गीतांजलि अंगमो बोलीं— डीजीपी के बयान झूठे और मनगढ़ंत, प्रशासन बना रहा है बलि का बकरा
लेह। पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर उनकी पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के बयानों को झूठा और मनगढ़ंत करार देते हुए इसे एक सोची-समझी साजिश बताया। गीतांजलि का कहना है कि प्रशासन किसी को बलि का बकरा बनाकर अपनी मनमर्जी थोपना चाहता है।
गीतांजलि ने सवाल उठाया कि सीआरपीएफ को गोली चलाने का आदेश आखिर किसने दिया, जबकि लद्दाख में कभी हिंसक प्रदर्शन नहीं हुए। उन्होंने कहा कि अपने ही नागरिकों पर गोली चलाना गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सोनम वांगचुक का इस घटना से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि उस समय वे किसी अन्य स्थान पर शांतिपूर्वक भूख हड़ताल पर बैठे थे। ऐसे में उनके उकसाने का सवाल ही नहीं उठता।
गीतांजलि ने आरोप लगाया कि प्रशासन का असली उद्देश्य छठे शेड्यूल को लागू न करना है। इसके लिए झूठा नैरेटिव गढ़ा जा रहा है और डीजीपी के बयान उसी एजेंडे का हिस्सा हैं।
सैन्य नर्सिंग सेवा शताब्दी समारोह में सीडीएस जनरल ने दिया सुरक्षा प्रोटोकॉल पर जोर
नई दिल्ली। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि आने वाले समय में भारत को परमाणु और जैविक खतरों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। मानेकशॉ सेंटर में सैन्य नर्सिंग सेवा (MNS) के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिक युद्ध केवल हथियारों तक सीमित नहीं है, बल्कि डेटा और चिकित्सा सुरक्षा भी इसका अहम हिस्सा बन गए हैं।
जनरल चौहान ने कहा कि चिकित्सा डेटा की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि भारतीय डीएनए और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली अलग-अलग परिस्थितियों में अलग ढंग से प्रतिक्रिया करती है। ऐसे में व्यक्तिगत मेडिकल रिकॉर्ड, केस हिस्ट्री, स्वास्थ्य पैटर्न और परिचालन योजनाओं को लीक से बचाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि भले ही यह सीधी जिम्मेदारी सैन्य नर्सिंग सेवा की न हो, लेकिन उन्हें इन खतरों के प्रति जागरूक रहना होगा।
उन्होंने कोविड महामारी का उल्लेख करते हुए कहा कि भविष्य में जैविक खतरों के बढ़ने की आशंका है। चाहे ये खतरे प्राकृतिक हों, आकस्मिक हों या मानव निर्मित, इनके लिए अलग उपचार और सुरक्षा प्रोटोकॉल तैयार करने की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर के बाद, हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत परमाणु ब्लैकमेलिंग से नहीं डरेगा। हमारे विचार से परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना बहुत कम है, फिर भी समझदारी इसमें है कि हम इससे बचाव की तैयारी करें। रेडियोलॉजिकल खतरे से बचाव के लिए अलग प्रोटोकॉल की जरूरत होती है और यह हमारे प्रशिक्षण का हिस्सा होना चाहिए। परमाणु खतरों के खिलाफ तैयारी इससे बचाव में योगदान करती है। मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है।’
भाजपा का आरोप: सत्ता में रहते ठाकरे ने बाढ़ पर कार्रवाई नहीं की, अब रैली का खर्च राहत में लगाएं
मुंबई। महाराष्ट्र भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निशाने पर लेते हुए सोमवार को कहा कि वह इस साल की अपनी पारंपरिक दशहरा रैली रद्द करें और उसका खर्च मराठवाड़ा के बाढ़ पीड़ितों की मदद में लगाएं। उपाध्ये ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रहते हुए ठाकरे ने बाढ़ और संकट के समय ठोस कदम नहीं उठाए और अब उन्हें अपनी गलती सुधारने का अवसर है।
