पीएमएचएस ने किया ऐलान, इन मांगो को लेकर 04 अक्टूबर से किया जाएगा कार्य बहिष्कार..
उत्तराखंड: प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ (पीएमएचएस) ने लंबित मांगों को लेकर चार अक्तूबर से कार्यबहिष्कर करने का एलान किया है। बुधवार से प्रदेशभर के डॉक्टरों काली पट्टी बांध कर सांकेतिक विरोध शुरू कर दिया है। संघ ने चेतावनी दी कि चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चलाया जाएगा। मांगों का समाधान न होने तक आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा।
प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के आह्वान पर सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों ने मांगों के समर्थन में काली पट्टी बांध कर काम किया। डॉक्टरों के आंदोलन को देखते हुए शासन ने संघ के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए बुलाया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज शर्मा की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने अपर सचिव स्वास्थ्य अनुराधा पाल के साथ बैठक कर मांगों पर चर्चा की। संघ को अगले सप्ताह सचिवालय में लंबित मांगों पर बैठक करने का आश्वासन देने पर 23 सितंबर से प्रस्तावित हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया। वहीं संघ ने शासन स्तर पर मांगों का समाधान न होने पर चार अक्तूबर से प्रदेश भर में कार्य बहिष्कार का एलान किया। तब तक डॉक्टरों का सांकेतिक विरोध जारी रहेगा।
संघ की मांग है कि शीघ्र ही डीपीसी और एसडीएसीपी के आदेश जारी किए जाएं। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात सभी विशेषज्ञ डॉक्टरों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों की तर्ज पर 50 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दी जाए। अल्मोड़ा, नैनीताल व टिहरी जिला मुख्यालय व मसूरी को पूर्व की भांति दुर्गम में चिन्हित किया जाए। पीजी करने वाले डॉक्टरों को पूरा वेतन देने और दंत चिकित्सकों का समायोजन किया जाए।
पूसा भिंडी- 5 बढ़ाएगी आर्थिकी-प्रदेश के 9 जिलों में भेजे जाएंगे काशीपुर में तैयार बीज..
उत्तराखंड: सब्जियों में भिंडी एक मुख्य फसल है, जो गर्मी और बारिश दोनों ही मौसम में उगाई जाती है। अब शहर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र भिंडी की नई किस्म पूसा भिंडी-5 के बीज तैयार कर रहा है। इससे किसानों की आय में भी अधिक बढ़ोतरी हो रही है। किसानों को करीब 20 हजार रुपये प्रति बीघा मुनाफा हो रहा है। इसी के चलते बीज को उत्तराखंड के नौ जिलों में भी सप्लाई करने की तैयारी है।
आपको बता दे कि कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) काशीपुर में नई किस्म की पूसा भिंडी-5 के बीज तैयार किए जा रहे हैं। बीजों को उत्तराखंड के नौ जिलों में सप्लाई किया जाएगा ताकि वहां के छोटे किसान भी कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमा सकें। इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान दिल्ली के सब्जी विज्ञान विभाग ने शोध के जरिये तैयार किया था। इसके बाद कृषि विज्ञान केंद्र काशीपुर ने संस्थान से ब्रीडर सीड लेकर सीड प्रोडक्शन किया, जिसका बांसखेड़ी गांव के करीब 20 किसानों के खेतों में परीक्षण किया गया। वहां भिंडी की पैदावार अधिक हुई, जिससे उन्हें करीब 20 हजार रुपये प्रति बीघा का लाभ मिला है। अब केवीके एक एकड़ में बीज तैयार कर रहा है ताकि अन्य जिलों के केंद्रों में इसकी सप्लाई की जा सके। क्षेत्रफल और भिंडी उत्पादकता की दृष्टि से भारत विश्व में प्रथम स्थान पर आता है। भिंडी में विटामिन, पोटेशियम, कैल्शियम भरपूर मिलता है। यह आयुर्वेद का भी एक उत्तम स्त्रोत है।
नई ब्रीड पर नहीं होता बीमारी का असर..
