चारधाम यात्रा- 39 बसों से 1400 तीर्थयात्री हुए रवाना, तीर्थयात्रियों का माल्यार्पण कर हुआ स्वागत..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा का शुभारंभ आज गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हो गया। इसी क्रम में चारधाम यात्रा संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति की ओर से 39 बसों में करीब 1400 तीर्थयात्री रवाना हुए। सभी यात्री ऋषिकेश की विभिन्न धर्मशालाओं में ठहरे हुए थे, जहां से उनका यात्रा पंजीकरण भी कराया गया। तीर्थयात्रियों को गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए रवाना किया गया, जहां आज विधिवत श्रद्धालुओं के लिए कपाट खुल गए है। यात्रा समिति द्वारा समन्वय के साथ सुरक्षित और व्यवस्थित यात्रा संचालन सुनिश्चित किया गया। श्रद्धालुओं में यात्रा को लेकर उत्साह और श्रद्धा का वातावरण देखा गया। प्रशासन और यात्रा समिति ने यात्रियों से अपील की है कि वे सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी सहायता के लिए संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें।
चारधाम यात्रा पर रवाना हो रहे तीर्थयात्रियों का ट्रांसपोर्ट यूनियन की ओर से माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया गया। धर्मशालाओं में ठहरे श्रद्धालु भोले बाबा के भजनों से वातावरण को भक्तिमय बना रहे हैं। मंगलवार सुबह ऋषिकेश पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों का तुरंत पंजीकरण किया गया, ताकि उनकी यात्रा में कोई विलंब न हो। पंजीकरण के बाद सभी श्रद्धालु नियमानुसार चारधाम यात्रा के लिए रवाना हुए। रोटेशन यात्रा समिति के मीडिया प्रभारी नवीन तिवारी का कहना हैं कि इस बार प्रशासन द्वारा व्यवस्थाएं बेहतर की गई हैं, जिससे यात्रियों में खासा उत्साह और संतोष देखने को मिल रहा है। शहर की धर्मशालाएं भक्ति संगीत और हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठी हैं, जिससे चारधाम यात्रा का आरंभ अत्यंत भावपूर्ण हो गया। प्रशासन और समिति की ओर से यह सुनिश्चित किया गया है कि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान हर सुविधा उपलब्ध हो और वे सुरक्षित व सुगम यात्रा का अनुभव कर सकें।
चारधाम यात्रा- उत्तरकाशी प्रशासन पूरी तरह अलर्ट, श्रद्धालुओं के स्वागत को हर स्तर पर तैयारी..
उत्तराखंड: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आ रहे तीर्थयात्रियों को इस बार, पार्किंग से लेकर साफ सफाई की शानदार व्यवस्था देखने को मिलेगी। इस बार आठ स्थानों पर स्मार्ट टॉयलेट कॉम्प्लेक्स के साथ ही कई जगह पार्किंग सुविधा विकसित की गई है। यात्रा शुरु होने से एक दिन पहले जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा कि यात्री सुविधाओं को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते यात्रा मार्ग पर शौचालय, पार्किंग और यातायात प्रबंधन को सुदृढ़ किया गया है। चारधाम यात्रा 2025 के सुगम, सुरक्षित और सफलतापूर्वक संचालन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारी की गई है। यात्रियों की बढ़ती संख्या और वाहनों के बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रमुख मार्गों को सुगम और सुरक्षित बनाने का प्रयास किया गया है।
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर खरसाली, जानकीचट्टी, बड़कोट और नौगांव सहित कई प्रमुख स्थानों पर पार्किंग सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया है। वहीं गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हीना में सरफेस पार्किंग, उत्तरकाशी मुख्यालय में मल्टी स्टोरी पार्किंग, गंगोत्री में मल्टी स्टोरी पार्किंग एवं रामलीला मैदान, जोशियाड़ा और बंदरकोट जैसे क्षेत्रों में सरफेस पार्किंग स्थलों का विस्तार किया गया है।
जिलाधिकारी का कहना हैं कि यात्रा मार्गों पर मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी और शौचालय आदि की व्यवस्थाएं दुरुस्त की गई हैं। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जानकीचट्टी में आधुनिक शौचालय का निर्माण किया गया है, जिससे स्वच्छता और सुविधा दोनों सुनिश्चित हो सके। यात्रा मार्ग पर आठ स्मार्ट टॉयलेट काम्प्लेक्स संचालित किए जा रहे हैं।
इस बार बद्रीनाथ धाम में दिखेगा बदलाव, श्रद्धालुओं को दिखेगा नया रूप..
