चीन ने कोविड से पहले ही आधी दुनिया को गुलाम बनाने की रची थी यह साजिश..
देश-विदेश: चीन ने कोविड से पहले ही आधी दुनिया को गुलाम बनाने की बड़ी साजिश रच ली थी। ताकि गरीब और विकासशील देश आर्थिक रूप से टूट जाएं और उसके गुलाम हो जाएं। आपको बता दे कि चीन ने ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ से दुनिया के सभी छोटे और कुछ बड़े देशों को अपने चंगुल में फंसा लिया है। इन देशों को कोविड से पहले चीन ने निवेश के नाम पर इतना कर्ज दिया कि वहां की अब अर्थव्यवस्था चौपट होने लगी। कोविड ने अर्थव्यवस्था चौपट की तो ये कर्जदार देश चीन की ग़ुलामी को बढ़ चले। श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देश तो चीन किसी कुटिल चाल में फंस कर राजनीतक और आर्थिक स्तर पर पूरी तरीके से बर्बाद हो चुके हैं। विदेशी मामलों के जानकार कहते हैं कि अब चीनी कर्ज से लदे देशों को उसकी कुटिल चाल से बचने के लिए सोचना होगा।
बीआरआई को बनाया हथियार
एशिया की राजनीति को बहुत करीब से समझने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अभिषेक सिंह का कहना हैं कि चीन ने कोविड के पहले दुनिया के अलग-अलग छोटे बड़े और विकासशील समेत गरीब मुल्कों मे ऐसी साजिश रची कि आधी दुनिया उसके झांसे में आ गई। वे कहते हैं कि दरअसल चीन में बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव के माध्यम से ऐसा जाल फेंका। प्रोफेसर अभिषेक के अनुसार चीन ने 2013-14 में पूरी दुनिया में व्यापार को सड़कों और समुद्री मार्गों से सुगम बनाने का खाका तैयार किया। जिसका नाम बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव रखा। इस रोडमैप के के लिए चीन ने जो मॉडल प्रस्तुत किया, उसमें पूरी दुनिया के देशों को एक रास्ते से जोड़ने का पूरा प्लान था। यह बिजनेस कॉरिडोर दुनिया के उन सभी देशों के बीच से होकर गुजरना था, जो इस प्रोग्राम के हिस्सेदार होंगे। छोटे देश और गरीब देश समेत कई विकासशील देश इस योजना के भागीदार बनने को राजी हो गए।
यूरेशियन इकोनॉमिक ट्रेड चेंबर के सलील अरोड़ा कहते हैं कि चीन ने इसी योजना के तहत ऐसे देशों में जमकर निवेश किया। यह निवेश चीन ने इन देशों में बराबर की भागीदारी के तहत क़िया। चीन की इस बराबर भागीदारी का मतलब यह था कि जितना निवेश चीन उस देश में कर रहा है, वह उसे कर्ज के तौर पर माना जाए। जिसे एक तय सीमा के भीतर उस देश को चीन को वापस करना होगा। विदेशी मामलों के जानकार और पूर्व भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे एसपी सिन्हा कहते हैं कि चीन ने यही दांव खेलकर दुनिया के कई देशों को अपने रोड जाल में फंसा लिया। इसमें फंसने वाले देशों में सबसे बुरा हाल श्रीलंका और पाकिस्तान का हुआ। जबकि एशिया के कई मुल्क अभी भी चीन की इस खतरनाक साजिश के शिकार होने की कगार पर हैं। दरअसल चीन ने एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के माध्यम से दुनिया के कई मुल्कों को इस रोड जाल के माध्यम से कर्ज दिलवाया। इसके अलावा बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव से संबंधित दस्तावेजों पर दस्तखत भी करवाए। इसमें श्रीलंका, मालदीव, मलेशिया, सिंगापुर समेत दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के देशों समेत अफ्रीकी महाद्वीप के कई देश शामिल हैं।