पूसा भिंडी -5 पर पीला शिरा मोजेक वायरस का असर नहीं होता है। अन्य किस्म को यह वायरस काफी नुकसान पहुंचाता है। इसकी पैदावार भी अन्य के मुकाबले अधिक है, जिससे किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलता है।
एक किलो बीज की कीमत चार सौ रुपये..
एक किलो बीज की कीमत करीब चार सौ रुपये है, जिससे एक बीघा में बुआई की जा सकती है। एक बीघा खेत को तैयार करने में करीब तीन से चार हजार रुपये का खर्चा आता है जबकि किसान 20 हजार प्रति बीघा तक मुनाफा कमा रहे हैं। इसकी बुआई गर्मियों और बरसात दोनों ही सीजन में की जा सकती है।
उत्तराखंड में बीज सप्लाई करेगा केवीके..
काशीपुर में सफल परीक्षण के बाद केवीके बड़ी मात्रा में बीज तैयार कर रहा है। यहां से ऊधमसिंह नगर के अन्य हिस्सों, हरिद्वार, देहरादून, चंपावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चमोली, रुद्रप्रयाग और नैनीताल में बीज सप्लाई किए जाएंगे। वहां के किसान अपने कृषि विज्ञान केंद्र से बीज लेकर खेती कर सकेंगे। केवीके में बीज तैयार किए जा रहे हैं। दिसंबर तक बीज तैयार हो जाएंगे और जनवरी तक उनकी प्रोसेसिंग करके पैकेजिंग की जाएगी। फरवरी और मार्च में हम उत्तराखंड के सभी केंद्रों पर बीज उपलब्ध करवाने लगेंगे। इसके बाद वहां के किसान अपने केंद्रों से बीज ले सकेंगे। किसान मेला में भी हमारे स्टॉल लगाए जाएंगे, जहां से किसान बीजों को खरीद सकते हैं।
हरिद्वार में किशोरी जागरुकता अभियान कार्यक्रम, रेखा आर्य ने की शिरकत..
महालक्ष्मी किट को लेकर की बड़ी घोषणा..
उत्तराखंड: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से हरिद्वार में मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना सशक्त किशोरी सशक्त समाज के तहत किशोरी जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का एसडीएम हरिद्वार अजय वीर सिंह और जिला बाल विकास अधिकारी हरिद्वार सुलेखा सहगल सहित हरिद्वार की आंगनबाड़ी कार्यकर्तीओं ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
इस दौरान रेखा आर्य ने कहा उत्तराखंड में किशोरियों और महिलाओं के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम चलते हैं। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम इस कार्यक्रम के तहत, हरिद्वार, में ब्लॉक स्तरीय किशोरी और महिलाओं के लिए अनुकूल स्वास्थ्य परामर्श क्लीनिक बनाए गए हैं। यह किशोरी शक्ति योजना किशोरियों और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई थी। इसका मकसद किशोरियों और महिलाओं को अपनी पूरी क्षमता का एहसास कराना है।उन्हें अपने जीवन की ज़िम्मेदारी उठाने में मदद करना है। सबला योजना भी 11 से 18 साल की किशोरियों के सशक्तीकरण के लिए शुरू की गई है। उत्तराखंड विभिन्न जिलों सहित हरिद्वार में भी इस योजना के तहत कई बाल विकास परियोजनाएं चल रही हैं।
यह अभियान संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित ‘किशोरी शक्ति’ थीम पर आधारित है. इस अभियान के दौरान किशोरियों और महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के प्रति डॉक्टर और डायटिशियनों और नुक्कड़ नाटकों द्वारा जागरुकता और जानकारी साझा की गई है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा विगत कई समय से महालक्ष्मी किट को लेकर लगातार मांग उठ रही थी। बेटी के जन्म की तरह ही बेटों के जन्म पर भी महालक्ष्मी किट दी जाए। ऐसे में जनभावनाओं के अनुरूप सीएम धामी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगी है। जिसके तहत अब प्रथम दो प्रसव उसमें, चाहे पहली लड़की हो या लड़का दोनों को ही महालक्ष्मी किट से आच्छादित किया जाएगा।
T20 वर्ल्ड कप जीतने पर महिलाओं को पुरुषों जितनी मिलेगी प्राइज मनी, ICC का ऐतिहासिक फैसला..