महाराष्ट्र में लगातार हो रही भारी बारिश ने कई जिलों को बुरी तरह प्रभावित किया है। खासकर मराठवाड़ा क्षेत्र, जो सामान्यतः सूखे से जूझता है, इस बार बाढ़ की तबाही से जूझ रहा है। सैकड़ों परिवारों ने अपना घर-बार और जीविका का साधन खो दिया है।
उपाध्ये ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने हाल ही में मराठवाड़ा के पांच जिलों का दौरा कर प्रभावितों से संवेदना तो जताई, लेकिन अब केवल शब्दों से काम नहीं चलेगा। उन्हें अपनी परंपरागत दशहरा रैली रद्द कर, उस पर होने वाला व्यय राहत कार्यों में लगाना चाहिए, ताकि संवेदना व्यावहारिक मदद में बदल सके।
भाजपा नेता ने ठाकरे की रैली की थीम और दिशा पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि बाल ठाकरे के समय यह रैली विचारधारा और संगठन का केंद्र होती थी, जबकि अब यह केवल विरोधियों पर आरोप लगाने और पार्टी टूटने की कहानी दोहराने तक सीमित रह गई है। उन्होंने पूछा कि जब वही बातें ‘सामना’ अख़बार में रोज प्रकाशित होती हैं, तो लाखों रुपये खर्च कर रैली आयोजित करने का क्या औचित्य है।
जम्मू- कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने दिल्ली के प्रसिद्ध उद्योगपति महेंद्र शर्मा को श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सलाहकार समिति का सदस्य नामित किया है। इस संबंध में श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्याधिकारी सचिन कुमार वैश्य ने आदेश जारी किए हैं।
गौरतलब है कि श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के चेयरमैन का जिम्मा जम्मू- कश्मीर के उप राज्यपाल संभालते हैं। समिति के सदस्यों का कार्यकाल दो वर्ष का होगा। महेंद्र शर्मा के अलावा समिति में एमिली फार्मास्युटिकल्स के प्रबंध निदेशक केके शर्मा, दुर्गा सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ आरपी चड्डा व नागपाल एसोसिएट के मालिक विकास नागपाल को सदस्य नामित किया गया है।
महेंद्र शर्मा उद्योगपति होने के साथ ही विभिन्न धार्मिक संस्थाओं से भी जुड़े हुए हैं। इसके अलावा वे श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य भी हैं।
नई दिल्ली/आगरा: दिल्ली पुलिस ने 17 छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में फरार चल रहे फर्जी बाबा चैतन्यानंद सरस्वती को उत्तर प्रदेश के आगरा से गिरफ्तार कर लिया है। खुद को आध्यात्मिक गुरु बताने वाले आरोपी बाबा असल में फर्जी दस्तावेजों और पहचान के सहारे न सिर्फ महिलाओं को गुमराह करता था, बल्कि सरकार और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से जुड़ा बताकर रुतबा भी झाड़ता था। दिल्ली पुलिस की टीम आरोपी को आगरा से दिल्ली ला चुकी है, आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली के वसंत कुंज स्थित शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च में पढ़ने वाली पीजी डिप्लोमा छात्राओं ने बाबा चैतन्यानंद पर छेड़छाड़ और अश्लील हरकतों के गंभीर आरोप लगाए थे। संस्थान प्रबंधन की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया, जिसके बाद बाबा फरार हो गया।
फर्जी दस्तावेज का सच आया सामने
दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला है कि चैतन्यानंद सरस्वती ने खुद को संयुक्त राष्ट्र (UN) और ब्रिक्स (BRICS) जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों से जुड़ा हुआ दिखाने के लिए फर्जी विजिटिंग कार्ड और आईडी कार्ड बनवा रखे थे। एक कार्ड में वह UN का स्थायी राजदूत बताया गया है। दूसरे कार्ड में खुद को ब्रिक्स कमीशन का मेंबर और स्पेशल एनवॉय बताया है। इन फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल वह लोगों पर प्रभाव जमाने और खुद को ऊंचे ओहदे वाला बताने के लिए करता था।
गिरफ्तारी कैसे हुई?
