कोरोना महामारी के चलते वर्ष 2021 में हरिद्वार में प्रस्तावित कुम्भ मेले के आयोजन को लेकर संशय के बादल छंट गए हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में कुम्भ मेले को अपने निर्धारित समय पर आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कुम्भ मेले को दिव्य व भव्य रूप से आयोजित किये जाने के लिये राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी अखाड़ों के सन्त महात्माओं के सहयोग एवं आशीर्वाद से यह आयोजन सफल होगा।
शनिवार को सचिवालय में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कुम्भ मेले के आयोजन के सम्बन्ध में व्यापक-विचार विमर्श किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ कुम्भ मेले को लेकर सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण उपजी परिस्थितियों में कुम्भ मेला कार्यों में कुछ अवरोध पैदा हुआ है। मगर इन परिस्थितियों से भी हम निजात पायेंगे और संतों के आशीर्वाद से इस आयोजन को बेहतर तरीके से सम्पन्न कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में देश काल व परिस्थिति के अनुसार भी निर्णय लिया जायेगा। आगे स्थितियां कैसी होगी, इसका पूर्वानुमान लगाया जाना कठिन है। उन्होंने सभी स्थायी व अस्थायी निर्माण कार्यों को 15 दिसम्बर से पूर्व सम्पन्न करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। बैठक में अखाड़ों के सुझावों पर मुख्यमंत्री ने नील धारा सहित अन्य क्षेत्रों में निर्मित होने वाले स्नान घाटों के नाम 13 अखाड़ों के ईष्ट देवों के नाम पर रखे जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुम्भ मेले के आयोजन में सभी अखाड़ों का सहयोग मिल रहा है। अखाड़ों की सुविधा के लिये भी सभी व्यवस्थायें की जा रही हैं। निर्माण कार्यों में तेजी लायी गई है। कुम्भ मेले से सम्बन्धित सभी पुलों, स्नान घाटों, सड़कों, आस्था पथों आदि का निर्माण 15 दिसम्बर तक पूर्ण हो, इसका प्रयास किया जा रहा है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने उज्जैन व प्रयागराज की भांति हरिद्वार कुम्भ में भी अखाड़ों को धनराशि व अन्य सुविधायें उपलब्ध कराये जाने की बात रखी। उन्होंने अखाड़ों में साफ-सफाई व अतिक्रमण को हटाने, आवागमन व पेशवाई मार्ग निर्धारण, पुलों, घाटों के निर्माण में तेजी लाये जाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कुम्भ मेले के सफल आयोजन के लिये सभी अखाड़ों की ओर से हर संभव सहयोग का भी आश्वासन दिया।
बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व व्यवस्था) अशोक कुमार, मेलाधिकारी दीपक रावत, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महन्त हरि गिरि, महन्त प्रेम गिरि, महन्त महेश पुरी, महन्त सत्यगिरि, महन्त कैलाशपुरी, महन्त मुकुन्दानन्द ब्रह्माचारी, महन्त सोमेश्वरानन्द ब्रह्मचारी, महन्त ओंकार गिरि, महन्त रविन्द्र पुरी सहित बड़ी संख्या में संत महात्मा एवं अधिकारी गण उपस्थित थे।