ओमिक्रॉन वैरिएंट के लिए सीरम इंस्टीट्यूट बूस्टर डोज ला सकता है..
देश-विदेश: कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ सीरम इंस्टीट्यूट बूस्टर डोज लाने की तैयारी में है। हालांकि, अभी इस नए वैरिएंट के बारे में हो रहे अध्ययनों और उनके निष्कर्षों का इंतजार किया जा रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट के प्रमुख अदार पूनावाला का कहना हैं कि ओमिक्रॉन पर हो रहे शोध को पूरा होने में एक से दो सप्ताह का समय लगेगा। हम उन निष्कर्षों का इंतजार कर रहे हैं, अगर जरूरत पड़ी तो हम नया टीका तैयार करेंगे।
बूस्टर डोल के रूप में दिया जाएगा टीका..
अदार पूनावाला ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो जो नया टीका तैयार होगा वह बूस्टर डोज के रूप में दिया जाएगा। उनका कहना हैं कि उसे तैयार करने में छह महीने का समय लग सकता है। शोध के आधार पर ही हम तय करेंगे कि यह तीसरा या चौथा टीका होगा या बूस्टर डोज। हो सकता है कि ओमिक्रॉन के लिए अतिरिक्त टीके की आवश्यकता ही न पड़े।
आवश्यकता पड़ी तो हमारे पास पर्याप्त खुराक..
पूनावाला का कहना हैं कि एक अध्ययन में सामने आया है कि कोविशील्ड 63 प्रतिशत तक कोरोना पर असरदार है और यह अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को भी कम करती है। इसके बावजूद अगर लोगों को बूस्टर डोज देने की आवश्यकता पड़ी तो हमारे पास पर्याप्त खुराक आरक्षित है। हमारे पास दो करोड़ से ज्यादा खुराक अभी मौजूद हैं, सरकार घोषणा करती है तो हम उसे उपलब्ध कराएंगे।
इसके साथ ही पूनावाला ने कहा कि जिन लोगों ने टीके की एक ही खुराक ली है या एक भी नहीं ली है। उन्हें दोनों खुराक लेनी चाहिए। इसके बाद ही अगर आवश्यकता पड़ती है तो बूस्टर डोज का इस्तेमाल किया जा सकता है। आपको बता दे कि फिलहाल सरकार की बूस्टर डोज देने की कोई योजना नहीं है। उनका कहना हैं कि भारत और यूरोपियन देशों की स्थितियों में बहुत अंतर है।