एक ही या मिश्रित टीकों की तीन खुराक महामारी से बचाव में समान रूप से कारगर..
देश-विदेश: कोरोना महामारी से निपटने के लिए विकसित टीकों के असर को लेकर अब तक के सबसे बड़े अध्ययन की रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें दावा किया गया है कि एक ही तरह के कोविड टीके की तीन खुराक या मिश्रित टीकों की एक खुराक महामारी से बचाव में समान रूप से कारगर है। ये खुराक कोरोना के विभिन्न वैरिएंट्स से भी बचाव में प्रभावी हैं। अध्ययन के नतीजों में कहा गया है कि खुराक की संख्या इम्युनिटी बढ़ाने में निर्णायक भूमिका अदा करती है, बजाए अलग अलग वैक्सीनों की मिश्रित खुराक के। इस अध्ययन से स्वास्थ्य एजेंसियों को भविष्य में निर्णय लेने में सुविधा होगी।
शोधकर्ताओं का कहना हैं कि कोविड-19 के लिए एक ही टीके की प्रभावशीलता सबको स्पष्ट है, जबकि मिश्रित टीकों के असर को लेकर स्पष्टता कम है, खासकर बुजुर्गों और प्रतिरक्षा में अक्षम लोगों के मद्देनजर। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड संक्रमण और इससे मौतों में तीव्र गिरावट के बावजूद टीके की प्रतिरोधक क्षमता कम होने और नए वैरिएंट की आशंका को देखते हुए यह समझना महत्वपूर्ण है कि कौन से वैक्सीन कॉम्बिनेशन सबसे प्रभावी हैं।
चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 38 कोविड-19 डाटाबेस का विश्लेषण किया। इसमें कोविड वैक्सीन के स्वीकृत 24 मिश्रित टीकों और सात अलग-अलग वैक्सीन लेने वाले 10 करोड़ से अधिक प्रतिभागियों को शामिल करते हुए 53 परीक्षण किए।
शोधकर्ताओं के अनुसार एमआरएनए वैक्सीन की तीन खुराक कोविड संक्रमण रोकने में सबसे प्रभावी पाई गई। इसी तरह कोई भी समान या अलग अलग तीन खुराकें भी संक्रमण रोकने में तुलनात्मक रूप से अच्छी तरह से काम करती हैं। इतना ही नहीं ये कोरोना के विभिन्न वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी हैं। एक ही वैक्सीन की तीन खुराक को सजातीय खुराक माना जाता है, जबकि तीसरी खुराक यदि पहले ली गई दो खुराकों से अलग हो तो उसे विषम खुराक कहा जाता है। अध्ययन में यह भी पाया गया है कि किसी भी एमआरएनए वैक्सीन की तीन खुराक कम गंभीर संक्रमण से बचाव में सबसे ज्यादा यानी 96 फीसदी प्रभावी है। यह अस्पताल में भर्ती होने की जोखिम 95 फीसदी तक कम करने में सबसे ज्यादा असरकारी है।