मोबाइल एप से फॉरेस्ट फायर पर लगेगा ‘ब्रेक’,जानिये वन विभाग की प्लानिंग..
उत्तराखंड: पौड़ी के वन विभाग ने जंगलों को आग से बचाने के लिए तकनीक आधारित समाधान की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके तहत एक मोबाइल ऐप फॉरेस्ट फायर ऐप विकसित किया गया है। इसे लोग अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप के जरिए जंगल में आग लगने की घटनाओं की तुरंत जानकारी मिल सकेगी। इससे आग को फैलने से पहले ही नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
वन विभाग की यह पहल जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को एप डाउनलोड करने और पोर्टल पर पंजीकरण के लिए प्रेरित करने पर भी केंद्रित है। इससे वन विभाग को आग की घटनाओं की छोटी से छोटी जानकारी भी समय रहते मिल सकेगी। इस पर काबू पाने में वे तेजी से कार्रवाई कर सकेंगे। पिछले साल गढ़वाल वन प्रभाग में वनाग्नि की 258 घटनाओं के कारण 310.29 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आ गए थे। इनमें से 111 घटनाएं आरक्षित वन प्रभाग में हुईं, जिसके कारण 198.83 हेक्टेयर जंगल जल गए, जबकि सिविल वन प्रभाग में 147 घटनाओं के कारण 111.46 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ। इन घटनाओं में मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में आग लगी, जहां मानव संसाधन समय पर नहीं पहुंच पाए, जिसके परिणामस्वरूप स्थिति इतनी भयावह हो गई कि वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद लेनी पड़ी।
वनाग्नि के इन अनुभवों से सीख लेते हुए इस बार वन विभाग ने तकनीक और जनसहभागिता पर फोकस करते हुए वनाग्नि से निपटने की योजना बनाई है। इसके तहत विभाग ने फॉरेस्ट फायर एप विकसित किया है, ताकि आग लगने की घटनाओं की त्वरित जानकारी मिल सके। समय रहते इन पर काबू पाया जा सके। साथ ही वन विभाग ने जंगलों में आग लगाने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। विभाग ने ऐसे लोगों पर निगरानी बढ़ाने और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की योजना बनाई है। इसके तहत वन विभाग जंगलों में आग लगाने वालों की पहचान के लिए आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन, कैमरे और फॉरेस्ट फायर एप के जरिए मिलने वाली सूचनाओं का इस्तेमाल करेगा। इसके अलावा स्थानीय समुदायों को भी जागरूक किया जा रहा है।