देहरादून बना कोरोना का हाटस्पाट..
उत्तराखंड: कोरोना वायरस की रफ्तार फिर बढ़ने लगी है। दिसबंर के दूसरे पखवाड़े में मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। जिससे आमजन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की भी चिंता बढ़ गई है। माह के शुरुआती 15 दिन के मुकाबले द्वितीय पखवाड़े में मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है।
दिसंबर की शुरुआत में राज्य में कोरोना के 258 मामले आए थे। जबकि, 16 से 30 दिसंबर के बीच यह संख्या बढ़कर 493 पहुंच गई है। दिसंबर की शुरुआत में हर दिन औसतन 17 मामले आ रहे थे। अब यह औसत 32 मरीज प्रतिदिन का है।
आपको बता दे कि राज्य में कोरोना का पहला मामला दून में आया था। बीते साल 15 मार्च को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के एक प्रशिक्षु में कोरोना की पुष्टि हुई थी। तब से अब तक दून लगातार चिंता का सबब बना रहा है। कोरोना चरम पर रहा तब भी और ढलान पर रहा तब भी, यहां मामलों में एक तरह की निरंतरता रही है।
दिसंबर में राज्य में कोरोना के 751 मामले आए, जिनमें 273 देहरादून जनपद में आए हैं। इस लिहाज से प्रदेश में आए कुल मामलों में 36 प्रतिशत दून में मिले। यही कारण है कि सक्रिय मामले भी सबसे ज्यादा दून में ही हैं। केवल देहरादून ही एकमात्र जिला है, जहां सक्रिय मामले 100 से ज्यादा हैं।
साल की आखिरी कैबिनेट बैठक में आ सकता है सरकारी नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण का प्रस्ताव..
उत्तराखंड: भाजपा सरकार की इस साल की आखिरी कैबिनेट बैठक आज शुक्रवार को राज्य सचिवालय में होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में होने वाली यह बैठक विश्व कर्मा भवन स्थित वीरचंद्र सिंह गढ़वाल सभागार में अपराह्न 12 बजे से शुरू हो जाएगी। बताया जा रहा है कि बैठक में राज्य आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण का प्रस्ताव आ सकता है।
इसके अलावा सरकार कोविड महामारी पर आधारित राज्य की नई स्वास्थ्य नीति का भी प्रस्ताव ला सकती है। इसके साथ ही बैठक में विभिन्न विभागों की सेवा संशोधित नियमावलियों पर भी कैबिनेट की मुहर लग सकती है। साथ ही कुछ अन्य प्रस्तावों पर भी विचार किया जा सकता है।
शासनादेश नहीं हुआ तो फिर सचिवालय कूच करेंगी महिलाएं..
4600 ग्रेड पे संबंधित शासनादेश नहीं हुआ तो महिलाएं शुक्रवार को भी सचिवालय कूच करेंगी। इसके लिए उन्होंने उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है। पुलिस परिवार की यह महिलाएं दो दिनों से गांधी पार्क के सामने धरने पर बैठी हैं। गुरुवार रात को भी महिलाओं ने यहीं बैठने का फैसला किया है।
धरने पर बैठी महिलाओं की सरकार से नाराजगी कम नहीं हुई है। पिछले दिनों उन्हें सरकार की ओर से डीजीपी अशोक कुमार ने आश्वासन दिया था कि 31 दिसंबर को ग्रेड पे संबंधित मामला कैबिनेट की बैठक में आएगा, लेकिन अभी तक सरकार और शासन की ओर से उन्हें कोई आश्वासन सीधे तौर पर नहीं मिला है। महिलाओं का कहना है कि तीन दिन से पुलिस के परिजन गांधी पार्क के सामने धरने पर बैठे हैं, लेकिन अभी तक कोई उनसे वार्ता करने तक नहीं आया।
उनका कहना हैं कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया था कि 31 दिसंबर तक शासनादेश जारी होंगे। शुक्रवार तक शासनादेश नहीं हुआ तो वे फिर से सचिवालय कूच करेंगी। इससे पूर्व पुलिस के परिजन ग्रेड पे के आदेश जारी करने की मांग को लेकर सीएम व सचिवालय कूच कर चुके हैं। सीएम कूच के दौरान उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी।
उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इजाफा..
