कोविड-19 बंधनों से मुक्त हुआ उत्तराखंड, पाबंदियां खत्म..
उत्तराखंड: कोविड 19 को लेकर जो आंशिक प्रतिबंध जारी थे, अब नहीं रहेंगे। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को लेकर जो एसओपी जारी की थी, उसे निरस्त कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सौ फीसदी वैक्सीनेशन का लक्ष्य हासिल करने के लिए अभियान ‘हर घर दस्तक’ लॉंच किया है, जिसके तहत आशा वर्कर घर घर जाकर टीके के बारे में जानकारी लेंगी। इधर, प्रदेश में पिछले 24 घंटे के जो आंकड़े जारी हुए, उनके अनुसार राज्य में 12 नए कोरोना मरीज़ मिले और 6 रिकवर हुए। फिलहाल कुल 179 कोविड मरीज़ों का राज्य में इलाज चल रहा हैं।
देहरादून के ज़िला टीकाकरण अधिकारी डॉ. दिनेश चौहान के हवाले से खबरों में कहा गया कि आशा वर्कर तमाम घरों में जाकर ये जानकारी कलेक्ट कर रही हैं कि किसने वैक्सीन नहीं लगवाई है और क्यों नहीं। इसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजेगा। राज्य सरकार आगे इस पर एक्शन लेगी।
अभी कितनों को लगी वैक्सीन?
राज्य सरकार के आंकड़ों की मानें तो कुल 80.50 लाख वयस्क आबादी को उत्तराखंड में वैक्सीन दी जानी है, जिसके लिए कुल 1.61 करोड़ डोज़ की ज़रूरत पड़ेगी। राज्य सरकार की तरफ से जारी की जाने वाली नियमित सूचना के अनुसार बुधवार की शाम तक राज्य में 44,75,504 लोग पूरी तरह वैक्सीनेटेड हो चुके थे जबकि 75,26,853 लोगों आंशिक तौर पर वैक्सीनेटेड पाए गए।
प्रतिबंध खत्म लेकिन गाइडलाइन नहीं..
इधर, कोरोना से जुड़े तमाम प्रतिबंध खत्म किए गए हैं। यानी अब तक वैवाहिक या सार्वजनिक कार्यक्रमों, स्थानों पर जो 50 फीसदी क्षमता की शर्त थी, अब वो नहीं रहेगी, लेकिन सरकार के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा, वरना आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत जुर्माने की या दंडात्मक कार्रवाई हो सकेगी।
इन नियमों का करना होगा पालन..
1- पब्लिक प्लेस, वर्कप्लेस या पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मास्क पहनना अनिवार्य
2- पब्लिक प्लेस पर छह फीट की दूरी रखना अनिवार्य
3- पब्लिक प्लेस पर तंबाकू, गुटखा और पान आदि के सेवन पर मनाही
4- पब्लिक प्लेस पर थूका तो जुर्माना होगा या सज़ा भी हो सकती है
7-8 दिसंबर को होगा विधानसभा का अंतिम शीतकालीन सत्र,जानें क्या होगा खास..
उत्तराखंड: विधानसभा का शीतकालीन सत्र गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में सात और आठ दिसंबर को होगा। यह मौजूदा विधानसभा का अंतिम सत्र होगा। जनवरी में कभी भी विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो सकती है। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का कहना हैं कि दिसंबर में दो दिवसीय शीतकालीन सत्र आहूत किया जा रहा है जिसको लेकर भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के इंतजाम किए जा रहे हैं।
उनका कहना हैं कि पहले सरकार ने सत्र के लिए 29-30 नंवबर की तिथि तय की थी। लेकिन तैयारी पूरी न होने के चलते सत्र की तिथि पीछे खिसकानी पड़ी। आगामी सत्र में सरकार नजूल भूमि आवंटन और फ्री होल्ड के लिए कानून बना सकती है। उनका कहना हैं कि इसके साथ ही सरकार को कुछ अन्य जरूरी विधायी कामकाज भी निपटाना है। चुनाव से पहले सरकार इस मौके का इस्तेमाल नई घोषणाओं के लिए कर सकती है।
क्यूंकि यह सत्र इस विधानसभा का अंतिम सत्र होगा, इसलिए सत्र में पक्ष विपक्ष के बीच जोर आजमाइश देखने को मिल सकती है। घोषित तौर ग्रीष्मकालीन राजधानी का दर्जा प्राप्त कर चुके गैरसैंण में शीतकालीन सत्र आयोजित करवा सरकार चुनाव से पहले पहाड़ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जाहिर करने का प्रयास कर रही है।
कृषि कानून वापस के बाद अब सरकार पर बढ़ा देवस्थानम बोर्ड भंग करने का दबाव..
