उत्तराखंड में कोरोना महामारी अपना कहर बरपा रही है। संक्रमितों के साथ मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इस बीच, शनिवार को टिहरी जिले से एक बड़ी खबर सामने आयी है। जिले के राजकीय नर्सिंग कॉलेज सुरसिंग धार के 95 छात्र- छात्राएं कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें अधिकांश छात्राएं हैं, जो कॉलेज के छात्रावास में रहती हैं। संक्रमितों को कॉलेज छात्रावास में आइसोलेट कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इन छात्रों के सैंपल करीब पांच दिन पूर्व लिए गए थे, जिसकी रिपोर्ट शनिवार को आयी। इतनी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से जहां एक ओर हड़कंप मच गया है, वहीं दूसरी ओर अभिभावकों में भारी रोष व्याप्त है।
कुछ अभिभावकों ने इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के संक्रमित होने के पीछे कॉलेज प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार बताया है। अभिभावकों का कहना है कि कुछ दिन पूर्व कॉलेज के एक छात्र के बारे में पॉजिटिव होने की चर्चा थी। मगर कॉलेज प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और ना ही कॉलेज में किसी की जांच करने की जरुरत महसूस की।
कॉलेज हॉस्टल में रह कई छात्राओं को कुछ दिन पहले से सर्दी-जुखाम की शिकायत हो रही थी। मगर तब भी कॉलेज प्रशासन ने जांच कराने के बजाय सब चीज पर पर्दा डालने का दुष्प्रयास किया। इन छात्राओं ने जब अभिभावकों को अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी तो, चिंतित अभिभावकों ने जन प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन-प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाई और छात्रों के स्वास्थ्य की जांच के लिए दवाब बनाया।
अभिभावकों का मानना है कि यदि कॉलेज प्रशासन समय रहते उचित कदम उठा देता तो इतनी बड़ी संख्या में संक्रमण नहीं फैलता। फिर जो छात्र प्रतिदिन अपने घरों अथवा किराए के घरों से कॉलेज आते हैं, वो कोरोना कैरियर के रूप में पता नहीं कितने लोगों तक संक्रमण फैला चुके होंगे। हॉस्टल में रह रही छात्राओं के अभिभावकों को यह भी चिंता है कि कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद उनके बच्चों की देखरेख पता नहीं किस तरह से होगी ?
अभिभावकों ने छात्राओं के स्वास्थ्य की देखरेख, भोजन इत्यादि की व्यवस्था जिला प्रशासन की निगरानी में कराने और कॉलेज प्रशासन की लापरवाही की जांच की मांग भी की है। इधर, इस संबंध में काफी प्रयासों के बाद भी कॉलेज प्रशासन से सम्पर्क नहीं हो सका। यदि कॉलेज प्रशासन अपना पक्ष रखेगा तो उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।
उत्तराखंड की सल्ट विधानसभा में 17 अप्रैल को होने वाले उप चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशी महेश जीना ने मंगलवार को नामांकन दाखिल किया। भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के कारण इस सीट पर उप चुनाव हो रहा है। उप चुनाव में भाजपा ने सुरेंद्र जीना के भाई महेश जीना को प्रत्याशी बनाया है।
मंगलवार को महेश जीना के नामांकन पत्र दाखिल करते वक्त प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मदन कौशिक, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य व विशन सिंह चुफाल, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ धन सिंह रावत, सांसद अजय भट्ट व अजय टम्टा , प्रदेश महामंत्री (संगठन) अजेय, प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट, जिलाध्यक्ष रवि रौतेला आदि अन्य कई अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता उपस्थित रहे।
नामांकन के बाद स्याल्दे छनिया बगड़ में आयोजित जनसभा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि स्व.सुरेंद्र जीना ने क्षेत्र के विकास के लिए बहुत कार्य किए हैं। इन विकास कार्यों की गति निरंतर बनी रहे, इसके लिए भाजपा ने उनके भाई को उनके प्रतिनिधि के रूप में प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र जीना क्षेत्र के विकास के लिए समर्पित थे।
सभा को कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, विशन सिंह चुफाल, सांसद अजय भट्ट, अजय टम्टा व अन्य भाजपा नेताओं ने भी संबोधित कर जनता से स्व. जीना के सपनों को पूरा करने के लिए महेश जीना को भारी मतों से विजयी बनाने की अपील की।