उत्तराखंड: प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों का महंगाई भत्ता तीन प्रतिशत बढ़ाने के आदेश कर दिए हैं। इसके साथ ही अब कर्मचारियों का डीए बढ़कर 31 प्रतिशत पहुंच गया है। कर्मचारियों को एक जुलाई 2021 से बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा। सरकार के इस फैसले से राज्य के हजारों कर्मचारियों को सीधा फायदा पहुंचेगा।
आपको बता दे कि केंद्र सरकार ने कुछ समय पूर्व अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता तीन प्रतिशत बढ़ाकर 31 प्रतिशत कर दिया था। उसके बाद से ही राज्य के कर्मचारी भी महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे थे। कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित हुई कैबिनेट की बैठक में कर्मचारियों को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का निर्णय लिया गया था। जिसके संदर्भ में अब वित्त विभाग ने इस संदर्भ में आदेश कर दिए हैं।
सचिव वित्त अमित नेगी की ओर से किए गए आदेश के अनुसार राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों, सहायता प्राप्त प्राविधिक शिक्षण संस्थानों, शहरी स्थानीय निकायों के नियमित एवं पूर्णकालिक कर्मचारियों, कार्यप्रभारित कर्मचारियों, यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत ऐसे कर्मचारियों को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का निर्णय लिया गया है जो सातवें वेतनमान का लाभ ले रहे हों। कर्मचारियों को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ एक जुलाई 2021 से करने के आदेश किए गए हैं।
इसके साथ ही रोडवेज के अनियमित ड्राइवर, कंडक्टर व कार्यशालाओं में कार्यरत तकनीकी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। रोडवेज प्रबंधन ने उनके लिए इसी माह से प्रोत्साहन राशि के साथ रात्रि और वर्दी भत्ता देने का आदेश जारी कर दिया है।
मार्च 2020 में कोरोना संकट शुरू होने के बाद रोडवेज के सामने आर्थिक दिक्कतें पैदा हो गई थीं। इस पर प्रबंधन ने कर्मियों की प्रोत्साहन राशि व भत्तों पर रोक लगा दी थी। कुछ समय बाद आय बढ़ने पर प्रबंधन ने 50 प्रोत्साहन राशि देनी शुरू की। कर्मचारी यूनियनें लगातार पूरी प्रोत्साहन राशि और अन्य भत्ते देने के लिए प्रबंधन पर दबाव बना रहे थे। आखिरकार बुधवार को महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन ने प्रोत्साहन राशि, रात्रि और वर्दी भत्ता देने के आदेश कर दिए। कर्मचारियों को ये लाभ दिसंबर से ही मिलेंगे।
बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट के देहरादून में एंट्री बंद, डीएम ने जारी किए आदेश..