उत्तराखंड: इस बार बद्रीनाथ धाम श्रद्धालुओं के लिए पहले से कहीं अधिक खुले और व्यवस्थित रूप में नजर आएगा। बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत जो पुनर्विकास कार्य किए जा रहे हैं, उनका उद्देश्य धाम को आध्यात्मिक गरिमा के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से भी युक्त बनाना है। मंदिर क्षेत्र से अव्यवस्थित भवनों और अतिक्रमण को हटाया गया है, जिससे मंदिर अब खुला और भव्य नजर आता है। वही बद्रीनाथ बाजार क्षेत्र में निर्माण और सौंदर्यीकरण कार्य तेजी से चल रहे हैं। तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पार्किंग, वॉशरूम, विश्राम गृह, और पैदल मार्गों को बेहतर बनाया जा रहा है। बद्रीनाथ महायोजना मास्टर प्लान के तहत धाम में युद्धस्तर पर निर्माण और भवनों के ध्वस्तीकरण का काम चल रहा है। ताकि चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
धाम में मास्टर प्लान के दूसरे चरण के कार्य चल रहे हैं। अराइवल प्लाजा का निर्माण अंतिम चरण में पहुंच गया है। इस पर नक्काशीदार पत्थर और लकड़ी लगाकर आकर्षक रूप दिया जा रहा है। बदरीश झील और शेषनेत्र झील के किनारे आकर्षक पत्थर बिछाए गए हैं और आकर्षक लाइट लगा दी गई है। बद्रीनाथ मंदिर के करीब 75 मीटर हिस्से में भवनों का ध्वस्तीकरण कार्य भी तेजी से चल रहा है। दूर से ही मंदिर खाली-खाली नजर आ रहा है। दर्शनों की लाइन के दोनों ओर के सभी भवनों को ध्वस्त कर दिया गया है। बदरीनाथ के शुरुआत देव दर्शनी में तीर्थयात्रियों के लिए व्यू प्वाइंट बनाया जा रहा है।
प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकेंगे..
यहां से यात्री दूर से ही बद्रीनाथ मंदिर और यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को निहार सकेंगे। यहां एक विशाल गेट भी बनाया जा रहा है। लोनिवि पीआईयू के अधिशासी अभियंता योगेश मनराल ने कहा कि मास्टर प्लान के कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। बरसात से पहले अधिकांश काम पूर्ण कर लिए जाएंगे। बद्रीनाथ क्षेत्र में अलकनंदा के दोनों ओर से रिवर फ्रंट का काम भी तेजी से चल रहा है। कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग पीआईयू बरसात से पहले यहां अधिक से अधिक कार्यों को पूरा करने पर जोर दे रही है। इसके लिए यहां करीब 400 मजदूर लगाए गए हैं। रिवर फ्रंट के कार्यों से अलकनंद अस्त-व्यस्त नजर आ रही है। नदी में जगह-जगह मलबे के ढेर पड़े हैं। मलबे के कारण नदी का रुख गांधी घाट और ब्रह्मकपाल की ओर ओर हो गया है। यदि मलबे का जल्द निस्तारण नहीं किया गया तो बरसात में नदी का पानी ब्रह्मकपाल से तप्तकुंड तक घुस जाएगा।
चारधाम यात्रा से पहले धामी सरकार की बड़ी सौगात..
प्रदेश के अस्पतालों को मिले 45 विशेषज्ञ डॉक्टर..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा के शुभारंभ से पहले धामी सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश संख्या 293157/2025 के अनुसार, विशेषज्ञ चिकित्सकों को उनके संबंधित विशेषज्ञता के अनुसार जिला चिकित्सालयों, उप जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात किया गया है। इनमें सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति रोग (OBS & Gynae), एनेस्थीसिया, बाल रोग (Pediatrics), नेत्र रोग (Ophthalmology), कान-नाक-गला (ENT), फॉरेंसिक मेडिसिन और जनरल मेडिसिन जैसे विभागों के डॉक्टर शामिल हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगी मजबूती..