उत्तराखंड में आयुष्मान भारत एवं अटल आयुष्मान योजना के निःशुल्क कार्ड बनाने के लिये राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा अब न्याय पंचायत स्तर पर शिविरों के माध्यम से पात्र लाभार्थियों के कार्ड बनाये जाएंगे।
अभियान को सफल बनाने के लिए शनिवार को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष दिलीप कुमार कोटिया ने राज्य के 600 ग्राम प्रधानों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित किया। कोटिया ने प्रधानों से कहा कि आयुष्मान कार्ड बनवाने में प्रधानों की विशेष भूमिका है।
ज्ञातव्य है कि आयुष्मान कार्ड के लिये अभी तक 30 रूपये का शुल्क लिया जा रहा था। मगर भारत सरकार एवं उत्तराखण्ड सरकार द्वारा निःशुल्क कार्ड बनाए जाने के निर्णय उपरान्त राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा न्याय पंचायत स्तर पर जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से शिविर आयोजित कर सभी के कार्ड बनाये जाने के लिए विशेष रणनीति अमल में लायी जा रही है।
अभी तक 30 रूपये शुल्क देकर 43 लाख कार्ड बन गये हैं और लगभग 35 लाख कार्ड बनाए जाने शेष हैं। कोटिया ने बताया कि यह शिविर राज्य के 662 न्याय पंचायतों में दो चरणों कमशः 23 से 27 मार्च 2021 तथा 30 मार्च से 5 अप्रैल 2021 के दौरान लगाए जाएंगे। कार्ड बनाये जाने के लिये पंचायती राज तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारियों द्वारा सहयोग किया जाएगा और उनके स्तर से आयुष्मान कार्ड बनाये जाने के लिये पात्र लाभार्थियों को प्रेरित भी किया जाएगा।
वीडियो कांफ्रेंस के दौरान जानकारी दी गई कि आयुष्मान कार्ड बनाए जाने के दौरान प्रत्येक विकास खण्ड के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली प्रथम तीन ग्राम पंचायतों को विशेष रूप से पुरस्कृत किया जाएगा और पूरे जिले के अंतर्गत सबसे उत्तम कार्य करने वाली ग्राम पंचायत को राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री द्वारा विशेष सम्मान व पुरस्कार दिया जाएगा।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा उन सभी लोगों की सूची जन सेवा केन्द्रों को उपलब्ध करा दी गयी है जिनके कार्ड बन गए हैं और इस सूची के आधार पर छूटे हुए लोगो के कार्ड बनाये जाने का विवरण ग्राम प्रधानों को उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि उन्हें चिन्हित करते हुए कार्ड बनाए जा सके।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को सचिवालय में सुराज व सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से मुख्य उपलब्धियों एवं भविष्य की कार्य योजना पर चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आमजन को सरकारी सेवाएं समय से और गुणवत्ता पूर्वक मिल सकें इसके लिए तेजी से प्रयास किए जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि नागरिक केंद्रित सेवाओं को प्राथमिकता के आधार पर ऑनलाइन किया जाए।
उन्होंने कहा कि अनुभागों के निरीक्षण की भी व्यवस्था की जाए। विभागों एवं अनुभागों से फीडबैक लेते हुए उनकी समस्याओं के निराकरण की व्यवस्था भी की जाए। उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होने से कार्य में पारदर्शिता आएगी। इसके साथ ही कार्यों की गति भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस, ई-कैबिनेट आदि का कार्य सुचारू रूप से किया जा सके इसके लिए मंत्रीगणों के स्टाफ को भी ट्रेनिंग उपलब्ध करायी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाईल कनेक्टिविटी एक बहुत बड़ी समस्या है। उन्होंने डार्क विलेजेज में मोबाईल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने हेतु तेजी से कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाईल कनेक्टिविटी बढ़ने से युवाओं को आई.टी. के क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
बैठक में सचिव आर.के. सुधांशु ने बताया कि आईटीडीए, जिलाधिकारी देहरादून कार्यालय, शहरी विकास एवं वन विभाग के पीसीसीएफ ऑफिस ने 100 प्रतिशत ई-ऑफिस सिस्टम लागू कर लिया है। बाकी विभाग भी तेजी से ई-ऑफिस पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सचिवालय में इस सम्बन्ध में लगातार प्रशिक्षण कराया जा रहा है।