देश-विदेश: पुरूष और महिला के बीच अक्सर भेदभाव की बात होती रहती है। क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं है। क्रिकेट में बराबर सैलरी से लेकर टूर्नामेंट की प्राइज मनी तक, पुरूष और महिला क्रिकेट में इसको लेकर अक्सर भेदभाव देखा गया है। महिला क्रिकेट में पुरूष क्रिकेट के मुकाबले कम प्राइज मनी दी जाती है। इन मुद्दों को कई बार उठाया जा चुका है कि महिलाओं को भी पुरूष जितनी ही सैलरी और प्राइज मनी मिलनी चाहिए। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने इस भेदभाव को फाइनली खत्म कर दिया है। ICC ने ये ऐलान किया कि टी20 वर्ल्ड कप में महिलाओंं को पुरुष जितनी ही प्राइज मनी दी जाएगी।
ICC ने इस ऐलान के साथ बताया कि महिलाओं के टी20 वर्ल्ड कप के लिए इस बार 7,958,080 अमेरिकी डॉलर यानी की करीब 66 करोड़ 30 लाख रुपए का प्राइज पूल रखा गया है। ये बीते साल हुए महिला टी20 वर्ल्ड कप के प्राइज पूल से डबल है। महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 में ट्रॉफी जीतने वाली टीम को 2.34 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी की करीब 20 करोड़ की प्राइज मनी दी जाएगी। बीते साल केवल 8.5 करोड़ की प्राइज मनी दी गई थी। तो वहीं रनरअप टीम को 10 करोड़ के करीब इनाम दिया जाएगा। इसके साथ ही टूर्नामेंट में भाग लेने वाली बाकी टीमों के भी प्राइज मनी में बढ़ोतरी हुई है।
कब शुरू होगा टूर्नामेंट..
ICC ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि “आईसीसी महिला टी20 वर्ल्ड कप 2024 पहला ऐसा आईसीसी इवेंट होगा जहां महिलाओं को पुरुषों के बराबर प्राइज मनी मिलेगी, जो खेल के इतिहास में एक अहम उपलब्धि है। बता दें कि टी20 वर्ल्ड कप की शुरुआत तीन अक्टूबर से होने जा रही है। तो वहीं फाइनल मुकाबला 20 अक्टूबर को होगा। लीग 20 लीग मैच खेल जाएंगे। जिसके बाद दो सेमीफाइनल और एक फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। यूएई में ये टूर्नामेंट खेला जाएगा।
UKSSSC ने समूह-ग के 4,855 पदों का कैलेंडर किया जारी..
उत्तराखंड: अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने राज्य में समूह-ग के 4,855 पदों पर भर्ती का कैलेंडर जारी कर दिया है। इसमें कई विभागों में समूह-ग की 16 भर्तियों की प्रस्तावित परीक्षा तिथियां शामिल की गई हैं। इनमें से तमाम नई भर्तियां निकाली जानी हैं। राज्य आंदोलनकारी आरक्षण के हिसाब से पदों का रोस्टर तय होने के बाद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने परीक्षा कैलेंडर जारी किया है। इसमें वन दरोगा, पुलिस कांस्टेबल, फॉरेस्ट गार्ड, कनिष्ठ सहायक जैसी बड़ी भर्तियां भी शामिल हैं। नए कैलेंडर के हिसाब से आयोग इस महीने से लेकर अगले साल सितंबर तक ये भर्ती परीक्षाएं कराएगा। आयोग के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत का कहना हैं कि परीक्षा कैलेंडर के हिसाब से भर्तियां कराई जाएंगी। बताया, ये सभी परीक्षा तिथियां संभावित हैं। इनमें परिवर्तन भी हो सकता है।
पीएम मोदी के 74वें जन्मदिन पर CM धामी ने दी शुभकामनाएं..
