राजदरबार में बद्रीनाथ के अभिषेक के लिए पिरोया गया तिल का तेल, रवाना हुई गाडू घड़ा यात्रा..
उत्तराखंड: बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 12 मई को खोल दिए जाएंगे। गुरुवार को भगवान बद्रीनाथ के अभिषेक के लिए राजदरबार में तिल का तेल पिरोया गया। बता दें आज गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा नरेंद्रनगर राजदरबार से रवाना होगी। नरेंद्रनगर राजमहल में महारानी माला राजलक्ष्मी शाह के नेतृत्व में नगर की सुहागिन महिलाओं के द्वारा तिल का तेल पिरोया गया। जिसके बाद शाम छह बजे राजदरबार से गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा ऋषिकेश के लिए रवाना हुई। भगवान बद्रीनाथ के अभिषेक के उपयोग में लाया जाने वाला तिल का तेल नरेंद्रनगर राजदरबार में पिरोया जाता है। इसके बाद तेल को गाड़ू घड़ा में डाला जाता है।
कल शाम राजदरबार से गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा का शुभारंभ किया गया। विभिन्न पड़ावों से होते हुए 28 अप्रैल को यात्रा डिम्मर गांव पहुंचेगी। सात मई तक गाडूघड़ा तेल कलश लक्ष्मी नारायण मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा। 8 मई को यात्रा सिमली, कर्णप्रयाग होते हुए पाखी गांव पहुंचेगी। 9 को नृसिंह मंदिर जोशीमठ और 10 को यात्रा आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, बद्रीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी), धर्माधिकारी व वेदपाठियों के साथ रात्रि प्रवास के लिए योगध्यान मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगी। 11 को महाभिषेक व बाल भोग के बाद यात्रा बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी और 12 मई को विधि-विधान के साथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
चारधाम यात्रा- स्वास्थ्य विभाग ने 11 भाषाओं में जारी की SOP..
उत्तराखंड: शासन ने चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच को मानक प्रचालन कार्यविधि जारी कर दी है। इसके अंतर्गत यात्रियों को यात्रा पर आने से पहले और यात्रा के दौरान उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी दी गई है। इस बार यात्रा मार्ग पर 50 स्थानों पर स्वास्थ्य केंद्र बनाए जा रहे हैं। यहां पर यात्रियों की उच्च रक्तचाप व मधुमेह समेत 28 मानकों पर जांच की जाएगी।
सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार का कहना हैं कि यात्रा के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पर्यटन विभाग की वेबसाइट क्रियाशील हो गई है। इसमें स्वास्थ्य संबंधी एक कालम भी रखा गया है। इसमें यात्री अपने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भरेंगे, जो उन्हें जरूरत के समय उपचार उपलब्ध कराने में मदद करेगी। सचिव स्वास्थ्य का कहना हैं कि चारधाम यात्रा के लिए मानक प्रचालन कार्यविधि 11 भाषाओं में तैयार की गई है। इसे हिंदी व अंग्रेजी के साथ ही गुजराती, मराठी, तेलगु समेत नौ भाषाओं में तैयार कर संबंधित राज्यों को भेजा गया है। चारधाम में बनाए बनाए जाने वाले स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक व स्वास्थ्य कार्मिकों के साथ ही स्वास्थ्य मित्रों की तैनाती भी की जाएगी। यहां दवा व आक्सीजन सिलिंडर समेत सभी जरूरी उपकरण रखे जाएंगे। स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों के साथ ही छह से अधिक प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी तैनात किए गए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ही एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती की गई है।
हेल्थ एटीएम की भी की जाएगी स्थापना..
सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि यात्रा मार्गों पर हेल्थ एटीएम भी लगाए जा रहे हैं। यहां ब्लड प्रेशर, शुगर, वजन, लंबाई, शरीर का तापमान, शरीर में आक्सीजन आदि की जांच की जाएगी। इसमें काम करने वाले तकनीकी स्टाफ को पूरा प्रशिक्षण दिया गया है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं के लिए टेलीमेडिसन की भी सुविधा रखी गई है। इनके द्वारा किसी भी प्रकार की गंभीर स्थिति में 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह प्राप्त की जा सकती है। चारधाम यात्रा में उत्तराखंड के साथ ही दूसरे राज्यों के चिकित्सक भी अपनी सेवाएं देने के इच्छुक रहते हैं। ऐसे में सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को पत्र लिखकर चारधाम यात्रा की अवधि में कार्य करने के इच्छुक चिकित्सकों की जानकारी मांगी गई है।
बद्रीनाथ-केदारनाथ जिला चिकित्सालयों के लिए उपकरणों की खरीद शुरू..
सचिव स्वास्थ्य का कहना हैं कि बद्रीनाथ व केदारनाथ धाम में स्थापित चिकित्सालयों के लिए उपकरणों की खरीद शुरू कर दी गई है। जल्द ही उपकरण चिकित्सालयों में पहुंच जाएंगे। इससे इस वर्ष इन दोनों धामों में श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मानक प्रचालन कार्यविधि में यात्रियों को कहा गया है कि वे कम से कम सात दिन के लिए चारधाम यात्रा की योजना बनाएं। केदारनाथ व यमुनोत्री में पैदल चलते समय एक से दो घंटे बाद पांच से 10 मिनट तक विश्राम करें। यात्रा के लिए गरम कपड़े, बारिश से बचाव के लिए रेनकोट, छाता, स्वास्थ्य जांच के लिए पल्स आक्सीमीटर व थर्मामीटर साथ रखें। हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह से ग्रसित यात्री जरूरी दवा एवं नंबर साथ रखें। सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर आने अथवा उल्टी आने पर नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार लें।
हेमकुंड साहिब यात्रा- आज से शुरू हुआ बर्फ हटाने का कार्य, अभी जमी हुई है 10 फीट बर्फ..
उत्तराखंड: लोकपाल लक्ष्मण मंदिर व हेमकुंड साहिब यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। हेमकुंड साहिब में 10 फिट से अधिक बर्फ जमी हुई है। सेना व गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने 20 अप्रैल यानी आज से बर्फ हटाने की रणनीति तय की है। हेमकुंड सरोवर भी बर्फ से दबा हुआ है। हेमकुंड साहिब से तीन किमी पहले अटलाकोटी हिमखंड से आगे रास्ता पूरी तरह बर्फ से दबा हुआ है। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट व सेना की इंजीनियरिंग कोर के अधिकारियों के बीच बैठक हुई थी। जिसमें निर्णय लिया गया था कि आज से हेमकुंड साहिब से बर्फ हटाने का कार्य किया जाएगा।
आपको बता दे कि हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य सेना पहले 15 अप्रैल तक शुरू कर देती थी। इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान के चलते इसे पीछे खिसकाया गया है। गुरुद्वारा के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह का कहना हैं कि सेना व सेवादार पहले हेमकुंड तक पैदल जाने का रास्ता बनाएंगे। फिर अटलाकोटी हिमखंड को काटने के साथ हेमकुंड में बर्फ हटाई जाएगी।
तोताघाटी में आवाजाही शुरू, अब बगवान में बंद हुआ हाईवे,
Landslide in Uttarakhand :बदरीनाथ हाईवे पर 20 भूस्खलन और 11 भूधंसाव जोन सक्रिय हो गए है। कई पुराने भूस्खलन जोन भी सक्रिय हुए हैं। इससे वाहनों की आवाजाही खतरनाक बनी हुई है। आज शनिवार को ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे एक बार फिर तोताघाटी के पास बाधित हो गया। ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया है।
लगातार बारिश के चलते हो रहे भूस्खलन से पहाड़ों पर दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं। यात्रियों सहित स्थानीय लोगों को भी सड़कें और हाईवे बंद होने से परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है।भूस्खलन के कारण शनिवार को ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे एक बार फिर तोताघाटी के पास बाधित हो गया। ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया।