उत्तराखंड: कृषि कानून वापस लेने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एलान के बाद अब धामी सरकार पर उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन कानून वापस लेने का दबाव बढ़ गया है। चारधाम के तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज के लोग इस कानून के विरोध में आंदोलनरत हैं। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद से तीर्थ पुरोहित शांत हैं। अब कृषि कानूनों पर पीएम के एलान ने तीर्थ पुरोहितों की उम्मीदों को पंख लगा दिए हैं।
आपको बता दे कि प्रदेश की भाजपा सरकार चुनावी साल में दो अहम कानूनों पर घिरी है। इनमें पहला देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम और दूसरा उत्तरप्रदेश जमींदारी उन्मूलन भूमि व्यवस्था सुधार संशोधन अधिनियम है। इन दोनों अधिनियमों के विरोध में खासतौर पर राज्य के पर्वतीय जिलों के लोगों में नाराजगी है। विरोध को संभालने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो अहम कमेटियों का गठन किया। इसे सीएम की डैमेज कंट्रोल की कवायद के तौर पर देखा गया।
गैरसैंण विधानसभा सत्र में आ सकते हैं बिल..
सरकार सात व आठ दिसंबर को होने जा रहे गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को वापस लेने के लिए विधेयक ला सकती है। केदारनाथ में पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम से ठीक पहले तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी को थामने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मैदान में उतरना पड़ा था। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल ने भी मोर्चा संभाला था। तब मुख्यमंत्री ने 30 नवंबर तक देवस्थानम प्रबंधन कानून पर बड़ा फैसला होने के संकेत दिए थे।
वही कैबिनेट मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत का कहना हैं कि अगर लगा कि देवस्थानम प्रबंधन कानून चारधाम, मठ मंदिर व संत समाज के हित में नहीं है तो सरकार इसे वापस लेने पर विचार कर सकती है। कहा कि पंडा समाज, पुरोहित समाज से मुख्यमंत्री और मैंने कहा था कि जो भी निर्णय करेंगे वह उनके हित में होगा, सबसे सलाह करने के बाद ही निर्णय होगा। जिस तरह प्रधानमंत्री ने बड़ा दिल दिखाया है। हमने यदि कोई कानून बनाया है तो ऐसा नहीं है कि हम उस पर अडिग हैं, लकीर के फकीर हैं।
कृषि कानूनों पर प्रधानमंत्री के एलान के बाद लग रहा है कि हमें भी प्रदेश सरकार की ओर से देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम पर कोई सकारात्मक संकेत मिलें। हमें मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है। पूरा भरोसा है कि विधानसभा सत्र से पहले कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर सरकार देवस्थानम कानून को समाप्त करने का निर्णय लेगी।
गढ़वाली फिल्म सुनपट का अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में चयन..
उत्तराखंड: प्रदेश के विशेषकर पहाड़ की संस्कृति, यहां के लोग की समस्या, पलायन, खानपान को दर्शाती गढ़वाली लांग शार्ट फिल्म ‘सुनपट’ का गोवा में होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल आफ इंडिया के लिए चयन किया गया है। 35 मिनट फिल्म की पूरी शूटिंग पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल क्षेत्र में बीते वर्ष की गई। आगामी 20 से 28 नवंबर तक गोवा में अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल आफ इंडिया का आयोजन किया जायेगा। इसके लिए प्रेस इंफारमेशन ब्यूरो (पीआइबी) ने फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जाने वाली फीचर व नान फीचर की 44 फिल्मों का चयन किया गया है।
जिसमें उत्तराखंड की गढ़वाली लांग शार्ट फिल्म सुनपट भी शामिल है। आपको बता दे कि मूल रूप से डांग गांव बीरोंखाल व वर्तमान में जवाहर कालोनी फरीदाबाद निवासी राहुल रावत ने निर्देशन के साथ फिल्म की कहानी लिखी है। राहुल का कहना हैं कि इस फिल्म की शूटिंग जुलाई 2020 में पूरी की गई। उन्होंने दावा किया है इस तरह के फिल्म फेस्टिवल में लगने वाली यह अब तक की पहली फिल्म होगी। फिल्म बनाने को लेकर उनका कहना हैं कि भले ही उनका जन्म उत्तराखंड में नहीं हुआ लेकिन यहां के लोगों का संघर्ष व संस्कृति को बड़े मंच पर ले जाने का उनका सपना था, इसलिए उन्होंने इस फिल्म को गढ़वाली में ही बनाया। जिसमें क्षेत्र के लोगों ने भी विभिन्न किरदार निभाया है।