उत्तराखंड: आज देश के पीएम नरेंद्र मोदी का 74वां जन्मदिन मनाया जा रहा हैं। पीएम मोदी अपने 74वें जन्मदिन पर जहां ओडिशा की राजदानी भुवनेश्वर के गड़कना में 26 लाख पीएम आवास घरों का उद्घाटन किया, वही सुभद्रा योजना का शुभारंभ भी किया। इधर देशभर में पीएम मोदी के जन्मदिन पर हुए ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम आयोजित है। देहरादून में ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी पहुंचे। उन्होंने लोगों को स्वच्छ भारत की शपथ दिलाई। इस मौके पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘उत्तराखंड की जनता की ओर से मैं पीएम मोदी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मैं उनकी लंबी उम्र की कामना करता हूं। उनके नेतृत्व में देश ने काफी तरक्की की है और आगे भी करता रहेगा।
आपको बता दे कि नरेंद्र मोदी ने 2014 में पहली बार भारत का प्रधानमंत्री बनने पर 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया था। तब से समय-समय पर स्वच्छ भारत अभियान चलता है। इस बार 2 अक्टूबर तक ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम चलेगा। अभियान में स्वच्छता में जन भागीदारी, सम्पूर्ण स्वच्छता तथा सफाई मित्र सुरक्षा शिविरों का आयोजन हो रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य स्वभाव स्वच्छता और संस्कार में स्वच्छता है। कहा गया है कि स्वच्छता और पवित्रता देवत्व के समीप है।
कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के सभी जनपदों के सभी परंपरागत और चुनौतीपूर्ण कचरा स्थलों (ब्लैक स्पॉट) को चिन्हित किया जाएगा। सामूहिक श्रमदान के माध्यम से इन स्थानों को साफ किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर और विकास खंड स्तर से इसकी सूचना प्राप्त कर फोटोग्राफ्स वेबसाइट पर ऑनलाइन किए जाएंगे। ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों एवं सार्वजनिक उपक्रमों, गंदे स्थलों का चुनाव करके स्वच्छता लक्षित इकाई के रूप में चयन करते हुए एक अक्टूबर 2024 तक लगातार अभियान संचालन होगा। उत्तराखंड के सीएम धामी ने स्वच्छता ही सेवा-2024 कार्यक्रम में लोगों को शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम की सफलता के लिए जनजागरूकता एवं जनभागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। सभी लोग प्रशासन के साथ मिलकर ‘स्वच्छता ही सेवा-2024’ कार्यक्रम को सफल बनाएं।
प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए बनेंगे 13 मॉडल आयुष ग्राम, लगेंगे नियमित शिविर..
उत्तराखंड: प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में एक-एक मॉडल आयुष ग्राम बनाए जाएंगे। प्रदेशभर में 12 गांव चयनित कर विभाग ने आयुष गतिविधियों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। आयुष ग्राम में नियमित रूप से आयुर्वेद, योग और होम्योपैथी चिकित्सा के शिविर लगाए जाएंगे। साथ ही गांव के लोगों को औषधीय पौधे भी दिए जाएंगे। उत्तराखंड स्टेट आयुष मिशन सोसायटी ने आयुष ग्राम के साथ योग वेलनेस केंद्र बनाने के लिए रूपरेखा तैयार कर गाइडलाइन जारी की है। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत प्रत्येक आयुष ग्राम को हर वर्ष तीन लाख रुपये की राशि दी जाएगी। इन गांवों में हर्बल गार्डन बनाए जाएंगे। इसके साथ ही गांव में रहने वाले सभी परिवारों को औषधीय पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। लोगों को आयुर्वेद व योग के प्रति जागरूक करने के लिए सप्ताह और महीने में शिविर लगेंगे।
गांव के प्रवेश द्वार पर आरोग्य सदन श्लोगन का वॉल पेटिंग की जाएगी। इस बाबत अपर सचिव आयुष विजय कुमार जोगदंडे का कहना हैं कि प्रदेश में आदर्श आयुष ग्रामों का चयन कर लिया गया है। शीघ्र ही इन गांवों में आयुर्वेद गतिविधियां शुरू करने को गाइडलाइन तैयार की जाएगी। आयुष ग्राम में रहने वाले लोगों को आयुष के प्रति जागरूक करने के साथ हर सुविधाएं दी जाएंगी।
ये बनेंगे आयुष ग्राम..