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि सीएम पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के मार्गदर्शन व निर्देशन में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए विभाग लगातार प्रयासरत है। सीएम धामी व स्वास्थ्य मंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि सीमांत गाँव के अंतिम छोर पर खड़े ब्यक्ति को भी स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा लाभ मिले। स्वास्थ्य सचिव ने बताया सभी डॉक्टर विभाग की तरफ से पीजी करने गए थे। पीजी कोर्स पूर्ण होने के बाद विशेषघ चिकित्सक के रूप में इन सभी की तैनाती विभिन्न जनपदों में कर दी गई है। चारधाम यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के उत्तराखंड आने की संभावना है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त रखना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से जिलों में आपातकालीन सेवाओं से लेकर सामान्य इलाज तक में उल्लेखनीय सुधार होगा। इससे न केवल यात्रियों को बल्कि स्थानीय जनता को भी त्वरित और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती से राज्य के अस्पतालों को मिली बड़ी राहत..
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। पर्वतीय जिलों के अस्पतालों में पूर्व में भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इन चिकित्सकों की तैनाती से राज्य के अस्पतालों को बड़ी राहत मिली है। कई जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव के कारण मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था। अब सर्जरी, एनेस्थीसिया, स्त्री रोग, बाल रोग और नेत्र रोग जैसे प्रमुख विभागों में विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध होंगी। इससे न केवल आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बेहतर होगी, बल्कि सामान्य बीमारियों के इलाज में भी तेजी आएगी। सरकार का यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन साबित होगा।
किन जिलों को मिले विशेषज्ञ डॉक्टर..
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि इन 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती विशेष रूप से उन जिलों में की गई है, जहां चारधाम यात्रा का सीधा प्रभाव पड़ता है या जहां स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने की तत्काल आवश्यकता थी। इनमें प्रमुख रूप से पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी गढ़वाल, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर और हरिद्वार जैसे जिले शामिल हैं। चूंकि चारधाम यात्रा के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ जाते हैं, इसलिए सरकार ने हाई-एल्टीट्यूड मेडिसिन, कार्डियक इमरजेंसी और ट्रॉमा केयर के लिए भी अतिरिक्त इंतजाम किए हैं। स्थानांतरण आदेश के तहत कई डॉक्टर ऐसे संवेदनशील जिलों में तैनात किए गए हैं जहां तत्काल विशेषज्ञ सहायता की आवश्यकता होती है।
तेजी से कार्यभार ग्रहण के निर्देश..
स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित चिकित्सकों को निर्देश दिए हैं कि वे शीघ्र अपने नवीन तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करें। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई चिकित्सक निर्धारित समय पर कार्यभार नहीं ग्रहण करता है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
रक्षा अभियानों की कवरेज पर केंद्र सरकार सख्त, नियमों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई..
उत्तराखंड: केंद्र सरकार ने रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों के कवरेज को लेकर सख्ती दिखाई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों के लिए एक सख्त एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी भी प्रकार के रक्षा ऑपरेशन या सुरक्षा बलों की मूवमेंट का लाइव प्रसारण नहीं किया जाएगा। मंत्रालय ने यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर उठाया है ताकि संवेदनशील सूचनाओं के लीक होने और सुरक्षा अभियानों के प्रभावित होने की आशंका को रोका जा सके। सरकार ने मीडिया संस्थानों से अपील की है कि वे जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिंग करें और देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों में संयम बरतें।
सेना के ऑपरेशन की कवरेज पर पाबंदी..
देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए केंद्र सरकार ने मीडिया चैनलों के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार के रक्षा अभियानों या सुरक्षा बलों की मूवमेंट का लाइव प्रसारण नहीं किया जाएगा। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि बिना अनुमति के ऐसे अभियानों का कवरेज राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि आतंकवाद विरोधी अभियानों की रिपोर्टिंग केवल अधिकृत अधिकारियों द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली आधिकारिक जानकारी के आधार पर ही की जा सकती है। बता दे कि इससे पहले भी सरकार ने केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम 2021 के तहत ऐसे संवेदनशील प्रसारणों पर रोक के निर्देश जारी किए थे। अब एक बार फिर मंत्रालय ने सभी मीडिया संस्थानों से अपील की है कि वे जिम्मेदारीपूर्ण पत्रकारिता करते हुए सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर संयम बरतें और निर्धारित नियमों का कड़ाई से पालन करें।
मीडिया चैनलों के लिए जारी की एडवाइजरी..
