-सुभाष चमोली
उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में स्थित सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब की यात्रा 4 सितम्बर से शुरु होगी। जिला प्रशासन एवं गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने यात्रा के लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली है।
सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह की तपस्थली हेमकुंड साहिब की यात्रा हर वर्ष मई महीने के दौरान शुरू होती थी। मगर इस बार कोरोना महामारी के चलते यात्रा अभी तक शुरू नहीं हो सकी थी। अब जिला प्रशासन व गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने 4 सितम्बर से हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू करने का फैसला किया है।
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन समिति से विचार विमर्श के बाद हेमकुंड की यात्रा 4 सितम्बर से खोलने का निर्णय लिया गया है। हेमकुंड साहिब की यात्रा पर उत्तराखंड के बाहर से आने वाले सभी श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले कोरोना का पीसीआर टेस्ट कराना जरूरी होगा। इसके अलावा उत्तराखंड सरकार की वेबसाईट से ई-पास लेकर ही यात्रा की इजाजत दी जाएगी। यात्रा के दौरान गुरुद्वारों में शारीरिक दूरी, मास्क पहनना एवं कोरोना के सभी नियमों का पालन करना भी अनिवार्य रहेगा। तीर्थ यात्रा पर आने वाले श्रद्वालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग भी कराई जाएगी।
समुद्रतल से लगभग 15,200 फुट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा 6 माह तक बर्फ में दबा रहता है। हिमालय की चोटियों के बीच में स्थित इस गुरुद्वारे के पास एक बड़ा सरोवर है। गुरुद्वारे तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 20 किमी की यात्रा पैदल अथवा घोड़े- खच्चरों के माध्यम से करनी पड़ती है। गुरुद्वारे के पास ही लक्ष्मण मंदिर भी है। हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू होने पर ही लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी खुलते हैं।