अल्मोड़ा में हवालबाग ब्लाक में शाला रौतेला गांव, बागेश्वर में कपकोट ब्लाक में कर्मी गांव, चमोली में देवाल ब्लाक में घेस, चंपावत ब्लाक में सैलानी गोथ, देहरादून के रायपुर ब्लाक में क्यारकुली भट्टा, हरिद्वार के लक्सर ब्लाक में सुभाषगढ़, नैनीताल के भीमताल में नौकुचियाताल, पौड़ी के खरसू ब्लाक में पोखरी, पिथौरागढ़ के मुनाकोट ब्लाक में माजिरकंडा, रुद्रप्रयाग के जखोली ब्लाक में पोंथी गांव, टिहरी के नरेंद्रनगर ब्लाक में देयूली गांव, ऊधमसिंह नगर के काशीपुर ब्लाक में प्रतापपुर, उत्तरकाशी के भटवाड़ी ब्लाक के हर्षिल गांव।
CM का एलान, स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को बिजली में मिलेगी 4 प्रतिशत छूट..
उत्तराखंड: प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने वाले बिजली उपभोक्ताओं को वर्तमान दरों में चार प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसकी शुरुआत सोमवार से सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कर दी है। मीटर लगने पर बिजली बिल की जरूरत खत्म होगी। मोबाइल की भांति रिचार्ज करना होगा। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि प्रदेश में 15 लाख 84 हजार उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने हैं। बिजली आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए वर्तमान में 59,212 ट्रांसफार्मर और 2,602 फीडरों पर स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो चुका है।
उनका कहना हैं कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले उपभोक्ताओं को बिजली दरों में चार प्रतिशत की छूट मिलेगी। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने कहा कि यह योजना उपभोक्ताओं के लिए वरदान साबित होगी। स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने पर मोबाइल की तर्ज पर बिजली का भी रिचार्ज होगा। बिलों की समस्या दूर हो जाएगी। उपभोक्ता का रिचार्ज खत्म होने से पहले ही एसएमएस आ जाएगा। कभी भी वह अपना बिजली खर्च मोबाइल एप के माध्यम से देख सकेंगे, ताकि उसी हिसाब से बिजली खर्च पर नियंत्रण पाया जा सके। लाइन हानियां भी कम हो जाएंगी।
उपभोक्ता के बिजली खर्च की पूरी जानकारी..
यूपीसीएल मुख्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां सभी बिजली उपभोक्ताओं के खर्च की पूरी जानकारी अपडेट रहेगी। किस महीने कितनी बिजली खर्च की गई, लगातार खर्च बढ़ने पर उसी हिसाब से कनेक्शन का लोड भी बढ़ जाएगा। रिचार्ज खत्म होने पर कुछ समय के लिए बिजली आपूर्ति सुचारू रहेगी और फिर निर्धारित अवधि के बाद बिजली स्वत: बंद हो जाएगी।
राजधानी देहरादून में जुटेंगे 65 देशों के साहित्यकार, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे समारोह का उद्घाटन..
उत्तराखंड: राजधानी के थानों इलाके में विकसित किए जा रहे लेखक गांव में 23 से 27 अक्तूबर तक अंतरराष्ट्रीय कला, साहित्य एवं संस्कृति महोत्सव का आयोजन होगा। इस पांच दिवसीय समारोह में लगभग 65 देशों के साहित्यकार, लेखक और कलाकार भाग लेंगे। देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समारोह का उद्घाटन करेंगे। देश के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में बैठक में महोत्सव की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया।डॉ. निशंक का कहना हैं कि यह महोत्सव हिंदी भाषा के वैश्विक प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करेगा। समारोह में भाग लेने वाले विदेशी विद्वान, साहित्यकार और छात्र हिंदी भाषा के ब्रांड एंबेसडर के रूप में अपने-अपने देशों में हिंदी का प्रचार करेंगे। महोत्सव के उद्घाटन सत्र में देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और समापन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई केंद्रीय मंत्री भी इस आयोजन में शिरकत करेंगे।
चार सत्रों में साहित्यिक परिचर्चाओं और विमर्शों का आयोजन किया जाएगा..
