया जाएगा। इसके लिए शिक्षकों से विकल्प भी लिए जाएंगे।
इसी तरह, जूनियर हाईस्कूलों के 1998 प्रधानाध्यापकों में से 955 को प्राथमिक विद्यालयों में वरिष्ठ प्रधानाध्यापक और 1043 को माध्यमिक विद्यालयों में पीजीटी के रूप में समायोजित करने का प्रस्ताव है। शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे शैक्षिक ढांचे में अनुशासन और दक्षता बढ़ेगी।
भविष्य में इन पदों पर सीधी नियुक्ति या पदोन्नति नहीं की जाएगी। विकासखंड और संकुल मुख्यालयों के प्राथमिक विद्यालयों तथा आदर्श प्राथमिक विद्यालयों में वरिष्ठ प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी।
अपर शिक्षा निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, पदमेंद्र सकलानी ने बताया कि प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है और त्रिस्तरीय कैडर व्यवस्था को शीघ्र लागू करने की योजना है।
कोरोनेशन अस्पताल में स्टाफ के लिए शुरू हुई स्मार्ट पार्किंग सुविधा
मुख्यमंत्री के विजन को ज़मीन पर उतार रहा जिला प्रशासन
देहरादून। जिला प्रशासन द्वारा शहर की ट्रैफिक समस्या को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल पर देहरादून में आधुनिक ऑटोमेटेड मैकेनिकल पार्किंग योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है। जल्द ही इन पार्किंग स्थलों का लोकार्पण मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किया जाएगा।
योजना के पहले चरण में जिला चिकित्सालय कोरोनेशन, तिब्बती मार्केट और परेड ग्राउंड में पार्किंग सुविधाएं तैयार की गई हैं। ये पार्किंग अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं और बेहद सीमित स्थान में अधिकतम वाहनों के लिए सुविधा उपलब्ध कराती हैं। कोरोनेशन अस्पताल की स्टाफ पार्किंग के लिए संचालन हेतु तकनीकी ऑपरेटर भी तैनात कर दिया गया है, जो फिलहाल सफलतापूर्वक पार्किंग चला रहा है।
पार्किंग की क्षमता इस प्रकार है:
परेड ग्राउंड: 96 वाहन
तिब्बती मार्केट: 132 वाहन
कोरोनेशन अस्पताल: 18 वाहन
इन तीनों पार्किंग स्थलों को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि आवश्यकता पड़ने पर इन्हें अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जा सकता है। कोरोनेशन अस्पताल में यह सुविधा डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ के लिए उपलब्ध है, जिससे मरीजों और तीमारदारों के लिए सामान्य पार्किंग की जगह बढ़ गई है। साथ ही भू-पार्किंग की क्षमता में भी इजाफा हुआ है।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि यह पहल मुख्यमंत्री के आधुनिक उत्तराखण्ड के विजन को साकार करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। इन पार्किंग स्थलों के सुचारु संचालन के लिए दो कुशल तकनीकी ऑपरेटरों की तैनाती की गई है और इनके लिए बीमा कवरेज भी जिला योजना से उपलब्ध कराया जाएगा।
ऑटोमेटेड पार्किंग से उम्मीदें:
ट्रैफिक जाम में राहत
सीमित स्थान में अधिक वाहनों की सुविधा
सार्वजनिक स्थलों पर पार्किंग व्यवस्था में सुधार
यातायात दबाव में कमी
जिला प्रशासन का यह नवाचार देहरादून की यातायात व्यवस्था को एक नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है। इस मॉडल को शहर के अन्य हिस्सों में भी दोहराने की संभावना पर विचार किया जा रहा है।
रात के अंधेरे में हुआ हमला, घायल बच्चा एम्स ऋषिकेश में भर्ती
प्रतापनगर। टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लॉक में मानव और वन्यजीव संघर्ष की एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मां ने अपने छोटे बेटे को गुलदार के हमले से बचाकर अदम्य साहस का परिचय दिया।
टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लॉक स्थित ओनाल गांव में सोमवार रात एक गुलदार आंगन में खेल रहे चार वर्षीय बालक गणेश पर झपट पड़ा। लेकिन उसकी मां अंगूरी देवी ने हिम्मत दिखाई और गुलदार से भिड़कर बेटे की जान बचा ली। हमले में बच्चे के सिर और कान पर गंभीर चोटें आईं, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद ऋषिकेश एम्स रेफर किया गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में लगातार गुलदार की गतिविधियां बढ़ रही हैं, जिससे दहशत का माहौल है। पूर्व ग्राम प्रधान दलवीर सिंह राणा ने बताया कि हमले के समय मां-बेटा आंगन में थे, तभी झाड़ियों में घात लगाए गुलदार ने हमला कर दिया।
शोर मचाने पर गुलदार भाग गया। वन विभाग ने मौके पर टीम भेजी है और जल्द ही ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे। रेंजर हर्षराम उनियाल ने बताया कि पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जा रही है। ग्रामीणों से अपील की गई है कि बच्चों को अकेले न छोड़ा जाए।
मंडी समिति गेट के पास हुआ हादसा, दो लोग गंभीर रूप से घायल
