गौरीकुंड-केदारनाथ पैदलमार्ग पर घोडे़-खच्चरों के धक्कों से चोटिल हो रहे यात्री..
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा में एसडीआरएफ के जवान देवदूत बनकर तीर्थयात्रियों की मदद कर रहे हैं। अब तक एसडीआरएफ के जवान सैकड़ों तीर्थयात्रियों की जान को बचा चुके हैं। पैदल यात्रा पड़ाव में घोड़े-खच्चरों के धक्के से यात्री चोटिल हो रहे हैं तो किसी समय पैदल मार्ग पर फिसलकर नीचे गिर रहे हैं। इसके साथ ही रास्ते में स्वास्थ्य खराब होने पर एसडीआरएफ के जवान यात्री को स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचा रहे हैं।
बता दें कि छः मई को बाबा केदारनाथ की यात्रा शुरू हुई थी और तब से लेकर अब तक एसडीआरएफ के जवान सैकड़ों तीर्थयात्रियों की जान को बचा चुके हैं। एसडीआरएफ जवान तीर्थयात्रियों के लिए देवदूत बनकर आ रहे हैं और उनकी मदद कर रहे हैं। गौरीकुंड-केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की लीद से वैसे ही तीर्थयात्री परेशान हैं, लेकिन पशुआंे के धक्कों से भी यात्रियों को दो-चार होना पड़ रहा है। घोड़े-खच्चरों और श्रद्धालुओं के लिए एक ही रास्ता होने के कारण काफी दिक्कतें हो रही है, जिस कारण यात्री खासे परेशान हैं और उन्हें पैदल मार्ग पर चलने में दिक्कतें हो रही हैं।
पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों के घायल होने के बाद एसडीआरएफ की टीम त्वरित गति से रेस्क्यू कार्य कर रही है। बुधवार को केदारनाथ दर्शन के लिए जाते समय एक महिला श्रद्धालु खच्चर से धक्का लगने के कारण नीचे गिर पड़ी, जिससे उसका पैर फ्रेक्चर हो गया।घटना की जानकारी मिलते ही एसडीआरफ की रेस्क्यू टीम तत्काल सोनप्रयाग से रवाना हुई। एसआई कर्ण सिंह सिंह के हमराह रेस्क्यू टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर महिला यात्री को स्ट्रेचर के माध्यम से उपचार के लिए सोनप्रयाग अस्पताल पहुंचाया।
इसके अलावा एक अन्य घटना में एक व्यक्ति के रुद्रा पॉइंट से नीचे भैरो गदेरे में गिरे होने की सूचना पर केदारनाथ से एसआई मनोज रावत के हमराह रेस्क्यू टीम द्वारा यात्री मंजीत उम्र 32 वर्ष निवासी अम्बाला तक पहुंच बना कर रेस्क्यू किया गया। युवक का पैर फ्रेक्चर हो गया था, जिसे एसडीआरएफ टीम द्वारा स्ट्रेचर के माध्यम से विवेकानंद अस्पताल केदारनाथ में एडमिट कराया गया।