व्हाट्सएप पर हार्ट इमोजी भेजना हुआ मुश्किल लग सकता हैं 20 लाख का जुर्माना..
देश-विदेश: आज दुनिया का सबसे लोकप्रिय मल्टीमीडिया मैसेजिंग एप व्हाट्सएप है। व्हाट्सएप के जरिये लोग पर्सनल से लेकर प्रोफेशनल तक बातें कर रहे हैं, लेकिन आपको जानकर झटका लगेगा कि व्हाट्सएप पर चैटिंग की यह लत आपको जेल पहुंचा सकती है साथ ही 20 लाख रुपये तक का भारी-भरकम जुर्माना भी लग सकता है। जानकारी के अनुसार सऊदी अरब के साइबर क्राइम एक्सपर्ट का कहना है कि व्हाट्सएप पर रेड हार्ट इमोजी भेजने पर आप कानूनी पचड़े में पड़ सकते हैं।
एक रिपोर्ट में यहा भी दावा किया जा रहा है कि सऊदी अरब में व्हाट्सएप पर रेड हार्ट इमोजी भेजने पर 100,000 सऊदी रियाल यानी करीब 20 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है। इस जुर्माने का साथ दो से पांच साल तक की जेल की सजा भी हो सकती है। सऊदी अरब की एंटी फ्रॉड एसोसिएशन के सदस्य अल मोआताज कुतबी ने अपने एक बयान में कहा है कि व्हाट्सएप पर रेड हार्ट इमोजी भेजना का मतलब उत्पीड़न है।
उन्होंने आगे कहा कि ऑनलाइन चैट के दौरान कुछ तस्वीरें और इमोजी उत्पीड़न के अपराध में बदल सकती हैं, हालांकि किसी के ऊपर तभी कार्रवाई होगी जब उसके खिलाफ कोई मुकदमा दायर करता है रेड हार्ट इमोजी के अलावा लाल गुलाब वाला इमोजी भी आपको मुसीबत में डाल सकता है।
पिथौरागढ़ में पति से तंग आकर महिला ने पति को उतारा मौत के घाट..
उत्तराखंड: पिथौरागढ़ जिले के दिगांस गांव से एक सनसनीखेज खबर सामने आयी है। यहां एक महिला ने अपने पति का निजी अंग काटकर मौत के घाट उतार दिया। महिला का आरोप है कि वह पति के रोज-रोज की प्रताड़ना से परेशान हो गई थी। राजस्व पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इसके साथ ही मामले की जांच की जा रही है। वारदात 13 फरवरी की यानी चुनाव से एक दिन पहले की है।
आपको बता दे कि बीते रविवार को कोटली पट्टी दिगांस गांव निवासी 38 वर्षीय जितेंद्र राम चुनाव प्रचार करने के बाद देर रात घर लौटा था। बताया जा रहा है कि वह नशे में था। रात में ही उसका पत्नी सुनीता देवी से झगड़ा हो गया। आरोप है कि सुनीता ने ब्लड से जितेंद्र राम का निजी अंग काट दिया। अधिक खून बहने के कारण उसकी मौत हो गई। इसकी जानकारी सुनीता की बेटी ने अपने चाचा को दी। मौके पर पहुंची राजस्व पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर सुनीता को जेल भेज दिया। सुनीता का आरोप है कि जितेंद्र राम उसे हर रोज प्रताड़ित करता था।
उसने कई बार मारपीट भी की थी। इस कारण वह काफी परेशान रहती थी। यह भी आरोप लगाया कि घटना के दिन वह शराब पीकर आया था। पिथौरागढ़ के तहसीलदार पंकज चंदोला का कहना हैं कि कोटली पट्टी दिगांस गांव में एक महिला ने ब्लेड से पति का निजी अंग काटकर उसे मौत के घाट उतार दिया। मृतक के भाई की तहरीर के आधार पर महिला को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।
उत्तराखंड में कांग्रेस बनाएगी सरकार-हरक सिंह..
