जाबांज इंस्पेक्टर को सलाम, युवक को बचाने के लिए दे दी अपनी जान..
उत्तराखंड: हल्द्वानी के काठगोदाम में बैराज में डूबते युवक की जान बचाने के लिए पुलिस इंस्पेक्टर ने अपनी जान कुर्बान कर दी। युवक की जान तो बच गई लेकिन सब इंस्पेक्टर की मौत हो गई। हादसे के बाद से पूरे क्षेत्र समेत पुलिस महकमे में शोक की लहर छा गई है। बता दे कि हादसे के दौरान सब इंस्पेक्टर ड्यूटी पर तैनात थे। इस दौरान उन्हें सूचना मिली कि बैराज में नहाने गया युवक डूब गया है। एसआई युवक की जान बचाने बैराज में कूद गए। लेकिन जैसे ही वे बैराज से बाहर आ रहे थे, अचानक ही वे डूबने लगे। उनके साथियों ने बैराज के गेट को खुलवाकर उनको बाहर निकाला और उन्हें बृजलाल हॉस्पिटल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मृतक सब इंस्पेक्टर की पहचान एसआई अमरपाल के रूप में हुई है जो कि काठगोदाम में जल पुलिस टीम के साथ तैनात थे। एसआई अमरपाल अपने साथी के साथ युवक की जान बचाने बैराज में कूद गए। दोनों ने युवक की जान बचाई । लेकिन जैसे ही वे बैराज से बाहर आ रहे थे, अचानक ही एसआई अमरपाल भंवर में फंसकर डूबने लगे। अमरपाल तेजी से बैराज के चैनल में फंसते चले गए। उसके बाद वहां पर अफरा-तफरी मच गई और आनन-फानन में उनके साथी उन्हें बृजलाल हॉस्पिटल ले गए। जहा चिकित्सकों ने एसआई अमरपाल को मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद पुलिस विभाग में शोक की लहर छा गई है और उनके परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
प्रदेश में महंगी हो जाएगी बिजली , जानें क्या होंगी नई दरें.. Lorsque la mobilité d’une personne est altérée, les pièces d’eau sont particulièrement à sécuriser car elles https://asgg.fr/ peuvent être glissante et entrainer des chutes.
उत्तराखंड: प्रदेश में बिजली की नई दरें एक अप्रैल से लागू हो जाएंगी। विद्युत नियामक आयोग मार्च अंतिम सप्ताह में नई दरें लागू कर देगा। जन सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब दरों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आपको बता दे कि राज्य में हर साल बिजली की दरें निर्धारित होती हैं। इस बार भी आम जनता को एक अप्रैल से नई बदली हुई बिजली दरों के लिए तैयार रहना होगा। इसके लिए विद्युत नियामक आयोग के स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आयोग ने गढ़वाल और कुमाऊं में अलग अलग स्थान पर जनसुनवाई की। लोगों से ऊर्जा निगम के बिजली दरें साढ़े पांच प्रतिशत बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर सुझाव और आपत्तियां मांगी। इसके साथ ही घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के साथ ही व्यवसायिक, औद्योगिक वर्ग के उपभोक्ताओं से उनकी राय मांगी गई। अब सुनवाई प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। हालांकि, आयोग ने पिछले कई समय से जनता के पक्ष को सुनते हुए अपना रुख नरम रखा है।
बता दे कि ऊर्जा निगम ने वर्ष 2021 में 13.25 प्रतिशत बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेजा था। आयोग ने बिजली दरों में 3.54 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की। वर्ष 2020 में छह प्रतिशत बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव भेजा गया। आयोग ने दरें बढ़ाने की बजाय चार प्रतिशत कम कर दीं। 2019 में आयोग को 16 प्रतिशत दरें बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा गया। आयोग ने 2.79 प्रतिशत दरें बढ़ाईं। 2018 में 13.44 प्रतिशत बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर आयोग ने दरों में बहुत अधिक बढ़ोत्तरी नहीं की। विद्युत नियामक आयोग पिछले लंबे समय से जनता के प्रति नरम रुख अपनाए हुए है। ऊर्जा निगम के दरों में बढ़ोत्तरी के भारी भरकम प्रस्ताव पर मुहर लगाने की बजाय आयोग मामूली बढ़ोत्तरी कर रहा है। आयोग का तर्क है कि ऊर्जा निगम के खर्चों, लाइन लॉस का भार आम जनता पर पड़ने नहीं दिया जाएगा।
भाजपा हाईकमान से मुलाकात के बाद,पुष्कर सिंह धामी ने कहा कुछ ऐसा..
