चारधाम में रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के बीच भाजपा-कांग्रेस पर वार पर पलटवार..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा को लेकर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा आमने सामने आ गए। माहरा ने जहां यात्रा में बदइंतजामी को लेकर सरकार पर आरोप लगाए हैं वहीं, महाराज ने कहा कि सरकार के प्रयासों से इस बार रिकॉर्ड श्रद्धालु चारधाम के लिए पहुंचे। मंत्री ने चारधाम यात्रा पर इस बार रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के पहुंचने को सरकार के प्रयासों की सफलता बताया। उन्होंने कहा कि गुरुवार को केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद हो गए। इस वर्ष रिकॉर्ड 15,61,882 श्रद्धालु केदारनाथ धाम में दर्शन को पहुंचे। कपाट बंद होने के दौरान भी तीन हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
महाराज का कहना हैं कि इस बार चारधाम यात्रा में रिकार्ड पैंतालीस लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं। ये सब सरकार की ओर से किए गए प्रयासों के कारण हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयासों से नई केदारपुरी अस्तित्व में आ चुकी है। यहां तीर्थयात्रियों को हरसंभव सुविधाए मुहैया हो रही हैं। केदारनाथ रोपवे बनने के बाद से यात्रा और सुगम हो जाएगी। मंत्री ने बताया, अब शीतकालीन यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ प्रस्थान कर चुकी है। डोली 29 अक्तूबर को ऊखीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ इस वर्ष केदारनाथ यात्रा का समापन हो जाएगा। पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ की शीतकालीन पूजाएं शुरू होंगी। 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो जाएंगे।
बदइंतजामी के बीच हुई यात्रा में बना मौतों का रिकॉर्ड करन
चारधाम यात्रा को लेकर सरकारी दावों पर कांग्रेस ने राज्य सरकार को घेरा। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने चारधाम यात्रा में बदइंतजामी को लेकर सरकार पर आरोप लगाए। माहरा ने गुरुवार को यमुना कॉलोनी स्थित अपने आवास पर पत्रकार वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस बार यात्रा पर रिकॉर्ड श्रद्धालुओं की आमद को लेकर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है।
जबकि हकीकत ये है कि यात्रियों की संख्या में ये इजाफा, कोरोना के बाद हुई यात्रा के चलते हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार यात्रा की बेहतर तैयारियों का हवाला देते हुए इसका श्रेय लेना चाह रही है। सच्चाई इसके बिलकुल उलट है। करन ने कहा कि सरकार को मालूम था कि कोरोना के बाद इस बार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी। इसके बाद भी पुख्ता तैयारियां नहीं की गईं।
खासतौर पर स्वास्थ्य सुविधाएं दम तोड़ती नजर आईं। यात्रियों के रुकने के पुख्ता व पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए। केदारनाथ धाम में यात्रियों को खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर होना पड़ा। हेली कंपनियों ने यात्रियों से मनमाना किराया वसूला। कन्फर्म टिकट ऐन मौके पर कैंसिल कर नए सिरे से महंगे दामों पर टिकट बेचे गए। करन ने आरोप लगाया कि इस बार रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं की मौत हुई। न सिर्फ बुजुर्ग बल्कि युवा श्रद्धालुओं तक की जान गई। सरकार ने बदइंतजामी बढ़ने पर मौत के आंकड़े तक छुपाए। कुल मिलाकर सरकार की विफलता से पूरे देश में उत्तराखंड की छवि धूमिल हुई है।