उत्तराखंड : भाजपा से निष्कासित होने के बाद भी हरक सिंह रावत के तेवर नरम नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड में कांग्रेस ही सरकार बनाएगी। रावत ने कहा कि वह कांग्रेस के लिए अब पूरी तन-मन से काम करेंगे। आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत पक्की है। आपको बता दें कि बीजेपी ने हरक को रविवार देर रात पार्टी से निष्कासित कर अंतिम समय में ही सही सरकार से बर्खास्त कर उनके बगावती तेवरों से हो रहे नुकसान की भरपाई करने का प्रयास किया है।
भाजपा सरकार में हरक सिंह रावत पहले ही दिन से असहज नजर आ रहे थे। लेकिन अंतिम साल में उन्होंने अपने बयानों और मेल मुलाकातों से भाजपा को ही असहज करके रखा हुआ था। अब चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरु होने से चंद घण्टे पहले उनकी कांग्रेस में वापसी की प्रबल संभावना को देखते हुए आखिरकार भाजपा को आखिरकार उनसे अपने रिश्ते फिर से परिभाषित करने पड़ गए हैं।
इसी क्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी को उन्हें सरकार से बर्खास्त करने के साथ ही पार्टी ने भी उन्हें निलंबित कर दिया है। जबकि अब तक हर बार पार्टी उनकी मनोव्वल करती आ रही थी। हरक के तेवरों के आगे नरम पड़ती पार्टी के रवैये से भाजपा का मूल कैडर भी हैरान था, इस कारण पार्टी ने अब तकरीबन बेअसर हो चुकी इस कार्यवाही से अपने कैडर की भावनाओं पर मरहम लगाने का प्रयास किया है।
1991 पौड़ी से भाजपा के टिकट पर विधायक निर्वाचित
1991 कल्याण सिंह सरकार में सबसे युवा मंत्री बने
1993 में फिर पौडी सीट से निर्वाचित हुए
1995 विवादों के बीच भाजपा का साथ छोड़ा
1997 मायावती के नेतृत्व वाली बसपा में शामिल
1997 यूपी खादी ग्रामोद्योग में उपाध्यक्ष बने
2002 कांग्रेस से लैंसडाउन के विधायक बन
2002 तिवारी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने
2003 जेनी प्रकरण में इस्ती़फा देना पड़ा
2007 फिर से लैंसडाउन के विधायक बने
2007 में कांग्रेस से नेता विपक्ष बनाए गए
2012 रुद्रप्रयाग से विधायक निर्वाचित हुए
2016 कांग्रेस से इस्तीफा दिया, भाजपा में वापसी
2017 भाजपा से कोटद्वार से विधायक बने
2017 भाजपा सरकार में फिर मंत्री बनाए गए
2022 भाजपा सरकार से बर्खास्त किए गए
हरक सिंह रावत के निष्कासन की ये हैं प्रमुख वजह:
भाजपा के अनुशासन की बार बार मखौल उड़ा रहे थे हरक
कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत पिछले पाँच सालों से बार बार भारतीय जनता पार्टी के अनुशासन की मखौल उड़ा रहे थे। यही कारण रहा कि अब कांग्रेस में जाने की चर्चाओं के बीच भाजपा को उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा। दरअसल डॉ हरक सिंह रावत पिछले पांच सालों में कई बार पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर चुके थे। डॉ हरक सिंह रावत को लेकर भाजपा के ग्रास रुट कार्यकर्ताओं में पहले से ही नाराजगी थी। उनके साथ ही कॉंग्रेस से आये नेताओ को पार्टी में ज्यादा ही तवज्जो दिए जाने से पार्टी में अंदरखाने खासी नाराजगी थी।
आम कार्यकार्ता बाहर से आए नेताओं को कभी भी तवज्जो नहीं चाहते थे। इसके बावजूद डॉ हरक सिंह रावत और उनके सहयोगी पार्टी को पांच सालों तक चलाते रहे। भाजपा नेतृत्व ने हर सम्भव कोशिश की की हरक सिंह रावत को पार्टी से जोड़ा रखा जाए लेकिन अब पानी सर से ऊपर होने और उनके कांग्रेस में शामिल होने के निर्णय के बाद पार्टी को उनके खिलाफ कदम उठाना पड़ा।
कैबिनेट छोड़ इस्तीफा देकर निकल गए थे..