दिल्ली पुलिस की एक विशेष टीम आरोपी की तलाश में कई राज्यों में लगातार छापेमारी कर रही थी। पुलिस के अनुसार, आरोपी हर दिन अपना ठिकाना बदल रहा था। आखिरकार आगरा के होटल फर्स्ट ताजगंज के कमरे नंबर 101 से बाबा को पकड़ा गया। होटल स्टाफ ने बताया कि आरोपी ने खुद को ‘स्वामी पार्थसारथी’ के नाम से होटल रजिस्टर में दर्ज करवाया और शनिवार शाम चार बजे चेक-इन किया था।
खरबों की संपत्ति को कब्जाना चाहता था चैतन्यानंद
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि बाबा तीन खरब से अधिक की संपत्ति पर कब्जा करना चाहता था। आरोप है कि उसने पीठ के विश्वास को तोड़ा और आश्रम की कई इमारतों को किराए पर देने के बाद, मिलने वाले 60 लाख रुपये प्रति माह का किराया भी गबन किया है। इस संबंध में 23 जुलाई 2025 को वसंतकुंज (नॉर्थ) थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जी दस्तावेज तैयार करने की एफआईआर दर्ज की गई थी।
अब तक दर्ज हो चुके हैं तीन मामले
पीठ की संपत्ति हड़पने और धोखाधड़ी का मामला
छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और अश्लील हरकत
फर्जी नंबर प्लेट और लग्जरी गाड़ियों का गलत इस्तेमाल
बाबा चैतन्यानंद का मामला सिर्फ एक छेड़छाड़ या ठगी का नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे धार्मिक आड़ में फर्जीवाड़ा कर कुछ लोग मासूमों की भावनाओं और विश्वास के साथ खिलवाड़ करते हैं।
लेह हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण, प्रशासन ने धारा 163 लगाई, पाबंदियों से आम लोग परेशान
लेह। लद्दाख में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाए। तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने वादों को पूरा करने के बजाय हालात को और खराब कर दिया है। उनका कहना है कि गिरफ्तारियां और दमनकारी कदम किसी भी समस्या का समाधान नहीं हैं, बल्कि जनता से किए गए वादों को निभाना ही असली हल है।
कांग्रेस नेता ने याद दिलाया कि केंद्र ने राज्य का दर्जा बहाल करने और जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर लद्दाख को भी समान अधिकार देने का वादा किया था। लेकिन इन वादों को पूरा करने के बजाय सरकार ने विरोध कर रहे लोगों को दबाने का रास्ता चुना। तिवारी ने कहा कि मणिपुर के हालात सरकार दो साल से नहीं संभाल पाई और अब लद्दाख में भी स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है।
हिंसा और पाबंदियां
24 सितंबर को लेह में भड़की हिंसा के बाद प्रशासन ने बीएनएसएस की धारा 163 लागू कर दी, जिसके तहत पांच से अधिक लोगों के जुटने पर रोक लगा दी गई है। इलाके में भारी सुरक्षा बलों की तैनाती है और बिना अनुमति जुलूस, मार्च या रैली पर प्रतिबंध लगाया गया है।
स्थानीय लोगों की मुश्किलें
प्रतिबंधों के कारण आम जनता को दूध और खाद्यान्न जैसी ज़रूरी चीजें तक नहीं मिल पा रही हैं। लोग सुरक्षा घेरे में रहते हुए मुश्किल हालात में अपने रोज़मर्रा के काम निपटाने की कोशिश कर रहे हैं।
हिंसा की घटनाएं और गिरफ्तारियां
हिंसा के दौरान भाजपा कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। इसके दो दिन बाद पर्यावरणविद सोनम वांगचुक को हिंसा भड़काने के आरोप में एनएसए के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेज दिया गया।
वांगचुक की मांगें
सोनम वांगचुक लंबे समय से लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। वे भूख हड़ताल पर भी थे, हालांकि हिंसा शुरू होने के बाद उन्होंने इसे खत्म कर दिया। छठी अनुसूची अभी असम, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय में लागू है, जिसके तहत आदिवासी इलाकों को विशेष अधिकार प्राप्त हैं।