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी मीडिया संस्थानों, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और पत्रकारों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए साफ निर्देश दिया है कि रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की मूवमेंट का लाइव प्रसारण सख्त रूप से प्रतिबंधित रहेगा। सरकार ने यह कदम करगिल युद्ध, 26/11 मुंबई हमला और कंधार विमान अपहरण जैसी घटनाओं से मिली सीख के आधार पर उठाया है, जहां मीडिया कवरेज के चलते अभियानों की संवेदनशील जानकारियां सार्वजनिक हो गई थीं। मंत्रालय ने सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स से राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता, जिम्मेदारी, और उच्चतम नैतिक मानदंडों को बनाए रखने की अपील की है। इसके साथ ही स्पष्ट चेतावनी भी दी गई है कि यदि कोई संस्था या व्यक्ति निर्धारित नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पहलगाम हमले के बाद धामी सरकार सख्त, पाक नागरिकों की पहचान और वापसी की कार्रवाई तेज..
उत्तराखंड: जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने शॉर्ट टर्म वीजा और मेडिकल वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को जल्द से जल्द वापस भेजने के निर्देश दिए हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गृह विभाग ने इस संबंध में पुलिस मुख्यालय को औपचारिक पत्र भेजा है। बता दे कि बृहस्पतिवार को देहरादून में शॉर्ट टर्म वीजा पर रह रहे दो पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा गया। हरिद्वार में मौजूद एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक को भी शीघ्र वापस भेजा जाएगा। पहलगाम हमले के बाद पूरे देश में विदेशी नागरिकों की गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। उत्तराखंड सरकार ने भी प्रदेश की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकी हमले के मद्देनज़र उत्तराखंड में पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान और वापसी की कार्रवाई तेज़ कर दी गई है। उनका कहना हैं कि इस संबंध में सीसीएस (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) की बैठक में लिए गए निर्णयों के तहत प्रदेश में सक्रियता बढ़ाई गई है। सीएम ने पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया है कि राज्य में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को त्वरित रूप से चिह्नित कर, उन्हें वापस भेजने की कार्रवाई तुरंत सुनिश्चित की जाए। इससे पहले देहरादून में दो पाक नागरिक वापस भेजे जा चुके हैं, जबकि हरिद्वार में रह रहे एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक की वापसी प्रक्रिया जारी है।
प्रदेश में पाकिस्तानी नागरिकों को जारी वीजा के संबंध में मुख्यमंत्री के निर्देश में अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती की ओर से पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना व सुरक्षा के साथ आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल व कुमाऊं को प्रेषित पत्र भेजा गया है। पत्र में बताया गया है कि विदेश मंत्रालय भारत सरकार ने आतंकी घटना के मद्देनजर पाकिस्तानी नागरिकों के लिए जारी वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को दिए गए सभी वैध वीजा को 27 अप्रैल से निरस्त कर दिया है। जबकि, मेडिकल वीजा केवल 29 अप्रैल तक वैध रहेंगे। उधर, पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार देहरादून में रह रहे दो पाक नागरिकों को बृहस्पतिवार को वापस भेज दिया गया था। जबकि, एक हरिद्वार में रह रहा है। उसे भी शुक्रवार रात या शनिवार को रवाना कर दिया जाएगा। प्रदेश में मेडिकल वीजा पर कोई भी पाकिस्तानी नहीं रह रहा है। डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद सभी कार्रवाई तेज कर दी गई हैं। सभी जिलों से लगातार रिपोर्ट भी ली जा रही है।
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी श्रद्धालुओं की चारधाम यात्रा पर लगा ब्रेक, 77 ने कराया था पंजीकरण..