उत्तराखंड: राजधानी देहरादून में दूसरे राज्यों से प्रवेश करने वाले लोगों के लिए 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य होगी। जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। उनका कहना है कि कोरोना टीके की दोनों डोज लगा चुके लोगों को इससे राहत रहेगी। लेकिन जिन्होंने अब तक दोनों डोज नहीं लगाई है, उन्हें हर हाल में 72 घंटे की निगेटिव रिपोर्ट लानी ही होगी।
जिलाधिकारी डा.आर राजेश कुमार का कहना हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ओमिक्रॉन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी) घोषित किया है। जिले में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए आरटीपीसीआर टेस्टिंग को बढ़ाया जाना अतिआवश्यक है।
इसके साथ ही वर्तमान में जिले की सीमाओं आशारोड़ी, कुल्हान, रायवाला, आईएसबीटी, बस स्टेशन, जौलीग्रांट एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर रेंडम सैंपलिंग की जा रही है। जिसके चलते मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने राज्य में आने वाले सभी लोगों की अधिकतम 72 घंटे पहले की आरटी पीसीआर, ट्रू नेट, सीबीएनएएटी, आरएटी कोविड निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर ही जिले में प्रवेश देने की सिफारिश की है।
जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार का कहना हैं कि जिलाधिकारी की आख्या व सिफारिश के आधार पर 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर जांच की अनिवार्यता की गई है। जन सुरक्षाहित में बाहरी राज्यों व जिलों से आने वाले सभी लोगों को इसे लाने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। इसके साथ ही जो लोग कोविड टीके की दोनों डोज लगा चुके हैं, उन्हें रिपोर्ट लाने की अनिवार्यता नहीं होगी। आपको बता दे कि लिखित आदेश में जिलाधिकारी ने इसका कोई जिक्र नहीं किया है।
देहरादून जिले में कोविड संक्रमितों के मिलने के बाद कई माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि सभी जोन में आवश्यक व्यवस्थाएं करने के लिए संबंधित विभागों को आदेश दिए गए हैं। वहां पर बैरिकेडिंग से लेकर खाने-पीने की व्यवस्था तक के लिए अलग-अलग विभागों को कहा गया है। उनका कहना हैं कि जोन से बाहर जाने या जोन में प्रवेश करने पर पूरी तरह रोक रहेगी।
आपको बता दे कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कसरत तेज कर दी है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.तृप्ति बहुगुणा ने प्रदेश के बाल रोग विशेषज्ञों की संस्था इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिशियन के साथ तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की। उनका कहना हैं कि अगर किसी परिवार के दो लोगों को खांसी-जुकाम है तो परिवार के सभी सदस्यों की कोविड जांच कराई जाए।
पिथौरागढ़ में महसूस किए गए भूकंप के झटके..
उत्तराखंड: बुधवार रात 12:39 बजे पिथौरागढ़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिला मुख्यालय सहित मुनस्यारी और धारचूला में भी भूकंप महसूस किया गया। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार भूकंप से क्षति की सूचना कहीं से प्राप्त नहीं हुई है।
रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.1..
आपको बता दे कि भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ में था। जिसकी गहरी 10 किमी थी और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.1 मापी गई। भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड राज्य बेहद संवेदनशील है। राज्य का अधिकतर क्षेत्र जोन चार और पांच में आता है। वहीं उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर में अक्सर हल्के भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।
आपको बता दे कि इससे पहले 24 सितंबर को भी पिथौरागढ़ में भूकंप का झटका महसूस किया गया था। जिसकी तीव्रता भी 3.8 थी। यह भूकंप पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी, मदकोट, नाचनी, बंगापानी, डीडीहाट, कनालीछीना सहित विभिन्न हिस्सों में महसूस किया गया था। विगत पांच दिसंबर को भी उत्तराखंड की धरती भूकंप के झटकों से डोली थी। तब उत्तरकाशी और टिहरी जिले में देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमान पर 3.8 रही थी।
कल पीएम मोदी, देंगे 17547 करोड़ की सौगात..
उत्तराखंड: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 दिसंबर यानी कल गुरुवार को उत्तराखंड के हल्द्वानी में विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरान वे उत्तराखंड को 17547 करोड़ की सौगात देने वाले हैं। जिसमें पीएम मोदी 14127 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास तो 3420 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पाण करेंगे।
वह ऊधमसिंह नगर में खुलने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सेटेलाइट सेंटर, पिथौरागढ़ मेडिकल कालेज और 300 मेगावाट की यूजेवीएनएल की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना समेत अन्य विकास योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इसके साथ ही यूजेवीएन की पांच मेगावाट की सुरिंगड़ परियोजना, आलवेदर रोड, नगीना से काशीपुर तक तैयार सड़क जैसी बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे।
17 विकास योजनाओं का करेंगे शिलान्यास..
1- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14,127 करोड़ लागत की 17 विकास योजनाओं का शिलान्यास करने जा रहे हैं।
2- 5,747 करोड़ की 300 मेगावाट की यूजेवीएनल की लखवाड़ बहुउद्देश्यीय परियोजना।
3- 4,002 करोड़ लागत की 85.30 किमी मुरादाबाद-काशीपुर फोर लेन रोड परियोजना।
4- 1250 करोड़ की 13 जिलों में जल जीवन मिशन के तहत 73 वाटर सप्लाई स्कीम।
5- 627 करोड़ की पीएमजीएसवाई की स्टेज दो के 133 मार्ग।
6- 455 करोड़ के एम्स सेटेलाइट केंद्र।
7- 450 करोड़ के पीएमजीएसवाई के 151 मिसिंग पुल।
8- 455 करोड़ पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज।
9- 205 करोड़ 24 घंटे सातों दिन पेयजल आपूर्तिक योजना।
10- 199 करोड़ की नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत नौ एसटीपी।
11- 171 करोड़ के प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के 1256 यूनिट्स।
12- 35 करोड़ का काशीपुर सिडकुल में अरोमा पार्क।
13- 78 करोड़ का नैनीताल जिले में सीवरेज प्रणाली की सुदृढ़ीकरण योजना।
14- 66 करोड़ की सितारगंज में प्लास्टिक इंडस्ट्रियल पार्क।
15- 58 करोड़ की मदकोटा से हल्द्वानी सड़क मार्ग।
16- 54 करोड़ की किच्छा से पंतनगर सड़क मार्ग।
17- 53 करोड़ की खटीमा बाईपास।
18- 177 करोड़ की एशियन हाईवे से नेपाल तक कनेक्टिविटी।
इन योजनाओं करेंगे लोकार्पण
1- 25,36 करोड़ की 99 किमी कुमाऊं-गढ़वाल कनेक्टिविटी नगीना से काशीपुर।
2- 284 करोड़ के 32 किमी टनकपुर -पिथौरागढ़ ऑलवेदर रोड।
3- 267 करोड़ की टनकपुर-पिथौरागढ़ पर बेलखेत से चंपावत तक ऑलवेदर रोड।
4- 233 करोड़ की तिलोन से च्युरानी तक ऑलवेदर रोड परियोजना।
5- 50 करोड़ की यूजेवीएन की पांच मेगावाट की सुरिंगड जलविद्युत परियोजना।
6- 50 करोड़ की नमामि गंगे प्रोग्राम के तहत रामनगर-नैनीताल में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट।
ओमिक्रॉन वैरिएंट से बचाव को लेकर उत्तराखंड सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन..
उत्तराखंड: प्रदेश में कोरोना संक्रमण बढ़ने से रोकने के लिए जिलाधिकारियों को सख्त कदम उठाने के निर्देश दे दिए गए हैं। कोविड के मामले बढ़े तो शादी व अन्य सार्वजनिक समारोह या अंत्येष्टि में शामिल होने वालों की संख्या को सीमित किया जाएगा। कंटेनमेंट जोन बनेंगे और भीड़भाड़ वाले इलाकों में कोविड प्रोटोकॉल के तहत बंदिशें भी लागू होंगी।
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने सभी जिलाधिकारियों को ओमिक्रॉन वैरिएंट से बचाव को लेकर निर्देश दिए हैं। राज्य सचिवालय में समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने बचाव एवं सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए जाने के निर्देश जारी दिए हैं। उन्होंने सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के जारी निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारियों को रोकथाम के उपाय एवं प्रतिबंधों का अनुपालन करने को कहा।
उनका कहना हैं कि सभी जिलों में कोविड के मामलों पर लगातार नजर बनाए रखें। जनसंख्या और इसके घनत्व के अनुरूप ओमिक्रॉन को फैलने से रोकने के लिए कंटेनमेंट जोन और प्रतिबंधों लगाए जाएं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को कंटेनमेंट स्ट्रैटेजी, टेस्टिंग, ट्रेकिंग, आइसोलेशन, सर्विलांस, पर्याप्त क्लीनिकल प्रबंधन, टीकाकरण और कोविड अनुकूल व्यवहार के अनुपालन की कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही उन्होंने कोविड मामलों के बढ़ने पर नाइट कर्फ्यू, अधिक भीड़ एकत्र होने पर प्रतिबंध, विवाह और अंत्येष्टि में संख्या कम करना, कार्यालयों, उद्योगों और सार्वजनिक परिवहन में संख्या सीमित करने जैसे कदम उठाए जाने के निर्देश दिए हैं।
विदेश से आए यात्रियों पर खास निगरानी रखी जाएगी। मुख्य सचिवका कहना हैं कि ऐसी यात्रियों की सैंपलिंग और मॉनिटरिंग को प्राथमिकता के साथ किया जाए। उन्होंने कोविड पॉजिटिव लोगों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुरूप टेस्टिंग कराए जाने के निर्देश दिए।
नाइट कर्फ्यू के बाद दिन के खतरे पर कब तक होगा फैसला?