कांग्रेस का रुख
तिवारी ने कहा कि लद्दाख भारत की संवेदनशील सीमा पर स्थित है और यहां आंतरिक अशांति से पड़ोसी देशों को फायदा मिल सकता है। उन्होंने सरकार को आगाह किया कि दमन और गिरफ्तारियां शांति बहाल नहीं कर सकतीं। लद्दाख में समाधान केवल संवाद और भरोसे से ही निकलेगा।
एक युवक गंभीर रूप से घायल
गुरुग्राम। गुरुग्राम के झाड़सा फ्लाईओवर के पास शनिवार तड़के एक भीषण सड़क हादसा हुआ। तेज रफ्तार यूपी नंबर की काली थार SUV अनियंत्रित होकर एग्जिट 9 डिवाइडर से टकरा गई। हादसे में छह में से पांच लोग मौके पर ही जान गंवा बैठे। मृतकों में तीन युवतियां और दो युवक शामिल हैं, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हुआ है।
जानकारी के अनुसार, दुर्घटना सुबह करीब 4.30 बजे दिल्ली से जयपुर की ओर जा रही वाहन में हुई। थार में कुल छह लोग सवार थे। मृतकों में प्रतिष्ठा मिश्रा (25, रायबरेली), आदित्य प्रताप सिंह (30, आगरा), गौतम (31, सोनीपत/ग्रेटर नोएडा), लावण्या (26, आगरा) और एक अज्ञात महिला शामिल हैं। गंभीर रूप से घायल युवक कपिल शर्मा (28, बुलंदशहर) को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मरने वालों में प्रतिष्ठा मिश्रा और लावण्या लॉ कॉलेज की छात्रा थीं। दोनों ग्रेटर नोएडा के लॉयड लॉ कॉलेज में एलएलबी की पढ़ाई कर रही थीं। वहीं, आदित्य प्रताप सिंह और कपिल शर्मा इंजीनियर थे। पुलिस ने दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है और वाहन की तेज गति को हादसे का मुख्य कारण बताया जा रहा है।
ग्रीन पटाखे केवल प्रमाणित निर्माताओं द्वारा बनाए जाएंगे, बिक्री पर तब तक रोक रहेगी जब तक नया आदेश नहीं आता
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से पहले दिल्ली-एनसीआर में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। हालांकि, कोर्ट ने कुछ पटाखा निर्माताओं को ग्रीन पटाखे बनाने की अनुमति दी है, लेकिन इन पटाखों की बिक्री इस क्षेत्र में तब तक नहीं हो सकेगी जब तक कोर्ट का अगला आदेश नहीं आता। ग्रीन पटाखे केवल उन्हीं निर्माताओं द्वारा बनाए जा सकेंगे जिनके पास नीरी (NEERI) या पेसो (PESO) जैसे अधिकृत संस्थानों का सर्टिफिकेट होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि पटाखा निर्माता लिखित वचन दें कि वे दिल्ली-एनसीआर में कोई पटाखा नहीं बेचेंगे। अदालत का यह कदम राजधानी में दिवाली के समय बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह स्पष्ट किया कि यह आदेश पूरे देश में लागू नहीं होगा, क्योंकि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर किसी प्रतिबंध का प्रस्ताव नहीं रखा है।
पिछले वर्ष राजधानी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 494 तक पहुंच गया था, जिससे शहर स्मॉग की चादर में घिर गया और लोगों को सांस लेने में कठिनाई हुई। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश इस साल दिवाली से पहले प्रदूषण को कम करने के लिए अहम कदम माना जा रहा है।
वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में उनके योगदान को नेताओं ने किया याद
नई दिल्ली। आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की जयंती है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया। डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित पंजाब के गाह (अब पाकिस्तान) में हुआ था। वे एक साधारण परिवार से उठकर देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों में शामिल हुए और बाद में सार्वजनिक जीवन में अपनी छाप छोड़ी।