आपको बता दे कि फरीदाबाद में प्रारंभिक शिक्षा के बाद राहुल ने वर्ष 2011 में मास कम्यूनिकेशन किया और इसके बाद वह 2013 में मुंबई चले गए। यहां फिल्म मेकर अमित शर्मा के साथ उन्होंने काम किया और फिल्म मेकिंग की बारिकियां सीखी। राहुल का कहना हैं कि यह उनकी पहली फिल्म है। आगे कई प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है।
यह है सुनपट की कहानी
राहुल का कहना हैं कि गढ़वाली शब्द सुनपट का मतलब सन्नाटा है। सुनपट उत्तराखंड के गावों पर आधारित एक ऐसे समाज की कहानी है जिसका बीता कल खोया हुआ है और आने वाले कल धुंधला नजर आता है। फिल्म के मुख्य किरदार, अनुज और भरतू स्कूल के दोस्त हैं। फिल्म में उत्तराखंड ग्रामीण परिवेश की झलक, पहाड़ों में जीवन का संघर्ष और उसकी अनिश्चिताओं को दिखाया गया है।
खटीमा में झनकईया मेले शुभारंभ करेंगे मुख्यमंत्री धामी..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को खटीमा में झनकईया मेले और कैंटीन का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री सुबह पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां से हेलीकॉप्टर से चंपावत जाएंगे। उसके बाद दोपहर एक बजे शहीद हरिकिशन विद्यालय 22 नंबर पुल झनकईया खटीमा पहुंचेंगे, जहां गंगा दशहरा मेले और सीएसडी कैंटीन खटीमा का उद्घाटन करेंगे।
इसके बाद गुरुनानक जयंती पर गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब में आयोजित कार्यक्रमों में प्रतिभाग करेंगे। इसके बाद प्रस्तावित रोडवेज स्थल का भूमिपूजन, नागरिक चिकित्सालय खटीमा में आवासीय परिसर, आईसीयू और ऑक्सीजन यूनिट का लोकार्पण करेंगे। इलैक्ट्रिक चार्जिग स्टेशन, गौशाला का शिलान्यास और विद्या मंदिर खटीमा में संघ विचार प्रतिनिधियों के साथ बैठक में प्रतिभाग करेंगे। इसके बाद देहरादून के लिए प्रस्थान करेंगे।
आपको बता दे कि पवित्र शारदा घाट झनकईया में जंगल के बीच लगने वाले सात दिवसीय गंगा स्नान मेले की समस्त तैयारियां पूरी हो गई है। मेला कमेटी प्रबंधक पूरन धामी का कहना हैं कि मेला स्थान पर शारदा किनारे पवित्र शारदा घाट स्नान स्थल का कार्य पूरा हो चुका है। मेला परिसर पर मनोरंजन एवं मेलार्थियों की सुविधा के लिए खान-पान, बाजार, झूले, चरखे और अन्य सामग्री उपलब्ध है। मेले में पर्याप्त स्वयं सेवक एवं पुलिस प्रशासन की विशेष व्यवस्था की गई है।
पिथौरागढ़ के समीप खाई में गिरा वाहन, तीन की मौत, तीन घायल..
उत्तराखंड: पिथौरागढ़ जिले में एक को दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां एक वाहन खाई में गिर गया। हादसे में तीन महिलाओं की मौत हो गई है और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। जानकारी के अनुसार हल्द्वानी से थल की ओर जा रहा एक यात्री वाहन बांसपटान के गोदीगाड़ के समीप खाई में गिर गया। इस दुर्घटना में तीन महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
शुक्रवार की सुबह गोदीगाड़ पुल के पास वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिलते ही बेड़ीनाग थानाध्यक्ष प्रताप सिंह नेगी जवानों के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस टीम ने राहत-बचाव अभियान चलाकर सभी घायलों को एंबुलेंस और अन्य सरकारी वाहनों से बेड़ीनाग अस्पताल पहुंचाया गया।
जहां पर चिकित्सकों ने रश्मि चंद पत्नी बृजेश चंद, गीता चंद पत्नी हरीश चंद निवासी लेजम कौली थल और प्रियंका चंद पुत्री भगवान चंद निवासी गैना बड़ालू को मृत घोषित कर दिया गया है। जबकि चालक अनिल कन्याल निवासी थल, चंदन सिंह सामंत निवासी गोलाकुड़ी तड़ीगांव और बृजेश चंद निवासी लेजम कौली गंभीर रूप से घायल हैं। इनका उपचार चल रहा है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की राजनीति में मुद्दा बन सकता है रोहित चौहान का ये गीत..
उत्तराखंड: विधानसभा के पहले दो आम चुनाव लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी के नाम रहे। माना जाता है कि उनके गीतों ‘नौछमी नारेण’ और ‘अब कथगा खैल्यू’ से दोनों बार जनमत प्रभावित हुआ। हालांकि विगत कुछ चुनावों में नेगी का नया गीत नहीं आया लेकिन अब 2022 के चुनाव से ठीक पहले युवा गढ़वाली गायकों रोहित चौहान और राज टाइगर की जोड़ी का ‘पटवारी’ गीत बेरोजगारी की समस्या को लोकप्रिय माध्यम से हवा दे गया है।
आपको बता दे कि दोनों कलाकारों ने गीत के माध्यम से बेरोजगारों की जिंदगी में आने वाली मुश्किलों, समूह ग की भर्ती तैयारी और फिर विवादों के चलते कई साल तक भर्ती प्रक्रिया लटकने पर तंज कसा है। जिसे युवा खासा पसंद कर रहे हैं। रोहित चौहान जानी मानी गायिका कल्पना चौहान के बेटे हैं, जबकि राज टाइगर भी गढ़वाली डीजी गीतों में खासा नाम कमा चुके हैं। दो नवंबर को जारी इस वीडियो को अभी तक चार लाख 95 हजार से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं।
सात सौ से अधिक युवा इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। इसे उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों की हकीकत करार दे चुके हैं। गीत पर मिली प्रतिक्रिया से खुश राज टाइगर का कहना हैं कि उन्हें बेरोजगार फोन करके बधाई दे रहे हैं। हर किसी को लगता है कि जैसे हमने उनकी पीड़ा लिख डाली है। इतने कम समय में पांच लाख दर्शकों तक पहुंचने वाला यह उनका पहला गीत है। वही रोहित चौहान का कहना हैं कि उन्होंने इस गीत को हल्के फुल्के अंदाज में ही तैयार किया था, लेकिन यह गीत वास्तव में युवाओं की पीड़ा को छू गया है।
क्या है गीत में..
गीत में दो दोस्त अपनी प्रेमिका को इस वायदे के साथ शादी का इंतजार करने को कह रह हे हैं कि अब ‘समूह ग’ की भर्ती आ गई है, वो पटवारी बनने ही वाला है। इस बीच गीत आवेदन, तैयारी, फिजिकल की प्रक्रिया की बयां करता है, लेकिन अंत में एक खबर युवाओं का दिल तोड़ जाती है कि पटवारी भर्ती फिर अटक गई है। इस बीच उनकी प्रेमिका की शादी फौजी के साथ हो जाती है। गीत का अंत रोचक अंदाज में फिल्म ‘धड़कन’ में सुनील शेट्टी के चर्चित अंजलि, अंजलि…डायलॉग के साथ होता है।
धर्मनगरी हरिद्वार में श्री गंगा सभा की देव दीपावली आज, जलाए जाएंगे 11 हजार दीए..
उत्तराखंड: कार्तिक के पवित्र माह में आयोजित होने वाला देव दीपावली का पर्व आज गुरुवार को धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित किया जाएगा। यह पर्व श्री गंगा सभा के तत्वावधान में धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ का कहना हैं कि ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी पर हजारों दीए प्रज्ज्वलित कर भगवान विष्णु और समस्त देवताओं का पूजन किया जाएगा।
प्रज्ज्वलित किए जाएंगे ग्यारह हजार दीये..
प्रतिवर्ष तीर्थ पुरोहित हरकी पैड़ी पर हजारों दीए प्रज्ज्वलित कर देव दीपावली का उत्सव मनाते हैं। इस वर्ष ग्यारह हजार दीये प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी भी तीर्थ पुरोहितों के साथ आयोजन में मुख्य रूप से उपस्थित रहेंगे।
आपको बता दे कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष (निरंजनी) श्रीमहंत रविंद्र पुरी और श्रीगंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने इस मौके पर स्थानीय निवासियों और धर्मनगरी आए श्रद्धालुओं से नजदीक के सभी गंगाघाटों पर पांच-पांच दीपक जलाने का आह्वान किया है। महामंत्री तन्मय वशिष्ठ का कहना हैं कि ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी पर यह आयोजन गुरुवार की शाम धूमधाम से किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने किया ‘अपणि सरकार’ पोर्टल का उद्घाटन, अब एक क्लिक पर मिलेगी 75 सेवाएँ..
