विदेश मंत्री ने किया कॉन्क्लेव का उद्घाटन..
देश-विदेश: विदेश मंत्री एस जयशंकर, बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दलु मोमेन व सीएम हेमंता बिस्वा सरमा ने असम के गुवाहाटी में एशियन कॉन्फ्लुएंस रिवर कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया। इस दौरान असम के सीएम सरमा ने कहा, पूर्वोत्तर एशिया के लिए भारत का प्रवेश द्वार है। हमारी सरकार न केवल इस क्षेत्र के लिए बल्कि एशियाई देशों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी असम को एक औद्योगिक केंद्र बनाने के लिए काम कर रही है। बता दे कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग दोनों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी जरूरी है, जो मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, हम एशियन कॉन्फ्लुएंस में इसके मूल उद्देश्यों- बेहतर कनेक्टिविटी, संस्कृति और क्षमता में बढ़ोतरी के लिए एक साथ आए हैं। लोगों को अधिक उपयुक्त तरीके से कैसे जोड़ा जाए, ये चर्चा का सही विषय है। ऐसा करने से हमारी सफलता हमारी समृद्धि को निर्धारित करेगी।
विदेश मंत्री का कहना हैं कि ‘ऐक्ट ईस्ट’ और ‘पड़ोस प्रथम’ नीतियों के एक साथ आने से भारत के लिए दक्षिण एशिया की सीमाओं से परे भी व्यापक प्रभाव होगा। उन्होंने कहा कि म्यांमार के माध्यम से भूमि संपर्क और बांग्लादेश के माध्यम से समुद्री संपर्क वियतनाम तथा फिलीपीन के लिए सभी रास्ते खोल देगा।
एक बार जब यह वाणिज्यिक स्तर पर व्यवहार्य हो जाएगा तो यह महाद्वीप के लिए व्यापक परिणामों के साथ एक पूर्व-पश्चिम पहलू का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा कि यह न केवल आसियान देशों और जापान के साथ साझेदारी निर्माण करेगा, बल्कि निर्माणाधीन हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचा में भी वास्तव में फर्क लाएगा। यदि हम राजनीति और अर्थशास्त्र को सही कर सके तो यह निश्चित रूप से भूगोल पर जीत पाने और इतिहास को फिर से लिखने की हमारी क्षमता के दायरे में है। उन्होंने कहा कि आसियान देशों और उससे आगे तक पहुंच में सुधार के लिए बांग्लादेश, नेपाल, भूटान तथा म्यांमा के साथ संपर्क बढ़ाकर इस दृष्टिकोण को सफलतापूर्वक साकार किया जा सकता है।