हल्द्वानी। उत्तराखंड के किच्छा में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। सुशीला तिवारी अस्पताल से डिलीवरी के बाद घर लौट रहा एक परिवार उस समय हादसे का शिकार हो गया जब उनकी कार मंडी समिति गेट के सामने नहर में जा गिरी। हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
कार में सवार महिला किसी तरह जान बचाने में सफल रही, लेकिन उसका तीन दिन पहले जन्मा नवजात इस हादसे में नहीं बच सका। महिला के पति की भी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद तुरंत फायर स्टेशन की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाया। बचाव कार्य के दौरान एक फायर कर्मी बहाव में बह गया, लेकिन उसने कार चालक को बचाते हुए खुद भी सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाबी पाई।
देहरादून। उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के चलते चारधाम यात्रा एक बार फिर प्रभावित हो गई है। चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे पर भूस्खलन के कारण यात्रा स्थगित कर दी गई है, वहीं केदारनाथ में भी तेज बारिश के कारण यात्रियों को रोका गया है।
चमोली जिले के गोपेश्वर के समीप बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिनौला के पास चट्टानों से भारी बोल्डर गिरने से हाईवे अवरुद्ध हो गया है। इससे बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की ओर जा रहे श्रद्धालुओं को बीच रास्ते में ही रोकना पड़ा है। बताया गया कि ज्योतिर्मठ क्षेत्र में रातभर हुई बारिश के कारण चट्टानों से पत्थर खिसककर सड़क पर आ गिरे।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की टीम मौके पर पहुंच गई है और मार्ग को खोलने का प्रयास किया जा रहा है। तीर्थयात्रियों के वाहनों को फिलहाल हाईवे के दोनों ओर रोका गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मार्ग साफ होते ही वाहनों को आगे भेजा जाएगा।
उधर, केदारनाथ में भी मौसम ने तीर्थयात्रियों की परीक्षा लेनी शुरू कर दी है। मंगलवार रात से लगातार तेज बारिश हो रही है, जिसके चलते सोनप्रयाग में यात्रियों को रोका गया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि सभी पैदल मार्गों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तराखंड के हित में अनेक नीतिगत प्रावधानों में शिथिलता देने का किया आग्रह
राज्य में उच्च स्तरीय ग्लेशियर अध्ययन केंद्र, जैव विविधता संरक्षण संस्थान तथा अंतर्राष्ट्रीय साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए भी केंद्र से सहयोग मांगा
नंदा राजजात यात्रा और कुम्भ मेला के भव्य आयोजन हेतु केंद्र सरकार से सहयोग का आग्रह
वाराणसी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को वाराणसी में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में प्रतिभाग किया। बैठक में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं मंत्रीगण उपस्थित थे।
मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगा उत्तराखण्ड राज्य सामरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके दृष्टिगत राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क, संचार, सुरक्षा एवं रसद आपूर्ति की समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराना आवश्यक है। उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री से आग्रह किया कि सीमा सड़क संगठन के माध्यम से उत्तराखण्ड को और अधिक सहायता प्रदान की जाए। वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के सीमावर्ती गाँवों में सुविधाओं का विकास किया जाए जिससे वहां हो रहे पलायन को रोकने में सहायता मिल सके। उन्होंने सीमांत क्षेत्रों में संचार सुविधाओं के विकास के लिए भारत नेट योजना, 4-जी विस्तार परियोजना तथा उपग्रह आधारित संचार सेवाएं प्रारंभ करने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने बैठक में उत्तराखंड राज्य के हित में केंद्र सरकार से कुछ नीतिगत प्रावधानों में शिथिलता प्रदान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के केंद्रीय अनुदान का आवंटन एकमुश्त किये जाने, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कुशल संचालन हेतु अतिरिक्त सहयोग प्रदान करने, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अध्ययन के लिए राज्य में एक उच्चस्तरीय ग्लेशियर अध्ययन केंद्र की स्थापना किये जाने और जैव विविधता संरक्षण संस्था की स्थापना के लिए भी केंद्र से तकनीकी सहयोग की मांग की। मुख्यमंत्री ने राज्य में साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए सहयोग मांगा। उन्होंने उत्तराखण्ड में वर्ष 2026 में नंदा राजजात यात्रा और 2027 में कुम्भ मेले के सफल एवं भव्य आयोजन हेतु केंद्र सरकार से आवश्यक सहयोग प्रदान करने का भी आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत पर्वतीय भू-भाग वाले उत्तराखण्ड राज्य का 71 