इसके बाद तोता घाटी में अपराहन 12:30 ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग वाहनों के आवागमन के लिए खोला जा सका। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि अपराह्न 1 बजे लगभग ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे बगवान के समीप बाधित हो गया है। पहाड़ी से हाईवे पर मलबा गिरा है।
ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर तोता घाटी के समीप भूस्खलन के बाद ऋषिकेश से श्रीनगर की ओर जाने वाले वाहनों को अन्य वैकल्पिक मार्गो से डायवर्ट किया गया है। पुलिस के मुताबिक तोता घाटी के समीप देर रात भारी मात्रा में बोल्डर मार्ग पर आ गए हैं, जिससे पूरा मार्ग बंद हो गया था।
येलो अलर्ट के बीच मसूरी में मूसलाधार बारिश, जानें अगले दो दिन कैसा रहेगा मौसम
अगले सप्ताह के बाद फिर से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। 22 अगस्त के बाद प्रदेश के अधिकतर इलाकों में भारी बारिश की संभावना है।
उत्तराखंड में शुक्रवार को भारी बारिश होने के आसार हैं। मौसम विभाग ने प्रदेशभर में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, देर शाम मसूरी में मूसलाधार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
वहीं, शनिवार को कुछ जिलों में मौसम साफ रहने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा, अगले दो दिन बारिश से थोड़ी राहत के आसार हैं। अगले सप्ताह के बाद फिर से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। 22 अगस्त के बाद प्रदेश के अधिकतर इलाकों में भारी बारिश की आशंका है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के देहरादून और बागेश्वर जिले में अब तक सबसे अधिक बारिश हुई है। दून में 1608.1 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य 56 फीसदी अधिक है। बागेश्वर जिले में सामान्य से 174 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। जिले में अब तक 1561.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई। हरिद्वार में सामान्य से 80 प्रतिशत बारिश रिकॉर्ड की गई। अब तक जिले में 1236 मिमी बारिश हो चुकी है।
भारत-बांग्लादेश बस सेवा दो साल बाद फिर शुरू..
देश-विदेश: कोरोना महामारी के कारण भारत और बांग्लादेश के बीच दो साल से बंद पड़ी बस सेवा आज से फिर शुरू हो गई। ढाका-कोलकाता-ढाका बस को ढाका में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इससे पहले 29 मई को दोनों देशों के बीच रेल सेवा फिर से शुरू की गई थी। ट्रेन सेवा मार्च 2020 से कोरोना 19 के चलते निलंबित कर दी गई थी। भारत और बांग्लादेश के बीच दो ट्रेनें चलती हैं। एक बंधन एक्सप्रेस कोलकाता और खुलना के बीच तो दूसरी मैत्री एक्सप्रेस कोलकाता को ढाका से जोड़ती है।
बस सेवा पुन: शुरू होने के मौके पर ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया ‘भारत-बांग्लादेश क्रॉस-बॉर्डर बस सेवाओं की बहाली हो गई है। अगरतला-अखौरा और हरिदासपुर-बेनापोल के माध्यम से भारत-बांग्लादेश बस सेवाएं फिर से शुरू हुईं। ढाका-कोलकाता-ढाका बस को आज सुबह ढाका में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इसका मकसद सस्ती और जन-केंद्रित आवाजाही को बढ़ावा देना है।
आपको बता दे कि बांग्लादेश रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीआरटीसी) के अध्यक्ष ताज़ुल इस्लाम ने गुरुवार को बस फिर शुरू किए जाने की पुष्टि की थी। पहली बस ढाका की मोतीझील से शुक्रवार सुबह 7:00 बजे रवाना होगी। बीआरटीसी के अधिकारी का कहना हैं कि पांचवें रूट से बस संचालन शुरू करने पर भी चर्चा चल रही है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विस्तार हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में धार्मिक एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कोविड के कारण पर्यटन गतिविधियों में जरूर कमी आई है। मगर स्थिति सामान्य