डॉ हरक सिंह रावत कुछ दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित हो रही कैबिनेट की बैठक छोड़ निकल गए थे। उनकी नाराजगी का कारण उस समय कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव न आना था लेकिन जानकारों का कहना है कि हरक उस वक्त भी लैंसडाउन सीट से अपनी बहू के लिए टिकट की मांग कर रहे थे। हरक की नाराजगी की वजह से भाजपा में हडकंप मच गया था और 24 घंटे तक हरक को मानाने के प्रयास किए जाते रहे। मुख्यमंत्री और हरक के बीच वार्ता के बाद उस मामले का अंत हो पाया था।
बहू के लिए टिकट मांग दिखा रहे थे बागी तेवर..
अपने साथ लैंसडोन से बहू अनुकृति गुसाईं के लिए टिकट की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत लगातार बागी तेवर अपनाए हुए थे। भाजपा कोर कमेटी की बैठक में पहुंचने की बजाय दिल्ली के चक्कर काट रहे थे। पार्टी पर लगातार दबाव बनाए हुए थे। हरक सिंह रावत हमेशा दबाव की राजनीति के लिए जाने जाते रहे हैं।वह भाजपा पर लगातार हर बार किसी न किसी चीज के लिए दबाव बनाए हुए थे। पहले उन्होंने कोटद्वार मेडिकल कालेज के नाम पर कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने की धमकी देकी र भाजपा को असहज किया।
हालांकि उस दौरान हरक को मना लिया गया। मेडिकल कालेज को मंजूरी देने के साथ 25 करोड़ की स्वीकृति भी दी गई। इसके बाद भी हरक पार्टी पर दबाव बनाए हुए थे। इस बार दबाव अपने लिए केदारनाथ सीट और बहू अनुकृति गुसाईं के लिए लैंसडोन सीट का बनाया जा रहा था। भाजपा में बात न बनती देख, वो कांग्रेस में बहू के लिए विकल्प तलाशने लगे। उनकी यही तलाश उन पर भारी पड़ी।
भाजपा का कड़ा संदेश..
भाजपा के इस फैसले के अनुशासन के लिहाज से कड़ा संदेश माना जा रहा है। पिछले काफी समय से हरक बगावती तेवर अपनाए हुए थे। पिछले दिनों कैबिनेट बैठक में इस्तीफे की धमकी दे चुके रावत लगातार कांग्रेस नेताओं के संपर्क में भी थे। हरक के आगे हर बार घुटने टेकने से खुद भाजपा के भीतर पसंद नहीं किया जा रहा था। हरक को बर्खास्त कर भाजपा ने साफ कर दिया है कि अब वो किसी दबाव में आने वाली नहीं है।
मैदानी इलाकों में घने कोहरे का येलो अलर्ट..
पर्वतीय जिलों में पाला गिरने की संभावना, तापमान गिरा..
उत्तराखंड: मौसम विभाग ने राज्य के मैदानी क्षेत्रों के कुछ भागों विशेषकर हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिले में मध्यम से घना कोहरा छाए रहने का अनुमान लगाया है। वहीं, पर्वतीय जिलों में कहीं-कहीं पाला पड़ने की संभावना है। कोहरे और पाले को लेकर प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने राज्य के मैदानी क्षेत्रों के कुछ भागों विशेषकर हरिद्वार और उधमसिंह नगर जिले में मध्यम से घना कोहरा छाए रहने का अनुमान लगाया है। वहीं, पर्वतीय जिलों में कहीं-कहीं पाला पड़ने की संभावना है। कोहरे और पाले को लेकर प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
कोहरे और पाले को लेकर प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया गया है..
मौसम विभाग के अनुसार अगले चार-पांच दिन मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन कोहरे और पाले की वजह से वाहन चालकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। हवाई अड्डों पर न्यूनतम सीमा से कम दृश्यता से विमान लैंडिंग और टेक ऑफ प्रभावित हो सकते हैं। मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक 16 जनवरी के बाद एक और ताजा पश्चिमी विक्षोभ उत्तराखंड के पश्चिमी हिमालय रीजन में प्रभावी हो सकता है। इससे दोबारा मौसम खराब होने की संभावना है।
दून में तड़के झमाझम बारिश..
