राष्ट्रीय खेल- शूटिंग रेंज में लगाए गए पेरिस ओलंपिक के इलेक्ट्रॉनिक टारगेट..
उत्तराखंड: देश और उत्तराखंड के शूटर्स का निशाना और सटीक होगा। हाल में पेरिस ओलंपिक में इस्तेमाल किए गए इलेक्ट्रॉनिक टारगेट देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में बनी अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज में लगाए गए हैं, जिनके जरिए निशानेबाजों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का अभ्यास करने का अवसर मिल मिलेगा। इस मॉडल के टारगेट देश में पहली बार इंस्टॉल हुए हैं। उत्तराखंड शूटिंग के चीफ कोच अरुण सिंह का कहना हैं कि ये टारगेट जर्मनी से मंगवाए गए हैं। यही मॉडल हाल में पेरिस ओलंपिक में प्रयोग हुआ है। स्पोर्ट्स कॉलेज की शूटिंग रेंज में 10 मीटर और 25 मीटर रेंज में 60-60 टारगेट लगाए गए हैं। बाकी 40 टारगेट 50 मीटर की रेंज में लगे हैं। इस समय टारगेट से संबंधित स्क्रीन, सॉफ्टवेयर व अन्य उपकरण इंस्टॉल करने का काम चल रहा है, जो अगले 10 दिन में पूरा हो जाएगा। 28 जनवरी से छह फरवरी के बीच यहां राष्ट्रीय खेलों की शूटिंग प्रतियोगिताएं होंगी।
10 लाख रुपये का है एक टारगेट..
इन टारगेट पर बुलेट लगने पर 100 फीसदी सटीक स्कोरिंग आती है, जिससे गलती की गुंजाइश नहीं होती और समय की बचत होती है। जर्मनी की संबंधित कंपनी इन्हें इंस्टॉल कर रही है। सिर्फ एक टारगेट की कीमत लगभग साढ़े पांच लाख है, उससे संबंधित प्रोग्राम, सॉफ्टवेयर और अन्य उपकरण मिलाकर लगभग 10 लाख का खर्च एक टारगेट पर आता है। इसके बाद खिलाड़ियों का अभ्यास अंतरराष्ट्रीय मानकों पर अधिक बेहतर होगा। आसपास के राज्यों के खिलाड़ी भी यहां प्रैक्टिस करने आएंगे।
लास्ट चैंपियनशिप के आधार पर टीमों का चयन..
राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग के लिए दो टीमों का चयन किया गया है। कोच अरुण ने बताया, उत्तराखंड स्टेट राइफल एसोसिएशन के सचिव और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता सुभाष राणा के नेतृत्व में राइफल और पिस्टल की टीम का चयन किया है। ये चयन हाल में नेशनल फेडरेशन की ओर से करवाई गई नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में श्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर किया गया। अभी शॉर्टगन टीम का चयन होना बाकी है, क्योंकि उसकी प्रतियोगिता जारी है। इसके अलावा केंद्रीय बलों के जवान, जो उत्तराखंड मूल के हैं या यहां नियुक्त हैं, उनमें से भी खिलाड़ियों का चयन किया गया है।