उत्तराखंड सरकार टिहरी बांध झील को विश्वस्तरीय पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने में लगातार जुटी हुई है। सरकार की कोशिश है कि इसे नए पर्यटक स्थल के रूप में तैयार कर यहां साल भर पर्यटक गतिविधियां संचालित हों।
इस क्रम में सोमवार को मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में सचिवालय में टिहरी जलाशय के चारों ओर प्रस्तावित रिंग रोड के निर्माण के सम्बन्ध में बैठक हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि यह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र की घोषणाओं में सम्मिलित एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। उन्होंने इस सम्बन्ध में फीजिबिलिटी स्टडी एवं वायबिलिटी स्टडी शीघ्र करवा कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टिहरी झील को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने के लिए सभी सम्बन्धित विभागों को हर सम्भव प्रयास करने होंगे।

बैठक में सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि टिहरी बाँध जलाशय लगभग 42 वर्ग कि.मी. में विस्तारित है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित रिंग रोड की कुल लम्बाई 234.60 कि.मी. है। टिहरी झील को देखने के लिए वर्षभर देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। रिंग रोड के निर्माण सहित जलाशय के चारों ओर पर्यटन विकास हेतु आवश्यक मूलभूत ढांचागत सुविधाओं के विकास से इस क्षेत्र के आस-पास के कई गांव तथा आबादी क्षेत्र प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। यह रिंग रोड भविष्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में कारगर सिद्ध होगी।

उल्लेखनीय है, कि वर्ष 2018 में त्रिवेंद्र सरकार टिहरी में फ्लोटिंग मरीना में बैठ कर झील में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित कर चुकी है। बैठक में सरकार ने पर्यटन गतिविधियों को उद्योग का दर्जा देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। टिहरी झील के ऊपर कैबिनेट बैठक करने के पीछे प्रदेश सरकार की मंशा इसे एक प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की थी।