देहरादून शहर में बुधवार तड़के हुई झमाझम बारिश के बाद तापमान में कमी आई, लेकिन दोपहर में अच्छी धूप खिलने से मौसम सामान्य रहा। पिछले 24 घंटे में देहरादून में 12.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। देहरादून में अधिकतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। जबकि, न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 4 डिग्री कम रहा। मौसम विभाग के अनुसार देहरादून में अगले कुछ दिन मिश्रित मौसम रहेगा। 13, 14 और 15 जनवरी को आसमान साफ रहेगा। जबकि, 16, 17, 18 को आसमान में आंशिक बादल छाये रहने का अनुमान है।
कल हैं मकर संक्रान्ति पर्व, जानिए मकर संक्रान्ति के दिन क्यों बांटे जाते हैं गुड़-तिल..
देश -विदेश : सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश को मकर संक्रान्ति कहा जाता है। इस शुभ दिन को देश के अनेक हिस्सों में एक नई शुरुआत के रूप में देखा जाता है। स्कन्द पुराण के अनुसार,मकर संक्रान्ति के दिन यज्ञ में दिए गए द्रव्य को ग्रहण करने के लिए देवता पृथ्वी पर आते हैं। इसीलिए इसे देवताओं का समय, दिव्यता का समय माना जाता है।
त्योहारों के बारे में हमेशा कुछ ऐसा होता है, जो खूबसूरत ही होता है। वास्तव में, भारतीय त्योहारों में कहीं न कहीं गहरा संदेश और अनुष्ठानों में अनोखापन होता है। हर पर्व-त्योहार और अनुष्ठान उन दिव्य गुणों की पहचान है, जो हमारे अंदर भी निहित होते हैं।
दिवाली जैसे हमारे अंदर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध प्रकाश से हमारा पुनर्मिलन करवाती है, उसी तरह मकर संक्रान्ति हमारी दिव्य विरासत से हमें रूबरू करवाती है, जो हमारे चारों ओर बिखरी है और इसे सभी के साथ साझा करने के मानवीय दायित्व का भी आभास करवाती है।
मकर संक्रान्ति प्रारंभ होती है, हमारी पहली फसल के लेने और उसे सब में बांटने से। कठिन मेहनत और उसके बाद उसके फल को प्राप्त कर उसे आपस में बांटने के लिए उत्सव मनाया जाता है। गांवों में, पहली गन्ने की फसल, पहली चावल की खेप दिव्यता को समर्पित करते हैं और आपस में भी बांटते हैं। तभी किसान अपनी पूरी फसल अपने लिए प्रयोग में लाता है।
संक्रान्ति का मूल भाव ही बांटने की संस्कृति का होता है और यह सिर्फ फसल तक ही सीमित नहीं होता है। त्योहार हमें यह भी याद दिलाते हैं कि इस दिव्य विरासत को हम उन लोगों में भी बांटें, जो अपेक्षाकृत कम भाग्यशाली हैं, जो त्योहार नहीं मना पा रहे हों।
संक्रान्ति के साथ एक और परम्परा जुड़ी हुई है कि इस दिन गुड़-तिल बांटे जाते हैं। इसके पीछे भी बहुत बड़ा संदेश है। तिल जहां हमारे अस्तित्व की सहजता को दर्शाता है, वहीं गुड़ दुनिया की सारी मिठास को। इस प्रतीकात्मक तथ्य के पीछे उद्देश्य ही यह है कि सबके पास यह आशीर्वाद हो कि वे सहज, सामान्य, अहंकार रहित हों और हमेशा मीठा ही बोलें।तिल की तरह हैं। हमारा इस ब्रह्मांड में होने का महत्व क्या है? जीवन क्या है? हमारा जीवन छोटे से तिल के समान है, एक कण! देखा जाए तो कुछ नहीं।
तिल बाहर से काला होता है और अंदर से सफेद। यह दर्शाता है कि हमें अपना अंदर उजला यानि शुद्ध रखना है। यदि आप तिल को थोड़ा-सा रगड़ें, तो वह बाहर भी सफेद हो जाता है, अर्थ यही है कि हम जब हमारे बाहरी आवरण उतार देते हैं, तो पाते हैं कि हम अंदर से उतने ही पवित्र हैं।