पीएम मोदी ने किया याद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि डॉ. मनमोहन सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि। उन्होंने उनके प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के रूप में निभाए गए अहम योगदानों को देश की प्रगति में महत्वपूर्ण बताया।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का बयान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने डॉ. सिंह को “भारत की आर्थिक परिवर्तन का सौम्य शिल्पकार” करार दिया। उन्होंने कहा कि उनकी नीतियों ने समृद्ध मध्यवर्ग का निर्माण किया और करोड़ों परिवारों को गरीबी से बाहर निकाला। खरगे ने उनके जीवन को सार्वजनिक सेवा, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा का उदाहरण बताया।
राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि डॉ. सिंह की अटूट प्रतिबद्धता, गरीबों और वंचितों के लिए उनके साहसिक निर्णय और मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण में योगदान हमेशा मार्गदर्शन देगा।
राजनीतिक सफर
डॉ. मनमोहन सिंह 1991-96 में पी. वी. नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री रहे और देश में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की। इसके बाद 2004-2014 तक लगातार दो कार्यकाल तक प्रधानमंत्री रहे। उनके नेतृत्व में देश ने तेज आर्थिक विकास देखा और कई कल्याणकारी योजनाएं लागू हुईं।
जीएसटी दरों में कटौती से अब 1 लाख खर्च करने वाले परिवार को 20 हजार तक की बचत
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी में हालिया कटौती को देश के आर्थिक सुधारों की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कांग्रेस और विपक्ष पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि टूथपेस्ट से लेकर ट्रैक्टर तक, हर ज़रूरी चीज़ पर टैक्स का बोझ घटा है और आम नागरिक को सीधा फायदा मिला है।
उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शो (यूपीआईटीएस) का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 22 सितंबर से लागू किए गए नए जीएसटी सुधार देश के विकास की दिशा में एक “संरचनात्मक बदलाव” हैं। इनसे जीएसटी पंजीकरण आसान होगा, कर विवादों में कमी आएगी और एमएसएमई को रिफंड तेजी से मिलेगा।
पीएम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के समय टैक्स के ज़रिए जनता से “लूट” होती थी, जबकि आज उनकी सरकार ने टैक्स कम करके महंगाई पर नियंत्रण किया है और लोगों की आय व बचत दोनों बढ़ाई हैं। मोदी ने दावा किया कि नए सुधारों से इस साल नागरिकों को करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 2014 में 1,000 रुपये की शर्ट पर 170 रुपये टैक्स लगता था, जो जीएसटी लागू होने के बाद 50 रुपये रह गया। अब संशोधित दरों से वही टैक्स केवल 35 रुपये होगा। मोदी ने बताया कि पहले 1 लाख रुपये सालाना खर्च करने वाले परिवार को 20-25 हजार रुपये टैक्स देना पड़ता था, जबकि अब यह घटकर 5-6 हजार रुपये रह गया है। ट्रैक्टर पर 70,000 रुपये की जगह अब 30,000 रुपये टैक्स देना पड़ता है, जिससे किसानों को सीधे 40,000 रुपये की बचत होती है।
इसी तरह तिपहिया वाहन पर टैक्स 55,000 रुपये से घटकर 35,000 रुपये और दोपहिया वाहनों पर 8-9 हजार रुपये तक की कमी आई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सुधारों से गरीब, नव-मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग सभी को राहत मिल रही है और यही “नए भारत” की असली तस्वीर है।