उत्तराखंड: विधानसभा चुनाव 2022 में सीएम पुष्कर सिंह धामी के खटीमा विधानसभा सीट से हार के बाद अब भाजपा विधायकों ने लॉबिंग भी शुरू कर दी है। कई विधायक सहित सांसद मुख्यमंत्री की रेस में शामिल होने की बात कह रहे हैं। आपको बता दे कि इसी के बीच कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना हैं कि भाजपा हाईकमान ही उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाएगी। उत्तराखंड की कमान किसके हाथों में दी जाएगी इस पर केंद्रीय नेतृत्व गहनता से विचार कर रहा है। विधायक दल की बैठक के बाद ही मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी। धामी के हारने के बाद करीब आधा दर्जन विधायकों ने उनके लिए सीट छोड़ने की भी पेशकश कर डाली है। अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा हाईकमान धामी पर दोबारा भरोसा जताती है या फिर विधायकों के बीच में से ही किसी को उत्तराखंड की कमान सौंपती है।
20 मार्च तक मुख्यमंत्री के नाम की हो सकती है घोषणा.
बता दे कि उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर भाजपा हाईकमान 20 मार्च तक मुहर लगा सकती है। हाईकमान ने भाजपा के सभी निर्वाचित विधायकों को होली के बाद देहरादून में रहने की सख्त हिदायत दी है। आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचंड बहुमत के बाद भी हाईकमान ने नेता सदन की चयन प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं की है।
बताया जा रहा है कि 17 मार्च यानि आज तक होलाष्टक होना इसका मुख्य कारण है। मुख्यमंत्री चयन के लिए भाजपा हाईकमान भी काफी सतर्क है ताकि पिछली बार की तरह तीन-तीन मुख्यमंत्री बदलने जैसी स्थितियों न पैदा हो। ऐसे में हाईकमान सभी विकल्पों पर गहनता से विचार कर रही है।
उत्तराखंड में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के पास तीन-तीन विकल्प हैं। राजनैतिक सूत्रों की मानें तो पहला विकल्प कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी को रिपीट करने का होगा। तो दूसरे विकल्प के तौर पर भाजपा निर्वाचित विधायकों में से ही किसी विधायक को उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री बना सकते हैं। जबकि, तीसरे विकल्प की बात करें तो भाजपा विधायकों से बाहर किसी सांसद को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी भी सौंप सकती है।
उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग के 1500 से ज्यादा पदों पर निकली भर्ती..
उत्तराखंड: प्रदेश में 1500 खाली पदों पर भर्ती की तैयारी है। आयुर्वेद विभाग, मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य विभाग में खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन पदों पर जल्द ही भर्ती के लिए आवेदन मांगे जाएंगे। आपको बता दे कि आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों के 256 पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति जारी हो चुकी है। बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर 16 मार्च से इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू कर दिया जाएगा। जिसकी आखिरी तारीक 5 अप्रैल तय की गई है। एएनएम के पदों पर भी भर्ती की जाएगी। विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से पहले चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने आयुर्वेद विभाग के 256 पदों को भरने का प्रोसेस शुरू किया था।
इसके साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अपने सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 393 रिक्त पदों और स्वास्थ्य विभाग ने 824 एएनएम के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए प्रस्ताव निकाला था। लेकिन इस बीच प्रदेश में आचार संहिता लग गई थी और विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई। जिसके चलते भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई। अब प्रदेश में आचार संहिता खत्म हो गई है, जिसके बाद इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया तेज कर दी गई है। चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के चेयरमैन डॉ. डीएस रावत का कहना हैं कि हेल्थ सेक्टर में खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
ट्रैक्टर ट्रॉली से टकराई कार, हादसे में पिता और बेटे की गई जान..
उत्तराखंड: हरिद्वार में एक बार फिर तेज रफ़्तार ने अपना कहर बरपाया हैं। यहां हरिद्वार में स्कॉर्पियो के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर सामने आयी हैं जिसमे पिता बेटे की मौत हो गयी हैं। बताया जा रहा हैं कि राजस्थान से गंगा स्नान के लिए आ रहे श्रद्धालुओं की कार एक हादसे का शिकार हो गई। इस दुर्घटना में पिता और बेटे की जान चली गई। एक महिला सहित पांच अन्य के घायल होने की भी सूचना है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बड़ेडी राजपूताना में दिल्ली हरिद्वार हाईवे पर स्कॉर्पियो के दुर्घटनाग्रस्त हुई जिसमें स्कॉर्पियो में सवार पिता और बेटे की मौत हो गई। जबकि कार में सवार पांच अन्य घायल हो गए हैं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। जबकि पांच घायलों को उपचार के लिए भूमानंद अस्पताल में भर्ती कराया। थानाध्यक्ष बहादराबाद रणवीर सिंह चौहानका कहना हैं कि सुबह ड्राइवर को नींद की झपकी आ गई। जिसके चलते कार आगे चल रही सीटों से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली में घुस गई। इसमें 30 वर्षीय स्वरूप व उसके तीन वर्षीय बेटे कृष्णा की मौत हो गई। स्वरूप परिचालक सीट पर अपने बेटे को गोद में लेकर बैठा हुआ था।
उत्तराखंड में भाजपा अभी नहीं बना पाएगी सरकार..
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजभवन में शुक्रवार को राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया हैं। अब उत्तराखंड में बहुमत हासिल करने के बाद सबकी निगाहें नई सरकार के गठन पर लग गई हैं। लेकिन भाजपा के हलकों में यह चर्चा है कि नई सरकार के गठन में कुछ देरी हो सकती है। इसका कारण होलाष्टक माना जा रहा है। आपको बता दे कि 10 मार्च से होलाष्टक लगा है जो अगले आठ दिन होली तक रहेगा। पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने भी ऐसे आसार जताए हैं कि होलाष्टक के कारण सरकार के गठन में देरी हो सकती है। बता दें कि माना जाता है कि होलाष्टक के दौरान कोई शुभ या मंगल कार्य नहीं होता।
आपको बता दे कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हार से भाजपा उत्तराखंड में सीएम पद पर नाम को लेकर उलझन में है। इस बीच पार्टी ने केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। दोनों नेता जल्द होने वाली विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम पर विधायकों की राय से पार्टी नेतृत्व को अवगत कराएंगे। हालांकि विधायक दल की बैठक कब होगी, इसकी तारीख तय नहीं की गई है।
उत्तराखंड में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल करने का कीर्तिमान बनाया है। हालांकि चुनाव से चंद महीने पहले मुख्यमंत्री बनाए गए धामी खटीमा से चुनाव हार गए। इसके बाद पार्टी नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर पशोपेश में है। पार्टी में नए सीएम के नामों पर कयासबाजी का दौर भी जारी है। अलग-अलग गुट इस पद के लिए अपने नेता की दावेदारी कर रहे हैं। दो विधायकों ने धामी के लिए अपनी सीट से इस्तीफा का प्रस्ताव दिया है। हालांकि पार्टी नेतृत्व धामी पर दांव लगाएगा या नया चेहरा पेश करेगा, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
बलूनी, निशंक, अजय व सतपाल महाराज के नाम चर्चा में..
प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने धामी के हाथ में सरकार की कमान देने की घोषणा की थी। पीएम राज्य में नया और युवा नेतृत्व को उभारना चाहते हैं। इसलिए पांच साल के कार्यकाल में राज्य को धामी के रूप में तीसरा मुख्यमंत्री मिला। हालांकि धामी की हार ने पार्टी का समीकरण बिगाड़ दिया है। नए दावेदारों में पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट का नाम लिया जा रहा है। सतपाल महाराज के नाम की भी चर्चा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व की पसंद युवा नेता ही होगी।
नतीजे के बाद नहीं हुई है विस्तृत चर्चा..
बता दे कि बृहस्पतिवार को नतीजे आने के बाद अलग-अलग राज्यों में सरकार के गठन को लेकर कोई विस्तृत चर्चा नहीं हुई है। महज उत्तराखंड के लिए गोयल और प्रधान को पर्यवेक्षक बनाने का फैसला किया गया है। नतीजे के दूसरे दिन पीएम और गृहमंत्री शाह दोनों गुजरात में हैं। ऐसे में इनके वहां से लौटने के बाद संभवत: रविवार को अलग-अलग राज्यों में सरकार के गठन और शपथ की तारीख पर चर्चा होगी।
केदारनाथ यात्रा में 8 साल बाद श्रद्धालुओं को नजर आएगी ये खास बात..
उत्तराखंड: हिंदुओं का सबसे बड़ा आस्था का केंद्र केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तारीख तय हो गई हैं। केदारनाथ मंदिर के कपाट छह मई को खुलेंगे। श्रद्धालुओं के लिए 6 मई 2022 को सुबह 6 बजकर 25 मिनट अमृत बेला पर मंदिर के कपाट खुलेंगे। केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तारीख तय होने के साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2022 की तैयारियां भी प्रारंभ हो गयी। उम्मीद की जा रही है कि इस बार चारधाम यात्रा-2022 में रिकॉर्ड तोड़ यात्री उत्तराखंड पहुंचेंगे। चुनाव खत्म होने के बाद प्रशासन और अन्य संस्थाएं चारधाम यात्रा की तैयारियों को बेहतर बनाने में जुट जाएंगी। चुनाव परिणाम जारी हो चुका है, अब शासन-प्रशासन का पूरा फोकस चारधाम यात्रा पर रहेगा।
केदारनाथ धाम में भी रिकॉर्ड यात्रियों के पहुंचने की संभावनाएं हैं। केदारनाथ धाम आने वाले यात्री आठ साल बाद फिर से आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि के दर्शन भी कर सकेंगे। बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समाधि का पहले ही लोकापर्ण किया जा चुका है। यह पहला मौका होगा जब यात्री बाबा केदार के दर्शन के साथ ही आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि के दर्शन भी पहले दिन से कर सकेंगे
इस संभावना यहां भी जताई जा रही है कि 2019 में आए 9,98956 यात्रियों से कई अधिक यात्री केदारनाथ धाम आ सकते हैं। जीएमवीएन और निजी होटल स्वामियों के पास एडवांस बुकिंगें आने लगी हैं। इस बार 60 प्रतिशत बुकिंग हो चुकी है। जिलाधिकारी मनुज गोयल का कहना हैं कि केदारनाथ धाम में पूर्व सालों में 5 हजार यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था बहाल रहती थी, इसे हर हाल में बढ़ाने के प्रयास होंगे। चुनाव आचार संहित खत्म होते ही सीधे केदारनाथ यात्रा पर पूरा फोकस किया जाएगा। बीकेटीसी के सीईओ बीडी सिंह का कहना हैं कि मंदिर के अंदर यात्री व्यवस्था के विशेष इंतजाम किए जाएंगे, ताकि यात्रियों को समय पर दर्शन करवाए जा सकें। इस सीजन में रिकॉर्ड यात्रियों के आने की संभावना है।
एक लाख वोटों से जीते योगी, संगीत सोम को मिली मात..
देश-विदेश: उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के चुनाव के लिए मतगणना जारी है। रुझानों में UP में 273 सीटों पर भाजपा ने बढ़त बना ली है। जबकि सपा 123 सीटों पर ही सिमटी दिखाई दे रही है। कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य हार गए हैं। मोहनलालगंज सीट से भाजपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। देवबंद सीट से भाजपा प्रत्याशी बृजेश सिंह जीत गए हैं, वहीं जनसत्ता दल के खाते में प्रतापगढ़ का पहला नतीजा आया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 1,02,399 मतों के अंतर से चुनाव जीत गए हैं। वहीं, मेरठ की सरधना सीट से भारतीय जनता पार्टी के संगीत सोम हार गए हैं। उन्हें सपा के अतुल प्रधान ने हराया। भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम नहीं लगा सके जीत की हैट्रिक। सरधना में पहली बार साइकिल दौड़ी। सरधना विधानसभा सीट से सपा रालोद गठबंधन के अतुल प्रधान ने भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम को हरा दिया है। संगीत सोम इससे पहले दो बार यहां से चुनाव जीते थे, जबकि अतुल प्रधान दो बार चुनाव हारे थे। सरधना सीट पर ऐसा पहली बार हुआ है जब सपा का कोई प्रत्याशी जीता है। हार जीत का अंतर करीब 18000 वोटों का है। हालांकि, अभी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है। जब चार राउंड की मतगणना होनी बाकी थी, उससे पहले ही संगीत सोम मोदीपुरम में कृषि विश्वविद्यालय स्थित मतगणना स्थल से चले गए थे।
वनों में लगने वाली आग की रोकथाम के लिए सहयोग की अपील..
उप वन संरक्षक ने स्थानीय लोगों से की अपील..
रुद्रप्रयाग। वनों की अग्नि से सुरक्षा को लेकर उप वन संरक्षक रुद्रप्रयाग वैभव कुमार सिंह ने स्थानीय निवासियों से अपील करते हुए वनों में लगने वाली आग की रोकथाम के लिए सहयोग की अपील की है। उन्होंने वनाग्नि से होने वाली हानि के साथ ही इससे बचाव को लेकर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही वन में आग लगाने पर की जाने वाली कार्यवाही को लेकर भी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि वनों में आग लगने से वन संपदा नष्ट होने के साथ ही भू-सतह के अंदर रिसाव में कमी के कारण जल स्रोतों के परिपोषण पर दुष्प्रभाव पड़ता है। इसके साथ-साथ वनाग्नि से उत्पन्न धुएं से सांस व आंख की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है तथा पर्यटन पर भी इससे प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वनों की अग्नि से सुरक्षा में स्थानीय निवासियों की जागरुकता व सक्रिय सहयोग आवश्यक है। उन्होंने वनों में लगने वाली आग से सुरक्षा के दृष्टिगत आवश्यक सावधानियों को लेकर बताया कि वनों के समीप स्थित खेतों में आड़ा जलाते समय विशेष सावधानी बरतें तथा आग को पूर्णतः बुझाकर ही खेतों को छोड़ें। इसके अलावा वनों में जलती तीली, बीड़ी, सिगरेट आदि न फेंकी जाएं। कहा कि विवाह समारोहों में पटाखे जलाने आदि में विशेष सतर्कता बरतने के साथ ही बच्चों को खेल-खेल में आग न लगाने व घरों, खेतों के आसपास ज्वलनशील पदार्थ घास, फूल, सूखा कूड़ा-करकट आदि के जमा होने पर सतर्कता की जरूरत है।
इसके साथ ही उन्होंने भारतीय वन अधिनियम, 2001 के अनुसार आरक्षित वन में आग लगाने पर व कारावास, जुर्माने आदि की जानकारी दी। कहा कि भारतीय वन अधिनियम के तहत हर वो व्यक्ति जो आरक्षित वन क्षेत्रों के समीप स्थित गांवों में निवासरत है तथा किसी भी राजकीय सेवा अथवा राज्य द्वारा किसी प्रकार की वित्तीय सहायताध्अनुदान प्राप्त करता है वह वन अग्नि की दशा में वन विभाग की सहायता करने के लिए बाध्य है। ऐसा न करने की दशा में संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए एक वर्ष कारवास या दो हजार रुपए का जुर्माना अथवा दोनों का प्राविधान है।
मतगणना के लिए तैनात कार्मिकों को तीन पालियों में दिया प्रशिक्षण..
डाकमत्रों की गणना के लिए तैनात किए गए 84 कार्मिक..
रुद्रप्रयाग। विधानसभा सामान्य निर्वाचन की मतगणना को शांतिपूर्ण ढंग से सफलता पूर्वक संपादित कराने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी मनुज गोयल के निर्देशन में जिला कार्यालय सभा कक्ष में मतगणना को लेकर तैनात किए गए माइक्रो आब्जर्वर, मतगणना पर्यवेक्षक तथा मतगणना सहायकों को तीन पालियों में मास्टर ट्रेनरों ने प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर दोनों विधानसभाओं के रिटर्निंग आफिसर भी मौजूद रहे।
प्रथम पाली में प्रीकाउंटिंग के लिए तैनात किए गए 48 कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें विधान सभा केदारनाथ व रुद्रप्रयाग के लिए तैनात 20-20 कार्मिकों सहित आठ आरक्षित कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया। दूूसरी पाली में डाकमत्रों की गणना के लिए तैनात किए गए 84 कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें केदारनाथ विधान सभा के लिए 28 कार्मिक तैनात किए गए हैं, जिसमें सात माइक्रो आब्जर्वर, सात मतगणना पर्यवेक्षक तथा 14 मतगणना सहायक शामिल हैं। जिसमें आठ कार्मिक आरक्षित हैं। इसी तरह रुद्रप्रयाग विधानसभा में भी 28 कार्मिकों सहित आठ कार्मिक रिजर्व में तैनात किए गए तथा तीसरी पाली में ईवीएम मशीनों की गणना के लिए तैनात किए गए 114 कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया।
जिसमें दोनों विधानसभाओं के लिए 42-42 कार्मिक तैनात किए गए हैं, जिसमें 14 माइक्रो आब्जर्वर, 14 मतगणना पर्यवेक्षक तथा 14 मतगणना सहायक शामिल हैं तथा दोनों विधान सभाओं में 24 कार्मिकों को आरक्षित में रखा गया है, जबकि छः रिटर्निंग आफिसर तैनात किए गए। इस अवसर पर प्रशिक्षण दे रहे मास्टर ट्रेनर भास्करानंद पुरोहित, कपिल पाण्डे, किशन रावत द्वारा उपस्थित कार्मिकों को प्रीकाउंटिंग, डाक मतपत्रों एवं ईवीएम मशीनों की गणना के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी उपलब्ध कराई गई। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों एवं कार्मिकों से कहा कि आगामी दस मार्च को विधानसभा सामान्य निर्वाचन की होने वाली मतगणना के लिए जो जिम्मेदारी एवं दायित्व जिस अधिकारी एवं कार्मिक को दिए गए हैं। वह अपने दायित्वों का निर्वहन बड़ी सावधानी एवं सतर्कता के साथ करें तथा उन्हें जो प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है उसे गंभीरता से प्राप्त करें, ताकि मतगणना के समय गलती की कोई गुंजाइश न रहे।
उन्होंने कहा कि मतगणना हाॅल में संबंधित प्रत्याशियों के मतगणना अभिकर्ता भी उपस्थित रहेंगे जिन्हें राउंडवार ईवीएम मशीन द्वारा प्रदर्शित मतदान डिस्प्ले भी दिखाना तथा किस प्रत्याशी के पक्ष में कितने मत पड़े हैं उसे बोलकर भी बताना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दोनों विधान सभाओं की पांच-पांच बूथों की वीवीपैट मशीनों की भी काउंटिंग लाॅटरी प्रक्रिया के माध्यम से की जाएगी। इस अवसर पर रिटर्निंग अधिकारी रुद्रप्रयाग अपर्णा ढौंडियाल एवं रिटर्निंग अधिकारी केदारनाथ जितेंद्र वर्मा ने मतगणना के लिए तैनात किए गए अधिकारियों एवं कार्मिकों को निर्देश दिए कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कुशलता के साथ करेंगे तथा उन्हें जो भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है उसे गंभीरता से प्राप्त करें, ताकि मतगणना के समय किसी प्रकार की कोई समस्या न होने पाए।
दोनों विधान सभाओं में मतगणना के लिए 14-14 टेबल लगाई जाएंगी तथा पोस्टल बैलेट की गणना के लिए सात-सात टेबल लगाई जाएंगी तथा प्रीकाउंटिंग के लिए 10-10 टेबल लगाई जाएंगी। जिसमें विधानसभा रुद्रप्रयाग की काउंटिंग 14 राउंड में पूर्ण होगी तथा विधानसभा केदारनाथ की काउंटिंग 13 राउंड में पूर्ण की जाएगी। इस अवसर पर नोडल अधिकारी डाक मतपत्र योगेंद्र चौधरी, तहसीलदार रुद्रप्रयाग मंजू राजपूत सहित मतगणना कार्यों के लिए तैनात किए गए माइक्रो आब्जर्वर, मतगणना पर्यवेक्षक, मतगणना सहायक मौजूद रहे।