इस अवसर पर आईटी मंत्री बंशीधर भगत, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अमित नेगी, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, एन.आई.सी. के के. नारायणन सहित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चारधाम यात्रा के दृष्टिगत 30 अप्रैल तक सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाए। कार्यों के प्रति किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्यों में तेजी के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
मुख्यमंत्री तीरथ सोमवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। उन्होंने सभी सचिवों को निर्देश दिए कि समय-समय पर अपने विभागों की कार्य प्रगति का स्थलीय निरीक्षण करें। किसी भी प्रकार की समस्या आने पर शीघ्र अवगत कराया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के चारधाम देश एवं दुनिया की आस्था का प्रमुख केंद्र है। चार धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पूर्व सड़कों के सुधारीकरण का कार्य हर हाल में पूर्ण किया जाय।
उन्होंने कहा कि यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए यात्रा मार्गों पर पेयजल, स्वच्छता, साइनेज एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि यात्रा सीजन के दृष्टिगत यात्रा मार्गों एवं धामों में स्वास्थ्य सुविधाओं के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कर ली जाय। हेली ऐबुंलेंस सेवा एवं 108 एबुंलेंस की समुचित व्यवस्था हो। केदारनाथ एवं यमुनोत्री में ईसीजी एवं कार्डियोलॉजिस्ट की समय पर तैनाती की व्यवस्था की जाय। ऑक्सीजन, आईसीयू एवं वेंटिलेटर की भी पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।
उन्होंने कहा कि सीजन में पर्याप्त वाहनों की व्यवस्था की जाय। यात्रा मार्गों पर जो भी वाहन भेजे जायेंगे, उनका फिटनेस टेस्ट जरूर हो। यह सुनिश्चित किया जाय कि यात्रा के दौरान वाहनों एवं यात्रा मार्गों पर होटल में रेट लिस्ट जरूरी लगी हो। ओवर रेटिंग करने वालों पर सख्त कारवाई की जाये। आपदा से सबंधित संवेदनशील स्थानों पर संसाधनों की पूर्ण व्यवस्था हो। आपदा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाय। यात्रा मार्गों पर पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाय।
बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, दिलीप जावलकर, नितेश झा, राधिका झा, पंकज पाण्डेय, कमिश्नर गढ़वाल रविनाथ रमन, डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग, वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से गढ़वाल मंडल के सभी जिलाधिकारी एवं संबधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
कोरोना महामारी को देखते हुए हरिद्वार कुंभ में ड्यूटी पर तैनात कार्मिकों का शत-प्रतिशत वैक्सिनेशन सुनिश्चित किया जाएगा। गर्भवती एवं धात्री महिला सहित कोन्ट्राइन्डिकेशन (किसी प्रकार के विपरीत संकेत) वाले मामलों को छोड़कर अन्य किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी ने टीका लगाने से इनकार किया तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी। ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों कुंभ क्षेत्र में नहीं रखा जाएगा और उनका स्थानांतरण किया जाएगा।
यह निर्देश उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने गुरुवार को सचिवालय में कोविड-19 वैक्सिनेशन हेतु आयोजित स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक में दिए। मुख्य सचिव ने हरिद्वार के जिलाधिकारी को सख्त निर्देश दिए कि कुंभ ड्यूटी में लगे लोगों का 100 प्रतिशत वैक्सिनेशन करवाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने गर्भवती एवं धात्री महिला सहित कोन्ट्राइन्डिकेशन के मामलों को छोड़कर अन्य रिफ्यूजल पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा जो अधिकारी कर्मचारी वैक्सिनेशन नहीं करवा रहे हैं, उन्हें हरिद्वार कुम्भ क्षेत्र में न रखा जाए। उनका स्थानान्तरण किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले पुलिस और पैरा मिलिट्री कार्मिकों का भी तुरंत वैक्सिनेशन किया जाना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही उन्होंने हरिद्वार में अन्य जनपदों से आने वाले कार्मिकों के वैक्सिनेशन स्टेटस का पता कर उनका वैक्सिनेशन करने के निर्देश दिए।
उत्तर प्रदेश से आएगा 100 चिकित्सकों का दल
मुख्य सचिव ने बताया कि 15 मार्च तक उत्तर प्रदेश से भी 100 डॉक्टर्स एवं 148 पैरामेडिकल स्टाफ पहुंच जाएगा। उन्होंने उनके रहने की व्यवस्था अस्पतालों के आसपास सुनिश्चित करने को कहा।
इस अवसर पर सचिव अमित नेगी, पंकज कुमार पाण्डेय, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ अमिता उप्रेती आदि उपस्थित थे।
उत्तराखंड के पुलिस दस्ते में बुधवार को महिला कमांडो भी शामिल हो गईं। राजधानी देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में 22 महिला कमांडो और स्मार्ट चीता पुलिस के 104 जवान औपचारिक रूप से पुलिस दस्ते का हिस्सा बन गए।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस के दस्ते में आज महिला कमाण्डो का दस्ता जुड़ गया है। इसके साथ उत्तराखण्ड देश का चौथा राज्य बन गया है, जहां पुलिस विभाग में महिला कमाण्डो का दस्ता तैयार किया गया है।

उन्होंने कहा कि महिला पुलिस कमांडो को बेहतर प्रशिक्षण दिया गया है। कमांडो को प्रशिक्षण देने वाले शिफू शौर्य भारद्वाज का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मात्र एक आग्रह पर यह प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण उनके द्वारा निःशुल्क दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों एवं काॅलेजों में पढ़ने वाली बेटियों को भी प्रारम्भिक आत्म सुरक्षा के गुर सिखाने जरूरी हैं। पढ़ाई के दौरान उन्हें आत्म सुरक्षा से संबंधित जानकारी हो। हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में प्रदेश में हम बेटियों को आत्म सुरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षित करें। इन 22 प्रशिक्षित महिला कमांडो की भूमिका इस दृष्टि से और अधिक बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। पति की पैतृक सम्पति में पत्नी को सह खातेदार बनाया गया है। ऐसा निर्णय लेने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन गया है। समाज में जिस तरह बदलाव हो रहा है, ऐसे समय में महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना भी बहुत जरूरी है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कमांडो प्रशिक्षक शिफू शौर्य भारद्वाज, सैन्य अधिकारी रूबीना काॅर्की, पीटीसी नरेन्द्र नगर के प्रशिक्षक हितेश कुमार, कमांडो निरीक्षक नीरज कुमार व महिला कमांडो को सम्मानित किया। कार्यक्रम में महिला कमांडो ने सुरक्षा से संबधित अनेक करतब दिखाए। इस दौरान चमोली जनपद में आपदा के दौरान दिवंगत दो पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि भी दी गई।
कार्यक्रम में विधायक विनोद चमोली, महिला आयोग की अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल, मुख्यमंत्री के सैन्य सुरक्षा सलाहकार ले.ज.(रिटा.) जे.एस. नेगी, सचिव गृह नितेश झा, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार आदि उपस्थित थे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट कर उन्हें विगत दिवस जोशीमठ क्षेत्र में आई आपदा में सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत व बचाव कार्यों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने शाह से राज्य में हिमनद एवं जल संसाधन शोध केन्द्र की स्थापना, राज्य के दुर्गम-अति दुर्गम आपदा संभावित क्षेत्रों और अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं की निरंतर देखरेख एवं निगरानी हेतु हैलीकॉप्टर उपलब्ध कराने तथा आपदा प्रबंधन व सीमा प्रबंधन के दृष्टिगत गैरसैंण में आईआरबी बटालियन की स्थापना की स्वीकृति का अनुरोध किया। साथ ही आगामी हरिद्वार कुंभ के दृष्टिगत, एन्टी ड्रोन तकनीक से संयोजित एक विशेष टीम की तैनाती की मांग भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पुलिस को और अधिक प्रभावी व आधुनिक बनाए जाने के लिए राज्य पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना में प्रतिवर्ष 20 से 25 करोड़ का बजट उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य में समय-समय पर तैनात सुरक्षा बलों की तैनाती के फलस्वरूप देय धनराशि रू0 36.46 करोड़ की छूट तथा भविष्य के लिए पूर्वोत्तर राज्यों/विशेष श्रेणी के राज्य की भांति 90ः10 के अनुपात में भुगतान की व्यवस्था निर्धारित करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से चमोली के नीति घाटी तथा उत्तरकाशी के नेलांग घाटी को बेहतर सीमा प्रबंधन हेतु इनर लाईन परमिट की व्यवस्था समाप्त किए जाने का आग्रह किया, ताकि इन क्षेत्रों के गांवों में पर्यटन से आर्थिक गतिविधियों का विस्तार हो सके। केंद्रीय गृह मंत्री ने उक्त सभी बातों पर सैद्धांतिक सहमति देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को हर संभव सहयोग दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने देर सांय भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी शिष्टाचार भेंट की। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय शहरी विकास व उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी से भी भेंट की।
