शुक्र है, बच्चों को नहीं छू पा रहा कोरोना वायरस..
उत्तराखंड: नए साल में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। तीसरी लहर में बच्चों को सबसे ज्यादा खतरे का अंदेशा जताया गया था। वहीं राहत की बात यह है कि राज्य में एक से नौ जनवरी तक 5680 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं, इनमें 2 प्रतिशत से भी कम बच्चे हैं। एक जनवरी के बाद से कोरोना संक्रमितों के मामले में तेजी आई है। राज्य के हर जिले में कोरोना के मरीज तेज रफ्तार से बढ़ रहे हैं।
जिस तेजी से मरीजों की संख्या बढ़ रही है उससे विशेषज्ञ भी हैरान हैं। विशेषज्ञ तीसरी लहर आने का अंदेशा काफी पहले से जता रहे थे। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा था कि तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा घातक होगी। लेकिन राज्य में कोरोना संक्रमितों का अब तक का आंकड़ा बच्चों के लिहाज से थोड़ी राहत देने वाला है।
1 से 9 जनवरी तक राज्य में 5680 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं, इनमें 9 साल तक के बच्चों की संख्या मात्र 90 है। जो कि कुल मरीजों का 1.58 प्रतिशत है। जबकि सबसे ज्यादा संक्रमित 20-29 आयु वर्ग के हैं। इनकी संख्या 1869 यानि करीब 32.90 प्रतिशत है। बच्चों के कम संक्रमित होने से जहां स्वास्थ्य विभाग की चिंता कुछ कम हुई है वहीं अधिक उम्र के संक्रमित लोगों के ज्यादा गंभीर बीमार नहीं होने से भी राहत मिली है। वहीं आपको बता दें कि उत्तराखंड में कोरोना के सारे रिकॉर्ड टूटने लगे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार को जारी हेल्थ रिपोर्ट में प्रदेशभर में 2127 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।प्रदेश में एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 6603 हो गई है। आईआईटी रुड़की में कोरोना के 13 केस भी आए हैं। मंगलवार को दून मेडिकल कॉलेज में भर्ती एक संक्रमित मरीज की मौत हो गई, जिससे राज्य में कोरोना संक्रमण के बाद मरने वाले मरीजों की कुल संख्या 7430 हो गई है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों व होम आईसोलेशन में रह रहे 416 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है जिसके बाद अब एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 6603 हो गई है।
हेल्थ बुलेटिन के आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक 991 कोरोना केस राजधानी देहरादून में मिले हैं। नैनीताल 451, हरिद्वार 259, उधमसिंह नगर 189, पौड़ी 48, उतरकाशी 13, टिहरी 35, बागेश्वर 04, अलमोड़ा 43, पिथौरागढ़ 30, रुद्रप्रयाग 13, चंपावत 26 और चमोली जिले में कोरोना के 25 नए केस आए हैं। कोरोना के बढ़ते केसों के बीच हेल्थ विभाग पहले से ज्यादा अलर्ट मोड पर आ गया है। संदिग्धों की पहचान करन उन्हें आइसोलेट किया जा रहा है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके