दक्षिण भारत स्थित विश्व प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर का प्रसाद अब आपको घर बैठे मिल सकेगा। देशभर के श्रद्धालु ‘स्वामी प्रसादम’ को डाक विभाग के माध्यम से ऑर्डर कर सकते हैं।
संचार मंत्रालय द्वारा जारी एक वक्तव्य में जानकारी दी गई है कि डाक विभाग ने देश के हर एक कोने को कवर करने वाले अपने विशाल नेटवर्क का उपयोग करते हुए भक्तों के द्वार तक सबरीमाला मंदिर के ‘स्वामी प्रसादम’ के वितरण के लिए एक व्यापक बुकिंग और वितरण पैकेज विकसित किया है।
डाक विभाग के केरल पोस्टल सर्कल ने इस संबंध में सबरीमाला मंदिर प्रबन्ध कार्य देखने वाले त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के साथ एक समझौता किया है।
श्रद्धालु साढ़े चार सौ रुपये का भुगतान करके देश के किसी भी डाकघर से अपने लिए स्वामी प्रसादम मंगवा सकते हैं। प्रसाद के एक पैकेट में अरावना, आदियासिष्टम नेय (घी), विभूति, कुमकुम, हल्दी व अर्चना प्रसादम मिलेगा।
सबरीमाला मंदिर को इस वर्ष के मंडलम सीजन तीर्थयात्रा के लिए 16 नवंबर से भक्तों के वास्ते खोला गया था। मौजूदा कोविड-19 महामारी की स्थिति के कारण तीर्थयात्रियों को इस धर्मस्थल पर आने के लिए सख्त प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ा है। इस सीजन में प्रतिदिन केवल सीमित संख्या में भक्तों को ही दर्शन के लिए जाने की अनुमति थी।
सबरीमाला मंदिर केरल के पेरियार टाइगर रिजर्व में स्थित है। यह मंदिर तिरुवनंपुरम से 175 किमी की दूरी पर पश्चिमी घाट की सह्याद्रि पर्वत श्रृंखलाओं के घने वनों के बीच है।
भगवान अयप्पा का यह मंदिर वर्ष में कुछ ही दिनों के लिए खुलता है। मंदिर में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए 18 पवित्र सीढ़ियों को पार करना पड़ता है।
भगवान अयप्पा को शैव व वैष्णवों के बीच एकता का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर को लगभग 800 वर्ष पुराना बताया जाता है।
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा है। भगवान अयप्पा को ब्रह्मचारी माना जाता है। इस कारण रजस्वला स्त्रियों के मंदिर में प्रवेश को वर्जित मानते हैं।
मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर चला आ रहा विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को अनुचित बताया था।