हमें यह याद रखना चाहिए कि हम सहज, सामान्य और मीठे हैं, ठीक उसी तरह जैसे तिल और गुड़ हैं। जब भी कोई खुद को बहुत बड़ा मानने लगता है, तो उसका पतन प्रारम्भ हो जाता है। यह एक प्रयोगवादी सत्य है। हम अपने आसपास कई लोगों को देखते हैं। जैसे ही हमारे अंदर अकड़ आती है कि मैं कुछ हूं, वैसे ही पतन की शुरुआत हो जाती है। मैं शक्तिशाली हूं और हमारी शक्तियां भी क्षीण होने लगती हैं। इसको जानना ही हमें पतन से रोक देता है और यह सिर्फ अध्यात्म की ही देन है।
वर्ष भर में 12 संक्रान्तियां होती हैं, जिसमें से मकर संक्रान्ति को सबसे महत्त्वपूर्ण माना गया है। जब सूर्य मकर राशि में आते हैं और जाड़े के मौसम की विदाई की प्रक्रिया आरम्भ हो जाती है। जाड़े की तीव्रता के बाद सूर्य की रश्मियां सुखकारी होती हैं। यह वह समय है, जब हम बीज बोते हैं और उस बीजारोपण के साथनई फसल की भूमिका रखते हैं।
मकर संक्रान्ति का महत्त्व होता है कि सूर्यदेव उत्तरायण हो जाते हैं, वह उत्तर की ओर होने लगते हैं। इसे उत्तरायण पुण्य काल कहा जाता है, जो देवताओं का समय है, दिव्यता का समय है। यह सही है कि पूरा साल ही वैसे तो दिव्य है, लेकिन इस समय को थोड़ा और अधिक दिव्य माना जाता है। इसके बाद ही सारे त्योहार प्रारम्भ होते हैं।
साल में दो दिन होते हैं, जब कोई भी अपनी आध्यात्मिक यात्रा की प्रगति का मूल्यांकन कर सकता है। एक है मकर संक्रान्ति और दूसरा गुरु पूर्णिमा। यह दोनों आपस में भी लगभग आधे-आधे साल के अंतर में ही आते हैं। इस मौके को तुरंत भुनाइये और अपने नवीन संकल्प इस दिन से प्रारंभ करिए।
जब आप इस अध्यात्म के रास्ते पर आ जाते हैं, तब आपके लिए कोई वर्ष, कोई दिन या कोई पल ऐसा नहीं होता है कि वह दिव्य न हो। मकर संक्रान्ति पर उस दिव्यता से सम्पर्क को महसूस करें और दृढ़ता के साथ आगे बढे।
इस एक्टर ने साइना नेहवाल पर किया बेहूदा कमेंट..
देश-विदेश: एक्टर सिद्धार्थ साइना नेहवाल पर बेहूदा कमेंट कर विवादों में घिर गए हैं। जिसके बाद से सोशल मीडिया पर उनकी चौतरफा आलोचना की जा रही है। इतना ही नहीं लोगों ने उन्हें फ्लॉप एक्टर तक कह दिया है। लोगों का कहना हैं कि सिद्धार्थ शायद भूल गए कि साइना नेहवाल 2012 ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता, 2015 वर्ल्ड चैम्पियनशिप में रजत और 2017 में कांस्य पदक विजेता रह चुकी हैं। ये सभी मैडल उन्होंने देश के लिए कमाए हैं।
आपको बता दे कि साइना नेहवाल ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक पर ट्वीट करते हुए लिखा था- कोई भी राष्ट्र अपने आप को सुरक्षित होने का दावा नहीं कर सकता यदि उसके अपने प्रधानमंत्री की सुरक्षा से समझौता किया जाता है। मैं सबसे कड़े शब्दों में, अराजकतावादियों द्वारा पीएम मोदी पर कायरतापूर्ण हमले की निंदा करती हूं। इस पर बॉलीवुड और साउथ फिल्मों के एक्टर एक्टर सिद्धार्थ ने बेहूदा कमेंट किया।
जिसके बाद से एक्टर सिद्धार्थ अपने इस आपत्तिजनक कमेंट के बाद जमकर ट्रोल हो रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- किसी के लिए ऐसी भाषा विशेष रूप से उसके लिए जिसने देश को गौरवान्वित किया है। क्या यह सब पैसे कमाने के लिए हैं? अभिनेता के तौर पर तुम्हारा पतन तो पहले ही हो चुका है, अब इंसानियत भी खो दी है क्या? एक ने लिखा- एक महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने के आरोप में इसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि सिद्धार्थ ने साउथ की फिल्मों के साथ ही बॉलीवुड की फिल्मों में भी काम किया है। सिद्धार्थ हिट फिल्म ‘रंग दे बसंती’ में नजर आए थे। उनकी फिल्म ‘चश्मे बद्दूर’ को भी लोगों ने काफी पसंद किया था। सिद्धार्थ हमेशा से सोशल मीडिया पर कई मुद्दों पर राय रखते हैं।
14 फरवरी को की जाएगी विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग..
