दिलजीत दोसांझ की ‘जोगी’ का ट्रेलर हुआ लॉन्च..
देश-विदेश: एक्टर दिलजीत दोसांझ की आगामी फिल्म ‘जोगी’ का ट्रेलर लॉन्च हो गया है। बता दें कि यह फिल्म सन 1984 के दंगों पर आधारित है। ट्रेलर में 84 के दंगों वाले हालातों को दिखाया गया है। शुरुआत में 31 अक्टूबर 1984 की एक सुबह दिखाई गई है, जिसमें हर भारतीय परिवार की तरह एक परिवार में सुबह की गहमागहमी है। पुरुष दफ्तर जा रहे हैं और महिलाएं नाश्ता तैयार कर रही हैं। वह परिवार दिलजीत दोसांझ यानी जोगी का है।
मगर सुबह की रौनक शाम ढलते-ढलते मातम में बदलती दिखाई देती है। और इसके जिम्मेदार हैं वह दंगे, जिसमें एक कौम को निशाना बनाया गया। बता दें कि दिलजीत दोसांझ के अलावा कुमुद मिश्रा, मो. जीशान अय्यूब, हितेन तेजवानी और अमायरा दस्तूर फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में हैं। जोगी अली अब्बास जफर और हिमांशु किशन मेहरा ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया है। फिल्म का निर्देशन भी अली अब्बास जफर ने किया है।
ट्रेलर की शुरुआत में दिलजीत कहते हैं, ‘ओ नौ बज गए कितना लेट हो गया पापा जी। परांठे दे दे दीदी।’ उनकी मां कहती हैं, ‘शाम को ऑफिस से लौटते हुए बच्चे के लिए बड्डा सा गिफ्ट लेकर आना’। परिवार के बीच हंसी-तफरी हो रही होती है।’ लेकिन, अफसोस कि उस परिवार के लिए शाम का वक्त सुबह जितना खुशनुमा नहीं रह पाता। दिलजीत दफ्तर के लिए निकलते हैं। अचानक गोलियां चलने की आवाजें आती है और आगजनी होने लगती है। देखते ही देखते शहरभर में दंगे भड़क जाते हैं।
ट्रेलर में देखा जा सकता है कि कुमुद मिश्रा का किरदार फोन पर कहते नजर आता है, ‘वोटर लिस्ट चाहिए मुझे, एक एक का नाम मार्क होना चाहिए’। इसके बाद पूरे सरकारी महकमे में हलचल मच जाती है। दंगाई बस में दिलजीत को पकड़ते हैं। वह पूछते हैं, ‘मेरी गलती क्या है’? दंगाई कहते हैं, ‘तू सरदार है न यही तेरी गलती है।’ इसके बाद दिलजीत दोसांझ को अपने परिवार का ख्याल आता है और वह चिंता में घर की ओर भागते हैं। देखते हैं कि पूरे शहर के यही हालात हैं। बैकग्राउंड में आवाज सुनाई देती है, ‘पूरी दिल्ली जलने वाली है।’
दिलजीत दोसांझ (जोगी) को पंजाब लौट जाने की सलाह दी जाती है। लेकिन, दिलजीत साफ इनकार कर देते हैं। वह कहते हैं कि अपना सबकुछ यहीं है। फिर आत्मरक्षा के लिए वह ऐसा कदम उठाते हैं, जो खुद उनके लिए और पूरे परिवार के लिए बर्दाश्त कर पाना मुश्किल है। दिलजीत अपने केश कटवा लेते हैं। उनकी मां फूट-फूटकर रोती हैं। दिलजीत भी बिलखते हुए दलील देते हैं, ‘कोई रास्ता नहीं था बेबे’। ट्रेलर में उस दौर के खौफनाक मंजर को यूं दिखाया गया है कि दर्शकों के रौंगटे खड़े हो जाएंगे। हालांकि, देश को झकझोर देने वाले उन हालातों में भी एक सुंदर चीज बची थी, वह थी इंसानियत। यहां जिंदगियों को बचाने वाले कुछ ऐसी ही दोस्ती की मिसाल भी देखने को मिलेगी। बता दें कि यह फिल्म 16 सितंबर 2022 को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी।