हाईकोर्ट पहुंचा उत्तरकाशी मस्जिद विवाद, मुस्लिम समुदाय ने कर दी ये मांग..
उत्तराखंड: उत्तरकाशी मस्जिद विवाद एक बार फिर से चर्चाओं में है। अब ये मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है। उत्तरकाशी मस्जिद विवाद मामले में मुस्लिम समुदाय हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और मस्जिद को सुरक्षा देने की मांग की है।उत्तरकाशी में बीते दिनों मस्जिद को लेकर जमकर बवाल हुआ था। यहां तक कि जिले में धारा 163 लागू करनी पड़ी थी। इस मामले को लेकर हिंदू संगठनों में लगातार आक्रोश देखने को मिल रहा है। लेकिन अब इस मामले में मुस्लिम समुदाय हाईकोर्ट की शरण में पहुंचा और और उन्होंने इस मस्जिद को सुरक्षा देने की मांग की है। मुस्लिम समुदाय ने लोग मस्जिद को अवैध बताने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि जिस मस्जिद को अवैध बताकर इतना विरोध किया जा रहा है वो पूरी तरह से वैध है। उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मस्जिद को सुरक्षा देने की मांग की गई है। बता दें कि इस मामले में हाल ही में हिंदू संगठन के लोगों ने 25 नवंबर को तहसील स्तर पर ज्ञापन सौंपने और एक दिसबंर को महापंचायत करने का ऐलान किया था।
क्या है उत्तरकाशी मस्जिद विवाद ?
उत्तरकाशी के मौजा बाड़ाहाट, तहसील भटवाड़ी में एक मस्जिद है जिसे हिंदू संगठन के लोग हटाने की मांग कर रहे हैं। इसको लोकर 21 अक्टूबर को उत्तरकाशी में बाजार बंद रखे गए और एक जन आक्रोश रैली निकाली गई। इस रैली के दौरान जमकर बवाल हुआ था जिसके बाद इलाके में धारा 163 लागू कर दी गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार इसी साल मौजा बाड़ाहाट, तहसील भटवाड़ी में स्थित मस्जिद को लेकर एक आरटीआई फाइल की गई। जिसके जवाब में प्रशासन ने कहा कि इस मस्जिद से जुड़े कागजात नहीं है। इसके बाद से ही हिंदू संगठन के लोगों ने इस मस्जिद को हटाने की मांग शुरू की। इस मस्जिद को गिराने के लिए उत्तरकाशी के डीएम को एक ज्ञापन भी सौंपा गया। जिसके बाद हिंदूवादी संगठन के सदस्य 6 सितंबर को मस्जिद गिराने की मांग को लेकर डीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। हिंदूवादी संगठन के सदस्यों ने प्रशासन को तीन दिना का अल्टीमेटम दिया था कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो वो खुद मस्जिद को धवस्त कर देंगे। जिसके बाद जिलाधिकारी ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया। कमेटी ने जांच के बाद जो रिपोर्ट प्रस्तुत की उसमें बताया गया था कि ये मस्जिद वैद्य है। जिस जमीन पर मस्जिद बनी है वो सरकारी नहीं है। प्रशासन ने इन संगठनों को ये जानकारी भी दी लेकिन संगठन इसे मानने को तैयार नहीं हैं और अब भी इसे हटाने की मांग कर रहे हैं।
रफ्तार पकड़ रहा जमरानी बांध परियोजना का कामकाज, 11 करोड़ से प्रोजेक्ट रोड को किया जाएगा बेहतर..
उत्तराखंड: सिंचाई विभाग की जमरानी बांध परियोजना का कामकाज रफ्तार पकड़ रहा है। बांध निर्माण के लिए भारी मशीनरी का इस्तेमाल होगा, ऐसे में सिंचाई विभाग अमृतपुर से जमरानी बांध को जाने वाले मार्ग की क्षमता बढ़ाने के साथ आवश्यकता वाली जगह को चौड़ा करने की तैयारी की है।इस कार्य में 11 करोड़ खर्च होंगे। नैनीताल जिले में जमरानी बांध महत्वाकांक्षी परियोजना है, इसमें नौ किमी की झील निर्मित होनी है। सिंचाई विभाग ने बांध निर्माण को लेकर कदम बढ़ाए हैं। अक्टूबर में बांध प्रभावितों को मुआवजा बांटने की प्रक्रिया की गई थी।
बता दे कि अब विभाग बांध निर्माण के लिए अमृतपुर से जमरानी को जाने वाली प्रोजेक्ट रोड को बेहतर करने की योजना पर काम कर रहा है। जिससे बांध निर्माण के लिए भारी मशीनरी को सुगमतापूर्वक पहुंचाया जा सके। विभागीय अधिकारियों के अनुसार सिंचाई विभाग की प्रोजेक्ट रोड है, इस सात किमी मार्ग को 11 करोड़ की लागत से सुधारा जाएगा। इसमें जहां भारी मशीनरी को ले जाने वाला मार्ग कम चौड़ा है, वह चौड़ा किया जाएगा। इस काम को तय समय से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रोजेक्ट रोड को सुधारने के लिए टेंडर जारी किए गए हैं, इस कार्य को पूरा करने के लिए नौ महीने का समय रखा गया है। यह प्रयास किया जाएगा कि इसे पांच महीने में पूरा कर लिया जाए। मार्ग सुधारीकरण से बांध निर्माण के लिए भारी मशीनरी को ले जाने में और सुगमता होगी।
सोलर प्लांट और रूफटॉप प्लांट से उत्पादित बिजली की कीमत घटी, विद्युत नियामक आयोग ने जारी की नई दरें..
सोलर प्लांट और रूफटॉप प्लांट से उत्पादित बिजली की कीमत घटी, विद्युत नियामक आयोग ने जारी की नई दरें..
उत्तराखंड: प्रदेश में व्यावसायिक उत्पादन के लिए लगाए जाने वाले सोलर पीवी प्लांट और घर की छतों पर लगने वाले सोलर रूफटॉप प्लांट से पैदा होने वाली बिजली के दाम गिर गए हैं। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने सोलर प्लांट की लागत कम होने के मद्देनजर ये फैसला सुनाया है। नई दरें जारी कर दी गई हैं। नियामक आयोग में अध्यक्ष एमएल प्रसाद और सदस्य विधि अनुराग शर्मा की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की लागत घट गई है। 10 किलोवाट तक के प्लांट की लागत 47,691 रुपये से घटकर 43,063 रुपये प्रति किलोवाट, 10-100 किलोवाट श्रेणी में 43,753 रुपये से घटकर 39,507 रुपये प्रति किलोवाट, 100-500 किलोवाट श्रेणी में 41,276 से घटकर 37,271 रुपये प्रति किलोवाट और 500 किलोवाट से एक मेगावाट श्रेणी में लागत 40,074 से घटकर 36,185 रुपये प्रति किलोवाट तक आ गई है। इसी प्रकार व्यावसायिक तौर पर लगने वाले सोलर पीवी प्लांट की लागत भी तीन करोड़ 45 लाख प्रति मेगावाट से घटकर तीन करोड़ आठ लाख प्रति मेगावाट हो गई है। लागत घटने के कारण आयोग ने इनसे पैदा होने वाली बिजली के दाम भी घटा दिए हैं। सोलर पीवी प्लांट के दाम 4.46 रुपये से घटकर 4.25 रुपये प्रति यूनिट हो गई है।
मुख्य सचिव को हाईकोर्ट से अवमानना नोटिस जारी, उपनल कर्मियों से जुड़ा है मामला..
उत्तराखंड: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को नैनीताल हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने ये नोटिस आदेशों की अवमानना के लिए जारी किया है।नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को राज्य सरकार द्वारा उपनल कर्मचारी संघ के हित में दिए गए पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं करने के मामले में नोटिस जारी किया है। बता दें कि आज हाईकोर्ट ने उपनल कर्मचारी संघ के हित में दिए गए पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को अवमानना का नोटिस जारी जल्द से जल्द जवाब पेश करने को कहा है।
24 दिसंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई..
मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 दिसंबर को होगी। बता दें कि उपनल कर्मचारी संघ द्वारा अवमानना याचिका दायर की गयी थी। जिसमें कहा गया है कि हाईकोर्ट ने साल 2018 में कुंदन सिंह बनाम राज्य सरकार व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उपनल कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नियमावली बनाने के राज्य सरकार को निर्देश दिए थे। इसके साथ ही उनके वेतन से जीएसटी न वसूलें और उन्हें न्यूनतम वेतन देने को भी कहा था। लेकिन उत्तराखंड सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। लेकिन इसके बाद भी राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया। इसके बाद भी उत्तराखंड सरकार ने अब तक उपनल कर्मचारियों को नियमित करने के संबंध में कोई नियमावली नहीं बनाई है। जबकि ये कर्मचारी सालों से काम कर रहे हैं।
आधार से बनेंगे 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड,मिलेगा पांच लाख तक मुफ्त इलाज..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश में 70 साल व उससे ऊपर के बुजुर्गों का आयुष्मान वय वंदना कार्ड आधार नंबर से बनेंगे। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जन सेवा केंद्रों व सरकारी अस्पतालों में बुजुर्ग अपना कार्ड बना सकते हैं। इस कार्ड पर प्रत्येक बुजुर्ग को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। केंद्र सरकार ने 70 साल व उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया है।
इस योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा लेने के लिए उत्तराखंड में लगभग छह लाख बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। अब तक दो हजार बुजुर्गों के कार्ड बन चुके हैं। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक डॉ. वाईएस टोलिया का कहना हैं कि जिन वरिष्ठ नागरिकों के पूर्व में आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। उन्हें भी दोबारा से नया कार्ड बनाना होगा।
इस कार्ड को बनाने के लिए राशन कार्ड अनिवार्य नहीं है। आधार नंबर और उससे लिंक मोबाइल नंबर से किसी भी जन सेवा केंद्र और सरकारी अस्पतालों में कार्ड बना सकते हैं। प्रदेश में अब तक दो हजार से अधिक वरिष्ठ नागरिकों के नई योजना के तहत आयुष्मान वया वंदना कार्ड बन चुके हैं। योजना में प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।
श्रीदेव सुमन विवि के छात्र अब घर बैठे कर सकेंगे UPSC की तैयारी..
उत्तराखंड: श्रीदेव सुमन विवि व इससे संबद्ध कॉलेजों के छात्र अब घर बैठकर संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे। इसके लिए विवि में प्रोजेक्ट यूपीएससी शुरू किया गया है। प्राथमिक चरण के तहत इस प्रोजेक्ट में सुपर-39 के लिए चयनित छात्र-छात्राओं को शामिल किया गया है। प्रोजेक्ट के तहत कक्षाएं ऑनलाइन होंगी। पिछले महीने मुरादनगर यूपी की संस्था पावन चिंतन धारा आश्रम ने उत्तराखंड राजभवन में अपना प्रजेंटेशन दिया था। इसमें संस्था ने राज्य भर में संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को निशुल्क कोचिंग दिए जाने का प्रस्ताव रखा था। इसके लिए प्रदेश के तीन विश्वविद्यालयों (पंतनगर कृषि विवि, श्रीदेव सुमन विवि व दून विवि) का चयन किया गया था। इन विश्वविद्यालयों का चयन सुपर-39 के लिए भी किया गया है। श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने बताया कि विवि में प्रोजेक्ट यूपीएससी शुरू कर दिया गया है।
प्रथम चरण के तहत सुपर-39 में चयनित छात्र-छात्राओं को इसमें शामिल किया गया है। प्रो. जोशी ने कहा कि विवि से संबद्ध सभी कॉलेजों को पत्र भेज इस योजना से अपने छात्रों को जोड़ने के लिए कहा गया है। विवि मे प्रोजेक्ट यूपीएससी के निदेशक प्रो. डीकेपी चौधरी का कहना हैं कि प्रोजेक्ट के तहत कक्षाएं सप्ताह में रविवार व शनिवार को सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक संचालित की जा रही हैं। कक्षाएं निशुल्क ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।
क्या है प्रोजेक्ट यूपीएससी..
प्रोजेक्ट यूपीएससी, आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी में मदद करने के लिए शुरू किया गया एक प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट के तहत, अनुभवी शिक्षकों और सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस और पीसीएस अधिकारी निशुल्क ऑनलाइन और ऑफलाइन कोचिंग देते हैं। इसके साथ ही छात्रों की शंकाओं के समाधान के लिए परामर्श सत्र भी आयोजित किए जाते हैं। प्रोजेक्ट यूपीएससी में शामिल होने के लिए, छात्र upsc@ashrampcd.com पर संपर्क करके या 8882918694 पर कॉल करके पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण के बाद उम्मीदवारों का चयन करने के लिए एक प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार आयोजित किया जाता है।
श्रीदेव सुमन विवि का दीक्षांत समारोह शुरू, 21230 छात्रों को मिलेगी उपाधि..
उत्तराखंड: श्रीदेव सुमन विवि के पांचवें दीक्षांत समारोह में 21230 छात्र-छात्राओं को स्नातक व परास्नातक की उपाधियां दी जाएंगी। समारोह में 81 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक भी दिए जाएंगे। दीक्षांत समारोह के आयोजन के लिए विवि प्रशासन ने सभी तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। श्रीदेव सुमन विवि के दीक्षांत समारोह का मंगलवार को पं. ललित मोहन शर्मा परिसर स्थित ऑडीटोरियम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे कुलाधिपति/राज्यपाल ले. जनरल (सेनि.) गुरमीत सिं और विशिष्ठ अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने किया।
प्रो. जोशी का कहना हैं कि समारोह में स्नातक व परास्नातक की 21230 उपाधियां बांटी जाएंगी। इसमें 17827 स्नातक व 3403 परास्नातक की उपाधियां शामिल हैं। स्नातक व परास्नातक स्तर पर तीनों संकायों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को श्रीदेव सुमन स्वर्ण पदक, परास्नातक स्तर पर तीन विषयों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को कैप्टन शूरवीर सिंह पंवार पदक व स्नातक स्तर पर वाणिज्य संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्तकर्ता को स्व. नंदराम पुरोहित स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा। इस बार भी दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक पाने वालों में छात्राएं आगे हैं। 81 स्वर्ण पदक विजेताओं की सूची में 18 छात्र शामिल हैं। जबकि छात्राओं की संख्या 63 हैं। अब तक के चारों दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक विजेताओं की सूची में छात्राओं का ही बोलबाला है। 81 स्वर्ण पदक विजेताओं की सूची में 18 छात्र शामिल हैं। जबकि छात्राओं की संख्या 63 हैं।
उत्तराखंड दौरे पर RSS प्रमुख मोहन भागवत, मुवानी में किया विद्यालय भवन का लोकार्पण..
उत्तराखंड: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत दो दिवसीय उत्तराखंड दौरे के दौरान रविवार को पिथौरागढ़ पहुंचे। डीडीहाट स्थित शेर सिंह कार्की सरस्वती विहार, मुवानी पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। संघ प्रमुख ने सबसे पहले समाजसेवी स्व. शेर सिंह कार्की की समाधि स्थल के पास चंदन के वृक्ष का पौधरोपण किया। इसके बाद उनकी फोटो में माल्यार्पण कर नव निर्मित शेर सिंह कार्की विद्यालय भवन का दीप जलाकर लोकार्पण किया। लोगों से भरे सभागार को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पहाड़ों से पलायन को रोकने के लिए खेती करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि खेती को स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा दो तरह की होती है। एक बाहर की शिक्षा और एक अंदर की शिक्षा। शिक्षा मिलने के बाद उसका सटीक उपयोग दूसरे को अच्छी शिक्षा देना हैं।
उनका कहना हैं कि कालांतर में बड़े-बड़े ऋषि और अनपढ़ लोगों ने महान कार्य किए हैं। यदि वे ज्यादा पढ़े लिखे होते तो और महान कार्य करते। विद्या का उपयोग दूसरों को अपनी शिक्षा बांटना, उस शिक्षा से कमाया धन को दान करना और अपनी शक्ति का उपयोग उसकी सुरक्षा के लिए करने से ही शिक्षा का सही सदुपयोग होता है।
आपको बता दे कि मोहन भागवत ने सभी से विद्या भारती द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में कर रहे उल्लेखनीय योगदान में अपने-अपने स्तर से अंशमात्र सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व भारत की कुटुंब व्यवस्था की बात को सही ठहरा रहा है। भारत की प्राचीन वैभव और अध्यात्म से ही आज पूरा विश्व हमें विश्व गुरु मान रहा है। हमारी सम्पूर्ण शिक्षा और स्वरोजगार के मार्ग से ही हम धीरे धीरे विश्व गुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इस दौरान कार्यक्रम में पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, डीडीहाट विधायक बिशन सिंह चुफाल समेत कुलपति उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय नैनीताल डॉ ओम प्रकाश सिंह नेगी और कई लोग मौजूद रहे।
चिन्यालीसौड़ में वायुसेना का अभ्यास कल से शुरू..
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है चीन से सटा यह हवाई अड्डा..
उत्तराखंड: वायुसेना के लिए सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर 11 दिवसीय अभ्यास शुरू करने जा रही है, जो 19 नवंबर से शुरू होकर 28 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान वायुसेना की ओर से बहुउद्देशीय परिवहन विमान एएन-32 की लैंडिंग और टेकऑफ का अभ्यास किया जाएगा। चीन सीमा से लगे उत्तरकाशी में चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डा वायुसेना के लिए सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि इस हवाई अड्डे को वायुसेना पिछले कुछ समय से एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के रूप में विकसित करने पर काम कर रही है।
इसी के चलते वायुसेना की ओर से यहां समय-समय पर अपने मल्टीपर्पज विमानों के साथ हेलिकॉप्टरों की लैंडिंग और टेकऑफ का अभ्यास किया जाता है। इस क्रम में मंगलवार से वायुसेना यहां 11 दिनों का अभ्यास शुरू करने जा रही है। इसके लिए वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर मानस सक्सेना की ओर से प्रशासन से संपर्क करते हुए अभ्यास के दौरान दो फायर ब्रिगेड गाड़ियां, डॉक्टर की टीम के साथ एंबुलेंस सहित 10 सुरक्षाकर्मी, रनवे की सफाई व आसपास के पेड़ों की लॉपिंग के लिए पांच कर्मी उपलब्ध कराने की मांग की है। वायुसेना का बहुउद्देशीय परिवहन विमान एएन-32 आगरा एयरबेस से सुबह आठ बजे उड़ान भरकर करीब नौ बजे चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर पहुंचेगा।
उत्तराखंड शिक्षा विभाग में त्रिस्तरीय ढांचे का ड्राफ्ट तैयार, केवि की तर्ज पर बनेंगे तीन संवर्ग..
उत्तराखंड: प्रदेश में विद्यालयी शिक्षा के तहत शैक्षणिक संवर्ग का नया त्रि-स्तरीय ढांचा बनाने की तैयारी है। शिक्षा निदेशालय ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर इसे मंजूरी के लिए शासन को भेजा है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इसे मंजूरी मिलने पर केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर त्रि-स्तरीय संवर्ग पीआरटी, टीजीटी और पीआरटी होंगे। बताया गया कि विभाग में शिक्षकों के पदोन्नति के अवसर समाप्त हो रहे थे, जिसे देखते हुए इस तरह का ढांचा बनाया जा रहा है। शिक्षा विभाग में वर्तमान में प्राथमिक और माध्यमिक दो संवर्ग हैं। कक्षा एक से आठवीं तक के शिक्षक प्राथमिक संवर्ग के तहत आते हैं, जबकि कक्षा नौ से 12वीं तक के शिक्षक माध्यमिक संवर्ग के हैं। अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के अनुसार प्रदेश में जूनियर हाईस्कूलों के हाईस्कूल में उच्चीकरण से प्राथमिक संवर्ग के शिक्षकों के पदोन्नति के पद खत्म हो रहे हैं।
यही वजह है कि संगठन की ओर से यह मांग की जा रही कि राज्य के जूनियर हाईस्कूलों का अलग से संचालन किया जाए। वहीं जिन विद्यालयों का हाईस्कूल के रूप में उच्चीकरण किया गया है, उनसे जूनियर हाईस्कूलों के शिक्षकों का समायोजन किया जाए। यदि इन स्कूलों का अलग से संचालन नहीं किया जाता तो विभाग का त्रिस्तरीय ढांचा बनाया जाए। अखिल भारतीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष सतीश घिल्डियाल के अनुसार राज्य में लगभग 1,500 से अधिक जूनियर हाईस्कूलों का हाईस्कूल के रूप में उच्चीकरण किया जा चुका है, जिससे विभाग में पदोन्नति के पद लगातार खत्म हो रहे हैं।
एससीईआरटी के ढांचे का पुनर्गठन भी प्रस्तावित..
एससीईआरटी के तहत शैक्षणिक संवर्ग के ढांचे के पुनर्गठन के साथ ही अशासकीय विद्यालय के राजकीयकरण का भी प्रस्ताव है। शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने इस संबंध में विभाग को निर्देश दिए हैं। बताया गया कि इस संबंध में जल्द ही शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में बैठक होनी है। विद्यालयी शिक्षा के त्रि-स्तरीय ढांचे के लिए ड्राफ्ट तैयार कर इसे मंजूरी के लिए शासन को भेजा गया है। इसे मंजूरी मिलने पर विभाग में तीन श्रेणियां पीआरटी, टीजीटी और पीजीटी हो जाएंगी।