उत्तराखंड: पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। चुनाव आयोग ने यह भी साफ कर दिया है कि चुनाव तय समय पर ही होंगे। मतदाता सूची भी जारी हो चुकी है। सभी चुनावी राज्यों में सियासी हलचलें तेज हैं। सबसे ज्यादा चर्चा उत्तर प्रदेश चुनाव की है। 403 विधानसभा सीट वाले इस प्रदेश में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। राजनीतिक बयानबाजी से नेता एक-दूसरे पर निशाना साध रहे। चुनावी वादों की भी बौछार होने लगी है। धरना-प्रदर्शन भी खूब होने लगे हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र ने बताया कि 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग की जाएगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 15 जनवरी तक रैलियों पर रोक लगाई गई है। कोरोना केसों के ट्रेंड पर ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी। चुनाव के दौरान, आयोग कम से कम बूथ ऐसा होगा, जिसका पूरा नियंत्रण महिलाओं के हाथों में होगा। मतदान के दौरान संवेदनशील पोलिंग बूथों की वीडियोग्राफी करने के सख्त हिदायत दी गई है।
आपको बता दे कि उत्तराखंड में दूसरे चरण में चुनाव होगा। 21 जनवरी से उम्मीदवार नामांकन कर सकते हैं, जिसकी आखिरी तारीख 28 जनवरी होगी। नाम वापसी 31 जनवरी तक हाे सकेगी। चंद्रा ने बताया कि 10 मार्च 2022 को मतगणना होगी। चुनाव प्रचार पर बोलते हुए चंद्रा ने कहा कि चुनावी रैली, रोड शो, बाइक रैली, नुक्कड़ सभाओं पर रोक लगा दी गई है। सिर्फ वर्चुअल कैंपेन की ही अनुमति होगी। चुनाव की समाप्ति के बाद किसी भी तरह के विजय जुलूस पर रोक होगी।
चुनाव आयोग ने कहा कि इलेक्शन के दौरान अवैध पैसे और शराब पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इसके अलावा कोरोना संकट को देखते हुए उम्मीदवारों को ऑनलाइन नामांकन की भी सुविधा दी जाएगी। चुनाव आचार संहित इलेक्शन शेड्यूल जारी होने के बाद ही लागू हो जाएगी। चुनाव की अधिसूचना तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है और इसके चलते अब किसी भी राज्य में कोई सरकार जनता को लुभाने की घोषणाओं का ऐलान नहीं कर सकेगी।
24 घंटे में उत्तराखंड में मिले 505 नए कोरोना संक्रमित..
उत्तराखंड: प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 505 नए संक्रमित मिले हैं। वहीं एक भी संक्रमित की मौत नहीं हुई है। प्रदेश में अब तक 346468 लोग संक्रमित हो चुके हैं। आज 119 लोग ठीक हुए हैं। राज्य में अब एक्टिव केस 1000 हो गए हैं। आपको बता दे कि बुधवार को देहरादून जिले में 253 लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं। हरिद्वार में 64, नैनीताल में 55, पौड़ी में 60, टिहरी, अल्मोड़ा व चमोली में पांच, बागेश्वर में नौ, चंपावत में तीन, ऊधमसिंह नगर में 37, पिथौरागढ़ में छह, रुद्रप्रयाग में एक, उत्तरकाशी जिले में दो संक्रमित मिले हैं।
बता दे कि राजधानी देहरादून समेत जिले भर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिलाधिकारी ने बिना मास्क के घूमने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अपने क्षेत्रों में सघन जांच अभियान चलाएं और ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें जो बिना मास्क के सड़कों पर घूम रहे हैं।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा हैं कि भीड़-भाड़ भरे बाजारों और सार्वजनिक स्थानों में भी सघन जांच की जाए और जो भी लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके लिए जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश के आदेश दिए है कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग समेत कोरोना गाइडलाइन के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करें। यदि कोई व्यक्ति बिना मास्क के घूमता पाया गया उसके खिलाफ मौके पर ही कार्रवाई की जाएगी और निर्धारित जुर्माना वसूला जाएगा।
उत्तराखंड में पीआरडी जवानों का सचिवालय कूच आज..