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है। राज्य की जटिल भौगोलिक परिस्थिति तथा विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य की आर्थिक गतिविधियाँ सीमित हैं। इन प्रतिकूल परिस्थितियों एवं सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य की अर्थव्यवस्था में लगभग डेढ़ गुना की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी रैंकिंग में उत्तराखण्ड ने प्रथम स्थान प्राप्त करने के साथ ही इस वर्ष जारी केयर एज रेटिंग रिपोर्ट में सुशासन एवं वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में छोटे राज्यों की श्रेणी में भी उत्तराखण्ड को दूसरा स्थान मिला है। राज्य में समान नागरिक संहिता, सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगारोधी कानून, भू-कानून बनाकर उत्तराखण्ड को समरस एवं सुरक्षित राज्य बनाने हेतु कार्य किये जा रहे हैं। वोकल फॉर लोकल, विरासत एवं संस्कृति, शिक्षा एवं कौशल, सहभागिता तथा आत्मनिर्भरता के सूत्रों को आत्मसात करते हुए प्रदेश के लगभग तीन लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार के विभिन्न माध्यमों से जोड़ने की महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित की गई है। उत्तराखंड को आयुष तथा वेलनेस हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य में देश की पहली ’’योग नीति’’ का शुभारंभ भी किया गया है। राज्य में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना करने का निर्णय भी लिया गया है। इन प्रयासों और राज्य सरकार की प्रतिबद्धताओं को सफलतापूर्वक धरातल पर उतारने में केन्द्र सरकार द्वारा भरपूर समर्थन और सहयोग मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद की विगत वर्षों की बैठकों में अनेकों महत्वपूर्ण नीतिगत एवं अंतर्राज्यीय विषयों के समाधान का मार्ग प्रशस्त हुआ है। देश में सहकारिता, सुरक्षा और क्षेत्रीय समन्वय के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व और गृह मंत्री के प्रयासों से भारत आंतरिक रूप से कहीं अधिक सुरक्षित, संगठित और आत्मविश्वास से परिपूर्ण होकर विकसित एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर हुआ है।
युवाओं और वेटरन खिलाड़ियों के लिए शुरू हुई नियमित प्रैक्टिस
कोर्ट में स्थापित की गई 6 टेबल, कराए जा सकेंगे कंपटीशन
देहरादून। खेल मंत्री रेखा आर्या ने परेड ग्राउंड स्थित ऑडिटोरियम में अत्याधुनिक टेबल टेनिस कोर्ट परिसर का उद्घाटन किया। इस सुविधा की शुरुआत खेल विभाग और वेटरन टेबल टेनिस खिलाड़ियों के सहयोग से की गई है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि देहरादून के टेबल टेनिस खिलाड़ियों को अब अपना अभ्यास नियमित रूप से करने और प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त परिसर मिल गया है।
रेखा आर्या ने कहा कि इस सुविधा के बाद टेबल टेनिस में हमारे यहां से और ज्यादा खिलाड़ी निखर कर सामने आएंगे और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा।
पहले यह हाल बैडमिंटन कोर्ट था लेकिन बाद में बैडमिंटन को नए मल्टीपरपज हॉल में शिफ्ट कर दिया गया था। खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि इसके बाद खेल विभाग ने इस हाल को जूडो और टेबल टेनिस के लिए तैयार करने का फैसला किया। अब यहां जूडो के साथ-साथ टेबल टेनिस की 6 टेबल स्थापित कर दी गई है। इन टेबल्स पर प्रैक्टिस के लिए अक्सर सुबह के समय वेटरन खिलाड़ी और शाम के समय बच्चे और युवा अभ्यास करते हैं।
इस अवसर पर प्रभारी जिला खेल अधिकारी रविंद्र भंडारी, गिरीश छाबड़ा, प्रीति छाबड़ा, देवेंद्र कांडपाल, विजय कुमार अग्रवाल, अंजलि अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
हाईकोर्ट ने स्टे वेकेशन पर सुनवाई के लिए तय किया बुधवार का दिन
नैनीताल – उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर लगी रोक फिलहाल जारी रहेगी। उच्च न्यायालय ने इस संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए बुधवार की दोपहर का समय तय किया है। मामले में स्टे वेकेशन सहित अन्य पहलुओं पर भी सुनवाई की जाएगी।
मंगलवार को राज्य सरकार ने यह मामला मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के समक्ष मेंशन किया, जिसके बाद अदालत ने सभी याचिकाओं को तलब करते हुए अगली सुनवाई बुधवार को निर्धारित की है।
दरअसल, बागेश्वर निवासी गणेश दत्त कांडपाल और अन्य याचिकाकर्ताओं ने अदालत में याचिका दायर कर आपत्ति जताई है कि राज्य सरकार ने 9 जून 2025 को पंचायत चुनाव के लिए नई नियमावली जारी की है। इसके बाद 11 जून को एक और आदेश जारी कर पहले से लागू आरक्षण रोटेशन को समाप्त कर दिया गया और इस वर्ष से नया रोटेशन लागू करने का निर्णय लिया गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह निर्णय हाईकोर्ट के पूर्ववर्ती निर्देशों के विरुद्ध है।