उत्तराखंड: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले का असर अब उत्तराखंड की चारधाम यात्रा पर भी दिखाई देने लगा है। इस हमले के बाद पाकिस्तानी हिंदू श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा का रास्ता बंद कर दिया गया है। इस वर्ष पाकिस्तान से कुल 77 श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा, केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए पंजीकरण कराया था, लेकिन अब उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं मिल पाएगी। इस बार विदेशी श्रद्धालुओं में सबसे ज्यादा पंजीकरण संयुक्त राज्य अमेरिका, नेपाल और मलेशिया से किये गए हैं। चारधाम यात्रा को लेकर इस बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उत्साह दिखा है, लेकिन सुरक्षा कारणों से पाकिस्तानी नागरिकों की भागीदारी पर रोक लगाई गई है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने विदेशी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है। विशेष रूप से पाकिस्तान से आने वाले तीर्थयात्रियों पर रोक, संवेदनशीलता और सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखकर लगाई गई है।
30 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण का आंकड़ा 21 लाख पार हो चुका है। इसमें विदेशों से 24729 यात्रियों ने यात्रा पर आने के लिए पंजीकरण कराया है। इसमें पाकिस्तान से पंजीकरण करने वालों की संख्या 77 है। पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले से पूरे देश में आक्रोश है। केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से आने वाले लोगों को वीजा न देने के साथ भारत में रह रहे पाकिस्तानी लोगों को 48 घंटे के भीतर वापस लौटने का सख्त निर्णय लिया है।
पहलगाम आतंकी घटना ने चारधाम यात्रा पर आने के लिए पाकिस्तानी हिंदुओं के अरमानों पर पानी फेर दिया। पंजीकरण करने वाले पाकिस्तानी अब चारधाम यात्रा नहीं कर सकेंगे। जबकि अन्य देशों के यात्री अपने यात्रा प्लान के अनुसार चारधामों के दर्शन कर सकते हैं। पर्यटन विभाग के पंजीकरण आंकड़ों के अनुसार यूएस, नेपाल, मलेशिया से पंजीकरण करने वाले यात्रियों की संख्या सबसे अधिक है। अब तक लगभग 100 से अधिक देशों के लोगों ने चारधाम यात्रा पर आने के लिए पंजीकरण कराया है।
पुलिस व्यवस्था को मिला नया आकार, 58 थानों को मिली कोतवाली की मान्यता..
उत्तराखंड: उत्तराखंड की कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। प्रदेश सरकार ने 58 थानों को कोतवाली में अपग्रेड करने का आदेश जारी कर दिया है। इससे अब इन स्थानों पर इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी तैनात होंगे। राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार अब प्रदेश में कोतवाली यानी एसएचओ स्तर की पुलिस इकाइयों की संख्या 112 हो गई है। राजधानी देहरादून के सात थाने भी इस बदलाव का हिस्सा हैं। इन थानों में अब इंस्पेक्टर स्तर के अनुभवी अधिकारी प्रभारी होंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर शिकायतों का निस्तारण तेज और प्रभावी होगा। साथ ही, क्राइम इन्वेस्टिगेशन और संसाधनों के उपयोग में भी सुधार की उम्मीद है। सरकार के इस कदम को सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती के रूप में देखा जा रहा है। उम्मीद है कि इससे न केवल पुलिस की जवाबदेही बढ़ेगी, बल्कि आम जनता को भी त्वरित और प्रभावशाली सेवा मिलेगी।
बता दें कि पुलिस मुख्यालय ने पिछले साल फरवरी में ही थानों के उच्चीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा था। इस प्रस्ताव पर गहन विचार-विमर्श हुआ और फिर इसे कैबिनेट के पटल पर रखा गया। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खुद इस प्रस्ताव पर गृह विभाग और पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। सरकार की मंशा साफ थी राज्य में कानून व्यवस्था को आधुनिक और जवाबदेह बनाना। हाल ही में हुई राज्य कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही, राज्य में अब कोतवाली स्तर की पुलिस इकाइयों की संख्या 112 हो गई है। देहरादून के सात प्रमुख थानों को भी इस बदलाव में शामिल किया गया है, जिससे शहरी क्षेत्रों में अपराध नियंत्रण और नागरिक सेवाएं और बेहतर होंगी।
पुलिस की ओर से इन थानों के उच्चीकरण करने के लिए चारधाम यात्रा, कानून व्यवस्था, अपराध और धरना प्रदर्शन का हवाला दिया था। अब गुरुवार को शासन ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही अब इन नए इंस्पेक्टर के पद पर पदोन्नति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इससे प्रदेश के कई उन दरोगाओं को लाभ होगा जो लंबे समय से इंस्पेक्टर पद पर पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं।
ये थाने बने कोतवाली..
जनपद देहरादून – नेहरू कॉलोनी, रायपुर, राजपुर, रायवाला, सहसपुर, कालसी, प्रेमनगर, चकराता
जनपद हरिद्वार – श्यामपुर, कनखल, पथरी, बहादराबाद, भगवानपुर, झबरेड़ा, खानपुर, कलियर, सिडकुल
जनपद उत्तरकाशी – उत्तरकाशी कोतवाली, धरासू, बड़कोट, हर्षिल
जनपद टिहरी – चम्बा, नरेंद्रनगर, देवप्रयाग, घनसाली, कैम्पटी
जनपद चमोली – गोपेश्वर, गोविंदघाट, गैरसैंण
जनपद रुद्रप्रयाग – उखीमठ, गुप्तकाशी, अगस्तमुनि
जनपद पौड़ी – श्रीनगर (महिला थाना), लक्ष्मणझूला
जनपद नैनीताल – काठगोदाम, कालाढूंगी, तल्लीताल, भीमताल, मुक्तेश्वर, मुखानी, वनभूलपूरा
जनपद उधमसिंहनगर – कुंडा, गदरपुर, पंतनगर, नानकमत्ता, ट्रांजिट कैम्प, आईटीआई
जनपद अल्मोड़ा – द्वाराहाट, सोमेश्वर, चौखुटिया, महिला थाना
जनपद बागेश्वर – बैजनाथ, कौसानी
जनपद पिथौरागढ़ – बेरीनाग, झूलाघाट, मुनस्यारी, गंगोलीहाट
जनपद चंपावत – टनकपुर
चारधाम यात्रा के साथ बढ़ेगी बिजली की खपत, यूपीसीएल ने कसी कमर, 24×7 सप्लाई की तैयारी..
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा शुरू होते ही उत्तराखंड में बिजली की मांग में 8 से 10 मेगावाट तक की बढ़ोतरी संभावित है। इस बढ़ी हुई मांग को देखते हुए उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की तैयारियों को तेज कर दिया है। जैसे ही यात्रा शुरू होती है, प्रदेश के यात्रा मार्ग, होटल, रेस्त्रां और धार्मिक स्थलों के आसपास का पूरा क्षेत्र बिजली की रोशनी से जगमगा उठता है। इससे यात्रियों को न सिर्फ सुविधा मिलती है, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी यह अहम भूमिका निभाता है। UPCL ने स्पष्ट किया है कि चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी तरह की बिजली कटौती से बचने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। विद्युत निगम के अधिकारी लगातार यात्रा मार्गों की निगरानी कर रहे हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। बिजली विभाग ने यात्रा मार्गों पर लगे ट्रांसफॉर्मरों, लाइन नेटवर्क और उपकेंद्रों की जांच और आवश्यक मरम्मत पहले ही शुरू कर दी है। फील्ड टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है, ताकि किसी भी फॉल्ट या रुकावट की स्थिति में तुरंत समाधान किया जा सके।
सामान्य दिनों के मुकाबले यूपीसीएल के लिए बिजली की मांग का आंकड़ा भी बढ़ जाता है। बदरीनाथ के कपाट खुलने के बाद बिजली की मांग में 2.5 मेगावाट, केदारनाथ में 2 मेगावाट, गंगोत्री में 1.5 मेगावाट, यमुनोत्री में 2 मेगावाट, हेमकुंड साहिब में करीब 2 मेगावाट बढ़ जाती है। बद्रीनाथ और केदारनाथ में आपूर्ति की लाइनें 21-21 किलोमीटर लंबी है।
ये हैं तैयारियां
केदारनाथ धाम में 200 किलोवाट की लघु जल विद्युत परियोजना की मरम्मत का काम पूरा करके 25 अप्रैल तक उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। 33 केवी गुप्तकाशी से सोनप्रयाग तक 33 केवी, 11 केवी लाइन की लॉपिंग चौपिंग पूरी।
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक क्षतिग्रस्त 11 केवी लाइन, एलटी लाइन, स्ट्रीट लाइट लाइन की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। गुप्तकाशी-सोनप्रयाग लाइन और 33 केवी सब स्टेशन की क्षमता में वृद्धि का काम पूरा। धाम में आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गौरीकुंड से केदारनाथ तक विभिन्न स्थानों पर दो सहायक अभियंता, पांच अवर अभियंता तैनात किए जा रहे हैं। विभिन्न स्थानों पर 26 मजूदरों को भी तैनात किया गया है।
केदारनाथ धाम के लिए रुद्रप्रयाग में तीन अतिरिक्त स्त्रोतों से बिजली की आपूर्ति दी जाएगी। ताकि एक जगह बाधा आने पर दूसरी लाइन से आपूर्ति की जा सके।
बद्रीनाथ धाम में 1300 किलोवाट की लघु जल विद्युत परियोजना है, जिससे धाम में बिजली दी जाती है। धाम की आंतरिक प्रकाश व्यवस्था 25 केवीए के जेनरेटर से की जाती है। यहां भी लाइनों की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। अत्यधिक लोड बढ़ने पर लो वोल्टेज की स्थिति से निपटने के लिए बदरीनाथ में 33 केवी का नया सब स्टेशन बनेगा, जिसके लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया चल रही है। पांडुकेश्वर सब स्टेशन की क्षमता वृद्धि का काम 25 अप्रैल तक पूरा कर लिया जाएगा।
गंगोत्री और यमुनोत्री में भी यूपीसीएल ने लाइनों की मरम्मत का काम पूरा कर लिया है। यमुनोत्री में दो ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। पहले यहां पांच किमी दूर से एलटी लाइन आती थी। अब 24 घंटे आपूर्ति के लिए योजना पर काम किया जा रहा है।
चारों धाम में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी व्यवस्थाएं चौबंद की जा रही हैं। चारों धाम में इंजीनियरों की ड्यूटी लगाने के साथ ही आकस्मिकता की स्थिति के लिए ट्रांसफार्मर, पोल व अन्य उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
वर्ष 2030 तक 3.3 गीगा टन कार्बन उत्सर्जन में आएगी भारी कमी: डॉ. केके पंत..