महोत्सव का उद्घाटन में विभिन्न प्रदर्शनियों और लोक प्रस्तुतियों के साथ होगा। हिंदी और स्थानीय भाषाओं के 20 लेखकों की पुस्तकों का विमोचन भी शामिल होगा। 23 और 24 अक्टूबर को हिंदी और स्थानीय बोली-भाषाओं पर विशेष कार्यशालाओं का आयोजन होगा। जिसमें डॉ. निशंक की 12 पुस्तकों के गढ़वाली और कुमाऊंनी संस्करणों का लोकार्पण भी किया जाएगा। पहले दो दिनों का संयोजन भाषा विज्ञानी रमाकांत बैंजवाल और बीना बैंजवाल करेंगे। इसी दौरान एनबीटी (नेशनल बुक ट्रस्ट) द्वारा बच्चों की किताबों की अनुवाद कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी। 25 अक्तूबर को मुख्य उद्घाटन सत्र के बाद चार सत्रों में साहित्यिक परिचर्चाओं और विमर्शों का आयोजन किया जाएगा। 26 अक्तूबर को पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण योग, अध्यात्म और संगीत के स्वास्थ्य पर प्रभावों पर विचार प्रस्तुत करेंगे। 27 अक्तूबर को समापन समाराेह होेगा।
अब नगर निगम, पालिका और नगर पंचायत मनमर्जी से खर्च नहीं कर पाएंगे बजट..
उत्तराखंड: प्रदेश के नगर निकाय अब मनमर्जी से खर्च नहीं कर पाएंगे। निकायों की आमदनी और खर्च को व्यवस्थित करने के लिए पहली बार नीति बनाई जा रही है। इस नीति के आने के बाद निकायों के नेता बिना बजट की हवा-हवाई घोषणाएं नहीं कर पाएंगे। न ही निर्धारित सीमा से अधिक खर्च कर सकेंगे। राज्य के नगर निकाय लगातार सरकार की इमदाद पर निर्भर रहते हैं। कई निकायों की तो कमाई बेहद कम होने से हर खर्च सरकार के बजट से ही चलता है। यहां बजट खर्च करने की व्यवस्था निर्धारित नहीं है।
सरकार से मिलने वाले पैसे के अलावा खुद की आमदनी को भी कहीं विकास कार्यों में ही खर्च कर दिया जाता है, तो कहीं वेतन और भत्तों में ही बड़ा हिस्सा खर्च हो रहा है। जरूरत इस बात की है कि नगर निकाय कुल बजट व राजस्व प्राप्ति को श्रेणीकरण के हिसाब से खर्च करें। कई निकायों में अक्सर चुनाव से पहले नेता व पार्षद, सभासद बजट की अनुपलब्धता के बावजूद कई घोषणाएं कर देते हैं। इससे या तो वे घोषणाएं पूरी नहीं हो पाती या फिर कम बजट के बावजूद बड़ी योजनाएं निकायों पर बोझ बन जाती हैं। शहरी विकास विभाग के स्तर से नगर निकायों के लिए बजट खर्च, राजस्व प्राप्ति की नीति तैयार की जा रही है। यह नीति भविष्य में कैबिनेट में लाई जाएगी। कैबिनेट की मुहर के बाद यह अस्तित्व में आ जाएगी।
इतना बजट देती है सरकार..
आपको बता दे कि सरकार हर बजट में नगर निकायों को 10-10 करोड़ रुपये का प्रावधान करती है। अनिर्वाचित निकायों बद्रीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री के लिए दो-दो करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाता है। 2023 के बजट में भी नगर निगमों के लिए सरकार ने 392 करोड़ 96 लाख, नगर पालिकाओं के लिए 464 करोड़ 37 लाख, नगर पंचायतों के लिए 114 करोड़ 70 लाख का प्रावधान किया था। इस साल के बजट में भी कमोबेश ऐसे ही बजटीय प्रावधान किए गए हैं। नए निकायों को सीधे 10-10 करोड़ दिए जाते हैं। अनिर्वाचित निकाय बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री को दो-दो करोड़ का बजट दिया जाता है। दूसरी ओर, केंद्रीय वित्त आयोग से भी निकायों को करीब 450 करोड़ मिलते हैं।