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में भारत नेट 2.0 प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है । इसके तहत उत्तराखंड के 12 हजार ग्राम इंटरनेट से जुड़ेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से भेंट की। वार्ता में चारधाम क्षेत्र की डिजिटल कनेक्टिविटी को मज़बूत बनाने पर सहमति बनी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि बॉर्डर एरिया में इन्टरनेट कनेक्टिविटी के सुदृढ़ीकरण के लिये प्रोजेक्ट बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के महत्वपूर्ण सहयोग से उत्तराखण्ड में बड़े पैमाने पर विकास कार्य हो रहे हैं। उत्तराखंड की कठिन भौगोलिक, महत्वपूर्ण सामरिक स्थिति और आपदा के प्रति संवेदनशीलता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतनेट परियोजना की स्टेट-लेड माॅडल में समयबद्धता के साथ क्रियान्विति बहुत जरूरी है। परियोजना में अनावश्यक विलम्ब न हो, इसके लिए प्रशासनिक एंव वित्तीय अनुमोदन जल्द से जल्द दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘इंडिया एंटरप्राइज आर्किटेक्चर’ परियोजना में उत्तराखण्ड को भी शामिल किया जाए ताकि कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे विभागों की कार्यप्रणाली को राज्यव्यापी कम्प्यूटरीकृत किया जा सके। कोरोना संकट से सीख लेते हुए ऐसा किया जाना बहुत आवश्यक है।
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे की कमी को पूरा करने के लिए शुक्रवार को राज्यों को 5,000 करोड़ रुपये की 17वीं किश्त जारी की है। अभी तक, राज्यों को कुल अनुमानित जीएसटी मुआवजे की कमी की 91 प्रतिशत यानी एक लाख करोड़ रूपये की राशि जारी की जा चुकी है।
भारत सरकार ने जीएसटी कार्यान्वयन के कारण पैदा हुई 1.10 लाख करोड़ रुपये की कमी को पूरा करने के लिए पिछले वर्ष अक्टूबर में एक विशेष उधार विंडो स्थापित की थी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से भारत सरकार द्वारा इस विंडो के माध्यम से ऋण लिया जा रहा है। 23 अक्टूबर, 2020 से शुरू होने के बाद अब तक ऋण के 17 दौर पूरे हो चुके हैं।
विशेष विंडो के तहत, भारत सरकार 3 साल और 5 साल के कार्यकाल के लिए सरकारी स्टॉक में उधार ले रही है। प्रत्येक टेनर के तहत किए गए उधार को जीएसटी क्षतिपूर्ति की कमी के अनुसार सभी राज्यों में समान रूप से विभाजित किया गया है। वर्तमान जारी राशि के साथ, 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 5 साल के लिए लंबित जीएसटी अनुपात समाप्त हो गया है। ये राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश को पहली किस्त से जीएसटी क्षतिपूर्ति जारी की जा रही थी।
इस सप्ताह जारी की गई राशि राज्यों को उपलब्ध कराई गई धनराशि की 17वीं किश्त थी। इस सप्ताह यह राशि 5.5924 प्रतिशत की ब्याज दर पर उधार ली गई है। अभी तक केंद्र सरकार द्वारा इस विशेष उधार विंडो के माध्यम से 4.8307 प्रतिशत की औसत ब्याज दर पर 1,00,000 करोड़ रुपये की राशि उधार ली गई है।
जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण राजस्व में हुई कमी को पूरा करने के लिए विशेष ऋण विंडो के माध्यम से धन उपलब्ध कराने के अलावा भारत सरकार ने जीएसटी मुआवजे की कमी को पूरा करने के लिए विकल्प-1 चुनने वाले राज्यों को उनके सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त ऋण लेने की अनुमति भी दी है, ताकि इन राज्यों की अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने में मदद की जा सके। सभी राज्यों ने विकल्प-1 के लिए अपनी प्राथमिकता दी है। इस प्रावधान के तहत 28 राज्यों को 1,06,830 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 0.50 प्रतिशत) की पूरी अतिरिक्त राशि उधार लेने की अनुमति दी गई है।
उत्तराखंड के हिस्से आया ये
उत्तराखंड को जीएसडीपी की 0.50 प्रतिशत की अतिरिक्त ऋण की अनुमति के रूप में अब तक 1405 करोड़ और विशेष विंडो के मार्फत 2227.49 की धनराशि जारी की गयी है।