उत्तराखंड: उत्तराखंड में उन्नति पोर्टल और अपणी सरकार कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में किया। अपणी सरकार कार्यक्रम के तहत अब 72 सेवाएं ऑनलाइन मिलेंगी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड की जनता को समर्पित यह पोर्टल सभी के लिए लाभकारी होंगे। इसमें नौ विभागों की 75 सेवाएं जैसे चरित्र, आय, जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन जैसी सभी सुविधाएं मिलेंगी। सभी प्रमाणपत्र डीजी लॉकर में रहेंगे।
अपणि सरकार पोर्टल के जरिए अब एक क्लिक पर 09 विभागों की 75 सेवाओं का लाभ आमजन ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे ले सकते हैं। सुशासन की दिशा में यह बड़ा प्रयास है। प्रदेशवासियों को वे सेवाएं घर बैठे मिल सकेंगी जिनके लिए उन्हें ऑफिसों के चक्कर काटने पड़ते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन ऑनलाईन सेवाओं के शुरू होने से लोगों को आवश्यक प्रमाण पत्र सुगमता से प्राप्त होंगे। समय और खर्चे की भी बचत होगी।
सभी प्रमाण पत्र डिजी लॉकर में एकीकृत एवं संग्रहित होंगे। मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा का कहना हैं कि जिन दो पोर्टल का मुख्यमंत्री द्वारा शुभारंभ किया गया है। इससे जनसुविधाएं सुलभ होंगी। पं. दीनदयाल उपाध्याय जी ने अन्त्योदय का जो संदेश दिया, इस दिशा में यह सराहनीय प्रयास है।
विभागों में समन्वय के लिए भी ये पोर्टल बहुत कारगर साबित होंगे। उन्नति पोर्टल के माध्यम से सभी विभागों की परियोजना, उसकी निगरानी एवं वर्तमान परियोजना की स्थिति की जानकारी को प्राप्त की जा सकती है।
सीएम धामी ने हरीश रावत पर साधा निशाना..
उत्तराखंड: रोजगार के आंकड़ों को लेकर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के बाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को निशाने पर लिया। उनका कहना हैं कि सरकार ने आंकड़े रख दिए हैं। अब हरीश रावत से पूछिए कि वह संन्यास लेंगे या नहीं। सहस्त्रधारा हेलिपैड पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के स्वागत के लिए पहुंचे सीएम से इस दौरान रोजगार के आंकड़ों के संबंध में पूछा गया। मुख्यमंत्री का कहना हैं कि प्रदेश सरकार की ओर से रोजगार के आकंड़े रख दिए गए हैं। हमारे पास जो आंकड़े हैं, वह अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के हैं। आंकड़े उसके पोर्टल पर भी होंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह संन्यास ले लेंगे। उनसे यह पूछिये कि वह संन्यास लेंगे कि नहीं। यह पूछने पर कि हरीश रावत कह रहे हैं कि आंकड़े सही नहीं हैं, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हरीश रावत जी ने अपने समय में नारा दिया था कि खाता न बही जो मैं कहूं, वही सही। वे उसी पर अडिग हैं तो उसमें मैं क्या कह सकता हूं।
सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जाने से जुड़े प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल से सरकार चल रही है। सरकार ने कई विकास कार्य किए। कोरोना महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं का विस्तार किया। पार्टी की ओर से सेवा ही संगठन अभियान चलाया गया। उनका कहना हैं कि कुछ लोगों का काम ही राजनीतिक बयानबाजी करना है। चुनाव हैं इसलिए इस तरह के बयान आ रहे हैं। आज वह बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, लेकिन जब मुख्यमंत्री थे तो कोई काम नहीं कर पाए। हमेशा तुष्टिकरण का काम किया। हम उत्तराखंड के लिए जो जरूरी है, वह काम कर रहे हैं।
राष्ट्रीय नेताओं के दौरों से काम करने की शक्ति बढ़ेगी..
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय नेताओं के दौरों पर कहा कि उनके आने से संगठन के लोगों के काम करने की शक्ति बढ़ती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के दौरे पर उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने सैन्य धाम घोषित किया है। सैन्यधाम के लिए प्रत्येक शहीद सैनिक के गांव की माटी लाई जाएगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष सम्मान यात्रा का शुभारंभ करने आए हैं।