उत्तराखंड: आईआईटी रुड़की के निदेशक डॉ. केके पंत ने कहा है कि 2030 तक वैश्विक कार्बन उत्सर्जन के करीब एक तिहाई हिस्से को कम करने की दिशा में वैज्ञानिक संस्थान गंभीरता से काम कर रहे हैं। वह भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आईआईपी) में भविष्य की ऊर्जा जरूरतों और पर्यावरणीय चुनौतियों पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करने वाले माध्यमों से निकलने वाले कार्बन को उपयोगी बनाने की दिशा में नवाचार आवश्यक हैं। साथ ही हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना समय की जरूरत है।
आईआईटी रुड़की के निदेशक डॉ. केके पंत ने ऊर्जा क्षेत्र की भविष्य की चुनौतियों पर चिंता जताते हुए कहा कि वर्ष 2030 तक देश में प्रतिवर्ष होने वाला 3.3 गीगा टन कार्बन उत्सर्जन का एक तिहाई कम कर दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि यह लक्ष्य समय से पहले भी हासिल हो सकता है। आईआईपी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम) में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 2030 तक देश को 1000 गीगावाट ऊर्जा की आवश्यकता होगी, जिसमें से 500 गीगावाट ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से और शेष कोयले जैसे पारंपरिक माध्यमों से प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती इस दौरान उत्पन्न होने वाले कार्बन को साफ और उपयोगी बनाना होगा। इस दिशा में वैज्ञानिक संस्थान कार्बन कैप्चर और लो कार्बन उत्पादों पर तेजी से काम कर रहे हैं।
इंडस्ट्री और यूनिवर्सिटी को मिलकर काम करना होगा..
डॉ. केके पंत ने कहा कि क्रूड ऑयल या अन्य ज्यादा कार्बन उत्सर्जन वाले क्षेत्रों में भारी मात्रा में कार्बन निकलता है। यहां की कार्बन डाई ऑक्साइड को एकत्र करने, पुन: उपयोग करने की बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि हमें विश्व से तुलना करनी है। चीन तकनीकी में आगे बढ़ रहा है तो हम भी अब पीछे नहीं रहेंगे। हरित और सतत ऊर्जा उत्पादन के लिए इंडस्ट्री और यूनिवर्सिटी को मिलकर काम करना होगा।
आईआईटी रुड़की कई स्तर पर कर रहा काम..
आईआईटी रुड़की भी इस दिशा में कई स्तर पर काम कर रहा है। डॉ. पंत ने बताया कि कार्बन डाई ऑक्साइड से मेथेनॉल, डाईमिथाइल बनाने का काम शुरू हो चुका है। बायोमास से बायो ऑयल और इससे जेट फ्यूल बनाने, बायोमास जैसे पिरूल से बायो ऑयल, बायोमास से बैटरी में इस्तेमाल होने वाली ग्रेफाइट आदि बनाने का काम प्रयोगशाला स्तर पर चल रहा है। कहा, अगर 12 से 15 किलो बायोमास से 150 से 180 रुपये कीमत का एक किलो हाइड्रोजन बनता है तो यह फायदे का सौदा हो सकता है।