देश-विदेश: देश में कोरोना महामारी फिर से पैर पसार रही है, ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों ने राज्यों को नाइट कर्फ़्यू लगाने पर मजबूर कर दिया है, जिसके मद्देनज़र तमाम पाबंदिया भी लगा दी गई हैं, लेकिन सवाल यह है कि रैलियों में इकट्ठा होती भीड़ में क्या कोरोना नहीं पनप सकता? कोरोना के नए वैरियंट की रफ्तार ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है, जिसको देखते हुए लगभग सभी राज्य सरकारों ने अपने अपने राज्यों में रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ़्यू लगाने का फ़ैसला लिया है।
भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। देश में ओमिक्रॉन के केस मिलने का रिकॉर्ड टूट गया है। दिल्ली से लेकर देहरादून तक, हरियाणा से लेकर कर्नाटक तक, सिर्फ एक जैसी बात। एक जैसा सवाल। दिल्ली में कोरोना के मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई और पिछले 24 घंटों में 496 संक्रमित मिले। दिल्ली में साढ़े 6 महीने बाद सबसे ज्यादा नए केस
और 1 दिन में कोरोना के नए केस में 50% बढ़ोतरी हो गई। वही मुंबई में कोरोना के नए मामलों में बड़ा उछाल दर्ज आया है।
ये सारे सवाल इसलिए हैं क्योंकि दिन के वक्त अभी ज्यादा पाबंदी नहीं है। रैली में नेताओं के भाषण सुनने लोग आते हैं तो क्या कोरोना वहां नहीं है। बाजार में सुबह शाम पैर रखने की जगह नहीं। क्या तब कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं। जबकि सबसे ज्यादा भीड़ तो नेताओं की रैलियों में देखने को मिल रही हैं। क्या तब कोरोना का खतरा नहीं हैं। बावजूद इसके भी अभी तक दिन के खतरे पर कोई बड़ा फैसला नहीं हुआ।
कोरोना के केस बढ़ते हैं तो सरकार के पास सबसे पहला और सरल ऑप्शन नाइट कर्फ्यू का होता है। इसलिए रात की पाबंदी शुरू हो जाती है। मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, कर्नाटक, ओडिशा, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर ये वो राज्य हैं जहां फिलहाल नाइट कर्फ्यू लगा है। आने वाले वक्त में ये लिस्ट और लंबी हो सकती हैं।
आपको बता दे कि नाइट कर्फ्यू में रात 8 बजे, 10 बजे या 11 बजे से सुबह 5 या 6 बजे तक लोगों के बाहर जाने पर पाबंदी होती है। जिसका कारण ये है कि बेवजह भीड़ इकट्टी ना हो। सरकारों को लगता है कि इससे कोरोना केसेस की संख्या में कमी आ सकती है।लेकिन जब इससे हालात काबू नहीं हो पाते तो फिर लॉकडाउन लगाना पड़ता हैं। हालांकि इस बार भी यही पैटर्न फॉलो हो रहा है, लेकिन दिन में भीड़ दिखाई दे रही है।
रैली में लोग जुट रहे हैं तो इस पर भी कुछ लोग अपनी अलग-अलग राय दे रहे हैं। कुछ का मानना है कि सरकार सिचुएशन के हिसाब से फैसला कर रही है। कहने को तो केंद्र सरकार और राज्य सरकारें कोरोना को लेकर गंभीर दिख रही हैं, लेकिन चुनावीं रैलियों में दिख रहा लोगों का हुजूम सभी नियमों पर सरकारी गंभीरता की धज्जियां उड़ा रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली हों या फिर अन्य नेताओ की रैली सभी रैलियों में जनता बिना मास्क लगाए दिख ही जाती हैं,
हरीश रावत और हरक सिंह रावत की होटल में मुलाकात से विधानसभा चुनाव से पहले अटकलों को लगे पंख..