उत्तराखंड: विभिन्न मांगों को लेकर बीते लंबे समय से धरने पर बैठे प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवान बुधवार यानि आज सचिवालय कूच करेंगे। मंगलवार को पीआरडी जवानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ कैंडल मार्च निकाल प्रदर्शन किया। जबकि बुधवार को पीआरडी जवानों ने सचिवालय कूच करने का फैसला लिया है। मंगलवार को गांधी पार्क से कैंडल मार्च निकालते हुए पीआरडी जवान घंटाघर पहुंचे और परेड ग्राउंड से होते हुए गांधी पार्क पर कैंडल मार्च संपन्न हुआ।
आपको बता दे कि पीआरडी जवानोंका कहना हैं कि वह अपनी जायज मांगों को लेकर लंबे समय से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनदेखा करने का काम कर रही है। पीआरडी जवानों ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीआरडी जवानों को साल के 300 दिन रोजगार देने की घोषणा की थी।
लेकिन अभी तक उसका भी शासनादेश जारी नहीं किया गया है। जबकि अन्य मांगों के संबंध में भी सरकार की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे पीआरडी जवानों में भारी रोष है और इसी के चलते पीआरडी जवानों ने पांच जनवरी यानि आज सचिवालय कूच करने का फैसला लिया है।
सूर्य नमस्कार का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने किया विरोध..
देश-विदेश: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने देश भर के सभी स्कूलों में एक सप्ताह तक चलने वाले योग सूर्य नमस्कार सत्र आयोजित करने के केंद्र सरकार के आदेश का विरोध किया है। मुस्लिम कानून बोर्ड का कहना है कि सूर्य नमस्कार सूर्य पूजा का एक रूप है और इस्लाम इसकी अनुमति नहीं देता है। केंद्र ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में सूर्य नमस्कार पहल शुरू की है। 75 करोड़ की सूर्यनमस्कार परियोजना भी भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर एक श्रद्धांजलि है।
आपको बता दे कि सूर्य नमस्कार का योग अभ्यास जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘सूर्य नमस्कार’ 21 दिनों के लिए दिन में 13 बार किया जाता है। यह परियोजना 1 जनवरी को शुरू हुई और 20 फरवरी, 2022 तक चलेगी। आयुष मंत्रालय ने 3 जनवरी को सूचित किया कि 30 प्रतिभागी राज्यों, 21,814 भाग लेने वाले संस्थानों, 10,05,429 पंजीकृत छात्रों के साथ, सूर्य नमस्कार की संख्या पहले से ही 97 होने की उम्मीद है। ,25,560 और संख्या बढ़ रही है।
बोर्ड के महासचिव सैफुल्ला रहमानी का कहना हैं कि वर्तमान सरकार संविधान के सिद्धांतों से भटक रही है और बहुसंख्यक समुदाय की सोच और परंपरा को थोपने की कोशिश कर रही है। सचिव, भारत सरकार, शिक्षा मंत्रालय ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर 30 राज्यों में ‘सूर्य नमस्कार’ की एक परियोजना चलाने का निर्णय लिया है, जिसमें 30 हजार स्कूलों को शामिल किया जाएगा। बोर्ड ने सरकारी आदेश के खिलाफ कहा कि ‘सूर्य नमस्कार’ सूर्य की पूजा का एक रूप है, इस्लाम और देश के अन्य अल्पसंख्यक न तो सूर्य को देवता मानते हैं और न ही उसकी पूजा को सही मानते हैं। इसलिए सरकार का यह कर्तव्य है कि वह ऐसे निर्देशों को वापस ले और देश की धर्मनिरपेक्ष भावना का सम्मान करे।