होने पर पर्यटन की स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रत्येक जनपद में थीम आधारित पर्यटन स्थल विकसित किये जा रहे हैं। पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें उत्तराखंड में रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रविवार को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विभिन्न जैव विविधताओं वाला राज्य है। बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाएं, बुग्याल, विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु एवं अच्छा मानव संसाधन देवभूमि उत्तराखण्ड की ओर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी जनपद में स्नो लेपर्ड पार्क बनाया जा रहा है। प्रदेश में पर्यटन पर आधारित गतिविधियां पूरे साल हो, इसके लिए सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। क्याकिंग, राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों के लिए उत्तराखण्ड में अनुकूल वातावरण है।
उन्होंने कहा कि राज्य में होम स्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है। अभी 2200 से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, पौड़ी में काफी अच्छे होम स्टे बनाये गये हैं। होम स्टे के प्रति लोगों का रूझान भी बढ़ा है। होम स्टे पर्यटकों को आकर्षित तो करता ही है। साथ ही यहां के लोगों के लिए रोजगार के भी अच्छे अवसर उपलब्ध करा रहा है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का उत्तराखण्ड की जीडीपी में अहम योगदान रहा है। हम पर्यावरण हित पर्यटन की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। पर्यटन एवं तीर्थाटन के माध्यम से स्थानीय लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। हमारा प्रयास आपदा को अवसर में बदलने का है। विश्व पर्यटन की इस वर्ष की थीम ‘पर्यटन और ग्रामीण विकास है’। ग्रामीण विकास के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। आने वाले दिनों में हमारे समग्र प्रयास से फिर उत्तराखण्ड की तस्वीर बदलेगी, पर्यटन गतिविधियों से लोगों की आजीविका में सुधार होगा।
वेबिनार में फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, मनीषा पाण्डे, डॉ. शिवम मणि, मनदीप सिंह, धनुष सिंह आदि पर्यटन गतिविधियों से जुड़े जानकारों ने अपने सुझाव दिये।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं वन मंत्री डॉ. हरक सिह रावत ने राजधानी देहरादून के झाझरा वन रेंज परिसर में उत्तराखण्ड सिटी फॉरेस्ट ‘आनन्द वन’ का लोकापर्ण किया। इस पार्क में प्रदेश की विभिन्न प्रजातियों के जीव-जन्तुओं एवं प्राकृतिक दृश्यों को प्रतिकृतियों के माध्यम से दिखाया गया और उनके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। नेचर एजुकेशन सेंटर के रूप में विकसित किए गए इस फारेस्ट सेंटर को नवरात्रि में आम जन के लिए खोला जायेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि वन विभाग द्वारा प्रकृति से छेड़छाड़ किए बिना सिटी फॉरेस्ट तैयार किया गया है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें केवल प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया गया है। आनन्द वन में उत्तराखण्ड की उपकृति को दिखाने का अच्छा प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की संस्कृति ग्राम की जो परिकल्पना है, उसकी झलक भी लोगों को यहां पर देखने को मिलेगी। इससे लोगों को उत्तराखण्ड की संस्कृति, शिल्प, देवस्थानों एवं परम्पराओं के बारे में भी जानकारी मिलेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सिटी पार्क पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण का केन्द्र बनेगा। उन्होंने बताया कि एक सिटी फॉरेस्ट हल्द्वानी में विकसित किया जा रहा है।
वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि यह सिटी फॉरेस्ट वन विभाग द्वारा समाज को एक धरोहर के रूप में सौंपा जा रहा। हल्द्वानी और ऋषिकेश में भी थीम बेस्ड सिटी पार्क बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने वन विभाग को 10 हजार लोगों को रोजगार का जो लक्ष्य दिया गया है, वह पूरा किया जाएगा। इस वर्ष कैम्पा के माध्यम से 400 करोड़ रूपये के कार्य किये जाएंगे। जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। भारत सरकार के सहयोग से देहरादून एवं कोटद्वार में नगर वन और अनेक विकास खण्डों में ‘नेचर वन’ बनाने की योजना बनाई गई है।
स्थानीय विधायक सहदेव पुण्डीर ने कहा कि झाझरा में सिटी फॉरेस्ट बनने से क्षेत्र में पर्यटन की गतिविधियां बढ़ेंगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने कहा कि इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगभग सवा तीन साल लगे। इस अवसर पर वन विकास निगम के अध्यक्ष सुरेश परिहार, मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक, साधना जयराज आदि अधिकारी उपस्थित थे।
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा ‘देखो अपना देश’ के तहत आयोजित वेबिनार की श्रृंखला में “प्रमोटिंग डेस्टिनैशन विद ऑथेन्टकैटड क्विज़ीन” विषय पर उत्तराखंड, पंजाब व दिल्ली के पारंपरिक व्यंजनों की प्रस्तुति दी गई। वेबिनार में भारत को विभिन्न व्यंजनों की भूमि के रूप में पेश किया गया। कहा गया कि प्रत्येक राज्य, क्षेत्र और इलाके में अद्वितीय पारंपरिक व्यंजन होते हैं, जो इसकी जलवायु के अनुकूल होते हैं। साथ ही स्थानीय स्तर पर जो अनाज, सब्जियां, मसाले, जड़ी-बूटियाँ और फल उपलब्ध होते हैं, उन्हें विभिन्न तरीकों और प्रकारों से पकाया जाता है। भारत के पारंपरिक व्यंजन न केवल स्वादिष्ट हैं, बल्कि बेहद स्वस्थप्रद भी हैं। साथ ही व्यंजनों में मिलाए गए मसाले और जड़ी-बूटियाँ प्रतिरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करती हैं।
वेबिनार में तीन राज्यों, उत्तरांचल, पंजाब और दिल्ली के कुछ पारंपरिक व्यंजनों को प्रस्तुत किया गया। बर्ड ग्रुप की चेयरपर्सन राधा भाटिया, दिल्ली स्थित एक होटल ग्रुप से जुड़े इग्ज़ेक्यटिव शेफ अनुज वधावन, ऋषिकेश स्थित रोज़ीइट गंगा के इग्ज़ेक्यटिव शेफ चेतन राणा और दिल्ली के ही पेस्ट्री शेफ आनंद पवार ने वेबिनार प्रस्तुत किया था।
शेफ चेतन राणा ने उत्तराखंड के पकवान तैयार किए। उन्होंने कद्दू के पत्ते की भाजी व चटनी की रेसिपी बताई। उन्होंने दर्शकों के लिए लाइव खाना पकाया। उन्होंने प्राकृतिक स्वाद को बनाए रखने के लिए मसालों के कम इस्तेमाल पर जोर दिया। सिलबटटे का इस्तेमाल कर बनाई गई चटनी सुस्वादु और स्वादिष्ट होती है। उन्होंने काफुली, चटनी, फाणु, बाड़ी, चावल, कुमाऊंनी रायता, डुबुक, झंगोरा की खीर आदि से युक्त एक सुंदर सात्विक उत्तराखंडी थाली भी प्रदर्शित की।
शेफ आनंद पंवार ने राम लड्डू, दौलत की चाट की रेसिपी साझा की और दर्शकों को देखने और सीखने के लिए लाइव कुकिंग की। उन्होंने, चांदनी चौक और इसके स्ट्रीट फूड के बारे में बात करते हुए खाने-पीने की अलग-अलग गलियों के बारे में जानकारी दी। जैसे कि परांठेवाली गली, चाटवाली गली आदि। राम लड्डू, चना और मूंग दाल में अदरक, जीरा, नमक मिला कर तैयार किया जाता है और तेल में तला जाता है। फिर उस पर सॉस, कच्चे प्याज, मूली और अनार रखा जाता है। चांदनी चौक में एक बहुत लोकप्रिय मिठाई मिलती है, जिसे दौलत की चाट कहा जाता है। यह मिठाई फुल क्रीम दूध, चीनी, ड्राई फ्रूट्स और केसर से तैयार की जाती है।
शेफ अनुज वधावन ने अवध भोजन और दम कुकिंग के बारे में बताया। उन्होंने लाइव मुर्गज़ामेंडोज़ खाना पकाया। यह मसालेदार चिकन और रूमाली रोटी में रोल कर और दम में पका कर तैयार किया गया।
भारत सरकार की अपर महानिदेशक, रूपिंदर बराड़ ने इस दौरान प्रकृति का सम्मान करने और प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व की सीख देने की आवश्यकता को रेखांकित किया। पर्यटन मंत्रालय द्वारा ‘देखो देश अपना’ वेबिनार श्रृंखला भारत की समृद्ध विविधता को दर्शाने का एक प्रयास है। यह वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से लगातार एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रसार कर रहा है।