उत्तराखंड: हाल ही में कैबिनेट बैठक में इस्तीफे की घोषणा कर चुके मंत्री कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की वजह से फिर भाजपा की धड़कनें बढ़ गईं। पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ दून के एक होटल में हरक की मुलाकात की चर्चाओं ने सियासी पारा गरमा दिया। सोशल मीडिया पर चली चर्चाओं से नौबत यहां तक आ गई कि खुफिया विभाग के कर्मचारी भी होटल में खबर सूंघने पहुंच गए।
हरक ने हरीश के साथ एक ही वक्त एक ही होटल परिसर में होने की बात तो स्वीकार की लेकिन रावत से मुलाकात की बात को खारिज कर दिया। हरक सिंह रावत ने कहा कि मैं होटल में था कुछ समय बाद वहां हरीश भाई भी आ गये। होटल सार्वजनिक स्थान है कोई भी आ जा सकता है। मैं कुछ समय बाद वहां से लौट आया था। मेरी रावत जी से कोई मुलाकात नहीं हुई
पुलिस कर्मियाें के परिवार का सीएम आवास कूच..
उत्तराखंड: ग्रेड पे दिए जाने की मांग को लेकर पुलिसकर्मियों के परिवार के लोगों ने राजधानी देहरादून में फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है। इसी क्रम में सोमवार को बड़ी संख्या में एकत्र हुई महिलाओं ने पहले गांधी पार्क गेट पर धरना दिया। आंदोलनकारियों ने 4600 ग्रेड पे दिए जाने की मांग को लेकर सचिवालय कूच किया।
पुलिस कल्याण संस्था समस्त पुलिस परिवार (एसपीपी) के सदस्यों ने पुलिस कर्मियों के ग्रेड पे की मांग को लेकर सोमवार को देहरादून में सीएम आवास तक विरोध मार्च निकाला। उन्हें सुरक्षा बैरिकेड्स पर रोक दिया गया जहां कुछ सदस्य पुलिस के साथ हाथापाई कर रहे थे। उनमें से कुछ को हिरासत में भी लिया गया था। प्रदर्शनकारी अपने बच्चों के साथ मार्च के लिए पहुंचे थे।
प्रदर्शनकारियों को मुख्यमंत्री आवास के सामने रोका गया। जिससे गुस्साए प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स के पास धरने पर बैठ गए। प्रशासनिक अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों के परिजनों को समझाया भी, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। जिसके बाद पुलिस ने परिजनों को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पुलिस और पुलिसकर्मी के परिवार वालों के बीच हाथापाई हो गई।
वहीं, सोमवार को गिरफ्तारी के दौरान महिला निरीक्षक व महिला पुलिस परिवार के सदस्यों ने एक दूसरे का कॉलर पकड़ लिया। पूर्व में पुलिसकर्मियों के परिजन अपनी मांग को लेकर हाथीबरकला बैरियर पर 11 घंटे तक अड़े रहे। बता दें कि 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड पे देने की घोषणा की थी।
क्या है मामला
साल 2001 में पुलिस स्मृति दिवस परेड के अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुलिस कांस्टेबलों को 4600 ग्रेड पे देने की घोषणा की थी। घोषणा के बाद से पुलिसकर्मियों के परिवारों में उत्साह का माहौल है। मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद करीब 1500 जवानों को इसका फायदा मिलने वाला है। अभी तक इस मामले में कोई सरकारी आदेश जारी नहीं किया गया है। जिससे पुलिसकर्मियों के परिजनों में रोष है।